Sagi behen ki chudai sex story – Brother sister gangbang sex story – Seal break first time sex story: मेरा नाम प्रिंस है, मैं परिवार वाली सेक्स कहानियाँ बहुत पढ़ता हूँ, खासकर सगी भाई-बहन की चुदाई वाली, मेरे हिसाब से हर भाई को अपनी सगी बहन को जरूर चोदना चाहिए, बाहर किसी गैर से चुदवाने से बेहतर है कि भाई खुद उसकी बुर को भरपूर मजा दे दे, घर की बात घर में ही रहती है, बहन की चूत से बढ़कर कुछ नहीं होता।
मेरा पक्का दोस्त राहुल है, राहुल अपनी सगी बहन निशा को पिछले दस-ग्यारह साल से चोद रहा है, और मैं भी उसी चुदाई में शामिल हूँ, साथ में निशा का ममेरा भाई विक्की भी रहता है, हम तीनों मिलकर निशा को उसके घर के उपर वाले कमरे में घंटों पेलते हैं, चारों को बड़ा मजा आता है।
शुरुआत कॉलेज के दिनों से हुई थी, साल 2015-16 की बात है, हम चारों एक ही कॉलेज में थे, राहुल के घर में मम्मी सुनीता जी ज्यादातर बाहर रहती थीं, पापा बैंक में नौकरी करते थे, सुबह निकल जाते, शाम को आते, हमें पूरा घर खाली मिलता।
हम लोग पढ़ने के बहाने दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक राहुल के कमरे में बन्द हो जाते, दरवाजा अंदर से लॉक, पढ़ते-पढ़ते विक्की सेक्सी बातें छेड़ देता, बताता कि उसने फलानी लड़की को कैसे पटाया, उसकी चूचियाँ कितनी बड़ी थीं, बुर कितनी टाइट थी, चुदाई में कितना पानी निकला, सब विस्तार से बताता और अपना लण्ड पैंट से बाहर निकाल कर सहलाने लगता।
उसका लण्ड सच में गजब का था, 8 इंच लम्बा, कलाई जितना मोटा, सुपारा पूरा खुला हुआ, गुलाबी-लाल, शंकु जैसी नुकीली टोपी, देखते ही मुँह में पानी आ जाता, हम तीनों जिद करते तो वो अपना लण्ड हमारे मुँह के पास ले आता, हम चूमते, निशा भी शरमाते-शरमाते उसके सुपारे को जीभ से छूती, फिर पूरा मुँह में लेकर चूसने लगती, ग्ग्ग्ग… ग्ग्ग्ग… गी… गी… गों… गों… की आवाजें करती, विक्की की सिसकियाँ निकलतीं, आह्ह्ह… और गहराई तक…
फिर हमारा और राहुल का लण्ड भी खड़ा हो जाता, हम छोटा सा नीला-काला सूती बरमूडा पहनते थे, लण्ड का तम्बू साफ दिखता, हम भी अपना लण्ड बाहर निकाल लेते, निशा उत्तेजना में अपनी जाँघें भींचती, गुलाबी टॉप के नीचे ब्रा की आउटलाइन दिखती, कभी हाथ पैंटी के अंदर डाल कर बुर सहलाने लगती।
एक दिन विक्की ने सबके सामने पूरा बरमूडा उतार दिया, उसका फनफनाया लण्ड 90 डिग्री पर खड़ा था, नीचे दो बड़े-बड़े अंडकोष लटक रहे थे, उसने बारी-बारी सबके मुँह में लण्ड डाला, निशा के मुँह में सबसे ज्यादा देर तक, निशा की लार टपकने लगी, ग्ग्ग्ग… ग्ग्ग्ग… करती गले तक लण्ड लेती, हम भी अपना लण्ड उसके मुँह में देते, निशा तीनों लण्ड बारी-बारी चूसती।
फिर हमने निशा से कहा कि वो हम तीनों की मुठ मारे, पहले तो निशा ने मना किया, फिर तीनों लण्ड हाथ में लेकर हिलाने लगी, हमने स्टील का कटोरा रखा, पहले विक्की ने झड़ा, फिर राहुल, फिर मैं, गाढ़ा गर्म वीर्य कटोरे में इकट्ठा हुआ, फिर हम चारों ने उंगली डाल-डाल कर चाटा।
अब निशा की बारी थी, हमने उसका गुलाबी टॉप ऊपर उठाया, सफेद ब्रा में उसकी गोरी चूचियाँ उभरी हुई थीं, ब्रा का हुक खोला, चूचियाँ बाहर आईं, दूधिया गोरे, गुलाबी निप्पल, फिर नीली जींस की बटन खोली, जींस नीचे की, सफेद पैंटी में बुर की शक्ल साफ दिख रही थी, पैंटी भी उतार दी, निशा की बुर बिना एक बाल की, फूली हुई, गुलाबी-भूरी, छोटी सी क्लिट ऊपर चमक रही थी।
विक्की ने निशा को गोद में उठाया, लण्ड पर बैठाया, एक उंगली बुर में घुसेड़ दी, आह्ह्ह… विक्की… धीरे… निशा की सिसकी निकली, विक्की ने दूसरी चूची मुँह में लेकर चूसने लगा, ग्ग्ग्ग… चुप-चुप की आवाज, राहुल ने दूसरी चूची दबाई, मैंने निप्पल चुटकी में लेकर खींचा।
रोज हम ऐसा ही करते, निशा हमारे लण्ड चूसती, हम उसकी चूचियाँ दबाते, बुर में उंगली करते, एक दिन हमने प्लान बनाया कि आज निशा की सील तोड़ेंगे, विक्की ने चाय में दो गोली मिला दी थी।
चाय पीते ही सब नंगे हो गए, विक्की ने निशा को गोद में लिया, चूचियाँ मसलते हुए होठ चूसने लगा, हाथ पैंटी के अंदर डाल कर बुर रगड़ने लगा, निशा आह्ह… इह्ह… ओह्ह… करने लगी, विक्की ने निशा को बिस्तर पर लिटाया, दोनों टाँगें मोड़ कर फैलाईं, बुर के ऊपर मुँह रखा और जीभ अंदर तक घुसेड़ दी, निशा की कमर अपने आप ऊपर उठ गई, आह्ह्ह… विक्की… मेरी बुर… खा जाओ… हमने भी बारी-बारी निशा की बुर चाटी, क्लिट चूसते, जीभ से चोदा।
विक्की ने नारियल तेल लण्ड पर लगाया, निशा की बुर पर मला, सुपारा बुर के मुँह पर रखा, धीरे-धीरे दबाव डाला, फिर एक जोर का धक्का, आधा लण्ड अंदर, निशा चीखी आह्ह्ह्ह… विक्की… दर्द… पर विक्की ने मुँह बन्द कर दिया, होठ चूसते हुए लगातार धक्के दिए, दो-तीन जोरदार झटकों में पूरा 8 इंच लण्ड जड़ तक घुस गया, निशा की आँखों में आँसू थे, पर दवा के कारण दर्द कम था, विक्की ने आधे घंटे तक लगातार चोदा, पहले निशा सिसक रही थी, फिर मजा आने लगा, वो खुद नितम्ब उछालने लगी, आह… ओह्ह… विक्की… और जोर से… चोदो मुझे… दोनों टाँगें विक्की की कमर पर लपेट दीं।
विक्की ने निशा की बुर में झड़ दिया, लण्ड निकाला तो हल्का खून लगा था, हम घबरा गए, विक्की ने समझाया कि पहली बार ऐसा होता है, थोड़ी देर बाद राहुल ने अपनी सगी बहन को फिर लिटाया, तेल लगाकर अपना 7.5 इंच लण्ड डाला, इस बार आसानी से चला गया, राहुल ने डेढ़ घंटे तक बहन को चोदा, निशा अब पूरी तरह मजे ले रही थी, आह्ह… भैया… और तेज… मेरी बुर फाड़ दो…
फिर मेरी बारी, मैंने निशा को गोद में उठाया, चूचियाँ चूसते हुए अपना 7 इंच लण्ड बुर में घुसेड़ा, निशा मेरे गले में बाहें डालकर चुदवा रही थी, आह्ह… प्रिंस… कितना गरम है तेरा… हाँ चोद… पूरी ताकत से, मैंने आधा घंटा चोदा और निशा की बुर में अपना वीर्य उड़ेल दिया।
उसके बाद कई सालों तक हम रोज निशा को चोदते रहे, कभी बारी-बारी, कभी एक साथ, निशा भी पूरी तरह खुल गई थी, दिन में चार-पाँच बार चुदाई माँगती, 2020 में निशा की शादी हो गई, पर आज भी जब वो मायके आती है राहुल उसको खूब पेलता है, सुनीता आंटी को सारी बात पता है, वो कुछ नहीं बोलतीं, बल्कि कभी मजाक करती हैं कि भाई की शादी तक बहन उसे खुश रखे, अब तो मम्मी के सामने ही राहुल निशा को चोद लेता है, निशा अपनी सारी चुदाई की बातें मम्मी से शेयर करती है, राहुल मम्मी और बहन दोनों को नंगा करके तेल मालिश करता है, बुर में उंगलियाँ घुसाकर देर तक मसाज करता, दोनों माँ-बेटी उसका लण्ड चूसती हैं, कमरे में बस चुदाई का माहौल रहता है।