हाय, मैं संगीता हूँ, और आज मैं तुम्हें अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रही हूँ। ये बात तब की है जब मैं बी-कॉम थर्ड ईयर में थी, और मेरे भाई के दोस्त नमन ने मेरे साथ वो किया जो मैंने कभी सोचा भी नहीं था। मेरी उम्र उस वक्त 24 साल थी, और मेरा फिगर 38-35-36 था। मेरे बूब्स कुछ ज्यादा ही बड़े थे, और मेरी गांड भी मोटी थी। लोग मुझे देखकर कहते थे कि मैं किसी सेक्सी आइटम से कम नहीं लगती। मेरी हिरनी जैसी आँखें और भरा हुआ बदन हर किसी का ध्यान खींचता था।
तो दोस्तों, बिना तुम्हारा टाइम खराब किए मैं सीधे कहानी पर आती हूँ। मेरा भाई मुंबई में पढ़ाई कर रहा था, और उसका दोस्त नमन, जो बलिया में रहता था, मेरे कॉलेज में बी-कॉम फर्स्ट ईयर में एडमिशन लिया था। वो मुझसे दो साल छोटा था, यानी 22 साल का, और उसकी हाइट 5.7 थी। वो बहुत सीधा-साधा और इज्जत करने वाला लड़का था। मैं भी उसे बहुत मानती थी, और हमारी अच्छी दोस्ती थी। वो मुझसे कॉलेज के नोट्स लेने के बहाने मेरे घर आता रहता था। मुझे लगता था कि उसे मेरी मदद चाहिए, पर सच तो ये था कि उसे मुझे देखने का बहाना चाहिए था।
जब नमन 12th पास करके हमारे कॉलेज में आया, तो मैं पहले से ही बी-कॉम थर्ड ईयर में थी। मैंने एक साल पहले एडमिशन लिया था, इसलिए पढ़ाई में उससे एक साल आगे थी। वो मेरे घर आता, नोट्स लेता, और मेरे साथ घंटों बातें करता। मुझे उसकी बातें अच्छी लगती थीं। साल भर में शायद ही कोई दिन ऐसा गया हो जब वो मुझसे न मिला हो। वो मेरे घर आता, जो कुछ समझ न आए, वो मुझसे पूछता, और मैं उसे समझा देती। धीरे-धीरे वक्त बीतता गया, और मैं अपने आखिरी साल में पहुँच गई।
मेरे घर में सिर्फ मैं, मेरी मम्मी, और मेरा भाई था। पापा नहीं थे। मम्मी सरकारी नौकरी करती थीं, तो सुबह 10:30 बजे ऑफिस चली जाती थीं। नमन का मेरे घर आना-जाना बना रहता था, क्योंकि वो नहीं चाहता था कि मेरे भाई के जाने के बाद उसका हमारे घर से रिश्ता टूट जाए। वो मुझसे नोट्स लेने के बहाने रोज आता था। मुझे भी उसका आना अच्छा लगता था। उसकी नजरें अक्सर मुझ पर टिकी रहती थीं, और मैं समझती थी कि वो मुझे पसंद करता है, पर मैं कुछ बोलती नहीं थी।
फिर एक दिन मैंने नमन से कहा, “राहुल (मैं उसे राहुल कहकर बुलाती थी), मेरे पास अभी सेकंड ईयर के नोट्स नहीं हैं। तुम कल सुबह घर आ जाना, मैं ढूंढकर दे दूंगी।” उसने हाँ कह दिया। अगले दिन सुबह 9 बजे वो मेरे घर आया। मैंने उसे अंदर बुलाया और अपने रूम में बिठा दिया। मैं नोट्स ढूंढने लगी, और वो मुझे घूरने लगा। उसकी नजरें मेरे बदन पर टिकी थीं, पर मैंने कुछ नहीं कहा। तभी मम्मी शरबत लेकर आईं। उन्होंने नमन से पूछा, “बेटा, कैसे हो? घर में सब ठीक हैं?” नमन ने शरमाते हुए कहा, “जी आंटी, सब ठीक हैं। आप कैसे हैं?” मम्मी बोलीं, “मैं भी ठीक हूँ,” और फिर मुझसे कहा, “संगीता, मैं नहाने जा रही हूँ,” और चली गईं।
मम्मी के जाने के बाद मैंने नमन से कहा, “राहुल, मुझे अभी थोड़े-बहुत नोट्स मिले हैं। तुम इन्हें ले जाओ, बाकी मैं बाद में ढूंढकर दे दूंगी।” उसने नोट्स ले लिए, और फिर कुछ दिनों तक उसका आना-जाना चलता रहा। एक दिन मुझे अपने कंप्यूटर में दिक्कत हुई। बहुत सारे वायरस आ गए थे, और वो धीमा हो रहा था। मैंने नमन को फोन किया, “राहुल, मेरे कंप्यूटर में वायरस आ गए हैं। प्लीज आकर इसे ठीक कर दो।” उसने कहा, “ठीक है दीदी, मैं जल्दी आ जाऊंगा।”
एक दिन दोपहर 12:30 बजे वो मेरे घर आया। उस वक्त मैं घर में अकेली थी। मैंने एक ढीला, जालीदार काला गाउन पहना हुआ था, जिसमें से मेरी सफेद ब्रा और पैंटी साफ दिख रही थी। मेरी नाभि भी नजर आ रही थी। मैंने उसे अंदर बुलाया और अपने रूम में ले गई। मैंने कहा, “राहुल, जल्दी से मेरा कंप्यूटर ठीक कर दो और एंटीवायरस डाल दो।” उसने कहा, “ठीक है दीदी, मैं 30 मिनट में कर दूंगा।” वो पीसी फॉर्मेट करने लगा। जब लास्ट 2-3 मिनट का काम बचा था, मैंने कहा, “राहुल, मैं नहाने जा रही हूँ।” उसने कहा, “ठीक है दीदी, आप जाओ, मैं कंप्यूटर चला रहा हूँ।”
जब मैं नहाने के लिए बाथरूम की तरफ गई, तो नमन ने मेरा कंप्यूटर ठीक कर लिया था। मैं बाहर आई तो वो कंप्यूटर पर कुछ देख रहा था। मुझे शक हुआ कि वो मेरे हिडन फोल्डर्स चेक कर रहा है। दोस्तों, मैं तुम्हें बता दूं कि मुझे ब्लू फिल्में देखने का शौक था। मेरा कंप्यूटर का 70% हिस्सा पॉर्न वीडियो से भरा हुआ था। मैंने सोचा कि शायद नमन ने वो देख लिया है। वो थोड़ा घबराया हुआ लग रहा था, पर मैंने कुछ नहीं कहा। मैंने उससे कहा, “राहुल, मैं चाय लेकर आती हूँ,” और किचन में चली गई।
जब मैं चाय लेकर वापस आई, तो वो फिर से कुछ करने की कोशिश कर रहा था, पर मुझे देखते ही रुक गया। मैंने उसे स्माइल दी, और वो भी शरमा कर मुस्कुराया। हम दोनों चाय पीने लगे। उसकी नजरें मेरे गाउन के ऊपर से मेरी छाती पर टिकी थीं। मेरा गाउन इतना पतला था कि मेरे बूब्स साफ दिख रहे थे। मुझे पता था कि वो मुझे घूर रहा है, पर मैंने कुछ नहीं कहा। बल्कि मैंने थोड़ा और झुककर उसे और दिखाने की कोशिश की। फिर मैंने उससे पूछा, “राहुल, क्या तुम ब्लू फिल्म देखते हो?” वो चौंक गया और बोला, “दीदी, आप ये क्या पूछ रही हो? नहीं, मैं ऐसा कुछ नहीं देखता।”
मैंने हंसते हुए कहा, “झूठ मत बोलो, राहुल। मैंने तुम्हें दरवाजे से देखा था कि तुम मेरे कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म देख रहे थे।” वो शर्म से अपनी आँखें नीचे कर बैठ गया। मैंने कहा, “शरमाने की क्या बात है? मैं भी तो देखती हूँ।” फिर धीरे-धीरे हमारी बातें सेक्सी होने लगीं। मैंने उससे पूछा, “क्या तुमने कभी ट्राई किया है?” उसने कहा, “नहीं, दीदी।” फिर उसने मुझसे पूछा, “दीदी, आपने ट्राई किया है?” मैंने कहा, “हाँ, मैं बाथरूम में जाकर अपने बूब्स को मसाज करती हूँ।” वो मेरी बात सुनकर चौंक गया, और मुझे लगा कि वो कुछ सोच रहा है।
फिर उसने अचानक मुझसे पूछा, “दीदी, क्या आप मेरे साथ सेक्स करोगी?” मैं थोड़ी देर चुप रही, बस स्माइल दी। मुझे कुछ समझ नहीं आया कि क्या बोलूं, पर उसकी आँखों में एक चमक थी। इससे पहले कि मैं कुछ कह पाती, उसने मुझे अचानक पकड़ लिया और मेरे होंठों पर किस कर दिया। पहले तो मैं सोच में पड़ गई, पर फिर मैं भी उसे चूमने लगी। वो धीरे-धीरे मेरे कपड़े उतारने लगा। मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं और उसके होंठों को चूसने लगी। मैं अपनी जीभ उसके मुँह में डाल रही थी, और कभी-कभी उसकी जीभ को चूस रही थी। मुझे बहुत गर्मी चढ़ रही थी, और वो भी मस्त हो गया था। उसका सीना मेरी छाती से टकरा रहा था, और मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था।
फिर उसने मेरे बाल खोल दिए और मेरी मैक्सी उतार दी। मेरे बूब्स बाहर आ गए, और वो उन्हें देखकर पागल हो गया। थोड़ी देर में हम दोनों पूरी तरह नंगे हो गए, पर हम अभी भी एक-दूसरे के होंठ चूस रहे थे। फिर वो मेरी गर्दन चूमने लगा। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं पागल हो जाऊंगी। उसने मेरे कान को काट लिया, और मैं पूरी तरह मदहोश हो गई। वो मुझे चूमते-चूमते मेरी गांड को सहलाने लगा। फिर उसने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरी चूत पर हाथ लगाया। वो गीली हो चुकी थी। मुझे समझ आ गया कि अब मैं पूरी तरह तैयार हूँ। हम दोनों वर्जिन थे, पर उस पल में ऐसा लग रहा था जैसे हम पहले से सब कुछ जानते हों।
उसने मेरे हाथ कसकर पकड़ लिए, और मैं बेकाबू हो रही थी। फिर वो मेरे बूब्स चूसने लगा और एक हाथ से उन्हें दबाने लगा। मेरे मुँह से “आहह… औऊउ… अह्ह्ह्ह” की आवाजें निकल रही थीं। वो मेरे ऊपर चढ़ गया और मैं जोर-जोर से सिसकारियाँ ले रही थी। उसने मेरे बाल पकड़कर अपनी छाती की तरफ दबाए, और मैं पूरी तरह पागल हो चुकी थी। फिर उसने मुझसे पूछा, “दीदी, आपके घर में जेम है?” मैंने कहा, “हाँ, है।” वो किचन में गया और जेम ले आया। उसने मेरी चूत पर ढेर सारा जेम लगाया और फिर उसे चाटने लगा। मैं जोर-जोर से “अह्ह्ह्ह… उह्ह्ह्ह” कर रही थी। मेरी चूत से पानी बहने लगा था। करीब एक घंटे तक वो मेरी चूत चाटता रहा। फिर उसने सोचा कि अब मुझे चोदना चाहिए।
उसने अपना लंड मेरे सामने किया, और मैंने उस पर किस कर दिया। फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए। करीब 10 मिनट तक उसने मेरी चूत और बीच-बीच में मेरी गांड का छेद चाटा, और मैंने उसका लंड चूसा। फिर मैंने उसका लंड अपनी चूत के मुँह पर रख दिया। वो भी वर्जिन था, और उसे डर लग रहा था। उसने मुझसे कहा, “दीदी, अगर मेरे लंड की चमड़ी फट गई या आपकी चूत फट गई और खून निकला तो?” मैंने कहा, “राहुल, आज हमें बहुत अच्छा मौका मिला है। जो होगा, देखा जाएगा। अभी तो इस पल का मज़ा लो। मेरी चूत को फाड़ दो।” वो बोला, “ठीक है, दीदी, आज मैं आपको बहुत मज़ा दूंगा।” मैंने कहा, “मेरी जान, तुमने मेरी चूत चाटकर मुझे जन्नत दिखा दी है।”
उसने कंप्यूटर पर गाना चला दिया और आवाज थोड़ी तेज कर दी ताकि मेरी चीखें बाहर न जाएं। मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं, और उसने मेरा हाथ पकड़ लिया। मैंने अपने पैरों से उसकी कमर को बाँध लिया। फिर उसने एक जोरदार झटका मारा, और उसका 3 इंच लंड मेरी चूत में घुस गया। मैं चिल्ला उठी, “आईईई… अह्ह्ह्ह… माँ, मैं मर जाऊंगी… प्लीज इसे बाहर निकालो।” पर वो नहीं रुका। थोड़ी देर रुकने के बाद उसने फिर धक्का मारा, और दो मिनट में उसका पूरा लंड मेरी चूत में था। मैं जोर से चिल्लाई, “आईईईईई… मैं मर गई… प्लीज इसे निकालो, मेरी चूत फट जाएगी।” मेरी आँखों से आंसू निकलने लगे।
नमन ने थोड़ी देर रुककर फिर से धक्के देने शुरू किए। वो मेरे ऊपर लेट गया और मेरे बूब्स को दबाने और चूसने लगा। कुछ देर बाद जब मैं थोड़ा ठीक हुई, उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला। मेरी चूत से खून निकल रहा था। उसे देखकर वो बहुत खुश हुआ, जैसे उसे कोई बड़ी जीत मिली हो। फिर वो मेरे ऊपर पूरा जोर लगाकर धक्के देने लगा। मैं अब “आह्ह्ह” की आवाजें निकाल रही थी और बोल रही थी, “चोद मुझे, और जोर से चोद, फाड़ दो मेरी चूत को।” मेरी बात सुनकर वो जोश में आ गया।
15 मिनट की लगातार चुदाई के बाद वो झड़ने वाला था। उसने मुझसे पूछा, पर मैंने कहा, “पूरा वीर्य मेरी चूत में ही डाल दो।” उसने वैसा ही किया और मेरी चूत में झड़ गया। मैं इस बीच दो बार झड़ चुकी थी। वो मेरे ऊपर ही लेट गया। जब उसने अपना लंड बाहर निकाला, तो वो खून से लाल हो चुका था। नमन उसे देखता रहा, और फिर उसने एक बार में पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया। इस बार मुझे और भी मज़ा आ रहा था। मेरा शरीर आग की तरह तप रहा था। इस बार उसने मुझे 20 मिनट तक चोदा, और मैं दो बार फिर से झड़ गई।
फिर उसने कहा, “दीदी, अब मैं आपकी गांड मारना चाहता हूँ।” मैंने कहा, “नहीं, मुझे बहुत दर्द होगा।” उसने कहा, “नहीं होगा, बस थोड़ी देर दर्द होगा, फिर आपको बहुत मज़ा आएगा।” मैं मान गई। उसने अपना लंड मेरी चूत से निकाला, और हम वॉशरूम गए। चुदाई की वजह से मेरी चूत में इतना दर्द था कि मुझसे ठीक से उठा भी नहीं जा रहा था। नमन ने मुझे जैसे-तैसे बाथरूम तक पहुँचाया। वहाँ मैंने उसका लंड और अपनी चूत को साफ किया। पहले मैंने उसके लंड से सारा खून अच्छे से साफ किया, फिर अपनी चूत को पानी से धोया। नमन ने भी मेरी चूत में उंगली डालकर उसे साफ किया। फिर उसने मुझे टॉवल से पोंछा, और मैंने भी खुद को साफ किया।
हम दोनों ने एक-दूसरे को स्माइल दी, और फिर मैंने उससे कहा, “मुझे टॉयलेट आया है। तुम बाहर जाओ, मैं दो मिनट में आती हूँ।” उसने कहा, “नहीं, आप मेरे सामने ही कर लो।” पहले मैंने मना किया, पर फिर मान गई। मेरे टॉयलेट में वेस्टर्न स्टाइल की सीट थी। मैं उस पर बैठ गई और टॉयलेट करने लगी। पेशाब की आवाज से वो madhosh हो गया। वो मेरे पास आया और अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया। मैंने बैठे-बैठे उसका लंड चूस लिया। 5 मिनट बाद मैंने उसे मुँह से निकाला, अपनी चूत को पानी से साफ किया, और खड़ी हो गई।
नमन ने मुझे गोद में उठाया और बेड पर ले गया। उसने मुझे कुतिया बनने को कहा। जब मैं डॉगी पोजीशन में आई, उसने अपना लंड मेरी गांड के छेद पर रखा और रगड़ने लगा। पहले तो वो अंदर नहीं घुसा। फिर उसने मेरी गांड पर थूक लगाया और मुझे 5 मिनट तक अपना लंड चुसवाया ताकि वो चिकना हो जाए। फिर उसने मेरी गांड पर लंड रखा और जोर लगाकर अंदर डाला। बड़ी मुश्किल से 2 इंच घुसा, और मैं दर्द से चिल्ला रही थी। पर वो नहीं रुका। उसने जोर-जोर से धक्के दिए, और थोड़ी देर बाद उसका पूरा 8 इंच का लंड मेरी गांड में था। मैं बहुत जोर से चिल्लाई, पर अब मुझे मज़ा भी आने लगा था।
वो जोर-जोर से चोदता रहा। फिर मैंने कहा, “जान, थोड़ा धीरे और आराम से चोदो।” मैं “अह्ह्ह… उह्ह्ह” की आवाजें निकाल रही थी और बोल रही थी, “आज तो मैं पूरी तरह तुम्हारी हो गई हूँ। मैं कहीं नहीं जाऊंगी। थोड़ा आराम से चोदो, मुझे बहुत मज़ा आ रहा है।” मेरी साँसें तेज हो रही थीं, और अब मुझे गांड मारने में भी मज़ा आने लगा था। मैं अपनी गांड उठा-उठाकर चुदवा रही थी, और वो मेरी मोटी गांड में लंड डालकर मस्त हो रहा था। फिर वो मेरी गांड में ही झड़ गया और मेरे ऊपर लेट गया।
फिर हम दोनों नहाने गए। शावर के नीचे उसने फिर से मेरी चूत में लंड डाल दिया और 15 मिनट तक चोदा। बाहर निकलने के बाद हमने अपने-अपने कपड़े पहने। उसने मेरे लिए कॉफी बनाई, और हम दोनों एक ही कप से पी रहे थे। फिर एक घंटे तक हमने ब्लू फिल्म देखी। उस दौरान वो मुझे आधे घंटे तक चूमता रहा और स्मूच करता रहा। हमने एक बार फिर सेक्स भी किया। 4 बजे तक हमने एक-दूसरे के साथ फुल मज़ा लिया। फिर उसने अपने कपड़े पहने, मुझे 15 मिनट तक लगातार किस किया, और वहाँ से चला गया।
उसके बाद हमारा रात में फोन पर सेक्स शुरू हुआ। हर दो-तीन दिन में हम चुदाई करते थे। पर जब मेरी पढ़ाई पूरी हुई, तो मैं आगे की पढ़ाई के लिए पुणे चली गई। अब नमन मुझे बहुत याद करता है, और मैं भी उसकी यादों में खोई रहती हूँ।
तो दोस्तों, ये थी मेरी कहानी। अगर आपको पसंद आई, तो इसे अपने दोस्तों के साथ फेसबुक और व्हाट्सएप पर शेयर करना मत भूलना।
नमन से रोज चुदाई नहीं करती हो ? रोज चुदाई कर के वीर्य गिराओ अपने चूत में और आई पिल्स टैबलेट खाओ बच्चा पेट में नहीं रहेगा। एक दो पिल्स अपने पर्स में रखा करो। एक दो कन्डोम भी पर्स में रखो।