Cuckson – Bete ne maa ki chudai krwayi हेलो दोस्तों, मेरा नाम रितेश है। मैं 20 साल का हूँ और कोलकाता में रहता हूँ। हमारा परिवार छोटा सा है – मैं, मेरे पापा राम सिंह और मेरी माँ मीनाक्षी। मेरे पापा एक बिजनेसमैन हैं, इस वजह से वो ज्यादातर वक्त घर से बाहर ही रहते हैं। मेरी माँ 35 साल की हैं, लेकिन उनकी खूबसूरती ऐसी है कि कोई भी उन्हें देखकर 30 साल से ज्यादा का नहीं समझेगा। माँ का फिगर मारवाड़ी औरतों की तरह गजब का है – 36 इंच के बड़े-बड़े मम्मे, भरी हुई कमर और बाहर निकली हुई मोटी गांड। जब वो शॉपिंग के लिए निकलती हैं, तो सड़क पर बच्चे-बूढ़े सब उनकी तरफ घूरते रहते हैं। माँ मॉडर्न औरत हैं, उनकी सोसाइटी में एक लेडीज क्लब भी है, जिसमें उनकी कई सहेलियाँ हैं।
एक रात की बात है, पापा टूर पर गए हुए थे। मैं देर रात पानी पीने के लिए उठा तो देखा कि माँ के कमरे की लाइट जल रही थी। मैंने चुपके से दरवाजे की झिरी से अंदर झाँका तो मेरे होश उड़ गए। माँ बेड पर पूरी नंगी लेटी थीं, अपनी चूत को सहला रही थीं और उंगली अंदर-बाहर कर रही थीं। उनकी सिसकियाँ कमरे में गूँज रही थीं – “आह्ह… उह्ह… ओह्ह…” मैंने देखा कि वो अपनी आँखें बंद किए हुए थीं, चेहरा लाल था और वो पूरी तरह से अपनी दुनिया में खोई हुई थीं। मुझे थोड़ा अजीब लगा, लेकिन फिर सोचा कि पापा तो ज्यादातर बाहर रहते हैं, माँ की सेक्स की भूख तो बुझती नहीं होगी। शायद इसीलिए वो ऐसा कर रही थीं।
अगले दिन मैंने सुना कि माँ फोन पर अपनी सहेली नीतू आंटी से बात कर रही थीं। उनकी बातें सुनकर मैं हैरान रह गया। माँ कह रही थीं, “नीतू, मैं सेक्स के लिए बहुत तड़प रही हूँ। मुझे एक मोटा लंड चाहिए। तू कुछ इंतजाम कर दे, प्लीज।” नीतू आंटी ने हँसते हुए कहा, “अरे मीनाक्षी, अब इंटरनेट का जमाना है। तू ऑनलाइन किसी को पटा ले और अपनी चूत की आग बुझा ले।” माँ ने डरते हुए कहा, “मुझे डर लगता है कि कहीं किसी को पता न चल जाए। अगर बात फैल गई तो मेरी और फैमिली की इज्जत मिट्टी में मिल जाएगी।” यह सुनकर मैं सोच में पड़ गया। फिर मैंने फैसला किया कि मैं माँ से इस बारे में बात करूँगा।
अगले दिन मैंने हिम्मत जुटाकर माँ से कहा, “माँ, मुझे तुमसे कुछ बात करनी है।” माँ ने कहा, “हाँ बेटा, बोल।” मैंने सारी बात खुलकर बता दी – कि मैंने उन्हें रात को चूत में उंगली करते देखा और नीतू आंटी से उनकी बातचीत भी सुन ली। यह सुनते ही माँ का चेहरा शर्म से लाल हो गया। उनकी आँखों में आँसू आ गए। माँ ने कहा, “सॉरी बेटा, मैं सेक्स की भूख में अंधी हो गई थी। मैंने फैमिली की इज्जत का ख्याल नहीं किया। अब से ऐसा नहीं होगा।” मैंने माँ के आँसू पोंछे और उन्हें समझाया, “माँ, इसमें रोने की कोई बात नहीं। तुम एक औरत हो, तुम्हें सेक्स की जरूरत है। ये नेचुरल है। तुम्हें बाहर किसी को पटाने की जरूरत नहीं। वो लोग बाद में ब्लैकमेल कर सकते हैं। मैं तुम्हारे लिए एक भरोसेमंद आदमी ढूंढ दूँगा, जिसके साथ तुम मजे कर सकती हो। मुझे कोई दिक्कत नहीं।” माँ ने मुझे देखा, हल्की सी मुस्कान दी और मुझे गले लगा लिया।
उसी दिन मैंने एक एडल्ट साइट पर फेक अकाउंट बनाया। माँ की बॉडी का फोटो डाला और लिखा, “कोई तगड़ा लंड वाला है जो इस औरत की चूत को चोद-चोदकर रुला सके?” कुछ ही घंटों में ढेर सारे जवाब आए। मैंने सबके साथ चैट शुरू की, लाइव वीडियो कॉल किए और आखिरकार मुझे एक आदमी मिला – अनिकेत। वो 40 साल का था, तगड़ा बदन, चौड़ा सीना और उसका लंड… यार, वो तो 7 इंच लंबा और 4 इंच मोटा था। मैंने उसका लंड वीडियो कॉल में देखा तो सोचने लगा कि अगर ये माँ को चोदेगा तो माँ की चूत का क्या हाल होगा? मैंने अनिकेत से सब कुछ पूछा – वो क्या करता है, कहाँ रहता है, सब कुछ। फिर मैंने उसे एक होटल में मिलने बुलाया।
होटल में अनिकेत से मिलकर मैंने सब खुलकर बता दिया। वो थोड़ा हैरान हुआ, फिर हँसते हुए बोला, “तेरी माँ की फोटो देखकर से ही मैं उसका दीवाना हो गया। मैं रोज उसके नाम की मुठ मार रहा हूँ।” मैं हँसा और हमारी बात खत्म हुई। मुझे वो आदमी भरोसेमंद लगा। फिर मैंने माँ को अनिकेत का फोटो दिखाया और वीडियो चैट के जरिए उनसे मिलवाया। माँ को भी अनिकेत बहुत पसंद आया। माँ ने मुझे बताया कि वो रोज अनिकेत से चैट करती हैं, फोन पर बातें करती हैं। धीरे-धीरे उनकी बातें सेक्स चैट में बदल गईं।
एक दिन अनिकेत अंकल से मिलने गया तो उन्होंने बताया, “तेरी माँ लंड की बहुत भूखी है। अब तो हमारी सेक्स चैट भी होती है।” मैंने पूछा, “क्या आपने माँ के साथ सेक्स किया?” उन्होंने कहा, “नहीं, लेकिन आज तुम्हारी माँ ने मुझे रात को डिनर के लिए घर बुलाया है। आज रात मैं तुम्हारी माँ की चुदाई करूँगा। अगर तू चाहे तो देख सकता है।” यह सुनकर मैं घर आया। माँ ने मुझे बताया कि अनिकेत अंकल रात को डिनर के लिए आएँगे। मैंने कहा, “माँ, तुम लोग आज खूब मजे करना। मुझे कोई दिक्कत नहीं।” माँ ने मुस्कुराकर मुझे गाल पर चूमा।
रात को मैं अनिकेत अंकल का इंतजार करने लगा। ठीक 9 बजे अंकल आए। हम सबने साथ में डिनर किया। माँ ने टाइट साड़ी पहनी थी, जिसमें उनकी गांड और मम्मे उभरकर दिख रहे थे। डिनर के दौरान मैंने देखा कि अंकल माँ की जाँघों को सहला रहे थे। माँ कुछ नहीं बोल रही थीं, बस हल्का सा मुस्कुरा रही थीं। डिनर के बाद मैं अपने कमरे में चला गया और सो गया।
रात को अचानक मेरी नींद खुली। माँ के कमरे की लाइट जल रही थी। मैं चुपके से कीहोल से झाँकने लगा। जो मैंने देखा, उसने मेरे होश उड़ा दिए। माँ पूरी नंगी थीं, उनके बड़े-बड़े मम्मे हवा में लटक रहे थे। वो अनिकेत अंकल के लंड को अपने नाजुक हाथों से ऊपर-नीचे कर रही थीं। अंकल ने कहा, “मीनाक्षी, मुझे पता है तुझे एक असली मर्द का लंड चाहिए।” माँ ने जवाब दिया, “हाँ अनिकेत, तुम्हारा लंड देखकर मेरी चूत में आग लग गई थी। मैं तुमसे चुदने के सपने देख रही थी।” यह सुनकर अंकल ने माँ का गाउन उतार दिया। माँ ने अंदर कुछ नहीं पहना था। उनके 36 इंच के मम्मे देखकर अंकल ने एक मम्मा मुँह में लिया और चूसने लगे। “आह्ह… उह्ह… अनिकेत… और चूसो…” माँ सिसकियाँ ले रही थीं। अंकल ने दूसरे मम्मे को जोर-जोर से दबाना शुरू किया। माँ की सिसकियाँ तेज हो गईं – “ओह्ह… हाँ… और जोर से…”
20 मिनट तक अंकल ने माँ के मम्मों को चूसा, फिर माँ ने अंकल की पैंट खोली। जैसे ही माँ ने अंकल का 7 इंच लंबा और 4 इंच मोटा काला लंड देखा, वो चौंक गईं। “अनिकेत, ये तो बहुत बड़ा है। मैं इसे नहीं ले पाऊँगी।” अंकल ने हँसते हुए माँ का सिर पकड़ा और अपना लंड उनके मुँह में डाल दिया। माँ ने पहले हिचकिचाते हुए, फिर धीरे-धीरे लंड चूसना शुरू किया। “उम्म… ग्लप… ग्लप…” माँ का मुँह लंड से भरा था। 20 मिनट तक माँ ने लंड चूसा, फिर अंकल ने माँ को बेड पर लिटाया।
अंकल ने माँ की चूत पर हाथ फेरा। माँ की चूत पूरी गीली थी। अंकल ने अपना मुँह माँ की चूत पर रखा और चाटना शुरू किया। “आह्ह… ओह्ह… अनिकेत… और चाटो… मेरी चूत को खा जाओ…” माँ चिल्ला रही थीं। उनकी सिसकियाँ कमरे में गूँज रही थीं – “उह्ह… हाँ… येस्स… आह्ह…” अंकल की जीभ माँ की चूत के अंदर-बाहर हो रही थी। माँ की कमर उछल रही थी। 20 मिनट तक चूत चाटने के बाद माँ जोर से चिल्लाईं, “अनिकेत… मैं झड़ने वाली हूँ… आह्ह… ओह्ह…” माँ की चूत से ढेर सारा पानी निकला, जिसे अंकल ने चाट लिया।
अब अंकल ने अपना लंड माँ की चूत पर रगड़ना शुरू किया। माँ की चूत पहले से ही गीली थी। अंकल ने एक जोरदार धक्का मारा और पूरा लंड माँ की चूत में घुसा दिया। “आह्ह्ह… उह्ह… अनिकेत… धीरे…” माँ की चीख निकल गई। अंकल ने कहा, “क्या टाइट चूत है तेरी, मीनाक्षी।” फिर अंकल ने माँ को कुत्ते की तरह चोदना शुरू किया। “पच… पच… पच…” लंड और चूत के टकराने की आवाज कमरे में गूँज रही थी। माँ चिल्ला रही थीं, “हाँ… अनिकेत… और जोर से… मेरी चूत फाड़ दो… आह्ह… ओह्ह… येस्स…” अंकल ने माँ के मम्मों को जोर-जोर से दबाते हुए चुदाई की। माँ की आँखों से आँसू निकल रहे थे, लेकिन उनकी सिसकियाँ बताती थीं कि वो मजे ले रही थीं।
45 मिनट तक अंकल ने माँ को अलग-अलग पोजीशन में चोदा – मिशनरी, डॉगी, फिर माँ को अपनी गोद में बिठाकर। हर धक्के के साथ माँ की सिसकियाँ तेज होती जा रही थीं – “आह्ह… उह्ह… हाँ… चोदो मुझे… और जोर से…” आखिरकार अंकल चिल्लाए, “मीनाक्षी, मैं झड़ने वाला हूँ…” और उन्होंने सारा माल माँ की चूत में डाल दिया। दोनों हाँफते हुए बेड पर लेट गए। अंकल ने माँ के होंठ चूसे और उनके बगल में लेट गए।
थोड़ी देर बाद अंकल बाथरूम से आए। माँ ने देखा कि उनका लंड अभी भी खड़ा था। माँ ने हँसते हुए कहा, “अनिकेत, ये अभी भी खड़ा है?” अंकल ने जवाब दिया, “अभी तो तेरी चूत फाड़ी, अब तेरी गांड मारूँगा।” माँ डर गईं और बोलीं, “नहीं, तुम्हारा लंड मेरी गांड में नहीं जाएगा।” अंकल ने कहा, “चिंता मत कर, धीरे-धीरे करूँगा।” माँ ने फिर से अंकल का लंड मुँह में लिया और चूसने लगीं। “उम्म… ग्लप… ग्लप…” 5 मिनट बाद अंकल ने माँ को घोड़ी बनाया और उनकी गांड चाटने लगे। माँ को मजा आ रहा था। “आह्ह… अनिकेत… और चाटो…” फिर अंकल ने धीरे-धीरे अपना लंड माँ की गांड में डाला। माँ चिल्लाईं, “आह्ह… धीरे… बहुत दर्द हो रहा है…” लेकिन अंकल ने धीरे-धीरे चुदाई शुरू की। “पच… पच…” गांड में लंड की आवाज गूँज रही थी। माँ की सिसकियाँ फिर शुरू हो गईं – “उह्ह… हाँ… और करो…”
रातभर चुदाई चलती रही। सुबह जब मैंने माँ के कमरे में झाँका तो माँ और अनिकेत अंकल नंगे सो रहे थे। माँ को चलने में थोड़ी दिक्कत हो रही थी, लेकिन उनके चेहरे पर संतुष्टि की चमक थी। अनिकेत अंकल भी खुश दिख रहे थे।
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