प्रियंका दी की चुदाई – Pura Nanga Pariwar

मेरा सबसे चनिष्ठ मित्र विशु मेरे साथ एक ही कमरे में रहता था। अक्सर वह कमरे में पूर्णत निवस्त्र यानि नग्न ही रहता था। किसी बाहर वाले के आने पर बस एक हल्का गमछा लपेट लेता था। मैं कई बार उसके घर गया, उसकी बहनों के घर गया तो पता चला कि वे शरीर को ही सबसे पवित्र मानते हैं और उसके परिवार में नग्नता सामान्य है। वे सभी कोल मार्ग के पूजक है।

इसका अनुभव मुझे पिछली बार हुआ जब मैं उसकी बहन प्रियंका दी के घर गया। हुआ यों कि विशु ने कहा कि जीजाजी एक महिने के लिए बाहर गये हैं। ये प्रियंका दी का कुछ पेपर है बहुत जरूरी है, में नहीं जा सकूंगा, तुम चले जाओ और प्रियंका दी का सारा काम करा कर ही आना चाहे बीस पच्चीस दिन लगे में तुम्हारा काम और वेतन यहाँ एडजस्ट करता दूँगा। असलदर यहां उसकी एक प्रेमिका रहती थी। मुझे अपनी बहनों के यहाँ भेजकर वह उसे बुला लेता था। इस कारण वह हमेशा मुझे ही भेजता। उसकी बहनें और सभी कोई मुझे बहुत प्यार करते थे। अपनों से भी ज्यादा और मुझे भी वहाँ बहुत मन लगता था।

इसलिए मैं भी तुरंत राजी हो गया। वहाँ जाकर देखा तो प्रियंका दी और उसकी बेटी प्रिया मेरा बेसब्री से इंतजार कर रही थी । प्रियंका दी बहुत सुन्दर है। यही कोई 30-3 वर्ष की । लेकिन 24-25 वर्ष से ज्यादा की नहीं लगता है। सुंदर और सुघड़ शरीर 34 साईज के चुची और 36 के कुल्हे, रंग रूप , सौन्दर्य ऐसा कि अप्सरा भी मात खा जाए। चेहरे पर मुस्कान उसके रंग रूप को और निखार देती थी । उसकी बेटी प्रिया को देखा वह भी बड़ी हो गयी थी 16 वर्ष की रंग रूप और सुन्दरता में अपनी माँ पर गयी थी । जवानी भी खिलकर आयी थी। चेहरा गोल मटोल, गुलाबी पंखुड़ियों जैसे होठ बिल्कुल अपनी माँ जैसी ही और माँ जैसे सुन्दर गोल गोल चुची और चुतड़ों की गोलाई भी पूरे विकसित हो गये।

आते ही वह मुझसे लिपट गयी जब उसके गोल गोल चुची मेरे सीने से टकराये तो मुझे उसके यौवन का अहसास हुआ लेकिन वह लिपट कर मेरे गोद में ही बैठ गयी। मैने भी उसे प्यार से पूरी तरह अपने में समेट लिया। फिर मैने उसके लिए बॉकलेट आदि जो ले गया था वह दिया वह मेरे गोद में ही बैठे बैठे खाने लगी। चूंकि में कुर्ता पजामा ही ज्यादा पहनता हूँ और अंदर अंडरवियर जांघिया आदि नहीं पहनता हूँ तो इतनी युवा कन्या के मेरे गोद में बैठने से मेरा लंड उतेजित हो गया जो प्रिया के चुतड़ों की छेद के बीच जाकर कर सेंट हो गया।

प्रिया और ज्यादा मुझसे चिपक कर अंदर तक घुसकर बैठ गयी। शायद उसे भी अच्छा लग रहा था। वह गिर नहीं जाए इसलिए मैने उसे पकड़कर और ज्यादा अपने से चिपका लिया और अनयास ही अनजाने में मेरा हाथ उसके चुचियों पर चला गया मैं हाथ हटना चाहा तो प्रिया ने मेरा हाथ अपने चुचियों पर दबा लिया । मुझे उसके मुसलाय चुचियों को दबाने में बहुत अच्छा लगा । पूर्ण विकसित अच्छे संतरे के इतने बड़े बड़े बहुत ही मुलायम और सुन्दर चुची थे । मैं उसके चुचियों को दबाते हुए अपने से चिपका लिया ।

मेरा उत्तेजित लंड उसके निंतबों के बीच सेट हो गया था और वह मजे से चाकलेट खा रही थी । मैं उसे गोद में बिठाये प्रियंका दी से बातें करने लगा। घर बार समाचार की बहुत सारी बातें करने के बाद प्रियंका दी बोली – प्रिंस उठो हाथ मुंह धोकर कुछ खा पी लो। तुमने तो आकर चाय नास्ता भी नहीं किया। मैने कहा असल में मार्केट में जब प्रिया के लिए टॉफी खरीद रहा तभी एक पहचान वाला मिल गया उसी के साथ काफी नारता कर लिया अब सीधे रात का खाना खाउंगा। फिर मैने बाथरूम में जाकर नहा कर निकला तो खाना तैयार था। हमलोग प्यार से साथ बैठकर खाये और खाने के बाद सोने की तैयारी करने लगे।

प्रियंका दी ने मुझे एक छोटा सा गमछा दिया बोली सारे कपड़े उतार कर इसे पहन लो। रात को शरीर में हवा लगना अच्छा रहता है। मैं वैसे भी नीचे अंडरवियर आदि तो नहीं पहनता हूँ। विशु के साथ रहकर मुझे भी बिना कपड़ों के ही सोने की आदत हो गयी थी और प्रियंका दी के साथ उतना पर्दा भी नहीं था। प्रिंयका दी ने भी सारे कपड़े खोलकर एक हल्का गमछा लपेट लिया और प्रिया ने तो अपने सारे कपड़े उतार के पूरी नंगी ही आ गयी और मेरे गोद में चढ़ कर बैठ गयी । मेरा उत्तेजित लंड खड़ा होकर गमछे से बाहर आ गया और प्रिया की बुर में रगड़ खाने लगा । प्रिया गिर नहीं जाए इसलिए मैंने उसके चुचियों तो दबोच कर अपने में चिपका लिया और उसके होठो को चुमते हुए प्यार करने लगा । बहुत देर तक प्यार करने के बाद मैंने उसे गोदी से उतार दिया और गेस्ट रूम में सोने के लिए जाना चाहा तो प्रियंका दी बोली – क्यों ! हमारे साथ सोने से तुम्हे छूत की बिमारी लग जाएगी क्या ? चलो हमारे साथ ही सोओ।

वैसे भी तुम्हारे जीजाजी नहीं है और रात को मुझे डर लगता है और गेस्ट रूम में एसी भी नहीं है फिर हम लोग साथ में ही सो गये । बीच में मैं था और दोनों मेरे अगल बगल थी। कमरे हल्की गुलाबी रोशनी थी। हम लेट लेटकर बातें कर रहे थे और एकदम एक दूसरे से से सटे हुए थे , सटे हुए क्या चिपके हुए ही थे । बेड पर लेटते ही प्रियका दी का गमछा खुल गया था और वह पूर्ण रूप से नग्न हो गयी थी उसने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया और सामान्य रूप बाते करती रही उसने मेरी और करवट कर अपनी एक जाँघ मेरे उपर रख दी तो मेरा भी गमछा खुल गया था और में भी पूरा नंगा हो गया। में चित लेता हुआ था और दोनों मॉ बेटी मेरी और करवट लेकर अपनी एक एक जाँघ मेरे उपर रखे हुए थी। हम तीनों ही निवसत्र थे।

प्रिया बोली – हाँ अब अच्छा लग रहा है। दोनों के जाँघ और चुचियों का भार मेरे सीने के उपर था और अपने बाहों में मुझे ले रखा था । दोनो की बुर मेरे जांघों में रगड़ खा रही थी और उन सबके बीच मेरा लंड उत्तेजित होर 90° के कोण पर खड़ा होकर झंडे की तरह लहराते हुए सलामी दे रहा था । मैने भी दोनों हाथों को उनकी कमर के नीचे ले जाकर उनके चुतड़ों की गोलाई ों को दबाकर और ज्यादा अपने से सटा लिया और उनके चुतड़ों की गोलाई ों की सहलाने लगा बहुत अच्छा लग रहा, लग रहा कि मैं स्वर्ग में पहुँच गया हूँ।

प्रिया दी बोली- हमें रात को कपड़े पहन कर सोने की आदत नहीं है रात को हम लोग ऐसे सोते हैं। शरीर के लिए लाभदायक है। रात को तुम्हारे जीजाजी मेरी बुर का रस पीते हैं उसके बिना मुझे नींद नहीं आती है। मैने पूछा और प्रिया ? प्रियंका दी बोली हाँ वो भी रहती है , तुम्हारे जीजाजी उसकी भी बुर का रस पीते हैं । प्रिया की बुर का रस पिये बगैर उन्हें खाना हजम ही नहीं होता है और मुझसे चुदाई किये बगैर उन्हें नींद ही नहीं आती है ।

मुझे आश्चर्य हुआ। बोली- इसमें दिक्कत क्या है, सब तो हम ही लोग रहते हैं कोई बाहर का थोड़े ही ना रहता है। असलदर प्रत्येक पुरुष को बुर रस और प्रत्येक लड़की को लंड रस जरूर पीना चाहिए। शरीर से निकले रस से बढ़‌कर अच्छी चीज शरीर के लिए और कुछ नहीं है। इससे लड़कियों में सुंदरता बरकरार रहती है मैं और प्रिया तो चेहरे और शरीर पर भी स्पर्म के सिवा और कुछ नहीं लगाती हूँ। जब भगवान ने हमें इतनी अच्छी चीजे दी है तो केमिकल आदि लगाकर चहरे और शरीर को क्यों खराब करना।

मैं और प्रिया तो रोज तुम्हारे जीजाजी का लंड चूसकर उनके लंड का रस पीती भी हूँ । यही कारण है कि हम इतने स्वस्थ्य और जवान हैं। नहीं हो हमारी उम्र की और लड़कियों को देख लो। सबके चहरे पर तो झुर्रियां पड़ने लगी है और चुची तो लटक गये है। मैने प्रियंका दी के चुचियों को दबाकर देखा सचमुच किसी किशोरी लड़की की तरह टाईट थे। प्रियंका दी ने कहा मुझे देख कर किसी को विश्वास नहीं होता कि मेरी प्रिया जैसी एक जवान बेटी भी है कहकर उसने प्रिया के बालों में प्यार से हाथ फेरा। मैने कहा- वाह दी।

इतना तो मुझे मालूम नहीं था अब जब तक मैं यहाँ हूँ आपकी बुर का रस रोज पियूंगा। तब प्रिया तुनक कर बोली और मेरा ? मैने कहा तुम्हारी भी बुर का रस रोज पियुंगा । लेकिन तुम्हारा रस निकलता है क्या ? कहकर मैने उसकी बुर में एक अंगुली घुसा दी। उसकी बुर गीली थी। मैने अँगुली निकाल कर चाटा। बहुत स्वादिष्ट था। प्रियका दी ने बताया कि इस उम्र में लड़‌कियों का बुर रस ताजा रहता है और बहुत स्वादिष्ट होता है। तुम पीकर देखो। मैं उठकर प्रिया के पैरों के पास गया और उसके पैरों को मोड़कर दोनों पैरों को फैलाकर उसकी बुर में मुंह लगा दिया। प्रिया के मुँह से आह …आह…. करते हुए सिसकारी भरने लगी ।

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मैंने कसकर अपना मुँह प्रिया के बुर में दबाया और जीभ को उसके बुर के क्लाइटोरिस पर चलाने लगा। क्लाइटोरिस लड़कियों के बुर का जी स्पॉट होता है। प्रिया कुलबुलाने लगी, अपने चुतड़ों की गोलाई ों को बिस्तर पर उछालने लगी। मैने अपनी पूरी जीभ उसकी बुर में डाल दिया और अंदर तक चाटने चूसने लगा। लगे हाथों से उसके चुचियों को भी दबा और सहला रहा था। प्रिया को बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था। उसने मेरे सर को अपनी बुर में दबा लिया और अपनी जाँघों को सटाकर कसकर दबा लिया। मेरा दम घुटने लगा, मैने उसके जांघों को अलग किया और तेजी से बुर के अंदर जीभ चलाने लगा।

प्रिया जोर से आह… उह…. उई माँ… चीखने लगी। कुछ ही देर में प्रिया की बुर से रस का फुहारा छुट पड़ा और प्रिया जोर से चीख मारकर शांत हो गयी। मेरा मुंह बुर रस से लबालब भर गया। मैने पूरा का पूरा रस पी लिया। एक बूँद भी बाहर नहीं जाने दिया। सचमुच बहुत स्वादिष्ट रस था प्रिया की बुर का। फिर भी मैं उसकी बुर को चाटता रहा। प्रिया कई बार स्खलित हुई और मैने सारा का सारा बुर रस पी लिया। फिर मैं प्रिया के दोनो चुचियों को बारी बारी चुसने लगा। प्रिया के चुची कड़क और कठोर थे ऐसा लग रहा कि सोने के सुन्दर बेल को किसी ने सीने में फिट कर दिया और उसमें उसके गुलाबी निप्पल उसकी सुन्दरता को और बढ़ा रहे थे।

प्रिया के दोनों चुचियों को, चूसने में बहुत मजा आ रहा था। एक चुची को दबाता मसलता तो दूसरे को चूसता। प्रिया आह…. आह…. करती रही। बहुत देर चूसने दबाने और मसलने के बाद मैने प्रिया के मुँह को अपने मुँह में ले लिया और उसके गुलाबी ओठों को, उसके मुंह के अंदर जीभ घुसाकर देर तक चुसता रहा। सचमुच बहुत मजा आया। तभी प्रियंका दी बोल उठी- अरे तुम दोनो मामा भगिनी तो भूल गये कि मैं भी यहाँ हूँ। मैने कहा ओह सॉरी दी। मैं तो खो गया था। प्रियंका दी बोली- मैने कहा था न्, कि इस उमर में लड़कियों की बुर का रस बहुत स्वादिष्ट होता है। बोलो कैसा लगा ?

मैने कहा- जी दी, बहुत !! बहुत स्वादिष्ट। मैने इतना स्वादिष्ट रस पुरी जिंदगी में नहीं पी थी।

प्रियंका दी बोली लो अब मेरा पी के देखो, बताना कैसा लगता है? सुनों 69 वाले पोजिशन में आ जाओ तो मैं भी तुम्हारा पी लूंगी। मैंने आज्ञाकारी बालक की तरह सर झुका कर कहा- जी, प्रिंयका दी और फिर प्रियंका दी के बुर की ओर मुँह कर प्रियंका दी के उपर लेट गया। अब प्रियंका दी की बुर में मेरा मुँह था और प्रिंयका दी के मुंह में मेरा लंड। प्रियंका दी ने अपने दोनों पैरों को मोड़ लिया और मेरा सिर दोनों जाँघों के बीच दबा लिया। मैने दोनों जाँघों को अलग किया और प्रियंका दी के बुर के अंदर अपनी जीभ डाल दी।

प्रियंका दी ने मेरा पूरा का पूरा लंड अपने मुंह में गड़प लिया और मैं भी अपनी जीभ प्रियंका दी की बुर में चलाने लगा। जैसे ही मैने प्रियंका दी के पोनि के क्लाइटोरिस पर अपना मुंह लगाया प्रियका दी चिंहुंक पड़ी और अपने दोनों जाँघों को सटा लिया मैनें दोनों जांघों को अलग किया और क्लाइटोरिस में मुंह लगा दिया। मैं देर तक प्रियंका दी बुर और बुर के क्लाइटोरिस को जीभ से चूसते चाटते रहा। प्रियंका की अपनी चुतड़ों की गोलाई ों को उछाल उछाल कर मेरे जीभ को अपनी बुर के एकदम अंदर तक ले रही थी।

इधर मेरी स्पीड बढ़ती तो उधर प्रियंका दी मेरे लंड के और ज्यादा स्पीड से अपने मुंह के काफी अंदर तक घुसा कर तेजी ले चुसने लगती ऐसा लगता था कि मेरे लंड को पूरा खा जाएगी। मैं भी कभी बुर के क्लाइटोरिस पर जीभ चलाता तो कभी भी को बुर के काफी अंदर तक घुसा कर पूरी तरह घुसाकर बुर के आंतरिक भाग के दिवारों तक को चाटने लगता। मैने प्रियंका दी के दोनों चुतड़ों की गोलाई ों को बाहों में समेट कर दबा रखा था। जिससे प्रियंका दी की बुर पूरी तरह खुल गयी थी और मैने अपना पूरा का जीभ प्रियंका दी के बुर के अंदर डाल दी थी। प्रियंका दी बेहाल हो गयी थी। करीब चालीस मिनट तक हमने एक दूसरे का लंड और बुर चूसते चाटते रहे, अब प्रिंयका दी की भी बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था और मुझे भी।

हम दोनो ही एक साथ एक दूसरे के मुंह में झड़ गये। मैं प्रियंका दी का बुर का पूरा रस पी गया और उधर प्रियंका दी भी ने मेरे लंड का पूरा का पूरा रस गटक लिया और चाट चाट कर लंड को साफ कर दिया। स्वर्गानंद की अनुभूति से में लबालब हो गया। अब में सीधा होकर प्रियंका दी पर लेट गया और प्रियंका दी के चुचियों को दबाते हुए प्रियंका दी के मुंह में अपना मुंह ढाल दिया बहुत देर तक हम एक दूसरे को उपर से नीचे तक चूमते चूसते रहे और में काफी देर तक प्रियंका दी के चुचियों को दबाते, सहलाते और चूसते रहा।

तक तक मेरा लंड उतेजित होकर रड की तरह टाईट ही गया था और मुझे बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था मैने अपने मूसल जैसे लंड को सीधे प्रियंका दी की बुर में घुसेड़ दिया प्रियंका दी आह…. आह ….करने लगी और मैं प्रियंका दी की बुर में धक्के पर धक्के लगाता रहा। बहुत देर बाद मैं और प्रियंका दी एक साथ झड़े तब जाकर मैं और प्रियंका दी शांत हो गये। फिर मैने प्रियंका दी से कहा हाँ दी, आपकी बुर का रस तो लजबाब है। प्रियंका दी बोली- क्यों ? है न् ? मैने सहमति से सर हिलाया। प्रियंका दी बोली चलो मुझे भी खिलाओ। तो मैने प्रियंका दी की बुर में अंगुली डालकर निकाला और अंगुली प्रियंका दी के मुंह में डाल दी और फिर प्रियंका दी के मुंह में अपना मुंह लगाकर चूसने लगा। और एक साथ से बदल में सोई प्रिया का चुची भी दबाने लगा। बहुत देर तक एक दूसरे के पूरे शरीर को जीभ से चाटते चूसते सहलाते हुए हम तीनों एक दूसरे से चिपक कर सो गये।

सुबह देर से मेरी नींद खुली तो देखा खाना आदि बन गया है और प्रियंका दी और प्रिया नहा रही ही है मैनें भी उनको ज्वाइन कर लिया और तीनो साथ में नहाने लगे। एक दूसरे को साबुन लगाकर सहलाने और मलने में बहुत मजा आ रहा था मैने भी प्रियंका दी और प्रिया के चुचियों को खुब मसता और बुर के अंदर तक अंगुली को अंदर बाहर कर दोनो की बुर को साफ किया। उसके बाद हम नहा कर बिना कपड़े पहने नग्न ही पूजा घर में आ गये। प्रियंका दी ने अंदर अलमारी से पूजा सामग्री निकाली।

एक माँ काली की फ्रेमींग फोटो थी और एक स्त्री पुरुष चुदाईरत धातु की मूर्ति और मंत्रों की कुछ किताबें और मद्य (मधु) की एक बड़ी शीशी। उसके बाद किचन से एक बड़ी थाली में बनी हुई मांस, मछली। मैं चुपचाप देखता रहा। प्रियंका दी ने फोटो और मुर्ति को स्थापित की और उसपर पानी छिड़क कर सिंदूर का टीका लगाया उसके बाद, चावल, चंदन, और सिंदूर से पार्थ पर एक त्रि-कोण सी बड़ी आकृति बनाई और उसके अंदर मुझे गोद में प्रिया के लेकर लेकर चुदाई की मुद्रा में बैठने को कहा। मैं प्रिया को गोद में लेकर चुदाई की मुद्रा में बैठ गया।

हम सभी तो नग्न थे ही। प्रिया का मुंह और चुची मेरी और था। हमने प्रिया ओठ अपने ओठ से चिपका लिया और चूसने लगा। मेरा लंड उतेजित अवस्था में था और प्रिया के नंगी बुर में रगड़ खाकर मुझे और भी उतेजित कर रहा था। फिर प्रियंका दी पहले माँ काली की विधिवत पूजा की और काली मंत्र का जाप किया और मुझे काली मां के सामने, सौगंध खिलाकर इस परिवार और पूजा की सारी बातों को गुप्त रखने की शपथ दिलाई। फिर बताया कि अगर भूल से भी इसकी चर्चा कहीं की तो तुम्हें बहुत गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेगें। उसके बाद प्रियंका दी ने उस चुदाईरत मूर्ति की पूजा की।
उसके मंत्र की किताब में चुदाईरत स्त्री-पुरूष के हर आसन में बहुत सारे रंगीन फोटो थे और उसी से मंत्रों का जाप करते हुए मेरे लंड और प्रिया की बुर की पूजा की। फूल आदि चढ़ाया उसके बाद प्रिया और मुझे खड़ा किया और मंत्र पढ़ते हुए एक कटोरा प्रिया के गर्दन में मद्य मिश्रीत जल डाला जो प्रिया के दोनों चुचियों से बहते हुए प्रिया के बुर तक पहुंचा। प्रियंका दी बोली ली महाप्रसाद ग्रहण करो और इस जल को प्रियंका दी ने मुझे प्रिया की बुर से चाट चाट कर पी लेने को कहा मैने ऐसा ही किया।

करीब एक कटोरा जल और डाला और जिसे मैने और प्रियंका दी ने प्रिया की बुर से चाट चाट कर पी लिया। तीसरे कटोरे की जल को प्रिया के गर्दन में डाला और उस जल को एक पात्र में इकट्ठा कर लिया। फिर प्रियंका दी ने मेरे लंड पर मद्य के शीशी से मद्य डालते गयी और प्रिया मेरे लंड को चूसते हुए सारा मद्य पान करने लगी और प्रियंका दी मद्य डालते गयी और प्रिया मेरा लंड चूसते गयी जब तक कि मेरे लंड से वीर्य का फुहार नहीं छूट गया। प्रिया सारा रस पी गयी। फिर थोड़ी देर रूकवार प्रिया मेरे लंड पर मद्य डालने लगी और प्रियंका दी मेरे लंड को चाटते हुए चूसने लगी।

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उसके बाद एक सुन्दर बिस्तर पर प्रियंका दी ने प्रिया को लिटा दिया और उसके पैरों को मोड कर उसकी बुर को खोल दिया फिर प्रियंका दी प्रिया की बुर में मद्य डालते हुए मुझे चाटने को कही मैने प्रिया की बुर चाट चाट कर प्रसाद ग्रहण किया। फिर प्रिया के बुर से रिसे पात्र के जल की हम तीनों ने थोड़ा थोड़ा ग्रहण किया। उसके बाद प्रियंका दी लेट गयी और प्रिया उसकी बुर में मद्य डालने लगी जिसे मैने प्रियंका दी की बुर चाट कर चूस कर ग्रहण कर लिया अब प्रियंका दी बोली मुझे मेरे उत्तेजित लंड को अपनी बुर में डालकर चुदाई करने को कहा। मेने अपना लंड प्रियंका दी की बुर में डाल दिया और चुदाई करने लगा। प्रिया मंत्र पढ़ने लगी।

फिर प्रियंका दी ने मेरे साथ कई आसनों में चुदाई किया और हम दोनों के चुदाई से प्रियंका दी की बुर में स्खलित हुए वीर्य और रज के मिश्रण को प्रिया ने एक पात्र में इकट्ठा किया और पी गयी। थोड़ी देर बाद मैने और प्रियंका दी पुनः चुदाई किया और इस बार चुदाई से प्रियंका दी की बुर में स्खलित वीर्य और रज के मिश्रण को एक पात्र में इकट्ठा कर ली। फिर उसको मैनें और प्रियंका दी ने थोड़ा ग्रहण किया। उसके बाद प्रियंका दी ने मांस, मछली, चावल और अन्य सुस्वादु व्यंजनों को परोसा और मेरे और प्रियंका दी के चुदाई से पात्र में जमा किये वीर्य और राज के मिश्रण को उस खाने में मिला दिया। उसके बाद हम सबों ने नग्न ही जमीन पर बैठकर भोजन किया। यह मेरे लिए अनोखा अनुभव था। मैं बहुत रोमांचित था।

प्रियंका ने बताया कि यह कौल मार्ग यानी वाममार्ग की पंचमकार पूजा साधना विधि है। इसमें मांस, मछली, मद्य, मुद्रा और मैथुन जरूरी तत्व हैं। इसमें स्त्री की बुर को उर्जा का उदगम केन्द्र, उर्जा का स्तोत्र और उर्जा का भंडार माना जाता है। स्त्री की बुर ही सबकुछ है। बुर का पान कर, चुदाई द्वारा पुरूष इससे उर्जा और शक्ति प्राप्त करता है। इसलिए इसमें बुर, लंड, वीर्य, रज और चुदाई को प्रमुखता दी गयी है। वीर्य, रज के पान का भी विशेष महत्व है। वीर्य और रज दोनों का का मिलन तो महाप्रसाद है। इसका पान तो जरूर करना चाहिए।

इसमें रिस्तों का कोई महत्व नहीं है सभी स्त्री पुरुष भैरव भैरवी हैं। सभी रिस्ते मानव निर्मित और सांसारिक रिस्ते हैं। इनका तंत्र में कोई अर्थ नहीं है। मॉ. बाप, बेटा, बेटी, भाई, बहन, बुआ, चाची कोई भी ही सभी को सभी के साथ खुल कर संभीग करना चाहिए और सबकी बुर का आलम्बन करना चाहिए। सबकी बुर पूजित है सबकी बुर और उसका आदर करना चाहिए। इसमें माना जाता है कि हमारा शरीर ही सबसे महत्वपूर्ण होता है, इसलिए इसमें बुर का प्रमुख स्थान है और उसी की पूजा की जाती है।

इसे भैरवी चक्र पूजा साधना कहते हैं। इस साधना का फल और लाभ बहुत जल्दी प्रतिफलित होता है और इसको करने वाला निरतर उत्तति की और तेजी से बढ़ता जाता है। साथ ही मन को असीम शांति और प्रेम मिलता है। घर में भी सभी पुरूषों को घर की सभी स्त्रियो से और सभी स्त्रियों को घर के सभी पुरूषों से चुदाई करना चाहिए । इसमें घर में भी सभी को सभी का प्यार मिलता है। इसलिए घर में भी आपस में बहुत प्यार और शांति रहती है।

उसके बाद किसी ने कपड़े पहने की जरूरत नहीं समझी हम उसी तरह निवस्त्र ही ड्रॉईंग रूम में आ गये। मैने पूजा के विधि के बारे पूछा तो, प्रियंका दी ने बताया कि कुछ साल पहले प्रिया बहुत जोर की बीमार पड़ी थी बहुत दिखाया कोई फायदा नहीं हुआ। सारे डॉक्टर जबाब दे चुके थे। हमारी एक ही संतान थी हम निराश हो चुके थे। हम दिन रात बस रोते रहते थे।
प्रिया के लेकर हर जगह माथा टेकते टेकते एक दिन अचानक एक भैरवी से हमारी मुलाकात हुई। जब उसने हमारा दुख जाना तो प्रिया के सिर पर हाथ फेर कर मुझे और तुम्हारे जीजाजी को धैर्य रखने को कहा। फिर एक दिन हमारे घर आयी और यह मूर्ति दी और सारी पूजा सामग्री लाने को कहा। तुम्हारे जीजाजी जल्द ही सब सामान ले आए । बोली- कठीन साधना है। सबको नग्न होकर पूजा करना होगा। साथ ही अगम्यागमन भी करना पड़ेगा। हमने पूछा- ये अगम्यागमन क्या करना पड़ेगा? तो बोली- निषिद्ध चुदाई यानी एक ही रक्त संबंधों में चुदाई यानी जैसे भाई बहन? हमने पूछा- क्या इसके बिना नहीं हो सकता ?

उसने कठोरता से कहा – नहीं। फिर उठकर जाने लगी। प्रिया की सबसे प्यारी बुआ मौसमी वहीं बैठी हुई थी उसने भैरवी के पांव पकड़ लिये। बोली मैं तैयार हूँ अपने भाई के साथ चुदाई करने के लिए, बस हमारी प्रिया किसी तरह ठीक हो जानी चाहिए। भैरवी रूक गयी और सबको कपड़े उतारकर पूर्ण नग्न होने का आदेश दिया। हम सभी निवस्त्र हो गये तब भैरवी ने मौसमी को अपने भाई का लंड पान (चूसने) करने का आदेश दिया। तुम्हारे जीजाजी की संकोच हो रहा था लेकिन मौसमी ने तुरंत अपने भाई का लंड अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी।

उसके बाद भैरवी ने तुम्हारे जीजाजी को मौसमी और प्रिया की बुर का पान करने को कहा। जीजाजी ने पहले अपनी बहन मौसमी का बुर पान किया उसके बाद प्रिया का। फिर भैरवी ने सबको निवस्त्र रहकर ही सारा प्रसाद और पूजन सामग्री तैयार करने को कहा। फिर भैरवी के आदेशनुसार हमने एक साथ निवस्त्र ही स्नान किया। तब तक भैरवी खुद भी पूर्णत निवस्त्र हो चुकी थी। फिर उसने इसी तरह तंत्र चक्र बनाकर उसमें तुम्हारे जीजाजी को प्रिया को गोद लेकर बैठने को कहा। अब हमारा आपस का संकोच खत्म हो गया था।

फिर भैरवी ने हमें काली मां के सामने गोपनीयता की सौगंध दिलाई। उसके बाद पहले काली मां की पूजा की उसके बाद, इस मूर्ति की और प्रिया और मौसमी की बुर की। फिर इसी तरह हम सभी ने एक दूसरे दूसरे की बुर और लंड से प्रसाद ग्रहण किया और उसके बाद भैरवी ने मौसमी और तुम्हारे जीजाजी को चुदाई करने को कहा। भैरवी ने उन्हें आज्ञा दी कि सारे लज्जा और संकोच त्याग कर उन्मुक्त भाव से चुदाई करो। चूंकि मौसमी कुंवारी थी। तो तुम्हारे जीजाजी ने ही अपनी बहन का सील तोड़ा। वहीं पर हम सबके सामने तुम्हारे जीजाजी ने अपनी बहन मौसमी के साथ कई बार चुदाई किया और भैरवी ने मुझे हर बार उनके चुदाई से स्खलित हुए रज और वीर्य को मौसमी की बुर से इकट्ठा करने को कहा।

फिर उस पात्र से रज और वीर्य के मिश्रण को मुझे प्रिया को पिलाने को कहा। मैने वैसा ही किया। फिर पात्र में बचे हुए द्रव को हमने भोजन में मिलाकर खाने का निर्देश दिया। फिर कहा जब तक प्रिया पूरी तरह ठीक नहीं हो जाती तक तक इसी तरह पूजा करना है और प्रिया की चुदाई द्रव पिलाना है। लेकिन ध्यान रहे रक्त संबंधों में हुअ चुदाई का चुदाई द्रव ही पिलाना है। दूसरे चुदाई से नहीं। जब यह पूरी तरह ठीक हो जाएगी तो एक पूजा और करानी होगी, यह किसी के बीच हुए चुदाई के चुदाई द्रव का पान कर सकती है।

भैरवी ने बताया कि सभी सांसारिक रिस्ते निरर्थक हैं। भैरवी चक्र में भाई, बहन, पति पत्नी आदि सभी केवल भैरव भैरवी है सभी आपस में चुदाई कर सकते हैं। चुदाई जीवन का परम सत्य है। कुवांरी लड़की से चुदाई सबसे ज्यादा फलदायक है। उसमें सबसे ज्यादा उर्जा होती है। जीवन आधार ही लंड और बुर है। इसके चुदाई और उर्जा से ही जीवन का निर्माण होता है। इसके अलावे भैरवी ने हमें तंत्र की बहुत सारी बातें जिसमें रक्त संबंधों में चुदाई की अनिवार्यता और महत्ता बताई। अब हमारे मन का भ्रम पूरी तरह दूर हो गया था।
शाम को प्रिया ने बताया कि कुछ अच्छा महसूस कर रही है। मौसमी यहीं रूक गयी। अब रोज पूजा करने के बाद तुम्हारे जीजाजी अपनी बहन मौसमी के साथ रोज चुदाई करते और चुदाई द्रव प्रिया को पिलाते। दिन रात मिलाकर कम से कम पाँच छः चार तुम्हारे जीजाजी अपनी बहन मौसमी के साथ चुदाई करते और चुदाई रस प्रिया को पिलाते। घर में हम सभी अधिकतर नग्न ही रहते। तुम्हारे जीजाजी तो अपनी बहन को छोड़ते ही नहीं थे। उन दोनों भाई बहन का दिन रात एक ही काम था, अधिक से अधिक चुदाई करना। वैसे भी तुम्हारे जीजाजी हमेशा मौसमी को गोद में बिठाकर उसके चुचियों को दबाते मसलते रहते थे और बुर में अंगुली आदि करते रहते थे।
प्रिया के बीमारी में बहुत तेजी से बहुत ज्यादा सुधार हो रहा था। हमलोग यह देखकर बहुत खुश थे। मात्र 21 दिन में प्रिया एकदम स्वस्थ हो गयी। लेकिन हमने इसे जारी रखा। तब से हम सभी घर में अधिकतर नग्न ही रहते हैं ताकि आपसे में एक दूसरे से कोई लज्जा या संकोच ना रहे।
हमने ईश्वर और भैरवी को बहुत बहुत धन्यवाद दिया कि उसने हमारी प्रिया को ठीक कर दिया।
फिर मेरे घर में अन्य सभी भाई बहनों और हमारे पति की बहनों ने भी इसी पूजा को अपना लिया और सब इसी पूजा को करते हैं। यानी सभी सभी के साथ चुदाई करते हैं। इसलिए हममें आपस में कोई पर्दा या संकोच नहीं है। इसलिए हम सबों के बीच आपस में बहुत प्यार है। सब एक दूसरे पर जान देने को तैयार रहते हैं। हाँ लेकिन कभी भी घर से बाहर इन बातों की चर्चा भूल कर भी नहीं करते हैं।

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तुमने तो गर्मी की छुट्टी में देखा ही होगा कि किसी को किसी से कोई परदा नहीं है और हम सभी आपस में कितना खुल कर जीते हैं और आपस में कितना प्यार करते हैं।
मैने विशु के बारे में बताया कि वह भी अधिकतर नग्न ही रहता है। आपने विशु के साथ चुदाई किया या नहीं ? प्रियंका दी मुस्कुरा कर रह गयी। स्वीकृति में सर हिलाया, बोली कुछ नाहीं, फिर बोली अरे वो तो अपनी बहन लोग को एकदम भुल गया है बस अपनी गर्लफ्रेंड सोनिया के पीछे पड़ा रहता है। तुम ही जो हो कि हम बहनों का इतना ख्याल रखते हो। तुम्हारे जीजाजी भी अपनी बहनों को जान से ज्यादा मानते हैं। मौसमी की तो शादी हो गयी है लेकिन काजल की नहीं हुई है। दोनों हमेशा आते रहती है आती है तो तुमसे मिलवा दूंगी।

वो दोनों भी आती है तो वो भी मेरे यहाँ बिना कपड़ों के ही रहती है। हम सब साथ ही सोते हैं और तुम्हारे जीजाजी मेरे साथ मौसमी और काजल के साथ भी खुब चुदाई करते है। बहुत मजा आता है। कभी तुम भी रहना। वैसे भी बहनों का हक पत्नी से ज्यादा रहता है जैसे तुम पर मेरा हक है। कहती हुई प्रियंका दी मेरी गोद में आवकर बैठ गयी मैं उसके चुचियों को दबाने और सहलाने लगा और साथ में प्रियंका दी की बुर में अंगुली घुसाकर अंदर बाहर करने लगा। बुर के सहलाते हुए मैने प्रियंका दी की इतनी चिकनी और मखमली बुर के बारे में पूछा तो उसने बताया जब हम बहनों ने जन्म लिया था तभी मम्मी ने बैगन को पानी में उबालकर उस पानी से सिर को छोड़कर बाकी शरीर को हमें कई बार नहलाया था।

उसके बाद हमारे शरीर में सिर छोडकर कहीं बाल नहीं उगे और और हमारा शरीर और बुर इतनी सुन्दर और चिकनी हो गयी। मैंने पूछा- सभी बहनों की बुर तो इसी तरह होगी ? प्रियंका दी बोली – हाँ , हम सभी बहनों सभी बहनों और लड़‌कियों की बुर इसी तरह मुलायम चिकनी और मखमली है। मैं बोला – हां दी, इसलिए तो चुसने चाटने में बहुत मजा आता है।
कुछ देर बाद प्रिया चाकलेट लेकर आयी तो मैने प्रिया की बुर में चाकलेट डाल दिया और उसकी बुर में मुंह लगाकर चाकलेट खाने लगा। कुछ चाकलेट प्रिया के चुचियों पर भी मल दिया चुचियों को भी खूब चुसा। मैने प्रियंका दी से प्रिया से चुदाई के बारे में पूछा तो बोली – अभी यह छोटी है अगले बार आओगे तो कर लेना। चाकलेट खाने के बाद प्रिया आईसक्रीम लेकर आयी तो मैने उसे प्रियंका दी की बुर में डालकर खाया।

ठंडी ठंडी आईसक्रीम में दोनों को बहुत मजा आया। फिर मैने प्रियंका दी को अपनी गोद में बैठाकर उसके चुचियों को दबाने और सहलाने लगा और बुर के क्लाइटोरिस को सहलाने लगा ती प्रियंका दी जोश में आ गयी और वहीं ड्रॉइंग रूम के सोफे पर बैठे बैठे ही हम चुदाई करने लगे। सोफा पर चुदाई करने का अलग ही आंनद है। फिर हम दोनों के चुदाई से स्खलित हुए चुदाई द्रव को हमने एक कटोरी में जमा किया और हम सभी थोड़ा थोड़ा पी गये। उसके बाद प्रियंका दी कुछ काम करने चली गयी और मैं प्रिया को गोद में बैठाकर उसके चुचियों और पूरे शरीर को सहलाने घुमने और चाटने लगा।
दोपहर को खाने के बाद प्रियंका दी ने 84 इंच की टीवी में HD ब्लू फिल्म लगा दी। ब्लू फिल्म चलने लगा और तीनों वहीं बिस्तर पर एक दूसरे सहलाने और चुमने चाटने लगे। प्रिया भी काफी उतेजित हो गयी। मैने प्रियंका दी से प्रिया से चुदाई करने लिए करने के लिए रिक्वेस्ट की। तो प्रिया ने जिद की – हाँ मम्मी कर लेने दो ना। प्रियंका दी प्रिया के सर पर हाथ फेरकर बोली- अच्छा तो कर ले।

प्रियंका ने पहले मद्य की एक शीशी दे आयी और प्रिया के पोनी को फैलाकर उसमें बहुत सारा मद्य डाल दिया और मुझे चाटने को कहा। मैं चाटने लगा। प्रिया जोश से बिलबिला उठी। फिर प्रियंका दी ने मेरे लंड को चुसकर गीला किया और चिकनाई मेरे लंड और प्रिया की बुर में डाल दिया फिर धीरे धीरे मुझे अपना लंड प्रिया की बुर में प्रवेश कराने को कहा और प्रियंका दी प्रिया के चुचियों सहलाने और चूसने लगी। प्रिया को दर्द हो रहा था वह दर्द से चिल्लाने लगी तो प्रियंका दी में अपना मुंह प्रिया के मुंह में डालकर चूसने लगी और हाथों से उसके चुचियों को सहलाने लगी। प्रिया लगातार मुझे अपने से दूर हटा रही थी और मैं लगातार अपने लंड को प्रिया की बुर में प्रवेश कराने की कोशिश कर रहा था। आधा लंड घुसने के बाद प्रिया चिल्ला उठी और जोर लगाकर मुझे अपने से दूर धकेल दिया।

लेकिन फिर में प्रिया को सहलाने घुमने लगा तब जाकर प्रिया शांत हुई। इसके बाद प्रिया की पोनि में और ज्यादा चिकनाई डालकर फिर से प्रिया की बुर में लंड डालने का प्रयास करने लगा। अब प्रिया उतना नहीं चीख चिल्ला रही थी लेकिन रह रहकर दर्द से चेहरे को भींच रही थी। अबकी बार मैने एक जोरदार धक्का दिया और मेरा पूरा लंड प्रिया के बुर के अंदर चला गया। प्रिया जोर से चीख उठी। प्रियंका दी ने अपने मुंह से प्रिया का मुंह दबा दिया और लगातार चक्का लगाता रहा कुछ देर बाद प्रिया शांत हो गयी और मजा लेने लगी और जोर जोर से अपने चुतड़ों की गोलाई ों को उछालने लगी। बीस मिनट तक लगातार चुदाई करने के बाद प्रिया झड़ गयी और शांत हो गयी।

मेरा लंड भी स्खलित हो ढीला हो गया था। मैने अपना लंड प्रिया की बुर से बाहर निकाला तो उसमे खून लगा हुआ था यानी प्रिया की झिल्ली फट गयी थी। प्रिया खून देखकर घबड़ा गयी तब मैने और प्रियंका दी ने उसे समझाया कि कोई बात नहीं पहली बार में ऐसा होता है। अब तुमको दर्द भी नहीं होगा ना खून लिकलेगा। बस केवल मजा आएगा। तुमको भी कितना दिन से मन था। अब जब तक प्रिंस मामा है तुम दोनों जमकर चुदाई करना। उसके बाद प्रियंका दी ने हम दोनों को गले लगाया और चुम लिया।

मैने भी प्रिया और प्रियंका दी की बुर को चुमकर थैंक्यू कहा तो दोनों हँस पड़ी। फिर मैने प्रियंका दी को चुमने सहलाने लगा और सकी बुर में अंगुली करते हुए इसके बुर के क्लाइटोरिस को सहलाने लगा तो प्रियंका दी को भी जोश आने लगा और मेरा लंड भी उतेजित होने लगा। एक घंटे तक चुमते सहलाते यानी फोर प्ले करने के बाद हम पूरे जोश में आ गये और प्रियंका दी और मैंने जम कर चुदाई किया । प्रिया हमें चुदाई करते हुए देखती रही ।
फिर खाना खाने के बाद हमने थोड़ी देर आराम किया और आराम करने के बाद मैंने और प्रियंका दी फिर मैदान में आ गये और हमने दो राउंड और चुदाई किया। शाम को मैने प्रिया और प्रियंका दी को एक जोरदार पार्टी दी और दोनों को एक एक मँहगी मंहगी ड्रेस भी खरीद दी। दोनो बहुत खुश हो गई। खैर प्रिया ने तो दो दिन चुदाई नहीं किया बस उसे चुमा चाटा और सहलाया लेकिन प्रियंका दी और मैने जम कर चुदाई किया। दो दिन बाद प्रिया भी नॉर्मल हो गयी तो हम तीनों एक ही साथ चुदाई करने लगे। प्रिया भी अब बहुत खुश रहती है।
जब तक जीजाजी नहीं आये में वहीं रहा और प्रियका दी और प्रिया को खुब खुश रखा। इस बीच हम तीनों ने बाहर जाते समय छोड़कर घर में शायद ही किसी ने कपड़ा पहना हो।

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