वीर्य से भरी मामी की मांग

मैं अनमोल, 33 साल का जवान लड़का, लखनऊ का रहने वाला, अभी तक कुँवारा। मेरी हाइट 5 फीट 8 इंच, रंग गोरा, और मेरा लंड 7.5 इंच लंबा और 3.5 इंच मोटा है। दोस्तों, मुझे हमेशा से औरतों की गहरी और लंबी नाभि का शौक रहा है। ऐसी नाभि जो इतनी बड़ी हो कि उसमें नींबू समा जाए, चाहे वो किसी लड़की, आंटी, भाभी या दीदी की हो। उसे चूसने, चाटने, काटने और बस उसी के पास बैठे रहने का मन करता है। नाभि देखकर मेरा दिल मचल जाता है, और मैं उसमें खो जाना चाहता हूँ।

ये कहानी 2012 की है, जब मैं 23 साल का था। लखनऊ में कुछ दोस्तों से झगड़े की वजह से पापा ने मुझे पढ़ाई के लिए दिल्ली भेज दिया। दिल्ली में मैं पहली बार अपने मामा के घर गया था। 10 जून 2012 को मैं निकला और 11 जून की सुबह दिल्ली पहुँच गया। मामा ने अपने ड्राइवर को मुझे घर लाने के लिए भेजा था। गाड़ी से घर पहुँचते ही मेरी मामी बाहर आईं। उन्होंने मुझे गेट पर रोक लिया और बोलीं, “रुक जा, अनमोल!” फिर वो आरती की थाली लेकर आईं, मेरी आरती उतारी, और बोलीं, “अब अंदर आ जा।”

मेरी मामी का नाम निशा है, उम्र 35 साल, रंग गोरा, और जिस्म ऐसा कि कोई भी देखकर पागल हो जाए। उनका फिगर 36-30-32 का था, बिल्कुल वैसा जैसा मुझे पसंद है। जैसे ही वो अंदर की ओर बड़ीं, उनकी कमर पर टंगा चाबी का गुच्छा नीचे गिर गया। जब वो उसे उठाने के लिए झुकीं, उनकी साड़ी थोड़ी सरक गई, और मुझे उनके गोरे, भरे हुए बूब्स दिख गए। वाह, क्या नजारा था! बिल्कुल पके पपीते की तरह, मुलायम और रसीले। जैसे ही वो उठीं, उनकी साड़ी और हटी, और मैंने उनकी नाभि देख ली। करीब दो इंच गहरी, तीन इंच लंबी, एकदम गोल। उसे देखकर मेरा लंड धीरे-धीरे टाइट होने लगा। मन में ख्याल आया कि शायद मामी अपनी नाभि रोज मामा के लंड से चुदवाती होंगी, तभी इतनी गहरी है। मैं नजरें नीचे करके अंदर चला गया।

मामी ने कहा, “बैठ जा, मैं नाश्ता लाती हूँ।” मैंने पूछा, “मामा कहाँ हैं?” उन्होंने बताया कि मामा किसी काम से कनाडा गए हैं और एक महीने बाद लौटेंगे। ये सुनकर मेरे मुँह में पानी आ गया। मन में लड्डू फूटने लगे कि ये मौका है, शायद मामी को पटा सकूँ। शाम हुई, फिर रात। मैं अपने कमरे में था जब मामी ने आवाज लगाई, “अनमोल, खाना खा लो!” मैं डाइनिंग रूम में गया। वहाँ मामी ने टाइट जीन्स और टॉप पहना था। टॉप इतना टाइट कि उनके बूब्स बाहर निकलने को बेताब थे। ब्रा की डोरी साफ दिख रही थी, और जीन्स नाभि से पाँच इंच नीचे बँधी थी, जिससे उनकी गहरी नाभि साफ नजर आ रही थी। मुझे लगा, शायद मामी को पता चल गया है कि मुझे उनकी नाभि देखना पसंद है। खाना खाते वक्त मैं बार-बार उनकी नाभि को घूर रहा था, और उन्होंने मुझे ऐसा करते देख लिया।

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खाना खाने के बाद मैं अपने कमरे में चला गया। रात करीब 9 बजे मामी ने फिर आवाज लगाई, “अनमोल, इधर आ!” मैं उनके कमरे में गया। वहाँ उन्होंने जालीदार मैक्सी पहनी थी, जिसमें उनकी स्टाइलिश ब्रा और पैंटी साफ दिख रही थी। वो मुस्कुराते हुए बोलीं, “क्या दूर से ही देखता रहेगा? आ, यहाँ बिस्तर पर बैठ।” मैंने पूछा, “मामी, आपने मुझे क्यों बुलाया?” वो बोलीं, “मुझे अकेले सोने में डर लगता है। सोचा, तू यहीं सो जा। मुझे डर कम लगेगा, और तुझे भी अच्छी नींद आएगी।” मैंने कहा, “ठीक है, मैं सोफे पर सो जाता हूँ।” वो तुरंत बोलीं, “नहीं, सोफे पर क्यों? मेरे पास बिस्तर पर सो जा।” मैं हिचकिचाया, “नहीं, मामी, ऐसा कैसे?” वो बोलीं, “क्यों नहीं? मेरे पास सोने में क्या दिक्कत है?” मैंने कहा, “ठीक है, सो सकता हूँ।”

मैं उनके बिस्तर पर लेट गया। मामी ने पूछा, “सो गया क्या?” मैंने कहा, “नहीं।” फिर वो बोलीं, “कुछ अपने बारे में बता। तेरी कोई गर्लफ्रेंड है?” मैंने कहा, “नहीं, मामी, कोई गर्लफ्रेंड नहीं है।” वो हँसते हुए बोलीं, “तो क्या, तूने कभी सेक्स भी नहीं किया?” मैं चौंक गया, “मामी, आप ये क्या पूछ रही हैं?” वो बोलीं, “हाँ, पूछ रही हूँ। बता, किया है या नहीं? और करना चाहेगा?” मैंने हिचकते हुए पूछा, “किसके साथ?” वो धीरे से बोलीं, “मेरे साथ।” मैंने कहा, “नहीं, मैं आपके साथ ऐसा कैसे कर सकता हूँ?” वो बोलीं, “क्यों नहीं? सुबह से मेरी नाभि और बूब्स को घूर रहा था। तब क्या तेरे मन में सेक्स की इच्छा नहीं जागी?”

मैंने सोचा, ये मौका छोड़ना नहीं चाहिए। मैंने हिम्मत जुटाकर कहा, “ठीक है, लेकिन मेरी एक शर्त है। मैं आपको शादी के जोड़े में, सुहागरात की तरह चोदना चाहता हूँ।” मामी मुस्कुराईं, “वाह, कितना सेक्सी ख्याल है! मुझे बहुत पसंद आया। ठीक है, मैं एक घंटे में तैयार होकर तुझे बुलाती हूँ।”

एक घंटे बाद मामी ने आवाज लगाई, “अनमोल, आ जा!” मैं उनके कमरे में गया। उन्होंने लहंगा-चोली पहनी थी, पीछे से चोली पूरी खुली, सिर्फ दो डोरियों से बँधी थी। ब्रा नहीं थी, और बूब्स आधे बाहर झाँक रहे थे। लहंगा उनकी नाभि से 6 इंच नीचे बँधा था, चूत के ठीक ऊपर। उनकी गहरी नाभि और भी सेक्सी लग रही थी। उन्होंने मेरे पैर छुए और बोलीं, “पहले मेरी माँग भरो, फिर मैं तुझे सुहागरात मनाने दूँगी।” मैंने उनकी माँग में सिन्दूर भरा और उन्हें बिस्तर पर लेटा दिया।

मैंने पूछा, “निशा, तेरी नाभि इतनी गहरी कैसे?” वो बोलीं, “अब मुझे मामी मत बोल, सिर्फ निशा कह। और तुम, तू बोल। ठीक है?” मैंने कहा, “ठीक है।” फिर वो बोलीं, “तेरे मामा मेरी नाभि रोज चूसते, चाटते, और उसमें लंड डालकर चोदते हैं। इसीलिए इतनी गहरी है।” मैंने कहा, “तेरी नाभि मुझे बहुत पसंद है।” वो बोलीं, “तो फिर देर किस बात की, जानू? चाट, चूस, और मजे ले!”

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मैंने उनकी नाभि पर जीभ फेरी। निशा के मुँह से सिसकियाँ निकलने लगीं, “आआह्ह्ह… ऊऊऊ… और अंदर जीभ डाल… इस्स्स्स… मर गई!” मैंने उनकी नाभि को चाटना शुरू किया, जीभ को गोल-गोल घुमाया। वो चिल्लाईं, “हाँ, जानू… और जोर से… ऊऊईईई… कितना मजा आ रहा है!” मैंने उनकी नाभि में हल्के से दाँत गड़ाए। वो बोलीं, “हाँ, काट… इसे लाल कर दे… आआह्ह्ह!” मैंने उनकी नाभि में उंगली डाली, गोल-गोल घुमाई। निशा ने मेरी उंगली पकड़कर और अंदर दबाई, “हाँ, ऐसे ही… और अंदर… ऊऊफ्फ… मर गई!”

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फिर मैंने एक चॉकलेट उनकी नाभि में रखी और उसे चाटते हुए नाभि को मुँह में भर लिया। निशा चीखीं, “आआह्ह्ह… ऊऊईईई… जानू, कितना मजा दे रहे हो!” मैंने उन्हें पलट दिया और उनकी नंगी पीठ पर चूमना शुरू किया। उनकी चोली की डोरियाँ खोल दीं। चोली हटते ही उनके गोरे, कसे हुए बूब्स बाहर आ गए। मैं उन पर टूट पड़ा, जोर-जोर से चूसने लगा। निशा सिसक रही थीं, “आआह्ह्ह… और जोर से… ऊऊईईई… दबा… चूस… मेरा दूध निकाल दे!” मैंने उनके निप्पल्स को मुँह में लिया, हल्के से काटा। वो चिल्लाईं, “हाँ, जानू… ऐसे ही… ऊऊफ्फ… मर गई!”

मैंने उनका लहंगा खोला। निशा सिर्फ पैंटी में थी, जो गीली हो चुकी थी। मैंने पैंटी उतारी, लेकिन निशा बोलीं, “नहीं, आज चूत नहीं। मेरा मन सिर्फ नाभि सेक्स का है। मेरे बूब्स दबा, दूध निकाल, और नाभि को चोदकर और गहरी कर दे।” मैंने कहा, “तू हर तरह से सेक्सी है, निशा।” मैंने अपना लंड उनकी नाभि में डाला। निशा बोलीं, “मजा नहीं आ रहा।” फिर उन्होंने मेरा लंड पकड़ा और मुठ मारने लगीं, “तेरे मामा ने मुझे कभी लंड चूसने नहीं दिया। मुझे तेरा लंड चूसना है।” मैंने कहा, “चूस, मेरी जान!”

निशा ने मेरा लंड मुँह में लिया, चूसने लगीं। “वाह, कितना बड़ा लंड है तेरा… मामा का तो आधा भी नहीं!” वो जोर-जोर से चूस रही थीं, “चप… चप… स्स्स…” 20 मिनट तक चूसने के बाद मैंने कहा, “निशा, मैं झड़ने वाला हूँ!” वो बोलीं, “प्लीज, मेरे मुँह में ही अपना सारा पानी छोड़ दे। मुझे तेरे लंड का पानी पीने की बहुत इच्छा है।” मैंने अपना गरम-गरम वीर्य उनके मुँह में डाल दिया। निशा ने उसे चूस-चूसकर पी लिया, और फिर मेरी ओर देखकर मुस्कुराईं, “आह्ह, कितना स्वादिष्ट है तेरा वीर्य, जानू!”

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लेकिन मेरा लंड सिकुड़ गया, और मैं उदास हो गया क्योंकि मैं अभी नाभि को चोद नहीं पाया था। निशा मेरे मन की बात समझ गईं। वो फिर से मेरे लंड पर मुठ मारने लगीं और उसे मुँह में लेकर चूसने लगीं। उनके गर्म होंठों और जीभ के स्पर्श से मेरा लंड फिर से लोहे की रॉड की तरह खड़ा हो गया। निशा बोलीं, “लो, अब इसे जल्दी से मेरी नाभि में डाल!” मैंने उनका लहंगा थोड़ा और नीचे सरकाया, उनकी गहरी नाभि को फिर से देखा। मेरा 7.5 इंच का लंड उनकी नाभि में डाला। मेरा मोटा लंड उनकी नाभि में फिट हो गया, और मैंने धीरे-धीरे चोदना शुरू किया। निशा के मुँह से सिसकियाँ निकलने लगीं, “आआह्ह्ह… ऊऊक्क… आईईईई… उईईई… माँ, और तेज चोद मेरी नाभि को!”

मैंने रफ्तार बढ़ाई, और हर धक्के के साथ निशा की सिसकियाँ तेज होती गईं, “हाँ… और जोर से… ऊऊफ्फ… चोद दे मेरी नाभि को… आआह्ह्ह!” उनकी नाभि इतनी टाइट थी कि मेरा लंड उसमें जकड़ सा गया था। मैं लगातार चोदता रहा, और निशा चिल्ला रही थीं, “हाँ, जानू… और गहरा… मेरी नाभि को और बड़ा कर दे… ऊऊईईई!” करीब 30 मिनट तक मैं उनकी नाभि को चोदता रहा। निशा बार-बार कह रही थीं, “हाँ, और चोद… मैं रोज तुझसे चुदवाऊँगी!” आखिरकार मैं झड़ने वाला था। निशा बोलीं, “सारा वीर्य मेरी नाभि में भर दे!” मैंने अपने लंड से गरम-गरम वीर्य की पिचकारी उनकी नाभि में मारी। उनकी नाभि वीर्य से लबालब भर गई, और कुछ बूँदें बाहर बहने लगीं।

निशा ने मेरे वीर्य को उंगली से उठाया और अपनी माँग में भर लिया। वो बोलीं, “जानू, तूने मेरी माँग सिन्दूर से भरी, और अब मेरे वीर्य से भी भर दी। अब मैं पूरी तरह तेरी हो गई!” फिर उन्होंने बाकी वीर्य को अपने पेट पर मला और बोलीं, “इससे मेरा जिस्म और निखर जाएगा।” मैं थककर उनके बगल में लेट गया।

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