बॉस ने HR को पटक कर चोदा

Boss Employee chudai हेलो दोस्तों, मेरा नाम केशव है। मैं 35 साल का हूँ और गुजरात के सूरत में रहकर एक डिजिटल मार्केटिंग कंपनी चलाता हूँ। मैं एक ऐसा इंसान हूँ जिसने अपने करियर के चक्कर में अभी तक शादी नहीं की, लेकिन दोस्तों, मेरा स्वभाव बड़ा खुला और थोड़ा कामुक है। मुझे चुदाई वाली वीडियो देखना बहुत पसंद है। जब भी काम से फुर्सत मिलती है, मैं अक्सर ऐसी वीडियो देखकर मूठ मार लेता हूँ। मेरी कंपनी में HR डिपार्टमेंट के लिए एक नए कर्मचारी की जरूरत थी। इसके लिए मैंने लोकल पेपर में एक विज्ञापन दिया। कई कॉल्स आईं, और मैंने उनमें से एक लड़की को इंटरव्यू के लिए बुलाया।

सोमवार की सुबह मैं 11 बजे ऑफिस पहुँचा। सूट-बूट में तैयार, अपने केबिन में कुछ फाइलें चेक कर रहा था कि ऑफिस बॉय आया और बोला, “सर, जिसे आपने इंटरव्यू के लिए बुलाया था, वो मैडम आ गई हैं। उन्हें अंदर भेजूँ?” मैंने कहा, “हाँ, भेज दो।” कुछ मिनट बाद एक लड़की मेरे केबिन में आई। उसने बड़ी प्यारी आवाज में कहा, “गुड मॉर्निंग, सर!” और मेरे सामने वाली चेयर पर बैठ गई। मैंने भी मुस्कुराते हुए “गुड मॉर्निंग” कहा। उसने आगे कहा, “सर, कल आपसे फोन पर बात हुई थी न, इंटरव्यू के लिए?”

मैंने हाँ में जवाब दिया और उसका नाम पूछा। उसने बताया, “मेरा नाम शैली है।” दोस्तों, क्या बताऊँ, शैली को देखकर मेरे होश उड़ गए। गोरी-चिट्टी, लंबे काले बाल, जो उसकी कमर तक लहरा रहे थे। उसने टाइट जीन्स और एक फिटेड टॉप पहना था, जिसमें उसका फिगर पूरी तरह उभर रहा था। उसकी चूचियाँ 36 इंच की, कमर 30 इंच की, और गाँड 38 इंच की—ऐसी मस्त माल थी कि उसे देखते ही मेरा लंड टनटना गया। मेरी नजरें उससे हट ही नहीं रही थीं।

दो-तीन मिनट बाद मैंने होश संभाला और उससे रिज्यूमे माँगा। पता चला वो मैरिड है, उम्र 28 साल, और HR में 3 साल का अनुभव। मैंने उससे कुछ सवाल पूछे, उसने बड़े कॉन्फिडेंस से जवाब दिए और इंटरव्यू पास कर लिया। मैंने कहा, “शैली, तुम कल से जॉइन कर सकती हो।” वो “थैंक्यू, सर” कहकर चली गई।

अगले दिन वो सुबह 10 बजे ऑफिस आई। मैं भी तब तक पहुँच चुका था। मैं उसे काम समझाने लगा। बातों-बातों में पूछा, “कुछ पियोगी?” पहले तो उसने मना किया, फिर बोली, “आज ठंड कुछ ज्यादा है, चाय चल जाएगी।” मैंने ऑफिस बॉय को दो चाय लाने को कहा। चाय पीते हुए वो बोली, “सर, चाय तो बहुत अच्छी है।” मैंने मजाक में कहा, “बिल्कुल तुम्हारी तरह स्वीट।” वो हल्का सा शरमाई, मुस्कुराई, और चुपचाप चाय पीने लगी। फिर काम समझकर वो अपने केबिन में चली गई।

दोस्तों, उस दिन मेरा मन काम में बिल्कुल नहीं लगा। मेरी आँखें बार-बार शैली की ओर जा रही थीं। उसकी गाँड का उभार, चूचियों की टाइटनेस—बस वही दिमाग में घूम रहा था। एक हफ्ते बाद मैंने उसे काम की रिपोर्ट के बहाने अपने केबिन में बुलाया। उसका काम देखकर मैंने तारीफ की, “शैली, तुमने तो बहुत स्मार्ट वर्क किया है।” उसने हँसते हुए कहा, “सर, बिल्कुल आपकी तरह। आप भी तो बहुत स्मार्ट हो।” उसकी इस बात से मुझे हल्का सा इशारा मिला कि वो भी मेरे बारे में सोच रही है।

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एक महीना बीत गया। मैंने उससे कहा, “शैली, अगर तुम बुरा न मानो तो क्या मैं तुमसे ऑफिस के बाहर भी फोन पर बात कर सकता हूँ, कभी जरूरत पड़े तो?” वो बोली, “हाँ, क्यों नहीं?” ये सुनकर मेरे दिल में लड्डू फूटने लगे। अगले दिन मैंने उसका व्हाट्सएप स्टेटस देखा, जिसमें उसने अपनी एक हॉट तस्वीर लगाई थी। मैंने लाइक किया और कमेंट किया, “वाह, तुम तो बहुत हॉट लग रही हो।” जवाब में उसने स्माइली भेजी। बस, फिर क्या, हमारी चैट शुरू हो गई। धीरे-धीरे फोन कॉल्स होने लगीं, और बातें अब सेक्सी होने लगीं। वीडियो कॉल पर वो ऐसी-ऐसी बातें बताती जो अपने पति से भी नहीं कहती थी।

वैलेंटाइन वीक चल रहा था। प्रपोज डे पर मैंने उसे फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स के लिए प्रपोज किया। उसने खुलकर बताया कि उसका पति ज्यादातर बाहर रहता है, 1-2 महीने में घर आता है। वो चुदाई के लिए तड़प रही है और सिर्फ उंगलियों से अपनी चूत की प्यास बुझाती है। उसने कहा, “सर, आप मुझे बहुत अच्छे लगते हो।” मैंने भी खुलकर कह दिया, “शैली, मैं तुम्हारे साथ रोमांस और सेक्स करना चाहता हूँ।” वो तुरंत मान गई।

मैंने उसे अगले दिन होटल में मिलने को कहा। वो ब्लू साड़ी और ऑफ-शोल्डर ब्लाउज में आई थी। उसका लुक इतना सेक्सी था कि मुझसे रहा नहीं गया। मैंने उसे जोर से गले लगाया। चूंकि चॉकलेट डे था, मैंने उसे चॉकलेट दी और कहा, “आई लव यू।” उसने भी जवाब में “आई लव यू टू” कहा। फिर मैंने उसके रसीले होंठों पर किस कर लिया। करीब 5-7 मिनट तक हम एक-दूसरे के होंठ चूसते रहे। फिर मैंने उसकी साड़ी खींचकर उतार दी, ब्लाउज और पेटीकोट भी खोल दिया। वो अब गुलाबी ब्रा-पैंटी में थी। उसकी चूचियाँ ब्रा में कैद थीं, और उसकी चूत पैंटी में हल्की-सी गीली दिख रही थी।

मैंने कहा, “वाह शैली, तेरी चूचियाँ तो बड़ी मस्त हैं!” वो शरमाकर बोली, “सर, आप भी ना!” मैंने उसे बेड पर लिटाया, अपनी शर्ट-पैंट उतारी, और उसके ऊपर चढ़ गया। उसके होंठों को चूसते हुए मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से चूचियाँ दबानी शुरू कीं। वो सिसकियाँ लेने लगी, “आह… उह्ह… सर… मज़ा आ रहा है।” मैंने उसकी ब्रा का हुक खोला, और 36 इंच की चूचियाँ आजाद हो गईं। उसके ब्राउन निप्पल्स देखकर मेरा लंड और टाइट हो गया। मैंने एक निप्पल मुँह में लिया, उसे चूसा, और दूसरे को मसलने लगा। मेरा एक हाथ उसकी पैंटी में चला गया, उसकी चूत पहले से गीली थी। मैंने उसकी चूत पर उंगलियाँ फेरीं, वो और जोर से सिसकने लगी, “आह… उह्ह… सर… और करो!”

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दो मिनट बाद वो बोली, “सर, अब मुझे आपका लंड चूसना है।” मैंने कहा, “चूस ले, मना किसने किया?” मैं खड़ा हुआ, उसने मेरी चड्डी उतारी। मेरा 6 इंच का लंड देखकर वो बोली, “वाह, कितना मस्त है!” उसने मेरे लंड के सुपारे को अपने रसीले होंठों से चूमा, फिर जीभ से चाटने लगी। वो बड़े मजे से चूस रही थी, लेकिन तभी 2 मिनट में ही मेरा माल उसके मुँह में छूट गया। वो गुस्से में बोली, “ये क्या, सर? मैं तो मजे से चूसना चाहती थी, आपका लंड तो फिसड्डी निकला! इतनी जल्दी झड़ गया? मेरी चूत को क्या चोदेगा? प्लीज, इसे जल्दी खड़ा करो!”

मैंने कोशिश की, लेकिन मेरा लंड खड़ा ही नहीं हुआ। वो उदास हो गई, और मुझे भी बुरा लग रहा था। हमारा सेक्सी मूड बिगड़ गया। शैली अपनी चूत में उंगलियाँ डालकर खुद को मज़ा देने लगी। कभी उंगलियाँ चूत में डालती, कभी सूँघती, कभी चाटती। कुछ देर बाद वो झड़ गई, कपड़े पहने, और बिना कुछ कहे कमरे से चली गई। मैंने भी कपड़े पहने, होटल से बाहर आया, लेकिन शैली कहीं दिखी नहीं। मैंने उसे फोन किया, उसने नहीं उठाया। रात के 10 बजे मैं घर पहुँचा, बिना खाए-पिए सो गया। शैली को याद करते हुए मैंने कुछ नंगी तस्वीरें देखीं, तभी एक ड्रैगन कंडोम का ऐड दिखा। मैंने उसकी वेबसाइट खोली, जिसमें लिखा था कि ये कंडोम चुदाई का मज़ा डबल करता है, लंड में लंबे समय तक तनाव रखता है, और लंबाई-मोटाई बढ़ाता है। मैंने तुरंत ब्राउन ड्रैगन कंडोम ऑर्डर कर दिया, जो 4 दिन में मिलना था।

अगले दिन ऑफिस में शैली मुझसे नाराज थी, बात नहीं की। मैं कुछ काम से बाहर गया, तभी उसका मैसेज आया—हैप्पी हग डे। मैंने भी रिप्लाई किया। फिर उसका कॉल आया, वो बोली, “सर, आप कहाँ हो? कल की बात से मैं उदास हूँ, गुस्सा नहीं करना चाहती थी। सॉरी।” मैंने कहा, “कोई बात नहीं, मैं नाराज नहीं हूँ।”

दो दिन बाद ड्रैगन कंडोम का पार्सल आया। मैंने उसे खोला, कंडोम सॉफ्ट और मस्त था। मैंने ट्राई करने के लिए अपने लंड पर चढ़ाया, तो लंड 8 इंच का, मोटा-तगड़ा लग रहा था। मैंने शैली को फोन करके बताया, वो बहुत खुश हुई। हमने वैलेंटाइन डे पर मेरे फ्लैट पर चुदाई का प्लान बनाया।

मैंने अपने बेडरूम को फूलों से सजाया, ऐसा लग रहा था जैसे सुहागरात हो। ऑफिस की छुट्टी थी, मैं शैली को लेने उसके घर गया। रास्ते में बियर की बोतल ली। शैली ने मैरून ऑफ-शोल्डर गाउन पहना था, जो उसके फिगर को और सेक्सी बना रहा था। घर पहुँचते ही बेडरूम में फूलों की बारिश हुई, वो खुश होकर बोली, “सर, ये तो सुहागरात जैसा लग रहा है!” मैंने कहा, “आज मैं तेरा पति, तू मेरी बीवी।”

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मैंने उसका गाउन उतारा, वो ब्रा-पैंटी में थी। मैंने भी कपड़े उतार दिए। हमने नंगे होकर बियर के पेग बनाए और गटक लिए। मैंने बियर की कुछ बूँदें उसकी चूचियों पर डाली, निप्पल्स चूसते हुए बियर का मज़ा लिया। फिर उसकी चूत पर बियर डाली और चाटने लगा। वो मादक सिसकियाँ ले रही थी, “आह… उह्ह… सर… और चाटो!” उसका चेहरा चुदाई की तड़प से लाल हो गया था।

मैंने ड्रैगन कंडोम चढ़ाया। वो मेरे लंड को देखकर बोली, “वाह, कितना बड़ा और मोटा है!” मैंने कहा, “आज तू मेरी रंडी है, तेरी चूत फाड़ दूँगा।” वो बोली, “चोद दो ना, मेरी चूत की प्यास बुझा दो!” मैंने उसकी चूत चाटी, वो और गर्म हो गई। फिर मैंने उसकी चूत के छेद पर लंड टिकाया। वो बोली, “इतना मोटा लंड? मेरी चूत की माँ-बहन हो जाएगी!” मैंने धीरे से लंड घुसाया, उसकी चीख निकली, “आह… उह्ह… निकालो! दर्द हो रहा है!”

मैंने कहा, “बस थोड़ा बर्दाश्त कर, मज़ा आएगा।” थोड़ी देर बाद मैंने धक्के शुरू किए। उसकी चूत गीली थी, फच-फच की आवाज आने लगी। वो मज़ा लेने लगी, “आह… उह्ह… और जोर से चोदो… मज़ा आ रहा है!” मैंने 20 मिनट तक मिशनरी स्टाइल में चोदा, वो झड़ गई। फिर मैंने उसे डॉगी स्टाइल में लाया, पीछे से लंड घुसाया। वो बोली, “आह… कितना मस्त चोदते हो!” 25 मिनट तक डॉगी स्टाइल में चोदा, वो फिर झड़ गई।

तीसरे राउंड में वो मेरे ऊपर बैठी, काउगर्ल स्टाइल में। उसकी चूत मेरे लंड पर उछल रही थी। मैंने उसके बूब्स चूसे, वो चीख रही थी, “आह… उह्ह… और जोर से!” 20 मिनट बाद हम दोनों झड़ गए। रात को नंगे ही एक-दूसरे की बाहों में सो गए। सुबह बाथरूम में शावर के नीचे भी चुदाई की। नाश्ते के दौरान शैली बोली, “ड्रैगन कंडोम ने तो कमाल कर दिया। अब तो इसके बिना चुदाई नहीं करूँगी!”

अब जब भी मौका मिलता है, हम ड्रैगन कंडोम से चुदाई का मज़ा लेते हैं—कभी होटल में, कभी ऑफिस में।

क्या आपको मेरी और शैली की चुदाई की कहानी पसंद आई? नीचे कमेंट करके बताइए!

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