नमस्कार, मेरा नाम सैम है और मेरी उम्र 22 साल है। मैं भरूच में रहता हूँ। ये सेक्स कहानी मेरी मौसी दक्षा की है, जो बड़ोली में रहती हैं। उनकी उम्र 39 साल है, और वो दिखने में मस्त माल हैं। गोरी, थोड़ी मोटी, उनकी हाइट 5 फीट है, और उनका फिगर लगभग 36-34-38 होगा। उनके बड़े-बड़े बूब्स थोड़े लटके हुए हैं, पेट काफी बाहर निकला हुआ है, जांघें मोटी-मोटी और उनकी गांड भी बड़ी और ढीली हो चुकी है। वो दो बच्चों की माँ हैं, उनके दो लड़के हैं।
ये बात तब की है जब हम सैटरडे और संडे की छुट्टी में दमन घूमने गए थे। मेरी फैमिली, मौसी की फैमिली, और मामा की फैमिली, हम तीनों परिवार साथ में दमन गए थे। गोवा वाली चुदाई के बाद मेरा मौसी को देखने का नजरिया पूरी तरह बदल गया था। मैंने बिना कंडोम के उनकी चूत में लंड डाला था, लेकिन अब मौसी मुझसे ज्यादा बात नहीं करती थीं। शायद वो उस चुदाई को भूलना चाहती थीं, या शर्मिंदगी महसूस करती थीं। लेकिन मेरे मन में उनकी मस्त बॉडी का ख्याल बार-बार आता था।
हमने दमन पहुंचकर एक होटल में तीन रूम बुक किए। सैटरडे को हम पूरा दिन बीच पर घूमे, पानी में मस्ती की, और खूब मजा किया। रात को होटल वापस आए। मौसी ने उस रात एक टाइट टी-शर्ट और जीन्स पहनी थी। उनकी बड़ी-बड़ी गांड, मोटी जांघें, बाहर निकला हुआ पेट, और भारी-भरकम बूब्स किसी का भी लंड खड़ा कर सकते थे। उनकी टी-शर्ट इतनी टाइट थी कि उनके बूब्स का उभार साफ दिख रहा था, और जीन्स में उनकी गांड ऐसी लग रही थी जैसे बस अभी फट जाएगी। मैं होटल के गार्डन में बैठा था, बाकी फैमिली मेंबर्स भी वहीं थे। मैं मौसी की बॉडी को घूर रहा था, उनके हर कर्व को निहार रहा था।
अचानक मेरे पास दो आदमी आए। दोनों मोटे, करीब 40 साल के, और थोड़े रौबीले लग रहे थे। उन्होंने मुझे देखकर कहा, “साली, मस्त माल है!” मैं चौंक गया। मैंने पूछा, “कौन?” वो बोले, “वो जो तू घूर रहा है, भाई!” मैं समझ गया कि वो मौसी की बात कर रहे हैं। मेरे मन में कुछ गलत ख्याल आने लगे। उन दोनों ने मुझसे कहा, “चल, इसको चोदने का सेटिंग करते हैं।” मैं नहीं जानता मेरे दिमाग में क्या चल रहा था, लेकिन मैंने हाँ कर दी। शायद मौसी की गोवा वाली चुदाई का नशा अभी तक मेरे दिमाग में था।
उन दोनों ने अपना परिचय दिया। उनका नाम विपुल और राकेश था। दोनों मुंबई से आए थे, दमन घूमने, और यहाँ रंडी ढूंढ रहे थे। हमारी बातचीत अच्छी हो गई, और उन्होंने मुझे अपना नंबर दे दिया। बोले, “कल इसका कुछ करेंगे।” मैंने कहा, “ठीक है।” उस रात मौसी गार्डन से अपने रूम में चली गईं, और मैं भी अपने रूम में सोने चला गया, लेकिन मेरा दिमाग मौसी की बॉडी और उन दो आदमियों की बातों में उलझा रहा।
अगले दिन सुबह हम सब वाटर पार्क गए। वहाँ सब मजे कर रहे थे, स्लाइड्स पर खेल रहे थे, और पूल में नहा रहे थे। लेकिन मेरे मौसा की तबीयत खराब हो गई। वो ज्यादा शराब पीते हैं, शायद उसी का असर था। मैं और मौसी उन्हें होटल वापस ले गए और उनके रूम में सुला दिया। मौसा गहरी नींद में सो गए। मौसी ने उस दिन व्हाइट टी-शर्ट और जीन्स की कैप्री पहनी थी। उनकी टी-शर्ट उनके बूब्स पर टाइट थी, और कैप्री उनकी मोटी जांघों और गांड को और उभार रही थी। मैं उन्हें देखे जा रहा था, और मेरे मन में फिर से वही गंदे ख्याल आने लगे।
मैं पानी की बोतल लेने के बहाने बाहर गया और विपुल और राकेश को फोन किया। मैंने उन्हें बता दिया कि वो मेरी मौसी हैं। वो दोनों हैरान रह गए। मैंने कहा, “मैं मौसी को बाहर भेजता हूँ, तुम लोग सेटिंग करो। अगर बात बन जाए तो चोद लेना।” मैंने उनसे उनका रूम नंबर लिया और वापस रूम में चला गया। मौसा सो रहे थे, और मौसी बोलीं, “मैं बाहर जाकर आती हूँ।” मैंने कहा, “ठीक है।”
मौसी बाहर गईं, और पता नहीं कैसे विपुल और राकेश ने उनसे सेटिंग कर ली। विपुल का फोन आया, और उसने कहा, “तू पहले रूम में आ जा, फिर हम मौसी को लाएंगे। तुझे चुदाई देखनी है ना?” मैंने हाँ कहा और मौसा के रूम के दरवाजे पर “Do Not Disturb” का टैग लगाकर उनके रूम की तरफ चल पड़ा। उनका रूम तीसरी मंजिल पर था। मैं वहाँ पहुंचा, विपुल पहले से रूम में था। उसने कहा, “राकेश मौसी को लेकर आ रहा है। तू पर्दे के पीछे छिप जा।” मैंने मोबाइल साइलेंट किया और खिड़की के पर्दे के पीछे छिप गया, जहाँ से मैं सब कुछ देख सकता था।
थोड़ी देर बाद राकेश मौसी को लेकर आया। मौसी ने जैसे ही रूम में कदम रखा, विपुल ने उनका हाथ पकड़कर बेड पर बिठा दिया। राकेश वॉशरूम चला गया। विपुल ने अपनी टी-शर्ट और पैंट उतार दी। उसका भारी-भरकम बदन, छाती पर ढेर सारे बाल, बड़ा सा पेट, और गहरी नाभि थी। वो सिर्फ चड्डी में था। उसने मौसी को चूमना शुरू किया, उनके गालों को, होंठों को, और फिर उनकी टी-शर्ट उतार दी। मौसी की ब्रा के ऊपर से ही उनके बूब्स दबाने लगा, उनकी छाती को चूमने लगा। फिर उसने ब्रा का हुक खोला और दोनों बूब्स को अपने हाथों में लेकर मसलने लगा। मौसी के बड़े-बड़े बूब्स उसके हाथों में पूरी तरह समा नहीं रहे थे। वो उनके निप्पल्स को चूसने लगा, और मौसी के मुँह से हल्की-हल्की सिसकारियाँ निकलने लगीं।
तभी राकेश वॉशरूम से आया और बोला, “साले, मेरे बिना ही शुरू हो गया!” विपुल ने हँसते हुए कहा, “भाई, तू पहले डाल, अब खुश?” राकेश ने भी अपनी टी-शर्ट और पैंट उतार दी। उसकी बॉडी भी विपुल जैसी थी, मोटी, बालों से भरी, और बड़ा सा पेट। दोनों मोटे थे, और मौसी भी मोटी थीं। मैं सोच रहा था कि ये तीनों कैसे चुदाई करेंगे। राकेश भी मौसी को चूमने लगा, उनके बूब्स को चूसने लगा। फिर उसने मौसी की कैप्री का बटन खोलने की कोशिश की, लेकिन कैप्री इतनी टाइट थी कि बटन नहीं खुला। मौसी खुद खड़ी हुईं और अपनी कैप्री उतारने लगीं। कैप्री इतनी टाइट थी कि उनके साथ उनकी पैंटी भी नीचे खिसक गई। अब मौसी पूरी नंगी थीं।
विपुल और राकेश ने भी अपनी चड्डियाँ उतार दीं। दोनों के लंड मोटे और बड़े थे, गोरे रंग के, और उनके टोपे लाल-लाल चमक रहे थे। मौसी ने घुटनों के बल बैठकर दोनों के लंड पकड़ लिए और बारी-बारी से उन्हें मुठ मारने लगीं। फिर उन्होंने राकेश के लंड के टोपे को चूमा और उसे मुँह में ले लिया। उनके होंठ राकेश के लंड के चारों ओर लिपट गए, और वो उसे लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं। फिर उन्होंने विपुल के लंड को भी चूमा और उसे मुँह में लिया। दोनों के लंड को वो बारी-बारी से चूस रही थीं, जैसे कोई प्रोफेशनल रंडी हो। दोनों मोटे मर्द आँखें बंद करके “आह्ह्ह… आह्ह्ह…” की आवाजें निकाल रहे थे, जैसे जन्नत में हों। मौसी का चूसना इतना मादक था कि मैं पर्दे के पीछे से देखते हुए खुद को रोक नहीं पा रहा था।
करीब 10 मिनट तक मौसी ने उनके लंड चूसे। फिर वो खड़ी हुईं और राकेश का हाथ पकड़कर उसे बेड पर लिटा दिया। विपुल बेड पर बैठा हुआ था और अपना लंड हिला रहा था। मौसी राकेश के ऊपर चढ़ गईं और उसकी बालों भरी छाती, उसके मोटे पेट को चाटने लगीं। राकेश ने अपने दोनों पैर फैलाए हुए थे। मौसी ने उससे पूछा, “कंडोम कहाँ है?” राकेश ने कहा, “ड्रॉअर में।” मौसी ने ड्रॉअर से कंडोम निकाला और राकेश के लंड पर चढ़ा दिया। फिर उन्होंने राकेश का लंड पकड़ा और उस पर बैठने लगीं। लंड का टोपा उनकी चूत पर टिका, और वो धीरे-धीरे उस पर बैठने की कोशिश करने लगीं। लंड मोटा था, सिर्फ टोपा ही अंदर गया। मौसी के मुँह से “आह्ह्ह…” की आवाज निकली। वो उसी पोजीशन में रुकी रहीं। राकेश ने नीचे से अपनी कमर उठाकर एक जोरदार झटका मारा, और लंड पूरा उनकी चूत में घुस गया। मौसी की आँखें बंद हो गईं, और वो जोर से “आह्ह्ह्ह्ह्ह…” चिल्लाईं।
राकेश ने उनके पेट पर हाथ रखा, और मौसी धीरे-धीरे ऊपर-नीचे होने लगीं। उनकी चूत में लंड अंदर-बाहर हो रहा था, और वो “आह्ह्ह… आह्ह्ह… ओह्ह्ह…” की सिसकारियाँ ले रही थीं। राकेश भी “आह्ह्ह… आह्ह्ह…” कर रहा था। मौसी का मोटा पेट और राकेश का मोटा पेट हर झटके के साथ टकरा रहे थे, और उनकी बॉडी हिल रही थी। तभी विपुल खड़ा हुआ और बेड पर आ गया। उसने मौसी का मुँह पकड़ा और अपना लंड उनके मुँह में डाल दिया। मौसी अब राकेश के लंड पर उछल रही थीं और साथ ही विपुल का लंड चूस रही थीं। ये सब करीब 15 मिनट तक चला।
फिर मौसी उठीं, और विपुल ने उन्हें बेड पर घोड़ी बना दिया। मौसी के नीचे राकेश ने अपना मुँह उनके बूब्स के बीच में डाल दिया और उनके निप्पल्स चूसने लगा। विपुल ने कंडोम पहना और मौसी की चूत में एक जोरदार झटका मारा। लंड पूरा अंदर घुस गया, और मौसी “आह्ह्ह्ह…” चिल्लाईं। विपुल ने उनकी गांड पकड़कर घपाघप चोदना शुरू कर दिया। उनकी गांड और विपुल का पेट टकराने से “थप-थप-थप” की आवाजें आने लगीं। मौसी की पूरी बॉडी हर झटके के साथ हिल रही थी। विपुल रुका नहीं, वो “आह्ह्ह… आह्ह्ह…” करते हुए जोर-जोर से धक्के मार रहा था।
तभी राकेश ने अपना मुँह निकाला और वॉशरूम चला गया। वो जल्दी वापस आया, और अपने साथ जेल की डब्बी लाया। मौसी की आँखें बंद थीं। राकेश ने विपुल को जेल दी, और विपुल ने डब्बी खोलकर दो उंगलियों से जेल निकाला और मौसी की गांड के छेद पर लगाने लगा। मौसी की आँखें खुल गईं, शायद उन्हें अंदाजा हो गया था कि अब उनकी गांड की बारी है। विपुल ने फिर से उनकी चूत में धक्के मारना शुरू किया, और अचानक अपना लंड निकालकर उनकी गांड के छेद पर रख दिया। राकेश ने आगे आकर अपना लंड मौसी के मुँह में डाल दिया और उनका सिर पकड़कर मुँह में लंड अंदर-बाहर करने लगा।
विपुल ने एक जोरदार धक्का मारा, लेकिन सिर्फ लंड का टोपा ही उनकी गांड में गया। मौसी चिल्लाना चाहती थीं, लेकिन मुँह में राकेश का लंड होने की वजह से चिल्ला नहीं पाईं। विपुल ने एक और जोरदार धक्का मारा, और इस बार आधा लंड अंदर चला गया। मौसी की आँखों से आँसू निकल आए। वो दर्द से तड़प रही थीं। विपुल ने धीरे-धीरे धक्के मारना शुरू किया। करीब 5 मिनट बाद राकेश ने अपना लंड मौसी के मुँह से निकाला। अब मौसी के मुँह से “आह्ह्ह… म्ह्ह्ह… ऊह्ह्ह…” की आवाजें निकल रही थीं। धीरे-धीरे मौसी को दर्द कम होने लगा, और वो अब गांड मरवाने में मजे लेने लगीं।
10 मिनट बाद विपुल ने अपना लंड निकाला, और राकेश ने अपने लंड पर ढेर सारा जेल लगाया। उसने दो उंगलियों से मौसी की गांड के अंदर भी जेल डाला और फिर अपना लंड उनकी गांड में डाल दिया। मौसी का मुँह खुल गया, और उनकी आँखें फटी की फटी रह गईं। फिर से उनकी आँखों से आँसू निकलने लगे। वो चिल्लाईं, “प्लीज निकालो, गांड फट जाएगी!” राकेश ने कहा, “डार्लिंग, 2 मिनट में मजा आएगा, थोड़ा सह लो, फिर मजे ही मजे होंगे।” उसने विपुल को कहा, “इसके मुँह में लंड डाल।” विपुल बेड पर चढ़ा और मौसी के मुँह में अपना लंड डाल दिया। राकेश धीरे-धीरे धक्के मारने लगा। मौसी की गांड हर झटके के साथ हिल रही थी। वो अब जोर-जोर से गांड मरवा रही थीं।
करीब 10 मिनट तक राकेश ने उनकी गांड मारी। मौसी की बॉडी पूरी ढीली हो चुकी थी। अचानक राकेश ने अपना लंड निकाला और मौसी को सीधा लिटा दिया। विपुल ने कंडोम उतार दिया और मौसी के बूब्स पर बैठ गया। उसने अपना लंड उनके बूब्स के बीच में डाला और दोनों बूब्स को पकड़कर लंड को उनके बीच रगड़ने लगा। दूसरी तरफ राकेश ने मौसी के दोनों पैर फैलाए और उनकी चूत में लंड डालकर चोदने लगा। मौसी अब मजे से चुदवा रही थीं, और “आह्ह्ह… आह्ह्ह… ओह्ह्ह… ऊईईई…” की आवाजें निकाल रही थीं। विपुल लगातार उनके बूब्स के बीच लंड रगड़ रहा था।
5 मिनट बाद विपुल का वीर्य निकल गया। उसने मौसी के मुँह पर वीर्य की पिचकारी मारी। उनके होंठ, गाल, नाक, सब जगह वीर्य लग गया। उनका चेहरा वीर्य से भर गया। फिर वो उठा और बगल में लेट गया। इधर राकेश ने मौसी के दोनों पैर अपने कंधों पर रखे और जोर-जोर से चोदने लगा। मौसी भी “आह्ह्ह… आह्ह्ह… म्ह्ह्ह… ओह्ह्ह…” कर रही थीं। 10 मिनट बाद राकेश का भी वीर्य निकलने वाला था। उसने अपना लंड उनकी चूत से निकाला, कंडोम उतारा, और मौसी के बूब्स पर बैठ गया। उसने मुठ मारनी शुरू की और अपना लंड उनके होंठों पर रख दिया। मौसी ने मुँह नहीं खोला, लेकिन जैसे ही लंड उनके होंठों को छुआ, उसका वीर्य निकल गया और उनके होंठों पर लग गया।
अब राकेश भी मौसी के बगल में लेट गया। मौसी और दोनों मर्द नंगे बेड पर आधे घंटे तक लेटे रहे। फिर मौसी उठीं और वॉशरूम चली गईं। उन्होंने अभी तक अपने चेहरे पर लगा वीर्य साफ नहीं किया था। 2 मिनट बाद विपुल और राकेश भी वॉशरूम चले गए। मैं अभी भी पर्दे के पीछे था। मैंने चुदाई देखते हुए एक बार मुठ मार ली थी और कुछ फोटो और वीडियो क्लिप भी बना ली थी।
20 मिनट हो गए, लेकिन कोई बाहर नहीं आया। मैं समझ गया कि वॉशरूम में फिर से चुदाई चल रही है। करीब आधे घंटे बाद मौसी बाहर आईं। वो दीवार पकड़कर लंगड़ाते हुए चल रही थीं। उनकी गांड और चूत की चुदाई ने उन्हें थका दिया था। वो बेड पर बैठीं और कपड़े पहनने लगीं। फिर विपुल और राकेश बाहर आए, उन्होंने भी कपड़े पहने और मौसी को 5000 रुपये दिए। मौसी ने बिना कुछ बोले पैसे ले लिए। उन्होंने मौसी का नंबर लिया और अपना नंबर भी मौसी को दे दिया।
मौसी 10 मिनट बाद उठीं और चली गईं। मैं पर्दे के पीछे से निकला। विपुल और राकेश ने कहा, “भाई, तेरी मौसी कमाल की रंडी है, बेंचोद, मजा आ गया!” मैंने पूछा, “मौसी को कैसे मनाया?” राकेश बोला, “तेरी मौसी रंडी टाइप की है, वो आसानी से चुदवाने को तैयार हो गई। मैंने पैसे की बात पहले ही कर ली थी।” विपुल ने कहा, “फिर मिलते हैं, और तेरी मौसी को खूब चोदेंगे।” हम सब हँस दिए, और मैं नीचे अपने रूम में चला गया।
मौसी मौसा के बगल में सो रही थीं। मैं वाटर पार्क वापस चला गया। अब मुझे समझ आ गया था कि मौसी रंडी बन चुकी हैं। उनकी चुदाई का वो मंजर मेरे दिमाग में बार-बार घूम रहा था। मैंने सोचा, शायद ये उनकी ज़िंदगी का हिस्सा बन चुका है। लेकिन मैं ये भी जानता था कि ये सब उनकी मर्जी से हुआ।