पड़ोस की माल भाभी की चुदाई

Sexy Padosan Sex Story: कमलेश 25 साल का एक तगड़ा लड़का था, जिसकी आँखों में हमेशा गंदी फैंटसी चलती रहती थी। लेकिन जब से पड़ोस में सपना भाभी आई थी, तब से उसकी लंड में कुछ ज्यादा ही सनसनाहट होने लगी थी। सपना भाभी का जिस्म देखकर कोई भी अपना होश खो बैठे। 36D के भारी-भरकम दूध, 34 कमर और 40 की भरी पूरी गांड … मतलब ऐसा माल जिसे चोदने का सपना हर कोई देखता था।

कमलेश को तो इनका साइज तक अच्छे से पता था, क्योंकि अब वही भाभी के लिए ब्रा और पैंटी लेकर आता था। भाभी सावले रंग की थी लेकिन उनकी फिगर ऐसी कि कोई भी उन्हें देखकर अपना लंड तान ले। दो साल पहले की बात थी जब सपना भाभी अपने पति के साथ यहाँ रहने आई थी।

कमलेश के दोस्तों ने तो आते ही उसे छेड़ना शुरू कर दिया, “अबे साले, नई भाभी आई है, देखी क्या?” लेकिन तब तक उसने नहीं देखा था। जब पहली बार देखा, तो भाभी साड़ी और टाइट ब्लाउज में थी… क्या चूचियाँ थी उनकी, माँ की कसम… साला लंड वहीं सख्त हो गया!

कमलेश अंदर ही अंदर उनकी चुदाई का सपना देखने लगा, लेकिन उससे बात करने की हिम्मत नहीं हो रही थी। बस रोज उन्हें आते-जाते देखता रहता, उनके नाखून से लेकर उनकी गांड तक हर चीज़ पर नज़र रखता। कई बार भाभी उसके घर भी आती थी, लेकिन कोई सीधा बहाना नहीं मिल रहा था कुछ करने का।

फिर धीरे-धीरे भाभी के पति से भी जान-पहचान हो गई। वह पास में ही पान-सिगरेट की दुकान चलाता था, और दोनों मिलकर दुकान संभालते थे। बस फिर क्या था, कमलेश तो रोज़ बहाने से दुकान पर जाने लगा। सिगरेट, टॉफी, बिस्किट… बस कुछ न कुछ खरीदने जाता, ताकि सपना भाभी की झलक मिल जाए। कभी वो टाइट साड़ी पहनकर दुकान पर आती, तो कभी चूचियाँ उभारने वाली सलवार-कुर्ती में।

एक दिन घर के सामने से बारात गुजर रही थी। कमलेश भी बाहर खड़ा था, और तभी भाभी भी बाहर आ गई। आज उन्होंने एकदम फिटिंग वाली सलवार-कुर्ती पहनी थी, जिससे उनके बड़े-बड़े दूध उछलते हुए दिख रहे थे।

कमलेश की नज़र सीधे उनके चूचियों पर थी, और उसने हिम्मत करके बोल दिया,
“आप पर साड़ी ज्यादा अच्छी लगती है!”

भाभी उसकी बात सुनकर हल्के से मुस्कुरा दी। लेकिन अगले ही दिन से उन्होंने रोज़ साड़ी पहननी शुरू कर दी।

कमलेश ने यह बात अपने दोस्तों को बताई, तो सबने छेड़ना शुरू कर दिया,
“साले, भाभी तो तुझे पटाने के मूड में लग रही है!”

अब तो कमलेश का भी हौसला बढ़ गया था। वो जानता था कि अब बस थोड़ा और जोर डालने की जरूरत थी।

कुछ दिन बाद, एक दिन कमलेश को सिगरेट खरीदनी थी, लेकिन भाभी का पति दुकान पर नहीं था। उसने फोन मिलाया, तो पता चला कि वो किसी काम से बाहर गया हुआ था।

कमलेश ने मौके का फायदा उठाया और सीधे भाभी के घर में घुस गया।

भाभी उस वक्त बर्तन धो रही थी, और कमलेश धीरे से उनके पीछे जाकर खड़ा हो गया।
फिर धीरे से उनके कान में फुसफुसाया,
“आपको पता भी है, आप कितनी मस्त माल हो?”

सपना भाभी अचानक चौंक गई, लेकिन कमलेश तुरंत वहाँ से भाग निकला।

थोड़ी देर बाद ही भाभी ने इशारे से कमलेश से उसका नंबर मांगा। कमलेश ने भी झट से नंबर दे दिया, और जैसे ही घर पहुंचा, भाभी की मिस कॉल आ गई।

कमलेश ने तुरंत फोन लगाया।
भाभी ने धीरे से कहा,
“क्या कह रहे थे तुम आज?”

कमलेश हँसते हुए बोला,
“यही कि आप बहुत मस्त चीज़ हो!”

भाभी थोड़ी शर्माते हुए बोली,
“अच्छा, ऐसा क्या है मुझमें?”

कमलेश ने बेझिझक जवाब दिया,
“आपको खुद नहीं पता? आपके अंदर बहुत कुछ है!”

अब धीरे-धीरे दोनों खुलने लगे थे। कुछ दिन बाद, जब बात पूरी तरह से दोस्ती में बदल गई, तो एक दिन कमलेश ने सीधे-सीधे बोल दिया,
“आपके चूचे बहुत मस्त और बड़े-बड़े हैं, मुझे शादीशुदा भाभियाँ बहुत पसंद आती हैं!”

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भाभी पहले तो हँसी, फिर धीरे से बोली,
“अच्छा, तो तुम्हें भाभियाँ पसंद आती हैं?”

कमलेश ने कहा,
“हाँ, बहुत ज्यादा!”

अब भाभी भी धीरे-धीरे बहक रही थी। कमलेश ने फिर एक दिन भाभी को कॉलोनी के पीछे वाली सुनसान गली में बुलाया।

भाभी ने पहले पूछा,
“क्यों बुला रहे हो?”

कमलेश ने कहा,
“अभी नहीं बता सकता, बस आ जाओ!”

भाभी कुछ देर बाद आई, लेकिन कमलेश उनकी तरफ देखने में हिचकिचा रहा था। भाभी ने खुद ही कहा,
“अगर यही करना है तो मैं जा रही हूँ!”

कमलेश ने झट से उनका हाथ पकड़ लिया और धीरे से अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिए।

भाभी थोड़ा हिली लेकिन विरोध नहीं किया।
कमलेश ने झट से उनके ब्लाउज के ऊपर से ही उनके बड़े-बड़े चूचियों को पकड़ लिया और जोर-जोर से मसलने लगा।

भाभी धीरे-धीरे सिसकारियां लेने लगी, लेकिन फिर अचानक खुद को छुड़ाकर भाग गई।

घर पहुँचते ही भाभी ने फिर से फोन लगाया,
“तुम वही क्यों नहीं रुके?”

कमलेश ने कहा,
“आप ही तो भाग गई थीं!”

भाभी हल्की आवाज़ में बोली,
“अगर वहाँ रुकती तो तुम मेरे सारे कपड़े फाड़ डालते, इसलिए भागना पड़ा!”

अब दोनों की बातें पूरी तरह से गंदी हो गई थीं।

कुछ दिन बाद, कमलेश ने फिर भाभी को उसी गली में बुलाया।

Bhabhi ki chudai

इस बार, जैसे ही भाभी आई, कमलेश ने उन्हें कसकर पकड़ लिया और जोर से किस करने लगा।

फिर पीछे से पकड़कर उनकी मोटी चूचियों को मसलने लगा।
इतनी जोर से दबा रहा था कि भाभी की निप्पल सख्त होकर ब्लाउज से बाहर दिखने लगी।

कमलेश ने हल्के से ब्लाउज को नीचे किया और बाहर निकले दूधों को अपने मुँह में भर लिया।

भाभी सिहर उठी और उनकी चूत गीली होने लगी।

कमलेश ने सपना भाभी के बड़े-बड़े दूधों को मुँह में भरकर चूसना शुरू किया। गर्म, मुलायम चूचियाँ जैसे उसके होंठों से चिपक गई थी। उसकी जीभ भाभी की निप्पल्स पर घूम रही थी, और जैसे ही उसने हल्के-हल्के अपने दांतों से चबाया, भाभी की सिसकारियाँ और तेज़ हो गईं।

“उह्ह… स्स्स… कमलेश, छोड़ो न… कोई देख लेगा!” भाभी की आवाज़ में हल्का विरोध था, लेकिन जिस तरह से उनकी चूत से गरम-गरम रस बहने लगा था, उससे कमलेश को समझ आ गया कि अब भाभी पूरी तरह तैयार है।

उसने एक हाथ से भाभी की चूचियों को जोर-जोर से मसलना शुरू कर दिया, और दूसरा हाथ उनकी गांड पर रखकर धीरे-धीरे सहलाने लगा। भाभी की गांड भी पूरी मोटी और भरी हुई थी, जैसे किसी फिल्म की हीरोइन की हो।

कमलेश ने हल्का सा भाभी के कान में फुसफुसाया,
“भाभी, आपका बदन कितना गरम है… चूत तो एकदम गीली हो रखी है आपकी!”

भाभी हड़बड़ा गई और जल्दी से खुद को छुड़ाने लगी,
“कमलेश, पागल हो गए हो क्या? हमें यहाँ से चलना चाहिए!”

लेकिन कमलेश ने कसकर पकड़ लिया,
“अभी नहीं भाभी, जब तक मैं आपको पूरा नहीं चोद लूँगा, तब तक जाने नहीं दूँगा!”

भाभी का बदन कांपने लगा। वो थोड़ी डर भी रही थी, लेकिन अंदर से चाह भी रही थी।

कमलेश ने धीरे से उनके कुर्ते का नाड़ा खोला, और उसका हाथ सीधा भाभी की चूत पर रख दिया। भाभी की चूत इतनी गीली और गरम थी कि जैसे किसी ने वहां आग लगा रखी हो।

“आह्ह… कमलेश!” भाभी के मुँह से हल्की आवाज़ निकली, लेकिन वो अब खुद को रोक नहीं पा रही थी।

कमलेश ने धीरे-धीरे एक उंगली उनकी चूत के अंदर डाल दी। भाभी ने जोर से अपनी आँखें बंद कर लीं और “स्स्स… उह्ह… कमलेश, क्या कर रहे हो?” कहकर उसकी कमर पकड़ ली।

“भाभी, आपको जो चाहिए था, वही कर रहा हूँ!”

कमलेश अब धीरे-धीरे उंगलियों से भाभी की चूत में अंदर-बाहर करने लगा। भाभी की सांसें तेज़ हो गईं, और वो खुद अपनी टांगें थोड़ी और खोलने लगीं ताकि उंगलियाँ और गहराई में जा सके।

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कमलेश ने भाभी की चूत से निकलते गरम पानी को महसूस किया, और अपना लंड बाहर निकाल लिया। 8 इंच लंबा, मोटा और गरम लंड, जिसे देखकर भाभी की आँखें चौड़ी हो गईं।

“साला तेरा तो बहुत बड़ा है…!” भाभी ने आँखें चौड़ी करके कहा।

कमलेश हँसते हुए बोला,
“अब आप खुद चेक कर लो!”

भाभी की नज़रें उसके मोटे लंड पर अटक गईं। उसने धीरे से अपने हाथ से लंड को पकड़ लिया और हल्के-हल्के हिलाने लगी।

“आह्ह… भाभी, और जोर से पकड़ो!”

भाभी ने धीरे-धीरे अपनी मुट्ठी से लंड को पकड़कर ऊपर-नीचे करना शुरू कर दिया। उसकी नरम हथेलियों का एहसास इतना जबरदस्त था कि कमलेश के मुँह से खुद-ब-खुद कराहटें निकलने लगीं।

कमलेश ने हल्के से भाभी की गर्दन पकड़कर अपने करीब किया और उसके होंठों पर जोर से चूस लिया। इस बार भाभी ने भी अपनी जीभ कमलेश के मुँह में डाल दी। दोनों के होंठ चिपक चुके थे और उनकी सांसें एक-दूसरे में मिल चुकी थी।

कमलेश अब खुद को रोक नहीं पा रहा था। उसने भाभी को हल्के से नीचे धकेला और कहा,
“भाभी, मुँह में ले लो!”

भाभी ने थोड़ी नखरे दिखाते हुए कहा,
“नहीं, बहुत बड़ा है, मैं नहीं कर सकती!”

लेकिन कमलेश ने हल्के से अपने लंड को भाभी के होंठों से सटा दिया।
भाभी ने थोड़ा सा अपना मुँह खोला और टिप पर हल्की सी लार टपकाई।

कमलेश का पूरा बदन झनझना उठा,
“ओह्ह… भाभी, और अंदर लो!”

भाभी ने धीरे-धीरे लंड को अंदर लेना शुरू किया। उसकी गरम, गीली जीभ लंड के चारों तरफ लपेट रही थी और उसके नरम होंठ कसकर लंड को जकड़ चुके थे।

कमलेश की पूरी रगें तन गईं और उसने भाभी के बालों को पकड़कर हल्का सा धक्का मारा। लंड आधा उनके गले के अंदर चला गया!

“ग्ग्ग… ह्ह्ह…!” भाभी हल्का सा घबराई, लेकिन कमलेश ने हल्का सा पीछे खींचा और फिर अंदर डाला।

अब भाभी खुद अपनी जीभ से उसके लंड को चाटने लगी थी। वो ऊपर-नीचे करके चूस रही थी और बीच-बीच में अपनी जीभ से लंड के टिप को सहला रही थी।

कमलेश की सारी नसें तनी हुई थी।

“ओह्ह… भाभी, ऐसे ही चूसो!”

भाभी ने और जोर से लंड चूसना शुरू कर दिया। अब वो एक हाथ से लंड को पकड़कर ऊपर-नीचे कर रही थी और दूसरे हाथ से अपने चूत को सहला रही थी।

कमलेश ने उसकी हालत देखी और बोला,
“भाभी, अब और नहीं सहा जाता, अब अंदर डालना पड़ेगा!”

भाभी ने अपनी चूत से हाथ हटाया और धीरे से पीछे मुड़ गई।
उसकी मोटी गांड एकदम चुदाई के लिए परफेक्ट थी।

कमलेश ने धीरे से अपना लंड उसकी चूत के मुहाने पर रखा और धीरे से अंदर धकेल दिया…

“आह्ह… स्स्स… कमलेश!” भाभी की मुँह से तेज़ सिसकारी निकली।

“अब कोई रोक नहीं सकता भाभी, आज आपको पूरी तरह से चोदूँगा!”

कमलेश का लंड भाभी की गरम, गीली चूत के मुहाने पर रखा था। चूत रस से भर चुकी थी, लेकिन फिर भी पहली बार अंदर जाते हुए भाभी के मुँह से दर्द और मजे की मिली-जुली आवाज़ें निकल रही थी।

“आह्ह… स्स्स… कमलेश, धीरे करो, बहुत मोटा है!” भाभी ने अपना हाथ पीछे ले जाकर कमलेश की जांघ पकड़ ली।

कमलेश हल्का सा पीछे हटा, फिर धीरे-धीरे लंड को और अंदर घुसाने लगा। उसकी 8 इंच लंबी, मोटी लंड अब धीरे-धीरे भाभी की गर्म, कसकती चूत में समा रही थी।

भाभी की आँखें बंद हो गईं, और उसके होंठ हल्के-हल्के काँपने लगे।
“उफ्फ… कमलेश, अंदर जलन हो रही है!”

कमलेश ने हल्का सा धक्का दिया, और अब आधा लंड अंदर जा चुका था।

भाभी की चूत कस के उसके लंड को जकड़े हुई थी, जैसे वो उसे छोड़ने के लिए तैयार ही नहीं।

“भाभी, अब तो पूरा अंदर लेना पड़ेगा!”

कमलेश ने एक और जोरदार धक्का मारा, और लंड पूरा अंदर घुस गया।

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“आअह्ह… स्स्स…!” भाभी तेज़ी से साँसें लेने लगी।
“कमलेश… रुको… थोड़ा रुको!”

लेकिन अब कमलेश को रुकने का कोई मन नहीं था। उसने हल्के-हल्के भाभी की चूत में लंड को अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया।

“आह्ह… हाँ… ऐसे ही!” भाभी अब दर्द से निकलकर मजे की दुनिया में आ चुकी थी।

कमलेश ने अपनी पकड़ और मजबूत की।
एक हाथ से उसने भाभी की मोटी चूचियाँ पकड़ लीं, और दूसरा हाथ कमर पर रखकर जोर-जोर से झटके मारने लगा।

“प्लाप… प्लाप… प्लाप…” भाभी की चूत से तेज़ आवाज़ आने लगी, जैसे कोई पानी में हाथ मार रहा हो।

कमलेश की तेज़ होती चुदाई से भाभी पूरी तरह पिघल चुकी थी।

“कमलेश… और तेज़… और तेज़!” भाभी खुद अपनी गांड पीछे धकेलने लगी ताकि लंड और अंदर तक जाए।

कमलेश ने भाभी की कमर पकड़कर जोर-जोर से झटके लगाने शुरू कर दिए।
“ठक… ठक… ठक…” उसकी जांघें भाभी की गांड से टकरा रही थी।

“आअह्ह… कमलेश, उफ्फ, चूत फाड़ दी साली!” भाभी की आवाज़ पूरी तरह से मदहोश और नशे से भरी हुई थी।

कमलेश ने भाभी को नीचे गिराया और उसे सीधा कर दिया। अब भाभी पीठ के बल लेटी थी, और उसकी टांगें हवा में थी।

कमलेश ने उनकी दोनों टांगों को पकड़कर ऊपर उठाया और फिर से लंड चूत में डाल दिया।

“आअह्ह… स्स्स… कमलेश, तूने सच में मेरी चूत फाड़ दी!”

अब भाभी पूरी तरह से कमलेश के लंड की आदी हो चुकी थी।

कमलेश ने लंड को बाहर निकाला, और भाभी के मुँह के पास ले गया।

“चूसो भाभी, इसे और गरम करो!”

भाभी ने बिना कुछ कहे लंड को पकड़ लिया और अपने मुँह में डाल लिया।

“चप… चप… चप…” आवाज़ें कमरे में गूँज रही थी, और भाभी जोर-जोर से लंड को चूस रही थी।

कमलेश ने भाभी के बालों को पकड़कर हल्का सा धक्का मारा, और अब पूरा लंड उसके गले के अंदर जा चुका था।

“ग्ग… ह्ह्ह…!” भाभी ने हल्की सी घुटन महसूस की, लेकिन अब वो पूरा मजा ले रही थी।

कमलेश ने कुछ देर भाभी का मुँह चोदने के बाद उसे फिर से पलट दिया।

अब उसने भाभी को घोड़ी बनाकर पीछे से चोदना शुरू किया।

“ठक… ठक… ठक…” भाभी की मोटी गांड हिल रही थी, और कमलेश पूरा लंड अंदर डालकर ताबड़तोड़ चुदाई कर रहा था।

“आअह्ह… हाँ… और तेज़… मुझे और चोद कमलेश!” भाभी अब पूरी तरह से नशे में थी।

कमलेश ने गांड पर दो-तीन जोर के थप्पड़ मारे, और भाभी की चूत में और तेज़ी से लंड अंदर-बाहर करने लगा।

कुछ ही मिनटों में, कमलेश ने भाभी को पकड़कर एक आखिरी तेज़ झटका मारा, और जोर से चूत के अंदर ही सारा वीर्य छोड़ दिया।

“आह्ह… स्स्स… हाँ, अंदर ही डाल दे!” भाभी पूरी तरह से चुद चुकी थी।

अब वो कमलेश की बाँहों में लिपट गई और धीरे-धीरे उसकी साँसें शांत होने लगीं।

अब भाभी कमलेश की पूरी तरह से रंडी बन चुकी थी। जब मन करता, कमलेश उसे बुला लेता और पूरी तरह चोद डालता।

भाभी ने खुद एक दिन कहा,
“कमलेश, अब तो मैं तेरी हूँ, जब मन करे, जहाँ मन करे, तू मुझे चोद सकता है!”

कमलेश ने मुस्कुराते हुए भाभी की चूत पर एक और जोर का हाथ मारा, और बोला,
“आज के बाद तू सिर्फ मेरी रंडी है!”

(अंत – अब भाभी हमेशा के लिए कमलेश की रखैल बन चुकी थी)

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