Kunwari Beti Ki Chut Chudai मेरी मम्मी की मौत तीन साल पहले एक ट्रैफिक एक्सिडेंट में हो गई थी। उस वक्त मैं 18 साल की थी और पापा की इकलौती बेटी थी। मेरा नाम शहला है, मैं गोरी-चिट्टी हूं, मेरा जिस्म भरा-भरा सा है, छातियां गोल और भारी, गांड बाहर की तरफ निकली हुई, और चूत अभी तक कुंवारी, चिकनी और गुलाबी। पापा का नाम अहमद है, वो 45 साल के हैं, लंबे-चौड़े, मजबूत कद-काठी वाले, सीने पर बालों की घनी परत, और उनका लंड… खैर, वो बाद में पता चला। हम लोग कई साल पहले हैदराबाद से रावलपिंडी शिफ्ट हो गए थे। यहां पिंडी में हमारे अलावा सिर्फ एक-दो फैमिली फ्रेंड्स थे, कोई रिश्तेदार नहीं। बस हम तीनों अकेले रहते थे। मम्मी की मौत के बाद हम सिर्फ दो रह गए—मैं और पापा।
घर के एक कमरे में, जो बाहर कमर्शियल स्ट्रीट की तरफ खुलता था, पापा ने एक अच्छा जनरल स्टोर खोला हुआ था, जिससे हमारी इनकम काफी अच्छी होती थी। मम्मी के जाने के बाद मुझे तन्हाई महसूस नहीं होती थी। सुबह मैं कॉलेज चली जाती, काम वाली बाई घर की सफाई और खाना बना कर चली जाती। कॉलेज से लौटकर हम दोनों बाप-बेटी साथ खाना खाते। मम्मी की कमी बहुत महसूस होती, लेकिन इसी तरह एक साल गुजर गया। मैं कभी ये नहीं सोच पाई कि अगर मुझे मम्मी की कमी महसूस होती है, तो पापा का क्या हाल होता होगा, जो रातें अकेले गुजारते थे। मैं अब जवानी की दहलीज पर थी, मेरी छातियां काफी बड़ी और गोल निकल आई थीं, अक्सर मेरी चूत में मीठी-मीठी खुजली होती, लेकिन मैं इन सबका मतलब नहीं समझती थी। और ना ही ये महसूस कर पाती कि पापा मम्मी के बिना सेक्स को कितना मिस करते होंगे, उनका जिस्म कितनी आग में जलता होगा।
फिर एक रात वो हुआ, जिसने हम दोनों की जिंदगी बदल दी।
जुलाई की रात थी। भयानक गर्मी के बाद तेज बारिश हो रही थी। बादल जोर-जोर से गरज रहे थे। मैं अपने कमरे में सहमी हुई सोने की कोशिश कर रही थी, लेकिन डर के मारे नींद नहीं आ रही थी। अचानक एक बादल इतनी जोर से गर्जा कि मेरी चीख निकल गई, और मैं बेड से उठकर पापा के बेडरूम की तरफ भागी।
जल्दी से मैंने पापा के बेडरूम का दरवाजा खोला और उनके बेड के ठीक सामने जाकर खड़ी हो गई। सब इतनी तेजी से हुआ कि मैं दरवाजा खोलते वक्त ये भी नहीं देख सकी कि मेरे प्यारे पापा उस वक्त बेड पर पूरी तरह नंगे पड़े थे, अपना तना हुआ सख्त लंड मुट्ठी में पकड़े हुए, मुट्ठी को लंड पर ऊपर-नीचे कर रहे थे। मैंने जिंदगी में पहली बार इतना बड़ा लंड देखा—करीब 7 इंच लंबा, मोटा, काला और चमकदार, टोपी गुलाबी और फूली हुई। पापा को भी मौका नहीं मिला कि वो खुद पर चादर डाल लें। उनका मुंह खुला का खुला रह गया।
मेरे मुंह से बस इतना निकला, “सॉरी पापा, मैं डर गई थी, इसलिए जल्दी में डोर पर नॉक नहीं कर सकी।”
पापा ने इतनी देर में खुद पर चादर डाल ली और घबरा कर बेड पर बैठ गए, बोले, “सॉरी बेटा कि तुमने मुझे इस तरह देख लिया। आ जाओ और यहां मेरे पास बैठ जाओ। जब बारिश रुक जाए तो चली जाना अपने बेडरूम में।”
“मगर पापा… आप डिस्टर्ब होंगे। आप कुछ कर रहे थे अभी?”
लेकिन पापा ने जवाब देने की बजाय मुझे हाथ पकड़कर अपने साथ बेड पर बिठा लिया।
“पापा आपने कुछ नहीं पहना… मुझे शर्म आती है।” ये कहते हुए मुझे खुद अपने बारे में एहसास हुआ कि गर्मी की वजह से मैंने सिर्फ एक पतली, सी-थ्रू टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहने थे। ब्रा भी नहीं पहनी थी, इसलिए मेरा जिस्म लगभग नंगा सा दिख रहा था। टी-शर्ट भागते हुए ऊपर हो गई थी, जिससे मेरा पेट और मेरी छातियां साफ नजर आ रही थीं।
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
एक तरफ मैंने पापा को नंगा अपना लंड पकड़े देखा था, और अब वो चादर डाले बैठे थे, लेकिन पीछे से उनकी कमर नीचे तक नंगी थी। दूसरी तरफ मैं भी सेमी-नेकेड उनके बराबर बैठी थी। मेरी सांस फूल रही थी।
उस रात पापा के बराबर बैठकर पहली बार मुझे एहसास हुआ कि मेरा जिस्म कितना सेक्सी है। मेरे बूब्स मेरी उम्र के मुकाबले ज्यादा बड़े और गोल हैं, सामने को निकले हुए। मेरे हिप्स राउंड, हार्ड और बल्जिंग हैं। मेरा जिस्म भरा-भरा लगता है, जैसे किसी मॉडल का।
अचानक बारिश का शोर और तेज हो गया और बादल फिर जोर से गर्जे, तो मैं डर के मारे एकदम पापा से लिपट गई। इस तरह लिपटने से पापा की चादर हट गई, और पापा फिर से नंगे हो गए। मैं कोई 10 सेकंड यूं ही लिपटी रही, फिर मुझे पता चला कि मैं अपने पापा के नंगे जिस्म से लिपटी हुई हूं।
मैंने घबरा कर पापा से अलग होने की कोशिश की, तो पापा ने मेरी कमर में हाथ डालकर मुझे मजबूती से अपने नंगे जिस्म के साथ जकड़ लिया।
“जानू ऐसे ही बैठी रहो।”
मैं कुछ जवाब नहीं दे सकी। मैं पापा के लेफ्ट साइड से लिपटी हुई थी। मेरा सिर पापा के सीने पर था। चादर हट जाने की वजह से पापा का खड़ा लंड मेरे फेस से एक फुट के फासले पर था। पापा ने एक बार फिर अपने लंड को राइट हैंड की मुट्ठी में जकड़ लिया और हाथ को लंड पर आहिस्ता-आहिस्ता ऊपर-नीचे करने लगे।
“पापा ये आप क्या कर रहे हैं?”
“आज तुम्हारी मम्मी की बहुत याद आ रही है,” पापा ने जवाब दिया।
“छी पापा, जब मम्मी की याद आती है तो आप ऐसे करते हैं?”
“बेटा, वो तुम्हारी मां थी, लेकिन मेरी बीवी थी, और मियां-बीवी का रिश्ता और तरह का होता है।”
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
“मैं समझी नहीं पापा!”
“बेटी क्या तुम्हें नहीं पता मियां-बीवी का क्या जिन्सी रिश्ता होता है?” पापा ने पूछा।
“नहीं पापा, आप बताएं।”
“अब मैं कैसे तुम्हें बताऊं कि मियां-बीवी में सेक्स का रिश्ता होता है। और इसी रिश्ते की वजह से तुम पैदा हुईं और आज तुम मेरे साथ इस तरह बैठी हो।”
“वो कैसे पापा?” मेरी समझ में अब भी नहीं आ रहा था।
“शादी के बाद मियां अपनी बीवी के साथ सेक्स करता है, यानी अपनी बीवी को इस लंड से उसकी चूत को चोदता है। चोदते हुए जब लंड से मनी चूत में निकलती है तो फिर 9 महीने बाद बच्चा पैदा होता है।”
लंड और चूत का नाम तो मैंने कहीं सुन रखा था, मगर “चोदता” मैंने पहली बार सुना था।
“पापा ये ‘चोदता’ क्या होता है?”
पापा की सांस आहिस्ता-आहिस्ता फूल रही थी। कांपती आवाज में वो बोले, “अब इससे आगे मैं जो तुम्हें बताऊंगा, उसके लिए तुम्हें भी मेरी तरह कपड़े उतारकर नंगी होना पड़ेगा। क्या तुम तैयार हो?”
मैं पापा की बात सुनकर बुरी तरह शर्मा गई और उनकी ग्रिप से निकलने की कोशिश करने लगी।
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
लेकिन पापा ने जबरदस्ती मेरी शॉर्ट्स और टी-शर्ट उतार दी और हम दोनों बाप-बेटी बिल्कुल नंगे हो गए।
अब पापा ने मेरा राइट हैंड पकड़कर अपना लंड मेरे हाथ में पकड़ा दिया, और साथ ही मेरी चिकनी और बालों वाली चूत पर उंगली फेरते हुए बोले, “ये तुमने मेरा लंड पकड़ा हुआ है और मैं तुम्हारी चूत पर उंगली फेर रहा हूं। तुम्हें प्यार करते हुए अगर मैं अपने इस लंड को अपनी बेटी की चूत में डालकर अपने लंड को तुम्हारी चूत में अंदर-बाहर करूंगा तो इसका मतलब होगा कि मैं तुम्हें चोद रहा हूं, या तुम मुझसे चुदवा रही हो, या मैं तुम्हें चोदता हूं।”
मेरी चूत पर पापा की उंगली लगते ही मेरी चूत में करंट सा दौड़ गया। पापा ने जब मेरी चूत के दाने को उंगली से छेड़ा तो मैं बुरी तरह मचलकर पापा के हाथ को अपनी रानों के दरमियान भींच लिया। इसके साथ ही मैंने पापा के लंड को जोर-जोर से दबाने लगी। पापा का लंड मेरी मुट्ठी में किसी जिंदा चीज की तरह मचल रहा था। मुझे अब एहसास हो रहा था कि सेक्स क्या होता है।
“पापा लंड मेरी चूत में डालकर मुझे चोद के दिखाएं,” मैंने पापा से कहा।
“जानू तुम अभी कुंवारी हो, और मेरी सगी बेटी हो। पहली बात तो हमें ऐसा नहीं करना चाहिए। लेकिन एक साल से मेरा लंड किसी चूत को चोदने के लिए तड़प रहा है। बाहर जाकर मैं रंडी को नहीं चोदना चाहता। अगर तुम्हारी मर्जी हो तो फिर मैं अपनी बेटी को चोदकर दिखा सकता हूं।”
“पापा मैं 18 साल की हूं, लेकिन अभी-अभी आपकी मेरी चूत को हाथ लगाने से जो मेरी हालत हो रही है, तो मैं आपकी हालत भी समझ सकती हूं… पापा चोद के दिखाएं मुझे, ताकि मुझे भी पता चले कि आप मेरी मम्मी को कैसे चोदते थे… और पापा मेरी शक्ल-सूरत भी चूंकि मम्मी से बहुत मिलती है, इसलिए आपको चोदते हुए लगेगा कि आप अपनी बीवी को चोद रहे हैं…”
“उफ्फ जानू… मेरी प्यारी बेटी… तूने तो मेरी मुश्किल आसान कर दी…” ये कहते हुए पापा ने एकदम से उठाकर मुझे अपनी गोद में बिठा लिया। पापा का लंड मेरी रानों के बीच से बाहर को निकलकर मेरे पेट से टच कर रहा था। पापा के लंड के मुंह से चिकना-चिकना लेसदार पानी निकलकर मेरे पेट पर लग रहा था।
पापा ने मुझे अपने से लिपटाकर खूब मेरे मुंह पर, होंठों पर प्यार करना शुरू किया। मेरी दोनों छातियां पापा ने अपने हाथों में पकड़कर मसलनी शुरू कर दीं। मेरे पूरे जिस्म में जैसे आग सी लग गई। मैं भी बेकाबू होकर अपने पापा को उसी तरह चूमने-चाटने लगी। मेरे मुंह से सिसकारियां निकल रही थीं— “आह… उफ्फ…” मेरा पूरा जिस्म जज्बात की शिद्दत से कांप रहा था। पापा ने प्यार करते-करते मुझे बेड पर लिटा दिया और खुद अपना लंड हाथ में लेकर मेरे मुंह के ऊपर आ गए, और लंड की टोपी को मेरे होंठों से लगाते हुए बोले, “शहला, मेरी प्यारी सी बेटी, अपने पापा का लंड चूसो मुंह में लेकर। पापा के लंड से मनी निकालने वाली है, फिर इसके बाद मैं अपनी बेटी को चोदूंगा।”
“पापा ये मनी क्या होती है?”
“अभी जब तुम्हारे मुंह में निकलेगी तो देख लेना। ये वाइट क्रीम या मलाई की तरह होती है, और बहुत गर्म और मजेदार होती है। लो अब चूसो पापा का लंड।”
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
मैंने मुंह पूरा खोल दिया, और पापा ने अपना हड्डी की तरह सख्त लंड मेरे मुंह में डाल दिया। मैंने लंड मुंह में लेकर लंड को अपने लिप्स से दबा लिया, और पापा धीरे-धीरे मेरे मुंह को चोदने लगे। उनका लंड मेरे मुंह में अंदर-बाहर हो रहा था, “फच… फच…” की आवाज आ रही थी। मैं अपनी जीभ से उनकी टोपी को चाट रही थी, चिकना पानी का स्वाद नमकीन-मीठा लग रहा था। पापा कराह रहे थे, “उफ्फ शहला… जानू… मजा आ रहा है… चोद रहा हूं अपनी बेटी शहला के मुंह को। उफ्फ… निकलने वाली है पापा के लंड से मनी…”
और इसके बाद चंद ही लम्हों में पापा के लंड से एक तेज पिचकारी मेरे मुंह के अंदर निकली, और उसके बाद तो पिचकारियों की लाइन लग गई। मेरा मुंह पापा की गर्म-गर्म मनी से भर गया। पापा की मनी मुंह से बाहर न निकल जाए, इस ख्याल से मैं काफी मनी पी गई। पापा गहरी-गहरी सांसें ले रहे थे और उनका लंड मेरे मुंह में ढीला पड़ता जा रहा था। पापा ने आखिर अपना लंड मेरे मुंह से बाहर निकाल लिया। मुझे पापा का लंड देखकर हंसी आ गई कि वो अब बिल्कुल सिकुड़कर छोटा सा हो गया था। हंसने की वजह से पापा की बाकी मनी मेरे मुंह से बाहर निकलकर मेरी छातियों पर बहने लगी।
गाढ़ी-गाढ़ी, सफेद क्रीम जैसी लेसदार मनी। मनी से एक अजीब सी खट्टी-मीठी खुशबू उठ रही थी।
“देखी अपने पापा की मनी? ऐसी होती है मनी। ये मनी जब लड़की या औरत की चूत के अंदर निकलती है तो उससे औरत के पेट में बच्चा ठहर जाता है।”
मैं इतनी ज्यादा गर्म हो चुकी थी कि मैंने पापा की मनी अपनी टिट्स पर मलनी शुरू कर दी।
“बेटी मैं अब तुम्हारी चूत को चाटूंगा ताकि तुम्हारी नन्ही मुन्नी चूत पापा के मोटे सख्त लंड को अंदर लेने के लिए तैयार हो जाए।”
आज मैं अपने प्यारे पापा से जो कुछ भी चुदवाने के नाम पर करवाने जा रही थी, ये मेरी जिंदगी का सबसे अनोखा तजुर्बा था। आज से पहले मैं अपनी चूत को सिर्फ पेशाब करने की जगह समझती थी। मुझे आज पहली बार पता चला कि चूत में ऐसी खुजली भी होती है जो सिर्फ लंड से मिटती है। मुझे आज पता चला कि चूत को चाटते भी हैं।
पापा अब खुद सीधे होकर लेट गए और मुझे अपने ऊपर आने को कहा। मैं पापा के ऊपर इस तरह लेटी कि मेरी चूत पापा के मुंह पर थी और पापा का दोबारा खड़ा होता हुआ लंड मेरे होंठों के ठीक सामने था।
पापा ने पीछे से मेरी दोनों रानों को हाथ डालकर खोलते हुए मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटना शुरू किया। पापा की जीभ मेरी चूत में लगने की देर थी कि मेरे सारे जिस्म में करंट सा दौड़ने लगा। पापा की जीभ मेरी चिकनी नन्ही चूत के पंखों के बीच में घूम रही थी। कभी पापा मेरी चूत के दाने पर जीभ फेरते, और मैं बुरी तरह मचल जाती, “आह… पापा… उफ्फ…” फिर पापा उस जगह जीभ फेरते जहां से मेरी पी निकलती है। पी की जगह पर जीभ लगते ही मुझे अभी जोर से पी आने लगती कि पापा एकदम मेरी चूत के छेद में जीभ डालकर चाटना शुरू कर देते। जीभ अंदर-बाहर हो रही थी, “चप… चप…” की आवाज आ रही थी, मेरी चूत गीली हो चुकी थी, पानी निकल रहा था।
इधर मेरी आंखों के बिल्कुल सामने पापा का पूरी तरह तना हुआ लंड था। मैं इतने करीब से पापा के लंड को पहली दफा देख रही थी और सोच रही थी कि यही वो लंड है जिसने मम्मी को चोदा और उसकी वजह से मैं पैदा हुई, और आज खुद अपने बाप के ऊपर लेटकर उसके लंड को सामने देख रही हूं, हाथ में पकड़ रही हूं और चूस रही हूं, और पापा अपनी ही सगी बेटी की चूत को चाट और चूस रहे हैं।
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
“पापा मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही है… उफ्फ मर जाऊंगी… पापा बहुत खुजली हो रही है…”
पापा ने जब ये सुना तो मुझे अपने ऊपर से उतारकर बेड पर चित्त लिटा दिया, और मेरी टांगों के बीच में घुटनों के बल बैठकर बोले, “जानू, अब पापा अपनी बेटी के साथ वो करने जा रहे हैं जो पापा तुम्हारी मम्मी के साथ करते थे। तैयार हो तुम, शहला?”
“पापा क्या अब आप चोदेंगे मुझे? पापा बहुत मोटा और सख्त लंड है आपका, और लंबा भी बहुत है। इतना मोटा लंड कैसे मेरी चूत में जाएगा, पापा?” मैंने हिचकिचाते हुए कहा, दिल में डर था लेकिन उत्सुकता भी।
“मैंने अपनी बेटी की चूत चाट-चाटकर इतनी चिकनी कर दी है अब इसमें हाथी का लंड भी चला जाएगा। डरो मत शहला, मैं पहले सिर्फ अपने लंड की टोपी चूत में डालूंगा। फिर आहिस्ता-आहिस्ता चोदते हुए पूरा लंड डालूंगा।”
ये कहते हुए पापा ने मेरी दोनों टांगें उठाकर अपने कंधों पर रखीं, और मेरी गोल-गोल गांड के नीचे तकिया रख दिया, जिससे मेरी गांड और चूत बिल्कुल ऊपर उठ गई। पापा मेरे ऊपर आ गए और मेरी दोनों टिट्स को पकड़ते हुए कहा, “शहला… पहली दफा तुम मुझसे चुदवा रही हो… अच्छा है कि बेटी अपने बाप का लंड खुद अपने हाथ से पकड़कर अपनी चूत के छेद से लगाए।”
मैं और पापा फुल मस्ती में थे। मैंने राइट हैंड से पापा का तना हुआ लंड, जो मेरे चूसने की वजह से चिकना हो रहा था, पकड़कर उसकी टोपी को अपनी चूत के मुंह से लगाया। पापा ने धीरे से अपने लंड को मेरी चूत में पुश किया, और इसके साथ ही मेरी चूत के छेद में पापा के लंड की टोपी फंस गई। “फच…” की हल्की आवाज आई, मेरी चूत थोड़ी खिंची।
“मजा आया शहला?” पापा ने कहा।
मेरी नजरें पापा की नजरों से मिलीं, और मैं शर्म से आंखें बंद कर लीं। पापा बेकाबू होकर मेरे गालों, होंठों और टिट्स को प्यार करना शुरू कर दिया। अब जब कि पापा का लंड अपनी बेटी की चूत में जा चुका था, तो मुझे शर्म आ रही थी कि आज मैं अपने ही सगे बाप से चुदवा रही हूं।
“जानू, और लंड डालूं अंदर?”
मैं शर्म से कुछ न बोल पाई। पापा ने फिर कहा, “जानू, शर्मा क्यों रही हो अपने पापा से। अब तो पापा का लंड जा चुका है तुम्हारी चिकनी चूत में। बोलो और डालूं अंदर; जानू मैं पूरी तरह लंड तुम्हारी चूत में डालकर चोदना चाहता हूं। वही सही चुदाई होती है।”
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
मैं फिर भी कुछ न बोली और सिर्फ मेरे मुंह से आहिस्ता से “हूं” निकला।
पापा जैसे ही मेरी “हूं” सुनी, और उन्होंने एक ही झटके से अपना पूरा सख्त और लंबा लंड मेरी चूत में डाल दिया। मेरी चूत चिकना पानी छोड़ रही थी, मगर फिर भी पहली दफा तकलीफ की वजह से मेरी चीख निकल गई, “आआह… मर गई पापा… दर्द हो रहा मेरी चूत में बहुत जोर का… मेरी चूत फट गई पापा… उफ्फ… मर गई…”
पापा ने मेरी टांगें अपने कंधों से उतारकर मेरे जिस्म को अपने जिस्म से सटा लिया। मेरी टांगें खुली हुई थीं और इस दरमियान पापा का लंड पूरा का पूरा मेरी छोटी सी चूत में घुसा हुआ था। मेरी चीख सुनकर पापा ने मुझे प्यार करते हुए कहा, “जानू, पहली-पहली बार दर्द होता है, 2 मिनट में ये दर्द खत्म हो जाएगा, और फिर मजा आने लगेगा। वैसे भी तुम्हारी चूत इस कदर टाइट है कि रबर बैंड की तरह मेरे लंड को जकड़ा हुआ है।”
हम दोनों बाप-बेटी कुछ देर तक यूं ही लिपटे रहे। इस दौरान पापा मुझे किस करते रहे। मेरी आंखों में तकलीफ की वजह से आंसू आ गए थे। पापा के प्यार करने से मैं ठीक होने लगी और मैंने भी पापा के होंठों पर प्यार करना शुरू किया। किस करते हुए पापा ने अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी, और मैं पापा की जीभ को चूसने लगी। पापा की जीभ से मुझे अपनी चूत का टेस्ट आ रहा था। मैं बहुत ज्यादा गर्म हो गई। उत्तेजना से मेरा बुरा हाल होने लगा। पापा ने फिर मेरे बूब्स को चूसना शुरू किया, उनकी जीभ मेरे निपल्स पर घूम रही थी, “चट… चट…” की आवाज, और मैं बुरी तरह मचलने लगी, “आह पापा… चूसो… उफ्फ…”
दर्द अब बिल्कुल खत्म हो गया था और उसकी जगह वाकई अब मुझे इतना मजा आ रहा था कि मैं बता नहीं सकती। मैं सोच रही थी कि मम्मी भी इसी तरह पापा से चुदवाते हुए मजा लेती होंगी।
जब मजा मेरी बर्दाश्त से बाहर हो गया, और पापा यूं ही मेरे ऊपर पड़े हुए थे, तो मुझसे रहा न गया, “पापा, कुछ करो ना… मेरी चूत में आग लगी हुई है…”
इसके साथ ही मैंने नीचे से पापा को ऊपर की तरफ पुश किया। पापा अपनी बेटी का इशारा समझ गए।
“चलो अब अपनी जानू को गोद में लेकर चोदूंगा।”
ये कहते हुए पापा ने मुझे अपनी गोद में भर लिया; इस तरह कि मेरी दोनों टांगें उन्होंने अपनी कमर के गिर्द लपेट लीं, और मेरे दोनों बाजू अपनी गर्दन के गिर्द लपेट लिए, और इस तरह मेरी गांड को नीचे से पकड़ते हुए वो बेड से उतरकर मुझे गोद में लेकर फर्श पर खड़े हो गए। पापा का लंड उसी तरह से पूरा मेरी चूत में फंसा हुआ था।
इसी तरह उठाए हुए पापा मुझे ड्रेसिंग रूम के फुल साइज मिरर के सामने ले गए।
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
“जानू, देखो मिरर में। कैसे लग रहे हैं हम दोनों बाप-बेटी?”
मैं मिरर में देखकर बुरी तरह शर्मा गई।
“पापा… आप बड़े वो हैं…”
पापा मिरर के सामने इस तरह खड़े थे कि मेरी बैक साइड मिरर की तरफ थी। मैंने एक बार फिर अपनी गर्दन घुमाकर मिरर की तरफ देखा। हम दोनों बाप-बेटी बिल्कुल नंगे थे। मैं पापा की गोद में बंदरिया की तरह लिपटी हुई थी। पापा ने अपने दोनों हाथों से मेरी गांड को थामा हुआ था। पापा की उंगलियां मुझे अपनी गांड के गोश्त के अंदर घुसती हुई दिखाई दे रही थीं। मेरी गांड का सुराख पूरी तरह से खुला हुआ था। और उसके नीचे पापा का मोटा सख्त लंड जड़ तक मेरी चूत में फंसा हुआ था। मेरी चूत के छेद ने पापा के लंड को रबर बैंड की तरह ग्रिप किया हुआ था।
“कैसी बुरी लग रही हूं मैं पापा…”
“नहीं जानू, तुम बहुत हसीन लग रही हो। बिल्कुल उतनी हसीन जितनी एक लड़की मजा लेकर चुदवाते हुए लगती है… इतना हसीन जिस्म है मेरी बेटी का… बिल्कुल ब्लू बैंड मार्गरिन की तरह… देखो मिरर में, कैसे पापा ने अपनी बेटी की मोटी ताजी गांड को पकड़ा हुआ है… और मेरा लंड कैसा लग रहा अपनी जानू बेटी की टाइट चूत में…”
पापा ने ये कहते हुए मेरी गांड को ऊपर उठाया, यहां तक कि उनका लंड खिंचता हुआ टोपी तक बाहर आ गया। “फिस्स…” की आवाज आई।
“बहुत टाइट चूत है मेरी बेटी की। उफ्फ मजा आ गया जानू… इस तरह तो 3 या 4 धक्कों में ही मेरी मनी निकल जाएगी।”
ये कहते हुए पापा ने मेरी गांड को नीचे करते हुए अपने लंड को मेरी चूत में पुश किया। फिर बाहर निकाला, फिर किया। और फिर बगैर रुके तेजी से वो अपने लंड को मेरी चूत के अंदर-बाहर करते रहे। “फचक… फचक… फचक…” की आवाजें कमरे में गूंज रही थीं। पापा पूरी तरह जोश और मस्ती में आ गए थे। उनके गले से अजीब-अजीब आवाजें निकल रही थीं— “उफ्फ… आह…” मुझे अब पता चला कि चुद रही हूं। इसे चोदना कहते हैं। मेरी अपनी हालत खराब हो चुकी थी। मेरे मुंह से भी “हाय… हाय…” और बिल्ली की तरह घुर्राने की आवाज निकल रही थी।
“चोद रहा हूं अपनी जानू को… लंड जा रहा तेरी चूत में जानू… चुद मेरे लंड से… चुद अपने पापा के लौड़े से… मजा आ रहा है… टाइट चूत है मेरी बेटी की…”
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
“पापा चोदो अपनी बेटी को… चोदो मुझे… फाड़ दो मेरी चूत को… उफ्फ मर गई पापा… बहुत सख्त लंड है आपका… उफ्फ लंड पेट में चला गया मेरे… पापा फट गई मेरी चूत… चोदो… चोदो… उफ्फ चुद गई मैं मम्मी। ओ मम्मी पापा ने चोद दिया मुझे… पापा जोर से चोदो… और जोर से चोदो… धक्के लगाओ जोर-जोर से… मजा आ रहा है…”
अब मेरा जिस्म अकड़ना शुरू हो रहा था। मुझे अपना दिमाग घूमता हुआ महसूस हो रहा था। मेरी चूत के सारे मसल्स अकड़ने लगे थे। और चूत के अंदर पापा का लंड फूलने और पिचकने लगा था।
“उफ्फ जानू मेरी मनी निकल रही तेरी चूत में…” इसके साथ ही पापा का जिस्म बुरी तरह मुझे गोद में लिए झटके मारने लगा। मेरी गांड को पूरा नीचे खींचकर अपने लंड के साथ जमा दिया, और नीचे से अपने पूरी तरह मेरी चूत में फंसा दिया।
पापा की गर्म-गर्म मनी की पिचकारियां मुझे अपनी चूत की गहराइयों में जाती हुई साफ महसूस हो रही थीं। इसके साथ ही मैं भी खत्म हो रही थी और मेरी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था। “पिच… पिच…” की आवाज के साथ हम दोनों का पानी मिल रहा था।
हम दोनों बाप-बेटी का जिस्म अब ढीला पड़ता जा रहा था। पसीने में हम दोनों नहा चुके थे। मेरी चूत में बिल्कुल ठंडी पड़ गई थी। पापा का लंड भी ढीला पड़ने लगा था। मगर अभी तक मेरी चूत में ही।
पापा इसी तरह मुझे गोद में लिए-लिए सोफे पर बैठ गए, और मैं अपने पापा के सीने के साथ यूं ही चिपकी रही। मेरी पसीने में भीगी हुई छातियां पापा के बालों भरे सीने से पिसी हुई थीं।
पापा का लंड आखिर नरम होकर मेरी चूत से बाहर निकल आया, और इसके साथ ही मेरी चूत से पापा की मनी बह-बहकर बाहर आने लगी।
सोफा खराब न हो जाए, इस ख्याल से मैंने नीचे अपनी चूत पर हाथ रख दिया, और पापा की मनी अपने हाथों में लेकर अपने पैरों और बूब्स पर मलने लगी।
पापा और मैं अब थक चुके थे। हम दोनों बाप-बेटी बेड पर जाकर एक-दूसरे की बाहों में लिपटकर लेट गए। मैं पापा के सीने से बुरी तरह चिपटी हुई थी, और पापा के होंठों को किस कर रही थी। मेरे टिट्स पापा के सीने से मिले हुए थे।
“कैसा लगा मेरी जानू को?” पापा ने आहिस्ता से मेरे कान से मुंह लगाकर पूछा।
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
“आपको कैसा लगा पापा?”
“जानू, मुझे तो बहुत अच्छा लगा। तुम्हारी अम्मी के बाद आज तुमने वो मजा दिया है कि बता नहीं सकता। बहुत टाइट चूत है मेरी शहला की। आज मुझे पता चला कि मेरी बेटी का जिस्म कितना सेक्सी है। जी चाहता है कि बस अपनी शहला जानू को चोदता रहूं।” ये कहते हुए पापा ने मेरी गांड की दोनों गोलाइयों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया।
मैंने अपनी एक टांग पापा की दोनों टांगों के बीच में डालकर पापा को अपने से और करीब कर लिया, कि पापा का लंड मेरी चूत के ऊपर रगड़ खाने लगा।
मैं नंगी थी और पापा भी नंगे थे। हमारे दोनों के नंगे जिस्मों में फिर से आग दहकने लगी। मैं तो आज इतनी छोटी उम्र में पहली दफा चुदी थी, इसलिए मुझे बहुत ज्यादा अब बार-बार चुदवाने की ख्वाहिश हो रही थी। मेरा बस नहीं चल रहा था कि मैं पापा से कहूं कि बस वो मुझे चोदते रहें।
मैं अपनी गांड को आगे की तरफ पुश करके अपनी चूत को पापा के लंड से रगड़ रही थी। पापा का लंड फिर से तनकर सख्त हो गया था।
“जानू फिर से चोदूं तुम्हें?” पापा मेरी हरकतों से शायद समझ गए थे।
“हूं…” मैं इस “हूं” के सिवा कुछ और न बोल सकी और शर्माकर मैंने अपना मुंह पापा के सीने में छुपा लिया, और एक हाथ से पापा का सख्त लंड मुट्ठी में जकड़ लिया। पापा का लंड मेरी मुट्ठी में आते ही बुरी तरह मचलने लगा।
“मैं अब अपनी प्यारी सी बेटी को पीछे की तरफ से घोड़ी बनाकर चोदूंगा,” पापा ने ये कहते हुए मुझे औंधा होकर गांड ऊपर उठाने को कहा।
मैं बेड पर औंधी हो गई और गांड बिल्कुल ऊपर उठा दी। पापा ने पीछे से मेरी गोल-गोल गांड को अपने दोनों हाथों में थाम लिया और बजाय अपना लंड मेरी चूत में डालने के, उन्होंने अपनी जीभ से मेरी चूत चाटनी शुरू कर दी।
पीछे से मेरी चूत चाटने की वजह से मेरा बुरा हाल हो गया और मेरे पूरे जिस्म में करंट सा दौड़ने लगा। पापा की जीभ मेरी गांड के छेद से होती हुई चूत के दाने तक घूम रही थी, “चट… चट…” की आवाज, मैं मचल रही थी, “आह पापा… मार गई… उफ्फ पापा… क्या कर रहे हैं मेरी चूत में… मार जाऊंगी… चोदिए मुझे… चोदिए पापा… मेरी चूत को चोदें… लंड डालें अपना मेरी चूत में…!!”
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
पापा ने आखिर एक हाथ से मेरी गांड पकड़ी और दूसरे हाथ से अपने लंड की टोपी मेरी चूत के छेद से लगाते हुए कहा, “शहला… डालूं लंड तेरी चूत में… उफ्फ शहला कितनी चिकनी और गुलाबी चूत है मेरी बेटी की…” पापा मेरी चूत पर अपना लंड फेर रहे थे। मेरी चूत के दाने से लंड की टोपी जब टच होती तो मैं बुरी तरह मजा में कांपने लगती।
“चोदिए ना पापा… डालें ना अपना लंड अपनी बेटी की चूत में… मार जाऊंगी… पूरी ताकत से चोदें मुझे… आग लग रही है मेरी चूत में पापा…”
पापा ने फिर एक ही धक्के में अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया और मेरी गोल-गोल गोरी-गोरी गांड को पकड़कर अपने लंड को तेजी से मेरी चूत के अंदर-बाहर करते रहे। “फचक… फचक… थप… थप…” की आवाजें गूंज रही थीं। पापा के लौड़े का एक-एक झटका मुझे जन्नत की सैर करवा रहा था। मैं अपनी गांड को पापा के हर झटके पर पीछे पापा के लंड पर मार रही थी। पापा ने मेरी गांड पर से हाथ हटाकर मेरी टिट्स को अपनी मुट्ठी में कसकर पकड़कर मेरी चूत को चोदना जारी रखा।
मेरे मुंह से सिसकारियां निकल रही थीं। मैं अपनी आंखें बंद किए चुदाई का भरपूर मजा ले रही थी। “उफ्फ जानू तेरी चूत… मजा आ रहा मुझे अपनी बेटी को चोदने का… शहला चुद मेरे लंड से… चुद मेरे लंड से… शहला तेरी मां की चूत को चोदूं… उफ्फ मेरी बेटी की चिकनी-चिकनी टाइट चूत को चोद रहा हूं।”
इधर मेरा भी बुरा हाल था। “पापा चोदिए… चोदिए… चोद मुझे… जोर-जोर से… चोद… चोदो… फाड़ दो मेरी चूत को… उफ्फ क्या करूं… मार गई… खत्म होने वाली हूं पापा… छूटने वाली हूं…”
मेरी चूत ने पापा के लंड को ग्रिप कर लिया। एकदम पापा जोर से चीखे, “मनी निकल रही है मेरी… अपनी बेटी की चूत में…”
एकदम से मुझे पापा के लंड से मनी का तेज गर्म-गर्म फव्वारा अपनी चूत में निकलता हुआ महसूस हुआ। और इधर मैं भी छूटने लगी। पापा और मेरा जिस्म साथ-साथ झटके मार रहा था।
पापा की मनी निकलने से उनका लंड ढीला पड़ने लगा और गहरी-गहरी सांसें लेते हुए पापा मेरे ऊपर मुझे अपने बॉडी के नीचे दबाते हुए लेट गए। मेरी सांसें भी तेज-तेज चल रही थीं।
“उफ्फ… मजा… आ गया… शहला।”
हम दोनों कुछ देर यूं ही लेटे रहे। फिर सीधे होकर एक-दूसरे की बाहों में लिपटकर सो गए। नींद आने से पहले जो चीज मुझे महसूस हुई, वो पापा की मनी थी, जो मेरी चूत से आहिस्ता-आहिस्ता बाहर मेरी रानों पर निकलकर बह रही थी। मैंने हाथ नीचे ले जाकर पापा की बहती हुई मनी अपनी चूत और रानों पर मालनी शुरू की, और फिर पता नहीं कब सो गई।
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
सुबह जब मेरी आंख खुली तो अच्छी खासी रोशनी हो चुकी थी। आंख खुली तो देखा कि मैंने पापा का तना हुआ लंड अपने हाथ में जकड़ा हुआ था। मेरी मुट्ठी में से पापा के लंड की टोपी फूलकर पर्पल कलर की हो रही थी और चमक रही थी। ट्रांसपैरेंट कलर का पानी पापा के लंड के छेद से निकल रहा था। मैंने अपनी उंगली से पानी को छुआ तो लेसदार पानी था, चिकना-चिकना।
पापा भी उठ गए और उठते ही मुझे अपने जिस्म से चिपटाकर किस करने लगे।
“पापा मुझे पी आ रही है।”
“मुझे भी आ रही है जानू।”
“चलो आओ मेरे साथ बाथरूम में।”
पापा से चुदवाने वाली बात और थी। मगर ये सोचकर कि मैं पापा के साथ बाथरूम में जाकर कैसे पापा के सामने कमोड पर बैठकर पी करूंगी, और पापा मेरे सामने पी करेंगे, मुझे बहुत शर्म आई।
“नहीं पापा, मुझे आप के सामने पी करते शर्म आएगी।”
“जानू, जब तुम अपने पापा से चुदवा चुकी हो, हम दोनों पूरी रात से नंगे एक-दूसरे के सामने हैं, तो पी करने में क्या है… आओ… चलो मेरे साथ…”
पापा ये कहते हुए मुझे बेड से उतारकर मेरी कमर में हाथ डालकर मुझे बाथरूम में ले गए।
बाथरूम के अंदर जाते ही पापा ने मुझे अपने से लिपटा लिया। बेड पर तो मुझे अपनी हाइट का अंदाजा नहीं हुआ, मगर खड़े होने की हालत में पता चला कि मेरा सिर पापा के सीने तक ही पहुंच पाया था। अभी मैं 18 साल की थी। हां थोड़ी सी मोटी थी। गोरा रंग था मेरा, जिस्म मेरा भरा-भरा सा था और गांड मेरी खास तौर से बहुत मोटी और बाहर की तरफ निकली हुई थी। ये सब मैं इसलिए बता रही हूं कि मुझे पापा से लिपटकर अपने सरापे का एहसास हुआ। खड़े होने की वजह से पापा का मुरझाया हुआ लंड मेरी टिट्स को छू रहा था।
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
पापा मुझे झुककर प्यार कर रहे थे और मेरे सारे जिस्म और मेरी गांड और चूत पर हाथ फेर रहे थे।
“उफ्फ जानू कितना प्यारा और सेक्सी जिस्म है मेरी बेटी का… क्या करूं तेरे साथ जानू… बिल्कुल मुल्तानी चिकनी मिट्टी की तरह जिस्म है तेरा जानू…”
इसके साथ ही पापा ने जब मेरी चूत के दाने पर उंगली फेरी तो मेरे सारे जिस्म में सनसनी दौड़ गई। पेशाब मुझे बहुत जोर से आ रहा था। पिछली शाम से मैंने पेशाब नहीं किया था।
“पापा मुझे बहुत जोर से पी आ रही है, निकल जाएगी।”
कहानी का अगला भाग: पापा के लंड के लिये अपनी कुँवारी चूत तैयार की-2
1 thought on “पापा के लंड के लिये अपनी कुँवारी चूत तैयार की-1”