दोस्त की जुगाड़ भाभी को पटाकर चोदा- 2

xxx bhabhi hindi kahani दोस्तो, मैं अंशु ठाकुर, एक बार फिर आपका स्वागत करता हूँ अपनी हॉट और चटपटी कहानी में। पिछले हिस्से में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने अपने दोस्त अमित की किराएदार भाभी, कल्पना, को पटाने की कोशिश शुरू की थी। भाभी मेरी बातों में तो आ गई थीं, लेकिन अभी वो पूरी तरह से खुल नहीं रही थीं। मैं उनकी चूत और गांड के सपने देख रहा था, और मन में स्कीम बना रहा था कि कैसे उन्हें अपने लंड के नीचे लाऊँ। अब आगे की कहानी सुनिए, जो आपको और गर्म कर देगी।

कहानी का पिछला भाग: दोस्त की जुगाड़ भाभी को पटाकर चोदा- 1

मैं भाभी को पूरी तरह अपने जाल में फँसाने की सोच ही रहा था कि एक दिन भाभी ने फोन पर ऐसी बात कही, जिसने मेरे लिए सारा रास्ता साफ कर दिया। उनकी आवाज में उदासी थी, और वो बोलीं, “अंश, आज मैं बहुत दुखी हूँ। क्या तुम मेरे लिए बाजार से दो बियर ला सकते हो?” मैं तो चौंक गया। भाभी और बियर? मेरे दिमाग में तुरंत लड्डू फूटने लगे। मैंने पूछा, “भाभी, क्या बात है? बियर क्यों चाहिए?”

भाभी ने धीरे से कहा, “बस, आज पीने का मन है। मन कुछ उदास सा है।” मैंने तपाक से पूछा, “तो आप बियर पीकर दुख भूलाना चाहती हैं?” भाभी ने हल्का सा सिर हिलाया और हाँ में जवाब दिया। मैंने बिना वक्त गँवाए कहा, “ठीक है, भाभी, मैं अभी लाता हूँ।” मैं बाजार की तरफ निकल गया और वाइन शॉप से दो किंगफिशर 5000 की स्ट्रॉन्ग बियर की बोतलें, एक ब्लेंडर्स प्राइड व्हिस्की का हाफ, और एक गोल्डफ्लेक सिगरेट की डिब्बी ले आया।

भाभी के घर पहुँचते ही मैंने सामान का बैग उनके सामने रखा और पूछा, “भाभी, अमित इस वक्त घर तो नहीं आएगा?” भाभी ने शरारती अंदाज में मुस्कुराते हुए कहा, “उसकी चिंता मत करो। मैंने उसका इंतजाम कर लिया है। वैसे भी वो आज बाहर गया है, कल तक आएगा। फिर भी तुम यहाँ बैठो, मैं अभी सब सेट करके आती हूँ।”

आप यह Padosi chudai ki kahani हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

भाभी ने घर के बगल वाले कमरे का दरवाजा खोला और बाहर मेन गेट पर गईं। उन्होंने मेन दरवाजे को बाहर से ताला लगा दिया और फिर बगल वाले कमरे के दरवाजे से अंदर आईं। उस दरवाजे को भी अंदर से बंद कर लिया। मैं समझ गया कि भाभी ने सबके सामने ये दिखा दिया कि वो घर पर नहीं हैं। अब हम दोनों अकेले थे, और माहौल गर्म होने वाला था।

भाभी किचन से दो गिलास, पानी, नमकीन और कुछ चखना ले आईं। मैंने उनके गिलास में व्हिस्की डालनी शुरू की, तो भाभी बोलीं, “अरे, मैं तो बियर पीऊँगी, व्हिस्की नहीं।” मैंने हँसते हुए कहा, “भाभी, एक बार इसे ट्राई करके देखो। सारा गम भूल जाओगी, मेरा वादा है।” भाभी चुप रही, लेकिन उनकी आँखों में शरारत थी। मैंने दोनों गिलासों में व्हिस्की और बियर मिलाकर दो पैग तैयार किए। हमने “चियर्स” बोला और पीना शुरू कर दिया।

पहला पैग जल्दी ही गटक लिया गया। मैंने एक सिगरेट सुलगाई और दो कश लिए। अचानक भाभी ने मेरे हाथ से सिगरेट छीन ली और धुआँ उड़ाते हुए बोलीं, “साला मादरचोद अमित!” उनके मुँह से गाली सुनकर मेरा लंड तन गया। मैंने भी मौके का फायदा उठाया और कहा, “हाँ, साला भैन का लौड़ा! किसी एक का होकर नहीं रह सकता।” बस, फिर क्या था, हमारी गाली-गलौज और गपशप का दौर शुरू हो गया।

इसे भी पढ़ें  पति के सामने दर्जी ने चोदा-2

तीन-तीन पैग अंदर गए, और भाभी अब बहकने लगी थीं। उनकी जीभ खुल रही थी। मैंने मौका देखकर उकसाया, “भाभी, आप जैसी हॉट और सेक्सी भाभी ने अमित जैसे मादरचोद को कैसे लिफ्ट दे दी?” भाभी ने टाँगें टेबल पर पसारते हुए कहा, “अंश, एक सिगरेट सुलगाओ। सब बताती हूँ। लेकिन ये बात किसी से कहना मत।” मैंने सिगरेट सुलगाते हुए कहा, “भाभी, मुझ पर भरोसा रखो। आपकी बात मेरे पेट में रहेगी। अगर आप चाहें, तो अमित और अपने रिश्ते की सारी बात बता सकती हैं।”

बस, फिर तो भाभी ने मानो सारी किताब खोल दी। उन्होंने बताया, “शादी के कुछ महीनों बाद मैं अमित के घर किराए पर रहने आई। मेरे पति सुबह जल्दी ड्यूटी चले जाते और रात को देर से लौटते। उनकी जल्दबाजी वाली चुदाई से मेरी चूत की आग बुझती ही नहीं थी। मैं तड़पती रहती थी। उसी दौरान अमित मुझे अच्छा लगने लगा। वो मेरा ख्याल रखता, मेरे करीब रहता। धीरे-धीरे वो मेरे सामने गंदी बातें करने लगा, कभी मेरी कमर छूता, कभी कंधे पर हाथ रखता। उसकी छुअन से मेरे बदन में करंट सा दौड़ जाता। मैं उसे दिल से चाहने लगी।”

आप यह Padosi chudai ki kahani हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

भाभी चुप हो गईं। मैंने टोका, “हाँ, फिर क्या हुआ?” भाभी ने सिगरेट का लंबा कश लिया और बोलीं, “फिर वही हुआ, जो आज तक चल रहा था। अमित ने मुझसे सेक्स की बात की। मैं भी भूखी थी, तो मैंने हामी भर दी। उसने कहा, ‘कल्पना, मैं तुम्हारे साथ कुछ स्पेशल करना चाहता हूँ।’ मैंने पूछा, ‘कैसा स्पेशल?’ तो वो बोला, ‘सुहागरात मनाएँगे।’ मैं मान गई और सही वक्त का इंतजार करने को कहा।”

भाभी ने सिगरेट का धुआँ उड़ाया और कुछ सोच में डूब गईं। मैंने फिर टोका, “हाँ, भाभी, फिर?” भाभी ने मेरा पैग उठाया, एक घूँट में गटक लिया और बोलीं, “अब तू सिर्फ सुन। मैं पूरा किस्सा बताती हूँ।” मैं उनकी तरफ देखने लगा।

भाभी ने शुरू किया, “उस दिन मेरे पति सुबह जल्दी ड्यूटी चले गए। अमित चुपके से मेरे कमरे में आ गया। उसने कहा कि मैं अपनी शादी का जोड़ा पहन लूँ। मैंने लाल जोड़ा पहना, गहने पहने, और पूरी तरह दुल्हन की तरह सज गई। अमित ने बेड को फूलों से सजाया था, जैसे सुहागरात के लिए सजाते हैं। उसने मेरी माँग में सिंदूर भरा, और मैंने उसे दूध का गिलास पिलाया। फिर हमने नेट पर एक सुहागरात वाली सेक्सी मूवी लगाई।

मूवी में जैसा पति-पत्नी कर रहे थे, वैसा ही हम करने लगे। अमित ने मुझे अपनी बाँहों में लिया और मेरे माथे पर किस किया। फिर मेरी गर्दन पर, कंधों पर, और धीरे-धीरे मेरी छाती पर चूमने लगा। उसकी हर किस से मेरे बदन में सिहरन दौड़ रही थी। मैं गर्म हो रही थी, लेकिन मैं पूरा मजा लेना चाहती थी, इसलिए चुप रही।

फिर अमित ने मेरे ब्लाउज के हुक खोले और ब्लाउज उतार दिया। उसने मेरी चूचियों को ब्रा के ऊपर से मसलना शुरू किया। उसका एक हाथ मेरी नाभि पर चूमता हुआ नीचे गया और उसने मेरी साड़ी खींच दी। पेटीकोट का नाड़ा खोलकर उसे भी उतार दिया। मैं सिर्फ लाल ब्रा और पैंटी में रह गई। अमित ने मेरे पूरे बदन पर ताबड़तोड़ चुंबन शुरू कर दिए। मैं बेड पर पागलों की तरह इधर-उधर सिर पटक रही थी। मेरी चूत गीली हो चुकी थी, पैंटी पूरी भीग गई थी।

आप यह Padosi chudai ki kahani हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

इसे भी पढ़ें  मेरे करन अर्जुन ने मुझे चोद दिया

अमित ने मेरी पैंटी में हाथ डाला और मेरी चूत में उंगली करने लगा। दूसरा हाथ मेरी चूचियों को ब्रा के ऊपर से मसल रहा था। जैसे ही उसकी उंगली मेरी चूत में गई, मेरे बदन में 440 वोल्ट का करंट दौड़ गया। मैंने कहा, ‘अमित, अब तड़पाओ मत। मेरी चूत की आग बुझा दो।’ लेकिन वो नहीं माना। उसने मेरी चूत में उंगली करते हुए मुझे और तड़पाया। थोड़ी देर बाद मेरी चूत ने फिर पानी छोड़ दिया।

फिर उसने मेरी ब्रा और पैंटी उतार दी। मेरी चूचियाँ आजाद हो गई थीं। मैं बार-बार कह रही थी, ‘अमित, पहले मेरी चूत चोद दो।’ लेकिन वो टस से मस नहीं हुआ। उसने मुझे अपना लंड चूसने का इशारा किया। मैं बेड से नीचे उतरी और जमीन पर बैठकर उसका लंड मुँह में ले लिया। मैं लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। अमित का लंड मेरे मुँह में अंदर-बाहर होने लगा। वो मेरे मुँह में गहरे धक्के मारने लगा। थोड़ी देर बाद उसने कहा, ‘मेरा रस निकलने वाला है।’ मैं तो पहले से तैयार थी। उसका सारा वीर्य मैंने गटक लिया।”

ये सुनकर मेरा लंड खड़ा हो गया। भाभी ने मेरे तने हुए लंड को देखा और हँसते हुए बोलीं, “साले, अमित ने मुझे चोदा, और उसकी चुदाई की कहानी सुनकर तेरा लंड भी खड़ा हो गया!” मैं हँस पड़ा और बोला, “भाभी, आप ऐसी चटपटी चुदाई की कहानी सुनाओ और मेरा लौड़ा न खड़ा हो, तो ऐसी कहानी सुनने का क्या मतलब?”

भाभी ने हँसकर कहा, “अब मुझे सिर्फ कल्पना बुला। मैं एक मिनट में आती हूँ। तू तब तक एक और पैग बना।” ये कहकर वो बाथरूम चली गईं। दस मिनट तक वो बाथरूम में गाना गुनगुनाती रहीं। जब बाहर निकलीं, तो मेरे होश उड़ गए। भाभी पूरी नंगी थीं। उनकी चूचियाँ हिल रही थीं, और उनकी साफ-शेव्ड चूत चमक रही थी। वो मेरी तरफ अदा से चलकर आईं और बोलीं, “इसी चूत को साफ करने में दस मिनट लग गए। अब तू भी मेरे जैसे हो जा।”

मैंने तुरंत कपड़े उतारे और नंगा हो गया। भाभी घुटनों पर बैठ गईं और मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया। वो ऐसे चूस रही थीं जैसे कोई प्यासा पानी पी रहा हो। “आह्ह… ओह्ह…” मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं। मैंने उनकी चूचियों को मसलना शुरू किया। उनकी चूचियाँ नरम और रसीली थीं। मैं एक हाथ से उनकी चूचियाँ दबा रहा था और दूसरे से उनके बाल पकड़कर उनके मुँह में लंड अंदर-बाहर कर रहा था।

आप यह Padosi chudai ki kahani हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

एक मिनट बाद मैंने कहा, “भाभी, चलो एक साथ मजा लेते हैं।” हम 69 की पोजीशन में बेड पर लेट गए। मैंने उनकी चूत चाटना शुरू किया। उनकी चूत का स्वाद नमकीन और गर्म था। भाभी “उम्म… आह्ह…” की आवाजें निकाल रही थीं। मैं उनकी चूत की फाँकों को जीभ से चाट रहा था, और वो मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूस रही थीं। उनकी चूत से पानी टपक रहा था, और मेरी जीभ उसका एक-एक कतरा चाट रही थी।

कुछ देर बाद भाभी बोलीं, “अब मेरी चूत फाड़ दे, अंश।” मैंने उन्हें बेड पर लिटाया और उनकी टाँगें फैलाकर ऊपर उठा दीं। उनकी चिकनी चूत मेरे सामने थी। मैंने लंड उनकी चूत की फाँकों पर रगड़ा। उनकी चूत इतनी गीली थी कि लंड आसानी से फिसल रहा था। मैंने उनकी आँखों में देखा, और उनके इशारे पर एक धक्का मारा। “आह्ह…” भाभी की सिसकारी निकली। मेरा लंड उनकी गीली चूत में पूरा समा गया।

इसे भी पढ़ें  स्कूल फ्रेंड के साथ पहली बार सेक्स किया

मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। “पच… पच…” की आवाज कमरे में गूँज रही थी। भाभी की चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड हर धक्के में और तन रहा था। वो “आह्ह… उह्ह… और जोर से…” चिल्ला रही थीं। मैंने उनकी चूचियों को मसलते हुए धक्के तेज कर दिए। भाभी की सिसकारियाँ “आह्ह… ओह्ह… चोद दे मेरी चूत…” में बदल गईं।

दस मिनट तक इसी पोजीशन में चोदने के बाद भाभी बोलीं, “मुझे तेरे लौड़े की सवारी करनी है।” मैं चित लेट गया। मेरा लंड तनकर आसमान की तरफ इशारा कर रहा था। भाभी मेरे ऊपर चढ़ीं और अपनी चूत में मेरा लंड सेट किया। “उम्म…” उनकी मुँह से सिसकारी निकली। वो धीरे-धीरे ऊपर-नीचे होने लगीं। उनकी चूचियाँ उछल रही थीं। मैंने उनकी चूचियों को पकड़कर मसलना शुरू किया और उनके निप्पल चूसने लगा।

भाभी “आह्ह… हाँ… ऐसे ही… चोद मुझे…” चिल्ला रही थीं। उनकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी। मैंने उनकी गांड पर हल्का सा थप्पड़ मारा और बोला, “कल्पना, तेरी चूत तो जन्नत है।” वो हँसते हुए बोलीं, “साले, बस चोदता जा।” करीब दस मिनट की घुड़सवारी के बाद भाभी अकड़ने लगीं। उनकी साँसें तेज हो गईं, और वो “आह्ह… मैं झड़ रही हूँ…” चिल्लाते हुए झड़ गईं। उनकी चूत का पानी मेरे लंड को भिगो रहा था।

आप यह Padosi chudai ki kahani हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

मैंने धक्के और तेज किए, और एक मिनट बाद मैं भी उनकी चूत में झड़ गया। “आह्ह…” मेरी सिसकारी निकली। भाभी मेरे सीने पर नंगी लेट गईं, उनकी साँसें धौंकनी की तरह चल रही थीं। हम दोनों थककर चूर हो गए थे। कुछ मिनट बाद मैंने एक सिगरेट सुलगाई, और हमने बारी-बारी से कश लिए।

आधे घंटे बाद भाभी फिर गर्म हो गईं। वो मेरे लंड को सहलाने लगीं और बोलीं, “अंश, एक बार और कर।” मैंने उन्हें कुतिया की तरह घुमा दिया। उनकी गोल-मटोल गांड मेरे सामने थी। मैंने उनकी चूत में पीछे से लंड डाला और धक्के मारने शुरू किए। “पच… पच…” की आवाज फिर गूँजने लगी। भाभी “आह्ह… हाँ… और गहरा… फाड़ दे मेरी चूत…” चिल्ला रही थीं। मैंने उनकी कमर पकड़कर जोर-जोर से धक्के मारे। उनकी चूचियाँ हिल रही थीं, और मैंने उन्हें पकड़कर मसलना शुरू किया।

इस बार मैंने उन्हें बीस मिनट तक चोदा। बीच-बीच में मैं रुकता, उनकी चूत में उंगली करता, और फिर धक्के मारता। भाभी दो बार झड़ चुकी थीं। आखिर में मैंने उनकी चूत में फिर से वीर्य छोड़ दिया। हम दोनों पसीने से तर-बतर थे।

तीसरी बार चुदाई के बाद भाभी बोलीं, “अंश, अब बस। मैं थक गई हूँ।” मैंने उनकी गांड में उंगली डालने की कोशिश की, तो वो बोलीं, “गांड अगली बार मार लेना। आज मैं पूरी चुद चुकी हूँ।” मैंने हँसकर कहा, “ठीक है, मेरी रानी।” मैंने कपड़े पहने और उनके घर से निकल गया।

इसके बाद मैंने भाभी को कई बार चोदा। उनकी मखमली गांड भी मारी। भाभी ने अमित से झगड़ा कर लिया और उसकी चूत और गांड की सप्लाई बंद कर दी। अमित को आज तक नहीं पता कि उसकी जुगाड़ को मैं चोद रहा हूँ। उसका लंड अब बेरोजगार है, और मैं भाभी की चूत का मालिक बन गया हूँ।

आप यह Padosi chudai ki kahani हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

दोस्तो, आपको मेरी ये हॉट भाभी की चुदाई की कहानी कैसी लगी? कृपया अपने विचार जरूर शेयर करें।

Leave a Comment