दोस्त की मामी की गांड में थूक लगाया

Dost ki mami sex story – Big Boobs Mami sex story: हैलो दोस्तों, हमारे पड़ोस में मेरा एक दोस्त रवि रहता है, रवि पड़ोस में अकेला रहता है, उसके सभी पेरेंट्स गांव में रहते हैं। फिर एक बार उसकी मामी किसी काम के सिलसिले से मुंबई आई और उसके घर पर करीब दो महीने रही। अब सबसे पहले उसकी मामी के बारे में आप लोगों को बता दूं, उसकी मामी का नाम फरीदा है, वो करीब 40 साल की सांवली, सुडौल, शादीशुदा महिला है, वैसे तो वो हाउसवाइफ है, लेकिन गांव में मशहूर समाज सेविका है, उसके चूतड़ और बूब्स काफी बड़े-बड़े और भारी हैं, वो शक्ल-सूरत से खूब सेक्सी लगती है और 30 साल से कम उम्र की दिखती है।

मैं अक्सर शनिवार या रविवार, जो कि मेरी छुट्टी के दिन होते हैं, रवि के साथ गुजारता हूं। अब जब से उसकी मामी आई है, तब से मैं उसकी मामी से दो-तीन बार मिल चुका हूं। वो जब भी मुझसे मिलती तो मुझे अजीब निगाहों से देखती थी, मुझे देखकर उसकी नजरों में एक अजीब सा नशा छा जाता था, या यूँ कहिए कि उसकी नजर में सेक्स की चाहत झलक रही हो, ऐसा मुझे महसूस होता था। यह मैं बता नहीं सकता, लेकिन मुझे हमेशा लगता था कि वो नजरों ही नजरों से मुझे सेक्स की दावत दे रही हो। अब मैं जब भी उनसे मिलता तो कम ही बातचीत करता था, मगर जब वो बातें करती तो उनकी बातों में दोहरा अर्थ होता था, जैसे अरमान तुम खाली समय में कुछ करते क्यों नहीं, तो तब मैंने कहा कि मामी जी क्या करूं आप ही बताएं, तो तब वो बोली कि तुम्हें खाली समय का और मौके का फायदा उठाना चाहिए। तब मैंने कहा कि जरूर फायदा उठा लूंगा अगर मौका मिले तो।

तब वो बोली कि मौका तो कब से मिल रहा है, लेकिन तुम कुछ समझते नहीं और ना ही कुछ करते हो। अब मैं उनकी बातें सुनकर चौंक गया था और बोला कि मामी जी आपकी बातें मेरे दिमाग में नहीं घुस रही हैं। तब वो बोली कि देखो अरमान आज और कल यानी शनिवार और रविवार तुम्हारी छुट्टी होती है, तुम्हें कुछ पार्ट टाइम जॉब करना चाहिए, ताकि तुम्हारी आमदनी भी हो जाएगी और टाइम पास भी होगा। अब इस तरह की दोहरे शब्दों में मामी जी बातें करती थी और वो जब भी मुझसे बातें करती थी, तब रवि या तो बाथरूम में होता या फिर किसी काम में व्यस्त होता था। फिर एक दिन जब मैं सुबह करीब 11 बजे रवि के घर पहुंचा तो घर पर उसकी मामी थी।

अब मुझे रवि कहीं नजर नहीं आया था, तब मैंने पूछा कि मामी जी रवि नजर नहीं आ रहा है, कहां गया वो, तो तब मामी बोली कि वो बाथरूम में कब से नहा रहा है, मैं उसका बाहर निकलने का इंतजार कर रही हूं। तो तब मैं बोला कि लेकिन वो तो ज्यादा समय बाथरूम में लगाता ही नहीं है और तुरंत 5 मिनट में आ जाता है। तब मामी हंसते हुए बोली कि अरे भाई बाथरूम और बेडरूम ही तो ऐसी जगह है जहां से कोई भी जल्दी निकलना नहीं चाहता है। तो मैं उसका कोई जवाब नहीं दे सका और वो भी चुप रही। फिर थोड़ी देर के बाद रवि बाथरूम से नहा धोकर बाहर आया। अब उसके बाथरूम से बाहर आते ही मामी जी बाथरूम में घुस गई थी और मेरी तरफ नशीली नजरों से देखती हुई बोली कि घबराना मत, मैं ज्यादा समय नहीं लगाऊंगी, आप लोग नाश्ते के लिए मेरा इंतजार करना और यह कहते हुए वो बाथरूम में घुस गई और फिर करीब 20 मिनट के बाद वो तैयार होकर हमारे साथ नाश्ता करने लगी।

फिर नाश्ता करते वक्त रवि ने कहा कि यार आज मुझे ऑफिस के काम के सिलसिले में सूरत जाना है और मैं कल रात को या सोमवार दोपहर को वापस आऊंगा, अगर सोमवार दोपहर को आऊंगा तो तुम्हें कल फोन कर दूंगा। अगर तुम्हें एतराज ना हो तो क्या तुम जब तक मैं नहीं आता हूं, मेरे घर रुक जाना, ताकि मामी को बोर महसूस नहीं होगा और ना ही मुझे उनकी चिंता रहेगी, क्योंकि वो मुंबई में पहली बार आई हुई है। तब मैंने कहा कि ठीक है नो प्रॉब्लम और फिर वो 12 बजे वाली ट्रेन से सूरत चला गया तो मैं भी उसे ट्रेन में बैठाने के लिए बोरीवली गया। अब जब मैं वापस आ रहा था तो एक रेस्टोरेंट में जाकर 3 पैग विस्की पी और वापस आकर रवि के घर गया। अब घर पर मामी जी हॉल में बैठकर कोई किताब पढ़ रही थी और मुझे नशीली निगाहों से देखा और बोली कि रवि को बैठने की सीट मिल गई थी क्या, तो तब मैंने कहा कि हां, क्योंकि ट्रेन बिल्कुल खाली थी।

तब मामी बोली कि मैंने खाना बना लिया है भूख लगी हो तो बोल देना। तो तब मैंने कहा कि अभी भूख नहीं है जब होगी तो बोल दूंगा। फिर मैंने मामी की निगाहों में अजीब सा नशा देखकर उनसे पूछा कि मामी जी आप करती क्या हैं। फिर थोड़ी देर तक मेरी नजरों से नजरें मिलती रहीं और फिर वो बोली कि समाज सेवा। यह सुनते ही अचानक से मेरे मुंह से निकल गया कभी हमारी भी सेवा कर दीजिए, ताकि हमारा भी भला हो जाए। तब वो हल्की सी मुस्कुराई और बोली कि तुम्हारी क्या प्रॉब्लम है। तो तब मैंने कहा कि वैसे तो कुछ खास नहीं है, लेकिन बता दूंगा जब उचित समय होगा। फिर वो मेरी आंखों में आंखें डालती हुई बोली कि यहां तुम्हारे और मेरे अलावा कोई नहीं है बेझिझक अपनी प्रॉब्लम कह डालो, शायद मैं तुम्हारी प्रॉब्लम हल कर दूं। तो तब मैंने कुछ नहीं कहा और उनसे पूछा कि आप किस प्रकार की समाज सेवा करती हो। तो तब वो बोली कि मैं जरूरतमंद लोगों की जरूरत पूरी करने की मदद करती हूं, उनकी समस्या हल करती हूं।

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तब मैंने कहा कि मेरी भी जरूरत पूरी कर दो ना। तब वो बोली कि जब वक्त आएगा तो कर दूंगी और फिर वो चुप रही और किताब पढ़ने लगी। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उनसे पूछा कि मामी जी आप क्या पढ़ रही हैं, कुछ खास सब्जेक्ट है क्या इस किताब में। तो तब वो मुस्कुराते हुई बोली कि इस किताब में बहुत अच्छा आर्टिकल है पत्नी और पति के सेक्स के विषय में और फिर वो पढ़ने लगी। फिर थोड़ी देर के बाद उसने पूछा कि अरमान ये सेडक्शन का मतलब क्या होता है। तो मैं सोचने लगा और वो मेरी तरफ कातिल निगाहों से देखती हुई बोली कि बताओ ना। अब मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि हिंदी में उसे कैसे बताऊं। अब वो लगातार मेरी तरफ देख रही थी, अब उसकी आंखों में नशा छाने लगा था। अब मैं भी उसे घूर से देख रहा था, उसके होंठ सूख रहे थे और वो अपने होंठों पर अपनी जीभ फेर रही थी। फिर मैंने सोचा कि आज मामी को पटाने का अच्छा मौका है। तो तब वो फिर से बोली कि बताओ ना, क्या मतलब होता है।

फिर उसकी इस अदा को देखते हुए मैंने कहा कि शायद चुदास। तब वो बोली कि क्या कहा, क्या मतलब होता है इसका। तो तब मैंने कहा कि क्या तुम चुदास नहीं समझती हो। तो तब वो बोली कि कुछ-कुछ, क्या यही मतलब होता है। तब मैंने कहा कि हां शायद यानी कि कैसे समझाऊं तुम्हें मामी जी, मुझे समझ नहीं आ रहा है। तब वो हंसते हुए बोली कि चुदास का मतलब सेक्स करने की चाहत तो नहीं। तो मैं उसे एकटक देखने लगा। अब उसके होंठों पर चंचल मुस्कुराहट थी। तब मैंने कहा कि आप ठीक समझी। फिर वो मेरी आंखों में अपनी आंखें डालकर बोली कि किस शब्द से बना है चुदास। तब मैंने उसकी आवाज में कपकपी महसूस की। फिर मेरे दिल ने कहा कि गधे वो इतना चांस दे रही है तो तू भी बेशर्म बन जा वरना पछताएगा। फिर मैंने कहा कि चुदास चोदना शब्द से बना है। तो वो खिलखिलाकर हंसने लगी और किताब के पन्ने पलटने लगी। अब मैं सोचने लगा था कि अब क्या करूं। तो तभी अचानक से उसने पूछा कि ये वेजाइना क्या होता है। तो तब मेरे दिल ने कहा कि साली जानबूझकर ऐसे सवाल पूछ रही है।

फिर मैंने बिंदास होकर कहा कि योनि को वेजाइना कहते हैं। तो तब उसने फिर से पूछा कि यह योनि क्या होती है। तो तब मैंने कहा कि क्या आप योनि नहीं जानती हो। तो तब वो बोली कि नहीं। तो तब मैंने कहा कि चूत समझती हो। तो उसने झट से अपने मुंह पर अपना एक हाथ रखा और किताब के पन्ने पलटती हुई बोली कि हां। फिर मैंने हिम्मत करके कहा कि चुदास की बहुत चाहत हो रही है क्या। तो तब उसने हल्के से मुस्कुराते हुए कहा कि चुदास की प्यास। तो तब मैंने कहा कि वाकई चुदास की प्यास लगी है। तो तब वो बोली कि मैं भी 2 साल से प्यासी हूं, क्योंकि 2 साल पहले मेरा पति से तलाक हो गया था। तब मैंने कहा कि ओह इसका मतलब 2 साल से तुम्हारी चूत ने लंड का पानी नहीं पिया है।

फिर तब वो अपना सिर झुकाकर बोली कि आज तक तुम्हारे जैसा कोई मिला ही नहीं। तब मैं बोला कि अगर मिल जाता तो। तब वो बोली कि तो मैं अपनी चूत को उसके लंड पर कुर्बान कर देती। तब मैं बोला कि आओ, मेरा लंड तुम्हारी चूत पर न्योछावर होने के लिए बेकरार है और तुरंत उसे अपनी बाहों में ले लिया और उसके होंठों में अपने होंठ डालकर चुंबन करने लगा, मेरी जीभ उसके मुंह में घुसकर उसकी जीभ से खेलने लगी, वो भी मेरी जीभ चूस रही थी, आह्ह ह्ह्ह इह्ह। तब मैंने महसूस किया कि उसके हाथ मेरे लंड की तरफ बढ़ रहे थे और फिर उसने मेरी पैंट की चेन खोलकर मेरे लंड को पकड़ लिया और फिर धीरे-धीरे उसे सहलाने लगी थी, उसकी उंगलियां मेरे लंड की नसों पर फेर रही थीं, मेरा लंड लोहे की तरह सख्त हो गया था। फिर मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो मैं पैंट और अंडरवेयर निकालकर बिल्कुल नंगा हो गया। फिर उसने मेरे लंड को पकड़कर अपने मुंह में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी थी, ग्ग्ग्ग ग्ग्ग्ग गी गी गों गों गोग, कभी मेरे लंड के सुपाड़े को चूसती तो कभी अपनी जीभ से मेरे लंड को जड़ तक चाट रही थी, उसकी जीभ मेरे अंडकोष पर भी फेर रही थी, और फिर उसने ऐसा करीब 15 मिनट तक किया, मैं उसके मुंह की गर्मी महसूस कर रहा था। फिर आखिर में मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने उसके मुंह में अपना बहुत सारा वीर्य डाल दिया, गर्म वीर्य उसके गले में उतरता गया। फिर हम दोनों सोफे पर आकर बैठ गए। अब मेरा लंड फिर से सामान्य हो गया था, वो अब भी साड़ी पहने हुई थी।

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फिर मैंने उसकी साड़ी में अपना एक हाथ डालकर उसकी जांघों को सहलाया, उसकी नरम जांघें मेरे हाथों तले दब रही थीं, और फिर अपने एक हाथ को उसकी चूत पर ले गया, उसकी पैंटी गीली हुई थी, उसकी पैंटी इतनी गीली थी जैसे पानी से भीग गई हो। फिर मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को मसलना शुरू किया, उंगलियों से दबाव डालकर उसकी चूत की दरारें महसूस कर रहा था। अब वो बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी थी, आह इह्ह ओह्ह ओह आह ह्ह्ह इह्ह। फिर मैंने उसकी पैंटी में अपना एक हाथ डाला तो उसकी चूत फूली हुई थी और गर्म बत्ती की तरह सुलग रही थी। फिर मैं उसकी चूत की दरार में अपनी एक उंगली डालकर उसकी चूत के दाने को मसलने लगा, जिस कारण वो और गर्म होने लगी थी, आह्ह ह्ह आऊ ऊऊ ऊउइ उईईई। फिर मैंने उसे सोफे पर लेटाकर उसकी साड़ी और पेटीकोट को ऊपर सरकाया। अब उसकी पैंटी उसकी चूत के अमृत से तरबतर थी। फिर मैंने उसकी पैंटी को पकड़ा और उसकी जांघों तक सरका दी। फिर उसने खुद उठकर अपनी पैंटी निकाल दी और फिर सोफे पर लेट गई थी। अब उसके घुटने ऊपर थे और टांगें फैली हुई थीं। अब मुझे उसकी सांवली चूत बिल्कुल साफ-साफ दिखाई दे रही थी, उसके चूत के होंठ गुलाबी और चमकदार थे।

फिर मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाली तो मुझे ऐसा लगा जैसे मैंने आग को छू लिया हो, क्योंकि उसकी चूत काफी गर्म हो चुकी थी। फिर मैं धीरे-धीरे अपनी एक उंगली उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा, उसकी चूत की दीवारें मेरी उंगली को जकड़ रही थीं। अब उसके मुंह से आअहह, उूउफफ्फ की आवाजें निकल रही थी, आह ह ह ह ह्हीईई आअह्ह्ह्ह। फिर मैंने अपनी दो उंगलियां उसकी कोमल चूत में घुसा दी। अब उसकी चूत चिकनी होने से मेरी दोनों उंगलियां आराम से अंदर बाहर हो रही थीं, मैं उंगलियों को घुमाकर उसकी जी-स्पॉट को छू रहा था। फिर मैंने लगभग 10-15 बार अपनी उंगलियों से उसकी चूत घिसाई की, उसकी चूत से रस बहने लगा। अब इधर मेरा लंड भी फूलकर तन गया था। फिर मैं उठकर खड़ा हुआ और उसे लेकर बेडरूम में ले गया। अब वो अपनी आंखें बंद किए मेरे अगले कदम का इंतजार करने लगी थी।

फिर मैंने अपनी शर्ट निकालकर उसकी साड़ी और पेटीकोट दोनों उतार दिए और अब हम बिल्कुल नंगे हो गए थे, उसके बड़े बूब्स मेरे सामने उछल रहे थे, मैंने उन्हें दबाकर मसलना शुरू किया। फिर वो करवट लेकर लेट गई। अब उसके चूतड़ साफ साफ झलक रहे थे। फिर मैंने उसकी गांड को अपने एक हाथ से सहलाया, क्या गांड थी उसकी, गोल मटोल गांड थी उसकी, नरम और भारी। फिर मैं करीब 5 मिनट तक उसकी गांड को सहलाता रहा, उंगलियों से गांड की दरार में फेरता रहा, और फिर उसकी कमर पकड़कर उसको सीधा लेटा दिया और जितना हो सका उतनी उसकी दोनों टांगें फैला दी और फिर उसकी चूत की दरारों को फैलाकर अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटने लगा था, जीभ से उसके क्लिट को चूस रहा था, आह इह्ह ओह्ह ओह आह ह्ह्ह इह्ह। अब उसके मुंह से आह, उूउफफ्फ की नशीली आवाजें निकल रही थी, आह्ह ह्ह आऊ ऊऊ ऊउइ उईईई। अब मैं अपनी जीभ से उसकी चूत के एक-एक भाग को चाट रहा था और बीच-बीच में उसकी चूत को अपनी जीभ से चोद रहा था, जीभ को अंदर घुसाकर घुमा रहा था। अब वो बिल्कुल पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी। फिर वो बोली कि अब हटो अरमान, मेरी चूत काफी गर्म हो चुकी है, अब अपना लंड मेरी गर्मा गर्म चूत में घुसेड़ दो राजा, उउफ्फ अपने लंड से मेरी चूत की गर्मी और प्यास बुझा दो, मेरे अरमान आज इतना कस कसकर चोदो कि मेरे पूरे अरमान निकल जाए।

फिर जैसे ही मैंने उसकी चूत से अपना मुंह हटाया तो उसने अपनी दोनों टांगें मोड़ ली। फिर मैं उसकी उठी हुई दोनों टांगों के बीच में बैठ गया। फिर मैंने उसकी दोनों टांगें अपने हाथ से उठाकर अपना लंड उसकी चूत के मुंह पर रखा, जिस कारण उसके शरीर में झुरझुरी मच गई थी। अब मेरे लंड को उसकी चूत के मुंह पर रखते ही उसकी चूत की चिकनाहट के कारण अपने आप अंदर जाने लगा था। फिर मैंने कसकर एक धक्का मारा तो मेरा लंड पूरा का पूरा उसकी चूत में घुस गया। अब उसकी गर्म-गर्म चूत के अंदर मेरे लंड की अजीब हालत थी, चूत की दीवारें लंड को निचोड़ रही थीं। अब मैं धीरे-धीरे अपना लंड उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा था। उसकी चूत के घर्षण से मेरा लंड फूलकर और मोटा हो गया था। अब मेरे हर धक्के पर वो आआहह, ऊऊहह की आवाजें निकालने लगी थी, आह ह ह ह ह्हीईई आअह्ह्ह्ह। फिर मैं करीब 20 मिनट तक उसकी चूत में अपना लंड अंदर बाहर करता रहा, कभी धीमे तो कभी तेज। फिर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और दनादन अपने लंड को उसकी चूत में मूसल की तरह घुसाता रहा। अब उसने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया था।

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अब मैं समझ गया था कि वो झड़ रही है और कहराई रही थी और बोल रही थी हाए अरमान 2 साल के बाद मेरी चूत की खुजली मिटी है, वाकई में तुम पक्के चुदक्कड़ हो, चोदो मुझे, जोर-जोर से चोद, आह इह्ह ओह्ह ओह आह ह्ह्ह इह्ह। अब मेरा लंड पच-पच की आवाज के साथ अंदर बाहर हो रहा था। अब पूरे कमरे में चुदाई की फच-फच, फच-फच की आवाजें गूंज रही थी। अब मेरा लंड उसकी चूत को चोदता जा रहा था। अब कुछ देर के बाद उसके झड़ने के कारण मेरा लंड बिल्कुल गीला हो चुका था और अब वो निढाल होकर लंबी-लंबी सांसें ले रही थी। फिर करीब 20-25 धक्कों के बाद मेरे लंड ने आखिर में जोरदार फव्वारा निकला और उसकी चूत में समा गया। फिर जब तक मेरे लंड से एक-एक बूंद उसकी चूत में समाती रही और मैं धक्कों पर धक्के लगाता रहा। फिर आखिर में मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसके बाजू में लेट गया।

अब हम दोनों की सांसें तेज चल रही थी। अब वो दाहिनी तरफ करवट लेकर लेटी हुई थी। फिर करीब 15-20 मिनट तक हम ऐसे ही लेटे रहे। फिर मेरी नजर उसकी गांड पर पड़ी। अब उसकी गांड का ख्याल आते ही मेरा लंड फिर से हरकत करने लगा था। फिर मैंने अपनी एक उंगली उसकी गांड के छेद पर रखकर घुसाने की कोशिश की, उसकी गांड का छेद बहुत टाइट था। फिर मैंने बहुत सारा थूक उसकी गांड के छेद पर और अपनी उंगली पर लगाया और दुबारा से उसकी गांड में अपनी एक उंगली घुसाने की कोशिश करने लगा। अब गीलेपन के कारण मेरी उंगली थोड़ी सी उसकी गांड में घुस गई थी। अब मेरी उंगली घुसते ही वो कसकसाहट करने लगी थी, आह्ह ह्ह्ह इह्ह। फिर वो तड़पकर आगे खिसकी जिस वजह से मेरी उंगली उसकी गांड के छेद से बाहर निकल गई थी और मुड़कर बोली कि क्या कर रहे हो। तो तब मैंने कहा कि तुम्हारी गांड सचमुच बहुत खूबसूरत है। तब वो बोली कि उंगली क्यों घुसा रहे हो, लंड सो गया है क्या। तो उसकी यह बातें सुनकर मैं बहुत खुश हुआ और उसे पेट के बल लेटा दिया और अपने दोनों हाथों से उसके चूतड़ों को फैला दिया, जिससे उसकी गांड का छेद और खुल गया था।

फिर वो धीरे से बोली कि अरमान नारियल तेल या कोई चिकनी चीज मेरी गांड और अपने लंड पर लगा लो तो आसानी रहेगी। तब मैंने कहा कि मैडम मेरे पास इससे भी अच्छी चीज है, वैसलीन और फिर मैं उठकर ड्रॉयर से वैसलीन ले आया और बहुत सारी वैसलीन अपने लंड पर और उसकी गांड पर लगाई, उंगलियों से गांड के छेद में अच्छे से मला, और फिर उसकी गांड मारने को तैयार हो गया। फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड के सुराख पर लगाया और थोड़ा जोर लगाकर पुश किया तो मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी गांड में थोड़ा सा घुस गया और फिर थोड़ा जोर लगाकर और पुश किया तो मेरा सुपाड़ा उसकी गांड में समा गया। मेरा सुपाड़ा उसकी गांड में घुसते ही वो बोली कि अरमान थोड़ा आहिस्ते-आहिस्ते डालो, बहुत दर्द हो रहा है, 2 साल हो गए गांड मरवाए, आह ह ह ह ह्हीईई। अब मैं सिर्फ अपने सुपाड़े को ही धीरे-धीरे उसकी गांड में अंदर बाहर करने लगा था, गांड की टाइटनेस से मजा आ रहा था।

फिर थोड़ी देर के बाद ही उसकी गांड का छेद मेरा पूरा लंड खाने के काबिल हो गया। तब मुझे लगा कि अब मेरा लंड पूरा उसकी गांड में घुस जाएगा और ऐसा ही हुआ। अब उसकी गांड का छेद चिकनाहट की वजह से मेरा लंड थोड़ा-थोड़ा और अंदर समाने लगा था और फिर 2-3 मिनट की मेहनत के बाद मेरा लंड पूरा का पूरा उसकी गांड में घुस गया। अब मैं धीरे-धीरे अपना लंड उसकी गांड में अंदर बाहर करने लगा था। अब उसकी गांड टाइट होने की वजह से मुझे बड़ा मजा आ रहा था। अब उसे भी अपनी गांड मरवाने में बहुत मजा आ रहा था और वो अपने मुंह से उउफ्फ, आह की आवाजें निकाल रही थी, आह्ह ह्ह आऊ ऊऊ ऊउइ उईईई। फिर 30-35 धक्कों के बाद मेरे लंड ने अपने घुटने टेक दिए और उसकी गांड में बहुत सारा वीर्य छोड़ दिया। अब वो भी अपनी गांड को सिकोड़ने लगी थी, गांड की मांसपेशियां लंड को निचोड़ रही थीं। अब हम दोनों निढाल होकर बिस्तर पर लेट गए थे। फिर जब तक मेरा दोस्त नहीं आया, मैंने उसकी मामी की कई बार चूत और गांड मारी, अलग-अलग पोजीशन में, कभी डॉगी स्टाइल तो कभी मिशनरी।

फिर जब मैं वापस अपने घर आने लगा, तो तब मामी बोली कि कैसी रही मेरी समाज सेवा। तो तब मैंने हंसकर कहा कि मामी जी आप सच्चे तन मन से समाज सेवा करती हो और फिर मैं अपने घर आ गया। फिर मुझे जब कभी भी कोई मौका मिला तो मैंने उसकी खूब चुदाई की और खूब मजे लिए और बहुत इंजॉय किया। धन्यवाद।

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