मेरा नाम प्रेम है, और मैं जबलपुर का रहने वाला हूँ। मैं इंजीनियरिंग का स्टूडेंट हूँ, उम्र 22 साल, और मेरा कद 5 फीट 10 इंच है। मेरा रंग गोरा है, और बॉडी फिट है क्योंकि मैं जिम जाता हूँ। ये कहानी मेरी भाभी, रीना, के साथ मेरे पहले अनुभव की है। भाभी की उम्र 26 साल है, और वो एकदम माल लगती हैं। उनकी फिगर 32-30-38 की है, और उनकी गांड इतनी सेक्सी है कि उसे देखकर कोई भी पागल हो जाए। उनकी कमर पतली, नाभि गोल और गहरी, और उनके बूब्स इतने टाइट कि ट्रांसपेरेंट साड़ी में उनकी शेप साफ दिखती है। जब मैंने पहली बार भाभी को ट्रांसपेरेंट साड़ी में देखा था, उनकी नाभि और बूब्स की शेप ने मुझे दीवाना कर दिया। उस दिन से मैं उनके लिए कुछ अलग ही फील करने लगा था। मन में बस एक ही ख्याल था कि कैसे भाभी के साथ चुदाई करूँ। मैं हर रात उनके बारे में सोचकर मुठ मारता था, लेकिन मुझे नहीं पता था कि मेरा ये सपना इतनी जल्दी सच हो जाएगा। ये मेरी सच्ची कहानी है, जो कुछ महीने पहले की है।
उस दिन मैं भाभी के घर गया था। भैया ने दरवाजे पर ही मुझसे कहा कि उनके दोस्त का एक्सीडेंट हो गया है, और वो हॉस्पिटल जा रहे हैं। वो अगले दिन तक लौटेंगे। भैया ने मुझे बताया कि भाभी घर पर अकेली हैं, तो मैं रात वहीं रुक जाऊँ। उन्होंने कहा कि वो भाभी को फोन नहीं कर पाए क्योंकि हालात बहुत खराब थे। मैंने अपने मम्मी-पापा को बता दिया कि मैं रात को भाभी के साथ उनके घर रुक रहा हूँ। किस्मत से उस दिन मेरी और भैया की बॉडी बिल्ड एक जैसी थी, और मैंने वही नीली टी-शर्ट पहनी थी जो हम दोनों ने मॉल से एक साथ खरीदी थी।
जैसे ही मैं घर में घुसा, बिजली गुल थी। शाम का वक्त था, और घर में सिर्फ एक मोमबत्ती जल रही थी, जिसकी रोशनी इतनी कम थी कि चेहरा साफ नहीं दिख रहा था। अचानक भाभी ने पीछे से मुझे पकड़ लिया, उन्हें लगा कि मैं भैया हूँ। उनकी गर्म साँसें मेरे गले पर लग रही थीं, और मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। भाभी ने मेरे हाथ को पकड़ा और अपनी साड़ी के ऊपर से अपनी चूत पर रख दिया। मैं तो जैसे पागल हो गया। मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया, 5.5 इंच लंबा और 2 इंच मोटा। मैंने एक शब्द नहीं बोला, बस उनकी चूत को साड़ी के ऊपर से सहलाने लगा। मेरी उंगलियाँ उनकी चूत की दरार पर रगड़ रही थीं, और भाभी की साँसें तेज हो रही थीं।
अचानक भाभी ने मुझे पलटाया, और मैंने फट से मोमबत्ती बुझा दी ताकि वो मेरा चेहरा न देख सकें। वो मेरे होंठों पर टूट पड़ीं। मैंने उनके ऊपरी होंठ को चूसा, फिर निचले होंठ को, और धीरे-धीरे अपनी जीभ उनके मुँह में डाल दी। हम दोनों फ्रेंच किस में खो गए। भाभी मुझे भैया समझ रही थीं और पूरी तरह से साथ दे रही थीं। हमने करीब आधे घंटे तक किस किया। मेरे हाथ उनकी कमर पर थे, उनकी साड़ी की सिलवटें मेरी उंगलियों में फंस रही थीं। मैंने उन्हें अपनी बाहों में उठाया और बेडरूम में ले गया।
बेडरूम में अंधेरा था, सिर्फ खिड़की से हल्की-हल्की चाँदनी आ रही थी। मेरी वासना चरम पर थी। मैंने उनकी साड़ी खींचनी शुरू की। साड़ी फर्श पर गिर गई, और अब वो सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थीं। मैंने उनका ब्लाउज खोला, और उनकी काली ब्रा में उनके बूब्स उभरे हुए दिख रहे थे। मैंने ब्रा के ऊपर से ही उनके बूब्स को दबाया, उनकी निप्पल्स को मुँह में लिया। फिर मैंने उनकी ब्रा उतार दी। उनके 32 साइज के बूब्स एकदम टाइट और गोल थे, निप्पल्स गुलाबी और खड़े हुए। मैंने उनके एक निप्पल को मुँह में लिया और चूसने लगा, दूसरा हाथ से दबा रहा था। भाभी सिसकारियाँ ले रही थीं, “आह्ह… उह्ह… और जोर से…” उनकी आवाज में वासना भरी थी। मैंने उनके बूब्स पर हल्के-हल्के काटा, लव बाइट्स दिए, और उनकी बगल को चाटा। उनकी बगल की खुशबू मुझे और उत्तेजित कर रही थी। फिर मैंने उनकी गहरी नाभि को चूमा, जीभ से चाटा, और उनके पेट पर हल्के-हल्के दाँत गड़ाए। भाभी की सिसकारियाँ तेज हो गईं, “आह्ह… प्रेम… आज तुम कुछ ज्यादा ही जोश में हो…”
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अचानक भाभी ने मेरी टी-शर्ट उतार दी और मेरे लंड को पकड़ लिया। वो उसे सहलाने लगीं, और फिर उसे मुँह में ले लिया। जैसे ही उनकी गर्म जीभ मेरे लंड पर लगी, मुझे लगा मैं जन्नत में हूँ। वो मेरे लंड को ऐसे चूस रही थीं जैसे कोई आइसक्रीम चाट रहा हो। उनकी जीभ मेरे लंड के टॉप को चाट रही थी, और फिर वो उसे पूरा मुँह में ले रही थीं। मैंने उनकी पैंटी उतारी। उनकी चूत पूरी तरह शेव्ड थी, गुलाबी और गीली। मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू किया। मेरी जीभ उनकी चूत की दरार में घूम रही थी, और जब मैंने उनकी क्लिट को चूसा, वो जोर से चिल्लाईं, “आह्ह… उह्ह… और करो… ऐसे ही…” मैंने अपनी जीभ उनकी चूत में डाली, और वो मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाने लगीं। उनकी चूत से रस निकल रहा था, जिसे मैंने चाट लिया। इसका स्वाद नमकीन और उत्तेजक था। भाभी ने कहा, “आह्ह… तुम आज कुछ ज्यादा ही अच्छा कर रहे हो…”
हम 69 की पोजीशन में आ गए। मैं उनकी चूत चाट रहा था, और वो मेरा लंड चूस रही थीं। कुछ मिनट बाद वो फिर से झड़ गईं, और उनका रस मेरे मुँह में आ गया। मैंने सब चाट लिया। मैं भी अब कंट्रोल नहीं कर पा रहा था। मैंने अपना माल उनके मुँह में छोड़ दिया, और वो उसे पूरा पी गईं। फिर वो बोलीं, “आज कुछ अलग सा लग रहा है… तुम्हारा स्वाद भी…”
मैंने उन्हें बेड पर लिटाया और फिर से उनके बूब्स चूसने लगा। उनकी नाभि को चाटा, जीभ से गुदगुदी की। फिर मैंने उनकी टाँगें चौड़ी कीं और अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ने लगा। भाभी कराह रही थीं, “आह्ह… अब और मत तड़पाओ… डाल दो…” मैंने धीरे-धीरे अपना लंड उनकी चूत में डाला। उनकी चूत टाइट थी, क्योंकि उनकी शादी को सिर्फ 4 महीने हुए थे। जैसे ही मेरा लंड आधा अंदर गया, वो चिल्लाईं, “आह्ह… धीरे… आज तुम्हारा लंड कुछ बड़ा सा लग रहा है…” मैंने उनके होंठों पर किस किया और धीरे-धीरे पूरा लंड अंदर डाल दिया। फिर मैंने धक्के मारने शुरू किए। “चट… चट… चट…” की आवाज कमरे में गूँज रही थी। भाभी चिल्ला रही थीं, “आह्ह… उह्ह… हाँ… और जोर से… चोदो मुझे…” मैंने स्पीड बढ़ा दी। कुछ मिनट बाद वो बोलीं, “और तेज… मैं झड़ने वाली हूँ…”
अचानक बिजली आ गई, और भाभी ने मुझे देख लिया। वो चौंक गईं और मुझे धक्का देकर अलग हो गईं। “प्रेम! ये तुम! भैया कहाँ हैं?” मैंने उन्हें बताया कि भैया अपने दोस्त से मिलने हॉस्पिटल गए हैं, और रात को नहीं आएँगे। मैंने कहा, “भाभी, जैसे ही मैं घर में घुसा, आपने मुझे पकड़ लिया। मैं कुछ बोल पाता, उससे पहले आपने मुझे किस करना शुरू कर दिया। मैं आपको बताने की कोशिश कर रहा था, लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हुई।” मैंने उन्हें बताया कि मैं उन्हें बहुत प्यार करता हूँ और उनकी तरफ शुरू से आकर्षित था।
भाभी ने पहले मना किया, “नहीं, ये गलत है… मैं तुम्हारी भाभी हूँ…” लेकिन मैंने फिर से उन्हें किस करना शुरू कर दिया। पहले तो वो मना करती रहीं, लेकिन उनकी वासना भी जाग चुकी थी। वो बोलीं, “आह्ह… मैं अब कंट्रोल नहीं कर सकती…” और उन्होंने मुझे जोर से किस किया। मैंने उन्हें मिशनरी पोजीशन में लिटाया और फिर से अपना लंड उनकी चूत में डाला। “आह्ह… धीरे… दर्द हो रहा है…” वो बोलीं। मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए, और फिर स्पीड बढ़ा दी। “चट… चट… चट…” की आवाज फिर से गूँजने लगी। भाभी चिल्ला रही थीं, “आह्ह… उह्ह… चोदो… और जोर से…” दस मिनट तक मैंने उन्हें चोदा, फिर हम डॉगी स्टाइल में आ गए। मैंने उनकी गांड को सहलाया और जोर-जोर से धक्के मारे। वो चिल्ला रही थीं, “हाँ… और तेज… मैं झड़ने वाली हूँ…” कुछ मिनट बाद वो झड़ गईं, और मैंने भी अपना माल उनकी चूत में छोड़ दिया।
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हम दोनों थककर बेड पर लेट गए। मैंने भाभी से कहा, “मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, भाभी।” उन्होंने मुस्कुराकर कहा, “मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ, प्रेम।” कुछ मिनट बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। मैंने उनके निप्पल्स को चूसा, उनकी पीठ को चूमा, और फिर उनकी गांड की तरफ बढ़ा। मैंने उनकी गांड को चाटा, और एक उंगली अंदर डालने की कोशिश की। भाभी ने मना किया, “नहीं… मैंने वहाँ कभी नहीं किया… दर्द होगा…” लेकिन मैंने हल्का सा तेल लिया और उनकी गांड में उंगली डाली। वो सिसकारीं, “आह्ह… धीरे…” मैंने धीरे-धीरे अपना लंड उनकी गांड में डाला। आधा लंड अंदर जाते ही वो चिल्लाईं, “आह्ह… दर्द हो रहा है… निकालो…” मैंने उन्हें किस किया, उनके बूब्स दबाए, और धीरे-धीरे पूरा लंड अंदर डाल दिया। कुछ मिनट बाद वो रिलैक्स हो गईं और बोलीं, “हाँ… अब चोदो… तेज…” मैंने उनकी गांड को जोर-जोर से चोदा। “थप… थप… थप…” की आवाज गूँज रही थी। दस मिनट बाद मैं उनकी गांड में झड़ गया।
भाभी ने कहा, “प्रेम, तुम्हारे साथ ये बहुत अच्छा था।” इसके बाद, जब भी भैया घर पर नहीं होते, हम दोनों चुदाई करते हैं।
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Iska title hona chahiye tha ki batti Gul bhabhi ki chudai ful