सरकारी कर्मचारी की बीवी की प्यास

Cheating Wife Sex Story: मेरा नाम अनिकेत है। मैं कुशीनगर का रहने वाला हूँ। उम्र 27 साल की है। देखने में मैं दुबला-पतला हूँ, लेकिन मेरा लंड 6 इंच का है, सामान्य साइज का, पर चुदाई का स्टैमिना ऐसा कि जब तक सामने वाली की बुर पानी न छोड़ दे, मेरा पानी नहीं निकलता। मैं हर वक्त बुर चोदने को तैयार रहता हूँ, चाहे वो 18 साल की जवान लड़की की हो या 45 साल की आंटी की।

ये मेरी जिंदगी की एक सच्ची कहानी है, जो 2016 की है, जब मैं गोरखपुर में रहता था। एक दिन एक सोशल प्लेटफॉर्म पर मुझे गोरखपुर की ही रंभा नाम की एक 37 साल की औरत की प्रोफाइल दिखी। वो गदराई हुई थी, देखने में रानी मुखर्जी जैसी। उसकी तस्वीर देखते ही मेरा मन डोल गया। मैंने फट से उसकी प्रोफाइल पर रिक्वेस्ट भेजी और मैसेज कर दिया।

कई दिन बीत गए, कोई जवाब नहीं आया। मैंने हिम्मत नहीं हारी, रोज चेक करता रहा। आखिरकार एक दिन उसका रिप्लाई आया। हमारी चैट शुरू हुई। बातों-बातों में पता चला कि उसके पति गोरखपुर में किसी सरकारी दफ्तर में नौकरी करते हैं। उनका एक बेटा है, जो महाराष्ट्र के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ता है। धीरे-धीरे हमारी बातें बढ़ने लगीं। पहले तो सिर्फ हाल-चाल, फिर थोड़ी-थोड़ी पर्सनल बातें। मैंने एक दिन हिम्मत करके उससे मिलने की बात कही, लेकिन उसने साफ मना कर दिया। बोली, “नहीं, ऐसा कुछ नहीं हो सकता।”

मैं कहाँ मानने वाला था। बार-बार मिलने की जिद करता रहा। कई दिन की मेहनत के बाद आखिरकार उसने हाँ कर दी। उसने पास के एक कॉफी हाउस में मिलने को बुलाया। मैं टाइम से पहले ही पहुँच गया, दिल धक-धक कर रहा था। थोड़ी देर बाद रंभा आई। उसने मैरून साड़ी और स्लीवलेस ब्लाउज़ पहना था। उसकी गोरी बाँहें और साड़ी से झाँकता पेट देखकर मेरा लंड तन गया। लेकिन मैंने खुद को कंट्रोल किया और उससे बातें शुरू कीं।

बातों से पता चला कि वो दिनभर घर में अकेली रहती है। पति सुबह दफ्तर चले जाते हैं, बेटा हॉस्टल में। बोरियत में वो सोशल मीडिया पर टाइमपास करती है। कॉफी पीते-पीते हमने एक-दूसरे के बारे में काफी कुछ जाना। उसकी आवाज़ में एक अजीब-सी उदासी थी, जैसे वो जिंदगी से कुछ मिस कर रही हो। उसने जाने से पहले कहा, “फिर मिलेंगे।” मेरे लिए ये ग्रीन सिग्नल था।

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अब हम हर दो-तीन दिन में मिलने लगे। कॉफी हाउस, पार्क, कभी-कभी रेस्टोरेंट। लेकिन वो मुझे अपने घर बुलाने से कतराती थी। मैंने कई बार कोशिश की, पर वो टाल देती। एक दिन मैंने मूवी का प्लान बनाया। हम थिएटर में गए। अंधेरे में बैठे थे। मूवी शुरू हुई तो मैंने धीरे से अपना हाथ उसके हाथ पर रखा। उसने कुछ नहीं कहा। मेरी हिम्मत बढ़ी।

धीरे-धीरे मेरा हाथ उसकी जाँघ पर चला गया। उसने मेरा हाथ हटा दिया। मुझे लगा शायद गुस्सा हो गई। मैंने उसकी तरफ देखा, उसके चेहरे पर कोई गुस्सा नहीं था, बस एक उलझन थी। थोड़ी देर बाद मैंने फिर हिम्मत की और अपना हाथ उसकी जाँघ पर रखा। इस बार उसने नहीं हटाया। मैं धीरे-धीरे उसकी जाँघ सहलाने लगा। उसकी साँसें तेज़ होने लगीं। मेरा हाथ अब उसके कंधे पर था, फिर धीरे से उसकी चुची की तरफ बढ़ा। मैंने हल्के से उसकी चुची दबाई। “आह…” उसके मुँह से हल्की-सी सिसकारी निकली, लेकिन उसने मेरा हाथ हटा दिया।

मूवी खत्म होने वाली थी। मैंने सोचा अब ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहिए। बाहर निकले तो वो चुप थी। बिना ज्यादा बात किए वो घर चली गई। रात को मैंने मैसेज किया, “मूवी कैसी लगी?” उसने हँसते हुए जवाब दिया, “बहुत मस्त।” मैं समझ गया, लाइन क्लियर है। अब मैं उसे उसके घर पर मिलने के लिए मनाने लगा। कई दिन की जिद के बाद उसने हाँ कर दी। बोली, “कल सुबह 10 बजे आ जाना, पति के ऑफिस जाने के बाद।”

अगले दिन मैं ठीक टाइम पर उसके घर पहुँचा। उसने गुलाबी साड़ी पहनी थी, जिसमें वो और भी कातिल लग रही थी। जैसे ही उसने दरवाज़ा बंद किया, मैंने उसे अपनी बाँहों में भर लिया। वो मचलने लगी, छूटने की कोशिश करने लगी। बोली, “ये क्या कर रहे हो, अनिकेत? छोड़ो मुझे।” लेकिन उसकी आवाज़ में वो दम नहीं था। मैंने उसके गले पर चूमना शुरू किया। उसका विरोध धीरे-धीरे कम होने लगा। वो सिसकारियाँ भरने लगी, “उफ्फ… मत करो ना…”

मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से छुआ। वो पिघल गई। उसने मुझे अपनी बाँहों में कस लिया और मेरे होंठों को बेतहाशा चूमने लगी। मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी। वो मेरी जीभ चूस रही थी, मैं उसकी। हम दोनों जैसे पागल हो गए थे। चूमते-चूमते हम उसके बेडरूम में पहुँच गए। मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और उसके चेहरे, गले, कानों पर चूमने लगा। वो सिसकार रही थी, “आह… अनिकेत… उफ्फ…”

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मैंने उसकी साड़ी खींचकर उतार दी। वो अब सिर्फ ब्लाउज़ और पेटीकोट में थी। उसकी गोरी चूचियाँ ब्लाउज़ से बाहर आने को बेताब थीं। मैंने फिर से उसे चूमना शुरू किया और उसकी चूचियों को मसलने लगा। वो तड़प रही थी, “उह्ह… धीरे करो ना…” मैंने उसका पेटीकोट ऊपर उठाया और उसके गोरे पैरों को चूमने लगा। उसकी सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूँज रही थीं, “आह… ओह…”

अब मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए, सिवाय पैंटी के। उसकी 38 साइज़ की विशाल चूचियाँ देखकर मैं पागल हो गया। मैंने एक चुची को मुँह में लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा। निप्पल को हल्के से दाँतों से काटा। वो चिल्लाई, “आह… दर्द हो रहा है, धीरे करो। मैं कहीं भागी थोड़ी जा रही हूँ।” मैं उसकी दूसरी चुची चूसने लगा और उसके पेट को चाटने लगा।

धीरे-धीरे चाटते हुए मैं उसकी जाँघों तक पहुँचा। उसकी जाँघें गोरी और मुलायम थीं। मैं उन्हें चूमने लगा। वो गर्म हो चुकी थी। मैंने पैंटी के ऊपर से उसकी बुर पर चूमा। “उफ्फ…” उसने अपनी गाँड उठा दी। मैंने पैंटी के ऊपर से ही उसकी बुर चाटनी शुरू की। वो सिसकार रही थी, “ओह… आह… क्या कर रहे हो…” उसकी मादक आवाज़ मेरे लंड को और सख्त कर रही थी।

अब मैंने उसकी पैंटी उतार दी। उसकी बुर गुलाबी और गीली थी। मैंने अपने होंठ उसकी बुर पर रखे। वो मेरा सिर पकड़कर अपनी बुर पर दबाने लगी। मैंने अपनी जीभ उसकी बुर के अंदर डाल दी और चाटने लगा। जीभ को अंदर-बाहर करने लगा। उसकी बुर से पानी रिस रहा था, हल्का खट्टा और नमकीन। मैं मज़े से उसकी बुर को ऊपर से नीचे तक चाट रहा था। उसके बुर के दाने को चूस रहा था। वो चिल्लाई, “चाटो… और चाटो मेरी बुर को… आज इसे चाट-चाटकर सुखा दो!”

थोड़ी देर बाद उसने मेरे सिर को ज़ोर से दबाया और झड़ गई। “आह… ओह…” उसका सारा पानी मैंने पी लिया। वो अपनी बुर को मेरे चेहरे पर रगड़ने लगी। मेरा चेहरा उसके पानी से भीग गया। फिर वो मेरे चेहरे को चाटकर साफ करने लगी। हम फिर से चूमने लगे। अब वो नीचे आई और मेरे लंड को मुँह में ले लिया। उसके मुँह की गर्माहट से मुझे जन्नत का मज़ा आ रहा था। वो मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी।

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मुझे लगा मेरा पानी निकल जाएगा। मैंने उसे रोका और लिटा दिया। मैंने अपना लंड उसकी बुर पर रगड़ा और एक ज़ोर का धक्का मारा। “आह…” मेरा लंड उसकी बुर में घुस गया। मैं ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा। “चप… चप…” चुदाई की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। वो भोजपुरी में चिल्ला रही थी, “ऐसे ही पेला हो राजा… हमरी बुरिया के फाड़ दा… तहरा लंड से चुदवावे में बड़ा मज़ा आवत बा!”

वो भी अपनी गाँड उठा-उठाकर मेरा साथ दे रही थी। मैंने उसकी चूचियों को मसलते हुए धक्के मारे। “उफ्फ… और ज़ोर से… फाड़ दो मेरी बुर!” वो चिल्ला रही थी। करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था। मैंने पूछा, “पानी कहाँ?” उसने कहा, “मेरी बुर में ही डाल दो।” मैंने ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे और उसकी बुर में पानी छोड़ दिया। “आह…” हम दोनों हाँफते हुए एक-दूसरे के ऊपर गिर पड़े।

उस दिन मैंने तीन बार उसकी बुर और गाँड चाटी। जमकर चुदाई की। वो बोली, “इतना मज़ा मुझे आज तक नहीं मिला। आज पहली बार पूरी तरह संतुष्ट हुई।” इसके बाद 2020 तक, लॉकडाउन से पहले, मैं हफ्ते में 3-4 बार उसकी चुदाई करता था। उसकी गाँड कैसे मारी, वो अगली बार बताऊँगा।

मेरी कहानी आपको कैसी लगी? ज़रूर बताएँ। आपकी राय मेरे लिए ज़रूरी है!

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