दोस्तो, मेरे एक पाठक ने मुझे यह Antarvasna Mom Xxx Hindi Sex Story भेजी है। मैंने उनसे पूछकर इस कहानी को थोड़ा और दिलचस्प बनाया है; आप इसे पढ़ सकते हैं।
मेरा नाम रत्नालाल है और मैं पचास वर्ष का हूँ। मेरा परिवार सिर्फ मैं, मेरी पत्नी और मेरा बेटा है।
मेरी पत्नी की एक सहेली, रूपा, कुछ समय पहले मेरे साथ खुलने लगी. उसने मुझे जीजाजी कहकर हंसी मज़ाक करने लगी, लेकिन मैंने मौका निकालकर रूपा को चोद दिया और इसके बाद हमारा नाजायज संबंध चला गया।
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रूपा के घर में मेरी हैसियत आज भी उसके पति की है। रूपा की दोनों बेटियाँ मुझे ही पापा कहती हैं, और मैं पूरी जिम्मेदारी से उनकी हर एक आवश्यकता को पूरा करता हूँ।
प्रेम इतना बढ़ गया कि मैं भूल गया कि मेरे पास सिर्फ एक बेटा है। मैंने भी उन दोनों लड़कियों को अपने पिता का भरपूर प्यार दिया। उन्हें कभी कुछ नहीं मिला। साथ ही मेरी बीवी ने बताया कि दोनों लड़कियाँ आपसे अपने सगे पिता से भी अधिक प्यार करती हैं।
यह भी सही था क्योंकि रूपा का पति घर पर रोआब करता था और अक्सर लड़कियों को डांट देता था और कम बोलता था। लेकिन मैं लड़कियों से बहुत हंस लेता था। जब भी मैं उनके घर जाता, दोनों लड़कियाँ मुझसे प्यार से चिपक जाती।
किंतु मैंने कभी नहीं महसूस किया कि ये किसी अन्य व्यक्ति की लड़कियाँ हैं। मैंने भी खेलते समय दोनों लड़कियों को गोद में उठाया, उनके कंधों पर बैठाया और एक ही बेड पर लेटकर मोबाइल पर गेम खेले। चारों ओर खुशी बह रही थी।
अब मेरी बीवी भी मानने लगी कि मैं सिर्फ उन लड़कियों के प्रेम के कारण रूपा के घर जाता हूँ, इसलिए मैं कभी-कभी अकेला भी जाता था।
बस इतनी ज़रूरत थी कि रूपा अक्सर कहती थी कि हम सिर्फ दिन में मिलते क्यों हैं? हम दोनों सारी रात प्रेम खेल सकते हैं, कभी कोई कार्यक्रम बनाओ। वह रात मुझे बहुत याद आती है। तुम मेरे साथ सारी रात लेटे हो और बिल्कुल नंगे प्यार करें।
लेकिन अब भी मेरे सामने यही समस्या है। मैं बाहर रात कैसे बिताऊँ जब मेरा बीवी घर में है? रूपा की बेटियाँ भी एक और समस्या हैं। वह समस्याएं, जो मेरे घर में हैं।
तुम नहीं जानते कि किस्मत कब तुम्हें किस ओर ले जाएगी।
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यही मेरे साथ हुआ।
मैं एक दिन रूपा के घर गया। मैं सीधे रसोई में गया, जहां रूपा थी. मैंने अपने साथ लाए गर्मागर्म समोसे रूपा को दिये और उसे पीछे से ही अच्छी तरह से अपनी बांहों में भर लिया।
उसने उसके होंठों को चूमकर मुंह घुमाया और चुम्बन से जवाब दिया।
मैंने लड़कियों को कहाँ पाया?
कमरे में ऊपर बैठी वह बोली।
मैंने झट से उसकी नाईटी उठानी शुरू की तो वह बिदकी, कहते हुए कि कोई आ जाएगा।
मैं सिर्फ उसकी फुद्दी देखना चाहता था, और उसने ऐसा ही किया।
मैंने कहा, ठीक चाय लेकर ऊपर आ जाओ।
लड़कियों के कमरे में मैं चला गया। मुझे देखते ही दोनों लड़कियाँ खुशी से चहक उठी और दौड़कर मुझसे लिपटकर कहा, “पापा, नमस्ते पापा।”
जब मैंने उनसे प्यार किया, वे फिर अपनी जगह जाकर बैठ गए।
बाद में मैंने उनसे उनकी पढ़ाई के बारे में पूछा और कुछ और कहा। तब रूपा चाय और समोसे लाया।
तुरंत दिव्या ने कहा, “अरे समोसे..।” पिताजी, मैं अभी समोसे नहीं खाना चाहता था।
मैंने कहा, “और देखो तुम्हारे दिल की बात”, और मैं अपनी बेटी के लिए समोसे लाया।
दिव्या ने एक समोसा उठाया और मुझे भी एक पप्पी दी।
हम समोसे खाते और चाय पीते थे।
हम चाय पीकर वहीं बैठे चर्चा करने लगे। पहले बैठे थे, फिर खिसकते हुए लेट गए।
हम सब हंस रहे थे जब मैं उन्हें अपने फोन पर कुछ दिलचस्प वीडियो दिखा रहा था। रूपा मेरे पाँव के पास बैठी थी और दोनों लड़कियाँ मेरे अगल बगल लेटी हुई थीं। यह पारिवारिक वातावरण था। फिर रूपा बर्तन उठाकर रसोई में चली गई, और रम्या भी।
दिव्या और मैं ही कमरे में थे। जब हम दोनों कमरे में अकेले रह गए, मैं उठकर बैठ गया, तो दिव्या ने मुझसे पूछा: “पापा, मैं कुछ पूछूँगा?
मैंने पूछा, मेरे साहब, क्या हो रहा है?
तुम गुस्सा तो नहीं हो जाओगे, पूछा वह।
उसने पहले ही मेरी नाराजगी के बारे में पूछा क्योंकि मैंने अपना मोबाइल बंद करके साइड पर रखा था।
मैंने कहा कि मैं अपने बाबू की किसी बात पर गुस्सा नहीं होता।
तुम माँ से प्यार करते हो? उसने पूछा।
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उसकी बात सुनकर मैं एक बार सन्न रह गया, लेकिन अब जवाब देना था। रूपा के प्रति मेरा सिर्फ शारीरिक आकर्षण था, दिल से प्यार नहीं।
मैंने फिर भी हाँ कहा।
कितना प्यार करते हो? उसने पूछा।
मैंने कहा कि पहले यह बताओ कि तुम इतने सारे प्रश्न क्यों पूछ रहे हो?
“मैंने माँ की आँखों में आपके लिए इतना प्यार देखा है,” उसने कहा। जैसे वह तुम्हें देखती है।
मैंने कहा कि देखो बेटा, अब तुम बड़ा हो गया हो और सब कुछ जानते हो। तो मैं तुम्हारे सामने स्वीकार कर सकता हूँ कि हाँ, मैं तुम्हारी माँ से प्यार करता हूँ।
उस लड़की ने तुरंत मुझसे लिपटकर कहा, “पापा, कभी मेरी माँ को नहीं छोड़ना, वह आपसे बहुत प्यार करती है।” मम्मी ने बताया कि वह आपको बहुत चाहती है। आप वादा करते हैं कि आप अपनी माँ को कभी धोका नहीं देंगे।
अब मैं उसका दिल कैसे तोड़ सकता था? मैंने भी वादा किया कि मैं उसकी माँ को कभी धोखा नहीं दूँगा। वास्तव में, इस रिश्ते का मूल धोखा था। मैं रूपा के साथ संबंध बनाता अगर मैं अपनी विवाहिता पत्नी को धोखा देता।
लेकिन मेरे झूठे वादे ने उस घर में मेरे लिए नए दरवाजे खोले। तब से मैं पूरी तरह से उस घर का हिस्सा बन गया। अब लड़कियों की माँग पूरी करने पर मैं हर रोज़ उनके घर जाता हूँ, चाहे थोड़ी देर के लिए ही हो। मुझे दोनों लड़कियों से बहुत प्यार है। अब मैं उनके सामने ही रूपा से हंसी मज़ाक करता, उसे बांहों में भरता और कभी-कभी उसे चूमता।
दोनों लड़कियां हमारे प्रेमालाप की साक्षी थीं और वे खुश थीं कि उनकी माँ को इतना प्यार मिल रहा था।
फिर मेरी पत्नी ने एक दिन कहा कि वह कुछ दिनों के लिए अपने मायके जाना चाहती है।
मैंने क्या मना करना था, माँ और बेटा चार से पांच दिनों के लिए चले गए।
जिस दिन वह चले गए, मैंने रूपा को फोन पर बताया कि मेरी पत्नी तीन दिन के लिए मायके गई है और मैं तुम्हारे घर रहने आऊँगा अगर आप बताएँ।
कहाँ उसने मना करना था?
मैं अपने कार्यालय से सीधे रूपा के घर गया।
पहले शाम की चाय पी, फिर उसे और लड़कियों को बाजार में ले गया, सबको घुमाया और बाहर खाना खाया। हम बहुत खुश होकर घर आए।
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तो अब सोने का समय है। रूपा अभी अपनी लड़कियों के सामने किसी और आदमी के साथ सोने के लिए कैसे जाएगी?
किंतु दिव्या ने अपने आप से कहा, “मम्मी, आज आप पापा के साथ सो जाओ।”
रूपा मेरे बेडरूम में आ गई, हालांकि वह कुछ शर्माती थी और कुछ सकुचाती थी।
मैंने दरवाजा बंद करके रूपा को बांहों में भर लिया। रूपा भी पूरी शिद्दत से मुझसे लिपट गई, बस बांहों में भरने की देरी थी। हम दोनों ने पहले अपने कपड़े उतारे और सीधे बेड पर लेटते ही मेरा लंड उसकी फुद्दी में घुस गया। मुझे लगता है कि आज हमारी शादी है। आज भी मेरी इच्छा थी कि साली रूपा की भोंसड़ी अच्छी तरह से बनाऊँ।
अब मेरी आदत थी कि बिना तैयारी के रूपा के पास नहीं जाता था. आज भी मैं पूरी तरह से तैयार था। रूपा का पानी तीन चार मिनट की चुदाई में गिर गया, लेकिन वह बहुत तड़पी, चिल्लाई और शोर मचाया, बिना इसकी परवाह किए कि उसकी दो जवान बेटियाँ पास वाले कमरे में क्या सोचेंगी कि उसकी माँ की इतनी बुरी चुदाई हो रही है।
लेकिन बात यहीं तक नहीं रुकी। उस रात हम दोनों नहीं सोये; अगर सोये भी तो सिर्फ कुछ देर के लिए। सेक्स शुरू होता है जब एक व्यक्ति सो जाता है और दूसरा उठता है।
उस रात मैंने रूपा को तीन बार चोदा, और वह शायद छह से सात बार स्खलित हुई. हर बार, वह बिना शर्म के खूब शोर मचा कर अपनी चुदाई करती थी।
सुबह पांच बजे हम सो गए।
यह वास्तविक घटना है, और मैं उम्मीद करता हूँ कि आप इस Antarvasna Mom Xxx Hindi Sex Story को पसंद करेंगे।
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