किरायेदार भाभी और लंड चूत चुसाई

Kirayedar Bhabhi Sex Story नमस्कार दोस्तों। मेरा नाम मोहित कुमार है, और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 28 साल है, रंग गेहुंआ, और शरीर एथलेटिक है। चेहरा-मोहरा मेरा औसत सा है, न ज्यादा खास, न ही बेकार। मैं एक आम सा दिखने वाला लड़का हूँ, लेकिन मेरे अंदर की आग और जज्बा कुछ अलग ही है। आज मैं अपनी जिंदगी का एक ऐसा किस्सा आपसे शेयर करने जा रहा हूँ, जो मेरे दिल और जिस्म में आग की तरह बस्ता है। ये मेरी पहली सेक्स कहानी है, तो अगर कोई गलती हो जाए, तो प्लीज उसे नजरअंदाज कर देना।

ये बात 8 साल पुरानी है, जब हम दिल्ली में अपने नए घर में शिफ्ट हुए थे। नया घर लेने के बाद पुराना घर हमने किराए पर उठा दिया था। पुराने घर में तीन मंजिलें थीं, और ये कहानी तीसरी मंजिल पर रहने वाली एक भाभी की है, जिनका नाम रानी था। रानी भाभी उस वक्त 26 साल की थीं। उनका रंग गोरा, चेहरा नशीला, और फिगर 32-28-34 का था, जो उन्होंने बाद में मुझे बिस्तर पर कबड्डी खेलते वक्त खुद बताया था। भाभी की हंसी और उनकी आँखों का वो काजल ऐसा था कि किसी को भी मदहोश कर दे। उनके बाल लंबे, घने और रेशमी थे, जो उनकी कमर तक लहराते थे। उनकी चाल में एक अजीब सा नशा था, जैसे वो हर कदम पर दिलों को धड़काने का हुनर रखती हों।

चूंकि मैं घर में सबसे बड़ा था, इसलिए पुराने घर से किराया वसूलने का जिम्मा मेरे पास था। पिताजी ने साफ कह रखा था कि हर महीने किराया मैं ही लाऊंगा। मैं हर महीने तीनों मंजिलों के किरायेदारों से किराया लेने जाता था। रानी भाभी हमारे घर में करीब 8 महीने से रह रही थीं, लेकिन उनसे मेरी ज्यादा बातचीत कभी नहीं हुई थी। बस हाय-हैलो और किराए की बात तक सीमित रहता था।

वो जून का महीना था, गर्मी अपने चरम पर थी। एक शनिवार को मैं किराया लेने उनके घर गया। दोपहर का वक्त था, और दिल्ली की गर्मी में पसीने से तर-बतर मैं उनके दरवाजे पर पहुंचा। मैंने दरवाजा खटखटाया, तो रानी भाभी मैक्सी पहने हुए बाहर निकलीं। मैंने उन्हें पहली बार ऐसे देखा था। उनकी मैक्सी पतली और टाइट थी, जिसमें उनका फिगर साफ झलक रहा था। मुझे लगा कि उन्होंने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी, क्योंकि उनके निप्पल मैक्सी के ऊपर से साफ नजर आ रहे थे, जैसे दो छोटी-छोटी नोकें बाहर उभर रही हों। उनकी मैक्सी उनके जिस्म से चिपकी हुई थी, और गर्मी की वजह से पसीने से थोड़ा गीला कपड़ा उनके कर्व्स को और उभार रहा था। मैं तो बस उन्हें देखता ही रह गया, जैसे मेरी आँखें उनकी खूबसूरती में कैद हो गई हों।

रानी भाभी ने मुझे उनके स्तनों को घूरते हुए देख लिया, लेकिन उन्होंने मुझे टोका नहीं। बल्कि, वो हल्के से मुस्कुराईं और बोलीं, “मोहित, कैसे हो?” उनकी आवाज में एक अजीब सी मिठास थी, जो मेरे कानों में शहद की तरह घुल गई। मैं थोड़ा घबराया, लेकिन हिम्मत जुटाकर बोला, “ठीक हूँ भाभी, आप कैसी हो?” वो फिर से मुस्कुराईं, अपने सीने को थोड़ा और तानते हुए बोलीं, “तुम बताओ, मैं कैसी हूँ?” उनकी आँखों में शरारत थी, और उनकी मुस्कान में कुछ ऐसा था कि मेरा दिल धक-धक करने लगा।

मुझे लगा कि शायद भाभी कुछ और ही इशारा कर रही हैं। मैंने हिम्मत करके थोड़ा खुलकर कहा, “भाभी, आप तो बहुत सुंदर हो। आपकी स्माइल तो इतनी प्यारी है कि कोई भी देखकर पागल हो जाए।” ये सुनकर वो हंस पड़ीं और बोलीं, “अच्छा जी, मेरे साथ फ्लर्ट कर रहे हो?” मैंने तुरंत कहा, “नहीं भाभी, मैं तो सच बोल रहा हूँ।” उन्होंने मुझे थैंक्स कहा और अंदर आने को बोला। मैं उनके पीछे-पीछे उनके ड्राइंग रूम में गया, जहाँ पंखे की हवा में उनकी मैक्सी हल्के-हल्के लहरा रही थी।

मैंने देखा कि घर में सन्नाटा था। मुझे याद आया कि रानी भाभी के दो बच्चे हैं, एक 5 साल का लड़का और एक 3 साल की लड़की। मैंने पूछा, “भाभी, बच्चे कहाँ हैं?” वो बोलीं, “पड़ोस में एक बच्चे का बर्थडे है, तो वो वहाँ गए हैं।” फिर उन्होंने मुझसे पूछा, “और बताओ, घर पर सब कैसे हैं? तुम्हारी लाइफ कैसी चल रही है?” मैंने कहा, “सब ठीक है भाभी, बस लाइफ अकेले ही कट रही है।” वो हल्के से हंसीं और बोलीं, “अकेले कट रही है? हम्म… तो शादी कब कर रहे हो?” मैंने जवाब दिया, “अभी तो पहले अच्छी सी जॉब चाहिए, फिर 1-2 साल लाइफ एन्जॉय करूँ, थोड़ा मज़ा लूँ, तब शादी का सोचूँगा।”

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ये सुनकर भाभी की आँखों में शरारत चमकी। वो बोलीं, “अच्छा, लाइफ कैसे एन्जॉय करनी है? शादी के बाद क्या मज़ा नहीं लिया जा सकता?” मैंने हंसते हुए कहा, “मैं तो गर्लफ्रेंड बनाना चाहता हूँ, उसके साथ घूमना-फिरना, मूवी देखना, रेस्टोरेंट जाना, और वो सब अपने कमाए हुए पैसों से। पापा के पैसों पर ऐश नहीं करनी।” भाभी ने मेरी बात सुनकर तारीफ की, “वाह, तुम्हारी सोच तो बहुत अच्छी है। अच्छा, ये बताओ, गर्लफ्रेंड के साथ और क्या-क्या करोगे? बस घूमना-फिरना, या और कुछ भी?” उनकी आवाज में एक छेड़छाड़ थी, जो मुझे और उकसा रही थी।

मैं थोड़ा शरमाया, लेकिन बोला, “जो-जो किया जाता है, वही सब करूँगा।” वो हंस पड़ीं और बोलीं, “अच्छा, और क्या-क्या किया जाता है गर्लफ्रेंड के साथ?” मैंने हिम्मत करके कहा, “भाभी, आपको तो पता होगा। शादी से पहले भाईसाहब भी तो आपके साथ वो सब करते होंगे।” मेरी बात सुनकर भाभी का चेहरा अचानक उदास हो गया। वो बोलीं, “नहीं मोहित, मेरी उनसे शादी से पहले मुलाकात नहीं हुई थी। हमारी अरेंज मैरिज थी। मेरे पति को ये सब बातें पसंद नहीं। हमारी मैरिड लाइफ तो बस घिसट-घिसट कर चल रही है।”

उनकी उदासी देखकर मुझे बुरा लगा। मैंने कहा, “सॉरी भाभी, आप मेरी वजह से उदास हो गईं।” वो तुरंत बोलीं, “अरे, तुम क्यों सॉरी बोल रहे हो? तुमने तो कुछ किया नहीं।” फिर उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और बोला, “मुझे तो तुमसे बात करना अच्छा लगता है।” मैंने भी हिम्मत करके कहा, “मुझे भी आपसे बात करना अच्छा लगता है।” भाभी ने अंगड़ाई लेते हुए कहा, “अच्छा, और क्या-क्या अच्छा लगता है मुझमें?” मैंने उनकी चूचियों को घूरते हुए कहा, “सब कुछ… आपकी स्माइल, आपकी आँखें, आपका नेचर, सब!” वो अपने मम्मों को और उभारते हुए बोलीं, “बस, और कुछ नहीं?” मैंने फिर उनकी चूचियों की नोकों को निहारते हुए कहा, “भाभी, आप तो ऊपर से नीचे तक पूरी मस्त हो।”

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भाभी इठलाते हुए बोलीं, “अच्छा, कब देख लिया मुझे ऊपर से नीचे? जब मैंने दरवाजा खोला, तब मेरे मम्मों को घूर रहे थे न?” मैं सकपका गया और मुँह नीचे करके बोला, “सॉरी भाभी, मेरा वो मतलब नहीं था।” वो हंस पड़ीं और बोलीं, “अरे, घबरा क्यों गए? मैं तो मज़ाक कर रही हूँ।” ये कहते हुए उन्होंने मेरे गाल पर चिकोटी काट दी। उनकी इस हरकत से मेरी हिम्मत बढ़ी। मैंने कहा, “वैसे भाभी, मैं मज़ाक नहीं कर रहा था। आप सचमुच ऊपर से नीचे तक मस्त माल हो।” ये सुनकर वो ज़ोर से हंसीं, और मैं भी उनके साथ हंस पड़ा।

फिर भाभी बोलीं, “नहीं यार, अब तो मेरा फिगर कुछ खास नहीं रहा। शादी से पहले तो और मस्त था।” ये कहते हुए उन्होंने अपने बूब्स को पकड़कर कहा, “देखो, अब तो ये भी नीचे लटकने लगे हैं। पहले तो एकदम टाइट थे। दो बच्चों के बाद मेरा फिगर तो बेकार हो गया।” उनकी इस हरकत से मेरा लंड पैंट में तनने लगा। मैंने कहा, “नहीं भाभी, आप तो अब भी कई कुंवारी लड़कियों को फेल करती हो। आपका फिगर देखकर तो सब आहें भरते हैं।” भाभी ने शरारती अंदाज में कहा, “अच्छा, सब मतलब तुम भी आहें भरते हो?” मैंने हंसते हुए कहा, “हाँ भाभी, मैं भी।”

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अब भाभी भी मज़े लेने के मूड में थीं। वो बोलीं, “अच्छा, फिर क्या करते हो?” मैंने कहा, “कर क्या सकता हूँ, बस आपको याद करके रह जाता हूँ।” भाभी ने एक आँख मारकर कहा, “बस? मैं तो समझी थी कि मुझे याद करके हिला लेते हो।” मैंने हिम्मत करके कहा, “सच कहूँ भाभी, दिन में एक बार तो आपको याद करके हिला ही लेता हूँ।” भाभी ने मेरे पास आकर बैठते हुए कहा, “अच्छा, मेरे बारे में क्या-क्या सोचते हो?” मैंने कहा, “सब कुछ। जो-जो मन करता है, उसी तरह याद करके हिला लेता हूँ।” भाभी ने मेरी बांह पकड़कर कहा, “ऐसे नहीं, खुलकर बताओ। अब मुझसे क्या शर्माना?”

मैंने हल्के से गला साफ किया और बोला, “मैं सोचता हूँ कि किसी दिन आपके घर आऊं, और आप अकेली हों। फिर मैं आपको अपने प्यार का इज़हार करूँ। आपकी बांहों में ले लूँ, आपके होंठों को चूमूँ। फिर आपके बूब्स को सहलाऊँ, और हम दोनों 69 करें।” ये सुनते हुए भाभी की साँसें तेज होने लगीं। वो मेरी बांह को सहलाने लगीं और बोलीं, “बस इतना ही? और क्या?” मैंने कहा, “फिर हम 69 करते हुए एक-दूसरे के मुँह में झड़ जाते हैं। आप मेरा सारा माल पी जाती हो, और मैं आपकी सारी मलाई चाट लेता हूँ। फिर थोड़ी देर हम एक-दूसरे की बांहों में लेटे रहते हैं। इसके बाद मैं आपके गले को चूमते हुए नीचे की ओर आता हूँ। आपके एक बूब को दबाते हुए चूसता हूँ। आप मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगती हो। जब लंड दोबारा टाइट हो जाता है, तो आप मुझे नीचे लिटा देती हो और मेरे ऊपर आ जाती हो।”

बात करते-करते मैं भाभी की जांघों को सहलाने लगा और उनके और करीब आ गया। भाभी ने अपना सिर मेरे कंधे पर रखा और बोलीं, “बड़ा अच्छा लग रहा है… और सुनाओ न!” मैंने कहा, “फिर आप मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत के मुँह पर रखती हो। धीरे-धीरे अंदर लेते हुए मेरे ऊपर बैठ जाती हो। मैं आपके दोनों मम्मों को मसलता हूँ, और नीचे से धक्के लगाता हूँ। आप अपने दोनों हाथ मेरे कंधों पर रखकर अपनी चूत को मेरी झांटों पर रगड़ती हो। ऐसे ही मज़े लेते हुए हम दोनों एक साथ झड़ जाते हैं, और आप मेरे सीने पर लेट जाती हो।”

इतनी बातें सुनकर भाभी पूरी तरह गरम हो चुकी थीं। उनकी साँसें तेज थीं, और उनकी आँखों में वासना साफ झलक रही थी। अचानक उन्होंने मेरा लंड पैंट के ऊपर से पकड़ लिया और सहलाने लगीं। मैंने भी देर न करते हुए उनके दूध को मैक्सी के ऊपर से दबा दिया। “आह…” भाभी के मुँह से हल्की सी सिसकारी निकली। उन्होंने मेरी ओर देखा और धीमी आवाज में बोलीं, “मोहित, क्या तुम मुझे चोदोगे?” मैंने उनके होंठों को चूमते हुए कहा, “भाभी, मेरा लंड तो कब से खड़ा है तुम्हारे लिए।”

बस फिर क्या था। भाभी उठीं, कमरे का दरवाजा बंद किया, और एक झटके में अपनी मैक्सी उतार दी। अब वो सिर्फ एक काली पैंटी में थीं। उनका गोरा जिस्म संगमरमर की तरह चमक रहा था। उनके मम्मे गोल, भरे हुए, और निप्पल गुलाबी रंग के थे, जो उत्तेजना में और सख्त हो चुके थे। मैंने भी अपने कपड़े उतारे और चड्डी तक खींचकर पूरा नंगा हो गया। मेरा 7 इंच का लंड पूरी तरह तन चुका था, और उसकी नसें फूल रही थीं। भाभी की नजर मेरे लंड पर पड़ी, और वो मुस्कुराते हुए बोलीं, “हाय… ये तो बहुत कड़क है।”

वो मेरे पास आईं और घुटनों के बल बैठकर मेरे लंड को अपने नाजुक हाथों में ले लिया। उन्होंने अपने होंठों पर जीभ फेरी, फिर थूक लेकर मेरे लंड को सहलाया। धीरे-धीरे उन्होंने मेरे लंड का सुपारा अपने मुँह में लिया और चूसने लगीं। “आह… भाभी…” मेरे मुँह से सिसकारी निकल गई। उनका गर्म मुँह मेरे लंड को लपेट रहा था, और उनकी जीभ मेरे सुपारे के चारों ओर घूम रही थी। वो मेरे चीकुओं को सहलाते हुए लंड को और गहराई तक ले गईं। मैंने उनके बाल पकड़े और धीरे-धीरे उनके मुँह को चोदने लगा। “उम्म… आह…” भाभी की सिसकारियाँ और मेरे लंड को चूसने की आवाज कमरे में गूंज रही थी।

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दो मिनट बाद मैंने भाभी को उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया। मैंने उनकी पैंटी को उनकी टांगों से खींचकर उतारा। उनकी चूत साफ और हल्के रेशमी रोंओं से सजी थी। चूत की फांकें गीली थीं, और उसमें से एक मादक गंध आ रही थी। मैंने उनकी चूत पर अपनी जीभ फेरी। “आह… मोहित… ओह…” भाभी की कमर उछल पड़ी। मैंने उनकी चूत की फांकों को चाटना शुरू किया, और उनकी क्लिट को अपनी जीभ से सहलाया। भाभी की सिसकारियाँ तेज हो गईं, “आह… हाय… चाटो… और चाटो…” मैंने उनकी चूत में अपनी जीभ डाली और उनकी मलाई को चखने लगा।

फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए। भाभी मेरे लंड को चूस रही थीं, और मैं उनकी चूत को चाट रहा था। उनकी चूत का रस मेरे मुँह में आ रहा था, और मैं उसे पूरा पी रहा था। “उम्म… आह… मोहित… हाय…” भाभी की सिसकारियाँ कमरे में गूंज रही थीं। कुछ ही देर में हम दोनों झड़ गए। भाभी ने मेरा सारा माल पी लिया, और मैंने उनकी चूत का रस चाट लिया।

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अब बारी चुदाई की थी। मैंने भाभी को बिस्तर पर लिटाया और उनके ऊपर आ गया। मेरा लंड फिर से कड़क हो चुका था। भाभी ने मेरे लंड को पकड़ा और अपनी चूत के मुँह पर रखा। “आह… मोहित… डाल दो… चोद दो मुझे…” उनकी आवाज में वासना थी। मैंने धीरे से अपना लंड उनकी चूत में डाला। उनकी चूत गीली और गर्म थी। “आह… हाय…” भाभी की सिसकारी निकली। मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए। “चटाक… चटाक…” चुदाई की आवाज कमरे में गूंज रही थी। भाभी ने अपने दोनों हाथ मेरे कंधों पर रखे और अपनी चूत को मेरे लंड पर रगड़ने लगीं। “आह… मोहित… और जोर से… चोदो… आह…”

मैंने उनके मम्मों को मसलना शुरू किया और उनके निप्पल्स को चूसने लगा। भाभी की सिसकारियाँ और तेज हो गईं, “हाय… ओह… चूसो… और जोर से…” मैंने अपने धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी। उनकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी, और हर धक्के के साथ उनकी सिसकारियाँ बढ़ रही थीं। “आह… हाय… मोहित… मैं झड़ने वाली हूँ…” भाभी ने कहा। मैंने और जोर से धक्के लगाए, और कुछ ही पल में हम दोनों एक साथ झड़ गए। “आह…” भाभी मेरे सीने पर लेट गईं, और हम दोनों की साँसें तेज चल रही थीं।

तभी अचानक भाभी का फोन बजा। फोन उनकी पड़ोसन का था, जिनके साथ उनके बच्चे बर्थडे में गए थे। भाभी ने फोन सुना और मुझसे कहा, “मोहित, अभी हमें रुकना होगा।” मैं समझ गया कि मेरा खड़ा लंड अधूरा रह गया। भाभी ने जल्दी से अपनी मैक्सी पहनी और पैंटी को बाथरूम में डाल दिया। मैंने भी अपने कपड़े पहने और जाने को तैयार हो गया।

भाभी ने मुझसे मेरा नंबर मांगा और जल्द ही चुदाई का मज़ा देने का वादा किया। मैंने अपना नंबर दिया और बाहर आ गया। अब मुझे उनके फोन का इंतज़ार है। अगली बार भाभी की चूत की झांटें साफ होंगी, और चुदाई का पूरा मज़ा मिलेगा। जैसे ही भाभी के साथ चुदाई होगी, मैं सबसे पहले आपको बताऊंगा।

क्या आपको लगता है कि भाभी जल्दी फोन करेंगी? आपकी राय क्या है? कमेंट में बताइए।

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