कहानी का पिछला भाग: सेक्सी बहन को बीवी बनाया-1
मैं राजकुमार, अपनी जिंदगी की सबसे उन्मादी कहानी को आगे बढ़ा रहा हूँ। मेरी बहन पूजा, जो अब मेरी बीवी बन चुकी थी, मेरे साथ एक ऐसी जिंदगी जी रही थी, जो हर पल वासना और प्यार से भरी थी। हमारे बीच का रिश्ता समाज की नजरों में गलत था, मगर हमारे दिलों में वो एक पवित्र बंधन था, जो हमें हर मुश्किल से निकाल लेता था। पूजा मेरे पास रहने आई थी, जब माँ ने उसे एक लड़के के साथ बात करते देखकर गलत समझ लिया था। उसी गलतफहमी ने हमें करीब ला दिया। मैंने उसकी नाजुक कमर, उसकी गोल-मटोल गांड, और उसकी भरी हुई चूचियों को देखकर खुद को रोक नहीं पाया था। मैंने उसे गर्म करने के लिए परिवार में चुदाई की कहानियाँ सुनाईं, और फिर उसकी चूत की आग को अपने लंड से बुझा दिया। अब वो मेरी बीवी थी, और हम गोवा में हनीमून मनाने पहुँच चुके थे।
गोवा का समुद्र हमें अपनी लहरों में बहा ले गया। हम एक लग्जरी होटल में ठहरे, जहाँ हवा में नमकीन नमी थी और खिड़कियों से बारिश की बूँदें टकरा रही थीं। मैंने पूजा के लिए स्पा और मसाज का इंतजाम किया। उसकी गोरी त्वचा पर तेल की चमक देखकर मेरा लंड तन गया। फिर मैंने किराए पर दुल्हन का जोड़ा लिया—लाल लहंगा, भारी ज्वेलरी, और मंगलसूत्र, जो उसे मेरी पत्नी का एहसास दिलाए। होटल का कमरा गुलाब की पंखुड़ियों से सजा था। बेड के चारों ओर झालरें लटक रही थीं, और हल्की रोशनी में कमरा किसी स्वर्ग से कम नहीं लग रहा था। पूजा ने लहंगे में कदम रखा, तो उसकी चूचियाँ ब्लाउज में उभर रही थीं, और उसकी कमर का कर्व मेरे दिल को चीर रहा था।
“आज रात को हम वीडियो बनाएँगे, पूजा,” मैंने कहा, कैमरे को सेट करते हुए।
“जैसी तुम्हारी मर्जी, राज। तुम मेरे पति हो, मेरे भैया। मेरा सब कुछ तुम्हारा है,” उसने शरमाते हुए कहा, मगर उसकी आँखों में वासना चमक रही थी।
मैंने कैमरा चालू किया और उसे बाहों में ले लिया। उसका लहंगा धीरे-धीरे उतारा। हर कपड़े के साथ उसकी गोरी त्वचा निखर रही थी। मैंने उसकी चूचियों को ब्लाउज से आजाद किया। वो गोल, नरम, और भारी थीं, जैसे दो रसीले खरबूजे। मैंने अपने होंठ उन पर रखे और चूसने लगा। उसकी निप्पलें सख्त हो गईं, और उसकी सिसकारियाँ कमरे में गूंजने लगीं। “आह्ह, राज… मेरे भैया… चूसो इन्हें… और जोर से,” उसने सिसकारी भरी। मैंने एक चूची को चूसा और दूसरी को मसला, जैसे कोई भूखा शेर अपनी माल पर टूट पड़ा हो।
फिर मैं नीचे गया। उसकी चूत को चाटने का मन था। मैंने उसकी पैंटी उतारी। उसकी चूत गीली थी, जैसे कोई फूल बारिश में भीग गया हो। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत की दरार पर फेरी। उसका नमकीन स्वाद मेरे मुँह में घुल गया। “राज… मेरी चूत को चाट लो… आह्ह… मैं पागल हो जाऊँगी,” उसने चीखते हुए कहा। मैंने उसकी चूत को चूसा, उसकी क्लिट को जीभ से छेड़ा, और उसका पानी मेरे मुँह में बहने लगा। फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए। उसने मेरा मूसल अपने मुँह में लिया और चूसने लगी, जैसे कोई बच्चा लॉलीपॉप चूसता है। मैं उसकी चूत को चाट रहा था, और उसकी गीली भोसड़ी मेरे मुँह को जकड़ रही थी।
पाँच मिनट तक चुसाई का खेल चला। मेरा लंड अब फटने को तैयार था। मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी टाँगें फैलाईं। उसकी चूत चमक रही थी, जैसे कोई गुलाबी गुफा मुझे बुला रही हो। मैंने अपना मूसल उसकी चूत पर रगड़ा। “डाल दो, राज… मेरी चूत को फाड़ दो,” उसने सिसकारी भरी। मैंने एक धक्का मारा, और मेरा लंड उसकी गीली भोसड़ी में समा गया। उसकी चूत इतनी गर्म थी कि मेरा लंड पिघलने लगा। मैंने धक्के मारने शुरू किए। हर धक्के के साथ उसकी चूचियाँ उछल रही थीं, और उसकी सिसकारियाँ तेज हो रही थीं। “आह्ह… मेरे पति… मेरे भैया… चोदो मुझे… और जोर से… मैं तुम्हारी रंडी हूँ,” उसने चीखा।
मैंने उसकी टाँगें अपनी कमर पर लपेट लीं और नीचे से उसकी गांड उठाकर उसे चोदने लगा। उसकी गांड का हर कर्व मेरे हाथों में समा रहा था। मैंने पोजीशन बदली और उसे घोड़ी बनाया। उसकी गोल गांड मेरे सामने थी, जैसे कोई मखमली तकिया। मैंने उसकी चूत में लंड डाला और तेजी से पेलने लगा। “पूरा… और गहरा… मेरी चूत को भर दो,” उसने सिसकारी भरी। मैंने उसकी गांड को थपथपाया, और हर थप्पड़ के साथ उसकी चूत और गीली हो रही थी। तीस मिनट तक मैंने उसे अलग-अलग पोजीशन में चोदा—मिशनरी, घोड़ी, और फिर उसने मुझे बेड पर लिटाकर मेरे लंड पर सवारी की। उसकी चूचियाँ मेरे मुँह के सामने उछल रही थीं, और मैं उन्हें चूस रहा था।
आखिरकार, मैं उसकी चूत में ही झड़ गया। उसका पानी मेरे लंड को भिगो रहा था। हम दोनों हाँफते हुए बेड पर लेट गए। मैंने वीडियो चालू की। स्क्रीन पर हमारी चुदाई चल रही थी—पूरा की सिसकारियाँ, मेरे धक्कों की आवाज, और उसकी गीली चूत की चमक। पूजा मेरी बाँहों में नंगी लेटी थी, मेरा लंड सहला रही थी। मैं उसकी चूचियों को छेड़ रहा था। “ये देख, राज… हम कितने मस्त लग रहे हैं,” उसने कहा। वीडियो देखते-देखते हम फिर गर्म हो गए। मैंने उसे फिर से चोदा, इस बार और जोश में। उसकी चूत अब और टाइट लग रही थी, जैसे वो मेरे लंड को निचोड़ रही हो।
सुबह आठ बजे नींद खुली। मैंने पूजा को फिर से चोदा। उसकी सिसकारियाँ अभी भी मेरे कानों में गूंज रही थीं। चाय का ऑर्डर किया। मैंने कहा, “पूरा, नंगी ही जाकर दरवाजा खोल।” वो हँसी, लेकिन ब्रा और पैंटी पहन ली। मैंने पजामा रोका। वेटर आया, चाय रखकर चला गया। पूजा बोली, “उसने तो देखा भी नहीं।” मैंने हँसकर कहा, “यहाँ रोज ऐसे लोग आते हैं। वेटर को आदत है।”
हम फ्रेश हुए और बीच पर निकल गए। पूजा ने ऐसी ब्रा पहनी, जो उसकी चूचियों को आधा ही ढक रही थी। पैंटी में उसकी चूत का हिस्सा ढका था, मगर गांड पूरी नंगी थी। ऊपर ट्रांसपेरेंट टॉप और छोटा शॉर्ट। बीच पर उसने टॉप और शॉर्ट उतार दिए। अब वो सिर्फ ब्रा-पैंटी में थी। मैंने वी-शेप अंडरवियर पहना था। हम पानी में घुसे। पूजा की चूचियाँ पानी में चमक रही थीं। मैंने उसे किस किया, उसकी गांड दबाई। वो गर्म हो गई। “डाल दो, भैया… यहाँ कोई नहीं पहचानता,” उसने कहा। हम पानी में और अंदर गए। मैंने उसकी पैंटी सरकाई और लंड उसकी चूत में डाला। लहरें हमें धक्का दे रही थीं। हर लहर के साथ मेरा लंड उसकी चूत में गहरा जा रहा था। दस मिनट तक पानी में चुदाई चली। उत्तेजना इतनी थी कि हम दोनों जल्दी झड़ गए।
बीच से लंच करके हम होटल लौटे। फिर मैंने पूजा को चोदा। शाम को फिर बीच पर मस्ती की। रात में शॉपिंग के लिए निकले। मैंने पूजा के लिए नेट की ब्रा-पैंटी, स्टॉकिंग्स, छोटा टॉप, और हाई हील्स खरीदे। पार्लर में उसका मेकअप करवाया—गहरी लिपस्टिक, भारी काजल, जैसे कोई रंडी तैयार हो। वो बाहर आई तो एकदम हॉट लग रही थी। “कैसी लग रही हूँ?” उसने पूछा। “घटिया रंडी,” मैंने हँसकर कहा। वो बोली, “बस, तुम्हारी रंडी।”
रेस्टोरेंट में एक लड़के ने पूछा, “ये रंडी है?” मैंने हँसकर कहा, “हाँ, रेट बात पर तय होगा।” पूजा ने उसे फर्जी नंबर दिया। होटल लौटे, तो स्टाफ की नजरें पूजा पर थीं। कमरे में मैंने फिर कैमरा सेट किया। मैंने उसके टॉप को फाड़ दिया, ब्रा को दाँतों से चबाया, और पैंटी को चिथड़े कर दिया। वो स्टॉकिंग्स और हील्स में थी, उसकी गांड उभरी हुई, जैसे कोई रंडी मेरे लिए तैयार हो। उसने मेरा लंड चूसा, जैसे कोई भूखी शेरनी। मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसकी चूत में मूसल पेल दिया। “चोदो, राज… मेरी भोसड़ी फाड़ दो,” उसने चीखा। मैंने उसकी गांड पकड़ी और ताबड़तोड़ धक्के मारे। तीस मिनट तक चुदाई चली। फिर मैंने उसकी गांड चोदी, उसकी सिसकारियाँ कमरे में गूंज रही थीं।
वीडियो देखते हुए हम फिर गर्म हुए। मैंने एक बार और उसकी चूत चोदी। सुबह एक और राउंड हुआ। वेटर आया, तो पूजा ने सिर्फ पैंटी पहनी। उसके चूचियों पर मेरे दाँतों के निशान थे। मैंने वेटर से कहा, “फटे कपड़े डस्टबिन में डाल दे।” हम बीच हाउस शिफ्ट हो गए। वहाँ विदेशी पर्यटक थे। पूजा ने ऐसी ब्रा-पैंटी पहनी, जो कुछ नहीं ढक रही थी। पानी में मैंने उसकी चूचियाँ दबाईं, उसे चोदा। एक रात पब के बाथरूम में चुदाई की। फिर बीच पर, खुले आसमान के नीचे, नंगे ही चोदा।
सात दिन की मस्ती के बाद हम घर लौटे। माँ की तबीयत खराब हुई, तो मैंने उन्हें अपने पास बुलाया। डॉक्टर ने उन्हें ठीक किया। मैंने कहा, “माँ, अब यहीं रहो।” पूजा दो दिन माँ के पास सोई, मगर फिर मेरे पास आ गई। उसे मेरे बिना नींद नहीं आती थी। तीन साल से हम नंगे लिपटकर सोते थे।
एक दिन पूजा बोली, “माँ को हमारे बारे में कब बताएँगे?” मैंने कहा, “कैसे बताएँ?” उसने प्लान बनाया। मेरा दोस्त आया और माँ के सामने पूजा को भाभी बुलाया। माँ को शक हुआ। पूजा ने मंगलसूत्र और बिछुए ड्रॉअर में छोड़े। माँ का शक गहरा गया। एक रात हमने जानबूझकर तेज सिसकारियाँ निकालीं। माँ ने सुबह पूछा, “रात को आवाजें क्यों थीं?” मैंने कहा, “टीवी था।”
शनिवार की रात मैंने दरवाजा खुला छोड़ा। मैंने पूजा को दो बार चोदा। सुबह माँ ने हमें नंगे लिपटे देखा। मैंने कहा, “पूरा डार्लिंग, माँ बुला रही है।” पूजा बोली, “जान, रात में तीन बार चोदा, थक गई हूँ। एक बार लंड डाल दो, नींद खुल जाएगी।” माँ ने पूजा को थप्पड़ मारा। पूजा उठी और बोली, “माँ, शर्म नहीं आती पति-पत्नी के कमरे में झाँकने में? बाहर चलो।”
बाहर पूजा ने सब बता दिया। “माँ, मैं दो महीने से गर्भवती हूँ। ट्रेन में मैंने राज से चुदवाया था। तुमने मुझे गलत समझा, मगर राज ने मेरा साथ दिया। मैं उनकी ही हूँ।” पूजा ने माँ पर इल्जाम लगाया। माँ को लगा, उनकी गलती से ये हुआ। उन्होंने पूजा को गले लगाया और माफी माँगी। “आज से पूजा मेरी बेटी है, राज मेरा दामाद,” माँ ने कहा। सब ठीक हो गया।