मेरा नाम तरुण है, मैं 21 साल का हूँ, कॉलेज में बी.कॉम कर रहा हूँ, और दिल्ली के एक मिडिल-क्लास मोहल्ले में रहता हूँ। मैं दिखने में ठीक-ठाक हूँ, 5 फीट 10 इंच, गेहुंआ रंग, और जिम जाता हूँ, तो बॉडी फिट है। मैं थोड़ा शर्मीला हूँ, लेकिन दोस्तों के साथ खुलकर बात करता हूँ। मेरी दीदी, गुनगुन, 24 साल की हैं, और वो एम.ए. की पढ़ाई कर रही हैं। दीदी का रंग गोरा है, लंबाई 5 फीट 6 इंच, और उनकी फिगर 34-28-36 है। उनकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ, गोल गांड, और मोटी जांघें उन्हें बेहद हॉट बनाती हैं। वो इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर सेक्सी रील्स बनाती हैं, जहाँ उनके 50,000 फॉलोअर्स हैं। दीदी का स्वभाव खुला हुआ है, वो कॉन्फिडेंट हैं, और अपनी सेक्सी इमेज को एन्जॉय करती हैं। मम्मी-पापा, रमा और सुरेश, दोनों मिडिल-एज्ड हैं, मम्मी 45 की और पापा 48 के। वो निचले फ्लोर पर सोते हैं, और हमें ऊपर के फ्लोर पर प्राइवेसी देते हैं, क्योंकि वो मानते हैं कि हम बड़े हो चुके हैं। Bhai behan sex story
कई बार कुछ ऐसा हो जाता है कि समझ ही नहीं आता कि क्या सही है, क्या गलत। मेरे साथ ऐसा ही कुछ हुआ था, आज से तीन दिन पहले। मैं पूरी तरह कन्फ्यूज था कि क्या करूँ, क्या न करूँ। आखिरकार, मुझे वो करना पड़ा जो एक भाई अपनी बहन के साथ नहीं करता।
आज मैं आपको अपनी कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जो मेरी दीदी गुनगुन के साथ है। कैसे मैंने उनकी चुदाई की और उनकी गर्मी को शांत किया। आपको शायद अजीब लगे, लेकिन उस पल मेरे पास कोई और रास्ता नहीं था। जो मुझे ठीक लगा, मैंने वही किया।
ये सब कैसे और क्यों हुआ, अब मैं आपको साफ-साफ बताता हूँ। मैं और गुनगुन दीदी एक ही कमरे में सोते हैं, अलग-अलग बेड पर। मम्मी-पापा नीचे के फ्लोर पर रहते हैं। हम दोनों पढ़ाई कर रहे हैं, और हमारा रिश्ता बहुत फ्रेंडली है। दीदी को यूट्यूब पर सेक्सी वीडियो बनाने का शौक है। उनकी रील्स इतनी हॉट होती हैं कि लोग पागल हो जाते हैं। इंस्टाग्राम पर उनके 50,000 फॉलोअर्स हैं, और हर वीडियो पर ढेरों कमेंट्स आते हैं। दीदी को ये सब पसंद है, वो और भी सेक्सी पोज में रील्स बनाती हैं, और लोगों को गर्म करती रहती हैं।
मेरे लिए ये रोज की बात है, मैं उनकी रील्स देखता हूँ, लेकिन नए लोग जो उनकी वीडियो देखते हैं, वो तो बस दीवाने हो जाते हैं। उनके कमेंट्स पढ़कर मुझे गुस्सा आता है, पर दीदी को मजा आता है। उनकी गोरी चमड़ी, लाल-लाल होंठ, बड़ी-बड़ी चूचियाँ, गोल गांड, और मोटी जांघें ऐसी हैं कि कोई भी बिना मूठ मारे रह नहीं सकता। मैं सच कहूँ, दोस्तों, मैंने भी कई बार दीदी को देखकर, उनकी चूचियों को सोचकर, रजाई में हस्तमैथुन किया है।
लेकिन एक रात ऐसा हुआ कि मुझे मूठ मारने की जरूरत ही नहीं पड़ी। सीधे मेरे लंड ने उनकी चूत में जगह बना ली। बात उस रात की है, जब मम्मी-पापा किसी शादी में गए थे। रात के 1:11 बज रहे थे। मैं रजाई में मुंह डालकर वासना डॉट नेट पर सेक्स कहानियाँ पढ़ रहा था। दीदी क्या कर रही थी, मुझे नहीं पता था।
अचानक मेरे कानों में एक तेज आवाज आई, “आह्ह…” मैं डर गया, लगा कि दीदी को कुछ हो गया। मैंने जल्दी से रजाई हटाई और देखा कि दीदी ने अपनी रजाई फेंक दी थी। वो पूरी नंगी थीं। एक हाथ उनकी चूत पर था, दूसरा उनकी चूचियों पर, और वो जोर-जोर से मसल रही थीं, चूत को रगड़ रही थीं। “ऊह्ह… आह्ह…” उनकी सिसकारियाँ कमरे में गूंज रही थीं।
उनके दांत पीस रहे थे, वो जोर-जोर से हिल रही थीं, जैसे ठंड से काँप रही हों। उनकी आँखें सफेद हो रही थीं, होंठ लाल हो गए थे। मैं समझ नहीं पा रहा था कि ये क्या हो रहा है। मैंने रजाई हटाकर उनके बेड के पास खड़ा हो गया। उनका पूरा बदन थरथरा रहा था, पलंग हिल रहा था। वो तरह-तरह की आवाजें निकाल रही थीं, “आह्ह… उफ्फ…”
मैंने डरते-डरते पूछा, “दीदी, क्या हुआ? आप ठीक तो हैं?” मेरी आवाज में घबराहट थी, लेकिन वो कुछ नहीं बोलीं। अचानक उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी गीली चूत पर रख दिया। उनकी टाँगें फैल गईं, और वो इशारे से मुझे ऊपर आने को बोलीं। “तरुण… आ जा… प्लीज…” उनकी आवाज काँप रही थी, जैसे वो बेकाबू हो रही हों।
मैं घबरा गया, लेकिन उनकी हालत देखकर समझ गया कि कुछ गड़बड़ है। शायद हिस्टीरिया जैसी कोई बीमारी। मैंने हिचकते हुए उनकी चूत में उंगली डाली। “आह्ह… हाँ… और अंदर…” वो और जोर से काँपने लगीं। उनके दांत बज रहे थे। फिर उन्होंने इशारा किया कि उनकी चूचियाँ दबाऊँ। मैंने उनकी बड़ी-बड़ी, मुलायम चूचियों को दोनों हाथों से पकड़ा और जोर-जोर से मसलने लगा। “उफ्फ… हाँ… ऐसे ही…” वो सिसकार रही थीं।
वो अपनी चूत को और तेज रगड़ने लगीं। मैं कभी उनकी चूचियाँ दबाता, कभी उनकी चूत में उंगली करता। मेरी हर हरकत पर वो सिर हिलाकर बोलतीं, “हाँ… बस ऐसे… मत रुक…” मेरे मन में उलझन थी, “ये क्या हो रहा है? दीदी मेरी बहन हैं, ये गलत है…” लेकिन उनकी हालत देखकर मैं रुक नहीं पाया।
उनकी हॉट, गोरी बॉडी को देखकर मेरा लंड तन गया। मैंने सोचा, “नहीं, ये गलत है,” लेकिन मेरा बदन गर्म हो चुका था। मैंने हिचकते हुए अपने कपड़े उतारे। “दीदी, ये ठीक नहीं है…” मैंने धीमी आवाज में कहा, लेकिन वो बोलीं, “तरुण, बस कर… मुझे चाहिए… अभी…” उनकी आवाज में बेताबी थी।
मैंने उनकी चूचियों को फिर से दबाना शुरू किया। उनके गर्म, मुलायम बदन को छूने लगा। उनके गाल पर चूमा, फिर उनके लाल होंठों पर। वो मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया। उनकी टाइट चूचियाँ मेरी छाती से चिपक रही थीं। “आह्ह… तरुण… और…” मैं पागल हो रहा था।
दीदी ने अपनी टाँगें और फैलाईं, “मेरी चूत चाट…” उनकी आवाज में मस्ती थी। मैं हिचक रहा था, लेकिन उनकी गीली चूत को देखकर रहा नहीं गया। मैंने जीभ निकाली और उनकी चूत को चाटना शुरू किया। “आह्ह… ऊह्ह… हाँ… चाट ले…” वो मेरे बाल पकड़कर मेरे मुँह को अपनी चूत पर रगड़ने लगीं। उनकी चूत से गर्म, नमकीन पानी निकल रहा था। मैं उसे चाट रहा था, और मेरा लंड अब पूरी तरह खड़ा था।
दीदी बेकाबू थीं। “तरुण… अब चोद दे… प्लीज… नहीं रुक पा रही…” उनकी आवाज में बेचैनी थी। मैंने हिचकते हुए अपना लंड उनकी चूत के छेद पर रखा। “दीदी, ये गलत है…” मैंने फिर कहा, लेकिन वो चिल्लाईं, “चोद दे, तरुण! अभी!” मैंने जोर से धक्का मारा, और मेरा लंड उनकी गीली चूत में घुस गया। “आह्ह… ऊह्ह…” दीदी मचल उठीं।
मैं उनकी चूचियों को मसलते हुए, जोर-जोर से धक्के मारने लगा। “थप… थप…” चुदाई की आवाज कमरे में गूंज रही थी। “हाँ… और जोर से… चोद मुझे…” दीदी सिसकार रही थीं। वो अपने होंठ काट रही थीं, उनकी आँखें बंद थीं। मैंने धक्के तेज किए, “दीदी… ये ठीक नहीं… लेकिन… उफ्फ…” मेरे मन में गिल्ट था, लेकिन मेरा बदन बेकाबू था।
फिर दीदी घोड़ी बन गईं। “पीछे से पेल… मेरी गांड के पास से…” मैंने उनका चूतड़ पकड़ा, लंड उनकी चूत पर रखा, और जोर से धक्का मारा। “आह्ह… हाँ… और अंदर…” वो चिल्लाईं। मैं उनके चूतड़ पर थप्पड़ मारते हुए चोद रहा था, “थप… थप…” “हाँ… मार… और चोद…” दीदी मजे ले रही थीं।
अब वो शांत हो रही थीं, लेकिन मजे और लेना चाहती थीं। “तरुण… तू कितना अच्छा चोदता है…” उनकी आवाज में शरारत थी। फिर वो मुझे नीचे लिटाकर मेरे ऊपर चढ़ गईं। मेरा लंड पकड़कर चूसने लगीं। “उम्म… कितना मोटा है…” वो 10 मिनट तक मेरे लंड को चूसती रहीं। फिर लंड को अपनी चूत पर रखकर बैठ गईं। “आह्ह… पूरा अंदर…” मेरा लंड उनकी चूत में समा गया। Hot Incest sex
वो जोर-जोर से उछलने लगीं, “आह्ह… ऊह्ह… चोद… और जोर से…” मैं नीचे से धक्के मार रहा था, उनकी चूचियाँ मसल रहा था। “थप… थप…” चुदाई की आवाजें कमरे में गूंज रही थीं। हमने एक-दूसरे को कई पोज में चोदा, हर बार गिल्ट और मजे का मिक्सचर मेरे दिमाग में चल रहा था।
करीब डेढ़ घंटे की चुदाई के बाद दीदी शांत हो गईं। “आह्ह… बस… अब ठीक हूँ…” वो हाँफ रही थीं। मैं भी थक गया था। हम दोनों रजाई में नंगे ही सो गए। मम्मी-पापा तो उस रात आने वाले नहीं थे। दीदी ने मुझे अपनी बाहों में लिया, “आई लव यू, तरुण…” मैं उनकी चूचियाँ मसलते हुए, बीच-बीच में उनकी चूत में लंड डालते हुए पूरी रात उनके साथ रहा। उस रात मैंने 6 बार चोदा।
उस रात के बाद हमारी जिंदगी बदल गई। हम जल्दी-जल्दी खाना खाकर अपने कमरे में चले जाते हैं। मम्मी-पापा को कहते हैं, “जल्दी सो जाओ, सेहत के लिए अच्छा है।” वो हमारी बात मान लेते हैं, और हम दोनों कमरे में आकर एक-दूसरे के जिस्म के साथ खेलते हैं, चुदाई करते हैं।
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