गर्लफ्रेंड बनी मेरी भाभी

हाय, मेरा नाम सैम है, और मैं आपके लिए अपनी जिंदगी की एक ऐसी कहानी लेकर आया हूँ, जिसने मुझे प्यार, धोखे, और हवस के बीच झूलने पर मजबूर कर दिया। ये कहानी मेरे कॉलेज के दिनों से शुरू होती है, जब मेरी जिंदगी में श्रुति नाम की एक लड़की आई, और फिर सब कुछ बदल गया।

मैं कॉलेज में बहुत शांत और अकेला रहता था। दोस्त बनाना मुझे नहीं आता था। मैं अपना ज्यादातर समय पढ़ाई, जिम में पसीना बहाने, और एक पार्ट-टाइम कंप्यूटर जॉब में बिताता। मेरी बॉडी फिट थी—चौड़ा सीना, मजबूत बाजू, और एक आकर्षक चेहरा। लेकिन मेरे पास कोई दोस्त नहीं था। अकेलापन मुझे अंदर ही अंदर खाए जा रहा था। मैं हमेशा उदास और खोया-खोया सा रहता।

एक दिन कॉलेज की कैंटीन में मैं सिर झुकाए खाना खा रहा था। तभी मेरे बगल में एक लड़की आकर बैठ गई। उसने भी सिर झुकाकर मुझे देखा। मैंने उसे देखा और जल्दी से नजरें फेर लीं। उसने हँसते हुए कहा, “क्या हुआ? इतना शर्माते क्यों हो?” मैंने हड़बड़ाते हुए कहा, “नहीं, ऐसी बात नहीं है।”
वो बोली, “तो फिर मुँह दूसरी तरफ क्यों कर लिया?”
मैंने कहा, “बस, यूँ ही। वैसे तुम मेरे पास क्यों बैठी? अपने दोस्तों के साथ क्यों नहीं हो?”
वो हँसी और बोली, “मुझे श्रुति बुलाओ। तुम हमेशा अकेले रहते हो, इसलिए मैं तुम्हारे साथ बैठी। मुझे अच्छा नहीं लगता तुम्हें ऐसे उदास देखना।”

उसकी बातों में एक अजीब सी गर्माहट थी। हमारी बातचीत शुरू हुई, और धीरे-धीरे हम अच्छे दोस्त बन गए। श्रुति मेरी जिंदगी का वो रंग बन गई, जो मेरे अकेलेपन को भुला देता। वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त थी। उसका स्वभाव इतना खुला और दोस्ताना था कि मैं उसके साथ सहज महसूस करता। हम कॉलेज के बाद दिल्ली की सड़कों पर घूमते, फिल्में देखते, और कैफे में घंटों बतियाते। वो कई बार मेरा हाथ पकड़कर चलती, और मैं इसे उसकी दोस्ती का हिस्सा मानता।

श्रुति बहुत खूबसूरत थी। उसकी गोरी चमकती त्वचा, भरे हुए होंठ, और फिट फिगर उसे किसी हिरोइन जैसा बनाते थे। उसकी मुस्कान इतनी प्यारी थी कि कॉलेज के कई लड़के उससे जलते थे, क्योंकि वो मेरे साथ इतना वक्त बिताती। मैं मन ही मन उसे चाहने लगा था। रात को अपने कमरे में मैं उसकी नंगी तस्वीरें कल्पना करता, उसे चोदने के ख्यालों में डूबता, और उसके साथ सुहागरात मनाने की कल्पनाओं में मुठ मारता। लेकिन मैंने उसे कभी गलत नजर से नहीं देखा। मेरे लिए वो मेरी दोस्त थी, और शायद उससे कहीं ज्यादा।

कॉलेज खत्म हुआ, लेकिन हमारी दोस्ती बरकरार रही। हम मिलते रहे, और मेरा प्यार उसके लिए गहरा होता गया। मैंने फैसला किया कि अपने जन्मदिन पर मैं उसे अपने दिल की बात बता दूँगा। मैंने उसके लिए एक डायमंड रिंग खरीदी और उस रात को यादगार बनाने की पूरी तैयारी की। मैंने उसे अपनी कार से पिक किया। वो लाल रंग की ड्रेस में इतनी खूबसूरत लग रही थी कि मैं उसे देखता रह गया। उसकी ड्रेस उसके कर्व्स को उभार रही थी, और उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी। मैं भी उस दिन अच्छा-खासा तैयार था। हम एक-दूसरे को देख रहे थे। मैंने उसका हाथ उठाकर चूमा, तो वो शरमाकर हँसी।

मैं उसे दिल्ली के एक शानदार रेस्तरां में ले गया। हमने मेरा बर्थडे केक काटा, स्वादिष्ट डिनर किया, और फिर एक खूबसूरत पार्क में टहलने गए। मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। मैं सोच रहा था कि आज मैं अपने प्यार का इजहार करूँगा और उसे हमेशा के लिए अपना बना लूँगा। पार्क में टहलते हुए मैंने उसे एक सुनसान कोने में ले जाकर रोका। वो पूछने लगी, “मुझे यहाँ क्यों लाए?” मैं घुटनों पर बैठ गया, जेब से रिंग निकाली, और उसे पहनाने लगा। लेकिन उसने अपना हाथ खींच लिया। मैंने गौर से देखा तो उसके हाथ में पहले से एक रिंग थी।

मैंने हैरानी से पूछा, “ये किसकी रिंग है?”
वो धीरे से बोली, “मेरे मंगेतर ने दी है।”
मैंने चौंककर कहा, “मतलब?”
वो चुप रही। मैं खड़ा हुआ और गुस्से में बोला, “तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया? मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, श्रुति। क्या तुम मुझसे प्यार नहीं करती?”
वो बोली, “देख, सैम, ऐसी बात नहीं है। मैं तुम्हें अपना बहुत अच्छा दोस्त मानती हूँ, लेकिन मैं अपने मंगेतर से प्यार करती हूँ।”

मुझे गुस्सा आ गया। मैंने उसका हाथ पकड़ा और कहा, “श्रुति, मेरे साथ ऐसा मत करो। मैं तुम्हारे बिना नहीं जी सकता।” लेकिन वो नहीं मानी। उसने मुझे धक्का दिया और वहाँ से चली गई। उस रात मेरा दिल टूट गया। मैं पूरी रात रोता रहा, और मेरी दुनिया उजड़ गई।

कई दिन बीत गए। फिर एक दोस्त से पता चला कि श्रुति की शादी हो गई है। उसने मुझे ना शादी में बुलाया, ना ही कार्ड भेजा। मैं और टूट गया। दो साल बीत गए। मैं दिल्ली में एक अच्छी नौकरी करने लगा और एक फ्लैट में रहता था। मेरी जिंदगी पटरी पर थी, लेकिन मेरा दिल अभी भी खाली था। एक सुबह मैं सो रहा था कि कुछ शोर से मेरी नींद खुली। मैंने बाहर देखा तो कुछ लोग मेरे सामने वाले फ्लैट में शिफ्ट हो रहे थे। मैंने गौर से देखा तो वो कोई और नहीं, मेरी श्रुति थी। लेकिन अब वो मेरी गर्लफ्रेंड नहीं, किसी और की पत्नी थी। फिर भी, उसे देखकर मेरा दिल खुशी से धड़कने लगा।

मुझे याद आया कि मैंने उस दिन एक मूवी की टिकट बुक की थी। मैं मूवी देखने चला गया, और श्रुति से मिल नहीं पाया। पूरी मूवी के दौरान मैं बस यही सोच रहा था कि आज मैं उससे मिलूँगा और पुरानी बातें ताजा करूँगा। मूवी खत्म होने के बाद मैं कार चला रहा था। बाहर तेज बारिश हो रही थी। मैं तेज म्यूजिक के साथ मस्ती में गाड़ी चला रहा था। सड़क सुनसान थी, और बारिश की बूँदें मेरे दिल की बेचैनी को और बढ़ा रही थीं। गाने की मस्ती में मैंने एक पल के लिए आँखें बंद कीं। जैसे ही आँखें खोलीं, सामने एक गिरा हुआ पेड़ दिखा। मैंने ब्रेक लगाने की कोशिश की, लेकिन गाड़ी उससे टकरा गई। मेरा एक्सीडेंट हो गया। मेरे सिर के पीछे गंभीर चोट लगी, और न्यूरो डैमेज की वजह से मुझे सर्जरी करानी पड़ी। मैं एक महीने तक अस्पताल में रहा।

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जब मैं डिस्चार्ज होकर घर लौटा, तो मुझे याद आया कि मेरे सामने वाले फ्लैट में श्रुति रहने आई है। मेरे पड़ोसी दोस्त रिषभ ने बताया कि श्रुति का पति बिजनेस की वजह से ज्यादातर बाहर रहता है, और उन्हें बार-बार जगह बदलनी पड़ती है। उसका पति पिछले एक महीने से दिल्ली में नहीं था, लेकिन जल्दी ही लौटने वाला था। मैं श्रुति से मिलने के लिए बेताब था। अगले दिन मैं उसके फ्लैट पर गया। दरवाजा खुला था। मैं अंदर गया, लेकिन हॉल में कोई नहीं था। तभी बेडरूम से कुछ आवाजें आईं। मैं बेडरूम के पास गया तो आवाजें और तेज हो गईं।

श्रुति सिसकार रही थी, “आह… आह… श्ह्ह… उमम्म… मजा आ रहा है… और तेज… और तेज… फाड़ दो… आह!” मैं समझ गया कि शायद उसका पति आ गया है और उसे चोद रहा है। मैं वहाँ से जाने लगा, लेकिन तभी श्रुति की एक बात ने मुझे रोक लिया। उसने कहा, “तुम्हारा तो मेरे पति से भी बड़ा और मोटा है!” मैं ठिठक गया। मैंने बेडरूम की तरफ देखा। दरवाजा खुला था। अंदर श्रुति थी, लेकिन उसे उसका पति नहीं, मेरा पड़ोसी रिषभ चोद रहा था।

ये देखकर मेरा दिल टूट गया। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि श्रुति ऐसी कैसे हो सकती है। पहले उसने मुझे धोखा दिया, और अब अपने पति को। मुझे गुस्सा और दुख दोनों हो रहे थे। मैंने सोचा कि मैं ये सब रिकॉर्ड करूँगा और उसके पति को दिखाऊँगा। मैंने फोन निकाला और सारा सीन रिकॉर्ड करने लगा। रिषभ श्रुति को बहुत बेरहमी से चोद रहा था। उसका लंड ज्यादा बड़ा नहीं था, लेकिन वो इतनी जोर से धक्के मार रहा था कि श्रुति को दर्द हो रहा था। उसके चूचों पर काटने के निशान थे, होंठों पर खून लगा था, और उसकी चूत से भी खून निकल रहा था। शायद उसके पति का लंड छोटा होने की वजह से वो रिषभ से चुदवा रही थी। वो सिसकार रही थी, लेकिन साथ ही रो भी रही थी।

मेरा लंड ये सब देखकर खड़ा हो गया, लेकिन मेरे दिल में गुस्सा और दुख हावी था। मैंने पूरा सीन रिकॉर्ड किया और वहाँ से चला गया। मैं उसके पति के आने का इंतजार करने लगा। अगले दिन मेरी डोरबेल बजी। मैंने दरवाजा खोला तो सामने श्रुति खड़ी थी। वो लाल साड़ी में इतनी खूबसूरत लग रही थी कि मेरा मन उसे गोद में उठाकर बेड पर ले जाने को कर रहा था। लेकिन मैंने उसे इग्नोर किया और आँखें नहीं मिलाईं। वो बोली, “सैम, तुम यहाँ रहते हो?” मैंने ठंडे स्वर में कहा, “हाँ।”

वो मेरे साथ बैठी और मुझे देखकर एक अजीब सी मुस्कान दी। शायद वो मुझसे कुछ चाहती थी। लेकिन मैं उसे इग्नोर कर रहा था। उसने बात शुरू की, “क्या हुआ? अब भी मुझसे नाराज हो?” मैं चुप रहा। वो बोली, “कुछ तो बोल, मेरी तरफ तो देख।” मैंने गुस्से में कहा, “क्या बोलूँ? तुमने कुछ बाकी छोड़ा है? पहले मुझे धोखा दिया, और कल अपने पति को!”

वो डर गई और बोली, “कल कब?” मैंने फोन निकाला और उसे वो वीडियो दिखाया। वो चौंक गई और बोली, “ये तुम्हारे पास कैसे आया?” मैंने बताया कि मैं कल उससे मिलने आया था और सब देख लिया। वो रोने लगी। उसे रोता देख मुझे अच्छा नहीं लगा, लेकिन मुझे लगा कि उसे सबक सिखाना जरूरी है। तभी उसके फ्लैट की डोरबेल बजी। उसका पति था। मैंने उसे अंदर बुलाया और सब कुछ बता दिया। मैंने उसे वीडियो भी दिखाया। वो श्रुति को गुस्से से देखने लगा। श्रुति रो रही थी। फिर उसने मेरे फोन से वो वीडियो डिलीट कर दिया और गुस्से में श्रुति का हाथ पकड़कर अपने फ्लैट में ले गया। उसने दरवाजा जोर से बंद किया।

मैं समझ गया कि आज श्रुति की खूब पिटाई होगी। तभी उनके फ्लैट से सामान तोड़ने की आवाजें आईं, और फिर सब शांत हो गया। मुझे श्रुति का रोता हुआ चेहरा याद आया। मुझे उस पर दया आने लगी। मैं डर गया कि कहीं उसके पति ने उसे कुछ कर तो नहीं दिया। मैं उसके फ्लैट पर गया। दरवाजा बंद था। मैंने कान लगाकर सुना तो श्रुति फिर से सिसकार रही थी, “आह… उमम्म… ओह… फाड़ दो, मेरे पति… दिखा दो मर्दानगी… आह!” उसका पति बोला, “आज के बाद किसी और से चुदवाएगी?” श्रुति बोली, “नहीं… तुम्हारी कसम, मैं तुम्हें कभी धोखा नहीं दूँगी।” और वो दोनों चुदाई करते रहे।

ये सब सुनकर मेरा दुनिया पर से भरोसा उठ गया। मैं घर आया और पूरी रात सो नहीं पाया। मैं सोच रहा था कि ये दुनिया कितनी उलटी है। अगर सब कुछ पैसे और बुराई पर चलता है, तो मैं भी बदल जाऊँगा। मैंने सोचा कि अब श्रुति का कुछ नहीं हो सकता, तो क्यों न मैं भी मजा लूँ।

अगले दिन उसका पति फिर से कहीं चला गया। मैं मौका देखकर श्रुति के फ्लैट पर गया। मैंने दरवाजा खटखटाया। उसने दरवाजा थोड़ा खोला, मुझे देखा, और जल्दी से बंद कर लिया। मैं कुछ सेकंड वहाँ खड़ा रहा, फिर जाने लगा। तभी उसने दरवाजा फिर से खोला और बोली, “क्या काम है?” मैंने उदास चेहरा बनाकर, कान पकड़कर कहा, “सॉरी, बस सॉरी कहना था।” वो बोली, “चलो, अंदर आ जाओ।”

उसने पीली साड़ी पहनी थी, जो उसके गोरे बदन पर आग की तरह चमक रही थी। उसका फिगर इतना उभरा हुआ था कि मेरा मन उसे अभी बेड पर पटकने को कर रहा था। उसने मुझे कोल्ड ड्रिंक दी, लेकिन वो मुझे कोई भाव नहीं दे रही थी। कल वो मुझे शरारती मुस्कान दे रही थी, लेकिन आज वो गंभीर थी। मैं समझ गया कि शायद अपने पति की कसम की वजह से वो मुझसे दूरी बना रही थी।

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वो बेडरूम में कुछ काम करने गई। मैं भी चुपके से उसके बेडरूम में चला गया। उसने मुझे देखा और चौंक गई। मैंने बेडरूम का दरवाजा लॉक कर दिया। वो बोली, “चुपचाप दरवाजा खोल दो, वरना मैं पुलिस बुलाऊँगी।” मैंने हँसते हुए कहा, “उस दिन रिषभ के साथ तो बड़े मजे ले रही थी। अब मेरे साथ क्या परेशानी?” वो गुस्से में बोली, “दरवYUजा खोलो, वरना मैं सचमुच पुलिस बुलाऊँगी।”

मैंने कहा, “ठीक है, पहले ये देख।” मैंने उसे वो वीडियो दिखाया, जो मैंने अलग-अलग जगह सेव कर रखा था। वो बोली, “देख, सैम, मुझे मेरे पति ने कसम दी है। मैं तुम्हारे साथ कुछ नहीं करूँगी। और अब मुझे इस वीडियो से कोई फर्क नहीं पड़ता। मेरे पति ने वो वीडियो देख लिया है। अब तुम क्या कर सकते हो?” मैंने कहा, “मुझे पता है। इसलिए ये वीडियो मैं तुम्हारे पति को नहीं, तुम्हारे ससुराल वालों और माँ-बाप को दिखाऊँगा।”

उसकी आँखें बड़ी हो गईं। वो रोते हुए बोली, “सैम, प्लीज ऐसा मत करो।” उसे रोता देख मेरा दिल पिघलने लगा। आखिर मैं उससे प्यार करता था। मैंने उसके चेहरे को अपने हाथों में लिया और उसकी आँखों में देखकर कहा, “क्या तुम मुझसे प्यार करती हो?” उसने सिर हिलाकर हाँ कहा। मैं बहुत खुश हुआ। लेकिन वो बोली, “प्लीज, मेरे साथ कुछ मत करो। मुझे मेरे पति की कसम है।”

उसकी बात सुनकर कि वो मुझसे प्यार करती है, मैं बहक गया। मैंने उसे चूमना शुरू कर दिया। मैंने उसे बेड पर बिठाया और उसके रसीले, गर्म होंठों को चूसने लगा। उसका स्वाद मुझे पागल कर रहा था। वो मेरा साथ नहीं दे रही थी, बल्कि मुझे धक्का देकर रोकने की कोशिश कर रही थी। लेकिन मैं रुका नहीं। मैं उसकी चूत चाटना चाहता था, लेकिन उसने अपने पैर सिकोड़ रखे थे। शायद अपने पति की कसम की वजह से वो मुझे रोक रही थी। मुझे गुस्सा आ गया। मैंने जोर से उसके पैर खोल दिए। वो इतनी जोर से चीखी, “आह!” कि मेरे होश उड़ गए।

मैं उसकी चूत पर टूटने वाला था कि तभी उसने बेड के पास टेबल पर पड़ी एक काँच की बोतल उठाई और पूरी ताकत से मेरे सिर के पीछे मारी, ठीक उसी जगह, जहाँ मेरी सर्जरी हुई थी। मेरे सिर से खून निकलने लगा, और मैं बेहोश हो गया।

जब मेरी आँख खुली, मैं बेड पर लेटा था। मेरे सिर के नीचे एक कपड़ा रखा था, जो खून से लथपथ था। पूरा बेड भी खून से सना था। मैं कमरे से बाहर निकला तो देखा कि श्रुति डाइनिंग टेबल पर सिर झुकाकर सो रही थी। मेज पर खाना रखा था। उसके हाथ में मेरा फोन था, और ऐसा लग रहा था कि वो बहुत रोई थी। मेरे मन से सारी वासना निकल चुकी थी। मुझे उस पर दया आ रही थी। मैं उसके बगल में सिर झुकाकर बैठ गया और उसे देखने लगा। मैंने उसके हाथ से फोन लिया। उसके पास एक मेमोरी कार्ड भी था, जिसे उसने तोड़ दिया था, शायद वीडियो डिलीट करने के लिए।

तभी वो जाग गई। हम दोनों एक-दूसरे को आँखों में देख रहे थे। मैंने उसे गले लगाया और कहा, “सॉरी, मुझे माफ कर दो। मैं बहक गया था।” मैं वहाँ से जाने लगा, लेकिन उसने कहा, “इतना सारा खाना पड़ा है। तुम कहाँ जा रहे हो?” मैंने कहा, “तुम मुझसे नाराज नहीं हो?” वो बोली, “अगर खाना नहीं खाओगे, तो और नाराज हो जाऊँगी।” मैं उसके साथ बैठकर डिनर करने लगा।

वो मुझे देखे जा रही थी, और मुझे शर्मिंदगी महसूस हो रही थी। फिर वो बोली, “आज तुम्हारा ये रूप पहली बार देखा। इतना गुस्सा!” वो हँस रही थी। मैं चुप रहा। वो बोली, “सॉरी, सैम। तुमने मुझे बहुत डरा दिया था। जैसे ही मैंने तुम्हारे सिर पर बोतल मारी, तुम्हारे सिर से खून निकलने लगा। तुम बेहोश हो गए। खून रुक ही नहीं रहा था। मैं बहुत डर गई थी। किसी तरह मैंने कपड़े से खून रोका। तुमने बेहोशी में मेरा नाम लिया, तो मेरा डर थोड़ा कम हुआ। मुझे बहुत बुरा लगा। सॉरी, मैंने तुम्हारा मेमोरी कार्ड तोड़ दिया। मैं तुम्हारी वजह से बहुत रोई।”

मैं चुप रहा। वो बोली, “अच्छा, तुम रोज कितनी चॉकलेट खाते हो? तुम्हारा टेस्ट बहुत अच्छा है।” मैंने हँसते हुए कहा, “रोज एक पैकेट डेरी मिल्क। और तुम्हारा टेस्ट भी बहुत अच्छा है।” वो मुस्कुराने लगी। तभी उसने कहा, “कल शाम को मुझे अपने पति के साथ विदेश शिफ्ट होना है। उनके बिजनेस की वजह से।” ये सुनकर मैं उदास हो गया। उसने कहा, “क्या हुआ, सैम? इतना मायूस मत हो। अभी मैं एक दिन तो हूँ ना तुम्हारे साथ।”

मैं फिर भी उदास था। श्रुति ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे बेडरूम में ले गई। उसने मुझे बेड पर बिठाया और मेरी गोद में बैठ गई। फिर उसने मुझे चूमना शुरू कर दिया। मैं भी उसे चूमने लगा। हम दोनों एक-दूसरे के होंठों का रस पी रहे थे। मैं उसके ऊपरी होंठ को चूसता, फिर निचले को। इस बार मुझे और भी ज्यादा मजा आ रहा था, क्योंकि वो भी मेरे होंठ चूस रही थी। उसका गर्म, मुलायम मुँह मेरे अंदर आग लगा रहा था। मैंने एक हाथ उसकी पीठ पर रखा और दूसरे से उसके चूचों को सहलाने लगा। उसके निप्पल सख्त हो गए थे। वो तेज-तेज साँसें ले रही थी, और उसकी गर्म साँसें मेरे चेहरे पर लग रही थीं।

मैंने उसका पल्लू नीचे किया और उसके गले, कंधों, और सीने को चूमने लगा। उसकी गोरी त्वचा पर मेरे होंठ फिसल रहे थे। मैंने उसकी साड़ी उतार दी। वो अब काली ब्रा और पैंटी में थी। उसका फिगर इतना सेक्सी था कि मैं उसे देखकर पागल हो गया। उसके भरे हुए चूचे, पतली कमर, और गोल गांड—वो किसी अप्सरा से कम नहीं थी। मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसके पूरे शरीर को चूमने लगा। उसके कंधों से लेकर पेट तक, हर इंच को मैंने चूमा और चाटा।

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उसने मेरी शर्ट उतार दी। मेरी फिट बॉडी देखकर वो बोली, “ये बॉडी कब बना ली, सैम?” मैंने कहा, “तुम्हारे लिए ही बनाई है।” उसने मुझे लिटाया और मेरे ऊपर चढ़ गई। उसने मेरे सीने, सिक्स-पैक ऐब्स, और हर जगह चूमा। उसने मुझे काटा भी, जिससे मेरे शरीर पर निशान बन गए। उसकी जीभ मेरे शरीर पर फिसल रही थी, और मैं सिहर रहा था।

मैंने उसे लिटाया और उसकी ब्रा-पैंटी उतार दी। उसकी चूत देखकर मैं पागल हो गया। गुलाबी, साफ, और गीली चूत, जो मेरे लिए तरस रही थी। मैंने पहले उसकी चूत को चूमा, फिर धीरे-धीरे चाटना शुरू किया। उसकी चूत से स्ट्रॉबेरी जैसी मादक खुशबू आ रही थी। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के अंदर डाल दी। वो इतनी गर्म थी कि मेरा लंड तड़पने लगा। मैंने ऊपर देखा तो श्रुति आँखें बंद करके अपने होंठ काट रही थी। उसे जबरदस्त आनंद मिल रहा था। मैंने अपने हाथों से उसके चूचे सहलाने शुरू किए। उसके निप्पल मेरे उंगलियों के बीच दब रहे थे। तभी उसने अपनी चूत का सारा पानी मेरे मुँह पर छोड़ दिया। मैंने वो पी लिया। उसका स्वाद मुझे और उत्तेजित कर रहा था।

मैं उसके चूचों पर गया और उन्हें चूसने लगा। उसके सख्त निप्पल मेरे मुँह में थे, और मैं उन्हें जोर-जोर से चूस रहा था। श्रुति मस्त सिसकारियाँ ले रही थी, “आह… आह… उमम्म… चूसो, मेरे राजा… सैम, आई लव यू!” उसकी आवाजें कमरे में गूँज रही थीं।

उसने मुझे चूमा और बोली, “अब मेरी बारी।” उसने मेरी जींस और अंडरवियर उतार दिया। मेरा 7 इंच का लंड देखकर उसने एक शरारती मुस्कान दी। उसने मेरा लंड पकड़ा और बोली, “तुम कितने बड़े हो गए हो। मेरे लिए तरस रहे थे क्या? मैं भी तुम्हारे लिए तरस रही थी, मेरे राजकुमार।” उसने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया। उसकी गर्म जीभ मेरे लंड पर फिसल रही थी, और वो उसे लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी। मैं सातवें आसमान पर था। मेरे लंड ने भी अपना पानी छोड़ दिया, जिसे उसने पूरा पी लिया। वो बोली, “तुम्हारे पानी का टेस्ट बहुत अच्छा है, मेरे सैम राजा।”

हम 69 की पोजीशन में आ गए। मैं उसकी चूत चाट रहा था, और वो मेरा लंड चूस रही थी। उसकी चूत फिर से गीली हो गई, और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसे चूमने लगा। उसने आँखें बंद की थीं, शायद मेरे लंड के दर्द को सहने के लिए। मैंने ज्यादा देर न करते हुए एक जोरदार धक्का मारा। वो जोर से चीखी, “आह!” मैंने उसके होंठ अपने होंठों से बंद कर दिए। मेरा आधा लंड ही अंदर गया था। मैंने एक और तेज धक्का मारा। वो रोने लगी और मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी। मेरा पूरा लंड उसकी चूत में जड़ तक उतर गया। उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड उसमें फँस सा गया था।

मैंने उसे चूमकर शांत किया। जब वो शांत हुई, मैंने धीरे-धीरे धक्के मारना शुरू किया। उसकी चूत की गर्मी और टाइटनेस मुझे जन्नत का अहसास करा रही थी। अब उसे मजा आने लगा। वो सिसकार रही थी, “आह… आह… और तेज… और तेज!” मैंने अपनी पूरी ताकत लगा दी और उसे चोदने लगा। वो पूरा मजा ले रही थी, और मैं भी। वो बोली, “फाड़ दो मेरी चूत… ये तुम्हारी है, मेरे सैम राजा… इस चूत ने तुम्हें तड़पाया है… इसे चोदो… इसका बैंड बजा दो… आह… उफ्फ!”

मैंने उसे अलग-अलग पोजीशन में चोदा। पहले मिशनरी, फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड पेल दिया। उसकी गोल गांड मेरे धक्कों से थरथरा रही थी। उसे दर्द हो रहा था, लेकिन मजा भी खूब आ रहा था। वो चिल्ला रही थी, “आह… और जोर से… चोदो मुझे… फाड़ दो!” मैं रुक-रुककर और कंट्रोल में चोद रहा था, इसलिए मेरा वीर्य जल्दी नहीं निकला। वो कई बार झड़ चुकी थी। उसकी चूत का पानी बेड पर फैल गया था। जब वो पूरी तरह थक गई, मैंने भी उसकी चूत में अपना पानी छोड़ दिया। उस पल का आनंद बयान नहीं कर सकता। हम दोनों एक-दूसरे से लिपटकर सो गए।

सुबह हम बहुत थके हुए थे। लेकिन आज वो विदेश जाने वाली थी। हमने फिर से चुदाई की। उसकी चूत अब भी उतनी ही टाइट थी, और हर धक्के में वो सिसकार रही थी। हम दोनों ने एक-दूसरे को इतना चूमा कि हमारे होंठ सूज गए। फिर मैं उसे अपनी कार में बिठाकर एयरपोर्ट छोड़ने गया। वो जाने वाली थी। मैं बहुत उदास था। उसने मेरा चेहरा देखा, फिर मेरे पास आई और मुझसे लिपट गई। उसने मुझे एक लंबी, गहरी फ्रेंच किस की। एयरपोर्ट पर लोग हमें देख रहे थे, और कुछ लोग सीटियाँ भी बजा रहे थे। करीब 10 मिनट की किस के बाद हम रुके। उसने कहा, “आई लव यू, सैम।” मैंने कहा, “आई लव यू, श्रुति।” वो मुस्कुराते हुए चली गई।

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