मेरी सच्चे प्यार की कहानी 1 | Chudai Ki Hot Sexy Kahani

Chudai Ki Hot Sexy Kahani,मै: किसके लिए साफ कर रखा है।

अंशु: तुम किसके लिए साफ कर रखी हो?

मै: मै तो लड़की हूं।

अंशु: तो मै भी लड़का हूं मुझे गन्दगी पसन्द नही है।

मै उसके लन्ड को जोड़ से पकड़ लेती हूं।

अंशु: आह जोड़ से मत पकड़ो।

मै: कैसे करूं बताओ।

वो मेरा हाथ पकड़ लन्ड पर रखता है धीरे धीरे सहलाने बोला मै धीरे धीरे सहलाने लगी वो आँखें बन्द कर मजे लेने लगा। मैने अब अपनी जीभ उसके सुपाड़े पर फिरा दी।

अंशु: आह क्या कर रही हो.

मै उसके मुंह मे अपनी एक ऊंगली डाल देती हूं वो उसे चूसने लगा। अब मै धीरे से उसके लन्ड को मुंह में भर ली और चूसने लगी कुछ अजीब सा टेस्ट लगा फिर अच्छा लगने लगा वो मना करता रहा मत चूसो लेकिन मै नही छोड़ी और चूसती रही.

पूरा लन्ड मेरे थूक से गीला हो गया था मै जोड़ जोड़ से चुसने लगी वो आ आ आवाज निकालने लगा। 15 मिनट में अचानक मेरे मुंह के अदंर एक गर्म पानी का झटका लगा मैं लन्ड निकाल दी उसके लन्ड से कुछ पच पच कर पिचकारी की तरह निकल रहा था मै जल्दी से बाथरूम गई और मूंह धोकर साफ किया।

अंशु:(हस्ते हुए) मै बोल रहा था ना कि रूक जाओ मत करो।

मै उसे सीने से लगा किस करने लगी। अब उसने सावर ऑन कर दिया और मुझे चूमने लगा मेरे मम्मे मसलने लगा मेरे शरीर पर साबुन लगाने लगा मै भी उसके शरीर पर साबुन लगाने लगी अब वो मेरी बूर पर हाथ रख सहलाने लगा और मेरा हाथ पकड़ अपने लन्ड पर रख दिया.

मै भी सहलाने लगी कुछ देर में मेरी आह निकलने लगी मेरा शरीर गर्म होने लगा उसपर झरने का पानी आग लगा रहा था हम गर्म हो गए और कुछ देर बाद हम दोनो झड़ गए अब हम नहा कर निकले वो मुझे कपड़े पहनाने लगा तो चड्डी पहनाते हुए मेरे चूतड पर दांत से काट लिया मै उचक गई।

अब मैने भी उसे कपड़े पहना दिए। अब मै चलने लगीं तो देखा शाम हो गई थी। तो उसने मुझे वहीं रोक लिया मैने भी अपनी रूम मेट को कॉल कर कह दिया कि मै अपनी एक दोस्त के यहां रुक रही हूं। अब मै खाना बनाने चली गई कुछ देर बाद हम खाना खा कर पढ़ाई करने लगे.

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और जब रात को सोने जाने लगे तो मै उसका पैन्ट टी शर्ट पहन ली और सो गई रात मे मै उसे चिपक कर सोई हुई थी वो भी मुझे बांहों मे भर सो रहा था। अब रात 3 बजे उठ वो फ्रेस होने लगा तो मेरी भी नींद खुल गई।

मै: इतनी जल्दी क्यों उठ गए अभी रात ही है।

अंशु: दौड़ने स्टेडियम जाता हूं चलना है।

मै: हां, रुको मै भी चलती हूं।

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मै भी फ्रेस हो पैंट और टी शर्ट में ही चली गई मैने अदंर कुछ नही पहना था। स्टेडियम में अभी कोई नही था बस इक्का दुक्का लोग थे। वो पहले वार्म अप करता है और फिर दौड़ने लगा मै भी दौड़ने लगी उसे देख धीरे धीरे।

मेरे चूंचे उछल रहे थे दौड़ने से मै भी मजे से अपने मौसमी उछाल दौड़ रही थी। अभी कोई नही था तो मुझे किसी के देखने का कोई डर नही था। कुछ देर तो वो धीरे दौड़ा मेरे साथ फिर उसने अपनी स्पीड बढ़ाई और तेज दौड़ने लगा मै पीछे रह गई और अकेली भी मुझे डर लगने लगा।

वो अगले चक्कर मार मेरे पास आ गया और अब मुझे अकेला देख मेरे पास ही दौड़ने लगा मेरे आस पास वो काफी तेज़ दौड़ रहा था। कुछ देर बाद वो मेरे पास आ गया और चलने लगा तेज तेज चलते हुए उसने 2 चक्कर मारे और एक्सरसाइज करने लगा पुश अप मारने लगा। रस्सी कूदने लगा।

अब बहुत लोग आ गए थे । मै उससे रस्सी मांग कूदने लगा तो मेरे मम्मे उछलने लगे टी शर्ट मे वो हंसने लगा तो मैने कूदना बन्द कर दिया। अब वो फिर पुश अप्स मारने लगा तो मै उसके ऊपर बैठ गई, तब भी उसने मुझे बिठा कर 6 पुश अप्स कर दिया मेरा वेट उस टाईम 48 केजी रहा होगा।

अब कुछ देर उसने और एक्सरसाइज किया और हम घर आ गए। अभी भी अंधेरा ही था सुबह नही हुई थी। रूम मे आते ही उसने अपनी टी शर्ट निकाल दी उसकी टी शर्ट पसीने से भीग चुकी थी। मै उसके सीने से लग गई और उसे किस करने लगी उसके पसीने की खुशबू मुझे मदहोश कर रही थी।

मै भी उसे चुसने लगी मेरे मुंह मे उसके पसीने का टेस्ट आ रहा था। अब उसने एक हाथ मेरे टी शर्ट उठा मेरे चूचे पर रख दिया और दूसरा हाथ मेरे पैन्ट में घुसा मेरी बूर पर रख दिया मेरी आह निकल गई। मेरी बूर पसीने से भीग कर चू रही थी।

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मैने भी अपना हाथ उसके पैन्ट के अन्दर डाल उसके लन्ड को पकड़ लिया। अब उसके पैन्ट और चड्डी को उतार दिया तो उसने भी मेरा टी शर्ट और पैंट उतार दिया। अब हम दोनो पूरे नंगे थे। उनसे मेरी गान्ड पकड़ मुझे गोद मे उठा किस करने लगा और बाथरूम मे ले गया मेरी चूत उसके लन्ड पर घिस रही थी। मै अपने हाथ से उसके लन्ड को पकड़ अपने चूत पर घिसने लगी। “Coaching Girl Sath Sex”

मै: अब डाल दो अब बर्दास्त नही होता।

अंशु:(मेरे कन्धे पर काटते हुए) नही यही तो लिमिट है।

अब वो अपने हाथ से मेरे चूत को सहलाने लगा मै उसके गोद मे ही अकड़ने लगी और झड़ गई। अब उसने मुझे उतार दिया और पीछे घुमा मेरी जांघों के बीच लन्ड दबा कर मेरी जांघों को चोदने लगा उसका लन्ड मेरी बूर पर घिस रहा था.

मेरी आह निकल रही थी मै फिर कांपने लगी अब वो भी जल्दी जल्दी करने लगा और हम दोनो झड़ गए। अब हम दोनो नहा कर बाहर आ गए और कपड़े पहन सो गए। अब हमारी नींद 8 बजने वाला था तब खुला। हमने मिलकर खाना बनाया और खाकर क्लास चले गए।

क्लास के बाद मैने पुछा कि मै तुम्हारे साथ रहने आ जाऊं। उसने हस कर हां कह दिया। अब मै अपने रूम से कुछ कपड़े और किताब ले कर उसके रूम पर आ गई। आते ही मैने उसे पकड़ लिया और किस करने लगी।

अंशु: अरे अभी कुछ खा कर पढ़ाई कर लो।

अब रात को खाना खा हम पढ़ाई करते हैं। उसके बाद हम कपड़े खोल खुब चूसा चाटी करते हैं मै उसका लन्ड चूसती हूं इस बार मै उसका सारा रस पी गई उसने मेरी बूर चाट चाट कर पानी पी गया। अगली सुबह 3 बजे हम फिर स्टेडियम गए और दौड़ लगाया और आ कर फिर चुसाई करी।

अगले दिन क्लास से वापस आईं तो मेरे पैर दर्द हो गया था दौड़ने की वजह से। अब रात को मै हॉफ शॉर्ट और टी शर्ट पहनी थी। वो तेल गर्म कर लाया और मेरे पैर की मालिश करने लगा मेरे तलबे चूमते हुए उन्हे दबाने लगा मेरी नसों को दबाने लगा मेरी हड्डियों को दबाने लगा मेरी आह निकल गई।

अब उसने मेरे शॉर्ट उतार दिया और मुझे उल्टा लिटा मेरे जांघों और गान्ड की मालिश करने लगा अब टी शर्ट उतार मेरी कमर और पीठ की मालिश करने लगा मेरे कंधे और बाजू की मालिश करने लगा मेरा पूरा शरीर हल्का लग रहा था.

मै आपको बता दूं सेक्स करने मे जितना मजा आता है उससे कम मजा नही आता जब कोई इस तरह से मसाज कर दे। अब वो मुझे सीधा लिटा मेरे चूचों की मालिश करने लगा अब पेट पर तेल गिरा पेट की मालिश करने लगा मेरी तो जान निकल गई थी।

अब उसने गर्म तेल हाथ में ले उन्हें मेरी चूत पर रख दिया मेरी सिसकारी निकल गई अब वो चूत की मालिश करने लगा मै कामुक हो आ आ करने लगी उसने कभी भी बूर के छेद के अन्दर कुछ नहीं डाला था बस पेडू क्लीट और फांकों को चूसता सहलाता और बूर के मुंह पर चूमता।

मै भी सोच ली थी कि डालूंगी तो इसका लन्ड ही नही तो कुछ नही। अब कुछ देर बाद झड़ कर शान्त हो गई मै। तो मै उठी और उसके कपड़े उतार उसकी मालिश करने लगी। पहले मैंने उसे उल्टा लिटा दिया, उसके कन्धे और उसके बाजू की खुब मालिश की उसकी पीठ की खुब मालिश की.

मेरे नाज़ुक हाथों से उसे कुछ हो नही रहा था उसने और जोर से करने कहा तो मै उसके पीठ पर बैठ गई और अपने चूतड़ों से मालिश करने लगी कुछ देर बाद मै उसकी गांड़ की मालिश करने लगी। अब उसके पर को हाथ से दबाने लगी उसे कुछ नही हो रहा था तो वो सीधा हो लेट गया और मुझे अपने पैर पर चढ़ने बोला।

मै दीवाल पकड़ उसके पैर पर चढ़ कर दबाने लगी मेरी चूत उसके सामने थी अब उसके पैर का दर्द कुछ कम हुआ तो मै उसके कमर पर बैठ उसके सीने की मालिश करने लगती अपने चूचों से उसके सीने को मसाज करने लगी।

अब नीचे आ उसके पेडू पर मसाज करने लगी बहुत देर से उसका लन्ड खड़ा था तो उसे मसाज करने लगी वो आ आ करने लगा अब मैं उसके ऊपर लेट उसके लन्ड को अपनी चूत से मसाज देने लगी। कुछ देर बाद हम दोनो झड़ गए और खुद को साफ कर सो गए।

अब हम दिन मे 2 या 3 बार खुब मस्ती करते बाकि टाईम पढाई करते और सुबह स्टेडियम जाते और आ कर मस्ती करते और नहाते। एक दिन संडे था तो मै किचेन मे सुबह खाना बना रही थी तभी नीचे वाला फ्लोर पर रहने वाला लड़का मकान मालकिन से बोल रहा था कि अंशु लड़की के साथ रह रहा है।

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मकान मालकिन ने उसे डांट कर भगा दिया कि उसके लिए छुट है वो ऐसा वैसा लड़का नही है तुम्हे रहना है रहो नही तो खाली करो। मै सोचने लगी कहीं ये भी तो पसन्द नही करती इसे। अब खाना खाते समय मैने पुछ ही लिया।

मै: सुनो कही तुम मकान मालकिन से चक्कर तो नही चला रहे, वो तुम्हे कुछ नही बोलती मेरे यहां रहने पर ।

अंशु: पागल हो क्या?

मै: तो बात क्या है?

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अंशु: अरे जब मै शुरु शुरु यहां रहने आया था तो उनकी बेटी को मुझसे प्यार हो गया था लेकिन मै उसे समझा कर उसका ध्यान पढ़ाई पर लगा देता हूं वो ये जानकर बहुत खुश हुई और कहने लगी कि आज के जमाने मे कोई और लड़का होता तो मेरी बेटी की जिन्दगी बर्बाद हो जाती, तभी से वो मुझे कहीं जानें नही देती यही रहता हूं।

मै: बडा तुमसे सबको प्यार हो जाता है?

अंशु: क्यों तुम्हे भी तो हो गया था।

मै मन में कहती हूं कि मुझे अभी भी है, शादी करूंगी तो तुमसे ही चाहे इसके लिए जान चली जाए। अब हम लिव इन की तरह रहने लगे जब तक उसके भाई की गर्मी की छुट्टी ख़त्म नही हो गई। इन 24 दिनो मे मै ना जाने कितना उसको प्यार करी.

ना जाने कितनी बार उसके लन्ड को चूसा उसका गर्म पानी पिया ना जाने कितनी बार उसने मेरी बूर चाटी सिर्फ बीच मे मेरे पीरियड आ गए तो उन 4,5 दिन उसने बूर नही चाटी होगी।

मै कभी कभी उसे अन्दर डालने को भी कहती लेकिन वो हमेशा मना कर देता। और मुझे समझाने लगता। कभी तो मेरा मन होता की उसके लन्ड पर जबरदस्ती कूद जाऊं और निगल जाऊ उसे अपनी बूर में । कभी सोचती कि इसे वायग्रा खिला दूं चुपके से तब इसके पास मुझे चोदने ke सिवा कोई चारा नहीं होगा।

मै यूंही ख्याली पुलाव बनाती रहती, लेकिन डर लगता था उसे धोखा देने से मेरी रूह कांप जाती। लेकिन इन 24 दिनो मे उसने मेरा इतना ख्याल रखा की मै कभी भूल नही सकती, वो मुझे उठाता खाना मिलकर बनाता मेरे बाल बनाता मेरे सर की मालिश करता, मुझे अपने हाथ से खाना खिलाता वो मेरे जिन्दगी के अब तक के बेस्ट दिन लगे थे।

इन सब के बाबजूद वो कभी भी पढ़ाई मे कंपरमाइज नही करता, वो मुझे भी पढ़ाता था और जब मुझसे कुछ गलती हो जाती तो मेरे गान्ड पर जोर से मारता था मेरी चीख निकल जाती थी लेकिन मजा भी बहुत आता था।

उसके साथ रह कर मुझे भी पढ़ने की आदत पड़ गई और मेरे भी टेस्ट में अच्छे नम्बर आने लगे थे। लेकिन अब मुझे अपने रूम मे आना पड़ा. उसके बाद कभी मेरी रूम मेट घर जाती तो वो मेरे रूम पर आ जाता और हम मस्ती करते।

कुछ दिन मे मुझसे बर्दास्त नही हुआ तो मै 5 लड़कियों के साथ मिल उसके घर के सामने के फ्लैट में सिफ्ट हो गई। वो 5 लड़कियां खिड़की से उसके रूम मे उसे देखती रहती और गन्दी गन्दी बातें करती उन्हे नही पता था कि जिस बॉडी को वो दूर से घूरती हुई अपनी बूर सहलाती हैं वो बॉडी मै चूसती हूं उससे खूब प्यार करती हूं और अपनी बूर घिसती हूं।

अब यहां आने से मै उसके साथ स्टेडियम जाती और अंधेरे मे कभी कभी किस करती। कभी उसका भाई स्कूल गया होता तो मै जल्दी से उसके रूम मे जाकर मस्ती करती। मेरे फ्लैट मे साड़ी लड़कियां थीं तो सबके क्लास अलग अलग जगह और अलग अलग टाईम पर थे तो मेरा फ्लैट कभी खाली ही नही रहता।

कभी कभी सारी शॉपिंग करने जाती तो ही खाली रहता। अब यूंही मस्ती करते हुए समय बीत गया और हमारा कोर्स पूरा हो गया और हम अलग हो गए मै उससे आखरी बार अच्छे से मिल भी नही सकी इतने दिन में उसने मुझे अपना नम्बर नही दिया।

अब 2 साल बीत गए मै 2 साल से अपने होम टाउन मे ही थी अपने घर पर। इन दो सालो मे मै कितना तड़पी उसके लिए मै बता नही सकती। अब मुझसे बर्दास्त नही हो रहा था मेरा शरीर दिमाग का साथ नही दे रहा था।

उससे कोई कॉन्टैक्ट नही था सभी के पास फोन कर पुछ ली, खूब मिन्नत की, लालच दी उसके दोस्तों से की उसका नंबर दे दो, मै अपनी फ्रेंड की सेटिंग करा दुंगी, लेकिन कोई टस से मस नही हुआ कोई कुछ बताता भी नही कि वो कहा है क्या कर रहा है।

एक दिन अचानक मुझे याद आया कि उसका एड्रेस मैने कही लिखा था मैने अपने सारे डायरी बुक, नोट्स सभी छान मारे दो दिन की ताबड़तोड़ मेहनत के बाद आखिर मुझे मिल गया उसका एड्रेस। मै उसे देख खुब रोई खुशी से। वो मेरे घर से 20 केएम दूर एक गांव था। “Coaching Girl Sath Sex”

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अब मै सीधा अपने ससुराल तो पहुंच नही जाती कि मै हूं आपकी बहू। तो मैंने पहले उसके गांव के बारे मे पता किया तो पता चला कि उसके गांव के कुछ दूर के एक छोटे से कस्बे मे एक हाई स्कूल है वही से उसने हाई स्कूल पास किया है।

मै अगले दिन ही वहा पहुंच गई वहां पहुंच मै ऑफिस मे गई उसकी तस्वीर और नाम बता टीचर और स्टाफ से पुछने लगी कुछ नए थे तो नही पहचान पाए लेकिन सारे पुराने लोग पहचान गए मैने सभी से पुछा की किसी के पास उसका कोई कॉन्टैक्ट डिटेल है तो किसी के पास नही था तो मै अब एडमिशन फाइल ढूंढने लगी सभी मेरी मदद करने लगे।

एक ने कहा की यहां क्यों ढूंढ रही हो वो फलाने गांव का है सीधा वही चली जाओ मैने बोल दिया कि शादी के पहले ससुराल कैसे चली जाऊं। सभी हंसने लगे। कुछ देर की मेहनत के बाद एडमिशन फाइल मिल गई लेकिन उसमे सिर्फ एड्रेस था।

मै काफी निराश हो गई। तभी एक पुरानी टीचर ने कहा कि उसके गांव से बच्चे तो आते ही हैं यहां पढ़ने उससे मिल जाएगा नम्बर। फिर वो एक क्लास मे जाती हैं और हंसते हुए आती हैं, और कहती हैं कि एक के पास उसके पापा का नंबर है।

मै काफी खुश हो गई और उनके नंबर पर वहीं से कॉल कर दी। मै काफी खुश थी और अन्दर से डर भी रही थी कि मै कैसे उसके पापा से बात करुंगी क्या कहूंगी उन्हे, क्या क्या दिमाग मे आ रहा था मै बता नही सकती थी। अब उन्होने फोन उठा लिया मेरी दिल की धड़कन तेज हो गई।

पापा: हेलो कौन।

मै: प्रणाम पापा जी मै काजल बोल रही हूं अंशु कहा है?

पापा: अंशु तो बेटा ट्रैनिग में है उसकी आर्मी मे ट्रेनिंग चल रही है।

मै: उसका नंबर है आपके पास दे दीजिए।

पापा काफी सीधे निकले उन्होने नम्बर दे दिया।

पापा: पर बेटा आपने बताया नही कौन काजल कहा से बोल रही हैं।

मै उसका नम्बर मिलने की खुशी में पागल हुए जा रही थी।

मै: मै आपकी बहू काजल हुं और आपके बेटे के ससुराल से बोल रही हूं।

मै झट से कॉल काट देती हूं। अब घर आ रात को, मै उसे कॉल लगाती हूं मै काफी खुश थी।

अंशु: हां जी कौन?

मै थोड़ी देर कुछ नही बोली।

अंशु: हां जी कौन हैं?

मै: हेलो……. बोल मै रोने लगी।

अंशु: कमिनी तू मेरा नंबर कहां से मिला तुझे।

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मै: ढूंढ़ने से सब कुछ मिल जाता है ये तो तेरा नंबर है। वैसे मेरी आवाज पहचान गए तुम, लगता है अभी तक याद हूं।

अंशु: तुझे याद नही करुंगा तो किसे याद करुंगा जाने मन एक तू ही तो इन सर्द भरी रातों का सहारा है.

मै: तो कभी कॉल क्यों नही किया मुझसे कॉन्टैक्ट करना इतना मुश्किल तो नही था।

अंशु: इंतजार जाने मन इंतजार, जो मजा इन्तजार में है वो दिदारे यार मे कहां।

मै: बहुत जाने मन जाने करने लगे हो किसी कश्मीरी को दिल दे बैठे हो क्या?

अंशु: अरे नही जाने मन तुझे तो पता है मुझे ये प्यार व्यार पसंद नही है।

मै: याद आती है मेरी तो मिलने क्यों नही आते कभी।

अंशु: अरे आता हूं ना अभी ठंड खत्म होने पर सियाचीन से निकलूंगा तो गर्मी में मै आ जाऊंगा छुट्टी मे.

मै: पक्का वादा करो।

मेरी सच्चे प्यार की कहानी 1 | Chudai Ki Hot Sexy Kahani

अंशु: अरे पक्का वादा। अब हम कुछ देर बात करते हैं वो सीडीएस का एग्जाम दे आर्मी मे ऊंची पोस्ट पर गया था। अब कभी कभी हमारी बात होने लगी नॉर्मल ही। मै उससे कहना चाहती थी कि मै उसके बिना मर जाऊंगी लेकिन कह नही पा रही थी। कहानी अभी बाकि है दोस्तों आगे क्या हुआ जानने के लिए क्रेजी सेक्स स्टोरी पढ़ते रहिये मैंने जल्दी ही कहानी का अगला भाग लेकर आपके सामने हाज़िर हुंगी.

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