मेरा नाम जॉय है, उम्र 19 साल, और मैं मुंबई के एक मिडिल-क्लास मोहल्ले में रहता हूँ। मैं कॉलेज में पढ़ता हूँ, पतला-दुबला हूँ, लेकिन चेहरा ठीक-ठाक है, और लोग कहते हैं कि मेरी हँसी में कुछ बात है। मेरी मम्मी, शीला, 42 साल की हैं, गृहिणी हैं, और अक्सर घर के काम-काज में व्यस्त रहती हैं। उनके हाथ-पैर और कमर में दर्द की शिकायत रहती है, शायद ज्यादा काम की वजह से। मेरे पापा, राजेश, 45 साल के हैं, एक प्राइवेट कंपनी में क्लर्क हैं, और ज्यादातर अपने काम में ही डूबे रहते हैं। इस कहानी की दूसरी किरदार है रानी, 20 साल की, जो हमारी मालिश वाली है। रानी का रंग सांवला है, लेकिन उसकी खूबसूरती कमाल की है। उसकी आँखें काली और गहरी हैं, जैसे गहरे कुएँ में डूब जाओ। उसका फिगर, शायद 36-28-32, एकदम भरा हुआ, और उसकी चाल में एक अजीब सा लचीलापन है। वो हर रविवार हमारे घर मालिश करने आती है।
ये बात कुछ महीने पुरानी है। मम्मी का दर्द बढ़ गया था, तो उन्होंने रानी को बुलाना शुरू किया। रानी हर रविवार सुबह 10 बजे आती, अपनी तेल की बोतल और पुरानी साड़ी में लिपटी हुई। शुरू में मैं उसे ज्यादा तवज्जो नहीं देता था। वो मम्मी की मालिश करती, और मैं अपने कमरे में मोबाइल देखता रहता। लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि मेरी नजर उस पर ठहर गई। उस दिन गर्मी बहुत थी। रानी मम्मी की पीठ की मालिश कर रही थी, और उसका पसीना उसकी साड़ी को भिगो रहा था। साड़ी का पल्लू सरक गया था, और उसका ब्लाउज, जो थोड़ा तंग था, उसके स्तनों को कसकर पकड़े हुए था। उसके स्तन, जैसे दो पके आम, ब्लाउज में उभरे हुए थे। मैं पास से गुजरा, और मेरी नजरें वहीं अटक गईं। उसका सांवला चेहरा पसीने से चमक रहा था, और उसकी साँसें भारी थीं। मैंने खुद को समझाया कि ये गलत है, लेकिन उस दिन के बाद वो मेरे दिमाग में बस गई।
मैं रात को उसे सोचकर मुठ मारने लगा। उसकी कमर, उसकी भारी जांघें, और वो ब्लाउज में कसे हुए स्तन—सब कुछ मेरे ख्यालों में घूमता। हफ्ते बीतते गए, और मेरी चाहत बढ़ती गई। फिर एक रविवार को मम्मी-पापा को अचानक रिश्तेदार के यहाँ जाना पड़ गया। वो सुबह 8 बजे निकल गए, बोले रात तक लौटेंगे। मैं घर पर अकेला था, और मन में एक अजीब सी बेचैनी थी। तभी दरवाजे की घंटी बजी। मैंने खोला तो रानी खड़ी थी, अपनी वही पुरानी नीली साड़ी में, तेल की बोतल हाथ में लिए।
“मेमसाब कहाँ हैं?” उसने अपनी नरम आवाज में पूछा।
“मम्मी-पापा बाहर गए हैं, रात तक आएँगे। कुछ जरूरी काम था,” मैंने जवाब दिया।
उसका चेहरा लटक गया। “अरे, तो मैं इतनी दूर से यूँ ही आई? अब क्या करूँ? अभी बस भी नहीं मिलेगी।”
मैंने उसे अंदर बुलाया। “कोई बात नहीं, बैठो। पानी पियो।”
वो सोफे पर बैठ गई। उसकी साड़ी का पल्लू थोड़ा सरक गया, और उसकी कमर की एक झलक दिखी। मैंने मौका देखकर कहा, “वैसे, मेरे भी हाथ-पैर दर्द कर रहे हैं। क्या तुम मेरी मालिश कर सकती हो?”
वो थोड़ा हँसी, फिर बोली, “ठीक है, जब आई हूँ तो कर देती हूँ। कितना दर्द है?”
“हाथ, पैर, और पीठ में,” मैंने कहा और उसे अपने कमरे में ले गया।
मैंने अपनी टी-शर्ट और जीन्स उतारी, और सिर्फ अंडरवियर में बेड पर बैठ गया। रानी ने तेल की बोतल खोली और मेरे हाथों पर तेल लगाकर दबाने लगी। उसके हाथ इतने नरम थे कि मेरे शरीर में करंट सा दौड़ गया। वो मेरी बाहों को सहलाते हुए ऊपर-नीचे कर रही थी, और मैं उसकी हर हरकत को गौर से देख रहा था। फिर वो मेरी पीठ पर तेल लगाने लगी। उसकी उंगलियाँ मेरी रीढ़ पर फिसल रही थीं, और मैं आँखें बंद करके उसका मजा ले रहा था। उसने धीमी आवाज में कहा, “तेरी स्किन तो बहुत मुलायम है।”
मालिश करते-करते उसका हाथ मेरी कमर तक गया, और फिर मेरे कूल्हों की तरफ। मेरे शरीर में गर्मी बढ़ने लगी। तभी गलती से उसके हाथ से तेल ज्यादा गिर गया, और उसकी साड़ी पर लग गया। वो हड़बड़ाकर उसे साफ करने लगी। मैंने कहा, “साड़ी गंदी हो जाएगी। पानी डालकर बाहर रख दो।” वो थोड़ा शरमाई, लेकिन फिर मान गई। उसने साड़ी उतारी और बाहर रख दी। अब वो सिर्फ गुलाबी ब्लाउज और पेटीकोट में थी। उसकी जांघें, जैसे चिकने संगमरमर, पेटीकोट से झलक रही थीं। मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था।
वो फिर से मालिश करने लगी। मैंने हिम्मत करके कहा, “रानी, तुम तो सबकी मालिश करती हो। तुम्हें कभी मालिश की जरूरत नहीं पड़ती?”
वो हँसी और बोली, “क्यों नहीं पड़ती? लेकिन मेरी मालिश कौन करेगा?”
मैंने तुरंत कहा, “मैं कर दूँ?”
वो थोड़ा सोची, फिर बोली, “चल, ठीक है।”
वो बेड पर लेट गई। मैंने उसके पैरों से शुरू किया। तेल लगाकर उसकी जांघों को दबाने लगा। उसका पेटीकोट धीरे-धीरे ऊपर सरक रहा था, और उसने कुछ नहीं कहा। मैंने उसकी पीठ पर तेल लगाया, और उसकी चिकनी स्किन को छूते ही मेरा लंड सख्त होने लगा। मैंने उसे सीधा किया और उसके पेट पर मालिश शुरू की। उसकी नाभि गहरी और गोल थी। मैंने पूछा, “कैसा लग रहा है?”
वो धीमे से बोली, “अच्छा लग रहा है।”
मैंने हिम्मत की और कहा, “अगर ब्लाउज उतार दो तो और अच्छा लगेगा।”
वो शरमाई, “नहीं, मुझे शर्म आएगी।”
मैंने कहा, “अरे, मैं भी तो सिर्फ अंडरवियर में हूँ।”
वो हँसी और बोली, “हाँ, ये बात तो है।” फिर उसने मुझे अपना ब्लाउज खोलने दिया। जैसे ही ब्लाउज उतरा, मैं उसके स्तनों को देखकर दंग रह गया। वो काली ब्रा में कसे हुए थे, भरे-भरे और सख्त। मैंने ब्रा के किनारों से मालिश शुरू की, फिर उसके पेट पर हाथ फेरने लगा।
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मेरी हिम्मत और बढ़ी। मैंने उसके पेटीकोट की डोरी खोल दी। वो चौंकी, “ये क्या कर रहे हो?”
मैंने कहा, “इसे उतार दो, मालिश और अच्छी होगी।” उसने हल्का सा सिर हिलाया, और मैंने पेटीकोट उतार दिया। अब वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी। उसकी चूत पैंटी से हल्की-हल्की दिख रही थी। मैंने पैंटी के किनारों पर मालिश की, और वो चुपचाप लेटी रही। फिर वो पलटी, और मैंने उसकी पीठ पर मालिश शुरू की। मैंने धीरे से उसकी ब्रा का हुक खोल दिया। उसने कुछ नहीं कहा। मेरी हिम्मत और बढ़ी। मैंने उसकी पैंटी धीरे-धीरे नीचे सरकाई। वो बोली, “जॉय, ये क्या?”
मैंने कहा, “फुल बॉडी मसाज के लिए ये भी उतारना पड़ेगा।”
वो चुप रही, और मैंने पैंटी उतार दी।
अब वो पूरी तरह नंगी थी। मैंने उसके कूल्हों पर मालिश शुरू की। उसकी गांड गोल और चिकनी थी। मैंने तेल लगाकर उसे दबाया, और मेरा लंड अब पूरी तरह खड़ा था। मैंने उसे सीधा किया। उसके स्तन मेरे सामने थे, भूरे निप्पल्स के साथ सख्त और उभरे हुए। मैंने उन पर तेल लगाया और धीरे-धीरे दबाने लगा। तभी उसका हाथ मेरे लंड पर पड़ा। वो उसे सहलाने लगी। मैं हैरान था, लेकिन मजा भी आ रहा था। उसने मेरी चड्डी उतार दी और मेरे लंड को हिलाने लगी। वो बोली, “मुझे पता है तू मेरे साथ चुदाई करना चाहता है। मैं भी तुझे देखकर गर्म हो रही थी।”
उसकी बात सुनकर मैं पागल हो गया। मैंने उसके स्तनों को जोर से दबाया, और उसके निप्पल्स को चूसने लगा। वो सिसकारियाँ भरने लगी, “आह… जॉय…” मैंने उसकी नाभि को चूमा, उसकी कमर को चाटा। फिर मैं उसकी चूत की तरफ बढ़ा। उसकी चूत पर हल्के-हल्के बाल थे, जैसे मुलायम घास का मैदान। मैंने उसके आसपास हाथ फेरा, फिर उसकी चूत को चूमा। मेरी जीभ जैसे ही उसकी चूत पर लगी, वो सिहर उठी। उसने मेरे बाल पकड़ लिए और बोली, “और कर…” मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया। उसका स्वाद नमकीन और गर्म था। मैंने एक उंगली अंदर डाली, और उसकी सिसकारी और तेज हो गई। फिर मैंने दो उंगलियाँ डालीं, और उसे धीरे-धीरे चोदने लगा। वो चिल्लाई, “आह… जॉय… और तेज!”
थोड़ी देर बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। उसका शरीर काँप रहा था। अब वो उठी और मेरे लंड को चूसने लगी। वो उसे लॉलीपॉप की तरह चाट रही थी, कभी सुपारे को चूसती, कभी मेरे टट्टों को सहलाती। मैं सातवें आसमान पर था। थोड़ी देर बाद मेरा लंड झड़ गया, और उसने सारा माल अपने मुँह में लिया।
मैंने उसे बेडरूम में ले जाकर बिस्तर पर लिटाया। हम दोनों एक-दूसरे पर टूट पड़े। मैं उसकी चूत चाटने लगा, और वो मेरा लंड चूसने लगी। हम 69 की पोजीशन में थे। उसकी चूत की गर्मी और स्वाद मुझे पागल कर रहे थे। 10 मिनट बाद मैंने अलमारी से कंडोम निकाला। रानी ने मुझे कंडोम पहनाया। मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहाने पर रखा। उसने अपने पैर फैलाए, और मैंने धीरे-धीरे लंड अंदर डाला। उसकी चूत टाइट थी, और वो हल्का सा चीखी। मैंने पूछा, “ठीक है?”
वो बोली, “हाँ, बस धीरे कर।”
मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। उसकी चूत की गर्मी और टाइटनेस मुझे जन्नत का मजा दे रही थी। वो सिसकारियाँ ले रही थी, “आह… और जोर से…” मैंने स्पीड बढ़ा दी। फिर मैंने उसे डॉगी स्टाइल में किया। उसकी गांड मेरे सामने थी। मैंने तेल लगाकर उसके गांड के छेद में लंड डाला। वो चीखी, लेकिन धीरे-धीरे उसे भी मजा आने लगा। मैंने उसे कई पोजीशन में चोदा—मिशनरी, काउगर्ल, स्टैंडिंग। हर पोजीशन में वो मेरे साथ ताल मिला रही थी। आखिर में मैंने कंडोम उतारा, और उसने मेरा लंड फिर से चूसा। मैंने उसके स्तनों के बीच लंड रखा और हिलाने लगा। थोड़ी देर बाद मैं फिर झड़ गया।
हम बाथरूम में गए, और वहाँ भी हमने एक-दूसरे के साथ खेला। नहाने के बाद उसने कपड़े पहने। मैंने उसे गले लगाया, उसके होंठ चूसे, और उसकी चूत पर हाथ फेरा। उसने मेरा लंड एक बार फिर सहलाया और चली गई। अब जब भी मम्मी घर पर नहीं होतीं, हम चुपके से मिलते हैं और चुदाई का मजा लेते हैं।