नई नवेली दुल्हन को दी लिफ्ट

हाय दोस्तों, मेरा नाम सैम है। मेरी उम्र 25 साल है, और मैं दिल्ली में एक अच्छी कंपनी में काम करता हूँ। मेरी लाइफ में कुछ ऐसी घटनाएँ घटीं, जिन्होंने मुझे हमेशा के लिए बदल दिया। ये कहानी कुछ दिन पहले की है, और इसे पढ़कर आपको एक अलग ही रोमांच का अहसास होगा।

मैं अपने ऑफिस में कुछ फाइल्स चेक कर रहा था, तभी मेरे फोन की रिंग बजी। नंबर अनजान था। मैंने कॉल उठाया।
एक लड़की की आवाज आई, “हैलो सैम!”
मैंने कहा, “हाँ, कौन बोल रहा है?”
वो हँसते हुए बोली, “अरे, ये तेरा ही नंबर है ना? मुझे नहीं पहचाना? मैं जेसिका, तेरी स्कूल की क्लासमेट!”
मुझे याद आया। जेसिका मेरी पुरानी दोस्त थी, जो हमेशा चुलबुली और मजाकिया रही है। मैंने कहा, “हाँ, अब याद आया! बोल, क्या बात है?”
वो बोली, “यार, इस रविवार को हरलीन की शादी है। तू अमृतसर जरूर पहुँच जा!”

हरलीन भी मेरी स्कूल फ्रेंड थी। हम तीनों—मैं, जेसिका, और हरलीन—स्कूल में अच्छे दोस्त हुआ करते थे। लेकिन मैं अब दोस्तों से ज्यादा मिलना-जुलना पसंद नहीं करता। मेरी जिंदगी ऑफिस और मेरे अकेलेपन तक सिमट गई थी। मैंने मना करते हुए कहा, “नहीं यार, मैं नहीं आ पाऊँगा। ऑफिस में बहुत काम है।”
जेसिका ने तपाक से कहा, “हमें मत बेवकूफ बना! हमें तेरी आदत पता है। चुपचाप पहुँच जा, वरना मैं तुझे ढूँढकर लाऊँगी!”
उसके इस जोश को देखकर मैं हँस पड़ा और बोला, “ठीक है, बताओ कहाँ है?”
वो बोली, “अमृतसर। रविवार को बैंक्वेट हॉल में।”
मैंने कहा, “ठीक है, कोशिश करूँगा।”
जेसिका ने सख्ती से कहा, “कोशिश नहीं, आना ही होगा!”

रविवार का दिन आ गया। मैंने ऑफिस से छुट्टी ली, लेकिन ट्रेनें फुल थीं। अगले दिन कोई फेस्टिवल था, जिसकी वजह से सारी बुकिंग्स बंद थीं। मैंने अपनी कार से जाने का फैसला किया। मेरी बीएमडब्ल्यू तैयार थी। मैंने अपने ब्लैक सूट को इस्त्री किया, परफ्यूम लगाया, और दोपहर 12 बजे दिल्ली से निकल पड़ा। अमृतसर का रास्ता लंबा था, और मैं करीब शाम 6 बजे वहाँ पहुँचा। मैंने एक फाइव-स्टार होटल में चेक-इन किया। सोचा, जब इतनी दूर आ ही गया हूँ, तो थोड़ा घूम लूँ। मैं गोल्डन टेंपल चला गया। वहाँ का शांत माहौल और सुनहरी चमक मेरे मन को सुकून दे रही थी, लेकिन मुझे देर हो गई।

शादी की लोकेशन पर मैं रात 9:30 बजे पहुँचा। बैंक्वेट हॉल रंग-बिरंगी लाइट्स और फूलों से सजा था। बारात आ चुकी थी। लोग खाना खा रहे थे, और कुछ मेहमान दूल्हा-दुल्हन को गिफ्ट्स दे रहे थे। मैं जैसे ही अंदर घुसा, सबकी नजरें मुझ पर टिक गईं। मेरे ब्लैक सूट, फिट बॉडी, और कॉन्फिडेंट अंदाज की वजह से शायद मैं अलग ही दिख रहा था। मुझे थोड़ा अजीब लगा, लेकिन तभी मेरे स्कूल फ्रेंड्स मिल गए। वो मुझे देखकर हैरान थे। मेरा दोस्त विक्की चिल्लाया, “सैम भाई, ये क्या बात है! तू तो हीरो लग रहा है!”
मैंने हँसकर पूछा, “क्यों, पहले क्या था?”
वो बोला, “तू तो एकदम बदल गया! अब तो तुझसे बॉलीवुड स्टार भी जलें। कितनी गर्लफ्रेंड बना ली?”

तभी मेरी क्लास की कुछ लड़कियाँ भी आ गईं। उनकी आँखों में चमक थी। जेसिका भी थी। उसने मेरे सीने पर हाथ रखा और बोली, “वाह सैम, ऐसा लग रहा है जैसे तू दूल्हा है! कितना हैंडसम हो गया है!”
मैंने मजाक में कहा, “तू भी तो अब हॉट हो गई है!”
वो हँस पड़ी, और हम सब बातों में खो गए। पुराने स्कूल के दिन याद करने लगे।

फिर मैं गिफ्ट देने स्टेज की तरफ गया। जब मैंने हरलीन को देखा, तो मेरे पैर वहीं थम गए। वो दुल्हन के जोड़े में किसी रानी की तरह लग रही थी। उसका लहंगा उसकी गोरी त्वचा पर चमक रहा था। उसने टाइट ब्लाउज पहना था, जिसमें उसके बड़े-बड़े बूब्स उभरे हुए थे। उसका चेहरा लाल लिपस्टिक और काजल से और निखर रहा था। वो मुझे देखकर मुस्कुराई, लेकिन उसकी आँखों में हैरानी थी। शायद वो मेरे इस नए अवतार को देखकर चौंक गई थी। मेरी नजर उसके पति पर पड़ी। वो एक छोटा-सा सरदार था, जिसका चेहरा बचकाना और साधारण था। हरलीन के सामने वो बिल्कुल फीका लग रहा था।

मेरे मन में जलन और हवस का तूफान उठने लगा। मैं सोच रहा था, “इस आदमी की क्या किस्मत है! हरलीन जैसी लड़की इसे मिल रही है, और मैं, जिसके पास सब कुछ है, फिर भी अकेला हूँ।” मैंने खुद को संभाला और हरलीन को गिफ्ट दिया।

वो बोली, “अरे सैम, तू कितना बदल गया है! एकदम हीरो लग रहा है!”
मैंने मुस्कुराते हुए कहा, “तू भी तो अब किसी अप्सरा से कम नहीं!”

हमारी थोड़ी देर बातें हुईं। उसने मुझे अपने पति से मिलवाया, लेकिन मेरे मन में सिर्फ हरलीन थी। मैंने उसके साथ कुछ फोटोज खिंचवाईं। उसकी मुस्कान और करीब से उसकी खुशबू ने मेरे होश उड़ा दिए। फिर मैं खाना खाकर वहाँ से निकल गया।

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मेरा होटल और बैंक्वेट हॉल खेतों के बीच एक सुनसान रास्ते से जुड़ा था। मैं अपनी कार में जा रहा था। रात के 11 बज चुके थे। तभी मेरी नजर एक सजी हुई कार पर पड़ी। वो शादी की कार थी, लेकिन उसमें कोई नहीं था। मैं आगे बढ़ा, तो सामने से एक लड़की हाथ दिखाकर गाड़ी रोकने का इशारा कर रही थी। मैंने गाड़ी रोकी। वो हरलीन थी, अपनी दुल्हन की ड्रेस में। वो थोड़ी घबराई हुई लग रही थी।

वो बोली, “सैम, प्लीज मुझे लिफ्ट दे दे!”
मैंने कहा, “हाँ, हाँ, जल्दी आ, बैठ!”

वो मेरी बगल वाली सीट पर बैठ गई। उसकी साड़ी का पल्लू थोड़ा सरक गया था, और उसके बूब्स का क्लीवेज साफ दिख रहा था। मैंने नजर हटाई और पूछा, “क्या हुआ? तेरा हसबैंड कहाँ है?”
वो उदास होकर बोली, “उनके घर जाते वक्त रास्ते में हमारी गाड़ी खराब हो गई। ड्राइवर मदद माँगने गया। तभी एक बाइक वाला आया। मेरे हसबैंड को बहुत डर लग रहा था। वो उसी के साथ चले गए।”
मैंने हैरानी से कहा, “तुझे अकेला छोड़कर? सुहागरात के दिन?”
वो चुप रही। उसका चेहरा बता रहा था कि वो अपने पति से नाराज थी।

मैंने माहौल हल्का करने के लिए कार में रोमांटिक म्यूजिक चला दिया। हरलीन की मुस्कान लौट आई। मैं उसे चुपके से देख रहा था। उसकी खूबसूरती, उसकी साड़ी में कसी हुई कमर, और उसकी आँखों की चमक मुझे पागल कर रही थी। मैं इतना खो गया कि सड़क पर पड़ी एक कुल्हाड़ी का ध्यान नहीं रहा। वो मेरे टायर से टकराई, और टायर फट गया। गाड़ी अनियंत्रित होकर खेतों में चली गई।

हरलीन चिल्लाई, “सैम, ये क्या हो रहा है?”
मैंने कहा, “टायर फट गया!”

गाड़ी खेतों में दूर तक चली गई और एक ट्रैक्टर से टकरा गई। टक्कर मेरी तरफ वाले गेट से हुई। मैंने अपने चेहरे को दाहिने हाथ से ढक लिया था, जिससे मेरा हाथ बुरी तरह जख्मी हो गया। खून बहने लगा। हरलीन को कुछ नहीं हुआ। वो घबराते हुए उतरी और मुझे खींचकर बाहर निकाला। मेरी कार पूरी तरह बर्बाद हो चुकी थी। हरलीन ने मेरे हाथ पर पानी डाला और अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर खून रोकने की कोशिश की। उसकी आँखों में मेरे लिए फिक्र थी।

रात बहुत हो चुकी थी। चारों तरफ सन्नाटा था। हम दोनों खेतों में चलने लगे। हरलीन मेरा हाथ पकड़कर मुझे सहारा दे रही थी। उसका मुलायम हाथ मेरे जख्मी हाथ को थामे था। ठंडी हवा चल रही थी, और उसकी साड़ी हवा में लहरा रही थी। तभी मुझे दूर एक जीप दिखी। मैं उसकी तरफ बढ़ा, लेकिन तभी देखा कि चार लोग एक घेरा बनाकर खड़े थे। एक लड़की जमीन पर थी, और एक आदमी उसके ऊपर चढ़ा हुआ था, उसे चूम रहा था। मैं समझ गया कि यहाँ कुछ गलत हो रहा है। हरलीन ने भी ये देख लिया। वो डर गई, लेकिन फिर भी मदद माँगने उनकी तरफ जाने लगी।

मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और उसका मुँह बंद कर दिया। हम दोनों खेत में गिर गए। वो मेरे ऊपर थी, और मैं नीचे। मेरा एक हाथ उसकी कमर पर था—उसकी नरम, गोल कमर मेरे हाथों में थी। दूसरा हाथ उसके रसीले होंठों पर। उसकी गर्म साँसें मेरे हाथ पर महसूस हो रही थीं। वो छुड़ाने की कोशिश में अपनी गांड मेरे पैर पर रगड़ रही थी। मेरे अंदर हवस जाग रही थी, लेकिन मैंने खुद को रोका। उसने मेरे जख्मी हाथ पर काट लिया, जिससे मैंने उसे छोड़ दिया। वो सीधे उन लोगों के पास गई और मदद माँगने लगी।

उनमें से एक आदमी ने उसे पीछे से पकड़कर गोद में उठा लिया और बोला, “अरे बिल्लो, कहाँ जा रही है? पहले हमें मजा लेने दे!”
दूसरे ने हँसते हुए कहा, “आज तो सुहागरात का माल मिला है! क्या मस्त दुल्हन है!”

ये सुनकर मेरा खून खौल गया। मैं हरलीन को ऐसे लोगों के हवाले नहीं छोड़ सकता था। मैंने वहाँ पड़ी एक रॉड उठाई और उस आदमी के सिर पर पीछे से मारी, जिसने हरलीन को पकड़ा था। हरलीन नीचे गिर गई। मैंने दूसरे आदमी को लात मारी और रॉड से उसकी पिटाई शुरू कर दी। बाकी लोग मुझे पकड़ने आए, लेकिन मैं गुस्से में पागल हो चुका था। मैंने सबको मारना शुरू कर दिया। मेरी ताकत और गुस्सा देखकर वो डरने लगे। तभी वो लड़की, जिसके साथ वो लोग गलत कर रहे थे, ने एक रॉड मेरे लंड पर जोर से मारी। दर्द इतना तेज था कि मैं चिल्लाया, “आआआह!” और बेहोश हो गया।

जब मेरी आँखें खुलीं, तो मैं खेत में लेटा था। हरलीन मेरे जख्मी हाथ पर सिर रखकर सो रही थी। उसने मेरा कोट पकड़ा हुआ था। उसकी साड़ी का पल्लू हट गया था, और उसका गोरा पेट और गहरी नाभि दिख रही थी। ठंडी हवा चल रही थी, जिससे उसे ठंड लग रही थी। उसने मुझे और जोर से पकड़ लिया। उसका एक पैर मेरे लंड के ऊपर था, जो चोट की वजह से सूजा हुआ था। उसका पैर मेरे लंड पर रगड़ रहा था, जिससे दर्द और उत्तेजना दोनों हो रहे थे। मैंने धीरे से उसका पैर हटाया। वो जाग गई। वो मेरे हाथ पर लेटी रही और बोली, “उठ गए? अब ठीक हो?”

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मैंने पूछा, “मेरा छोड़, तू बता, उन लोगों ने तुझे कुछ किया तो नहीं?”
उसके होंठ मेरे होंठों के इतने करीब थे कि उसकी गर्म साँसें मेरे चेहरे पर टकरा रही थीं। वो बोली, “तूने मेरे लिए इतना गुस्सा दिखाया? जब उस औरत ने तेरे लंड पर रॉड मारी, तू इतने जोर से चिल्लाया। तेरा चेहरा लाल हो गया, और आँखें खून से भर गई थीं। ये देखकर वो सब डर के भाग गए। उन्हें लगा तू उन्हें मार डालेगा। तूने मेरे लिए जो किया, शायद मेरा पति कभी नहीं करता। वो तो मुझे अकेला छोड़कर भाग गया। तू भी भाग सकता था, लेकिन नहीं भागा। सच बता सैम, तुझे मुझसे कुछ तो फीलिंग्स हैं!”

मैंने शरमाते हुए कहा, “नहीं, ऐसी कोई बात नहीं।”
वो हँसते हुए मेरे और करीब आई और बोली, “हाँ-हाँ, सब दिख रहा है!”

उसकी आँखों में शरारत थी। वो मेरे इतने करीब थी कि उसकी खुशबू मेरे होश उड़ा रही थी। अचानक उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए। मैं स्तब्ध रह गया। उसके रसीले होंठों का स्वाद मेरे शरीर में आग लगा रहा था। मैंने भी उसे चूमना शुरू कर दिया। हम दोनों एक-दूसरे में खो गए। वो मेरे चेहरे को चूम रही थी, फिर उसने अपनी जीभ से मेरे गाल, गर्दन, और कान को चाटना शुरू कर दिया। वो बोली, “सैम, तू कितना चॉकलेटी है!” मुझे उसकी हर हरकत से मजा आ रहा था, लेकिन चूमने से मेरा लंड खड़ा हो गया। चोट की वजह से दर्द असहनीय हो गया। हम रुक गए।

वो बोली, “क्या हुआ?” मैंने कहा, “लंड में बहुत दर्द हो रहा है।” मुझे इतना दर्द था कि मुझे लंड बाहर निकालना पड़ा। चोट की वजह से वो सूजा हुआ था। मेरा 7 इंच का लंड उस दिन 8 इंच का लग रहा था—लाल, मोटा, और भारी। हरलीन उसे देखकर चौंक गई। उसकी आँखें चमक रही थीं। वो बोली, “सैम, इसका पानी निकाल दे, दर्द कम हो जाएगा।” मेरे हाथ में चोट थी, और वो ये देख चुकी थी। उसने कहा, “मैं कर दूँ?” मैंने मना किया, लेकिन वो बोली, “तूने मेरी जान बचाई। मैं तेरे लिए इतना नहीं कर सकती?”

मैंने हार मान ली। वो नीचे झुकी और मेरे लंड को देखकर बोली, “वाह, ये तो गबरू जवान हो गया है!” उसने अपने मुलायम हाथों से मेरा लंड सहलाना शुरू किया। उसके नरम उंगलियों का स्पर्श मेरे शरीर में बिजली दौड़ा रहा था। वो धीरे-धीरे सहला रही थी, फिर तेजी से मुठ मारने लगी। मैं सिसकारियाँ ले रहा था, “आह… हरलीन… और कर!” मेरा पानी निकलने वाला था। तभी उसने मेरे लंड को चूम लिया और अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया। वो बोली, “सैम, तेरे लंड का टेस्ट तो चॉकलेट से भी मीठा है!”

उसने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। वो किसी पॉर्नस्टार की तरह चूस रही थी—कभी जीभ से लंड के टोपे को चाटती, कभी पूरा लंड मुँह में लेती। मैं सिसकार रहा था, “आह… चूस रानी… और जोर से… आह!” वो करीब 20 मिनट तक चूसती रही। उसकी लाल लिपस्टिक मेरे लंड पर लग गई थी, जिससे वो और सेक्सी लग रहा था। लेकिन मेरा पानी नहीं निकला, क्योंकि दर्द की वजह से मैं पूरी तरह रिलैक्स नहीं था।

मैंने हरलीन को अपनी तरफ खींचा और उसे चूमने लगा। मैंने उसकी साड़ी का पल्लू हटाया और धीरे-धीरे उसकी साड़ी खोल दी। उसने रेड ब्लाउज और पेटीकोट पहना था। उसका गोरा बदन चाँदनी रात में चमक रहा था। मैंने उसका ब्लाउज उतारा। वो रेड ब्रा में थी। उसके बड़े-बड़े बूब्स ब्रा से बाहर आने को बेताब थे। मैंने ब्रा की हुक खोली, और उसके गोल, मुलायम बूब्स मेरे सामने थे। मैंने एक बूब मुँह में लिया और निप्पल को चूसने लगा। वो सिसकार रही थी, “आह… सैम… और चूस… बन जा मेरा!” मैंने उसका दूसरा बूब दबाया और निप्पल को जीभ से चाटा। उसकी सिसकारियाँ तेज हो गईं, “आह… उफ्फ… सैम!”

मैंने उसका पेटीकोट और पैंटी उतार दी। उसकी चूत साफ और टाइट थी। मैंने उसकी चूत पर चूम लिया। उसकी चूत से स्ट्रॉबेरी जैसी मादक खुशबू आ रही थी। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में डाल दी। वो उछल पड़ी और बोली, “आह… सैम… क्या कर रहा है… मजा आ रहा है!” उसने अपने पैरों से मेरा सिर दबा लिया और मेरे बाल पकड़कर अपनी चूत में मेरा मुँह दबाने लगी। वो सिसकार रही थी, “आह… सैम… और चाट… तू मेरा असली मर्द है… आह!”

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कुछ ही देर में वो झड़ गई। उसकी चूत से गर्म पानी निकला, जो मैंने चाट लिया। उसका स्वाद मेरे होश उड़ा रहा था। मैंने उसे फिर चूमा और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ना शुरू किया। वो तड़प रही थी, “सैम… अब डाल दे… प्लीज!” उसकी चूत वर्जिन थी और बहुत टाइट। मैंने लंड सेट किया और एक जोरदार धक्का मारा। मेरा लंड थोड़ा सा अंदर गया, लेकिन उसकी चीख निकल गई। उसकी चूत से खून निकलने लगा, क्योंकि उसकी सील टूटी थी। वो रो रही थी, “सैम… धीरे… दर्द हो रहा है!”

मैंने उसे चूमकर चुप कराया और धीरे-धीरे धक्के मारने लगा। थोड़ी देर बाद उसे मजा आने लगा। वो मेरे साथ ताल मिलाने लगी और बोली, “आह… सैम… और तेज… चोद मुझे… मैं तेरी हूँ… आह!” उसकी कामुक आवाजें खेतों में गूँज रही थीं। मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। उसकी चूत की गर्मी और टाइटनेस मुझे जन्नत का अहसास करा रही थी। वो दो बार झड़ चुकी थी। मैंने करीब एक घंटे तक उसे चोदा। आखिरकार मेरा पानी निकला, और साथ में थोड़ा खून भी, क्योंकि मेरा लंड भी चोट की वजह से जख्मी था। मैंने अपना पानी उसकी चूत में छोड़ दिया।

हम दोनों हाँफ रहे थे। मैंने उसे अपनी बाहों में लिया और चूमा। वो बोली, “सैम, ये मेरी असली सुहागरात थी। तूने मुझे वो खुशी दी, जो मेरा पति कभी नहीं दे सकता।” मैंने उसे कपड़े पहनाए और तैयार किया, ताकि वो अपने पति के घर जा सके। लेकिन मेरे मन में एक अजीब सी बेचैनी थी।

हम दोनों चलने लगे। वो मुझे सहारा दे रही थी, क्योंकि मेरे लंड और कमर में चोट की वजह से मैं ठीक से चल नहीं पा रहा था। मैंने उसका कंधा पकड़ा हुआ था। उसकी गर्मी और करीबी मुझे सुकून दे रही थी। तभी वही जीप फिर से आई। उनमें से वही चार लोग निकले। वो हमें देखकर हँसने लगे। मेरे पास अब ताकत नहीं थी। उन्होंने मुझे लात-डंडों से मारना शुरू कर दिया। मैं दर्द से कराह रहा था। मेरी आँखें धुंधली होने लगीं। उनमें से एक ने हरलीन को नीचे गिराया और उसका ब्लाउज फाड़ दिया। वो चिल्लाई, लेकिन मैं कुछ नहीं कर सका। मेरी आँखें बंद हो गईं, और मैं बेहोश हो गया।

जब मैं उठा, तो मैं जीप में था। मेरी पूरी बॉडी पर पट्टियाँ बँधी थीं। शायद रात को उन्होंने मुझे बहुत मारा था, और अब मरहम-पट्टी कर दी थी। मेरे बगल में हरलीन बैठी थी—पूरी नंगी। उसका चेहरा भावहीन था, जैसे उसकी आत्मा कहीं खो गई हो। उसके होंठों पर काटने के निशान, बूब्स पर हाथों के निशान, और उसकी चूत से सफेद पानी टपक रहा था। सुबह हो चुकी थी।

मैंने काँपते हुए पूछा, “हरलीन, क्या हुआ?” वो चुप रही। उनमें से एक आदमी हँसते हुए बोला, “इसने तुझे बचाने के लिए खुद को हमें सौंप दिया!” बाकी लोग हँसने लगे। मेरे दिल पर जैसे चाकू चला। जीप एक घर के सामने रुकी। मुझे समझ आया कि ये हरलीन के पति का घर था। हरलीन नंगी उतरी। उसी औरत ने, जिसके साथ रात को गैंगबैंग हो रहा था, हरलीन को सलवार-सूट दिया।

हरलीन रोने लगी। तभी एक आदमी ने उसके मुँह पर नोटों की गड्डी फेंक दी। मैं कुछ नहीं कर सका। मेरी हालत इतनी खराब थी कि मैं हिल भी नहीं पा रहा था। उन्होंने जीप स्टार्ट की और चल दिए। मैंने पीछे मुड़कर देखा। हरलीन ने रोना बंद कर दिया और पैसे उठाने लगी। ये देखकर मेरा दिल टूट गया।

उन्होंने मुझसे मेरा पता पूछा। मैंने होटल का पता दिया। वो मुझे मेरे होटल छोड़ गए। मैं जैसे-तैसे उतरा। मुझसे चला नहीं जा रहा था। वो लोग जोर-जोर से हँसते हुए चले गए।

कहानी यहीं खत्म होती है। लेकिन इसके बाद मेरे मन में एक तूफान उठ रहा था। हरलीन के साथ जो हुआ, उसका जिम्मेदार मैं खुद को मान रहा था। क्या वो कभी अपने पति के साथ खुश रह पाएगी? क्या मैं उसे फिर कभी देख पाऊँगा? ये सवाल मेरे मन में जिंदा हैं।

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