मेरा नाम हुसैन है, उम्र 30 साल, और मैं पटना का रहने वाला हूँ। मैं एक किराए के फ्लैट में रहता हूँ, जो शहर के बीचों-बीच एक व्यस्त इलाके में है। मेरा चेहरा साधारण सा है, लेकिन मेरी फिट बॉडी और बात करने का ढंग लड़कियों को खींच लेता है। मेरी गर्लफ्रेंड का नाम नेहा मेहता है, वो भी 30 साल की है। नेहा का घर लंगरटोली में है, एक पुराना लेकिन रौनक भरा मोहल्ला। नेहा का फिगर कातिलाना है, 36-28-38 का, चूचियां बड़ी-बड़ी, थोड़ी ढीली, लेकिन इतनी रसीली कि देखते ही लंड खड़ा हो जाए। उसकी गांड तो मानो चबूतरे जैसी चौड़ी और गोल, चलते वक्त लचकती है। वो गोरी है, लंबे बाल, और आँखों में एक चंचलता जो मर्दों को पागल कर दे। नेहा की दो छोटी बहनें और एक भाई है, लेकिन वो दोनों बाहर रहते हैं, तो घर में नेहा, उसकी मम्मी-पापा ही रहते हैं। नेहा सबसे बड़ी है, इसलिए घर की जिम्मेदारियां उसी पर हैं, और कोई उससे ज्यादा सवाल नहीं करता।
हम दोनों की मुलाकात कोचिंग में हुई थी, जहाँ मैंने उसे पटाया। नेहा को लड़के पसंद करने की आदत है, और वो खुलकर अपनी बात रखती है। कुछ ही मुलाकातों में वो मुझसे खुल गई, और उसने बताया कि मुझसे पहले उसके कई बॉयफ्रेंड थे, जिन्होंने उसे चोदा था। मुझे ये सुनकर कोई फर्क नहीं पड़ा, क्योंकि मुझे बस उसकी चूत और गांड से मतलब था। वो भी मेरे साथ खुलकर मजे लेती थी।
एक दिन हमने प्लान बनाया कि कोचिंग छोड़कर मेरे फ्लैट पर जाएंगे। मैंने पहले ही उसे बोल दिया था, “आज तेरी चूत फाड़ दूंगा, नेहा!” वो हंसते हुए बोली, “देखते हैं कितना दम है तुझमें!” उस दिन वो मेरे फ्लैट पर आई, पूरी सज-धज के। टाइट जींस, लाल टॉप, जिसमें उसकी चूचियां उभरी हुई थीं। आते ही उसने मुझे जोर से गले लगाया, होंठों पर चुम्मा लिया, और मैंने भी उसे कसकर पकड़ लिया। उसकी सांसें गर्म थीं, और उसकी आँखों में वासना साफ झलक रही थी।
मैंने उसे बेडरूम में खींच लिया। कुछ ही मिनटों में मैंने उसकी जींस और टॉप उतार दी। वो सिर्फ लाल ब्रा और पैंटी में थी। उसकी ब्रा से चूचियां बाहर झांक रही थीं, और पैंटी उसकी चिकनी चूत को मुश्किल से ढक पा रही थी। मैंने उसकी ब्रा खींचकर उतारी, और उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां आजाद हो गईं। मैंने उन्हें दोनों हाथों से मसला, निप्पल्स को उंगलियों से दबाया। नेहा की सिसकारियां शुरू हो गईं, “आह्ह… हुसैन… धीरे…” लेकिन मैं रुका नहीं। मैंने उसकी पैंटी भी नीचे खींच दी। उसकी चूत पूरी शेव की हुई थी, चिकनी और गीली। मैंने भी अपने कपड़े उतार फेंके। मेरा 7 इंच का लंड तनकर खड़ा था।
नेहा मेरे लंड को देखकर मुस्कुराई और बोली, “हाय… ये तो तैयार है!” उसने मेरे लंड को हाथ में लिया, और धीरे-धीरे सहलाने लगी। उसकी उंगलियां मेरे लंड के टोपे पर फिरीं, और मैं सिहर उठा। मैंने उसे बेड पर लिटाया, और उसकी चूत पर अपनी जीभ रख दी। उसकी चूत से गर्मी निकल रही थी, और उसका स्वाद नमकीन लेकिन नशे जैसा था। मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया, जीभ को अंदर-बाहर करने लगा। नेहा की सिसकारियां तेज हो गईं, “ओह्ह… हुसैन… आह्ह… चाटो… और चाटो…” वो अपनी गांड उठा-उठाकर मेरे मुँह पर चूत रगड़ रही थी।
कुछ देर चाटने के बाद मैंने अपना लंड उसकी चूत पर सेट किया। उसकी चूत पहले से गीली थी, लेकिन फिर भी मैंने धीरे से धक्का दिया। मेरा लंड आधा अंदर गया, और नेहा के मुँह से चीख निकली, “आह्ह… धीरे… उफ्फ…” मैंने एक और धक्का मारा, और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया। “थप-थप” की आवाजें कमरे में गूंजने लगीं। मैंने धक्के तेज किए, और नेहा की चूचियां उछलने लगीं। वो चिल्ला रही थी, “हाय… मार डाला… आह्ह… चोदो… और जोर से…” मैंने उसकी टांगें उठाकर अपने कंधों पर रखीं, और उसकी चूत को और गहराई तक चोदा।
करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद मैंने उसे घोड़ी बनाया। उसकी गांड मेरे सामने थी, और मैंने उसकी चूत में फिर से लंड डाला। “पच-पच” की आवाजें कमरे में गूंज रही थीं। नेहा की सिसकारियां अब चीखों में बदल गई थीं, “हाय… हुसैन… फाड़ दो… आह्ह…” मैंने उसकी गांड पर थप्पड़ मारा, और वो और जोश में आ गई। फिर मैंने उसकी गांड के छेद पर उंगली फेरी। वो सिहर उठी, “नहीं… वहां नहीं…” लेकिन मैंने उसकी गांड में उंगली डाल दी। उसकी गांड टाइट थी, लेकिन मैंने धीरे-धीरे उंगली अंदर-बाहर की, और फिर अपना लंड उसकी गांड पर सेट किया।
“हुसैन… धीरे… मैं मर जाऊंगी…” नेहा बोली, लेकिन उसकी आवाज में वासना थी। मैंने धीरे से धक्का मारा, और मेरा लंड उसकी गांड में आधा घुस गया। नेहा चीखी, “आह्ह… उफ्फ… दर्द हो रहा है…” मैंने रुककर उसे सहलाया, और फिर धीरे-धीरे पूरा लंड अंदर डाल दिया। कुछ देर बाद नेहा को भी मजा आने लगा। वो अपनी गांड पीछे धकेलने लगी, “हाय… चोदो… गांड मारो… आह्ह…” मैंने उसकी गांड में तेज-तेज धक्के मारे, और करीब 20 मिनट बाद मैं झड़ गया। मेरा माल उसकी गांड में ही गिरा। नेहा भी दो बार झड़ चुकी थी।
हम दोनों पसीने से तर थे। नेहा मेरे सीने पर लेट गई, और बोली, “हुसैन… तू तो जान ले लेगा…” मैंने उसकी चूची दबाई और हंसते हुए कहा, “अभी तो शुरुआत है, माल!” उस रात हमने तीन बार और चुदाई की, हर बार अलग-अलग पोजीशन में। सुबह होने से पहले वो अपने घर चली गई।
पहले भी मैंने नेहा को कई बार चोदा था, लेकिन ज्यादातर जल्दबाजी में। एक बार हम सिनेमाहॉल में कॉर्नर सीट पर बैठे थे। मूवी शुरू होते ही मैंने उसकी चूची पकड़ ली। उसने टाइट कुर्ती और लेगिंग्स पहनी थी। मैंने उसकी कुर्ती ऊपर की, और उसकी चूचियां ब्रा से बाहर निकाल दीं। नेहा ने मेरे लंड को पकड़ लिया, और मेरी जींस की चेन खोल दी। मेरा लंड तनकर बाहर आ गया। वो उसे सहलाने लगी, और मैं उसकी चूचियां दबाने लगा।
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कुछ देर बाद नेहा गर्म हो गई। मैंने उसे अपनी गोद में बैठने को कहा, लेकिन वो डर रही थी। “कोई देख लेगा, हुसैन…” उसने धीरे से कहा। मैंने उसे खींच लिया, और उसकी लेगिंग्स पैंटी समेत नीचे कर दी। उसकी चूत मेरे लंड पर सेट हुई, और मैंने धीरे से धक्का मारा। मेरा लंड उसकी चूत में घुस गया। “आह्ह… उफ्फ…” नेहा की सिसकारी निकली, लेकिन वो चुप रही। मैंने धीरे-धीरे धक्के मारे, और वो मेरी गोद में हल्के-हल्के उछलने लगी। अंधेरे में कोई कुछ देख नहीं पा रहा था, लेकिन मेरे बगल में दो और लड़के अपनी गर्लफ्रेंड्स के साथ वही कर रहे थे। नेहा को अब मजा आने लगा था, और वो धीरे-धीरे चुदवाने लगी।
एक बार नेहा के मम्मी-पापा शादी में गए थे। उसने मुझे रात 10 बजे अपने घर बुलाया। उसका घर मार्केट के बीच में था, तो ज्यादा शक की गुंजाइश नहीं थी। मैं जैसे ही गेट पर पहुंचा, नेहा ने गेट खोला। उसने सिर्फ एक ढीली टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहनी थी, जिसमें उसकी चूचियां और गांड साफ उभर रही थी। उसने मुझे अंदर खींचा, और गेट बंद कर दिया।
वो मुझे सीधा अपने रूम में ले गई, जो गेट के पास ही था। कमरे में एक सिंगल बेड था, और दीवार पर नेहा की कुछ तस्वीरें टंगी थीं। उसने मुझे जोर से गले लगाया, और मेरे होंठों पर किस करने लगी। उसकी जीभ मेरे मुँह में थी, और मैंने भी उसे कसकर पकड़ लिया। मैंने उसकी टी-शर्ट उतारी, और उसकी चूचियां मेरे सामने थीं। उसने ब्रा नहीं पहनी थी। मैंने उसके निप्पल्स को मुँह में लिया, और चूसने लगा। नेहा की सिसकारियां शुरू हो गईं, “आह्ह… हुसैन… चूसो… और जोर से…”
मैंने उसकी शॉर्ट्स और पैंटी भी उतार दी। अब वो पूरी नंगी थी। मैंने भी अपने कपड़े उतारे, और हम दोनों बेड पर लेट गए। नेहा मेरे लंड को सहलाने लगी, और मैं उसकी चूत में उंगली करने लगा। उसकी चूत गीली थी, और मेरी उंगलियां आसानी से अंदर-बाहर हो रही थीं। “हाय… हुसैन… डाल दो… अब और मत तड़पाओ…” नेहा बोली।
मैंने उसे बेड पर लिटाया, और उसकी टांगें फैलाईं। मेरा लंड उसकी चूत पर सेट किया, और एक जोरदार धक्का मारा। “आह्ह… उफ्फ…” नेहा चीखी, लेकिन मैंने उसे चुप कराया। मैंने धक्के मारने शुरू किए, और कमरे में “थप-थप” की आवाजें गूंजने लगीं। नेहा की चूचियां उछल रही थीं, और वो मेरे कंधों को पकड़कर चिल्ला रही थी, “चोदो… हुसैन… फाड़ दो… आह्ह…” मैंने उसकी चूत को करीब 20 मिनट तक चोदा, और फिर उसे घोड़ी बनाया। उसकी गांड मेरे सामने थी। मैंने उसकी गांड में उंगली डाली, और फिर लंड सेट किया। “नहीं… धीरे… गांड में दर्द होता है…” नेहा बोली, लेकिन मैंने धीरे-धीरे लंड अंदर डाला। कुछ देर बाद वो भी मजा लेने लगी, “हाय… मारो… गांड फाड़ दो… आह्ह…”
पूरी रात हमने चार बार चुदाई की। हर बार नेहा और जोश में थी। सुबह होने से पहले मैं उसके घर से निकल गया।
एक दिन मैंने नेहा से उसकी छोटी बहन की बात की। उसकी छोटी बहन, प्रिया, 25 साल की थी, और नेहा से भी ज्यादा सेक्सी। उसका फिगर 34-26-36 था, चूचियां टाइट, और गोरी चमड़ी। मैंने नेहा से कहा, “मुझे प्रिया की चूत चाहिए।” नेहा गुस्सा हो गई, “ये मुमकिन नहीं!” लेकिन मैंने उसे मनाया कि कम से कम उसे नंगा तो दिखा दे। नेहा मान गई।
मैंने उसे एक छोटा सा स्पाई कैमरा दिया, और बोला कि बाथरूम में सेट कर दे। नेहा ने सुबह-सुबह कैमरा सेट किया, और मुझे कॉल करके बताया। मैंने अपने फ्लैट से कैमरा कनेक्ट किया। नेहा पहले बाथरूम में गई, और मेरे सामने फ्रेश हुई। उसकी नंगी चूत और गांड देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया। फिर प्रिया बाथरूम में आई। वो टॉयलेट करने लगी, और फिर नहाने लगी। उसकी टाइट चूचियां और गोल गांड देखकर मैं पागल हो गया। मैंने सब रिकॉर्ड कर लिया। बाद में नेहा की मम्मी भी बाथरूम में आईं, और उनका भी वीडियो बन गया।
नेहा को जब पता चला, वो गुस्सा हुई, “ये सब डिलीट कर, हुसैन!” लेकिन मैंने उसे समझाया कि ये मेरे पास ही रहेगा। वो मान गई।
नेहा की एक सहेली ने मुझे बताया कि नेहा को पहले कई लड़कों ने चोदा है। उसका एक रिश्तेदार, मामा का बेटा, जिसे वो राखी बांधती थी, उसका बॉयफ्रेंड था। वो उसे चोदता था। फिर एक क्लासमेट, फिर दीदी का देवर, और फिर कोचिंग का एक लड़का। सबने नेहा की चूत और गांड को रगड़-रगड़कर चोदा। मैं उसका ताजा बॉयफ्रेंड था, और मुझे बस उसकी चूत और गांड से मतलब था।
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एक बार मैंने अपने दोस्त के साथ स्वैपिंग की। मैंने उसके दोस्त की गर्लफ्रेंड को चोदा, और उसने नेहा को। नेहा को मेरे दोस्त का लंड इतना पसंद आया कि वो बाद में चुपके से उसके फ्लैट पर चुदवाने गई। जब मैंने पूछा, वो गुस्सा हो गई, और मैंने उससे दूरी बना ली। अब मेरा दोस्त नेहा की चूत और गांड फाड़ रहा है।
दोस्तों, ये मेरी सच्ची कहानी है। अगर कोई नेहा को चोदना चाहता है, तो बताओ। क्या आपको मेरी कहानी पसंद आई? अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं!