Cousin didi ki group me chudai – Cousin sister group sex story : ये कहानी है मेरी कजिन पल्लवी की, जो एकदम माल है। पल्लवी 19 साल की थी, गोरा रंग, स्लिम फिगर, और वो गुजराती लड़की की चमक, जो किसी को भी दीवाना बना दे। उसका चेहरा गोल, आंखें बड़ी-बड़ी, और होंठ गुलाबी, जो हर बार बात करते वक्त हल्का सा कांपते। उसके छोटे-छोटे चूचे, शायद 32B, गुलाबी निप्पल्स के साथ, और उसकी टाइट गांड, जो हर कदम पर हल्का सा हिलती थी, हमें पागल कर देती थी। पल्लवी का स्टाइल एकदम मॉडर्न था—घर में वो हमेशा टाइट टॉप और छोटी शॉर्ट्स या फ्रॉक पहनती, जिसमें उसकी गोरी जांघें और पतली कमर साफ दिखती थी।
हम चार दोस्त थे—मैं यानी कौटिल्य, 18 साल का, औसत कद, पतला लेकिन फुर्तीला, और मेरे लंड का साइज 6 इंच, सख्त और मोटा। समीर, 18 साल का, स्मार्ट और हैंडसम, जिम में कसरत की हुई बॉडी, और उसका 7 इंच का लंड, जिसका सुपारा गुलाबी और चमकदार था। मिंटू, पल्लवी का छोटा भाई, 18 साल का, थोड़ा शरारती, पतला लेकिन चुस्त, और उसका 5.5 इंच का लंड, जो उतना ही गर्म था जितना उसका दिमाग। हम सब 12वीं पास कर चुके थे और अपने अपार्टमेंट में एक साथ बड़े हुए थे। पल्लवी हमसे एक साल बड़ी थी, लेकिन बचपन से ही हमारी उस पर गंदी नजर थी। जब से हमने मुठ मारना सीखा, तब से पल्लवी हमारी हवस का केंद्र थी।
पल्लवी अपने भाई मिंटू से बहुत प्यार करती थी, लेकिन थी वो बड़ी शातिर। उसकी हर अदा हमें उकसाती थी। वो जानबूझकर ढीले टॉप पहनती, जिसमें से उसके चूचे झांकते, और जब वो सीढ़ियों पर बैठती, तो उसकी फ्रॉक ऊपर खिसक जाती। हम सब नीचे बैठकर उसकी चड्डी का रंग देखने की कोशिश करते—कभी नीली, कभी लाल, कभी काली। उसकी गोरी जांघें और टाइट गांड हमें बेकाबू कर देती थी।
पल्लवी सिर्फ हमें ही नहीं, अपार्टमेंट के अंकल्स को भी उकसाती थी। खासकर सेकेंड फ्लोर के शुक्ला अंकल, 45 साल के, मोटे और भारी-भरकम, जिनके पास चॉकलेट और आइसक्रीम का लालच हमेशा रहता। पल्लवी उनके सामने जानबूझकर झुकती, अपने गुलाबी होंठों पर जीभ फेरती, और आंख मारकर उन्हें और भड़काती। सुनने में आया कि शुक्ला अंकल उसे छत पर ले जाते, उसके चूचों को मसलते, और उसकी गांड में उंगली करते। पल्लवी भी कम नहीं थी—वो उनकी जीभ चाटती और उनके साथ रंगरलियां मनाती। एक बार तो जब शुक्ला अंकल की बीवी बाहर गई थी, पल्लवी ट्यूशन बंक करके उनके घर जाती थी। वहां शुक्ला अंकल और उनके दो-तीन दोस्त मिलकर उसकी चुदाई करते। एक रात अपार्टमेंट की पार्किंग में हमने देखा—पल्लवी दो अंकल्स के बीच कुत्तिया की तरह चुद रही थी, उसका टॉप ऊपर उठा हुआ, और उसकी चूत में एक अंकल का लंड गचागच अंदर-बाहर हो रहा था। ये सब देखकर हमने ठान लिया कि अब पल्लवी को हमें भी चोदना है।
हमने प्लान बनाया। पल्लवी और मिंटू एक ही कमरे में सोते थे। हमने कम्बाइंड स्टडीज के बहाने उसी रूम में रुकने का फैसला किया। उस रात पल्लवी के मम्मी-पापा किसी पार्टी में गए थे, और घर पर सिर्फ उसकी बूढ़ी नानी थी, जो दूर के बेडरूम में सो रही थी। इससे अच्छा मौका नहीं मिलना था। पल्लवी उस रात एक पिंक टाइट टॉप में थी, जिसमें उसके निप्पल्स साफ उभर रहे थे, और ग्रे शॉर्ट्स, जो उसकी टाइट गांड और गोरी जांघों को और निखार रही थी। उसकी शॉर्ट्स इतनी छोटी थी कि उसकी चड्डी का किनारा बाहर झांक रहा था—काली रंग की लेस वाली।
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जैसे ही वो कमरे में आई, उसने हमें देखा और शरारती अंदाज में पूछा, “अरे, तुम लोग यहाँ क्या कर रहे हो, बाबू?” उसकी आवाज में वो मस्ती थी, जो हमें और भड़काती थी। “हम आज रात कम्बाइंड स्टडीज करने वाले हैं, दीदी,” मैंने कहा, और उसकी आंखों में देखा। पल्लवी ने हंसते हुए कहा, “कम्बाइंड स्टडीज या कुछ और करने का इरादा है, हाहाहा?” उसकी हंसी में वो नशीली चालाकी थी, जो हमें और उकसाती थी। समीर ने बात संभाली, “नहीं पल्लवी, सच में पढ़ाई बाकी है।” “अच्छा, कौन सा सब्जेक्ट पढ़ रहे हो, मेरे लाडलों?” उसने अपने गुलाबी होंठों पर जीभ फेरते हुए पूछा। “बायोलॉजी,” मैंने जवाब दिया, और मेरी नजर उसके टॉप पर अटक गई, जहां उसके निप्पल्स हल्के से उभर रहे थे। “ओह, ये तो मेरा फेवरेट सब्जेक्ट है! मैं तुम्हारी मदद कर दूं?” पल्लवी ने मासूमियत से कहा, लेकिन उसकी आंखों में शरारत साफ दिख रही थी। मिंटू ने तुरंत कहा, “हां दीदी, आप तो हमारे सारे डाउट्स क्लियर कर सकती हो ना? मेरा बेबी दीदी!” “हाय, मेरा बेबी, तेरे लिए तो मैं कुछ भी कर सकती हूँ। चलो, दिखाओ क्या डाउट्स हैं,” पल्लवी ने मिंटू को प्यार से देखते हुए कहा और बेड पर बैठ गई। उसकी शॉर्ट्स और ऊपर खिसक गई, और उसकी गोरी जांघें पूरी तरह नजर आ रही थीं।
तभी समीर ने एक कोक की बोतल निकाली। उसने पहले से ही उसमें आधी व्हिस्की मिला रखी थी। उसने पल्लवी को कोक ऑफर किया, और उसने बिना सोचे बोतल पकड़ ली। दो-तीन बड़े घूंट लेते ही उसकी आंखें चमकने लगीं। उसे पता नहीं था कि उसमें नशा है। धीरे-धीरे उसकी बॉडी लैंग्वेज बदलने लगी। वो बेड पर और ढीली होकर बैठ गई, उसका टॉप थोड़ा ऊपर खिसक गया, और उसकी पतली कमर का निचला हिस्सा दिखने लगा। उसकी आंखें आधी बंद थीं, और वो हमें नशीली नजरों से देख रही थी।
“पल्लवी, तुम्हें बायोलॉजी में कौन सा चैप्टर सबसे अच्छा लगता है?” समीर ने पूछा, और उसकी नजर उसके चूचों पर थी। “मुझे तो सब अच्छा लगता है, मेरे बाबू। तुम क्यों पूछ रहे हो?” उसने नशीली आवाज में जवाब दिया, और अपने होंठों को हल्का सा काटा। “तुमने कहा ना कि ये तुम्हारा फेवरेट सब्जेक्ट है, इसलिए पूछा,” मैंने कहा, और मेरी नजर उसकी जांघों पर अटक गई। पल्लवी ने हंसते हुए कहा, “वैसे तो मुझे कहना नहीं चाहिए, पर मुझे रिप्रोडक्शन सिस्टम बहुत अच्छा लगता है। उसे पढ़ते ही मेरी चूत में कुछ… कुछ होने लगता है।” उसने आखिरी शब्द धीरे से कहा, जैसे हमें और उकसाना चाहती हो। मिंटू ने तुरंत कहा, “हां दीदी, हमें पता है।” “तुझे कैसे पता, मेरा बेबी?” पल्लवी ने मिंटू को छेड़ते हुए पूछा, और अपनी उंगली अपने होंठों पर फिराई। “दीदी, आपका बेबी अब बड़ा हो गया है। हमें सब पता है,” मिंटू ने शरारती अंदाज में कहा।
पल्लवी ने एक नशीली हंसी छोड़ी और बोली, “हाय, मेरा बेबी बड़ा हो गया है। उसे सब पता है!” उसकी नजर हमारी पैंट पर गई, जहां हमारे लंड पहले से तन चुके थे। वो हंस पड़ी, “हाहाहा, तुम सब तो मेरे साथ रहकर इतने बड़े हो गए हो।”
व्हिस्की का असर अब साफ दिख रहा था। उसकी आंखें आधी बंद थीं, और वो हमें कामुक नजरों से देख रही थी। मैं और मिंटू खुद को रोक नहीं पाए। हम धीरे से उसके पास सरक गए। मैंने उसकी कमर पर हाथ रखा, और मिंटू ने उसकी जांघ को सहलाना शुरू किया। उसका टॉप थोड़ा और ऊपर खिसक गया, और उसकी गोरी कमर पूरी तरह नजर आ रही थी।
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“हम्म्म… ये क्या कर रहे हो तुम दोनों, मेरे बाबू?” पल्लवी ने आंखें बंद रखते हुए मादक आवाज में पूछा। “तुम्हें सपोर्ट दे रहे हैं, दीदी,” मैंने कहा, और मेरा हाथ उसकी कमर से ऊपर की तरफ बढ़ने लगा। मिंटू ने पूछा, “दीदी, आपको नींद आ रही है क्या? थक गई हो?” “नहीं मेरी जान, बस हल्का-हल्का फील कर रही हूँ। मुझे मजा आ रहा है। तुम लोगों ने मेरे साथ पहले कभी कम्बाइंड स्टडीज क्यों नहीं की?” पल्लवी ने मस्ती भरे अंदाज में कहा, और अपने पैर थोड़े और फैला दिए।
उसका हाथ मेरी जांघ पर आ गया और धीरे-धीरे मेरे लंड की तरफ बढ़ने लगा। उसकी उंगलियां मेरी पैंट के ऊपर से मेरे तने हुए लंड को छू रही थीं। मिंटू ने ये देखा और समझ गया कि पल्लवी अब पूरी तरह चुदने के मूड में है। उसने अपनी पैंट खोल दी और अपना 5.5 इंच का लंड बाहर निकाला। उसका सुपारा गुलाबी और चमकदार था, और वो पहले से ही गीला हो चुका था। “दीदी, इसे पकड़ लो, नहीं तो गिर जाओगी,” मिंटू ने शरारती अंदाज में कहा।
पल्लवी की आंखें बंद थीं, लेकिन वो सब समझ रही थी। उसने मिंटू का लंड पकड़ लिया और धीरे-धीरे सहलाने लगी। उसकी उंगलियां मिंटू के सुपारे पर घूम रही थीं, और वो हल्का सा दबाव डाल रही थी। फिर उसने मेरा लंड भी पकड़ लिया। उसका हाथ गर्म था, और उसकी पकड़ इतनी सख्त थी कि मैं पागल होने लगा। मैंने और मिंटू ने उसके टॉप के ऊपर से उसके चूचों को मसलना शुरू किया। उसके निप्पल्स सख्त हो चुके थे, और वो टॉप के ऊपर से साफ दिख रहे थे।
समीर ने मौका देखकर उसकी जांघों पर हाथ फेरना शुरू किया। उसकी उंगलियां धीरे-धीरे उसकी शॉर्ट्स के किनारे तक पहुंचीं। उसने पल्लवी की शॉर्ट्स को हल्का सा नीचे खींचा और देखा कि उसने काली लेस वाली पैंटी तो पहनी ही नहीं थी। उसकी चूत गुलाबी, चिकनी, और पहले से गीली थी। उसका दाना साफ उभर रहा था, जैसे हमें बुला रहा हो। समीर ने धीरे से उसकी चूत पर अपनी उंगली फिराई, और पल्लवी की सिसकारी निकल गई, “उम्म… आह्ह… समीर, ये क्या कर रहा है…”
समीर ने उसकी शॉर्ट्स पूरी तरह नीचे खींच दी। अब पल्लवी सिर्फ अपने पिंक टॉप में थी, जो उसकी कमर तक खिसक चुका था। उसकी गोरी चूत और टाइट गांड हमारे सामने थी। समीर ने अपनी जीभ उसकी चूत पर रख दी और धीरे-धीरे चाटना शुरू किया। उसकी जीभ पल्लवी के दाने पर गोल-गोल घूम रही थी, और वो उसकी चूत के होंठों को चूस रहा था। पल्लवी की सिसकारियां तेज हो गईं, “आह्ह… समीर… उम्म… और जोर से… मेरी चूत को चाट ले…”
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पल्लवी ने मिंटू और मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया। उसकी गर्म जीभ मेरे सुपारे पर घूम रही थी, और वो मिंटू के लंड को चूस रही थी जैसे कोई लॉलीपॉप। “म्म्म… म्म्म… कौटिल्य, तू तो बहुत शैतान है,” उसने मेरे लंड को चूसते हुए कहा। “हां दीदी, पर सारा प्लान तो मिंटू का था,” मैंने जवाब दिया, और उसका टॉप ऊपर उठाकर उसके चूचों को मसलने लगा। उसके निप्पल्स गुलाबी और सख्त थे, और मैंने उन्हें अपनी उंगलियों से हल्का सा दबाया। मिंटू ने कहा, “दीदी, आप तो हमें रोज उकसाती थीं। अपनी वो टाइट शॉर्ट्स और ढीले टॉप में।” पल्लवी ने हंसते हुए कहा, “तुम लोगों को इतना उकसा दिया कि आज तुम मुझे चोदने चले आए। म्म्म… मैं तो बहुत अच्छी हूँ, मेरे बेबी।”
उसने मिंटू और मेरे लंड को और जोर से चूसना शुरू किया। उसकी जीभ मेरे सुपारे के चारों तरफ घूम रही थी, और वो मिंटू के लंड को गले तक ले रही थी। समीर उसकी चूत को चाट रहा था, और उसकी उंगलियां पल्लवी की चूत के अंदर-बाहर हो रही थीं। पल्लवी की सिसकारियां अब चीखों में बदल रही थीं, “आह्ह… साले कुत्ते… और जोर से चाट मेरी चूत को… आह्ह… मम्मी… उफ्फ… समीर… मेरी फुद्दी फाड़ दे…”
वो झड़ने वाली थी। उसकी चूत से रस टपक रहा था, और समीर उसका सारा रस चाट रहा था। उसकी सिसकारियां सुनकर मिंटू और मैं भी झड़ गए। हमारा माल उसके मुँह में चला गया, और थोड़ा उसके गोरे गालों पर गिरा। पल्लवी ने अपने होंठों पर जीभ फेरी और हमारे माल को चाट लिया। फिर उसने हमारे लंड चूस-चूसकर साफ कर दिए। उसकी आंखों में एक रंडी जैसी चमक थी, जो हमें और भड़का रही थी।
अब समीर की बारी थी। उसने अपनी पैंट खोली, और उसका 7 इंच का लंड बाहर आया। उसका सुपारा गुलाबी और चमकदार था, और वो पहले से ही गीला हो चुका था। पल्लवी ने बेड पर अपने पैर फैलाए और हमें न्योता दिया। समीर ने उसका टॉप पूरा ऊपर खींच दिया, और अब पल्लवी पूरी तरह नंगी थी। उसका गोरा बदन चांदनी में चमक रहा था। उसके चूचे छोटे लेकिन सख्त थे, और उसके निप्पल्स गुलाबी रंग के, जैसे दो छोटी-छोटी गुलाब की पंखुड़ियां। उसकी चूत गीली और गुलाबी थी, और उसका दाना उभरा हुआ था।
समीर ने उसकी चूत को फिर से चाटना शुरू किया। उसकी जीभ पल्लवी की चूत के होंठों पर घूम रही थी, और वो उसके दाने को हल्का सा काट रहा था। पल्लवी सिसकार रही थी, “आह्ह… समीर… उम्म… मेरी चूत को चूस ले… आह्ह…” मैंने हमेशा से पल्लवी की गांड को पसंद किया था। उसकी गांड गोल, टाइट, और गोरी थी, जैसे दो सही आकार के आड़ू। मैंने ब्लू फिल्मों में देखा था कि लड़की की गांड के छेद को चाटकर लोग उसकी गांड मारते हैं। मैंने पल्लवी को पलटाया और उसकी गांड के छेद पर अपनी जीभ फिरानी शुरू की। उसका छेद छोटा और गुलाबी था, और जैसे ही मेरी जीभ वहां लगी, पल्लवी सिसकारी, “उम्म… आह्ह… कौटिल्य, ये क्या कर रहा है… मेरी गांड में…”
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मैंने उसकी गांड के छेद में अपनी उंगली डाली। वो गीली और गर्म थी। पल्लवी पूरी तरह मदहोश थी। तीन लंड एक साथ उसे मिल रहे थे, और वो इसका पूरा मजा ले रही थी। मैंने और मिंटू ने उसकी गांड में उंगली डालकर उसे और गर्म किया। फिर मैंने धीरे से अपना लंड उसकी गांड में घुसाया। मुझे लगा वो चिल्लाएगी, लेकिन वो तो पहले से ही ट्रेंड थी। वो खुशी-खुशी अपनी गांड हिला रही थी, “ओह्ह… आह्ह… कौटिल्य, हरामी… मुझे दीदी-दीदी कहकर चोद… बोल मैं बहनचोद हूँ… बोल ना, मेरी जान…”
“हां दीदी, मैं बहनचोद हूँ… तुझ जैसी बहन सबको मिले… उह्ह… उह्ह…” मैंने जोर-जोर से उसकी गांड में धक्के मारने शुरू कर दिए। समीर उसकी चूत में अपना लंड डाल चुका था, और उसका 7 इंच का लंड पल्लवी की चूत को फाड़ रहा था। पल्लवी चिल्ला रही थी, “आह्ह… समीर… मेरी चूत फाड़ दे… और जोर से… आह्ह…”
पल्लवी दूसरी बार झड़ने वाली थी। उसकी चूत से रस टपक रहा था, और समीर उसका सारा रस चाट रहा था। मैंने और समीर ने एक साथ पल्लवी की चूत और गांड में अपना माल छोड़ दिया। पल्लवी चिल्लाई, “आह्ह… चोदो मुझे, मादरचोदो… मेरी चूत और गांड फाड़ दो… आह्ह… उम्म…” वो अपने चूत और गांड से हमारा माल निकालकर अपनी उंगलियों से चाट रही थी।
लगभग 20 मिनट बाद हम फिर से गर्म हो गए। पल्लवी अभी भी नंगी थी, और उसकी आंखों में वही हवस थी। हमने उसे घोड़ी बनाया। समीर उसकी चूत में पीछे से धक्के मार रहा था, और मैं उसके मुँह में अपना लंड डाल रहा था। मिंटू उसके चूचों को मसल रहा था और उसके निप्पल्स को चूस रहा था। पल्लवी की सिसकारियां कमरे में गूंज रही थीं, “आह्ह… उफ्फ… और जोर से… मेरी चूत फाड़ दो… आह्ह…”
मैंने पल्लवी से अपनी गांड का छेद चटवाया। उसकी जीभ मेरे छेद पर घूम रही थी, और मैं पागल हो रहा था। उस रात हमने उसे कई बार चोदा। हर बार नई पोजीशन में—कभी वो ऊपर, कभी हम नीचे। उसकी चूत और गांड को हमने बारी-बारी से चोदा, और वो हर बार मजे से चिल्लाती रही।
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अगले दिन से पल्लवी दिन में हमारी बहन थी, और रात में हमारी रंडी। हमारी कम्बाइंड स्टडीज हर रात का रूटीन बन गया।
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