सेक्स की प्यास

किरदारों का परिचय:

  • हयात: 19 साल की जवान लड़की, गोधरा की रहने वाली। गोरी, लंबे काले बाल, 34-28-36 का फिगर, भरी-पूरी छातियाँ, और कसी हुई कमर। उसकी आँखों में शरारत और जिस्म में आग। पढ़ाई में ठीक-ठाक, लेकिन लड़कों को अपनी अदा से लपेटने में उस्ताद।
  • अब्दुल: हयात का पहला बॉयफ्रेंड, 21 साल का। साँवला, दुबला-पतला, और गैराज में मैकेनिक। बातों में मस्त, लेकिन बिस्तर पर बेकार।
  • असलम: हयात का कजिन, 20 साल का। मध्यम कद, गठीला बदन, हल्की दाढ़ी। पड़ोस में रहता है और किराने की दुकान चलाता है।
  • सोहेल: 19 साल का, हयात का कॉलेजमेट। शर्मीला, चश्मिश, और पढ़ाई में तेज। लेकिन लड़कियों से बात करने में हकलाता और बिस्तर पर नामर्द।
  • रियाज (पेटी): 20 साल का, कॉलेज का स्टाइलिश लड़का। मजाकिया, फ्लर्टी, और लड़कियों में पॉपुलर। मध्यम कद, साँवला, और हमेशा फैशनेबल।
  • कबीर: 21 साल का, कॉलेज सीनियर। साइबर कैफे में काम करता है। गोरा, मस्कुलर, और लड़कियों को इम्प्रेस करने में माहिर।
  • जीशान: हयात का मौजूदा बॉयफ्रेंड, 22 साल का। लंबा, स्मार्ट, और गंभीर। मोबाइल शॉप में सेल्समैन।

हाय दोस्तों, मेरा नाम हयात है। मैं गोधरा की एक तंग गली में रहती हूँ, जहाँ हर कोई एक-दूसरे की जिंदगी में झाँकता रहता है। 19 साल की हूँ, गोरी, लंबे काले बाल, और फिगर ऐसा कि लड़के लाइन मारते हैं। मेरी छातियाँ भरी-पूरी, कमर कसी हुई, और गाँड ऐसी कि लोग घूरते रह जाएँ। लेकिन मेरी असली कहानी मेरे जिस्म की भूख है। मेरी चूत की आग ऐसी है कि एक लंड से बुझती ही नहीं। हर साल मैं नया बॉयफ्रेंड बनाती हूँ, क्योंकि मेरा दिल और चूत एक मर्द से संतुष्ट नहीं होते। आज मैं तुम्हें अपनी वो कहानी सुनाऊँगी, जिसने मुझे चरित्रहीन का तमगा दिलाया।

पहला नंबर था अब्दुल का। 21 साल का, साँवला, दुबला-पतला, और गैराज में मैकेनिक। उसकी बातों में देसी मस्ती थी, लेकिन बिस्तर पर वो नामर्द निकला। हम गोधरा के एक सुनसान पार्क में मिलते। वो मेरे चूचों को हल्के से दबाता, थोड़ा चूमता, और बस सो जाता। “हयात, तू तो माल है,” वो कहता, लेकिन उसका लंड मेरी चूत की प्यास बुझाने लायक नहीं था। “अब्दुल, तू तो बेकार है, यार। तेरे जैसे नामर्द से क्या फायदा?” मैंने उसे ताने मारते हुए कहा। उसका मुँह लटक गया, और मैंने उसे डंप कर दिया।

फिर आया असलम, मेरा कजिन। 20 साल का, गठीला बदन, हल्की दाढ़ी, और पड़ोस की बिल्डिंग में रहता था। वो अपनी किराने की दुकान संभालता था और रोज मेरे घर आता। मम्मी-पापा उससे मेरी शादी की बात करने लगे। “असलम सच्चा लड़का है,” मम्मी कहती थीं। लेकिन मुझे उसका जिस्म चाहिए था, शादी का लड्डू नहीं। रात को मम्मी-पापा ऊपर बेडरूम में सोते, और मैं, मेरा छोटा भाई, और असलम नीचे फर्श पर बिस्तर बिछाकर लेटते। मेरा भाई हमारे बीच में सोता था।

इसे भी पढ़ें  भैया की मालिश बहन की चुदाई

एक रात, जब सब सो चुके थे, असलम चुपके से मेरे पास सरक आया। उसने मेरे चूचे पर हाथ रखा। मेरी साँसें तेज हो गईं। “हयात, तू सो रही है?” उसने फुसफुसाया। मैं चुप रही, लेकिन मेरी चूत गीली होने लगी। उसने मेरे चूचों को जोर से दबाया। “आह… असलम, क्या कर रहा है?” मैंने धीमी आवाज में कहा। “बस, तुझे मजा दे रहा हूँ,” उसने हँसते हुए कहा। उसने मेरी सलवार में हाथ डाला और मेरी चूत को सहलाने लगा। “कितनी गीली है तेरी चूत,” वो बोला। मेरी चूत अब पूरी तर थी। उसने मेरे होंठों पर चूमना शुरू किया। मैंने भी उसका साथ दिया। उसकी उंगलियाँ मेरी चूत में अंदर-बाहर हो रही थीं। “आआह… असलम, और जोर से…” मैं सिसक रही थी।

आप यह Desi Girl Chudai हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

हर रात वो यही करता—मेरे चूचे दबाता, चूत में उंगली करता, और फिर सो जाता। लेकिन वो मेरी चूत को लंड नहीं देता था। “असलम, तू बस उंगली करता है? तेरा लंड तो काम का ही नहीं, नामर्द कहीं का!” मैंने गुस्से में कहा। वो चुप हो गया, और मैंने उसे भी छोड़ दिया।

मेरी प्यास अब और बढ़ गई थी। फिर मैंने सोहेल को पटाया। 19 साल का, कॉलेजमेट, चश्मिश, और पढ़ाई में तेज। लेकिन लड़कियों से बात करने में हकलाता था। हम कॉलेज के पीछे गार्डन में मिलते। वो मेरे हाथ पकड़ता, हल्का सा चूमता, और बस। “हयात, मुझे डर लगता है,” वो बुदबुदाता। “सोहेल, तू तो बिल्कुल बच्चा है। तेरे जैसे डरपोक से मेरी चूत की आग नहीं बुझेगी,” मैंने उसे ताना मारा। वो शरमा गया, और मैंने उसे भी अलविदा कह दिया।

फिर आया रियाज, जिसे सब पेटी बुलाते थे। 20 साल का, स्टाइलिश, और कॉलेज में लड़कियों का चहेता। कॉलेज की पिकनिक में हम दस लोग हिल स्टेशन गए। वहाँ रियाज ने मुझे एक सुनसान जगह पर ले जाकर चूमा। उसने मेरे चूचों को जोर से दबाया। “हयात, तेरे चूचे तो मस्त हैं,” उसने कहा। मैं गर्म हो रही थी। उसने मेरी सलवार में हाथ डाला और उंगलियों से मेरी चूत को रगड़ा। “आआह… पेटी, और कर…” मैं सिसक रही थी। लेकिन उसने मुझे पूरा नहीं चोदा। “बस इतना ही? तेरा लंड तो काम का नहीं, पेटी। मेरी चूत को पूरा लंड चाहिए,” मैंने उसे ताना मारा। वापसी में कार में भी उसने उंगली की, लेकिन मेरी चूत की भूख पूरी नहीं हुई। मैंने उसे भी छोड़ दिया।

इसे भी पढ़ें  अंजाने में मॉम की चुदाई

तब मेरी जिंदगी में आया कबीर। 21 साल का, कॉलेज सीनियर, गोरा, मस्कुलर, और साइबर कैफे में काम करता था। वो लड़कियों को इम्प्रेस करने में उस्ताद था। मैं रोज उसके साइबर कैफे जाती। वो मुझे कैबिन में ले जाता, मेरे चूचों को दबाता, चूमता, और मेरी चूत में उंगली करता। “हयात, तेरा जिस्म तो आग है,” वो कहता। मैं भी उसका पूरा साथ देती। लेकिन कैबिन में चुदाई नहीं हो सकती थी।

एक दिन कबीर ने फोन किया। “हयात, आज साइबर मत आ। मेरे घर आ, मैं अकेला हूँ।” मेरी चूत ने जैसे उछल मारी। मैंने तुरंत तैयार होकर हाँ कर दी। दोपहर के तीन बजे मैं उसके घर पहुँची। उसका घर छोटा, लेकिन साफ-सुथरा। उसने मुझे बेडरूम में ले जाया, चाय पिलाई, और मेरे पास सोफे पर बैठ गया।

आप यह Desi Girl Chudai हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

उसने मेरा चेहरा पकड़ा और मेरे होंठों पर चूमना शुरू किया। हम पागलों की तरह चूस रहे थे। “हयात, आज तेरी चूत को फाड़ दूँगा,” उसने कहा। “कबीर, दिखा ना तेरा लंड कितना दम रखता है,” मैंने उसे ललकारा। उसने मेरे चूचों को जोर-जोर से दबाया। “आआह… कबीर, और जोर से दबा मेरे चूचे…” मैं सिसक रही थी। उसने मेरी कमीज और सलवार उतार दी। मैं ब्रा और पैंटी में थी। उसने भी अपने कपड़े उतारे। “हयात, तेरा जिस्म तो माल है,” उसने कहा और मेरी ब्रा-पैंटी भी खींच दी।

वो मेरी चूत को चाटने लगा। उसकी जीभ मेरी चूत के अंदर-बाहर हो रही थी। “आआह… कबीर, चाट मेरी चूत… और जोर से…” मैं चिल्ला रही थी। “तेरी चूत का रस तो मस्त है, हयात,” वो बोला। मैं शरम से लाल हो गई, लेकिन मजा ले रही थी। उसने मेरी चूत में उंगली डाली और तेजी से अंदर-बाहर करने लगा। “उउह… कबीर, अब लंड डाल दे… मेरी चूत तरस रही है…” मैंने कहा।

उसने अपना लंड निकाला—सात इंच लंबा, तीन इंच मोटा। “देख, हयात, ये तेरी चूत का भोसड़ा बना देगा,” उसने हँसते हुए कहा। “कबीर, तेरा लंड तो उन नामर्दों से कहीं बेहतर है,” मैंने अब्दुल और असलम को ताना मारते हुए कहा। उसने लंड मेरे मुँह पर रखा। मैंने उसे चूसना शुरू किया। “आह… हयात, तू तो रंडी की तरह चूसती है…” वो सिसक रहा था। मैंने कहा, “कबीर, चूसने में तो मैं उस्ताद हूँ, अब चोदके दिखा।”

इसे भी पढ़ें  Chudai triangle - Nikita ek Bf ko Cuckold banakar dusre bf se chudi

उसने मेरी चूत पर लंड रखा और एक जोरदार धक्का मारा। “आआह… कबीर, धीरे… फट जाएगी मेरी चूत…” मैं चीखी। उसने मेरे मुँह पर हाथ रखा और एक और झटका मारा। “चप… चप… चप…” की आवाजें कमरे में गूँज रही थीं। “हयात, तेरी चूत कितनी टाइट है… ले मेरा लंड…” वो बोला। “आआह… कबीर, चोद मुझे… फाड़ दे मेरी चूत… उन नामर्दों की तरह मत रुकना…” मैं चिल्ला रही थी। वो जोर-जोर से धक्के मार रहा था। “पच… पच… पच…” की आवाजें और मेरी सिसकारियाँ—“उउह… आआह…”—कमरे को गर्म कर रही थीं।

वो मुझे बीस मिनट तक चोदता रहा। मेरी चूत में दर्द और मजा एक साथ था। “कबीर, तू तो मर्द है… उन बेकार लड़कों की तरह नहीं,” मैंने उसे तारीफ की। जब उसका पानी निकलने वाला था, उसने लंड मेरे मुँह में डाल दिया। “हयात, ले मेरा माल…” वो बोला। मैंने सारा रस चाट लिया। “कबीर, तूने तो मेरी चूत को जन्नत दिखा दी,” मैंने हँसते हुए कहा। फिर हमने कपड़े पहने, और मैं घर चली गई।

आप यह Desi Girl Chudai हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

बाद में कबीर दूसरी जगह काम करने चला गया। हमारा मिलना बंद हो गया। अब मेरा नया बॉयफ्रेंड जीशान है। वो मेरी चूत की आग बुझाता है, और मैं उसके लंड की दीवानी हूँ।

दोस्तों, मेरी कहानी(Chudai Kahani, Hindi Sex Story, Desi Chudai, Garam Ladki, Boyfriend Sex, Indian Sex Story, Desi Erotic Tale, Hindi Adult Story, Sexy Indian Girl, Erotic Narrative) कैसी लगी? क्या तुम्हें भी मेरी तरह हर बार नया लंड चाहिए? कमेंट में जरूर बताओ!

Related Posts

Leave a Comment