मेरा नाम अमीना है। मैं 32 साल की एक शादीशुदा मुस्लिम औरत हूँ। मेरा रंग गोरा है, हाइट 5 फीट 4 इंच, और फिगर 34-28-36। मेरी चूचियाँ भरी हुई हैं, और मेरी गाँड गोल और मस्त है, जो मेरे पति को हमेशा उत्तेजित करती थी। मेरे लंबे, काले, घने बाल कमर तक लहराते हैं, और मेरी भूरी आँखें लोगों को अपनी तरफ खींचती हैं। मेरे होंठ गुलाबी और रसीले हैं। मैं अपने पति फैजल के साथ मुंबई में मरीन ड्राइव के पास एक पॉश अपार्टमेंट में रहती हूँ, जहाँ खिड़की से समुद्र की लहरें दिखती हैं। फैजल 35 साल के हैं, सांवले रंग के, 5 फीट 8 इंच लंबे, और एक सॉफ्टवेयर कंपनी में सीनियर डेवलपर हैं। उनका शरीर औसत है, हल्की-सी तोंद निकल आई है, लेकिन उनकी शरारती मुस्कान और चंचल आँखें उन्हें जवान दिखाती हैं। उनकी हेयरलाइन थोड़ी पीछे खिसकी है, लेकिन वो अभी भी आकर्षक हैं। हमारी शादी 2011 में हुई थी। फैजल का परिवार अहमदाबाद का है, लेकिन उनकी मुंबई में अच्छी नौकरी लगने के बाद हम यहीं बस गए।
शुरुआती सालों में हमारी जिंदगी मस्त थी। मैं और फैजल खूब मजे करते, वीकेंड पर लॉन्ग ड्राइव पर जाते, रात को देर तक फिल्में देखते, और बेड पर एक-दूसरे के साथ घंटों मस्ती करते। मैं अक्सर सलवार-कमीज या साड़ी पहनती थी, और फैजल को मेरा ये देसी लुक बहुत भाता था। लेकिन इस साल कुछ ऐसा हुआ कि सब बदल गया। फैजल को पता नहीं कहाँ से एक गंदा सा शौक चढ़ गया, जिसने मुझे पहले हैरान किया, फिर डराया, और आखिर में मेरे जिस्म को एक नई आग में झोंक दिया।
एक रात हम अपने बेडरूम में लेटे थे। मैंने एक पतली सी नीली सिल्क की नाइटी पहनी थी, जो मेरे जिस्म से चिपकी थी। मेरी चूचियाँ उसमें से उभर रही थीं, और मेरी क्लीवेज हल्की-सी दिख रही थी। फैजल ने अपनी सादी सफेद टी-शर्ट और ग्रे पायजामा पहना था। रात के करीब 11:30 बजे थे, और कमरे में सिर्फ टेबल लैंप की हल्की रोशनी थी। हम बेड पर लेटे हुए थे, और मैं फैजल के सीने पर सिर रखकर लेटी थी। अचानक फैजल ने मुझसे पूछा, “अमीना, एक बात पूछूँ?” उनकी आवाज में एक शरारत थी, जो मुझे थोड़ा अजीब लगी। मैंने हल्का सा मुस्कुराते हुए कहा, “हाँ, पूछो ना।”
फैजल: “तुम्हें हिंदू मर्द कैसे लगते हैं?”
मैंने चौंककर उनकी तरफ देखा। मेरे गाल शर्म से लाल हो गए। “ये आप कैसा सवाल पूछ रहे हैं?” मैंने हल्के गुस्से में कहा।
फobium: “सही सवाल पूछ रहा हूँ, बताओ ना।”
मैंने हिचकते हुए कहा, “ठीक लगते हैं।” मेरे मन में ख्याल आया कि वो मजाक कर रहे होंगे।
फैजल: “अच्छा… तो अगर कोई हिंदू मर्द तुझे छूएगा, तो तू क्या करेगी?”
“छी! शर्म नहीं आती ऐसी गंदी बातें करने में?” मैंने शर्मिंदगी और गुस्से के मिश्रण में कहा।
फैजल: “सोचने में क्या हर्ज है? मुझे तो मस्ती आती है ऐसी बातें सोचने में। बताओ ना, कैसा लगेगा अगर कोई हिंदू मर्द तुझे छूए?”
मैंने गुस्से में लाइट बंद की और कहा, “मुझसे अब बात नहीं करनी, मैं सो रही हूँ।” मैंने करवट ली और सोने की कोशिश की, लेकिन मेरा दिमाग उलझ गया। फैजल को ये क्या हो गया है?
मुझे लगा कि वो मुझे छेड़ रहे होंगे, लेकिन अगली रात फिर वही सिलसिला शुरू हुआ। फैजल ने अपना लैपटॉप निकाला और मुझे कुछ कहानियाँ पढ़ने को कहा। मैंने जब वो कहानियाँ पढ़ीं, तो मेरे होश उड़ गए। वो हिंदू लड़कियों और मुस्लिम मर्दों के बीच नाजायज रिश्तों की गंदी कहानियाँ थीं। मैंने गुस्से में कहा, “ये क्या बकवास पढ़वाते हो?” फैजल ने हँसते हुए कहा, “अरे, बस मजा ले रहा हूँ। तुझे भी तो अच्छा लगेगा।” मैंने लैपटॉप बंद किया और कहा, “मुझे ये सब पसंद नहीं।” लेकिन वो हँसते रहे। करीब एक हफ्ते तक वो हर रात ऐसी कहानियाँ पढ़ते और मुझे दिखाते। मुझे अजीब लगता, लेकिन उनकी जिद के आगे मैं चुप रहती।
एक रात फैजल लैपटॉप पर कुछ टाइप कर रहे थे। मैं रसोई से चाय लेकर आई और उनके पास बैठ गई। मैंने देखा कि वो किसी नरेश नाम के आदमी से चैट कर रहे थे। नरेश 36 साल का हिंदू मर्द था, जो मुंबई में ही रहता था। फैजल ने बताया कि वो पैसेवाला है, 5 फीट 10 इंच लंबा, गोरा, और मस्कुलर। उसका हाल ही में अपनी दूसरी बीवी से तलाक हुआ था। मैंने देखा कि फैजल मेरे बारे में उससे बहुत गंदी-गंदी बातें कर रहे थे। चैट में ऐसी बातें थीं कि मेरे गाल शर्म से लाल हो गए। मैंने फैजल को टोका, “ये क्या कर रहे हो?” लेकिन वो बोले, “अरे, बस मजे की बातें हैं।”
फैजल ने चैट में लिखा, “मेरी बीवी अमीना मेरे पास बैठी है और सब कुछ देख रही है।”
नरेश ने जवाब दिया, “तेरी बीवी को तो मैं अपने हिंदू लंड से चोद-चोदकर मस्त कर दूँगा।”
मैंने शर्म और गुस्से में स्क्रीन से नजरें हटाईं। फैजल ने लिखा, “मेरी बीवी बहुत शरीफ मुस्लिम औरत है। मेरे अलावा किसी और मर्द की तरफ देखती तक नहीं।”
नरेश: “तुझे नहीं पता, ये मुस्लिम औरतें बाहर से शराफत दिखाती हैं, लेकिन अंदर से बड़े-बड़े लंड लेने को बेताब रहती हैं। जितनी शरीफ बाहर से, उतनी ही रंडी अंदर से।”
फैजल: “तो क्या मेरी बीवी तुझसे चुदवाएगी?”
नरेश: “साली को एक बार मेरे पास भेज दे, मेरे लंड को चूस-चूसकर चुदवाएगी।”
मैंने गुस्से में कहा, “ये सब बंद करो!” लेकिन फैजल ने हँसते हुए कहा, “अरे, बस मजा ले रहा हूँ। तू भी तो देख, कितना मजा आ रहा है।” हर रात वो नरेश से ऐसी गंदी चैट करते, और मुझे अपने पास बिठाते। मैं चुप रहती, लेकिन मन में गुस्सा, शर्मिंदगी, और एक अजीब-सी उत्तेजना उबल रही थी।
एक दिन फैजल ने मेरी एक फोटो नरेश को भेज दी। उसमें मैंने हल्की गुलाबी साड़ी पहनी थी, और मेरा पल्लू हल्का-सा सरका हुआ था। मेरी 34 साइज की चूचियाँ और क्लीवेज साफ दिख रही थीं। नरेश ने लिखा, “क्या मस्त माल है तेरी बीवी! इसका गोरा जिस्म तो कमाल है। इसकी गोरी मुस्लिम चूत में अपना लंड डालने के लिए मैं कुछ भी कर सकता हूँ।” फैजल ये पढ़कर हँस रहे थे और बोले, “देखा, तुझे कितना चाहता है ये?” मैंने गुस्से में कहा, “ये क्या हरकत है? मेरी फोटो क्यों भेजी?” लेकिन वो बोले, “अरे, बस मजे की बात है। तुझे भी तो अच्छा लग रहा होगा।” मुझे समझ नहीं आ रहा था कि फैजल को मेरी हिंदू मर्दों से चुदाई के ख्याल से इतनी उत्तेजना क्यों होती थी।
एक दिन फैजल मेरे लिए एक लाल रंग की सलवार-कमीज लाए। उसका गला बहुत गहरा था, और वो स्लीवलेस थी। मैंने कहा, “ये तो बहुत खुला है। मैं ऐसे कपड़े नहीं पहनती।” वो बोले, “जल्दी से पहन लो, हम बाहर जा रहे हैं।” मैंने वो सलवार-कमीज पहनी और शीशे में देखा। मेरा गोरा जिस्म उसमें और निखर रहा था। मेरी चूचियाँ उभरी हुई थीं, और क्लीवेज साफ दिख रही थी। मैंने दुपट्टा ठीक किया, लेकिन फिर भी मेरा जिस्म छिप नहीं रहा था। फैजल ने कहा, “तू बहुत सेक्सी लग रही है। चल, लेट हो रही है।”
हम बाजार गए। मैं उस सलवार-कमीज में चल रही थी, और मेरा दुपट्टा बार-बार सरक रहा था। मेरी क्लीवेज और गोरा जिस्म सबकी नजरों में था। रास्ते में हिंदू मर्द मुझे घूर-घूरकर देख रहे थे। एक सब्जीवाला तो मेरे सामने अपना लंड खुजा रहा था। मैंने शर्म से नजरें झुका लीं, लेकिन फैजल मुस्कुरा रहे थे। मैंने गुस्से में उनकी तरफ देखा, तो वो बोले, “क्या करूँ, तुझे ऐसे देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया।” मुझे गुस्सा आ रहा था, लेकिन वो मजे ले रहे थे।
हम एक रेस्तराँ में खाने गए। वहाँ एक हिंदू मर्द मेरे सामने बैठा था। उसकी नजर मेरी चूचियों पर थी, जो मेरी सलवार-कमीज के गहरे गले से दिख रही थीं। वो प्यासी नजरों से मुझे घूर रहा था। मैंने दुपट्टा ठीक किया, लेकिन उसकी नजरें नहीं हटीं। मैंने फैजल की तरफ देखा, वो फिर मुस्कुरा रहे थे।
रात को घर लौटकर मैं बेड पर लेटी थी। मैंने अपनी वही नीली नाइटी पहनी थी। फैजल मेरे पास आए और बोले, “कैसा लगा आज का दिन?”
मैंने गुस्से में कहा, “बहुत बुरा। तुमने जानबूझकर मुझे ऐसी ड्रेस पहनाई जिसमें मेरा जिस्म दिखे। सब लोग मुझे गंदी नजरों से देख रहे थे, और तुम मुस्कुरा रहे थे।”
फैजल: “क्या बताऊँ, अमीना, मेरा लंड खड़ा हो गया था ये देखकर कि हिंदू मर्द मेरी बीवी को भूखी नजरों से देख रहे हैं।”
मैंने कहा, “छी! शर्म नहीं आती तुम्हें?”
फैजल: “नहीं आती। मजा आता है। तू भी इसकी आदत डाल ले। आज वो सब्जीवाला तुझे कैसे देख रहा था? तुझे चोदने के लिए तरस रहा था।”
मैंने गुस्से में कहा, “अगर ऐसा हो जाता, तो तुम क्या करते?”
फैजल: “मजा लेकर देखता उस हिंदू को मेरी बीवी चोदते हुए।”
मैंने चिल्लाया, “बस, बहुत हुआ। चुप करो।”
फैजल ने मुझे पकड़ लिया और बोले, “सोच, वो सब्जीवाला तुझे चोद रहा है।” ये कहकर उन्होंने मेरी नाइटी ऊपर की और मुझे चोद दिया। “पच-पच” की आवाजें कमरे में गूँज रही थीं, और मैं “आह… ऊह…” सिसक रही थी। फैजल का 6 इंच का लंड मेरी चूत में अंदर-बाहर हो रहा था, और वो बार-बार उस सब्जीवाले की बात कर रहे थे। “आह… अमीना… सोच, वो तुझे कितना जोर से चोदता…” मैं चुप थी, लेकिन मेरी चूत गीली हो चुकी थी।
एक दिन फैजल ने कहा, “मेरा एक दोस्त आज शाम को आने वाला है। डिनर तैयार रखना।” मैंने रसोई में चिकन बिरयानी बनाई। मैंने एक हल्की हरी सलवार-कमीज पहनी थी, जो ज्यादा खुली नहीं थी, लेकिन मेरी चूचियाँ और गाँड का शेप साफ दिख रहा था। शाम को उनका दोस्त आया। वो नरेश था, वही जिसके साथ फैजल चैट करते थे। नरेश 36 साल का, गोरा, 5 फीट 10 इंच लंबा, और मस्कुलर था। उसने काली शर्ट और नीली जींस पहनी थी। उसकी आँखों में एक भूख थी, जो मुझे देखते ही और बढ़ गई।
डिनर के वक्त हम तीनों खाने की मेज पर बैठे। मैंने बिरयानी परोसी। नरेश मेरे सामने बैठा था और मुझे घूर रहा था। उसकी नजरें पहले मेरी आँखों पर थीं, फिर मेरी 34 साइज की चूचियों पर चली गईं। मेरी सलवार-कमीज का गला ज्यादा डीप नहीं था, लेकिन मेरी चूचियाँ उभरी हुई थीं। मुझे शर्मिंदगी हो रही थी, और मैंने नजरें झुका लीं। डिनर के बाद कुछ बातें हुईं। फिर हम बेडरूम में गए। फैजल ने नरेश को भी बुला लिया।
मैंने नरेश से कहा, “आप गेस्ट रूम में सो जाइए, मैंने बिस्तर लगा दिया है।”
फैजल: “उसकी जरूरत नहीं। नरेश आज यहीं सोएगा।”
मैंने चौंककर कहा, “तो मैं कहाँ सोऊँगी?”
फैजल: “नरेश के साथ।”
नरेश मुस्कुराने लगा। मैं शॉक्ड थी। “ये क्या बोल रहे हो? ये नहीं हो सकता। ये आदमी कौन है?”
नरेश: “अब वक्त हो गया है, फैजल। इसे बता दे मैं कौन हूँ।”
फैजल: “ये नरेश है, जिसके साथ मैं तेरे सामने चैट करता था।”
मैं हैरान रह गई। “तो ये तुम दोनों का प्लान था? तुम मेरे पति हो, मेरे साथ ऐसा गंदा खेल कैसे खेल सकते हो?”
फैजल: “क्या करूँ? अपनी मुस्लिम बीवी को हिंदू मर्द के साथ चुदते देखने का ख्याल मुझे पागल कर देता है।”
नरेश: “बस, बहुत ड्रामा हो गया।”
नरेश मेरे करीब आया। उसकी साँसें तेज थीं। “जब से फैजल ने मुझे तेरी फोटो दिखाई, मेरा लंड सोया नहीं। तुझे चोदने के लिए उछल रहा है।”
मैंने गुस्से में कहा, “छी! कितने गंदे हो तुम हिंदू लोग।”
नरेश: “अभी तूने मेरा गंदापन देखा कहाँ है? जब तुझे नंगा करके तेरी चूत और गाँड के मजे लूँगा, तब पता चलेगा।”
नरेश ने मेरी चूचियों को पकड़ लिया। मैंने फैजल की तरफ देखा। वो कुर्सी पर बैठे मुस्कुरा रहे थे। मैं समझ गई कि अब मना करने से कुछ नहीं होगा। मैं चुप हो गई। नरेश ने मेरी सलवार-कमीज के ऊपर से मेरी चूचियों को जोर-जोर से दबाया। “क्या मस्त चूचियाँ हैं तेरी,” उसने कहा। फिर उसने मुझे अपनी बाहों में भरा और मेरी गाँड पर हाथ फेरते हुए बोला, “तेरी गाँड तो कमाल की है। इसके बीच में मेरा लंड डालकर मजे लूँगा।”
उसने मेरी सलवार की लेस खोल दी। मेरी सलवार नीचे सरक गई, और मैं सिर्फ अपनी काली पैंटी और कमीज में थी। नरेश ने मुझे बेड पर धकेल दिया और मेरी कमीज को ऊपर उठाकर मेरे पेट और कमर को चूमने लगा। “आह…” मैं सिसक उठी। उसने मेरी पैंटी खींचकर उतार दी। अब मैं पूरी नंगी थी। उसने मेरे होंठों पर किस करना शुरू किया और अपनी उंगली मेरी चूत में डाल दी। “ऊह…” मैं दर्द से काँप गई, लेकिन उसने मेरे होंठ चूसने नहीं दिए, जिससे मैं चिल्ला न सकूँ। उसकी जीभ मेरे मुँह में थी, और वो मेरी चूत में उंगली अंदर-बाहर कर रहा था। “आह… नरेश… धीरे…” मैं सिसक रही थी।
नरेश ने अपनी काली शर्ट और जींस उतारी। उसका लंड 8 इंच लंबा और मोटा था, फैजल के 6 इंच के लंड से कहीं बड़ा। वो अपने लंड को मेरे होंठों पर रगड़ने लगा और बोला, “चूस इसे, रंडी।” मैंने हिचकते हुए कहा, “प्लीज, ये मत करवाओ।” मैंने फैजल की तरफ देखा, वो चुपचाप कुर्सी पर बैठे थे। नरेश ने कहा, “तेरे पति को कोई ऐतराज नहीं, तो तेरी गाँड में क्यों दर्द हो रहा है? चूस मेरा लंड। तेरा पति यही चाहता है।”
मैंने हार मानकर उसका मोटा लंड अपने मुँह में लिया। “आह…” नरेश सिसक उठा। मैंने उसके लंड को जीभ से चाटना शुरू किया, ऊपर से नीचे तक। “और जोर से चूस, साली,” नरेश ने हुक्म दिया। मैंने और तेजी से चूसा। “आह… देख, फैजल, तेरी बीवी कितने मजे से मेरा हिंदू लंड चूस रही है,” नरेश ने हँसते हुए कहा। फैजल चुपचाप मजे ले रहे थे। मैं उसके लंड को चूस रही थी, और मेरी चूत गीली हो रही थी। “चूस, रंडी, और जोर से,” नरेश ने मेरे बाल पकड़कर कहा। मैंने उसके लंड को गले तक लिया, और वो “आह… ऊह…” सिसक रहा था।
लंड चुसवाने के बाद नरेश ने मुझे बेड पर लिटाया। “अपनी टाँगें खोल,” उसने कहा। मैंने अपनी टाँगें फैलाईं। मेरी चूत पहले से गीली थी। नरेश ने अपने लंड का सुपारा मेरी चूत पर रगड़ा। “आह…” मेरे जिस्म में करंट सा दौड़ा। “तेरी चूत तो बहुत गर्म है, साली। चुदने को बेताब है,” नरेश ने फैजल की तरफ देखकर कहा। उसने अपने लंड को मेरी चूत में धीरे-धीरे घुसाना शुरू किया। “आह… ऊह…” मैं दर्द और मजे के मिश्रण में सिसक रही थी। उसका मोटा लंड मेरी चूत में टाइट जा रहा था। “पच-पच” की आवाजें कमरे में गूँजने लगीं।
नरेश ने जोर-जोर से झटके मारने शुरू किए। “साली, कितनी टाइट चूत है तेरी,” उसने गंदी बात करते हुए कहा। वो मेरे ऊपर चढ़ा हुआ था, उसकी मस्कुलर छाती मेरी चूचियों से रगड़ रही थी। “आह… नरेश… धीरे…” मैं कराह रही थी। उसने मेरी चूचियों को जोर से दबाया और मेरी चूचियों को चूसने लगा। “ऊह… आह…” मेरी सिसकियाँ तेज हो गईं। “पच-पच… थप-थप…” चुदाई की आवाजें पूरे कमरे में गूँज रही थीं। मेरी चूत गीली हो चुकी थी, और मेरा पानी निकल गया। “आह्ह… ऊह्ह…” मैं सिसक रही थी।
नरेश रुकने का नाम नहीं ले रहा था। उसने मुझे उल्टा किया और मेरी गाँड के बीच से अपना लंड मेरी चूत में डाला। “आह… नरेश… और जोर से…” मैं अब मजे में थी। उसका लंड मेरी चूत को चीर रहा था। “पच-पच… थप-थप…” की आवाजें तेज हो रही थीं। “देख, फैजल, तेरी बीवी मेरे हिंदू लंड से कैसे चुद रही है,” नरेश ने हँसते हुए कहा। उसने मेरी चूचियों को पकड़कर जोर-जोर से दबाया। “तेरी चूचियाँ तो कमाल की हैं, साली,” उसने कहा।
फिर उसने मुझे अपनी गोद में बिठाया और नीचे से झटके मारे। मेरी चूचियाँ उछल रही थीं, और वो उन्हें पकड़कर दबा रहा था। “आह… ऊह… नरेश…” मैं सिसक रही थी। मेरी चूत पूरी तरह गीली थी, और मैं बार-बार झड़ रही थी। “साली, तू तो रंडी की तरह चुद रही है,” नरेश ने कहा। उसने मेरे होंठों को चूसा और मेरी चूत में अपने लंड को और जोर से पेला। “पच-पच… थप-थप…” की आवाजें कमरे में गूँज रही थीं।
करीब 40 मिनट तक उसने मुझे अलग-अलग पोजीशन में चोदा। कभी मुझे उल्टा करके, कभी मेरे ऊपर चढ़कर, कभी मुझे अपनी गोद में बिठाकर। मेरी चूत सूज गई थी, लेकिन मजे की वजह से मैं रुकने को नहीं कह रही थी। “आह… नरेश… और जोर से…” मैं सिसक रही थी। आखिर में उसने मेरी चूत में अपने लंड का पानी छोड़ दिया। “आह…” वो कराहते हुए मेरे ऊपर ढेर हो गया। मेरी साँसें तेज थीं, और मेरा जिस्म पसीने से भीगा था। फैजल चुपचाप सब देख रहे थे, और उनकी आँखों में एक अजीब-सी तृप्ति थी।
इसके बाद नरेश कई बार हमारे घर आया। हर बार वो मुझे उसी तरह चोदता, और फैजल मजे लेते। उन्हें मेरी हिंदू मर्द से चुदाई देखना बहुत पसंद था। मेरे पति ने मुझे हिंदू लंड की रंडी बना दिया।
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