मेरा नाम सपना चौधरी है। मैं रोहतक की रहने वाली हूँ। पापा के गुजरने के बाद मैं और मेरी माँ अपने ताऊ मोहन चौधरी के पास रहने आ गए। मेरे पापा ट्रक ड्राइवर थे, और एक सड़क हादसे में उनकी मृत्यु हो गई। तब से हम ताऊ जी के घर में रह रहे हैं।
एक रात मैं बाथरूम जाने के लिए उठी, तो ताऊ जी के कमरे से जोर-जोर की आवाजें सुनाई दीं—ऊऊऊउन… आआआअ… आहा हाह हा। मैंने दरवाजे से झाँककर देखा तो मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई। ताऊ जी मेरी माँ को जोर-जोर से चोद रहे थे।
माँ अपने मम्मों को दोनों हाथों से पकड़े हुए थीं और चिल्ला रही थीं, “जेठ जी! जोर से पेलिए… जोर से! क्या वक्त के साथ आपकी मर्दानगी भी कम हो गई है? और जोर से चोदिए मुझे!” ये सुनकर मेरा दिमाग भन्ना गया।
पापा को गए अभी चार महीने भी नहीं हुए थे, और माँ ताऊ जी से रात में छुप-छुपकर चुदवा रही थीं। मुझे गुस्सा तो बहुत आया, लेकिन मैंने सोचा कि पहले इनको चुदवा लेने दूँ, फिर बात करूँगी। मैं वहीँ खड़ी होकर माँ को ताऊ जी से चुदते देखने लगी।
माँ की चूत जितनी बड़ी थी, ताऊ जी का लौड़ा उससे कहीं ज्यादा मोटा और भारी था। वो माँ को किसी रंडी की तरह ठोक रहे थे। मैंने उस वक्त कुछ नहीं कहा, लेकिन सुबह जब माँ अच्छे से चुद चुकी थीं, तो मैंने उनसे सवाल-जवाब शुरू कर दिए।
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
“मम्मी! साफ-साफ बताइए, कल रात दो बजे के आसपास आपको मेरे साथ कमरे में होना चाहिए था। आप कहाँ थीं? सच-सच बताइए!” मैंने पूछा।
“ब…ब…बेटी… वो मैं… वो मैं…” माँ हड़बड़ा गईं।
“मम्मी! मुझे सब पता है। आप ताऊ जी के कमरे में थीं और उनसे मजे से चुदवा रही थीं। आपको शर्म नहीं आती? एक विधवा होकर अपने जेठ का लंड लेती हैं। आपको तो शर्म से डूब मरना चाहिए!” मैंने गुस्से में कहा।
माँ मुझसे माफी माँगने लगीं कि अब ऐसा नहीं करेंगी। लेकिन दोस्तों, माँ रोज रात को छुप-छुपकर ताऊ जी के पास जातीं और मजे से चुदवातीं। उन्हें चुदाई का ऐसा चक्कर लगा कि वो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। मैं भी छुप-छुपकर उन्हें देखती। ये सिलसिला कई दिन तक चला। एक रात ताऊ जी ने मुझे किसी काम से बुलाया। उन्हें उनकी दवा चाहिए थी। जब मैं दवा लेकर गई, तो ताऊ जी ने मेरा हाथ पकड़ लिया।
“सपना बेटी! जो रात में होता है, क्या तुझे अच्छा लगता है?” उन्होंने पूछा।
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
“जी ताऊ जी! मैंने आपको मेरी माँ को चोदते देखा है,” मैंने साफ कहा।
ताऊ जी ने मुझे दोनों हाथों से पकड़ा और मेरे गाल पर एक पप्पी दे दी। “बेटी! जो मैं रात में तेरी माँ के साथ करता हूँ, वही अगर मैं तेरे साथ करूँ, तो तुझे भी बहुत मजा आएगा। बोल, करूँ?” उन्होंने पूछा।
“…जी,” मैंने सिर हिलाकर हामी भर दी।
उसके बाद ताऊ जी ने मेरे साथ वो सारी मीठी-मीठी हरकतें शुरू कर दीं। बार-बार मेरे गालों पर पप्पी देने लगे। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। आज मैं ताऊ जी की माल बनने वाली थी। उनका मोटा-सा लौड़ा सिर्फ माँ ही क्यों खाए, मुझे भी तो मिलना चाहिए। मैंने उस वक्त नारंगी रंग का सलवार-सूट पहन रखा था। मैं 21 साल की जवान लड़की थी। मेरे मम्मे 30 साइज के थे, कमर 28 की और गाँड 32 की। मेरी जैसी मस्त कुड़ी देखकर ताऊ जी की आँखों में चमक आ गई। उन्होंने मेरा दुपट्टा हटा दिया।
मुझे अपनी बाहों में खींचकर मेरी साँसें पीने लगे, फिर मेरे होंठ चूसने शुरू कर दिए। कुछ ही देर में ताऊ जी का कठोर, पत्थर-जैसा हाथ मेरे नर्म-नर्म, छोटे लेकिन रसीले मम्मों पर चला गया। उनके बड़े-से हाथ में मेरे मम्मे किसी नींबू जैसे लग रहे थे।
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
ताऊ जी जोर-जोर से मेरे नींबू-से मम्मे दबाने लगे और मेरे होंठ पीने लगे। मुझे बहुत मजा आने लगा। आज ताऊ जी मुझे चोदने वाले थे, ये सोचकर मैं रोमांचित थी। मैं आज तक कभी नहीं चुदी थी, इसलिए बहुत उत्साहित थी। वो मेरे होंठ मजे से चूस रहे थे।
मैं उनके सामने एक बच्ची-सी लग रही थी, और वो मेरे सामने किसी जंगली सांड जैसे थे, जो कुंवारी गायों को बाजार में दौड़ाकर चोद देता है। आज मैं एक बाप की उम्र के मर्द से चुदने वाली थी, वही मर्द जो मेरी माँ को रोज रात में पेलता था। ताऊ जी ने मेरे होंठ खूब अच्छे से चूसे। मेरी चूत पानी-पानी हो गई।
“सपना बिटिया… अगर चुदाई का मजा लेना है, तो सूट निकाल दे, बेटी!” ताऊ जी बोले।
मैंने तुरंत दोनों हाथ ऊपर करके सूट उतार दिया। मैंने नीचे कमीज़ पहनी थी। मैं भी चुदवाने के पूरे मूड में थी, इसलिए मैंने कमीज़ भी उतार दी। मेरे छोटे-छोटे नींबू-से मम्मों को देखकर ताऊ जी का दिल बाग-बाग हो गया। वो पागल-से हो गए और मेरे नींबू तोड़ने दौड़े। मेरे मम्मों को हाथ में लेकर इतनी जोर से दबाया कि मेरी सिसकारी निकल गई।
“ताऊ जी, आराम से… आप मेरे नींबू दबा रहे हैं, माँ के बड़े-बड़े आम नहीं!” मैंने कहा। ये सुनकर उन्हें याद आया कि वो मेरी माँ को नहीं, मुझे दबा रहे हैं। ताऊ जी का हाथ किसी सनी देओल के ढाई किलो के मुक्के जैसा था। वो हल्के-हल्के मेरे 30 साइज के मम्मे दबा रहे थे, लेकिन मुझे लग रहा था कि वो बहुत जोर से निचोड़ रहे हैं। कहाँ ताऊ जी 60 साल के थे, प्रेम चोपड़ा जैसे दिखते थे, और कहाँ मैं 21 साल की जवान लड़की थी।
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
मैं उनके सामने बिल्कुल बच्ची लग रही थी। ताऊ जी ने मुझे अपने पास लिटा लिया और मुँह लगाकर मेरे मम्मे चूसने लगे। मेरा एक-एक नींबू पूरा का पूरा उनके मुँह में समा रहा था। वो मजे से लपर-लपर करके मेरे मम्मे पीने लगे।
“सपना बेटी! तेरी माँ के दूध इससे छह गुना बड़े हैं। मैं तो रात में रोज पीता हूँ। तेरी माँ की चूत तो रबड़ी-मलाई जैसी है। आहा… उस छिनाल की चूत मारने में बहुत मजा आता है!” ताऊ जी ने बताया।
“ताऊ जी! आज मुझे भी चोद-चोदकर छिनाल बना दो। हाँ, मुझे भी छिनाल बनना है!” मैंने दृढ़ विश्वास के साथ कहा।
ताऊ जी अब और खुश लग रहे थे। उनकी बड़ी-सी सफेद दाढ़ी थी, जो वो कभी नहीं बनाते थे। उन्होंने मेरा एक नींबू चूसने के बाद दूसरा मम्मा मुँह में भर लिया और चबा-चबाकर पीने लगे। नीचे मेरी चूत पानी-पानी हो रही थी, क्योंकि आज पहली बार कोई मर्द मुझे छू रहा था।
ताऊ जी का एक हाथ नीचे की ओर बढ़ गया। मैं समझ गई कि वो क्या करने वाले हैं। मैंने अपने सलवार का नाड़ा खींचने की आवाज सुनी। मेरे दिल में खलबली मच गई। रोज खिड़की-दरवाजे से माँ को “हा हा हा… ऊँ ऊँ ऊँ” करते देखती थी, और आज वही मेरे साथ होने वाला था। मैं बहुत रोमांचित थी। ताऊ जी ने मेरी सलवार खोल दी। मैंने दोनों पैर ऊपर कर दिए। प्रेम चोपड़ा जैसे दिखने वाले ताऊ जी ने मेरी सलवार उतार दी। मैंने मरून रंग की सूती, हवादार चड्डी पहन रखी थी, जिससे मेरी चूत में हवा अच्छे से आती-जाती थी। ताऊ जी ने मेरी चड्डी भी उतार दी। हाय राम! मैं उनके सामने पूरी नंगी हो गई।
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
ताऊ जी ने मेरे नींबू चूसना बंद किया और मेरे पतले, कमसिन पेट को चूमते हुए मेरी नाभि पर आ गए। अपनी जीभ डालकर मेरी नाभि चूसने लगे। मुझे बहुत गुदगुदी होने लगी, लेकिन मैंने किसी तरह बर्दाश्त किया। “नहीं… रहने दो, ताऊ जी!” मैं हँसते-खिलखिलाते हुए बोली। लेकिन वो प्रेम चोपड़ा मेरी नाभि से देर तक खेलता रहा। आखिर में ताऊ जी मेरी रसीली, माल से तर चूत पर आ गए।
“सपना बेटी! एक बात कहूँ, तेरी चूत तेरी माँ की चूत से बहुत मिलती है। तू उसकी असली बेटी है!” वो तुलना करने लगे।
फिर उन्होंने अपनी जीभ नीचे से ऊपर तक मेरी चूत पर फेरी और मेरा चूत का माल सटक लिया। “बेटी! तेरी चूत का स्वाद तो बिल्कुल तेरी मम्मी जैसा है!” वो बोले और जोर-जोर से सुपड़-सुपड़ की आवाज करते हुए मेरी बुर पीने लगे। ताऊ जी की घनी सफेद दाढ़ी में भी मेरा माल लग गया।
वो मजे से सुड़क-सुड़क करके मेरी रसीली चूत पीने लगे। मेरी चूत मानो मीठे पानी का सोता थी। जितना ताऊ जी पीते, उतना ही पानी निकल आता। फिर उन्होंने अपना तहमत खोल दिया। अंदर उन्होंने कच्छा नहीं पहना था। शायद माँ को रोज चोदते-चोदते सोचने लगे होंगे कि कौन रोज कच्छा पहने और उतारे।
ताऊ जी मेरे ऊपर लद गए। उनका वजन शायद 90 किलो या एक क्विंटल होगा। उन्होंने अपनी मोटी तोंद मेरे पतले पेट पर रख दी, तो मुझे उनके भारी वजन से दम घुटने लगा। एक बार तो लगा कि कहीं चुदवाने से पहले मर न जाऊँ। ताऊ जी ने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया।
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
मेरी सील टूट गई। ताऊ जी मुझे चोदने लगे। मेरी चूत में बहुत जोर का दर्द होने लगा। मैं किसी मछली की तरह तड़पने लगी। ताऊ जी हचक-हचक मुझे चोदने लगे। मेरी पतली-सी चूत में उनका बड़ा, लंबा, खूँटे-जैसा लौड़ा बहुत अजीब और अटपटा लग रहा था।
ऐसा लग रहा था जैसे कोई बाप अपनी बेटी को पेल रहा हो। लेकिन ताऊ जी बिल्कुल प्रेम चोपड़ा बन चुके थे और जोर-जोर से मुझे पेल रहे थे। मेरी छोटी-सी, प्यारी-सी चूत में उनका लंड बहुत अजीब लग रहा था। वो मुझे पकापक चोदने लगे।
मुझे अपनी नाजुक-सी चूत में कोई मोटी चीज हरकत करती महसूस हुई। फिर भी चुदने में पूरा मजा आ रहा था। ताऊ जी ने मेरे दोनों हाथ कसकर पकड़ रखे थे। मैं हाथ छुड़ाना चाहती थी, लेकिन ताऊ जी के बलिष्ठ हाथों ने मुझे जकड़ रखा था। वो सटासट चोद रहे थे।
कुछ देर बाद मेरा दर्द कम हो गया। ताऊ जी का लौड़ा आराम से मेरी चिकनी चूत में अंदर-बाहर जाने लगा। मैं अपनी कमर ऊपर उठाने लगी। एक पल को मेरी आँखों के सामने अंधेरा छा गया। मुझे लगा कि मैं मर चुकी हूँ। लेकिन फिर ताऊ जी की प्रेम चोपड़ा जैसी तस्वीर मेरे सामने थी।
वो मुझे जोर-जोर से चोद रहे थे। मेरी चूत में उनका लंड दे रहे थे। उनकी आँखों में मेरी चूत मारने का लालच था। उनकी नजरों में वासना थी, और मेरी चूत में उनका लंड था। सब कुछ परफेक्ट था। “हा हा हूँ हूँ हूँ…” करके ताऊ जी हुमक-हुमक के धक्के दे रहे थे। फिर वो झड़ गए।
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
वो मेरे ऊपर लेटने वाले थे, लेकिन मैंने मना कर दिया, क्योंकि उनके वजन से मैं मर जाती। “बेटी सपना! तू बड़े कमाल की चीज है। आज तेरा हुनर मैंने देख लिया… तू मस्त माल है!” ताऊ जी अपने टूटे दाँतों से मेरी तारीफ करने लगे। फिर से मेरे नींबू को हाथ में लेकर दबाने लगे।
कुछ देर बाद ताऊ जी ने मुझे अपने पेट पर बिठा लिया। मुझे उछालकर मेरी चूत में लंड डाल दिया और मजे से चोदने लगे। मैं नंगी उनके पेट पर बैठकर डिस्को डांस करने लगी। ताऊ जी मेरे नितंब दबा-दबाकर मुझे ठोकने लगे। मेरे कमसिन, 30 साइज के छोटे लेकिन ठीक-ठाक मम्मे मजे से थिरक रहे थे।
ताऊ जी मुझे नीचे से चोदने लगे। मेरी पतली कमर किसी नागिन की तरह बल खा रही थी। मेरी कमर पर चर्बी का एक टुकड़ा भी नहीं था। बिल्कुल पतली, मलाई-सी कमर थी। ताऊ जी ने मेरी कमर को दोनों हाथों से पकड़ लिया और मुझे उछाल-उछालकर चोदने लगे।
मेरे चिकने, काले बाल नीचे की ओर झूल रहे थे और बहुत सेक्सी लग रहे थे। “ताऊ जी! जोर से… जोर-जोर से मुझे लीजिए, जैसे रोज रात में मेरी माँ को लेते हैं!” मैंने उत्तेजना में कह दिया। ताऊ जी और ललच गए और नीचे से मेरी चूत में गहरे-गहरे धक्के देने लगे।
मैं निखरकर चुदने लगी। ताऊ जी के खूँटे-जैसे मोटे लंड पर मेरा बदन किसी स्टैंड की तरह नाचने लगा। मेरी कमर गोल-गोल करके नाचने लगी। ताऊ जी मेरे चिकने, गोल-गोल नितंब सहला-सहलाकर मुझे चोदने लगे। कुछ देर बाद वो थक गए।
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
“बेटी सपना… मैं तो तेरी चूत के आसमान में धक्के दे-देकर थक गया हूँ। अब तू धक्के मार!” ताऊ जी बोले।
ये सुनकर मैं उछल-उछलकर ताऊ जी के लंड की सवारी करने लगी। ऐसा लग रहा था जैसे मैं किसी बड़े समुद्र में छोटी-सी नाव पर बैठकर चप्पू चला रही हूँ। फिर भी मजा आ रहा था। कुछ देर तक मैं ताऊ जी के लंड की घुड़सवारी करती रही। फिर ताऊ जी ने ताकत बटोरी और नीचे से मुझे जोर-जोर से धक्के मारने लगे। फिर उन्होंने अपना गर्म-गर्म पानी मेरी बच्ची-सी दिखने वाली चूत में छोड़ दिया। मैं ताऊ जी पर गिर पड़ी और जोर-जोर से साँसें लेने लगी। “चुद गई… चुद गई… मेरी बच्ची!” ताऊ जी खुश हो गए। फिर वो मेरे ऊपर और नीचे के होंठों को चूम-चूमकर खेलने लगे।
“बेटी सपना, अपनी चुदाई की बात अपनी माँ से मत बताना। कोई भी माँ, चाहे जितनी बड़ी चुदक्कड़ हो, चाहे जितनी बड़ी छिनाल हो, अपनी बेटी को किसी गैर मर्द से नहीं चुदवाना चाहेगी। मैं तेरा कोई खसम तो हूँ नहीं। मेरे पास तुझको चोदने का कोई लाइसेंस तो है नहीं। इसलिए, बेटी सपना! गलती से भी ये बात अपनी माँ को मत बताना!” ताऊ जी बोले। मैंने अपनी माँ को ये बात नहीं बताई। और आज भी, दोस्तों, मैं ताऊ जी का लंड खाती हूँ।
क्या आपको ये Young Daughter Sex की कहानी पसंद आई? अपनी राय नीचे कमेंट में जरूर बताएँ!