दोस्तों आप मुझे खुशनशीब कहेंगे की कुछ और क्यों की चुदाई करना तो हरेक मर्द का सपना होता है और ये ऐसी भूख है जो की मिटती नहीं है, सेक्स तो रोज चाहिए, पर आप एक बार में कितने औरतों को चोद सकते है, मेरे साथ ये वाकया हुआ की मैंने पांच पांच औरतों को एक साथ चोदा मैं आपको पूरी कहानी विस्तार से बता रहा हु,
मैं हरियाणा के एक गाँव का रहने बाला हु, जो पानीपत के पास है, मैं २१ साल का लड़का हु, मैं काफी मिलनसार किस्म का हु, लोगो की हेल्प करना मुझे काफी अच्छा लगता है, पर जयादा सामाजिक होना भी अच्छा नहीं है अगर मैं सामाजिक नहीं होता तो पांचो चुदक्कड़ औरतों ने मेरे साथ जो किया वो नहीं करती. पूर्णमासी से एक दिन पहले मेरे मोहल्ले की पांच औरतों ने प्लान बनाया की कल हरिद्वार चलते है, मेरे पास इनोवा गाड़ी है तो वो लोग मेरे घर पे आये और बोले, भाई क्या आप मुझे गंगा स्नान करवा के ले आओगे, जो भी पैसा लगेगा देंगे, मैंने सोचा कोई बात नहीं मैं चलता हु, मैं आपसे सिर्फ पेट्रोल का कीमत ही लूंगा, और सुबह करीब ३ बजे हरिद्वार के लिए निकला पड़े.
पांचो में एक मेरी ताई जो की ४५ साल की थी और दो भाभी जो की ३० साल और ३२ साल की थी और दो बहन लगती है जो की २८ और एक ३१ साल की थी, मैं सबको लेके हरिद्वार पहुंच गया, गाडी को पार्किंग में लगा के गंगा स्नान करने गया, सारे लोगों ने वह पे नहाया पर उसको नहाते देख कर सब लोग घूर घूर के देख रहे थे, क्यों की सबने बड़ा वेपर्दा नहाया सब की चूचियाँ किसी ना किसी रूप में दिख रहा था, जब पानी में अंदर डुबकी लगते वापस आते सबकी चूचियाँ फूटबाल की तरह दिखती, गांड में कपडे सट जाते तो और भी सेक्सी लगती थी, मेरा लैंड खड़ा होने लगा था उनलोगो को देख देख के, हद तो तब हो गयी, जब वो लोग कपडे बदलने लगे तो बेडशीट को मैं ही पकड़ा हुआ था लोगो की नजर से उनलोगो को बचाने के लिए एक एक कर के सब आ रही थी कपडे बदलने के लिए और मैं और मेरी ताई दोनों मिलकर बेडशीट पकडे हुए थे,
मैंने पांचो को नंगे देखा सबकी चूची सबका गांड सबका चूत, किसी के चूत में ज्यादा बा किसी के चूत में काम बाल, किसी की बड़ी चूची किसी की छोटी, किसी का पेट चौड़ा किसी का पेट हिरणी के तरह, किसी का चूतड़ मोटा तो किसी का सिकुड़ा हुआ कुल मिला के आप ये मान के चलिए की वो सब देख कर बिना लंड हिलाये हुए, मैं दो बार झड़ गया सारा माल मेरे जाँघिया में ही रह गया, आप ये कहानी फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पे पढ़ रहे है मैं तो ऐसा महसूस कर रहा था जैसे की मैं स्वर्ग में हु, पांच पांच को नंगे देखना और उसके होठो की मुस्कराहट बिना लजाये हुए, आप सोचिये क्या सीन होगा,
फिर सबने मिलकर पूजा पाठ किया और होटल में जाके खाना खाके एक धर्मशाला में रूम बुक किया क्यों की हम लोग को सुबह सुबह निकलना था, धर्मशाला में निचे ही बेड लगा हुआ था हम टोटल ६ वही पे आराम करने लगे, मैं काफी थक गया था इस वजह से नींद जल्दी आ गयी थी, जैसे ही मेरी नींद खुली देखा की मेरी एक भाभी मेरा लंड को ऊपर से सहला रही थी, जैसे ही मैं उनके तरफ देखा वो ब्लाउज का हुक खोलने लगी, और चूची को आज़ाद कर दिया और मेरे मुह में दे दी, मैंने फिर उनके साडी को ऊपर कर के चढ़ गया वो पैर फैला दी, जैसे ही मैं १० से १५ धक्के लगाया मेरी ताई भी जग गया और वो भी मुझे सहलाने लगी, और अपना चूत को मेरे गांड में रगड़ने लगी, फिर भाभी अलग हो गयी और ताई लेट गयी वो अपना नाड़ा खोल दी और मेरे लंड को अपने चूत में दाल ली.
इस विच वो भाभी अपनी चूच को मेरे गांड में रगड़ रही थी तभी दो और जग गयी, उन्दोनो ने भी अपने अपने कपडे खोल के कोई अपने चूत को और कोई अपने बूब में मेरे शरीर में रगड़ने लगी, एक अभी तक सो रही थी तो ताई ने जगाई चुदवा ले तू भी, फिर क्या था पांचो को मैं एक एक करके चूत मरने लगा, करीब १ घंटे तो चोदा उस टाइम मैं ३ बार झड़ चूका था, पर अभी तब वो पांचो की चूत में आग लगी हुयी थी, मैं फटाफट कपडा पहना और मेडिकल से वियाग्रा ले के आया और थोड़ा ड्राई फ्रूट और गरम दूध पि के आया, फिर क्या था रात भर मैंने उन पांचो को एक एक कर के फिर ग्रुप में चुदाई की, पर दूसरे दिन मेरी हालत बहुत ही ख़राब हो गया था क्यों की रात भर टेबलेट खा खा के चोद रहा था, अब तो मैंने हरेक पूर्णमाशी को हरिद्वार उन पांचो को ले जाता हु, साथ में काफी सारे कामुक दबाइयां, आप फिर से नॉनवेज स्टोरी डॉट पे जब आयेगे मैं आपको एक और ऐसी हो हॉट कहानी सुनाऊंगा,
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