मेरी Maa Ki Chut Xxx Kahani पढ़ें, जिसमें मैंने एक दिन अपने पापा के दोस्त को अपने ही घर में मेरी माँ की चूत चुदाई करते देखा। आप पढ़ने में मज़ा करें।
दोस्तो, मैं अमित हूँ और राजस्थान से हूँ।
यह मेरी पहली सच्ची Maa Ki Chut Xxx Kahani है। ये कहानी मेरी माँ और अंकल की चुदाई की है।
हम तीन लोग घर में रहते हैं: मैं, मां और पापा।
मां सुशीला और पापा रमेश हैं।
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Papa अक्सर टूर पर रहते हैं क्योंकि वह ट्रक चलाते हैं। उनकी उम्र ४२ वर्ष है।
राजेश मेरे पिता के साथ काम करता है। हमारे घर से कुछ दूर रहते हैं।
उनकी उम्र लगभग 41 होगी।
अंकल काम करते हैं और उनकी पत्नी उनके गांव में रहती हैं।
पिताजी और अंकल अत्यन्त विशिष्ट दोस्त हैं। वह दोनों हमेशा एक दूसरे का ध्यान रखते हैं।
अंकल अक्सर हमारे घर पर खाना खाते हैं। हमारे घर पर पापा और अंकल देर रात तक बातें करते रहते हैं।
मुझे बार-बार मालूम हुआ कि अंकल मेरी मां से दिल से प्यार करते हैं।
मेरी मां एक साधारण घरेलू महिला हैं, लेकिन उनका शरीर इतना सुंदर है कि कोई भी उन्हें देखकर पागल हो जाएगा और उसे तुरंत चोदने की इच्छा करे।
मेरी मां 37 वर्ष की है। मां अपने शरीर का पूरा ध्यान रखती हैं, जिससे वह सुंदर दिखती हैं।
ये पिछले साल हुआ था जब पापा टूर पर थे।
मां और मैं घर पर अकेले थे। मुझे कुछ काम याद आया तो मैं दोस्त के घर चला गया।
लेकिन दोस्त उस दिन कहीं बाहर गया था, इसलिए मैं उसे नहीं मिला और वापस घर आ गया।
उतने में बारिश होने लगी।
जुलाई का महीना था और बारिश हुई।
मैं जल्दी घर जाना चाहता था, लेकिन जोरों की बारिश शुरू हो गई। तो वह भीगकर घर पहुंचा।
मैं घर में मां को बाहर नहीं देखता था।
तब मैंने अपने पिता के कमरे की ओर देखा।
उधर से मां की आवाज आई।
मैं जानता था कि मां अंदर हैं, लेकिन मुझे पता नहीं था।
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इस समय मैं बहुत गीला था, इसलिए मैं अपने कमरे में कपड़े बदलने चला गया।
फिर अंकल की आवाज आई जब मैं कपड़े बदल रहा था।
पापा को फोन कर रहे थे।
शायद अंकल को पता नहीं था कि पापा एक टूर में भाग ले रहे थे।
तब अंकल पापा को घर में बुलाकर “रमेश रमेश…” कहा।
जब उन्हें मां नहीं दिखी, वे अंकल पापा के कमरे की ओर चले गए।
अंकल अक्सर पापा के साथ कमरे में बैठकर बातें करते रहते हैं जब दोनों फ्री होते हैं।
जब वह काम पर नहीं होते, तो पिता बेडरूम में आराम करते रहते हैं।
इसलिए अंकल भी बिना सोचे समझे पापा के कमरे की ओर चले गए।
पापा के कमरे और मेरे कमरे में एक खिड़की है। खिड़की पर जाली लगी है, जो रोशनी वाली साइड से नहीं दिखती है।
जब मैं कपड़े बदल रहा था, तो मेरे कमरे का दरवाजा और लाइट बंद थीं।
मां जानती थी कि मैं घर पर आया हूँ..। क्योंकि वह अपने कमरे में थीं और कमरे की लाइट चालू थी, मेरे कमरे में थोड़ी रोशनी आ रही थी।
मैंने सोचा कि अंकल पापा के कमरे में जा रहे हैं, तो मैंने उनसे कहा कि पापा घर नहीं हैं।
इसलिए मैं खिड़की से माँ को कहता हूँ कि अंकल पापा आपके कमरे में आ रहे हैं और उनसे मिलने के लिए नहीं आ रहे हैं।
उससे पहले ही मैं कुछ बोलता, अंकल अंदर आ गए और मम्मी बेड पर बेडशीट ठीक कर रही थीं।
मम्मी को इसका पता नहीं था।
अंकल सिर्फ लुंगी पहने हुए थे और उनके सीने पर कुछ भी कपड़ा नहीं था।
पिताजी की गांड को देखकर अंकल अपनी लुंगी के ऊपर से अपना लंड मसल रहे थे।
धीरे-धीरे अंकल ने दरवाजा बंद कर लुंगी को खोल दिया।
वह पूरी तरह से नंगे थे क्योंकि उन्हें चड्डी भी नहीं थी।
उनका कड़क लंड 7 इंच लम्बा था और एक दो इंच के पाइप की तरह मोटा था।
मुझे इसे देखकर कुछ बोलने की हिम्मत ही नहीं हुई।
मैं खिड़की को पूरी तरह से नहीं खोला था कि मां मुझे देख सकती थी।
फिर अचानक अंकल ने माँ को पीछे से पकड़ लिया।
उस समय मेरी मां डॉगी की तरह खड़ी थीं।
मम्मी इस अचानक हुए हमले से घबरा गईं और अंकल से बचने की कोशिश करती रहीं।
लेकिन अंकल ने माँ को ऐसे पकड़ रखा था जैसे शेर अपना शिकार पकड़ता है।
अंकल ने मेरी मां को छोड़ने से नहीं रोका।
मेरी मां ने अंकल को बताया कि अमित आ जाएगा। छोड़ दो।
“आज बहुत दिनों बाद मौका हाथ लगा है,” अंकल ने कहा। आज मैं नहीं छोड़ूँगा।
और अंकल ने उन्हें छोड़ दिया।
अंकल ने मां की साड़ी को पेटीकोट के साथ कमर तक उठा दिया जब उसे लगा कि अब मां की मेहनत कम हो रही है।
मेरी मां की गांड इससे दिखने लगी।
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मां की गोरी गोरी गोल गांड, पिंक रंग की पैंटी में फंसी हुई, बहुत सुंदर लग रही थी।
मैं चुपचाप सब देख रहा था।
अब अंकल ने प्यार से मां की गांड पर हाथ घुमाना शुरू कर दिया। मेरी मां भागने का प्रयास कर रही थीं।
फिर अंकल ने मम्मी के स्तनों पर एक हाथ रखकर उसे दबा दिया। मम्मी रोई।
जब अंकल ने मेरी मां की चूची को कुछ देर तक दबाया, तो मेरी मां से अजीब आवाजें निकलने लगीं: आह आह ऊ उह ऊ क्या कर रहे हो राजेश? Amit आ जाएगा। उसने देखा तो अजीब होगा। छोड़ दो, कृपया।’
अंकल ने मेरी मां की इस आवाज से समझा कि वह खुश होने लगी है।
ये भी सही था कि मेरी मां की मेहनत भी कुछ कम होने लगी। छुड़ाने की उनकी कोशिश लगभग समाप्त हो गई थी।
तभी अंकल ने अपने खड़े लंड पर थूक लगाकर मां की चूत में घुसा दिया, पैंटी को नीचे सरका दिया।
मां ने जोर से चिल्लाया, जैसे कोई पाइप उसके अंदर घुस गया हो। उन्हें जोर से चिल्लाना पड़ा।
मम्मी को प्यार से समझाते हुए अंकल ने कहा, “सुशीला, तुम्हें मालूम है कि मैं तुमसे प्यार करता हूँ।” कितने दिनों के बाद आज अवसर मिला..। तो प्यार करो। लंड भी अंदर जा चुका है।
मेरी मां बोली नहीं। दर्द से सिर्फ तड़फी जा रही थीं।
उसने जोर से मेरी मां की चूत में लंड डाला और बाहर निकाला।
मां एक बार फिर चिल्लाने लगी, लेकिन अंकल लगातार मां की चूत में लंड डालते रहे।
वह नहीं रुके।
मां की चूड़ी और पायलों की ठप ठप आवाजें भी कमरे में गूंज रही थीं।
वह बस अपनी माँ की कमर पकड़कर उनकी चुत में लंड डाल रहे थे, जैसे कि उसे अप्सरा चोदने को मिल गया हो।
अब शायद मां भी खुश हो गई थी, इसलिए उनकी आवाजें बंद हो गईं।
इधर, अंकल अपने लंड को तेज करते हुए मां की चुत चोदते रहे।
फिर अंकल ने मां के कान में कुछ कहा, तो उसने अपना ब्रा और ब्लाउज खोला।
अब अंकल का लंड मां की चूत में था, हाथ मम्मों पर। अंकल ने मेरी मां की चूचियों को कसकर दबाया।
मां खुशी से आहें भरती थीं।
अब अंकल ने माँ की चूत से लंड निकाला, जिससे रस निकल रहा था। मेरी मां झड़ गई लगी।
मां सीधे लेट गई।
अब अंकल अपनी माँ के ऊपर चढ़ गया और उसके दोनों पैरों को चौड़ा करके अपना लंड उसके चूत पर डाल दिया।
जब अंकल ने जोर से धक्का दिया, तो लंड मां की चूत में पूरी तरह घुस गया।
मेरी मां को अंकल चोदने लगे।
वो दोनों पूरी तरह से नंगे होकर चुदाई करने लगे।
अब मां भी सब भूल गई थीं और अंकल का साथ देने लगी थीं, अपनी गांड उठाकर लंड लेने लगी।
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इस समय ऐसा लग रहा था जैसे चूत और लंड एक हो रहे हैं।
वह एक दूसरे के शरीर से प्यार करते थे।
अंकल ने प्यार से मां के होंठ पर किस किया और चूस लिया।
दोनों ने एक दूसरे के शरीर को रगड़ दिया।
अंकल का सिर मां ने दोनों हाथों से सहलाया।
अब अंकल ने गति बढ़ा दी। लंड तेजी से मां की चूत में घुस गया। ऐसा लग रहा था कि मां की चूत को ऐसा प्यार भरा लंड चाहिए था।
मां की गांड भी उठने लगी।
उसने अंकल का पूरा लंड अपनी चुत में डालने की कोशिश की।
पूरे कमरे में ठप ठप की तेज आवाज थी।
साथ में अंकल और मां की सांसों और मादक आह आह की आवाजें गूंजती थीं।
फिर अचानक गति तेज हुई और अंकल ने मां की चूत में सारा माल छोड़ दिया।
कुछ देर तक वे एक दूसरे की बांहों में पड़े रहे।
उसने फिर मां को माथे पर चूमा और फिर चले गए।
मैं तुम्हें प्यार करता हूँ, अंकल ने माँ को बताया।
मां को शर्म आ गई।
फिर अंकल कुछ देर बाद लुंगी पहनने लगे।
जब वे चले गए, उन्होंने अपनी मां से कहा, “रात को तैयार रहो, मुझे अभी और प्यार करना है।”
तब मां ने कहा, “अमित आज नहीं आएगा, रात को घर पर रहेगा।” कल मैं कुछ इंतजाम करूँगा।
हां कहकर अंकल चले गए और मां कुछ देर सोती रही।
मैं भी सब देखकर चुपचाप बाहर निकल गया. कुछ देर बाद घर पर आया तो मैंने मां को कहा कि मुझे भूख लगी है। मैगी बना दो।
मां ने मेरी आवाज सुनकर कमरे से बाहर निकला।
मैंने देखा कि वह बहुत प्रसन्न थीं। ऐसा लगता था कि मां का कोई सपना पूरा हो गया।
दोस्तो, अगली कहानी में मैं आपको अपनी मां और पापा के दोस्त अंकल के बीच हुई धुआंधार चुदाई की कहानी बताऊंगा, जिसमें मैंने अपनी मां को पोर्न ऐक्ट्रेस की तरह चुदते देखा था।
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