मेरा नाम मिनी है। मैं 28 साल की हूँ, पढ़ी-लिखी, सुंदर और बैंक में नौकरी करती हूँ। मेरा फिगर 36-28-36 है, 36 साइज की ब्रा पहनती हूँ। मेरा बदन गोरा, मखमली त्वचा वाला है, लेकिन मैं बहुत शर्मीली हूँ। मेरी हाइट 5 फीट 4 इंच है, और मेरे लंबे, घने बाल कमर तक आते हैं। मैं बहुत हॉट हूँ, पर मैंने आज तक कोई बॉयफ्रेंड नहीं बनाया। समाज का डर और मम्मी-पापा की इज्जत का ख्याल मुझे हमेशा रोकता रहा। मेरे पापा पुलिस अफसर हैं, इसलिए कोई लड़का मुझे छेड़ने की हिम्मत नहीं करता। मेरा छोटा भाई अमित, 21 साल का है। उसकी हाइट 5 फीट 8 इंच है, गठीला बदन, जिम जाने वाला, और चेहरा थोड़ा शरारती लेकिन आकर्षक। हम दोनों की बहुत बनती है, और हम अपनी बातें एक-दूसरे से शेयर करते हैं।
जब मैं 22 साल की हुई, तब से मेरे अंदर सेक्स की तीव्र इच्छा जागने लगी। लेकिन शादी नहीं हुई थी, और मेरा कोई ऐसा दोस्त भी नहीं था जिसके साथ मैं अपनी वासना शांत कर सकूं। मैं इंटरनेट पर चुदाई की कहानियाँ पढ़ती, वीडियो देखती, और उसी से अपनी आग बुझाने की कोशिश करती। जब मेरी चूत में आग लगती, मैं तकिए को अपनी जाँघों के बीच दबाकर सो जाती। मेरे पास और कोई रास्ता नहीं था। सालों तक मैं अपनी भावनाओं को दबाती रही। अब मम्मी-पापा मेरे लिए लड़का ढूंढने में जुटे थे, क्योंकि 28 साल की उम्र में शादी उनके लिए सबसे जरूरी थी।
एक दिन की बात है, मम्मी-पापा दो दिन के लिए बाहर गए थे। घर पर सिर्फ मैं और अमित थे। उस दिन मैंने इंटरनेट पर एक ऐसी इन्सेस्ट कहानी पढ़ी कि मेरी चूत गीली हो गई। मेरी साँसें तेज हो गईं, और मैंने ठान लिया कि आज मैं अपनी जवानी की प्यास बुझाऊँगी, चाहे कुछ भी हो। मेरी चूचियाँ तनी हुई थीं, 36 साइज की, गोल और भारी। मेरे चूतड़ गोल-मटोल, मटकते हुए। मैंने सोचा, आज मैं अमित को उकसाऊँगी।
शाम को अमित जिम गया था। मैंने एक पतली सी नाइटी पहनी थी, नीचे सिर्फ पैंटी, ब्रा नहीं। नाइटी हल्की गुलाबी थी, जो मेरे बदन से चिपककर मेरे कर्व्स को उभार रही थी। मैं छत पर टहलने लगी, सोचते हुए कि क्या करूँ। तभी दरवाजे की घंटी बजी। अमित जिम से लौट आया था। उसने ग्रे टी-शर्ट और ट्रैक पैंट पहना था, पसीने से भीगा हुआ। वह तौलिया लेकर नहाने चला गया, और मैं रसोई में खाना बनाने चली गई। मैंने चावल, दाल और सब्जी बनाई, पर मेरा दिमाग कहीं और था।
रात के नौ बज चुके थे। हम दोनों ने खाना खाया। तभी मम्मी-पापा का फोन आया। हमने बताया कि सब ठीक है। पापा ने कहा, “हम परसों लौटेंगे।” फोन कटने के बाद हम बिग बॉस देखने लगे। मैं सोफे पर बैठी थी, नाइटी मेरी जाँघों तक चढ़ी हुई थी। मेरी धड़कनें तेज थीं। मैं सोच रही थी, “अगर अमित ने मना कर दिया तो? अगर मम्मी-पापा को पता चल गया तो?” डर के साथ-साथ मेरी चूत और गीली हो रही थी। मैंने सोच लिया, “आज चुदवाऊँगी, चाहे कुछ भी हो।”
मैंने नाटक शुरू किया। “अमित, मेरा मन ठीक नहीं है। मुझे घबराहट हो रही है। मेरे सीने में दर्द हो रहा है। आआह… आआह…” मैंने दर्द का बहाना बनाया। अमित घबरा गया। “दीदी, चलो हॉस्पिटल चलते हैं!” उसने कहा। मैंने मना किया, “नहीं, मैं जा नहीं पाऊँगी। आआह…” मैं बेडरूम में चली गई, नाइटी अभी भी पहने हुए। अमित भागता हुआ आया, मेरे पास बिस्तर पर बैठा, मेरा हाथ पकड़ा और पूछा, “दीदी, बताओ, क्या हुआ?”
मैंने कहा, “साँस लेने में तकलीफ हो रही है।” फिर मैंने इशारे से कहा, “मेरी छाती दबा।” अमित ने मेरी चूचियों को नाइटी के ऊपर से दबाना शुरू किया। मेरी 36 साइज की चूचियाँ उसके हाथों में थीं। नाइटी पतली थी, मेरे निप्पल सख्त होकर उभर रहे थे। वह दबाते हुए पूछ रहा था, “दीदी, अब कैसा लग रहा है?” मैंने कहा, “हाँ, ठीक लग रहा है। और दबा।” वह मेरी चूचियाँ जोर-जोर से दबाने लगा। मेरी चूत गीली हो चुकी थी, और मैं सिसकारियाँ ले रही थी, “आआह… हाँ… ऐसे ही…”
मैंने कहा, “अमित, ऐसे नहीं होगा। अलमारी से बाम ले आ।” वह दौड़कर बाम ले आया। मैंने कहा, “देख, घर में तू ही है। मम्मी होतीं तो वो मालिश कर देतीं। क्या तू मेरी छाती पर बाम लगा देगा?” अमित ने कहा, “दीदी, अगर आपको बुरा न लगे तो मैं लगा दूँगा।” उसने बाम लिया और नाइटी के गले से हाथ डालकर मेरी चूचियों पर लगाने लगा। लेकिन उसका हाथ सही से अंदर नहीं जा रहा था।
मैंने कहा, “कोई बात नहीं, मैं नाइटी खोल देती हूँ।” मैंने धीरे-धीरे नाइटी उतारी। अब मैं सिर्फ काली पैंटी में थी। मेरा गोरा, गदराया बदन देखकर अमित मुझे ऊपर से नीचे तक घूरने लगा। मेरी चूचियाँ भारी और गोल थीं, निप्पल गुलाबी और सख्त। मैंने कहा, “बाम लगा।” वह मेरी चूचियों पर बाम लगाने लगा, धीरे-धीरे मलते हुए। मैं उसे देख रही थी, और वह मुझे। मेरी साँसें तेज थीं, मेरी चूत पानी छोड़ रही थी।
मैंने उसके ट्रैक पैंट की तरफ देखा। उसका लंड खड़ा था, पैंट में तंबू बना हुआ था। मैं समझ गई। मैंने अपने पैर फैलाए, ताकि मेरी पैंटी साफ दिखे। उसने मेरी पैंटी की तरफ देखा, फिर मेरी आँखों में। मैंने उसका हाथ पकड़ा और कहा, “अमित, शर्म मत कर। तूने मेरा सब कुछ देख लिया। मैं देख रही हूँ, तेरा लंड कैसे खड़ा है। अगर तुझे चोदना है, तो चोद ले। मैं कुछ नहीं बोलूँगी।” अमित ने डरते हुए कहा, “दीदी, अगर मम्मी-पापा को पता चल गया तो वो हमें मार डालेंगे।”
मैंने कहा, “यहाँ कोई नहीं है। और बताएगा कौन? रात के बारह बज रहे हैं।” मैंने उसे अपनी तरफ खींचा। उसकी गर्म साँसें मेरे होठों के पास थीं। मैं उसके होठों को देख रही थी, और वह मेरे। धीरे-धीरे हमारे होठ चिपक गए। हम एक-दूसरे को चूमने लगे, गहरे और गर्म चुंबन। उसकी जीभ मेरे मुँह में थी, और मेरी उसकी। वह मेरी चूचियों को जोर-जोर से दबाने लगा, मेरे निप्पल को उंगलियों से मसल रहा था। मैं सिसकारियाँ ले रही थी, “आआह… अमित… हाँ…”
मैंने उसका ट्रैक पैंट नीचे खींचा। उसका लंड बाहर आ गया – 8 इंच लंबा, मोटा, काला, और काले झांटों से घिरा हुआ। मैंने उसे हाथ में पकड़ा और सहलाने लगी। “अमित, तू तो पूरा मर्द बन गया है! कितना मोटा लंड है तेरा!” मैंने कहा। उसने मेरी पैंटी में हाथ डाला और मेरी चूत को छुआ। “दीदी, तुम्हारी चूत तो पूरी गीली है! और ये झांट… कितने घने हैं!” उसने मेरे दोनों हाथ ऊपर किए और मेरी काँख को सूंघने लगा। “दीदी, मुझे काँख के बाल चाटना बहुत पसंद है। मेरी गर्लफ्रेंड की काँख मैं चोदने से पहले चाटता हूँ।”
मैंने कहा, “मैं कब मना कर रही हूँ, मेरे राजा? आज तू जो चाहे कर। मुझे अपनी रंडी समझ, अपनी बीवी समझ, जो चाहे समझ। बस चोद दे मुझे!” उसने मेरी पैंटी उतार दी। अब मैं पूरी नंगी थी। वह मेरे पैरों के बीच बैठ गया और मेरी चूत को उंगलियों से फैलाकर देखने लगा। “दीदी, तुम तो वर्जिन हो! तुम्हारी चूत तो बिल्कुल टाइट है!” उसने कहा। मैंने जवाब दिया, “हाँ, अमित। मैं आज तक नहीं चुदी। लेकिन अब मेरी चूत चुदाई माँग रही है। मुझे चोद दे!”
उसने अपना लंड मेरी चूत के छेद पर रखा। उसकी गर्मी मेरी चूत पर महसूस हो रही थी। उसने धीरे से दबाव डाला। मैंने दर्द महसूस किया, लेकिन साथ में एक अजीब-सी मस्ती भी थी। “आआह… अमित… धीरे…” मैंने सिसकारी ली। उसने मेरी चूचियों को सहलाया, मेरे निप्पल को चूसा, और फिर एक जोरदार झटका मारा। उसका आधा लंड मेरी चूत में घुस गया। “आआह… उफ्फ्फ…” मेरे मुँह से चीख निकली, आँखों में आँसू आ गए। वह रुका, मेरी चूचियों को मसलने लगा, मेरे निप्पल को होंठों से चूसने लगा। “दीदी, ठीक हो?” उसने पूछा।
मैंने कहा, “हाँ… और कर…” उसने फिर एक झटका मारा। दो इंच और लंड अंदर गया। “आआह… हाय… दर्द हो रहा है!” मैं चिल्लाई। लेकिन मैं रुकना नहीं चाहती थी। उसने मेरी कमर पकड़ी और एक आखिरी झटका मारा। उसका पूरा 8 इंच का लंड मेरी चूत में समा गया। “आआह… उफ्फ्फ… अमित!” मैं चीखी। दर्द के साथ-साथ मस्ती भी थी। वह धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा। मेरी चूत गीली थी, जिससे उसका लंड आसानी से फिसल रहा था।
“अमित, और जोर से! चोद मुझे!” मैं चिल्लाई। वह जोर-जोर से झटके मारने लगा। “आआह… उफ्फ्फ… हाय… और जोर से… फक मी… आआह…” मैं अपनी गांड उठा-उठाकर उसका साथ दे रही थी। वह मेरी चूचियों को मसल रहा था, मेरे निप्पल को काट रहा था। “दीदी, तू रंडी है! ले मेरा लंड!” वह गुर्राया। मैंने कहा, “हाँ, चोद अपनी रंडी को! फाड़ दे मेरी चूत!” मेरी चूत से पानी निकल रहा था, सफेद क्रीम जैसा। मैं दो बार झड़ चुकी थी। “आआह… उफ्फ्फ… हाय… अमित… और जोर से…” मैं सिसकारियाँ ले रही थी।
उसने मेरी टाँगें और फैलाईं, मेरे घुटनों को ऊपर उठाया, और और गहराई में चोदने लगा। हर झटके के साथ मेरी चूचियाँ उछल रही थीं। “पच… पच… पच…” उसका लंड मेरी गीली चूत में अंदर-बाहर हो रहा था। “आआह… उफ्फ्फ… हाय… और… आआह…” मैं चिल्ला रही थी। उसने मेरी कमर पकड़ी, मुझे और जोर से चोदा। “दीदी, तेरी चूत कितनी टाइट है!” उसने कहा। मैंने जवाब दिया, “हाँ, और चोद! फाड़ दे इसे!”
करीब 20 मिनट तक वह मुझे चोदता रहा। मैं तीसरी बार झड़ी। मेरी चूत से पानी बह रहा था। आखिरकार, उसने एक लंबी साँस ली और मेरे अंदर झड़ गया। उसका गर्म वीर्य मेरी चूत में भर गया। “आआह… अमित…” मैंने सिसकारी ली। हम दोनों पसीने से भीगे थे। वह मेरे ऊपर लेट गया, मेरी चूचियों को चूमता रहा।
थोड़ी देर बाद वह उठा और रसोई से अंगूर ले आया। उसने मेरी चूचियों पर, मेरी नाभि पर, और मेरी चूत पर अंगूर रखे और एक-एक करके चूमकर खाए। फिर उसने चॉकलेट सिरप लिया, मेरी चूचियों पर और चूत पर लगाया, और चाटने लगा। “आआह… अमित… तू कितना गंदा है…” मैं हँसी। उसने कहा, “दीदी, तेरी चूत का स्वाद गजब है!” रात भर हमने हर घंटे में चुदाई की। कभी मैं उसके लंड को चूसा, कभी उसने मेरी चूत चाटी।
अब मेरी शादी अगले महीने है, लेकिन मैं और अमित रोज रात को एक-दूसरे की आग बुझाते हैं। आपको ये भाई-बहन की चुदाई की कहानी कैसी लगी? अपनी राय कमेंट में जरूर बताएँ।