बेटी बनी पापा की पत्नी – 5

कहानी का पिछला भाग: बेटी बनी पापा की पत्नी – 4

सुबह के 6 बजे मैं टॉयलेट जाने के लिए उठी तो पापा की बाहें अभी भी मुझे कसकर जकड़े थीं। उनकी मजबूत पकड़ में मैंने धीरे से उनका हाथ हटाया और बिस्तर से उठकर बाथरूम चली गई। शीशे में खुद को देखते हुए मेरी गालें शर्म से लाल हो गईं। मेरी चूत के आसपास हमारे पहले प्यार के निशान साफ दिख रहे थे—खून और वीर्य की सूखी पपड़ियां। मेरी रसभरी चूत सूजकर कचौड़ी जैसी हो गई थी, और उसका हल्का दर्द अभी भी मेरे जिस्म में बाकी था।

तभी पापा पीछे से आए और मेरे गले को चूमते हुए बोले, “गुड मॉर्निंग, शोना!” उनकी गर्म सांसें मेरी गर्दन पर लगीं तो मैंने मुस्कुराकर जवाब दिया, “गुड मॉर्निंग, बाबू! हैप्पी सुहागरात, जानू!” हम दोनों साथ में फ्रेश हुए। पापा ने मुझे अपनी बाहों में उठाया और चूमते हुए बिस्तर पर ले आए। उन्होंने पूछा, “शोना, रात में मजा आया? नींद कैसी आई?”

मैं शर्म से उनकी छाती पर हल्के मुक्के मारते हुए बोली, “पापा, आप बड़े बदमाश हो!” पापा ने मेरी आंखों में आंखें डालकर पूछा, “क्या बदमाशी की मैंने?” मैंने शरमाते हुए कहा, “आप सब जानते हैं, मुझे कितना मजा आया था, फिर भी परेशान कर रहे हैं!” हम बातें करते हुए एक-दूसरे को चूम रहे थे, और पापा मेरी चूचियों को सहला रहे थे, जिससे मेरा जिस्म गर्म होने लगा।

पापा ने कहा, “निशी, हमारी सुहागरात अभी अधूरी है। आज मैं तेरी पूरी लूंगा।” मैंने छेड़ते हुए जवाब दिया, “पापा, प्लीज, और नहीं! आपका आधा लंड ही मेरी जान निकाल देता है, मैं मर जाऊंगी!” पापा मिन्नतें करने लगे, और मुझे अच्छा लगा कि वो मेरी चूत के लिए तरस रहे हैं। मैं नखरे दिखा रही थी, लेकिन मेरा मन भी बहकने लगा। मेरी चूत का दर्द अब कम हो चुका था, और मैं गर्म हो रही थी।

मैंने अपना हाथ पापा की छाती पर रखा और उनके निप्पल को सहलाने लगी। पापा सिसकारियां भरने लगे, मेरे बालों में उंगलियां फिराते हुए बोले, “जानू, मेरे निप्पल को हल्का सा दांतों से काटो।” मैंने उनके निप्पल को दांतों से हल्का सा दबाया, और पापा “सीस्स्स” करते हुए मजे में डूब गए। मुझे भी उनका निप्पल काटने में अजीब सा मजा आ रहा था।

पापा ने मेरे कान में फुसफुसाया, “जानू, एक सुबह वाला राउंड हो जाए?” मेरी चूत अब गीली हो चुकी थी, दर्द हल्का था। मैंने शरमाते हुए कहा, “पापा, आप फिर से प्यार करना चाहते हो?” पापा बोले, “हां, जानू, लेकिन तू बोलेगी तभी करूंगा।” मैंने कहा, “पापा, आप मेरी इतनी केयर करते हैं, मैं आपको कैसे मना कर सकती हूं? बस धीरे-धीरे करना, दवा के असर से दर्द कम है। आई लव यू, आपके लिए मेरी चूत क्या, जान भी हाजिर है!” पापा खुश होकर मुझे चूमने लगे।

पापा ने कहा, “बिट्टू, 69 हो जाए? तू मेरा लंड पियो, मैं तेरी चूत चाटूं।” हम 69 की पोजीशन में आ गए। मैंने अपनी चूत पापा के मुंह पर रखी और उनका लंड मुंह में ले लिया। जैसे ही पापा की जीभ मेरी चूत पर लगी, मैं कांप उठी। “आआह्ह… मम्मी!” मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया, और पापा ने उसे चूस लिया। मैंने उनके लंड को चूसकर खड़ा किया। तभी पापा ने मुझे पलट दिया और मेरे ऊपर आ गए। मेरी टांगें खोलकर उन्होंने अपने लंड का सुपाड़ा मेरी चूत के मुहाने पर रगड़ना शुरू किया।

मैं कामवासना में सिसकारियां लेने लगी, “आआह्ह… सीस्स… उई मां… पापा, मुझे कुछ हो रहा है, प्लीज कुछ करो!” पापा बोले, “क्या करूं, खुलकर बोल!” मैं शरमाते हुए बोली, “पापा, मुझे चोदो!” पापा ने छेड़ा, “सुनाई नहीं दिया, और जोर से बोल!” मैंने चिल्लाकर कहा, “पापा, मुझे चोदो! अपना लंड मेरी चूत में डालो, अपनी बेटी की कुंवारी चूत ले लो! प्यार से चोदना, दर्द मत देना, आई लव यू!”

पापा ने अपने लंड को मेरी चूत के छेद पर सेट किया और हल्का सा धक्का मारा। उनका सुपाड़ा अंदर घुसा, और मेरे मुंह से जोर की चीख निकली, “आआह्ह्ह!” पापा ने मेरे होंठ चूम लिए और मेरी आंखों में देखकर बोले, “जानू, कैसा लगा?” मैंने सिसकते हुए कहा, “पापा, मैं और मेरी चूत दोनों आपके हैं, प्यार से चोदो!” पापा ने सुपाड़ा बाहर निकाला और फिर धीरे से अंदर डाला। इस बार 3 इंच अंदर गया। मैं जोर से सिसकी, “पापा, धीरे करो!” पापा बोले, “बिट्टू, थोड़ा सहन कर, फिर तू कहेगी और जोर से!”

इसे भी पढ़ें   छोटी सी बुर में मामा का मोटा लंड - Mama ka mota lund

आप यह Couple Sex Kahani हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

पापा ने पूरा लंड बाहर खींचा, मेरी टांगों को मेरी चूचियों तक मोड़ा और कसकर पकड़ लिया। फिर लंड मेरी चूत पर सेट करके एक जोरदार धक्का मारा। 4 इंच अंदर घुस गया, और मैं दर्द से छटपटाने लगी, “आआह्ह… सीस्स… उई मां… उफ बाबू, आई लव यू, आराम से करो, बहुत दर्द हो रहा है!” पापा ने मेरे होंठ चूसकर मुझे चुप कराया। मेरे आंसू बहने लगे, जिन्हें पापा ने चाट लिया।

पापा ने धीरे-धीरे लंड अंदर-बाहर करना शुरू किया। मेरी चूत पानी छोड़ने लगी, और मुझे मजा आने लगा। तभी पापा ने एक और धक्का मारा, 1 इंच और अंदर गया। मैं तड़प उठी, “आआह्ह… उई मां!” पापा का 6 इंच लंड अब मेरी चूत में गचागच चल रहा था। मैं आनंद से उड़ने लगी। पापा बोले, “जानू, अब कैसा है?” मैंने कहा, “पापा, दर्द कम हुआ, अब मजा आ रहा है!” पापा बोले, “अगर कहे तो बाकी लंड भी डाल दूं?” मैंने कहा, “पापा, आप मेरी जान लेना चाहते हो? आपका लंड मेरी बच्चेदानी तक पहुंच गया है!” पापा बोले, “जानू, थोड़ा और हिम्मत कर, जन्नत की सैर करेगी!”

मैंने कहा, “पापा, मैं आपको बहुत प्यार करती हूं। आप चाहते हैं तो 1 इंच और डाल दो!” पापा ने मेरी कमर पकड़ी, लंड बाहर निकाला और एक जोरदार धक्का मारा। मैं तड़प उठी, “आआह्ह… सीस्स… उई मां… पापा, निकाल लो, मैं मर जाऊंगी!” 7 इंच लंड मेरी चूत में बच्चेदानी तक घुसा था। मैंने कहा, “पापा, बस इतने से करो, और अंदर घुसा तो मैं मर जाऊंगी!” पापा बोले, “शोना, ज्यादा दर्द हो रहा है? निकाल लूं?” मैंने कहा, “नहीं, पापा, धीरे-धीरे करो।”

पापा ने मेरी टांगों को कंधों पर रखा, लंड का सुपाड़ा मेरी चूत पर सेट किया और धीरे-धीरे धक्के मारने लगे। 1 इंच, फिर 4 इंच, और फिर 6 इंच अंदर-बाहर होने लगा। मैंने कुछ जेली उंगलियों पर ली और अपनी चूत पर लगाई। फिर पापा का लंड पकड़कर अपनी चूत पर सेट किया। पापा ने मेरी चूचियों को मसलते हुए 3-4 धक्कों में 7 इंच लंड मेरी बच्चेदानी तक घुसा दिया। जेली की वजह से दर्द कम था, और मजा आने लगा।

पापा ने कहा, “जानू, अब कच्छी मुंह में डाल लो।” मैं डर गई, बोली, “पापा, पूरा नहीं, मैं मर जाऊंगी!” मैंने कच्छी मुंह में डाली। पापा मेरे ऊपर लेटे, मेरे कंधे पकड़े और एक जोरदार धक्का मारा। 1 सेंटीमीटर और अंदर गया। मैं चीखी, “उई मां… पापा, आराम से!” पापा ने एक और धक्का मारा, 1 इंच और अंदर। मैं चिल्लाई, “आआह्ह… सीस्स… उई मां… बस, पापा, और नहीं!” 8 इंच मेरी चूत में खूंटे की तरह धंसा था। मेरी नाभी ऊपर खिंच गई।

पापा मेरी चूची को मुंह में लेकर चूसने लगे, दूसरी को दबाने लगे। मेरा दर्द कम हुआ, और मजा आने लगा। पापा ने मेरी आंखों में देखकर पूछा, “करूं?” मैंने आंसुओं भरी आंखों से इशारा किया, “चोदो!” पापा ने लंड बाहर खींचकर एक भयंकर धक्का मारा। 9 इंच लंड मेरी चूत को चीरता हुआ दिल तक पहुंच गया। मैं चीखी, “सीस्स… आआह्ह… उई मां… उफ बाबू, आई लव यू, आराम से करो, मैं मर जाऊंगी!” दर्द से मैं बेहोश हो गई।

पापा ने मेरे मुंह पर पानी की छींटें मारीं। मैंने कराहते हुए आंखें खोलीं। पापा मेरी आंखें चूमने लगे, मेरे आंसू चाट लिए। बोले, “शोना, अब कैसा है?” मैंने कहा, “दर्द में राहत है।” पापा मुस्कुराए और पूछा, “और अंदर डालूं?” मैं डर गई, बोली, “नहीं, पापा, बहुत दर्द हुआ था, दोबारा बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगी!” पापा बोले, “बेटू, धीरे-धीरे करूंगा, आई लव यू।” मैंने कहा, “आई लव यू टू, जानू, लेकिन धीरे करो।”

पापा धीरे-धीरे लंड अंदर-बाहर करने लगे। मेरी दर्द भरी चीखें आनंद की सिसकारियों में बदल गईं, “आआह्ह… सीस्स… उई मां…” पापा मेरी चूची चूसने लगे, जिससे दर्द और कम हुआ। उनका 9 इंच लंड मेरी चूत में पूरी तरह समा रहा था। 18 साल की जवान लड़की की चूत और 36 साल के ताकतवर मर्द का लंड—जैसे शेर किसी मासूम बकरी को दबोच रहा हो। मैं नीचे दबी सिसकारियां ले रही थी, “आआह्ह… उई मां… उफ…” पापा मेरी चूचियों को चूसते और दबाते हुए चोद रहे थे।

लगभग 100 धक्कों के बाद पापा ने मेरी बच्चेदानी में गर्म लावा उड़ेल दिया। ऐसा लगा जैसे सूखे खेत में बारिश हो गई। हम दोनों पसीने से लथपथ एक-दूसरे को मुस्कुराते हुए देख रहे थे। मैं शरमाते हुए बोली, “पापा, ऐसे क्या देख रहे हैं?” पापा बोले, “निशी, तू कितनी अच्छी लग रही है, तूने मुझे जन्नत दिखाई, आई लव यू, बेटू!” मैंने कहा, “आप बहुत जालिम हो, मेरी जान निकाल दी!” पापा मेरे ऊपर निढाल होकर लेट गए।

इसे भी पढ़ें   ससुर जी का जवान लंड-3

थोड़ी देर बाद पापा बगल में लेट गए। मैंने उनके लंड को सहलाया, जिसने मुझे कली से फूल बनाया था। मेरी ब्रा और पैंटी पापा के नीचे दबी थीं। पापा गहरी नींद में थे। मुझे उनके सामने नंगी होने में शर्म नहीं, बल्कि उत्तेजना महसूस हो रही थी। मेरी जांघों में दर्द था, मैं ठीक से चल भी नहीं पा रही थी। एक रात में पापा के जालिम लंड ने मेरी चाल बदल दी थी।

आप यह Couple Sex Kahani हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

मैं मुस्कुराते हुए बाथरूम गई। शीशे में देखा तो मेरी चूचियों, जांघों, गालों और पेट पर पापा के दांतों के निशान थे। मेरी चूचियां एक रात में बड़ी सी लग रही थीं। इन निशानों को देखकर मैं शरमा रही थी, लेकिन मन ही मन पापा की मर्दानगी की कायल हो गई थी। एक रात में उन्होंने मुझे कली से फूल बना दिया था।

नहाते वक्त मैंने अपने जिस्म को साबुन से रगड़ा। हर अंग को छूते ही पापा के स्पर्श की याद आ गई—कैसे उन्होंने मेरे जिस्म को मसला, चूमा, चाटा और काटा था। मेरे रोंगटे खड़े हो गए, सांसें तेज हुईं, और मैं आसमान में उड़ने लगी। पापा के वीर्य की सूखी पपड़ियां मेरे जिस्म पर उनके प्यार का एहसास करा रही थीं।

नहाकर मैं सिर्फ तौलिया लपेटकर बेडरूम में आई। आज मुझे पापा के सामने नंगी होने में शर्म नहीं, बल्कि एक अलग उत्तेजना थी। मैं शीशे के सामने तैयार होने लगी। पापा अभी सो रहे थे। मैंने तौलिया गिरा दिया और नंगी खड़ी होकर खुद को सजाने लगी। मेरी चूचियों पर लाल निशान देखकर मैं शरमा गई, लेकिन मन ही मन मुस्कुरा रही थी।

मैंने अलमारी से काली साड़ी, मैचिंग ब्लाउज और पेटीकोट निकाला। नई ब्रा-पैंटी पहनी। ब्लाउज स्लीवलेस और डीप नेक था, जो मेरी चूचियों को मुश्किल से ढक रहा था। पेटीकोट को मैंने नाभि से 3 इंच नीचे बांधा, जिससे मेरी नाभि और कमर का हिस्सा उजागर हो गया। साड़ी बांधकर मैंने मेकअप किया, खासकर गाल पर काटने का निशान फाउंडेशन से ढका। बाल खुले छोड़े, जिनसे पानी की बूंदें टपक रही थीं।

पापा की ओर देखकर मैंने धीरे से कहा, “सारी रात सोने नहीं दिया, अब देखो कैसे आराम से सो रहे हैं!” फिर मैं बेटियों के कमरे में गई, उन्हें उठाया और किचन में पापा के लिए चाय बनाने चली गई। चाय लेकर आई तो पापा अभी भी सो रहे थे। मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रखकर चूम लिया। पापा मेरे इस अंदाज से जागे और मुझे बाहों में भर लिया। हम दोनों के होंठ मिले, और पापा बोले, “बड़ी जालिम लग रही हो!” उन्होंने मेरे ब्लाउज के हुक खोलने की कोशिश की।

मैंने शरारत से कहा, “पापा, रात को क्या कम किया? चाय ठंडी हो जाएगी!” पापा ने चाय का कप मेरी ओर बढ़ाया, “जान, पहले इसे मीठा कर!” मैंने मुस्कुराकर कहा, “मीठी है, अब फ्रेश हो जाओ!” पापा बोले, “डार्लिंग, तुम मुझे अपनी बाहों में लो, मैं तुम्हारे साथ फ्रेश हो जाऊंगा!” मैंने उनकी ओर अंडरवियर उछाला, “इसे पहन लो!” पापा ने लंड सहलाते हुए कहा, “पास आ, इसे अंदर कर दे!” मैंने शरमाते हुए कहा, “बच्चों को तैयार करना है!” और बाहर चली गई।

पापा तैयार होकर बेटियों को स्कूल छोड़ने गए। छोटी बेटी रिंकी बोली, “मम्मी, आज आप बहुत क्यूट लग रही हो!” मैंने उसे चूम लिया। रिंकी ने कहा, “पापा को भी पप्पी दो!” मैंने शरारत से कहा, “पापा ने नहाया नहीं, नहा लें तो दूंगी!” रिंकी ने मेरी चूची पर पापा के दांतों का निशान देखकर पूछा, “ये क्या है?” मैंने शरमाते हुए कहा, “मच्छर ने काट लिया!” पापा ने मुझे आंख मारी, और मैं समझ गई कि वो लौटकर मुझे फिर से प्यार करेंगे।

पापा के जाते ही मैं घर के कामों में लग गई। बेडरूम में बिस्तर पर कुचले फूल, मेरी टूटी चूड़ियां और चूत से निकले खून व वीर्य के निशान थे। मैं शरमा गई। जल्दी से बिस्तर ठीक किया और अपनी ब्रा-पैंटी, जो वीर्य से सनी थी, संभालकर रख ली—ये मेरी सुहागरात की निशानी थी।

इसे भी पढ़ें   हॉट इंडियन लेडी सेक्स का मजा लिया | Hot Indian Lady Antarvasna Story

किचन में नाश्ता बनाते वक्त पापा पीछे से आए और मेरी कमर पकड़कर मुझे चिपका लिया। उनका खड़ा लंड मेरी गांड में चुभ रहा था। मैंने कहा, “पापा, नाश्ता बना रही हूं!” पापा मेरे पेट को सहलाते हुए बोले, “निशी, मेरी जान, आई लव यू!” उनकी सांसें मेरी गर्दन पर लगीं, और मैं सिहर उठी। पापा ने मेरे कान चूसते हुए कहा, “मेरी रानी, मैं तुझे प्यार कर रहा हूं!” उनके हाथ मेरी चूचियों पर पहुंचे और निप्पल मसलने लगे। मैं सिसकी, “आआह्ह… धीरे, पापा!”

पापा ने मेरी साड़ी का पल्लू गिराया और ब्लाउज के हुक खोल दिए। मेरी चूचियां ब्रा में कैद थीं। पापा ने मुझे चूमते हुए ब्रा उतारी और मेरी चूचियों को चूसने लगे। मैं कसमसाई, “पापा, कोई आ गया तो?” पापा बोले, “कोई नहीं आएगा, जान!” मैंने उनकी बाहों से निकलकर बेडरूम की ओर इशारा किया। पापा मेरे पीछे आए, मेरी साड़ी खींचकर उतार दी। मैं ब्रा-पैंटी में थी। पापा ने मेरे पेटीकोट का नाड़ा खींचा, और वो जमीन पर गिर गया।

आप यह Couple Sex Kahani हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

पापा ने मेरी ब्रा का हुक खोला और चूचियों को चूसने लगे। उनका एक हाथ मेरी पैंटी में गया, और मेरी चूत को सहलाने लगा। मैं सिसक रही थी, “आआह्ह… धीरे, पापा, रात को तो चूस-चूसकर लाल कर दिया!” पापा बोले, “जान, तू इतनी नमकीन है, आई लव यू!” मैंने उनकी पैंट खोली, उनका लंड बाहर आया—काला, मोटा और लंबा। मैंने उसे सहलाया, और वो और सख्त हो गया।

पापा ने मुझे बिस्तर पर लिटाया, मेरी टांगें फैलाईं और लंड मेरी चूत पर सेट किया। जैसे ही सुपाड़ा चूत पर लगा, मैं सिहर उठी। पापा ने एक जोरदार धक्का मारा, और आधा लंड अंदर घुस गया। मैं चिल्लाई, “उई मां… आआह्ह… मर जाऊंगी!” पापा मेरे होंठ चूसते हुए बोले, “जान, धीरे करूंगा।” लेकिन अगले धक्के में उनका 7 इंच लंड मेरी चूत में समा गया। मैं चीखी, “सीस्स… आआह्ह… बेटीचोद, आराम से चोद, तेरी बेटी हूं!”

पापा मेरी कमर पकड़कर गचागच चोदने लगे। मेरी चूचियां लटक रही थीं, और मैं शीशे में पापा को अपनी चूत में लंड पेलते देख रही थी। पापा बोले, “जान, तेरी चूत इतनी टाइट है, मजा आ रहा है!” मैं सिसक रही थी, “आआह्ह… पापा, धीरे… उई मां…” पापा ने स्पीड बढ़ाई, और आखिर में उनकी पिचकारी मेरी चूत में गिरी। मैं आनंद से कांप उठी।

पापा मेरे ऊपर गिर पड़े। मैंने उनकी ब्रा से उनका लंड साफ किया। पापा ने मुझे चूमा, “निशी, आई लव यू!” मैंने कहा, “जानू, बस ऐसे ही प्यार करते रहना!” हम दोनों कपड़े पहनने लगे। पापा बोले, “जान, घर में सिर्फ ब्रा-पैंटी में रहो।” मैंने मुस्कुराकर कहा, “ठीक है, आपकी हर इच्छा पूरी करूंगी।”

पापा किचन में मेरी मदद करने लगे, लेकिन बार-बार मेरी गांड सहलाते। मैं शरमाते हुए बोली, “हटिए, नाश्ता बनने दीजिए!” नाश्ता बनाकर मैं उनकी गोद में बैठी। उनका लंड मेरी गांड में चुभ रहा था। हम एक-दूसरे को नाश्ता खिलाने लगे। पापा इतने रोमांटिक थे, मैं उनकी हर इच्छा पूरी करना चाहती थी।

शाम को रिंकी आइसक्रीम के लिए जिद करने लगी। पापा बोले, “जान, बच्चों को कुल्फी खिला दूंगा, और तेरे लिए ब्लैक चोकोबार रात को!” मैंने शरारत से कहा, “रात को खा लूंगी!” रात को बेटियों को सुलाकर मैं पापा के पास गई। पापा ने दवा लाकर हमें खिलाई। बेडरूम में पापा ने मेरी साड़ी उतारी, ब्रा-पैंटी में मुझे चूमने लगे। मैं बोली, “पापा, आप इतने रोमांटिक कैसे हैं?” पापा बोले, “जान, तेरे हुस्न का कमाल है!”

पापा ने मेरी चूचियां चूसीं, मेरी चूत चाटी। मैं सिसक रही थी, “आआह्ह… पापा, चोदो ना!” पापा ने मुझे चोदा, और हम दोनों आनंद में डूब गए।

क्या आपको ये कहानी पसंद आई? अपने विचार कमेंट में शेयर करें!

कहानी का अगला भाग: बेटी बनी पापा की पत्नी – 6

Related Posts

Report this post

2 thoughts on “बेटी बनी पापा की पत्नी – 5”

Leave a Comment