Bhikhari sex story सभी पाठकों को नमस्ते! मेरा नाम ज्योति अग्रवाल है और मैं मध्यप्रदेश के एक छोटे से शहर में रहती हूँ। मैं एक सामान्य गृहिणी हूँ, उम्र 28 साल, गोरी चिट्टी त्वचा, लंबे काले बाल, और शरीर का आकार ऐसा कि लोग घूरते रह जाते हैं। मेरी एक 8 महीने की बेटी है, जिसका नाम रिया है, और मैं उसे रोज अपना दूध पिलाती हूँ। मेरे पति राजेश एक छोटे व्यापारी हैं, उम्र 32 साल, साधारण कद-काठी के, लेकिन घरेलू जीवन में हम खुश हैं। यह कहानी उस वक्त की है जब मुझे अकेले एक लंबी रेल यात्रा करनी पड़ी। मेरी बेटी थोड़ी बड़ी हो चुकी थी, इसलिए मैंने उसे घर पर परिवार के साथ छोड़ दिया और मजबूरी में निकल पड़ी। यात्रा के दौरान जो हुआ, वो आज भी मेरे मन में ताजा है, जैसे कल की बात हो।
यात्रा की शुरुआत ऐसी हुई कि मैंने उस दिन एक फिरोजी रंग की पतली, पारदर्शी साड़ी पहनी थी, जो मेरे शरीर से चिपककर मेरी कर्व्स को उभार रही थी। मेरे पास खाने का कोई सामान नहीं था, क्योंकि जल्दबाजी में भूल गई थी। मेरे स्तनों का साइज 36D था, बड़े और भरे हुए, जिन्हें मैंने एक साधारण ब्लाउज से ढका था। ब्लाउज का कपड़ा इतना पतला था कि अंदर ब्रा न पहनने की वजह से मेरे गहरे काले निप्पल हल्के से नजर आ रहे थे। यात्रा 12 घंटे की थी, और घर से निकलते वक्त मैंने बेटी को दूध पिलाकर अपने स्तनों को पूरी तरह खाली कर लिया था, ताकि रास्ते में कोई परेशानी न हो। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
शाम के 6 बजे मैं ट्रेन में चढ़ी। ट्रेन लगभग खाली थी, सिर्फ कुछ यात्री इधर-उधर बिखरे हुए थे। मैं अपनी सीट पर बैठ गई, खिड़की से बाहर देखते हुए सोच रही थी कि घर पर सब ठीक होंगे। रात के 10 बजते-बजते मुझे अपने स्तनों में एक अजीब सी सख्ती महसूस होने लगी, जैसे वे फूलने लगे हों। मैंने इग्नोर करने की कोशिश की, अंगड़ाई ली, सीट पर थोड़ा एडजस्ट हुई, लेकिन फायदा नहीं हुआ। गर्मी का मौसम था, और दूध बनने की प्रक्रिया तेज थी। रात 12 बजे तक हालत ऐसी हो गई कि मेरे ब्लाउज पर निप्पल के आसपास गीलापन फैलने लगा—मेरा दूध खुद-ब-खुद लीक होने लगा था। ब्लाउज गीला हो रहा था, और मुझे डर लग रहा था कि कोई देख लेगा तो क्या सोचेगा।
मजबूरी में मैंने फैसला लिया कि टॉयलेट जाकर स्तनों को खाली कर लूँ, वरना पूरी रात परेशानी होगी। मैं उठी और टॉयलेट की तरफ गई, लेकिन वहाँ गेट के पास एक भिखारी बैठा हुआ था। वो करीब 40 साल का लग रहा था, दुबला-पतला शरीर, गंदे कपड़े, लंबी दाढ़ी, और आँखों में भूख की चमक। उसने मुझे देखते ही हाथ फैलाया और बोला, “बहन जी, कुछ खाने को दे दो, दो दिन से भूखा हूँ।” मेरे पास कुछ नहीं था, मैंने मना कर दिया। टॉयलेट के अंदर गई तो देखा कि जगह इतनी तंग थी कि आराम से कुछ कर ही नहीं सकती। बाहर आने पर सोचा कि वॉशबेसिन पर ही ट्राई कर लूँ, क्योंकि वहाँ भिखारी के अलावा कोई नहीं था, और ट्रेन की स्पीड में शोर इतना था कि किसी का ध्यान नहीं जाता।
बाहर आकर मैंने महसूस किया कि उसकी नजरें मेरे ब्लाउज पर टिकी हुई हैं, जहाँ गीलापन साफ दिख रहा था। मुझे अजीब लगा, शर्म आई, लेकिन मैंने उसकी तरफ पीठ करके ब्लाउज के हुक खोलने शुरू किए। ट्रेन की झटकों में ब्लाउज पूरा खुल गया, और मेरे बड़े स्तन हवा में लहरा उठे। साइड से उसे मेरे स्तनों का व्यू मिल रहा था, लेकिन मैंने इग्नोर किया और अपने हाथों से स्तनों को दबाकर दूध निकालने की कोशिश की। दूध की धार निकल रही थी, लेकिन ये काम इतना आसान नहीं था—दर्द हो रहा था, और पूरा खाली नहीं हो रहा था। पसीना आ रहा था, और मैं थक रही थी।
तभी भिखारी की आवाज आई, “मैडम जी, मुझे ही पिला दीजिए ना। मेरी प्यास भी बुझ जाएगी, और भूख भी थोड़ी कम हो जाएगी। मैं किसी को नहीं बताऊँगा।” मैं चौंक गई, शर्म से लाल हो गई, लेकिन सोचने लगी—मैं घर से इतनी दूर हूँ, कोई जान-पहचान वाला नहीं है। इससे उसकी भूख मिटेगी, और मेरी समस्या भी हल हो जाएगी। क्या गलत है इसमें? मैंने उसे अपनी सीट पर बुलाया और पूछा, “तुम्हारी शादी हुई है क्या?”
उसने सिर झुकाकर कहा, “नहीं मैडम, मैं भिखारी हूँ, मुझसे कौन शादी करेगा? मेरा नाम अकबर है, और मैं सालों से ऐसे ही जी रहा हूँ।” मैं मन ही मन सोचने लगी कि ये मुसलमान है, दूसरे धर्म का, लेकिन भूख तो भूख है। मैंने हिम्मत करके कहा, “मेरे स्तनों को खाली करना है। क्या तुम ये करोगे? लेकिन किसी को मत बताना।”
ट्रेन का अगला स्टॉप अभी एक घंटे बाद था, समय था। मैंने ब्लाउज को पूरी तरह खोल दिया, और उसका सिर पकड़कर अपने बाएँ स्तन से लगा लिया। वो छोटे बच्चे की तरह मेरे निप्पल को मुँह में ले लिया और चूसने लगा। पहले तो धीरे-धीरे, जैसे डर रहा हो, लेकिन फिर जोर से चूसने लगा। “आह… उह…” मैंने हल्की सी सिसकारी ली, क्योंकि चूसने से एक अजीब सा सुकून मिल रहा था, लेकिन साथ में शर्म भी। मैं सोच रही थी कि मैं, एक हिंदू पतिव्रता औरत, घर-परिवार वाली, इस अनजान मुसलमान भिखारी से अपने स्तन चुसवा रही हूँ। हमारा धर्म कहता है कि भूखे को खिलाना पुण्य है, लेकिन ये तरीका? मैं अपने आप से लड़ रही थी, लेकिन शरीर को राहत मिल रही थी। उसके होंठ मेरे निप्पल पर कसकर लगे थे, और दूध की धार उसके मुँह में जा रही थी। वो “म्म्म… उम्म…” की आवाजें निकाल रहा था, जैसे सच में भूख मिटा रहा हो। मैंने उसके सिर पर हाथ रखा, और धीरे से दबाया, ताकि वो और जोर से चूसे। करीब 5 मिनट तक वो बाएँ स्तन को चूसता रहा, मेरे निप्पल को जीभ से चाटता, दाँतों से हल्का काटता, जिससे मुझे करंट सा लग रहा था। “ओह… आराम से…” मैंने फुसफुसाया, लेकिन वो नहीं रुका। फिर मैंने कहा, “अब दायाँ वाला चूसो।” उसने आज्ञाकारी की तरह सिर हिलाया और दाएँ स्तन को मुँह में ले लिया। अब वो और कॉन्फिडेंट हो गया था, हाथ से स्तन को दबाकर चूस रहा था, जैसे दूध की आखिरी बूंद भी निकाल लेना चाहता हो। “आह… हाँ, ऐसे ही… उह…” मैं बुदबुदा रही थी, मेरी साँसें तेज हो गईं थीं। दोनों स्तन खाली होने में 10 मिनट लगे, और मुझे इतनी राहत मिली कि मैंने उसे धन्यवाद कहा। लेकिन अंदर से एक उत्तेजना जाग चुकी थी, जो मैं छिपा नहीं पा रही थी।
फिर मेरी नजर उसकी पैंट पर गई। उसकी जिप टूटी हुई थी, और उसका लंड का टोपा बाहर झाँक रहा था। मेरे पति के लंड से बिल्कुल अलग—उसके आगे की चमड़ी कटी हुई थी, और वो तना हुआ था, करीब 7 इंच लंबा, मोटा और काला। मैंने पूछा, “तुम्हारा टोपा इतना तना हुआ कैसे है? ऐसा क्यों है?” उसने शर्माते हुए कहा, “मैडम, मैं मुसलमान हूँ, जन्म से ही खतना होता है, चमड़ी कटी रहती है। आपके दूध पीने से ये खड़ा हो गया।” उसे देखकर मेरे मन में एक चुदासी की लहर दौड़ गई, चूत में हल्की सी गीलापन महसूस हुआ। मैंने कभी ऐसे लंड नहीं देखा था, और वो इतना आकर्षक लग रहा था।
उसने कहा, “मैडम, मैंने आपका काम किया, अब आप मेरा एक काम कर दो ना।” मैंने पूछा, “क्या?” वो बोला, “जैसे मैंने आपके स्तन चूसे, वैसे आप मेरा लंड चूस दो। प्लीज, बस थोड़ी देर।” मैं चौंक गई, “नहीं, मैंने तो अपने पति का भी कभी नहीं चूसा। तुम गंदे हो, और ये मेरी मजबूरी थी।” लेकिन वो गिड़गिड़ाने लगा, “मैडम, मेरी शादी नहीं हुई। पहली बार किसी औरत का स्तन चूसा है। मेरी मनोकामना पूरी कर दो, मैं कभी किसी को नहीं बताऊँगा।” उसकी बातों ने मेरी चुदासी को और भड़का दिया, मैं हिचकिचाई, लेकिन मन नहीं माना। मैंने ब्लाउज ठीक किया, फिर झुककर उसकी पैंट को थोड़ा नीचे सरकाया। उसका लंड पूरा बाहर आ गया, तना हुआ, गर्म और बदबूदार। मैंने पहली बार किसी का लंड मुँह में लेने की सोची, शर्म आ रही थी, लेकिन उत्तेजना ज्यादा थी। धीरे से मैंने टोपा मुँह में लिया, जीभ से चाटा। “उम्म… कितना गर्म है…” मैंने सोचा। वो “आह… मैडम… हाँ…” कहकर सिसकारने लगा। मैंने लॉलीपॉप की तरह चूसना शुरू किया, पहले धीरे, फिर जोर से। उसकी गंध ने मुझे और मदहोश कर दिया, मैं हाथ से लंड को सहलाती रही, जीभ से टोपा चाटती, मुँह में अंदर-बाहर करती। “ओह… उह… कितना मोटा है…” मैं बुदबुदाई। वो मेरे बाल पकड़कर धक्के देने लगा, “मैडम, चूसो जोर से… आह… ऐसे ही…” कुछ ही मिनटों में उसने मेरे मुँह में अपना वीर्य छोड़ दिया, गर्म और गाढ़ा। मैंने पढ़ा था कि वीर्य में प्रोटीन होता है, तो मैंने उसे निगल लिया। स्वाद नमकीन था, लेकिन अच्छा लगा। फिर मुझे अपनी मर्यादा याद आई, मैंने कहा, “ये गलत हुआ। अब चले जाओ।”
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लेकिन अकबर रुका नहीं, बोला, “मैडम, बस एक आखिरी ख्वाहिश—अपनी चूत के दर्शन करा दो।” मैं समझ गई कि अगर आगे बढ़ा तो वो मुझे चोद ही देगा, लेकिन मेरी चूत पहले से गीली थी। मैंने मना किया, “नहीं, बस हो गया।” लेकिन उसकी जिद पर मैंने पेटीकोट को थोड़ा ऊपर उठाया और चूत दिखाई। वो घुटनों पर बैठ गया, “वाह मैडम, कितनी सुंदर है! गुलाबी और साफ… एक बार चूस लूँ?” मैं हिचकिचाई, लेकिन हाँ कह दी। उसने पहले उंगली से छुआ, चूत के होंठों को फैलाया, “आह… कितनी गीली है…” फिर जीभ लगाई, धीरे-धीरे चाटने लगा। “उम्म… मैडम, स्वाद तो अमृत जैसा है…” वो बोला। मैं “ओह… आह… उह… आराम से…” सिसकार रही थी, मेरी टाँगें काँप रही थीं। उसने जीभ अंदर डाली, क्लिट को चूसा, उंगली से रगड़ता रहा। करीब 5 मिनट तक वो चूसता रहा, मैं उत्तेजना से पागल हो रही थी, लेकिन फिर मैंने उसे रोका, “बस, अब जाओ। किसी को मत बताना।”
उस रात मैं 4 घंटे सो नहीं पाई। उस भिखारी के बारे में सोचती रही, उसके लंड का स्वाद, उसकी जीभ की गर्मी। सुबह गंतव्य पर पहुँची, लेकिन वो रात आज भी याद है। मन में एक ख्वाहिश रह गई—काश उस रात मैं उससे चुदाई करा लेती।
अगर आपको मेरी ये हिंदी सेक्स स्टोरी पसंद आई, तो बताइए। मैं और भी सच्ची कहानियाँ सुनाऊँगी।
Har aurat ki chut bada lund mangti hai … aur anjaan aadmi se chudna har aurat ki pehli pasand hoti hai kyonki uske sath wo har wo kaam kar sakti hai jo ussey apne pati ke sath karne main sharam aati hai …👉👌💦🍆🤰🐂🤱❤️😘💃