गर्लफ्रेंड की सहेली

दोस्तो, मैं आज आपके लिए एक ऐसी कहानी लाया हूँ जो आपके होश उड़ा देगी। ये कहानी मेरी और मेरी गर्लफ्रेंड की सबसे हॉट सहेली के बीच की है, जिसमें वासना, जुनून और कामुकता का तड़का है।

मेरा नाम सागर है, उम्र 22 साल, और मैं कॉलेज का स्टूडेंट हूँ। मैं बाहर से भले ही शांत और पढ़ाकू लड़का लगता हूँ, लेकिन कॉलेज के दिनों में मैंने कई लड़कियों के साथ रंगरलियाँ मनाईं। उनकी चूत चाटी, लंड चुसवाया, और चुदाई के मजे लिए। लेकिन मेरी नजर हमेशा अपनी गर्लफ्रेंड की सहेली नाजिया पर थी। नाजिया मुझसे 5 साल बड़ी थी, लेकिन उसका चेहरा ऐसा कि कोई भी देखकर पागल हो जाए। उसका फिगर 36-28-38 का था, जिसे देखकर मेरा लंड हर बार सलामी देने लगता था।

हमारी बातचीत कॉलेज में कभी-कभी होती थी। मैं उसकी आँखों में झाँककर ये जानने की कोशिश करता था कि वो मेरे बारे में क्या सोचती है। क्या उसे भी मैं उतना ही पसंद हूँ जितना वो मुझे? हमारी दोस्ती अच्छी थी, लेकिन मेरी गर्लफ्रेंड की वजह से मैं कभी खुलकर कुछ बोल नहीं पाया। कॉलेज में हम बस हँसी-मजाक और हल्की-फुल्की बातें करते।

स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद मैं अपने गाँव लौट आया। उन दिनों पता चला कि नाजिया की शादी हो चुकी है। मैं उसे कॉलेज के समय से पसंद करता था, लेकिन कभी हिम्मत नहीं हुई कि अपनी दिल की बात कह सकूँ। वो भी शर्मीली थी, और शायद मुझे पसंद करती थी, पर उसने भी कभी कुछ नहीं कहा। एक दिन अचानक उसने मुझे अपने घर बुलाया। मैं जब उसके घर पहुँचा, तो उसने गहरे नीले रंग की सलवार-कमीज पहनी थी। उसका बदन पहले से भी ज्यादा भरा और कामुक लग रहा था। उसकी चूचियाँ सलवार से बाहर झाँक रही थीं, और उसकी गांड का उभार देखकर मेरा लंड तन गया।

उसका घर खाली और शांत था, जैसे कोई और मौजूद ही न हो। हमने इधर-उधर की बातें शुरू कीं। वो मेरे बारे में, मेरी जिंदगी के बारे में पूछने लगी। बातों-बातों में मैंने हिम्मत जुटाई और उससे कह दिया, “नाजिया, मैं तुम्हें कॉलेज के समय से पसंद करता हूँ।” उसने मेरी आँखों में देखा और धीमी आवाज में बोली, “सागर, मैं भी तुम्हें पसंद करती थी। लेकिन अब ये जवानी का बोझ अकेले नहीं सहा जाता।”

उसकी बात सुनकर मेरा लंड और सख्त हो गया। मैं समझ गया कि वो क्या चाहती है। मैंने धीरे से उसकी कमर पकड़ी और उसे दीवार के सहारे खड़ा किया। उसकी गर्दन पर अपने होंठ रखे और धीरे-धीरे चूमने लगा। उसकी साँसें गर्म होने लगीं। मैंने उसके चूचों को सलवार के ऊपर से दबाया, तो उसने हल्की सी सिसकारी भरी। फिर मैंने उसकी कमीज़ उतारी और उसकी ब्रा के ऊपर से चूचियाँ चूसने लगा। उसकी चूचियाँ इतनी मुलायम थीं कि मैं पागल हो गया। मैंने उसकी ब्रा खोल दी, और उसके गुलाबी निप्पल मेरे सामने थे। मैंने एक निप्पल को मुँह में लिया और उसे चूसने लगा, जैसे कोई बच्चा दूध पीता हो। दूसरी चूची को मैं जोर-जोर से दबा रहा था।

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मैंने अपनी जींस उतारी और अपना 7 इंच का लंड उसके सामने किया। उसने लंड को देखकर पहले तो शरमाई, लेकिन फिर हल्के से उसे हाथ में लिया। उसने आँखें बंद कीं और मेरे लंड को अपने गर्म मुँह में ले लिया। वो धीरे-धीरे चूस रही थी, जैसे कोई लॉलीपॉप चूसता हो। उसकी जीभ मेरे लंड के टोपे पर घूम रही थी, और मैं सिसकारियाँ ले रहा था, “आहह नाजिया… और चूस… उफ्फ!” उसने मेरे लंड को पूरी तरह गीला कर दिया। मैंने उसका सिर पकड़ा और अपने लंड को उसके मुँह में और गहराई तक धकेल दिया। उसकी साँसें रुकने लगीं, लेकिन वो रुकी नहीं।

मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोला और उसकी पैंटी नीचे सरकाई। उसकी चूत पूरी तरह गीली थी, जैसे कोई झरना बह रहा हो। उसकी चूत गुलाबी थी, और हल्के-हल्के काले बाल उसकी खूबसूरती को और बढ़ा रहे थे। मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसकी चूत को चाटना शुरू किया। मेरी जीभ उसकी चूत की दरार में घूम रही थी, और मैं उसके दाने को हल्के से काट रहा था। वो जोर-जोर से सिसकारियाँ ले रही थी, “आहह सागर… उफ्फ… चाटो और… ओह्ह!” उसने मेरा सिर अपनी चूत पर दबाया, और मैंने उसकी चूत का सारा रस चूस लिया। उसका बदन काँप रहा था, और वो एक बार झड़ गई।

मैंने उसे पलटकर घोड़ी बनाया। उसकी गांड इतनी गोल और रसीली थी कि मेरा लंड और तन गया। मैंने उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ा, और फिर एक जोरदार धक्का मारा। मेरा आधा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया। वो चीख पड़ी, “आहह… सागर… धीरे!” मैंने कुछ देर रुका, फिर धीरे-धीरे धक्के मारने लगा। उसकी चूत इतनी गर्म और टाइट थी कि मेरा लंड स्वर्ग में था। मैंने उसकी चूचियाँ पकड़ीं और एक और तेज धक्का मारा। इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया। वो सिसकारियाँ ले रही थी, “आहह… चोदो… और जोर से!”

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मैंने उसकी कमर पकड़ी और उसे दीवार के सहारे खड़ा किया। उसकी एक टांग उठाकर मैंने अपना लंड फिर से उसकी चूत में पेल दिया। गपागप… गपागप… की आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी। उसका पूरा बदन हिल रहा था, और उसकी चूचियाँ उछल रही थीं। मैंने उसकी गर्दन चूमते हुए कहा, “नाजिया, तेरी चूत कितनी रसीली है… उफ्फ!” वो जवाब में बस सिसकार रही थी, “आहह… सागर… चोद डाल… मेरी चूत फाड़ दो!” मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी, और उसकी चूत से पानी टपकने लगा। उसने अपनी गांड उठा-उठाकर मेरे धक्कों का जवाब देना शुरू कर दिया।

करीब 15 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद वो फिर से झड़ गई। उसका चेहरा संतुष्टि से चमक रहा था। उसने मुझे बिस्तर पर धकेला और मेरे ऊपर चढ़ गई। उसने मेरे लंड को अपनी चूत पर सेट किया और धीरे-धीरे नीचे बैठ गई। मेरा लंड उसकी चूत की गहराइयों में खो गया। वो मेरे सीने पर झुकी और अपनी चूचियाँ मेरे मुँह में दे दी। मैं उसकी चूचियाँ चूसते हुए उसकी चूत को चोद रहा था। वो ऊपर-नीचे उछल रही थी, और उसकी सिसकारियाँ कमरे में गूंज रही थीं, “आहह… सागर… कितना मजा… उफ्फ!” मैंने उसकी गांड पकड़ी और उसे और तेज उछालना शुरू किया। उसकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी, और मैं भी झड़ने के करीब था।

उसने मेरे कान में फुसफुसाया, “सागर, मेरी गांड भी ले लो… मुझे तुम्हारा लंड हर जगह चाहिए।” मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसकी गांड पर तेल लगाया। उसकी गांड का छेद इतना टाइट था कि मेरा लंड पहले तो फिसल गया। मैंने फिर से कोशिश की और धीरे-धीरे लंड का टोपा अंदर डाला। वो चीख पड़ी, “आहह… सागर… दर्द हो रहा है!” मैंने उसकी कमर सहलाई और धीरे-धीरे लंड को और अंदर धकेला। करीब 4 इंच लंड उसकी गांड में था, लेकिन वो और अंदर नहीं जा रहा था। मैंने गुस्से में कहा, “नाजिया, तेरी गांड कितनी टाइट है, बहनचोद!” उसने हँसते हुए जवाब दिया, “अरे धीरे से, मेरे राजा… पूरी गांड तुझे ही दे दूँगी।”

मैंने धीरे-धीरे धक्के मारना शुरू किया। उसकी गांड इतनी गर्म थी कि मेरा लंड पिघलने लगा। वो सिसकार रही थी, “आहह… सागर… और अंदर… फाड़ दो मेरी गांड!” मैंने उसकी चूचियाँ पकड़ीं और एक जोरदार धक्का मारा। मेरा पूरा लंड उसकी गांड में समा गया। वो चीखी, “उफ्फ… अम्मी… मर गई!” लेकिन मैं रुका नहीं। मैंने उसकी गांड को तेजी से चोदना शुरू किया। थप-थप-थप की आवाज कमरे में गूंज रही थी। उसकी गांड से हल्का सा खून बहने लगा, लेकिन वो मजे में थी। वो चिल्ला रही थी, “सागर… चोदो… मेरी गांड फाड़ दो… आहह!”

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कुछ देर बाद मैंने उसे फर्श पर लिटाया और खुद नीचे लेट गया। उसने अपनी गांड मेरे लंड पर सेट की और धीरे-धीरे उछलने लगी। उसकी गांड मेरे लंड को निगल रही थी, और वो पागलों की तरह उछल रही थी। मैंने कहा, “नाजिया, धीरे कर… मेरा लंड टूट जाएगा!” लेकिन वो रुकी नहीं। वो बोली, “जब तक मेरा पानी न निकले, मैं नहीं रुकूँगी!” उसने मेरे लंड को और तेजी से अपनी गांड में लिया। मैं उसकी चूचियाँ दबा रहा था, और वो मेरे होंठ चूस रही थी।

करीब 10 मिनट की गांड चुदाई के बाद वो फिर से झड़ गई। उसका पानी मेरे लंड पर बह रहा था। मैं भी अब झड़ने वाला था। उसने मेरा लंड अपने मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगी। उसकी जीभ मेरे लंड के चारों ओर घूम रही थी, और मैं चिल्लाया, “नाजिया… आहह… निकलने वाला है!” उसने मेरा पूरा वीर्य अपने मुँह में लिया और निगल लिया। उसने मेरे लंड को चाटकर साफ किया और मेरे ऊपर लेट गई।

जब हमने कमरे की हालत देखी, तो बिस्तर पर वीर्य और चूत के पानी के धब्बे थे। फर्श पर भी उसका पानी जमा था। हम दोनों हँस पड़े।

तो दोस्तो, इस तरह मेरी और नाजिया की चुदाई की कहानी खत्म हुई। उम्मीद है, आपको ये रसीली कहानी पसंद आई होगी।

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