बहकती बहू-18
Sasur ne Bahu ki seal todi – कहानी का पिछला भाग: बहकती बहू-17 मदनलाल बहू के ऊपर पड़ा अपनी थकान उतार रहा था। नीचे दबी काम्या ने उसे बाहों में जकड़ रखा था, टाँगें लपेटकर कैंची मार दी थी। तृप्त आँखों से छत की ओर देख रही थी। आज जो सुख पाया, उसकी कल्पना भी …