Hot Punjabi Bhabhi Sex Story पढ़े। मैं समझ गया कि मेरे भाई की शादी के दो साल बाद भी भाभी के पैर भारी नहीं हुए। मैंने सोचा कि मैं भाई की कमी पूरी कर सकता हूँ।
दोस्तों, मेरी उम्र 21 वर्ष है।
यह दो साल पहले की Hot Punjabi Bhabhi Sex Story है।
आपने मेरी पिछली कहानी पति के पोस्टिंग के बाद चूत में खुजली। Desi Bhabhi Ki Chut Ki Kahani
पढ़ी थी।
मैं उस समय अपने भाई के साथ दिल्ली में रहकर पढ़ाई कर रहा था।
मेरे माता-पिता सिर्फ गांव में रहते हैं। गांव में हमारी सबसे बड़ी खेती है।
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पापा खेती की देखभाल करते हैं।
मेरे भाई दिल्ली में काम करते थे; वे दिन में काम करते थे और शाम को वापस आते थे।
तब तक मैं अपनी पढ़ाई के लिए कॉलेज जाता था और कोचिंग लेकर वापस आता था।
मेरे भाई की शादी की चर्चा उसी समय होने लगी।
जब उनकी शादी हुई, हम सबने गांव में भैया की शादी का आनंद लिया।
जब मेरे भाई की शादी हुई, तो मेरे घर में सुंदर भाभी आईं।
भाभी की उम्र 22 वर्ष है। वे गोरी दूध की तरह हैं।
हम पंजाबी हैं, इसलिए भाभी भी पंजाबी कुड़ी है। उनकी हाइट साढ़े पांच फिट है।
36 इंच के भाभी के दूध मानो दो गोल बड़े आकार के गुब्बारे सीने पर बंधे हों।
30 इंच के बलखाती कमर और 38 इंच के पिछवाड़े के गोल चूतड़ हैं।
कोई भी एक बार में उन्हें चोदने की इच्छा करेगा।
भाभी भी बहुत हॉट लगती है। लेकिन मैं उन्हें सम्मान की नज़र से देखता हूँ।
भाभी को घर आने के छह महीने बीत गए थे।
उनसे मैं बहुत घुटने लगा था।
मैं अपनी भाभी से बहुत प्यार करता था, लेकिन ये सिर्फ देवर भाभी का प्यार था।
इसमें कोई सेक्सी भावना नहीं थी।
इस तरह भाभी ने घर में दो साल बिताए।
मैं जानता था कि भैया भाभी हर दिन सेक्स गेम खेलते हैं। क्योंकि भैया के कमरे के बाहर बनी खिड़की से मुझे उन दोनों की कामुक आवाजें सुनाई देती थीं और मैं सिर्फ मुस्कराता रहता था।
भाभी को लगातार चुदाई करने के बावजूद कोई बच्चा नहीं हुआ।
यह मुद्दा चिंता का विषय था।
एक दिन, मैंने भाभी से कहा कि मुझे चाचा कहने वाला कोई नहीं है।
यह सुनते ही भाभी ने धीमी आवाज में कहा, “मैं क्या करूँ भैया?” मेरे बस का कुछ नहीं है। तुम्हारे भाई भी बहुत प्रयास करते हैं, लेकिन तुम्हें चाचा कहने वाला कभी नहीं आ रहा है।
मैंने उनकी ओर देखा और अनजाने में कहा, “यदि मेरे भाई को कुछ नहीं हो सकता तो मैं मर गया हूँ”।
हैरान होकर भाभी ने मेरी तरफ देखा और उधर से उठकर चली गईं।
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बाद में मुझे पता चला कि मेरे भाई के पास ही कुछ समस्याएं थीं जो उसकी भाभी को गर्भधारण नहीं करने देती थीं।
मैं इसका लाभ उठाया।
अब मैं भाभी को वासना से देखने लगा।
यद्यपि भाभी मेरी दृष्टि को समझने लगी थीं, वे शायद पहल नहीं करना चाहती थीं।
एक दिन मैं भाभी की पैंटी सूंघ रहा था और अपने लंड को हिला रहा था।
6 इंच का मेरा लंड किसी भी लड़की, भाभी या आंटी को पूरा सटिस्फाइ कर सकता है।
बाथरूम में लौड़े को हिलाते हुए मैं अपनी भाभी के मादक शरीर को याद कर रहा था।
मेरे लौड़े का सारा माल भाभी की पैंटी पर छप गया।
मैं भाभी की पैंटियों को धोने लगा।
तब भाभी ने बाथरूम का दरवाजा बजाकर पूछा कि क्या कर रहे थे। मैं टॉयलेट जाना है, तुम जल्दी निकल जाओ।
मैं जल्दीबाज़ी में घबरा गया और पैंटी को खूंटी पर लटकाकर बाहर आ गया।
बाहर आते ही लंड बहुत कड़क था।
मेरे लंड की ओर भाभी ने सीधा देखा।
उस समय गर्मी का मौसम था, तो मैं सिर्फ एक शॉर्ट्स पहना था।
हिलाने से मेरा लंड अब भी टाइट था, इसलिए शॉर्ट्स में फूला हुआ साफ दिखाई देता था।
मैं बाथरूम में लंड के साथ खेल रहा था, भाभी ने देखा और मुझे ताड़ दिया।
थोड़ी देर देखकर वे हंसी और वॉशरूम में चली गईं।
मादरचोद झड़ने के बाद भी मैं सर झुकाए अपने लौड़े को कोस रहा था।
भोसड़ी ने सम्मान की वाट लगा दी।
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थोड़ी देर बाद भाभी बाथरूम से बाहर निकलकर मुझे घूरते हुए कहा, “देवर जी, अब तुम काफी बड़े हो गए, शादी कर लो।” इसलिए आप अपने आप को कमजोर करते रहते हैं।
मैंने उनकी बात का अर्थ समझा और मना करते हुए कहा कि मैं तुम्हारी तरह की जोरू नहीं मिलेगी तब तक नहीं करूँगा।
तब उन्होंने मुझे वॉशरूम में गंदी पैंटी दिखाई।
उनकी पैंटी में चूत के स्थान पर दाग थे।
भाभी ने उसे मेज पर रखा और पूछा, “देवर जी, क्या हुआ मेरी पैंटी के साथ?”
मैंने कहा, “सॉरी भाभी, मैं आगे नहीं करूँगा।”
लेकिन भाभी मुझसे बार-बार कहती थीं कि आपके भाई को आने दो..। मैं सिर्फ उनसे शिकायत करूंगी कि ये सब घर में चल रहे हैं। आज पैंटी पर दाग लगाया है, कल मेरे दामन पर भी!
ये सब कहते हुए मेरे ऊपर बहुत गुस्सा आया।
मैं बार-बार उनके पैर छूकर माफी मांगता रहा।
फिर आख़िर में उन्होंने मुझे शर्त लगाई कि मैं नहीं बोलूँगी अगर तुम मेरा काम करोगे।
मैंने पूछा: क्या है?
“तुम जानते हो कि मेरे पास बच्चा नहीं है,” उन्होंने कहा। क्यों नहीं हो सकता आप भी इसे जानते हैं। यही कारण है कि हम दोनों पति-पत्नी की आपस में नहीं बनती हैं और मुझे भी अपनी सास की पीड़ा सुननी पड़ती है। क्या आप कुछ कर सकते हैं?
जब मैंने उनकी लालसा को भांप लिया, तो मैंने पूछा: हां, भाभी, आपको मुझसे कैसी मदद चाहिए?
तुम मेरे साथ सेक्स करोगे? वे सपाट शब्दों में पूछा। मैं मां बनूँगी?
मैंने कहा, भाभी, मैं बहुत छोटा हूँ।
हां, मैंने देखा कि तुम कितने छोटे हो, भाभी ने कहा। बकवास मत करो..। समझो!
मैंने फिर से चिरौरी की ताकि भाभी को लगे कि मैं खुद उन्हें चोदना नहीं चाहता हूँ।
“भाभी, कृपया!”
फिर मैं सबको बताती हूँ कि तुमने मेरे कपड़े पर क्या किया।”
नाटक करते हुए मैंने भाभी के सामने कान पकड़कर कहा, “मुझे माफ कर दीजिए।” आगे ऐसा नहीं होगा।
“तुम समझते क्यों नहीं हो,” उन्होंने कहा। मैं आपको मदद करने के लिए विनती करती हूँ..। मैं कोई ऐयाशी करने को नहीं कह रही हूँ। यदि आप मेरा साथ नहीं देंगे, तो मुझे हमारे परिवार के हित में कुछ ऐसा करना पड़ेगा।
उन्हें मेरे साथ की जरूरत थी और मैं भी अपनी भाभी से शारीरिक संबंध बनाकर उन्हें मां बनाना है।
मैंने हामी भर दी और कहा कि भाभी, ठीक है।
मैं सब सैट करती हूँ, उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा।
पिताजी को ऑफिस से बाहर जाना होता रहता था।
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भाभी ने भाई को बताया कि मैं देवर जी से सेक्स करके बच्चे की इच्छा पूरी करना चाहती हूँ। मुझे अब मां बनना है।
तब भाई ने प्रेगनेंट सेक्स करने के लिए भाभी से कह दिया: “तुम देखो।” क्या करोगी? जैसा आपको अच्छा लगे सो जाओ।
भाभी ने बाद में ये सब बातें मुझे बताईं।
दो दिन बाद भाई चले गए।
रात में मैं भाभी के कमरे में गया।
भाभी उधर नहीं थीं।
जब मैंने आवाज दी तो भाभी ने वॉशरूम से कहा कि मैं आ रही हूँ..। तुम बाहर जाओ। जब मैं आवाज दूँ तो अंदर आ जाना।
मैंने ओके को बताया और बाहर चला गया।
कुछ देर बाद भाभी ने फोन किया।
मैं उनके कमरे में गया।
भाभी ने पूरी तरह से मेरे साथ सेक्स करने की तैयारी की थी, बिल्कुल दुल्हन की ड्रेस में।
मैं खुशी से उनके पास जाकर बैठ गया।
वह दूध का गिलास उठा कर मेरे होंठों में डाल दी।
मैंने एक घूंट पीकर भाभी के होंठों में गिलास लगाया।
वास्तव में दूल्हे की भावना आ रही थी। मुझे अपनी बीवी सी ही भाभी लगने लगी।
तब भाभी ने बाजू में रखा हुआ केक उठाया और मेरे हाथ में हाथ लगाकर उसे कट किया।
मैंने भाभी को पहला पीस केक खिलाया।
आधा केक मुँह में दबाकर भाभी ने आंखों से इशारा किया।
मैंने सोचा कि भाभी एक साथ केक खाने के लिए कह रही हैं।
जब मैं अपने मुँह बढ़ाकर भाभी के होंठों में केक का बाकी हिस्सा डाल दिया, तो हम दोनों ने केक खाकर होंठों को जोड़ दिया।
साथ ही मैंने नीचे रखे केक में हाथ डालकर उसे नोंचकर उनके गाल पर मल दिया।
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भाभी मुस्कुराई।
उन्हें स्मूच करते हुए मैंने उनके होंठों का केक खाया।
भाभी भी मदद करती थी, इसलिए हम 15 मिनट तक एक दूसरे को चूसते रहे।
अब मैं उनकी चूत से मेरा लंड मिल रहा था और उनकी गांड भी दबा रहा था।
“ये क्या है?” वे शरारती ढंग से पूछा। इतना कठोर?
मैंने कहा, जान, खोलकर देखो।
वह मेरे पैंट की चैन खोलकर लंड को पकड़ने लगी।
मेरा कड़क लंड महसूस करते ही उनकी आंखें प्रसन्न हो गईं।
“इतना मोटा और बड़ा सुपारा,” भाभी ने कहा। तुमने ऐसा कैसे किया?
यह कहते ही भाभी तुरंत नीचे बैठ गईं और चूसना शुरू कर दीं।
५ मिनट तक उन्होंने मेरे लौड़े को चूसा और नशीली आंखों से कहा, “साले, तुम बहुत लंबी रेस का घोड़ा हो।” भैन के टुकड़े।
जब भाभी ने मुझे गाली देकर मुझे उत्साहित किया, तो मैंने उनके दूध को दबाते हुए कहा, “हां, मेरी रंडी भाभी, आज तुम्हें पेट से करके ही छोड़ूँगा।”
“मेरे देवर, तुम्हारे मुँह में घी शक्कर है,” वे एकदम से खिल उठीं। अब मुझे पेलो और मां बना दो।
मैंने कहा कि इतनी जल्दी भी मेरी जान क्या है? पहले अपने मुँह को घी-शक्कर से सुधारो। अब मुझे किशमिश दो।
मैंने उन्हें पूरी तरह से नंगा कर दिया और उनके दूध को स्वतंत्र कर दिया।
भाभी का दूध इतना रसीला था! बड़े और 38 बी साइज़ के होंगे।
मैंने उनके एक दूध पर मुँह फेरा।
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“आह चूस लो मेरे निप्पल मेरी जान,” भाभी ने अपने हाथ से मुझे मीठी किशमिश देने लगी।
जब मैंने कुछ निप्पल काटा, भाभी ने कहा, “धीरे-धीरे भोसड़ी के..।” मैं कहीं भाग नहीं रही हूँ।
यह मेरा पहली बार था, इसलिए मैं जल्दी से उनकी चूत पर हाथ रखकर रगड़ने लगा। वह ऊपर से दूध चूस रहा था और नीचे से चूत मसल रहा था।
तब मैं नीचे उतर गया और उनकी चूत पर मुँह लगाया।
लवड़े, ये क्या कर रहा है, वे चिल्ला उठीं।
मैंने कहा, भाभी, आज आपको मजा आ जाएगा।
मैं जीभ से भाभी की चूत को पूरी तरह चाट रहा था।
तुरंत उन्होंने मेरा मुँह अपनी टांगों में कसकर झड़ने लगे।
मेरे मुँह में उनकी चूत से ढेर सारा माल डाल दिया।
भाभी ने मेरे सर को अपनी टांगों से नहीं छोड़ा जब तक वह पूरी तरह झड़ नहीं गई।
मैंने भी उनकी चूत का सारा रस चाटकर चमका दी।
भाभी ने मुझे उठाकर सीने पर किस करने लगा।
मैंने उनके दूध को दबाया और कहा कि अब दोनों मिलकर काम करेंगे।
भाभी विनम्र थीं।
हम दोनों 69 में पहुंचे।
मैं फिर से अपनी चूत चाटी, जब वे मेरा लंड चूसा।
५ मिनट चूसने के बाद मेरा लंड पूरी तरह से मजबूत हो गया।
मैंने कहा, “चूत को अब मौका दो!”
भाभी नीचे लेट गई।
मैंने लंड सैट किया और फिसल गया।
मैं फिर से कोशिश करने पर फिसल गया।
चूतिया नंदन, उन्होंने हंसते हुए कहा। साला अनाड़ी से चुदाई करने के बाद सर का बवाल
ये कहते हुए भाभी जोर से हंसने लगी।
उसने कहा, “अब धक्का मारो”, हाथ से लंड को चूत पर रखकर।
मेरा लंड चूत में घुस गया जैसे ही मैंने धक्का मारा।
भाभी ने तभी चीखकर मुझे गाली दी, कहते हुए, “ओह मादरचोद, मादरचोद।” तुम्हारी बहन की चूत में लंड डाल दो, भोसड़ी! लोहे का सरिया या सांडे का लंड है।
अब मैं पूरा लेट गया और उनके ऊपर धीरे-धीरे धक्के लगाने लगा।
मैं भी भाभी के बूब को दबा रहा था।
उन्हें मज़ा आने लगा।
मैंने अपने धक्के अधिक तेज कर दिए।
उनकी आह आह की आवाज पूरे कमरे में गूंजने लगी जैसे मैंने धक्के तेज किए।
भाभी की चूत से प्रीकम आने से लंड सटासट आने लगा।
भाभी की टांगें हवा में उठ गईं, क्योंकि वे अब लंड से पूरी तरह मज़ा ले रही थी।
मैं और अधिक तेजी से शॉट मारने लगा।
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“चोद मां के लौड़े… और तेज तेज पेल,” भाभी ने बाजारू रंडी की तरह आह आह करते हुए कहा।
फिर मैंने उन्हें घोड़ी की तरह बनाया। मेरा लंड इस आसन में भाभी की चूत की पूरी गहराई में उतर गया था।
जब भाभी ने बताया कि तेरे भाई केवल 4 इंच का है और ये 6 इंच का है, तो मेरी चूत पूरी तरह फट गई।
शायद इसी कारण भाभी की चूत से कुछ खून निकला था।
अब मैंने भाभी की बच्चेदानी में सीधा झटका मारा।
भाभी बहुत रोई, फिर खुश हो गईं।
वे कह रही थीं, “आज जी बच्चा निकाल देंगे”।
उन्हें चोदते हुए मैं हंसने लगा।
फिर भाभी ने फिर से झड़ गया।
मैं अभी भी नहीं निकला।
अब मुझे ऊपर आना है, भाभी ने कहा।मुझे लंड की सवारी करनी चाहिए।
जब मैंने उन्हें लौड़े पर रखा, वे गांड उछाल उछाल कर लौड़े को अंदर तक ले गए।
मैंने रिवर्स्ड काउ गर्ल पोज में भाभी को काफी देर तक पीटा।
मैं अब आने वाला था।
इसी पोज में मैंने अपना वीर्य चूत में छोड़ दिया।
मेरे साथ भी भाभी झड़ गईं।
उनके चेहरे पर बहुत उत्साह था।
वे सीधे लेट गई।
उन्हें प्रेग्नेंट होना था, इसलिए वे यह सुनिश्चित कर रही थीं कि वीर्य उनके गुप्तांग से बाहर नहीं निकले।
भाभी लगभग आधा घंटे तक सीधी लेटी रही, जैसे इंजन में ग्रीसिंग हो रही हो।
फिर खड़ी हो गईं।
और कहा टॉयलेट जाना चाहिए था।
मैं उनको गोदी में उठा कर ले गया और उनसे पानी पीने लगा।
उसकी चूत से सीटी बज रही थी।
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बाद में उन्हें बिस्तर पर लाकर मैंने उन्हें दो बार और चोदा, हर बार उनकी चूत में ही अपना वीर्य डाला।
मैं भाभी की गांड मारने का फैसला किया क्योंकि मेरा लंड चौथी बार भी नहीं झड़ रहा था।
भाभी भी समझदार थीं।
अब मैं भाभी की ३८ साइज की गांड चूसने लगा।
मैंने उन्हें डॉगी की तरह कुछ देर तक चोदा और उनकी गांड में झड़ गया।
फिर मैं वहीं सो गया।
सुबह हमने फिर से यौन संबंध बनाए।
अगले एक हफ्ते तक मैंने भाभी के साथ यौन संबंध बनाए।
उस महीने भाभी का पीरियड समाप्त हो गया था।
उन्हें पता चला कि वह गर्भवती थीं।
आज उनका बच्चा तीन साल का है।
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