मैं अफसाना हूँ, 24 साल की, सतना की रहने वाली। मेरा फिगर 32-28-36 है, मेरे गोल-मटोल बूब्स और टाइट गांड को देखकर कोई भी मर्द पागल हो सकता है। मेरी त्वचा गोरी है, और लंबे काले बाल मेरी कमर तक लहराते हैं। ये कहानी मेरे जन्मदिन से दो दिन पहले की है। मैंने अपने जन्मदिन के लिए एक धमाकेदार पार्टी प्लान की थी, और मैं चाहती थी कि उस दिन मैं सबसे हॉट और आकर्षक दिखूँ। इसलिए मैंने सोचा कि एक अच्छी बॉडी मसाज मेरे शरीर को रिलैक्स और ग्लोइंग बना देगी। मैंने शहर के एक मशहूर पार्लर में दोपहर 2:30 बजे की अपॉइंटमेंट बुक कर ली।
पार्लर पहुँचते ही मैंने रिसेप्शन पर अपनी अपॉइंटमेंट के बारे में पूछा। वहाँ की लड़की ने बताया कि कोई भी लेडी मसाजर उपलब्ध नहीं है। मेरे चेहरे पर हल्की निराशा देखकर उसने कहा, “मैम, हमारे पास जेंट्स मसाजर हैं, वो भी बहुत अच्छा काम करते हैं।” मैंने एक पल सोचा। मेरे दिमाग में ख्याल आया कि पुरुषों के हाथों में ज्यादा ताकत होती है, तो शायद मसाज और गहरी और असरदार होगी। मैंने हामी भर दी और कहा, “ठीक है, जेंट्स मसाजर ही बुला लो।”
रिसेप्शनिस्ट ने मुझे एक मसाज रूम में ले जाकर छोड़ दिया। रूम छोटा लेकिन साफ-सुथरा था, हल्की रोशनी और लैवेंडर की खुशबू से भरा हुआ। एक मसाज टेबल बीच में रखी थी, और पास में तेल की बोतलें और तौलिये थे। दो मिनट बाद दरवाजा खुला, और मुन्ना अंदर आया। मुन्ना, 28-30 साल का होगा, लंबा, चौड़े कंधों वाला, और गठीला शरीर। उसका चेहरा साफ और आकर्षक था, छोटी-सी दाढ़ी और गहरी भूरी आँखें। उसने नीली टी-शर्ट और काली पैंट पहनी थी, जो उसके मस्कुलर शरीर पर फिट बैठ रही थी। उसकी मुस्कान में एक अजीब-सी शरारत थी, जो मुझे तुरंत पसंद आ गई।
हमने एक-दूसरे से परिचय किया। उसने कहा, “हाय, मैं मुन्ना, आपका मसाजर।” मैंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “हाय, मैं अफसाना।” उसने मुझे चेंजिंग रूम की ओर इशारा करते हुए कहा, “आप वहाँ जाकर मसाज के लिए कपड़े बदल लीजिए।” मैं चेंजिंग रूम में गई। वहाँ मुझे एक डार्क रेड ब्रा और पैंटी दी गई, जो पार्लर की स्टैंडर्ड मसाज ड्रेस थी। मैंने अपनी जींस और टॉप उतारे, ब्रा और पैंटी पहनी, और ऊपर से एक पतला बाथिंग गाउन लपेट लिया। गाउन इतना हल्का था कि मेरे शरीर की आउटलाइन साफ दिख रही थी। मैं वापस रूम में आई और मुन्ना की नजरें मुझ पर टिक गईं।
उसने कहा, “अफसाना, गाउन उतारकर टेबल पर लेट जाइए।” मैंने धीरे से गाउन उतारा और उसे साइड में रख दिया। अब मैं सिर्फ़ रेड ब्रा और पैंटी में थी। मुन्ना की नजरें मेरे शरीर पर रेंग रही थीं, जैसे वो मेरे हर कर्व को नाप रहा हो। मैंने उसकी नजरों को नजरअंदाज किया और पेट के बल टेबल पर लेट गई। उसने एक बोतल से गर्म तेल लिया और मेरी पीठ पर डालना शुरू किया। उसका हाथ मेरी पीठ पर फिसल रहा था, और उसकी उंगलियाँ मेरी मांसपेशियों को गहरे दबा रही थीं। “उफ्फ…” मेरे मुँह से हल्की-सी सिसकारी निकली। उसका टच इतना मजबूत और सटीक था कि मेरे शरीर में एक अजीब-सी सिहरन दौड़ गई।
मुन्ना ने मेरी पीठ की मसाज के बाद मेरी कमर पर तेल लगाया और धीरे-धीरे मेरी गांड की ओर बढ़ा। उसने मेरी पैंटी के किनारों को हल्का-सा नीचे खींचा और मेरी गांड पर तेल डाला। उसका हाथ मेरी गांड को मसल रहा था, और हर बार जब वो जोर से दबाता, मेरी चूत में एक हल्की-सी गुदगुदी होने लगती। मैंने कुछ नहीं कहा, बस आँखें बंद करके उसका टच महसूस करती रही। मेरी साँसें तेज हो रही थीं, और मैं महसूस कर सकती थी कि मेरी पैंटी धीरे-धीरे गीली होने लगी थी।
उसने कहा, “अफसाना, अब पलट जाइए।” मैं पलटी और उसकी ओर मुँह करके लेट गई। मेरे बूब्स ब्रा में कसे हुए थे, और मेरी चूत पैंटी में छुपी थी, लेकिन मुझे पता था कि मेरी उत्तेजना अब छुप नहीं रही थी। उसने मेरे पेट पर तेल डाला और मसाज शुरू की। उसका हाथ मेरे पेट से होते हुए मेरे कंधों, फिर मेरे हाथों और पैरों तक गया। हर टच के साथ मेरी उत्तेजना बढ़ रही थी। मैंने देखा कि उसकी पैंट में एक उभार साफ दिख रहा था। उसका सात इंच का लंड पूरी तरह तन चुका था, और पैंट में कैद होने की कोशिश कर रहा था।
उसने धीरे से पूछा, “मैम…” मैंने उसे टोकते हुए कहा, “मुझे अफसाना बुलाओ, प्यार से।” उसने मुस्कुराते हुए कहा, “ठीक है, अफसाना। क्या मैं तुम्हारे बूब्स की मसाज करूँ?” मैंने बिना झिझक के कहा, “जो करना है, करो। बस अच्छे से करो।” उसने मेरी ब्रा के हुक खोले और उसे साइड में रख दिया। मेरे 32 साइज के बूब्स अब पूरी तरह नंगे थे। उसने ढेर सारा तेल मेरे बूब्स पर डाला और उन्हें मसलना शुरू किया। “आआह्ह…” मेरे मुँह से सिसकारी निकली। उसकी उंगलियाँ मेरे निप्पल्स को हल्के से दबा रही थीं, और मैं पूरी तरह उत्तेजित हो चुकी थी।
मैंने कहा, “मुन्ना, और जोर से दबाओ। बहुत मजा आ रहा है।” मेरा हाथ अनायास उसके लंड पर चला गया। उसकी पैंट के ऊपर से ही मैं उसके तने हुए लंड को महसूस कर सकती थी। उसने अपनी पैंट और अंडरवियर उतार दी। उसका सात इंच का लंड मेरे सामने था, मोटा और नसों से भरा हुआ। मैं दो सेकंड के लिए डर गई, लेकिन मेरी चूत में गर्मी बढ़ती जा रही थी। उसने अपना लंड मेरे हाथ में पकड़ा दिया। मैंने उसे सहलाना शुरू किया, और वो धीरे-धीरे और सख्त होता गया।
उसने पूछा, “कैसा लगा मेरा लंड?” मैंने उसी के अंदाज में जवाब दिया, “अभी तूने मेरी चूत को कहाँ देखा है?” उसने हँसते हुए कहा, “बोलो तो अभी देख लूँ?” मैंने कहा, “मैंने कब मना किया?” उसने मेरी पैंटी के ऊपर से मेरी चूत को छूना शुरू किया। उसका हाथ मेरी चूत के होंठों को पैंटी के ऊपर से रगड़ रहा था। मैंने कहा, “ऐसे क्या मजा आएगा? पैंटी उतार दे।” उसने मेरी पैंटी नीचे खींची और मेरी चूत पर ढेर सारा तेल डाला। फिर वो मेरी चूत को मसलने लगा, उसकी उंगलियाँ मेरे क्लिट को रगड़ रही थीं। “आआह्ह… ऊऊह्ह…” मैं सिसकारियाँ लेने लगी।
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मैंने उसका लंड अपने मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। उसका लंड मेरे मुँह में गर्म और सख्त था। मैं अपनी जीभ से उसके टिप को चाट रही थी, और वो मेरी चूत में उंगली डालकर अंदर-बाहर कर रहा था। “आआह्ह… मुन्ना… और तेज…” मैं सिसकारी लेते हुए बोल रही थी। उसने मेरी चूत को और तेजी से मसला, और उसकी दो उंगलियाँ अब मेरी चूत के अंदर थीं। करीब दस मिनट बाद मेरी चूत से पानी निकलने लगा। मैंने कहा, “मुन्ना, अब और मत तड़पाओ। अपने इस मोटे लंड से मेरी चूत की आग बुझा दो।”
उसने मुझे टेबल पर सीधा लिटाया और मेरी टाँगें चौड़ी कीं। उसने अपना सात इंच का लंड मेरी चूत के मुँह पर रखा और धीरे से अंदर धकेला। “आआह्ह… ऊऊह्ह…” मेरी चूत में उसका लंड धीरे-धीरे घुस रहा था, और मुझे हल्का-सा दर्द हुआ। लेकिन वो दर्द जल्दी ही मजा में बदल गया। उसने धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाई। “थप-थप-थप…” उसका लंड मेरी चूत में अंदर-बाहर हो रहा था, और मेरी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। “आआह्ह… मुन्ना… और जोर से… मेरी चूत को फाड़ दे…” मैं चिल्ला रही थी।
उसने मेरे बूब्स को जोर-जोर से दबाना शुरू किया, और मेरे निप्पल्स को अपनी उंगलियों से मसल रहा था। मैं पूरी तरह खो चुकी थी। उसका लंड मेरी चूत को इतना मजा दे रहा था कि मैं बस चिल्ला रही थी, “आआह्ह… ऊऊह्ह… चोदो मुझे… और तेज…” वो मेरे बूब्स को चूसने लगा, और उसकी जीभ मेरे निप्पल्स पर घूम रही थी। मेरी चूत बार-बार सिकुड़ रही थी, और मैं एक के बाद एक ऑर्गेज्म की ओर बढ़ रही थी।
करीब आधे घंटे की चुदाई के बाद उसने मुझे पलटकर डॉगी पोजीशन में किया। मेरी गांड हवा में थी, और मेरी चूत अभी भी गीली थी। उसने मेरी गांड पर तेल डाला और अपनी उंगली अंदर डाल दी। “आआह्ह…” मैं सिसकारी। उसने धीरे-धीरे अपनी उंगली अंदर-बाहर की, और फिर अपना लंड मेरी गांड के छेद पर रखा। “मुन्ना, धीरे से…” मैंने कहा, लेकिन मेरी आवाज में उत्तेजना साफ थी। उसने धीरे से अपना लंड मेरी गांड में डाला। “आआह्ह… ऊऊह्ह…” दर्द और मजा दोनों एक साथ थे। उसने स्पीड बढ़ाई, और “थप-थप-थप…” की आवाज फिर से गूँजने लगी।
मैं चिल्लाई, “मुन्ना, मेरी गांड फाड़ दे… और जोर से…” वो मेरे बाल पकड़कर मुझे कुतिया की तरह चोद रहा था। उसका लंड मेरी गांड को पूरा भर रहा था, और मैं हर धक्के के साथ सिसकार रही थी। “आआह्ह… ऊऊह्ह… और तेज…” मेरी चूत से फिर से पानी निकल रहा था। उसने मेरी गांड को चोदते हुए मेरी चूत में उंगली डाल दी, और मैं पागल हो गई। करीब बीस मिनट तक उसने मेरी गांड चोदी, और फिर वो रुक गया।
उसने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया। मैंने उसे फिर से चूसना शुरू किया, और वो मेरी चूत को फिर से तेल लगाकर मसलने लगा। “आआह्ह…” मेरी सिसकारियाँ कम नहीं हो रही थीं। पाँच मिनट बाद मेरी चूत फिर से चुदने को तैयार थी। उसने मुझे टेबल के सहारे खड़ा किया और पीछे से मेरी चूत में लंड डाल दिया। “थप-थप-थप…” वो आवाज फिर से गूँज रही थी। मैं चिल्लाई, “मुन्ना, तेरा लंड मेरी चूत को पागल कर रहा है।” उसने कहा, “तेरी चूत भी तो मेरे लंड को शांत नहीं होने दे रही।”
करीब पच्चीस मिनट बाद हम दोनों थक गए और टेबल पर लेट गए। लेकिन मेरी चूत और उसके लंड को अभी भी चैन नहीं था। हम 69 की पोजीशन में आ गए। वो मेरी चूत चाट रहा था, और मैं उसका लंड चूस रही थी। “आआह्ह… ऊम्म…” मेरी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। उसकी जीभ मेरे क्लिट को चाट रही थी, और मैं उसके लंड को गहरे तक चूस रही थी। पंद्रह मिनट बाद मेरी चूत का पानी निकल गया, और उसी वक्त उसके लंड से भी गर्म-गर्म वीर्य मेरे मुँह में आ गया। मैंने उसे चाट लिया, और हम दोनों हाँफते हुए लेट गए।
लेकिन जैसे ही मैं अपनी पैंटी और ब्रा उठाने लगी, मुन्ना का लंड फिर से तन गया। उसने तेल लिया और मेरे बूब्स पर डालकर उन्हें चूसना शुरू किया। मैंने कहा, “मुन्ना, अब बस। बहुत हो गया।” उसने कहा, “अफसाना, एक बार और। मैं तुझे ऐसा मजा दूँगा जो तू कभी नहीं भूलेगी।” मैंने हँसते हुए कहा, “ठीक है, दिखा दे कितना दम है।”
उसने मुझे जमीन पर लिटा दिया और अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया। वो खड़ा था, और मैं नीचे लेटी थी। उसने मेरी चूत में ढेर सारा तेल डाला और उंगली करने लगा। “आआह्ह… ऊऊह्ह…” मेरी सिसकारियाँ फिर से शुरू हो गईं। मैंने उसके लंड को इतनी तेजी से चूसा कि वो भी सिसकारने लगा। वो मेरी चूत चाटने लगा और बोला, “तेरी चूत का स्वाद बार-बार चखने का मन करता है।” मैंने कहा, “तेरा लंड भी तो मेरी चूत को इतना मजा दे रहा है।”
मेरी चूत फिर से चुदने को बेताब थी। मैंने कहा, “मुन्ना, अब चोदो। मेरी चूत तेरा लंड माँग रही है।” उसने पूछा, “कोई नया पोजीशन ट्राई करें?” मैंने कहा, “जो करना है, कर। बस जल्दी चोदो।” उसने मुझे उठाकर खड़ा किया और पीछे से मेरी चूत में लंड डाल दिया। वो मेरे बूब्स को जोर-जोर से दबा रहा था, और मैं चिल्ला रही थी, “आआह्ह… मुन्ना… पूरी ताकत से चोदो…” “थप-थप-थप…” उसका लंड मेरी चूत को रगड़ रहा था, और मैं हर धक्के के साथ सिसकार रही थी।
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पाँच मिनट बाद उसने मेरी गांड में लंड डाल दिया। उसका सात इंच का लंड मेरी गांड को पूरा भर रहा था। मैं चिल्लाई, “आआह्ह… और जोर से… मेरी गांड को भी चोद डाल…” उसने अपनी दो उंगलियाँ मेरी चूत में डाल दीं और साथ में मेरी गांड चोदने लगा। “आआह्ह… ऊऊह्ह…” मैं पागल हो रही थी। मैंने कहा, “मुन्ना, तेरा लंड कमाल का है। मुझे इतना मजा पहले कभी नहीं आया।” उसने जवाब दिया, “तेरे बूब्स, तेरी गांड, तेरी चूत… सब कमाल के हैं। मैंने आज तक ऐसी चुदाई नहीं की।”
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