दोस्त के चचेरी बहन की चुत खेत में मारी। Desi Young Xxx Porn Kahani

यह Desi Young Xxx Porn Kahani पढ़ें, जिसमें मैंने अपने देहाती दोस्त के चचेरे बहन की गांड और चूत खेतों में मारी। उस समय मेरा दोस्त अपनी चाची को चोदता था।

इसके बाद Desi Young Xxx Porn Kahani:

हम दोनों चुदाई का आनंद लेकर घर पहुंचे।

दोपहर हो गई।

हमने खाना खाने के बाद पेड़ की छांव में निकल गए।

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बाहर आकर सुनील ने पूछा, “मुझे विशु में मज़ा आया ना?”

हां, दोस्त, मैंने कहा। क्या होगा अब? किसका नंबर है?

रात को चलते हैं, वह कहा। इधर बहुत सारा माल बाकी है।

मैं भी खुश था।

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उसकी बीवी अचानक बाहर आई और कहा, “चाचा जी से मिल आओ।”

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हां, विशु, चाचा के घर चलते हैं, मेरा दोस्त कहा।

मैंने पूछा: कितनी दूर?

मेरा ध्यान उसकी बीवी के चेहरे पर गया।

वह इशारे से मुझे मना कर रही थी।

तब सुनील ने कहा, “अरे यार तू ब चल… दूरी क्या है?”

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जबकि मैंने मना किया, सुनील मुझे लेकर निकला।

हम दोनों चाचा के घर गए।

सुनील ने चाचा की ओर देखा। सुनील को देखकर हर कोई खुश हो गया।

चाची बहुत खुश दिखीं।

जब चाचा ने सुनील से मेरे बारे में पूछा, तो वह मुझे दोस्त बताकर मेरी पहचान करा दी।

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मैंने भी सभी को नमस्ते दी।

उनके घर में चाचा-चाची, एक लड़का और एक सुंदर लड़की। वह भी गोरा और चिकना थी।

हमें बिठाया गया और चाची ने चाय बनाई।

फिर चाचा ने कहा, “बेटा, बैठो,मुझे कुछ काम से जाना है।” आकर बात करें।

इसके बाद चाचाजी चले गए।

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चाचा के लड़के ने अब बोलना शुरू किया।

उसने पवन नाम बताया। वह मुझसे कहा, “मैं भी आपको भैया ही कहूँगा, चलेगा ना!”

मैं हामी भर दिया।

फिर मैंने देखा कि सुनील और चाची कुछ खिचड़ी बना रहे थे। वे दोनों इशारों में बातें कर रहे थे।

मुझे लगा कि कोई मुझे घूर रहा था। सुनील की चचेरी बहन मुझ पर डोरे डाल रही थी, जब मैंने कनखियों से देखा।

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मैंने उसका नाम पूछा।

कंचन, उन्होंने कहा।

मैंने कहा कि नाम बहुत सुंदर है।

तब सुनील ने कहा, “पवन, भैया को अपने खेत दिखाने के लिए लाओ।”

जब मैंने सुनील को देखा, उसने कहा, “अरे दोस्त, घूमकर आ जाओ, तेरा दिल भी बहल जाएगा।”

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हाँ, भैया, हम खेत घूमने जा रहे हैं, पवन ने कहा।

मैं भी तैयार हो गया था।

तब चाची ने कहा, “बेटी, भैया के साथ तुम्हे भी जाना चाहिए।”

कंचन ने मुस्कुराया।

हम तीनों बाहर चले गए।

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अब हम खेतों में थे।

पवन ने कहा, भैया, यहाँ लुका-छुपी खेलना अच्छा होगा।

मैं भी तैयार था, और कंचन भी।

कंचन पहले आया।

कंचन ने 1 से 20 तक की गिनती शुरू की।

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मुझे पवन ने खेतों में ले जाकर छुपाने के लिए ले गया। उधर गन्ने के खेत थे।

मैं चुपचाप देखने का प्रयास कर रहा था।

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अचानक पवन मेरे सामने आकर मुझे देखने लगा। ऐसा करने से मेरा लंड उसकी गांड से टकराने लगा।

उसकी इस कोशिश ने मुझे खड़ा कर दिया।

पवन छुपने की कोशिश करते हुए अपनी गांड हिला-हिलाकर मेरे लंड को दावत दे रहा था।

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उसकी गांड अपने आप मेरी कमर पर आ गई।

मैंने पवन की कमर पकड़कर उसकी गांड को अपने लंड पर मसलना शुरू किया।

उसने गांड भी घिसवाई। उसने मुस्कुराते हुए मेरी ओर देखा।

मैंने समझा कि ये भोसड़ी का गांडू लुका-छुपी खेलने की इच्छा क्यों कर रहा था।

मैंने भी हल्का होना था।

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मैंने कान के पीछे भी जुबान घुमाई और गर्दन पर चूमा लिया।

उसने ऊंह-आंह करने लगा।

उसकी टी-शर्ट में हाथ डालकर मैं उसके एक निप्पल को दो उंगलियों में मसलने लगा।

उसने मुझसे अपना पिछवाड़ा चिपका कर अपना बदन भी कड़क कर लिया।

मैं उसके होंठों को किस करने लगा और गर्दन घुमाने लगा। वह भी सहयोग कर रहा था।

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उसकी नुन्नी कड़क हो चुकी थी जब मैंने एक हाथ उसकी चड्डी में डाला।

वह कसमसाने लगा जब मैंने उसकी नुन्नी को सहलाया।

मेरे लंड पर अपनी कमर जोर से रगड़ने लगी।

मैं भी उसकी टी-शर्ट उतारकर उसका निप्पल चूसने लगा।

वह मुझे किसी लड़की की तरह अपना यौवन चखा रहा था।

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कुछ देर बाद मैंने उसे सामने की ओर झुका दिया और उसकी चड्डी उतार दी।

वह एक चिकना लोंडा था जिसकी गांड लड़की की तरह थी।

मैंने उसकी गांड के छेद पर अपनी जुबान डाली।

वह मुस्कराकर रह गया।

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मैंने उसकी गांड के छेद को अपनी जुबान से कुरेदा।

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मैं करीब दो मिनट तक ऐसा करता रहा।

फिर मैं उसके सामने आ गया और अपना लंड उसके सामने रखा।

उसने लौड़ा देखा और हैरान होकर कहा, “मां, ये तो बहुत बड़ा है!”

यह कहते ही मैंने उसके मुँह में अपना लंड डाल दिया।

वह भी मज़ा लेने लगा।

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मुझे लगता है कि पवन ने पहले भी सेक्स किया है। अब मैंने सोचा कि उससे हर प्रश्न पूछा जाएगा।

मैंने पूछा, “पवन, मुझे बताओ कि तुमने अपनी गांड में पहली बार कब और किसका लंड लिया था?”

वह मेरी ओर देखने लगा।

लेकिन मैंने कहा, “सच बता, मैं किसी से नहीं कहूँगा।”

उसने मुँह से लंड निकालकर कहा, “मेरे मामा ने मुझे पहली बार चोदा था, जब हम गांव गए थे।” तब मैं खेत में बने घर में ले जाकर अपना लंड मेरी गांड में डाल दिया। मैं तब छोटा था। मैं बहुत दुखी था। मैं रोने लगा। मैंने कहा, लेकिन मामा नहीं रुके। वे लगातार चोदते रहे। मेरी गांड में उनका लंड डालने के बाद वे बाहर निकल गए।

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मैंने पूछा, “अरे, मामा ने सिर्फ खेल किया?”

पवन: हां, मैं उस दिन चलते ही नहीं था। बाद में मामा ने मुझे पच्चीस रुपये दिए और मुझे किसी से कुछ नहीं कहने को कहा। घर पर हर कोई मुझे लंगड़ाते देखकर पूछा। तब मामा ने कहा कि मैं सिर्फ खेत में गिर गया था, इसलिए चलने में मुझे थोड़ा दर्द होता है। कल तक सब ठीक होगा।

फिर क्या हुआ? मैंने पवन की गांड सहलाते हुए पूछा।

पवन: इसके बाद मामा ने मुझे एक पिस्तौल दिया। सुबह फिर मुझे खेत में चलने को कहा। जबकि मैंने इनकार किया, वे मुझे उठाकर ले गए। खेत में पहुंचकर मुझे जमकर पीटा। मेरी गांड को दो बार चोदा। मैं बहुत रोया, लेकिन मामा को कुछ नहीं हुआ।

पवन की गांड चुदाई की कहानी सुनकर मैं हैरान हो गया।

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पवन ने कहा कि हम 15 दिन रहे थे। उन पंद्रह दिनों में मैंने मामा से लगभग पच्चीस बार गांड चुदवाई थी।

तब!”

फिर मैंने मामी (मामा की बीवी) से कहा कि एक दिन तुमने उनको और अपने पापा को चुदाई करते देखा था। अब मामा को खुश करो।

पवन की बात ने मुझे चौंका दिया।

पवन अकेले कहता जा रहा था कि उसी दिन मामी पापा से चुद गईं। मैं भी उनके बाजू में मामा से चुद रहा था। मामा मेरे ऊपर थी और पापा मामी के ऊपर।

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मैंने कहा: अच्छा!

हां, उसने कहा, “फिर मामा के लंड की लत लग गई।” कुछ दिनों तक सब ठीक था, लेकिन फिर मामा के बाद मेरे चाचा, सुनील भैया के पापा ने भी मुझे पीटा।

सुनील के पिता की कहानी सुनकर मैं और अधिक हैरान हो गया।

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मैंने इस विषय में पूछा।

तो पवन ने कहा कि मैं एक दिन बाथरूम में अपनी गांड में उंगली मार रहा था। तभी चाचा पहुंचे। कुंडी शायद सही नहीं लगी थी। बस उन्होंने मुझे गांड में उंगली डालते देखा।

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मैं: इसके बाद क्या हुआ?

वह—उस दिन हम दोनों घर पर थे। मैं नहीं हूँ, बेटा, चाचा ने कहा और मेरी गांड पकड़ ली। बस चाचा ने अपनी पतलून उतारकर मेरी गांड में लंड डाला।

पवन ने बताया कि चाचा ने उस दिन दो बार पीया। बहुत अच्छा लगा। जब भी चाचा आता है मुझे चोदते हैं।

मैंने पूछा- फिर?

उसने कहा कि सुनील भैया ने भी दो बार पेला। भैया भी मां को पेलते हैं।

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मैं हैरान हो गया।

मैंने पूछा: फिर?

उसने कहा कि अंकल हमारे घर के बगल में रहते हैं। एक दिन उनकी पत्नी मायके गयी। जब मैं उन्हें खाना देने गया, तो उन्होंने अपनी माँ से कहा कि मुझे यहीं उनके घर में सोने दो। मेरी माँ मान गई।

मैंने पूछा: तो वे भी?

पवन: हाँ, हम एक साथ सोए थे। १२ बजे, अंकल ने मेरे बदन पर हाथ रेंगने लगा। वे मेरी छाती पर दबाव डालने लगे और मेरी निप्पल चूसने लगे। लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगे। बाद में उन्होंने मेरा लिंग भी चूसा। उस दिन मैंने किसी आदमी को पहली बार चोदा था।

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मैंने पूछा: क्या आप भी ऐसा करते हैं?

पवन: हां, अंकल ने मुझे भी चोदा। रात भर हम दोनों नहीं सोये। दोनों एक दूसरे को चोदते रहे। हमने तीन बार एक दूसरे की गांड मारी और एक दूसरे का लंड चूसा।

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मैं इस लौंडे के पीछे चला गया क्योंकि मुझे लगा कि यह अभी एक लंबी लाइन है।

उसकी बातें सुनकर मेरा लंड लोहा बन गया।

मैंने अपना थूक लगाकर लौड़े को अंदर ठांस दिया।

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‘आउच…’ उन्होंने कहा और बिलबिला उठा।

मैंने इतने लंड लेने के बावजूद उसके मुँह से आवाज निकाली।

मैं झुकाकर उसे चोद रहा था।

कुछ देर बाद मैंने उसकी एक टांग उठाई और उसे उसी तरह चोदने लगा।

फिर मैंने घुटने के बल उसे बिठाकर उस पर चढ़ गया।

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करीब तीस मिनट की भयानक चुदाई के बाद, मेरा बांध टूट गया और मैं उसकी गांड में गिरने लगा।

मेरा लिंग मुरझा गया। उसकी गांड के छेद से मेरा वीर्य निकलने लगा।

हम दोनों कुछ देर तक सो गए।

उसकी बहन हमें खोज रही होगी, यह याद आया।

हम कपड़े पहने हुए उसकी बहन को खोजने निकल पड़े।

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थोड़ा दूर जाते ही उसने हमें देखा, लेकिन मुझे नहीं. उसने पहले अपने भाई को उतारा।

अब पवन की बारी आई।

पवन गिनती करने लगा।

मैं भाग गया।

कंचन भी मेरे पीछे दौड़ी।

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मैंने उससे कहा कि मैं कहां छुपूँ?

कंचन ने कहा कि तुम मेरे पीछे आओ।

मैं भी उसके पीछे चल पड़ा।

अब हम दूर थे।

जहां हम पहुंचे, वहां घास दबी हुई थी।

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मैंने पूछा: तुम ये स्थान कैसे जानते हो?

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“एक दिन मैंने यहां मां को देखा,” कंचन ने कहा।

मैंने पूछा कि आपकी मां यहाँ क्या कर रही थी।

पहले वह शरमाई।

मैंने एक बार फिर पूछा: बोल?

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“उस दिन मां एक काले सांड के साथ थी,” वह कही।

मैंने पूछा:काला सांड क्या कर रहा था?

उसने कहा कि मां उस पर कूद रही थीं और वह काला कर्मचारी नीचे लेटा था।

मैंने पूछा- फिर?

मैं कुछ देर रुकी रही, वह कहती थी। फिर कुछ होने लगा, तो मैं भाग गई ।

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मैंने पूछा, कंचन, किसको देखा?

उसने कहा कि हमारे घर की दीदी के पापा भी उसके साथ ऐसा ही कर रहे थे। वह मुझे देखकर वहां से भाग गई।

तुमने कभी ये सब किया है?”

‘मामा…’ उसने कहा और रुक गया।

मैंने कहा कि बताओ, मैं किसी को नहीं बताऊंगा।

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उसने कहा, “हम मामा के गांव गए थे।” मामा ने वहां मेरे साथ ये सब किया था और उस समय मामी भी थीं। मैंने उसके बाद ऐसा नहीं किया।

‘अच्छा आ जाओ, छुप जाओ.’

हम दोनों चुपचाप छुप गए।

दोनों में धीरे-धीरे करंट चला गया। फिर से मेरा लिंग उठने लगा।

उसकी बहन, जिसने कुछ देर पहले अपने भाई की गांड मारी थी, अब उसी हथियार से चुदने को आई है।

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मैं इस बात को सोचकर गर्म हो गया।

मैंने उसके पीछे से उसके चूचे दबाने लगा।

उसके पीछे से मेरा खड़ा लंड उसकी गांड में चुभने लगा।

वह भी उसे अड्जस्ट करने लगी।

मैंने उसके दोनों स्तनों को पीछे से कसके से दबाने लगा।

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उसे भी अच्छा लगने लगा।

मैंने उसे घुमाया और उसके होंठ चूसने लगा।

उसके रसीले होंठ बहुत मनोहर थे।

उसकी प्यास भी थी।

मैंने उसके सारे कपड़े धीरे-धीरे उतार दिए।

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वह पूरी तरह से नंगी थी।

मैं भी अपने कपड़े उतार दिया।

मेरे लिंग को वह पकड़ने लगी।

मैंने उसको घास में डाल दिया और उसके पैर ऊपर करके उसे फैलाया।

मेरे सामने उसकी चिकनी बुर थी। मैंने पूछा कि आप बाल बनाते हैं या नहीं।

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वह शर्माकर कहा कि वे अभी नहीं आते।

मैंने नीचे झुक कर उसकी चूत पर अपना मुँह रखा और जीभ को अंदर घुमाया।

वह गर्म हो गई। उसकी चूत से पानी निकल रहा था।

उसके दाने को मैं सहलाया।

मेरा सर उसकी चूत पर दबाने लगा जब वह छटपटाने लगी।

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मैं उसकी चूत कुछ देर चाटने के बाद उसके ऊपर आ गया। उसकी चूत पर लंड को सैट कर जोरदार धक्का मारा।

मेरा लंड चूत में घुस गया।

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उसने चिल्लाकर कहा, “हई अम्मा, मर गयी… बचाओ बहुत बड़ा है तुम्हारा… निकालो मेरी फट गयी।”

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मैं कुछ देर तक उसके ऊपर चढ़ा रहा।

उसकी पीड़ा कम होते ही उसे दूसरा धक्का लगाया।

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इस बार लंड ने चूत की जड़ तक चोट की।

मैं नहीं पसीजा, हालांकि वह छटपटाने लगी और गिड़गिड़ाने लगी।

मैंने फिर से चोदना शुरू किया।

पहले उसे थोड़ा दर्द हुआ, लेकिन बाद में उसे अच्छा लगा।

तब मैंने पवन देखा।

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वह अपना लंड हिलाकर हम दोनों की चुदाई को चुपचाप देख रहा था।

मैंने उसकी बहन की चूत में धक्के मारते हुए उसकी आंख दबा दी।

कुछ मिनट बाद मैंने अपना आसन बदल दिया।

उसे घोड़ी बनाकर पीछे से उसकी चूत में लंड डालकर चुदाई करने लगा।

उसकी कुंवारी गांड को देखते ही मेरा मन डोल गया।

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मैंने उसकी गांड में अपनी एक उंगली में थूक लगाया।

वह उछल पड़ी।

वह बहुत कुछ नहीं कर पाई क्योंकि मैंने उसे पकड़ रखा था।

मैं अभी भी अपनी बीच की उंगली उसकी गांड के छेद में घुमा रहा था और उसकी चूत में लंड ठोक रहा था।

कुछ मिनट बाद मैंने अपने लिंग को चूत से बाहर निकाला।

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कंचन तीन बार गिर गई।

उसकी गांड के छेद पर मैंने थूक लगाया।

वह कुछ सोचने से पहले ही मेरा आधा लंड उसकी गांड में घुस गया।

तुरंत मैंने दूसरा धक्का मारा, जिससे पूरा लंड उसकी गांड में घुस गया।

कंचन की आंखें बड़ी हो गईं और वह कसमसायी।

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वह रोने लगी, लेकिन मैं उसकी गांड चोदने लगा।

मैं भी उसकी गांड के कसे छेद में ज्यादा देर टिक नहीं सका, इसलिए एक तेज पिचकारी छूट गई, जो मेरे सैलाब में भर गई।

कुछ देर बाद मैंने अपनी पिस्टल निकाल दी। उसके दोनों छेद सूज गए और चुद गए।

फिर मैंने देखा कि पवन लगा हुआ था।

मैं उसे उठाकर कपड़े पहनने में मदद की।

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हम दोनों बाहर निकल गए।

तब तक पवन लंड ही हिलाता रहा।

उसे देखकर कंचन डर गई।

जब मैंने उसे फोन किया, तो उसका ध्यान चला गया।

हम दोनों को देखकर वह भी डर गया।

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मैंने उसकी नुन्नू को पकड़ा और फिर से पूछा: तुम्हें एक बार और पेलूँ?

कंचन यह सुनकर डर गई ।

हम सब मिलकर Desi Young Xxx Porn Kahani देखकर घर पहुंचे।

वहां सुनील और चाची चुदायी कर रहे थे।

मैं खुद अंदर गया और उन दोनों को बाहर खड़ा किया।

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मैंने देखा कि चाची घोड़ी बन जाती थीं।

मैं भी खेल में शामिल हो गया।

मैंने चाची को उठने को कहा, लेकिन मैं डर गया।

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लंड को चाची के मुँह में डालने के लिए मैंने अपना पजामा उतार दिया।

चाची अब दोनों हाथों से चुद रही थीं।

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कुछ मिनट बाद हमने छेदों को बदल दिया।

मैंने चाची को उसके लौड़े पर बिठाकर सुनील को नीचे लेटाकर चाची से चुदाई करवा दी।

तब मैंने पीछे से चाची की गांड में थूक लगाया और उसके छेद पर अपना लंड धक्का लगाया।

दोनों बच्चे खिड़की से अपनी मां को चुदते देखा।

हमारे बीच उन दोनों की मां सैंडबिच बनकर चुद रही थीं।

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हम दोनों की पिचकारी कुछ मिनट बाद छूट गई।

चाची के दोनों छेद पूरे हो गए।

हम एक-एक बार बाथरूम में गए और साफ हो गए।

जब वे कमरे से बाहर निकले, बच्चे भी आ गए।

चाची ने चाय बनाई। चाचा भी आ गया जब हम बात कर रहे थे। मेरे साथ ही बच्चे बैठे रहे।

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मैंने उन दोनों से पूछा कि क्या वे खेत में खेलने में खुश थे।

हां, दोनों ने मुस्कराते हुए कहा।

हम दोनों खाना खाकर सुनील के घर चले गए।

उधर गुस्से से सुनील की बीवी मेरे तरफ देख रही थी।

मैंने उसके होंठों को चुंबन देकर उसे अभी चुदाई करूँगा।

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