Jija Salhaj Adult Hindi Story:
दोस्तों, मेरा नाम कमलेश है। मैं 30 साल का हूँ, बंगाल का रहने वाला, और एक गर्वीला बंगाली हूँ। मेरा कद 5 फीट 10 इंच है, गठीला बदन, गेहुँआ रंग, और चेहरे पर हल्की दाढ़ी जो मुझे थोड़ा रफ-टफ लुक देती है। मेरी बीवी, शालिनी, 28 साल की है, गोरी-चिट्टी, 5 फीट 4 इंच लंबी, और उसका फिगर 34-28-36 है। उसकी मुस्कान इतनी प्यारी है कि कोई भी देखकर फिदा हो जाए। वो ज्यादातर साड़ी या सलवार-कमीज पहनती है, और उसका स्टाइल हमेशा सादा लेकिन आकर्षक रहता है। इस कहानी की दूसरी किरदार है दीपिका, मेरे बड़े साले की बीवी। दीपिका 32 साल की है, 5 फीट 5 इंच लंबी, दूध-सी गोरी, और उसका फिगर 32-26-34 है। उसके लंबे, घने, काले बाल और बड़ी-बड़ी कजरारी आँखें उसे किसी अप्सरा जैसा बनाती हैं। उसका मुस्कुराने का अंदाज ऐसा है कि दिल धड़कने लगता है। मेरे साले, राकेश, 35 साल के हैं, साधारण कद-काठी, थोड़े गंभीर स्वभाव के, और ज्यादातर अपने बिजनेस में उलझे रहते हैं। ये कहानी एक साल पहले की है, जब मेरी शादी को बस एक साल हुआ था।
मेरी सगाई के बाद मैं अक्सर ससुराल जाता था। मेरे ससुर के तीन लड़के और तीन लड़कियाँ हैं। दीपिका मेरे दूसरे नंबर के साले, राकेश, की बीवी है। बाकी दो साले शहर से बाहर रहते हैं, तो ससुराल में ज्यादातर दीपिका ही घर पर मिलती थी। मैं और दीपिका खूब हँसी-मजाक करते। वो मुझे और शालिनी को मिलने के लिए ससुराल बुलाती। उसकी बातों में एक अजीब-सी मिठास थी, जो मुझे हमेशा खींचती थी। लेकिन उस वक्त मेरे मन में कोई गलत ख्याल नहीं था। शादी के बाद शालिनी मुझे बिस्तर पर पूरा साथ देती थी। उसकी चूत इतनी टाइट और गर्म थी कि हर रात मजा आ जाता था। हमारी जिंदगी मस्त चल रही थी।
शादी के बाद जब मैं पहली बार ससुराल गया, तो दामाद होने के नाते मेरा स्वागत राजा-महाराजा जैसा हुआ। दीपिका ने नीली साड़ी पहनी थी, जो उसके गोरे रंग पर इतनी फब रही थी कि नजर हटाना मुश्किल था। उसका ब्लाउज थोड़ा टाइट था, जिससे उसके बूब्स का उभार साफ दिख रहा था। उसने मेरे लिए खाना बनाया—मछली की करी, चावल, और दाल—सब मेरी पसंद का। वो बार-बार मेरे पास आती, मेरी प्लेट चेक करती, और पूछती, “जीजा जी, और लें?” उसकी आवाज में एक शरारत थी, जो मुझे अच्छी लगती थी। रात को वो मेरे लिए चाय लेकर आई, और बातों-बातों में हँसते-हँसते उसका पल्लू थोड़ा सरक गया। मैंने नजर हटाई, लेकिन मन में कुछ हलचल हुई।
फिर जब राकेश और दीपिका हमारे घर कोलकाता आए, तो मैं उन्हें कई जगह घुमाने ले गया। राकेश को अपने रिश्तेदारों से मिलने का शौक था, तो वो अक्सर वहाँ चला जाता। मैं, शालिनी, और दीपिका साथ में शॉपिंग करने निकलते। मैं दीपिका को साड़ियाँ, कुर्तियाँ, और ज्वेलरी चुनने में मदद करता। वो हर ड्रेस ट्राय करती और मुझे दिखाती। उसका फिगर इतना परफेक्ट था कि हर चीज उस पर जचती थी। मैं कहता, “दीपिका, ये वाली साड़ी तो तुम पर गजब ढा रही है!” वो हँसकर कहती, “जीजा जी, आपकी पसंद तो लाजवाब है।” उसकी तारीफ करने में मुझे मजा आता था।
एक बार मॉल में शॉपिंग के दौरान शालिनी हमसे बिछड़ गई। दीपिका एक टाइट लाल ड्रेस ट्राय करने ट्रायल रूम में गई। वो बाहर आई, तो आसपास कोई नहीं था। उसने मुझे कॉल किया। मैं फौरन पहुँचा, क्योंकि शालिनी का मोबाइल कार में छूट गया था। दीपिका ने पूछा, “शालिनी दी कहाँ हैं?” मैंने कहा, “पता नहीं, ढूँढ रहा हूँ।” फिर उसने ड्रेस की तरफ इशारा किया और बोली, “जीजा जी, ये कैसी लग रही है?” मैंने उसे ऊपर से नीचे तक देखा। वो लाल ड्रेस में आग लग रही थी। उसका फिगर पूरी तरह उभर रहा था। मैंने कहा, “दीपिका, तू तो इस ड्रेस में कातिल लग रही है। फिटिंग एकदम टाइट है।” वो शरमाकर मुस्कुराई और बोली, “ठीक है, ये रख लेते हैं।”
ट्रायल रूम से निकलकर उसने कहा, “मुझे और शॉपिंग करनी है, लेकिन पहले शालिनी दी को ढूँढते हैं।” मैंने कहा, “अरे, वो मिल जाएगी। तू अपनी शॉपिंग कर, मैं हूँ ना।” मैं उसे एक-एक ड्रेस दिखाने लगा। हर ड्रेस वो ट्राय करती और बाहर आकर मुझे दिखाती। उसने दो साड़ियाँ, एक कुर्ती, और एक टॉप लिया। वो मेरी पसंद से बहुत खुश थी। मॉल से निकलते वक्त वो अंडरगारमेंट्स की दुकान पर रुक गई। वो थोड़ा झिझकी, शायद सोच रही थी कि मेरे सामने कैसे बात करे। मैंने हल्के से छेड़ा, “क्या, ब्रा-पेंटी लेनी है?” वो शरमाकर बोली, “हाँ, जीजा जी, लेकिन…” मैंने कहा, “अरे, शरमाओ मत। मैं तो खुले दिमाग का हूँ।”
वो साइज देखने लगी। मैंने मजाक में कहा, “ब्रांडेड ही ले, साइज अच्छी रहती है।” तभी मुझे पता चला कि वो 32B साइज की ब्रा पहनती है। मैंने हँसकर कहा, “इसे ट्राय नहीं करोगी?” उसने शरारती अंदाज में जवाब दिया, “जीजा जी, बाद में किसको दिखाऊँगी?” मैंने तुरंत कहा, “अरे, मैं तो अभी तैयार हूँ!” वो हँसकर काउंटर की तरफ बढ़ गई। उसने एक काली ब्रा और मैचिंग पेंटी का सेट लिया। मैंने बिल पे किया। फिर शालिनी भी मिल गई। हमने बाहर रेस्तराँ में बिरयानी और कोल्ड ड्रिंक लिया। घर पहुँचकर दीपिका मेरी तरफ देख ही नहीं रही थी, जैसे शरमिंदगी और उत्तेजना का मिक्सचर था।
अगले दिन हमें रिश्तेदार के यहाँ खाने जाना था। राकेश पहले से वहाँ था। मैं और शालिनी सुबह पहुँचे। शालिनी ने कहा, “कमलेश, तुम दीपिका को ले आओ।” मैं कार लेकर गया। दीपिका तैयार थी। उसने गुलाबी साड़ी पहनी थी, जिसका ब्लाउज इतना टाइट था कि उसके बूब्स का शेप साफ दिख रहा था। मैंने कहा, “चल, कार में बैठ।” वो मुस्कुराकर बैठ गई। मैंने छेड़ा, “क्या बात है, आज इतना शरमा क्यों रही है?” उसने कहा, “जीजा जी, आप तो बड़े शरारती हो!” हम बात करने लगे। बातों-बातों में मैंने कहा, “वाह, नई ब्रा का अहसास तो कमाल है!” वो चौंकी और बोली, “आपको कैसे पता कि मैंने वही ब्रा पहनी है?”
मैंने हँसकर कहा, “जब तू कार में बैठने झुकी, तो दिख गया।” उसने मेरे हाथ पर हल्की चपत मारकर कहा, “हद है, जीजा जी! आपकी नजर तो…” मैंने कहा, “वैसे, इस साड़ी में तू बहुत सेक्सी लग रही है।” उसने धन्यवाद कहा। फिर मैंने छेड़ा, “लेकिन एक बात का अफसोस है। मैंने सारी चीजें पसंद करवाई, तूने सबकी फिटिंग दिखाई, पर ब्रा-पेंटी की फिटिंग अब तक बाकी है।” वो लाल हो गई और बोली, “जीजा जी, आप भी ना…” तब तक हम रिश्तेदार के घर पहुँच गए।
अगले दिन दीपिका अपने घर, यानी मेरे ससुराल, चली गई। मैंने उसे कॉल किया, “अच्छे से पहुँच गई?” इसके बाद हम फोन पर अक्सर बात करने लगे। वो भी मुझे कॉल करती। एक दिन उसने कहा, “जीजा जी, ससुराल नहीं आएँगे?” मैंने कहा, “आकर क्या करूँगा?” वो बोली, “यहाँ बहुत कुछ करने का मौका है।” मैंने छेड़ा, “अच्छा, लेकिन फिटिंग तो दिखेगी नहीं ना?” उसने हँसकर कहा, “आप बस आ जाओ, फिर देखो।”
एक महीने बाद मुझे अपने गाँव जाना था। मैंने सोचा, ससुराल भी हो आता हूँ। मैं बिना बताए पहुँचा। वहाँ सब मेरी साली के लिए लड़का देखने गए थे। सिर्फ दीपिका घर पर थी। मुझे देखकर वो चौंकी और बोली, “जीजा जी, आप? बिना बताए?” उसकी आँखों में खुशी थी। उसने गुजराती स्टाइल की हरी साड़ी पहनी थी। उसका ब्लाउज इतना टाइट था कि उसके बूब्स बाहर आने को बेताब थे। वो घर का काम कर रही थी—बर्तन धो रही थी, और उसका पल्लू कमर में खोंसा था। पसीने की बूँदें उसकी गर्दन से नीचे सरक रही थीं।
उसने मुझे पानी दिया, फिर चाय बनाकर लाई। हम सोफे पर बैठे। उसने पूछा, “जीजा जी, क्या खाना बनाऊँ?” मैंने कहा, “जो तुझे अच्छा लगे।” हम मजाक करने लगे। वो बोली, “नहीं, आप बताओ!” मैं बोला, “तू बताओ!” मजाक में मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे अपनी तरफ खींच लिया। वो हँसने लगी, “जीजा जी, ये क्या!” तभी मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। वो एक पल को ठिठकी, फिर उसने भी किस का जवाब दिया। उसके होंठ नरम और गर्म थे, जैसे शहद में डूबे हों। हमारी किस सात मिनट तक चली। वो छूटकर बोली, “जीजा जी, मैं खाना बनाने जा रही हूँ।” उसकी साँसें तेज थीं।
वो किचन में चली गई। मैं सोफे पर बैठा रहा, लेकिन मेरा मन बेचैन था। आधे घंटे बाद मैं किचन में गया। वो भजिया बना रही थी। उसका पल्लू अब भी कमर में खोंसा था। पसीने से उसका ब्लाउज पीठ पर चिपक गया था। मैंने उसे पीछे से जकड़ लिया। मेरे हाथ उसकी कमर पर फिसले। मैंने उसके बाल साइड किए और उसकी गर्दन पर किस किया। वो सिहर उठी, “आआह… जीजा जी… ये क्या कर रहे हो?” उसकी आवाज में शरम थी, लेकिन वो रुकी नहीं। मैंने गैस बंद की और उसे गोद में उठाकर बेडरूम में ले गया। उसने हल्का-सा विरोध किया, “जीजा जी, कोई आ गया तो?” मैंने कहा, “कोई नहीं आएगा।”
बेडरूम में मैंने उसे बेड पर लिटाया। वो अभी भी हरी साड़ी में थी। मैंने उसे बेतहाशा किस करना शुरू किया। मेरे होंठ उसके होंठों से गले तक गए। मैंने उसके पल्लू को धीरे से हटाया। उसका ब्लाउज टाइट था, बूब्स का उभार साफ दिख रहा था। मैंने ब्लाउज के बटन खोले। उसने वही काली ब्रा पहनी थी। मैंने उसकी साड़ी का नाड़ा खींचा और साड़ी उतार दी। अब वो ब्लाउज, चोली, और ब्रा-पेंटी में थी। मैंने अपनी शर्ट और बनियान उतारी। वो मेरे सीने पर किस करने लगी, “जीजा जी, आपका बदन तो पत्थर जैसा है…” उसकी आवाज में उत्तेजना थी।
मैंने उसका ब्लाउज पूरा खोला और ब्रा के हुक खोले। उसके 32B के बूब्स बाहर आए। वो गोल, टाइट, और गोरे थे, निप्पल गुलाबी और सख्त। मैं दंग रह गया। मैंने एक बूब को मुँह में लिया और चूसने लगा। “आआहह… जीजा जी… धीरे… उफ्फ्फ…” वो सिसकारी। मैंने निप्पल को जीभ से चाटा, फिर हल्के से काटा। वो तड़प उठी, “ऊऊहह… माँ… ये क्या… मैं मर जाऊँगी…” मैंने दूसरे बूब को दबाया, निप्पल को उंगलियों से मसला। वो चिल्लाई, “आआहह… जीजा जी… बस… मेरे बूब्स… उफ्फ्फ…” मैंने 25 मिनट तक उसके बूब्स चूसे, दबाए, और निप्पल खींचे। उसकी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं।
फिर मैंने उसकी चोली का नाड़ा खोला और काली पेंटी उतार दी। उसकी चूत गीली थी, हल्के बालों से सजी। मैंने उसके पैर चौड़े किए और चूत पर जीभ रखी। “ऊऊईई… माँ… जीजा जी… ये गलत है…” वो चिल्लाई, लेकिन उसने मुझे नहीं रोका। मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया। मेरी जीभ उसकी क्लिट पर गोल-गोल घूम रही थी। “पच… पच…” मेरी जीभ की आवाज गूँज रही थी। वो पागल हो रही थी, “आआहह… उफ्फ्फ… जीजा जी… और चूसो… मेरी चूत… मर गई…” मैंने जीभ अंदर डाली, फिर क्लिट को चूसा। वो चिल्ला रही थी, “ऊऊहह… माँ… बस… मैं झड़ जाऊँगी…” दस मिनट बाद उसने मेरे सिर को चूत पर दबाया। उसका शरीर काँप उठा, और वो झड़ गई। उसकी चूत से गर्म रस निकला, जो मेरे मुँह पर लगा।
हम बेड पर लेट गए। उसकी साँसें तेज थीं। फिर उसने मेरी पैंट खोली। मेरा 7 इंच का लंड बाहर आया, जो टाइट था। वो बोली, “जीजा जी, ये तो बहुत बड़ा है…” उसने लंड को सहलाना शुरू किया। “चूत चूसने में कैसा लगा?” उसने शरारती अंदाज में पूछा। मैंने कहा, “तेरी चूत का मजा ही अलग है।” उसने हँसकर कहा, “मुझे भी मस्त लगा, लेकिन ये लंड मुँह में लूँ? डर लग रहा है।” मैंने कहा, “ट्राय कर, अच्छा नहीं लगा तो छोड़ दे।” उसने धीरे से लंड को मुँह में लिया। पहले वो हल्के से चूसी, फिर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। “उम्म… मम्म… तेरा लंड तो गजब है…” वो गंदी बातें कर रही थी। मैंने उसके बाल पकड़े और मुँह को आगे-पीछे किया। वो और जोश में आई, “जीजा जी… कितना मोटा है… उम्म…” 20 मिनट बाद मैं उसके मुँह में झड़ गया। उसने बाथरूम जाकर मुँह साफ किया।
हमने भजिया और चाय ली। फिर उसने मॉल से लिया लाल ब्रा-पेंटी सेट पहना। वो बाहर आई और बोली, “जीजा जी, ये कैसा है?” लाल ब्रा में उसके बूब्स और उभर रहे थे। मैं बेकरार हो गया। मैंने उसकी ब्रा और पेंटी उतार दी। वो पूरी नंगी थी। मैंने भी कपड़े उतारे। मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसके बूब्स चूसने लगा। “आआहह… जीजा जी… फिर से… उफ्फ्फ…” वो सिसकारी। मैंने निप्पल को काटा, तो वो चिल्लाई, “ऊऊईई… धीरे… मेरे बूब्स… मर जाऊँगी…” मैंने 15 मिनट तक उसके बूब्स चूसे। फिर मैंने उसकी चूत पर लंड रगड़ा। वो बोली, “जीजा जी, अब डाल दो… मेरी चूत में आग लगी है…”
मैंने उसके पैर चौड़े किए और लंड चूत पर रखकर एक जोरदार झटका मारा। “आआहह… माँ… धीरे… फट जाएगी…” वो चिल्लाई। मेरा लंड आधा अंदर गया। “पच… पच…” चुदाई की आवाज शुरू हुई। चार-पाँच झटकों में मेरा पूरा 7 इंच का लंड उसकी चूत में समा गया। मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। वो कमर उठाकर साथ दे रही थी, “हाँ… जीजा जी… और जोर से… चोदो मुझे… आआहह… उफ्फ्फ…” मैंने स्पीड बढ़ाई। “पचाक… पचाक…” उसकी चूत इतनी गीली थी कि हर धक्के की आवाज गूँज रही थी। वो बोली, “जीजा जी… तेरा लंड मेरी चूत फाड़ रहा है… और गहरा…” मैंने उसके बूब्स दबाए और तेज धक्के मारे। वो चिल्लाई, “आआहह… ऊऊहह… माँ… चोदो… और जोर से…” 15 मिनट बाद वो झड़ गई। उसकी चूत ने मेरे लंड को जकड़ लिया।
मैंने कहा, “डॉगी स्टाइल में करे?” वो बोली, “नहीं, जीजा जी… मैंने कभी नहीं किया… डर लग रहा है।” मैंने कहा, “मजा आएगा।” वो मान गई। मैंने उसे कुतिया की तरह झुकाया। उसकी गोल गाँड मेरे सामने थी। मैंने पीछे से लंड डाला। “ऊऊईई… माँ… कितना गहरा… फट गई…” वो चिल्लाई। “पचाक… पचाक…” मैंने जोर-जोर से धक्के मारे। वो बोली, “जीजा जी… मेरी चूत… आआहह… और जोर से…” मैंने उसकी कमर पकड़ी और तेज चोदा। वो थक रही थी, लेकिन मैं रुका नहीं। 20 मिनट तक मैंने उसे डॉगी स्टाइल में चोदा।
फिर मैंने उसे मेरे ऊपर आने को कहा। वो मेरे ऊपर बैठ गई। मैंने एक झटके में पूरा लंड डाल दिया। “ऊऊईईई… माँ… मर गई… जीजा जी… धीरे… प्लीज…” वो चिल्लाई। मैंने उसे ऊपर-नीचे हिलाया। वो कमर हिलाकर मजे ले रही थी, “हाँ… और जोर से… चोदो मुझे… आआहह… उफ्फ्फ…” मैंने उसके बूब्स दबाए। वो चिल्लाई, “जीजा जी… मेरे बूब्स… चोदो… और गहरा…” हमारी चीखें कमरे में गूँज रही थीं। 25 मिनट बाद मैंने कहा, “दीपिका… ले मेरा सारा माल…” मैं उसकी चूत में झड़ गया। वो तीसरी बार झड़ चुकी थी। हम एक घंटे तक लेटे रहे। फिर हम साथ नहाए, जहाँ मैंने उसकी चूत में उंगली की। वो बोली, “जीजा जी… बस… थक गई…”
थोड़ी देर बाद घरवाले आए। मैं आज भी दीपिका को चोदता हूँ। दोस्तों, क्या ऐसी कामुक सलहज हर किसी को मिलती है? कमेंट में बताएँ।
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