मेरी बहन की सहेली की सील पैक चुत

मेरा नाम रवि है, दिल्ली का रहने वाला हूँ और एक आईटी कंपनी में काम करता हूँ, मस्त 6 फीट का मेरा लंड है जो मस्त सुख दे सकता है। चलो अब मैं ज्यादा पकाता नहीं हूँ और सीधा कहानी पर आता हूँ। ये कहानी मेरे बहन की सहेली तृप्ति की है, उम्र 23 साल, हाइट 5 फीट, बदन 36-25-38, बहुत ही गोरी और मस्त चिकना बदन जिसे देख के किसी का भी मन उसे चोदने का करे।

ये कहानी 5-6 महीने पुरानी है जब मेरी बहन तृप्ति को घर ले आई, असल में तृप्ति के घर वाले 20-25 दिनों के लिए अब्रॉड गए थे। सो उसकी मॉम ने मेरे मॉम से बात की और हमारे यहाँ उसे रहने देने को कहा और मेरे मॉम ने हाँ कर दी। जब तृप्ति हमारे घर आई तब मैं ही मॉम को जा के पूछा कि ये सब क्या चल रहा है तब मॉम ने बताया।

तृप्ति और मेरी बहन साथ कॉलेज जाते और साथ पढ़ते, तृप्ति से मेरी बात कभी-कभार होती, उसको देखते ही उसको चोदने का मन करता और मैं मेरे कमरे में जा के मुट्ठ मारता और प्लान करता कैसे इसको चोदूँ। मेरे और मेरे बहन की स्टडी स्ट्रीम सेम है और वो मुझे डाउट्स पूछने आती, तब मेरी तृप्ति से ज्यादा बातें होती, धीरे-धीरे हम अच्छे दोस्त बन गए।

एक दिन तृप्ति को पढ़ाते वक़्त मैं उसके बूब्स को देखता रहता था, और वो जान गई थी मैं क्या देख रहा हूँ। वो अचानक उठ के वहाँ से चली गई और मैं डर गया था कि ये मेरी बहन को कुछ बता न दे।

पर थैंक गॉड ऐसा कुछ नहीं हुआ। 3 दिन बाद, गाँव से कॉल आया कि मेरे दादाजी की डेथ हो गई है, घर से सब गाँव गए पर मैं जा न पाया क्योंकि मेरे क्लाइंट यूएस से आए हुए थे और बीइंग ए टीम लीडर मेरा जाना मुश्किल हो गया था, सो डैड बोले तू रुक जा 2-3 दिन में आ जाना।

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अब घर में मैं और तृप्ति ही थे, मैंने दिन भर ऑफिस में बैठ कर प्लान किया कैसे मैं तृप्ति की चूत मारूँ, उस रात को मैं आते वक़्त कंडोम्स और वियाग्रा की गोलियाँ ले के आया, और साथ में एक मज़ा की बोतल भी।

घर जा के डोर बेल बजाई तब तृप्ति को देख के पागल सा हो गया पर मैंने कंट्रोल किया, खाना खा के मैंने मज़ा की बोतल ली और ग्लास में सर्व किया, एक ग्लास में वियाग्रा मिला दिया और तृप्ति को पिला दिया।

थोड़ी देर में हम अपने-अपने कमरे में चले गए, मैं बस गोली के असर होने का वेट किया। मैं उसके कमरे के पास गया और देखा कि वो बेड पे लेट के अपने एक हाथ से बूब्स दबा रही दूसरे से चूत में उंगली कर रही थी।

मैंने इसे सही टाइम समझ के अंदर गया वो डर गई, अपने आप को छुपाने लगी, मैंने उस से कहा क्या हुआ तो वो बोली कुछ नहीं तुम जाओ यहाँ से, पर एक नंगी लड़की चोदे बिना जाना, ऐसा होने नहीं दे सका।

मैं मौका छोड़ने वाला नहीं था, मैं गया और उसको जबरदस्ती दबोच लिया। वो बोली ये सब क्या कर रहे हो ये सब सही नहीं है, मैंने कहा चुप बैठ और बस मेरा साथ दे, और मैंने उसको लिप लॉक कर दिया और उसके बूब्स को मसलने लगा।

10 मिनट तक वो झटपटाई, मैंने एक थप्पड़ रख दिया उसके गाल पर, और अपना काम करने लगा, पर बाद में वो भी मेरा साथ देने लगी। अचानक वो रुकी और मेरे पैंट को उतारने लगी, मेरे लंड को अपने हाथों में लिया और तुरंत उसे चूसने लगी, पास में एक कैडबरी थी उसने सारा चॉकलेट मेरे लंड को लगाया और उसपे टूट पड़ी, पागलों की तरह मेरा लंड चूस रही थी।

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मैं तो जैसे पागल हो रहा था, आह.. आह.. वाह.. यस… 15 मिनट बाद मैं उसके मुँह में झड़ गया और उसने सब थूक दिया बाथरूम जा के।

अब मेरी बारी थी, उसने कहा कि मेरे हाथ बाँध दो और मुझे पूरा प्यार दो, चाहे कुछ भी हो रुकना मत, मुझे हार्ड सेक्स चाहिए, मैंने वैसा ही लिया और उसके हाथों को बेड को बाँध दिया उसके दुपट्टे से, उसके लिप्स से स्टार्ट किया, फिर बूब्स को काटा।

वो तो सेक्सी आवाज़ें निकाल रही थी, ओह या, ओह या.. यस कम ऑन, डोंट स्टॉप, हार्डर एंड हार्डर, आह… आई… येह… मैं तो ये सुन के उसकी चूत पे किस करने लगा, वो ज़ोर ज़ोर से आवाज़ें निकाल रही थी, यस माय बेबी, मैं फीलिंग अमेज़िंग, कम ऑन हार्डर एंड मच हार्डर, या आह, ओह।

10 मिनट बाद वो झड़ गई। अब हमने 69 की पोजीशन ली और खूब चूसा एक दूसरे को। अब तो मैं टाइम आ गया था मैं खड़ा हुआ और उसकी टाँगें फैलाई, उसने बोला दर्द होगा क्या, मैंने कहा हाँ होगा पर मज़ा आएगा, वो बोली कि मैं अगर रोकूँ भी तो मत रुकना और फाड़ देना मेरी चूत।

ये सुन मैंने अपने लंड का सुपड़ा उसकी पिंक चूत पे रखा, और एक धक्का लगाया, मेरा आधा लंड अंदर घुस गया, वो चिल्लाई और बोली न रुक जाओ, आआआहह… आहह… नो…. प्लीज़ स्टॉप.. प्लीज़ .. लेकिन मैं कहाँ रुकने वाला था।

एक और धक्का मारा और पूरा का पूरा अंदर डाल दिया वो रो रही थी, चीख रही थी.. आहह.. ओह.. ओहह.. अब मैं रुका, लंड अंदर ही था। एक दो मिनट में अपनी गांड उठा के मुझे संकेत दे रही थी, मैं समझ गया और मैं उसे तेजी से चोद रहा था और वो आआहह.. हनी… हार्डर मच हार्डर.. ऐसे कर रही थी… या.. ओह.. वाह..

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जब मैं झड़ गया और लंड बाहर निकाला तब देखा कि बेडशीट पूरी खून से भरी हुई थी, मैं तृप्ति को उठा के बाथरूम ले गया और फिर शावर सेक्स किया। उस रात को हमने 4 बार सेक्स किया, अब जब भी हमें चांस मिलता है हम सेक्स करते हैं।

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