फूफा जी की चुदाई से मेरी कुंवारी चूत का गर्म पानी निकला

मेरा नाम आँचल है। मैं 20 साल की खूबसूरत लड़की हूँ। मेरी चूचियाँ टाइट और बड़ी-बड़ी हैं, मेरी गांड गोल और रसीली है। मैं बहुत ही हॉट और सेक्सी दिखती हूँ। मैं कभी भी किसी लड़के के चक्कर में नहीं रही, न स्कूल में, न कॉलेज में। पर हाँ, मैं अपने फूफा जी के प्यार में पागल हो गई हूँ।

इसका कारण ये है कि उन्होंने मुझे आराम-आराम से चोदा। मुझे खूब मजे दिए। उन्होंने कभी मेरे साथ जबरदस्ती नहीं की। उनका चोदने का स्टाइल बहुत ही लाजवाब है। सच तो ये है कि मेरे फूफा जी का लंड अगर किसी औरत या लड़की ने अपनी चूत के अंदर ले लिया, तो समझ लीजिए कि वो उनके लंड के बिना रह ही नहीं सकती।

मैं गाँव की रहने वाली हूँ। फूफा जी एक बड़े शहर में रहते हैं। फूफा जी का कोई बच्चा नहीं है। इसलिए उन्होंने मेरे ट्वेल्थ खत्म होने के बाद मुझे अपने पास बुला लिया। उन्होंने कहा कि मैं तुम्हारी पढ़ाई करवाऊँगा। मेरे मम्मी-पापा के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो मुझे किसी अच्छे कॉलेज में पढ़ा सकें। इसलिए मैं अपने फूफा जी के पास आ गई ताकि मैं अच्छी शिक्षा ग्रहण कर सकूँ।

मुझे आए 10 महीने हो गए थे। मेरा कॉलेज में दाखिला हो गया और मैं अपनी पढ़ाई में ध्यान देने लगी। पर संयोग देखिए, इसी बीच मेरी बुआ प्रेग्नेंट हो गईं। उनका छठा महीना चल रहा था, इसलिए वो अपने मायके चली गईं ताकि उनकी सेवा-सत्कार अच्छे से हो सके।

अब मैं फूफा जी के साथ अकेली रह गई। फूफा जी बड़े ही रंगीन मिजाज के इंसान हैं। बहुत खूबसूरत और हैंडसम हैं। जब से बुआ गाँव गईं, तब से वो मुझे बाहर घूमने ले जाने लगे। कार में मैं भी उनके साथ जाती थी। रात का खाना बाहर खाते थे, कॉफी पीते थे। कभी मैकडॉनल्ड जाते, कभी मूवी देखने जाते।

15 दिन तक तो ऐसा ही चलता रहा। धीरे-धीरे मैं उनकी फैन हो गई। एक रात को उनके सिर में दर्द हो रहा था। वो खुद ही अपना सिर दबा रहे थे। मैंने उनसे कहा, “मैं आपके सिर दबा दूँ?” उन्होंने कहा, “ठीक है।” उस दिन मैंने हॉट और सेक्सी ड्रेस पहनी हुई थी। क्योंकि मैं सोने जा रही थी और बाथरूम से लौटते वक्त मैंने देखा कि वो अपना सिर दबा रहे थे। इसलिए मैं उनके कमरे में चली गई। उस दिन मैंने ब्रा भी नहीं पहनी थी। ऊपर एक कॉटन का टॉप पहना था, जिसमें से मेरी चूचियाँ साफ-साफ दिख रही थीं। नीचे मैंने बहुत छोटी पैंटी पहनी थी, जिससे मेरी गांड भी साफ दिख रही थी।

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रात के 12 बज रहे थे। पता नहीं कब, कैसे, उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और मेरे होंठों को चूम लिया। मैं कुछ बोल ही नहीं पाई और मैंने आँखें बंद कर लीं। अब वो मेरे होंठों को चूमने लगे। उनके हाथ जैसे ही मेरी चूचियों पर पड़े, मैं मचल गई। मेरे से रहा नहीं गया और मैं भी उनके साथ देने लगी।

उन्होंने मेरे कपड़े उतारने शुरू किए। मैंने मना किया, पर वो रुकने वाले नहीं थे। उन्होंने मेरे होंठों को फिर से चूमते हुए मेरे सारे कपड़े उतार दिए। मैं पूरी नंगी हो गई। मैं लेट गई और बस इतना बोली, “ये बात किसी को मत बताना।” उन्होंने कहा, “पागल है तुम? हम दोनों मजे करेंगे, हम किसको बोलेंगे?”

उन्होंने मेरी चूचियों को अपने मुँह में ले लिया और मेरे निप्पल्स को अपने दाँतों से दबाने लगे। मैं मदहोश होने लगी। मेरी आँखें बंद होने लगीं। मेरी चूत गीली हो चुकी थी। उन्होंने मेरी टाँगों को अलग-अलग किया और बीच में आकर मेरी चूत को चाटने लगे।

मैं बार-बार पानी छोड़ रही थी। गर्म-गर्म पानी मेरी चूत से निकल रहा था और वो बार-बार अपनी जीभ से चाट रहे थे। मेरे पूरे शरीर में करंट दौड़ने लगा। मैं अंगड़ाइयाँ लेने लगी। “आह्ह… उह्ह…” मैं सिसकारियाँ लेने लगी। उन्होंने अपना लंड निकाला और मेरे मुँह में दे दिया। उनका लंड बहुत मोटा था। मेरे कंठ के पास तक पहुँच रहा था, पर बहुत मजा आ रहा था। मेरी चूत तो पहले ही गर्म हो चुकी थी। मैंने उनके लंड को आइसक्रीम की तरह चाटना शुरू किया। शायद आइसक्रीम से भी ज्यादा स्वादिष्ट था वो नमकीन, लस्सेदार पदार्थ।

उन्होंने मेरी दोनों टाँगों को फिर से अलग-अलग किया। अपने लंड को मेरी चूत के छेद के बीच में लगाया और जोर से धक्का देकर अंदर घुसाने की कोशिश करने लगे। पर मेरी चूत बहुत टाइट थी, इस वजह से उनका हथियार अंदर नहीं जा रहा था। तीन-चार बार कोशिश करने के बाद उनका हथियार आधा मेरी चूत के अंदर प्रवेश कर गया। मुझे बहुत दर्द हो रहा था। “आह्ह… फूफा जी, धीरे… उह्ह…” मैं कराह रही थी। वो मेरी चूचियों को दबाते हुए, मेरे होंठों को चूमते हुए जोर-जोर से धक्के देने लगे। “आँचल, कितनी टाइट है तेरी चूत… उफ्फ… मजा आ रहा है,” उन्होंने कहा।

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पाँच मिनट के अंदर ही मैं भी रंग में आ गई। मैं भी अपनी गांड को गोल-गोल घुमा-घुमा कर उनके मोटे लंड को अपनी चूत की खाई में ले रही थी। “उह्ह… फूफा जी… और जोर से… आह्ह…” मैं सिसकारियाँ ले रही थी। जोर-जोर से धक्कों से मेरा पूरा बदन हिल जाता था। वो मेरी चूचियों को मसलते, तो मेरे तन-बदन में आग लग जाती थी। दर्द का एहसास भी था, पर मजा उससे कहीं ज्यादा था। ऐसा लग रहा था, खट्टा-मीठा एहसास—दर्द भी और मजा भी।

उन्होंने मुझे उल्टा लिटा दिया। फिर मेरी कमर को खींचकर अपनी तरफ ले गए। मैं घुटनों पर आ गई और अपना सिर बेड पर टिका दिया। उनके सामने मेरी गोल गांड और चूत का छोटा सा छेद था। उन्होंने अपने लंड को पकड़कर मेरी गांड के नीचे चूत के छेद पर सेट किया और फिर से जोर से घुसा दिया। “आह्ह… फूफा जी… धीरे… बहुत दर्द हो रहा है… उह्ह…” मैं चीख पड़ी। इस बार उनका पूरा लंड मेरी चूत के अंदर समा गया था। धीरे-धीरे वो मुझे चोदने लगे। “आँचल, तेरी चूत तो जन्नत है… उफ्फ… कितना मजा दे रही है,” वो बोले।

उन्होंने कभी मेरे साथ जबरदस्ती नहीं की। जब मैं कहती, “रुक जाओ,” वो रुक जाते। पर जैसे ही वो रुकते, मेरा मन बिगड़ जाता। मैं खुद ही अपनी गांड हिलाकर धक्के देने लगती। “आह्ह… फूफा जी… मत रुको… चोदो मुझे… और जोर से… उह्ह…” मैं सिसकारियाँ ले रही थी।

फिर वो नीचे लेट गए। मैं उनके ऊपर चढ़ गई। उनका मोटा लंड पकड़कर मैंने अपनी चूत के छेद पर सेट किया और धीरे-धीरे बैठ गई। पूरा का पूरा हथियार मेरे जिस्म में समा गया। “आह्ह… उह्ह… कितना बड़ा है आपका लंड… फूफा जी…” मैं कराहते हुए बोली। अब मैं उछल-उछल कर उनके मोटे लंड को अपने अंदर ले रही थी। “पच-पच… छप-छप…” चुदाई की आवाजें कमरे में गूँज रही थीं। उस दिन उन्होंने करीब दो घंटे तक मेरी चुदाई की।

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दूसरे दिन सुबह मैं उठ नहीं पा रही थी। मेरी चूत सूज गई थी। पर फूफा जी ने मेरी बहुत केयर की। उस दिन उन्होंने मुझे नहीं चोदा, पर मुझे खूब चूमा और मेरी चूचियों के साथ खूब खेला। एक बार उन्होंने कोशिश की थी, पर मुझे बहुत दर्द हो रहा था, तो उन्होंने इरादा बदल दिया।

पर दोस्तों, उसके बाद से वो मुझे बहुत ही सेक्सी तरीके से चोदते हैं। मुझे उनका लंड और उनकी अदाएँ बहुत पसंद आ गईं। मैं अपने फूफा जी के साथ बहुत खुश हूँ। रोजाना वो मुझे अपनी पत्नी से बढ़कर मानते हैं। मुझे किसी चीज की कमी नहीं होने देते। मैं आजकल खूब मजे कर रही हूँ। मैं उम्मीद करती हूँ कि जब मेरी बुआ आ जाएँगी, उसके बाद भी वो मुझे इतना ही खुश करेंगे। क्योंकि मैं उन्हें खोना नहीं चाहता। भले मैं उनसे शादी न करूँ या उनकी रखैल बनकर रहूँ, पर उनके लंड के बिना मैं नहीं रह सकती।

दोस्तों, आपको मेरी ये चुदाई की कहानी कैसी लगी? क्या आपको भी अपने फूफा जी या किसी और के साथ ऐसी चुदाई का अनुभव हुआ है? नीचे कमेंट में जरूर बताएँ!

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