मेरा ब्वॉयफ्रेंड कॉल पर था और मैं सहेली के ब्वॉयफ्रेंड से चुद रही थी

Cheater Girlfriend Sex Story: मेरा नाम दीक्षा है। मैं 23 साल की हूँ, अहमदाबाद में रहती हूँ और मेरा फिगर 34-28-36 का है, जो हर किसी को ललचाने के लिए काफी है। मेरी त्वचा गोरी है, लंबे काले बाल और भूरी आँखें मेरी पर्सनैलिटी को और निखार देती हैं। मैं एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करती हूँ, जहाँ मेरा बॉस हर वीकेंड मुझे अपने प्यार और लंड की गर्मी से नहलाता है। मेरा ब्वॉयफ्रेंड, अजय, बैंगलोर में रहता है। हमारी आखिरी मुलाकात 9 महीने पहले हुई थी, जब हमने जमकर चुदाई की थी। लेकिन उसके बाद से दूरी ने हमारी सेक्स लाइफ को ठंडा कर दिया था।

पिछले एक महीने से मेरे बॉस की व्यस्तता और मेरे ऑफिस के काम ने मुझे सेक्स से दूर रखा था। मेरे जिस्म में आग सी लगी थी। तभी एक दिन मेरे कुछ दोस्त मुझसे मिलने आए। हमने एक कैफे में मिलने का प्लान बनाया। वहाँ मेरी सहेली निधि का जिक्र आया, जो मेरे साथ ऑफिस में काम करती है। निधि 24 साल की है, सांवली, 32-26-34 के फिगर वाली, और उसका चेहरा इतना मासूम कि कोई भी उसे देखकर धोखा खा जाए। लेकिन उसका ब्वॉयफ्रेंड राघव के साथ उसका झगड़ा चल रहा था। निधि फोन पर रो रही थी, कह रही थी कि राघव उससे बात नहीं कर रहा। मैंने उसे तसल्ली दी और कहा, “राघव का नंबर दे, मैं उससे बात करती हूँ। शायद सुलह हो जाए।”

निधि ने मुझे राघव का नंबर दे दिया। उसी वक्त मेरी दूसरी सहेली रूबी की तबीयत खराब हो गई। रूबी 22 साल की है, पतली-दुबली, लेकिन उसकी हंसी और बातें इतनी प्यारी कि हर कोई उसका दीवाना हो जाए। मैं उसे हॉस्टल छोड़ने चली गई। वहाँ से लौटते वक्त मैंने राघव को कॉल किया। उसकी आवाज में एक अजीब सी गर्मी थी, जैसे वो पहले से ही मुझसे बात करने को उतावला था। मैंने कहा, “मिलकर बात करनी है, निधि के बारे में।” उसने तुरंत हामी भर दी और बोला, “मैं कार लेकर आता हूँ।”

थोड़ी देर बाद राघव अपनी काली SUV लेकर मेरे पास पहुंचा। मैंने उसे देखा, 6 फीट का लंबा, गोरा, चौड़ा कंधा, और चेस्ट पर टाइट व्हाइट शर्ट, जिसके नीचे उसके मसल्स साफ दिख रहे थे। उसकी ग्रे जींस में उसका लंड हल्का उभरा हुआ लग रहा था। मैंने उस दिन येलो स्लीवलेस टैंकटॉप और टाइट ब्लू जींस पहनी थी। मेरा टॉप इतना टाइट था कि मेरे 34C के बूब्स बाहर निकलने को बेताब थे, और जींस मेरी गोल गांड को और उभार रही थी। मेरे लंबे बाल खुले थे, जो मेरी कमर तक लहरा रहे थे।

मैं कार में बैठी और उसने मुझे हाय किया। मैंने भी मुस्कुराते हुए हाय बोला। उसकी नजरें बार-बार मेरे बूब्स और जांघों पर जा रही थीं। मैंने सोचा, ये तो पहले ही मुझे नजरों से चोद रहा है। हमने हल्की-फुल्की बातें शुरू कीं। उसने पूछा, “निधि ने तुम्हें सब बताया होगा?” मैंने कहा, “हाँ, लेकिन तुम बता, झगड़ा क्यों हुआ?” राघव ने एक गहरी सांस ली और बोला, “निधि को सेक्स में ज्यादा इंटरेस्ट नहीं। दो महीने पहले हमने आखिरी बार किया था। मैं तो हफ्ते में 2-3 बार चाहता हूँ, लेकिन वो मना कर देती है।”

उसके मुँह से सेक्स की बात सुनकर मेरी चूत में हल्की सी गुदगुदी होने लगी। मैंने पिछले एक महीने से चुदाई नहीं की थी, और मेरे जिस्म में वही आग फिर से भड़कने लगी थी। मैंने खिड़की की तरफ देखा, ताकि वो मेरे चेहरे पर उभरती कामुकता न देख ले। उसने फिर कहा, “मुझे सेक्स की आदत है, दीक्षा। मैं बिना इसके रह नहीं सकता।” उसकी बात सुनकर मेरी टांगों के बीच चींटियां रेंगने लगीं। मैंने खुद को संभाला और बोला, “यह तो तुम दोनों को आपस में बात करनी चाहिए।”

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तभी उसकी नजर मेरे बूब्स पर टिक गई। मेरे निप्पल्स टॉप के ऊपर से उभर रहे थे। उसने ललचाई नजरों से पूछा, “तुम्हारा ब्वॉयफ्रेंड तो होगा? तुम कितनी बार सेक्स करती हो?” मैंने कहा, “हाँ, अजय बैंगलोर में है। हम 9 महीने से नहीं मिले।” उसने तुरंत मौके का फायदा उठाया और बोला, “तो तुम भी सेक्स के लिए तड़प रही होगी? क्यों ना हम एक-दूसरे की मदद करें?”

मैं गुस्से में चिल्लाई, “ये क्या बकवास है? कार रोको, मुझे उतरना है!” लेकिन उसने मेरी जांघ पर धीरे से हाथ रखा और बोला, “अरे, टेंशन मत लो। ये बात सिर्फ हम दोनों के बीच रहेगी।” उसका गर्म हाथ मेरी जींस के ऊपर से मेरी जांघ को सहला रहा था। मुझे गुस्सा तो था, लेकिन मेरी चूत में गीलापन बढ़ रहा था। मैंने उसे मना नहीं किया। उसका हाथ धीरे-धीरे मेरी जांघों के बीच की ओर बढ़ने लगा। मेरी सांसें तेज हो गईं।

हम एक पेट्रोल पंप पर रुके। उसने कार रोकी और हमारी नजरें फिर मिलीं। उसने झट से मेरा चेहरा पकड़ा और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उसकी जीभ मेरे मुँह में घुस गई, और वो मेरे बूब्स को टॉप के ऊपर से दबाने लगा। मैंने उसका लंड जींस के ऊपर से महसूस किया, जो पहले से ही खड़ा और मोटा लग रहा था। मैंने भी उसका साथ देना शुरू कर दिया, लेकिन तभी मेरा फोन बजा। मम्मी का कॉल था। रात के 10:30 बज रहे थे। मैं डर गई।

मैंने फोन उठाया और जल्दी से बोला, “मम्मी, रूबी की तबीयत खराब है। मैं उसे हॉस्टल छोड़ने आई हूँ। दस मिनट में कॉल करती हूँ।” राघव पेट्रोल की पेमेंट कर रहा था, लेकिन उसकी नजरें मुझ पर थीं। जैसे ही मैंने कॉल कट किया, वो फिर मुझ पर टूट पड़ा। उसने मेरे टॉप को साइड से खींचा और मेरी ब्रा का स्ट्रैप नीचे कर दिया। मेरे बूब्स ब्रा से आधे बाहर आ गए। वो मुझे स्मूच करते हुए बोला, “होटल चलते हैं। मैं तुम्हें ऐसी चुदाई दूंगा कि जिंदगी नहीं भूलोगी।”

मैंने कहा, “मुझे घर जाना है।” लेकिन मेरी आवाज में वो दम नहीं था। वो हंसा और बोला, “कोई बहाना बना लो। आज रात तुम मेरी हो।” मैंने सोचा, मम्मी को क्या बोलूँ? तभी मुझे रूबी का ख्याल आया। मैंने उसे कॉल किया और कहा, “रूबी, मम्मी को बोल दे कि मैं आज तेरे पास रुक रही हूँ।” रूबी ने हामी भर दी। मैंने मम्मी को कॉन्फ्रेंस कॉल पर लिया और बोला, “मम्मी, रूबी की तबीयत ठीक नहीं है। मैं आज यहीं रुक रही हूँ।” रूबी ने भी मेरी बात का साथ दिया। मम्मी मान गईं।

कॉल कटते ही राघव की आँखों में शरारत चमकने लगी। उसने कहा, “आज की रात तुझे याद रहेगी।” मैं हंस पड़ी। उसने कार स्टार्ट की और एक लग्जरी होटल की ओर चल पड़ा। रास्ते में वो बार-बार मेरी जांघों को सहलाता, मेरे बूब्स को टच करता। मैं भी गर्म हो रही थी। होटल पहुंचते ही उसने 17वीं मंजिल पर एक ग्लास रूम बुक किया। लिफ्ट में जाते वक्त वो मुझे किस करने लगा। उसकी जीभ मेरे होंठों को चूस रही थी, और मैं भी उसका साथ दे रही थी।

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रूम में घुसते ही मैं दंग रह गई। पूरा रूम कांच का था, और बाहर पूरा शहर चमक रहा था। राघव मेरे पीछे आया और मेरे बूब्स को पीछे से पकड़कर मसलने लगा। वो मेरी गर्दन पर किस करते हुए बोला, “आज मैं तुम्हारी चूत को रगड़-रगड़ कर लाल कर दूंगा।” उसकी बात सुनकर मेरी चूत गीली हो गई। उसने एक झटके में मेरा टैंकटॉप उतार फेंका। मैं सिर्फ व्हाइट ब्रा में थी। उसने मेरी ब्रा के हुक खोले और उसे भी फेंक दिया। मेरे गोरे, भरे हुए बूब्स बाहर आ गए। वो मेरे बूब्स को शीशे में देख रहा था, जैसे कोई भूखा शिकारी।

उसने मुझे अपनी ओर घुमाया और मेरे बूब्स को चूसने लगा। पहले वो मेरे एक निप्पल को मुँह में लेकर चूसा, फिर उसे हल्के से काटा। मैं सिसकारी, “आह्ह… राघव…” उसने मेरे दूसरे बूब को चूसना शुरू किया, और उसका एक हाथ मेरी जींस के ऊपर से मेरी चूत को सहलाने लगा। मेरे बूब्स उसके थूक से चमक रहे थे। वो बीच-बीच में मेरे निप्पल्स को काट रहा था, जिससे मेरी सिसकारियां तेज हो रही थीं, “उफ्फ… आह्ह… धीरे…”

उसने अपनी शर्ट उतारी। उसका चेस्ट क्लीन शेव्ड था, और उसके सिक्स-पैक एब्स देखकर मैंने उसके पेट पर हाथ फेरा। मैंने उसकी बेल्ट खोली और उसकी जींस नीचे सरकाई। उसकी ब्लैक अंडरवियर में उसका लंड साफ उभर रहा था। मैंने उसका अंडरवियर नीचे किया, और उसका 9 इंच का मोटा लंड बाहर आ गया। मैंने उसे हाथ में लिया, वो गर्म और सख्त था। मैंने धीरे-धीरे उसे सहलाना शुरू किया। राघव ने मुझे बेड पर धकेला और मेरी जींस उतार दी। मेरी लाल पैंटी देखकर वो बोला, “क्या मस्त रंग है! आज तेरी चूत भी ऐसी लाल हो जाएगी।”

मैं शरमा गई, लेकिन मेरी चूत पहले से ही गीली थी। उसने मेरी पैंटी उतारी और मेरी चूत को देखकर बोला, “क्या मस्त चूत है, दीक्षा। एकदम टाइट और गुलाबी।” वो मेरे ऊपर आया और मेरी चूत को चाटने लगा। उसकी जीभ मेरी चूत के दाने को छू रही थी, और मैं पागल हो रही थी। “आह्ह… राघव… उफ्फ… और करो…” मैं बेडशीट को मुठ्ठी में जकड़ रही थी। उसने अपनी जीभ मेरी चूत के अंदर डाली, और मैं चीख पड़ी, “आह्ह… प्लीज… और तेज…” मेरी चूत से रस बहने लगा था।

थोड़ी देर बाद वो रुका और अपनी जींस और अंडरवियर पूरी तरह उतार फेंका। उसका लंड अब पूरी तरह खड़ा था। उसने पूछा, “सेफ डे है ना?” मैंने हाँ में सिर हिलाया। उसने अपने लंड को मेरी चूत पर सेट किया और मुझे किस करने लगा। उसकी जीभ मेरे मुँह में थी, और तभी उसने एक जोरदार धक्का मारा। उसका आधा लंड मेरी चूत में घुस गया। मैं चीखी, “आह्ह… धीरे… बहुत मोटा है…” वो रुका और मुझे स्मूच करता रहा। फिर उसने एक और धक्का मारा, और उसका पूरा 9 इंच का लंड मेरी चूत में समा गया। मैं चीख पड़ी, “उफ्फ… निकालो… मर जाऊंगी…”

वो मुझे शांत करने लगा, “बस, थोड़ा रिलैक्स कर।” मैंने गहरी सांस ली, और वो धीरे-धीरे लंड अंदर-बाहर करने लगा। पहले उसकी स्पीड धीमी थी, लेकिन धीरे-धीरे वो तेज हो गया। कमरे में थप-थप की आवाज गूंज रही थी। मैं भी अपनी गांड उठाकर उसका साथ देने लगी, “आह्ह… राघव… और जोर से…” मैं पहली बार झड़ गई। मेरी चूत से गर्म रस बहने लगा।

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राघव ने लंड बाहर निकाला और पानी पीने लगा। फिर वो बेड पर लेट गया और मुझे अपने ऊपर आने को कहा। मैं उसके ऊपर चढ़ी और उसके लंड को अपनी चूत में सेट किया। धीरे-धीरे उसका लंड फिर मेरे अंदर गया। मैं ऊपर-नीचे होने लगी। मेरे बूब्स उछल रहे थे, और वो उन्हें पकड़कर दबाने लगा। “आह्ह… दीक्षा… तेरे बूब्स निधि से कहीं बेहतर हैं,” उसने कहा और मेरे निप्पल्स को चूसने लगा। मैं सिसकार रही थी, “उफ्फ… राघव… चूसो और…”

तभी मेरा फोन बजा। रात के 11:39 थे, और अजय का कॉल था। मैंने कॉल उठाया, लेकिन मेरी सांसें तेज थीं। अजय ने कहा, “हाय जान, आज वीडियो कॉल क्यों नहीं की?” मैं बोल नहीं पा रही थी, क्योंकि राघव का लंड मेरी चूत में था, और मैं उस पर उछल रही थी। मैंने कहा, “अरे, अभी सीढ़ियों से ऊपर आई हूँ।” उसने पूछा, “कहाँ? सब ठीक है?” तभी राघव ने मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया और मेरे बूब्स को अपने चेस्ट से दबा लिया। वो तेजी से मुझे चोदने लगा। थप-थप की आवाज तेज हो गई।

अजय ने पूछा, “ये कैसी आवाज है?” मैं चीख पड़ी, “आह्ह…” फिर मैंने खुद को संभाला और बोला, “कुछ नहीं, निधि के रूम में जा रही थी, घुटने में चोट लग गई।” अजय ने कहा, “ध्यान रखो।” मैंने फोन स्पीकर पर रखा और राघव को स्मूच करने लगी। थोड़ी देर बाद मैंने कहा, “अब कॉल कट करती हूँ। निधि के पास जा रही हूँ।” अजय ने कहा, “टेक केयर।”

कॉल कटते ही राघव ने मुझे और तेजी से चोदना शुरू किया। वो मेरी गांड पर थप्पड़ मार रहा था। मैं चीख रही थी, “आह्ह… राघव… और जोर से… चोदो मुझे…” मैं दूसरी बार झड़ गई। राघव ने लंड बाहर निकाला और पानी पिया। मैं भी प्यासी थी, सो मैंने भी पानी पिया। फिर उसने मुझे बेड से उठाया और कांच की दीवार के पास ले गया। मेरे बाल खोल दिए और मेरे हाथों को पीछे करके मुझे कांच से चिपका दिया। मेरे बूब्स कांच पर दब गए। वो पीछे से मेरी चूत में लंड डालकर चोदने लगा।

थप-थप की आवाज पूरे रूम में गूंज रही थी। मैं कांच में अपनी रिफ्लेक्शन देख रही थी, मेरे बूब्स उछल रहे थे, और मेरे चेहरे पर कामुकता साफ दिख रही थी। वो मेरे बाल पकड़कर मुझे घोड़ी बनाकर चोद रहा था। “आह्ह… राघव… और तेज… मेरी चूत फाड़ दो…” मैं चीख रही थी। वो मेरी गांड पर थप्पड़ मार रहा था, और मेरी चूत से रस टपक रहा था।

लगभग 20 मिनट बाद राघव ने कहा, “मैं झड़ने वाला हूँ।” उसने और तेज धक्के मारे। मैं भी तीसरी बार झड़ गई। उसका गर्म वीर्य मेरी चूत में भरा गया। उसने लंड बाहर निकाला, और मेरी चूत से उसका वीर्य और मेरा रस मिलकर टपकने लगा। उसने अपनी उंगली से उसे चाटा और मुझे चटाया। उसका वीर्य नमकीन और गाढ़ा था।

हम दोनों बेड पर लेट गए। मेरी चूत में अभी भी सनसनाहट थी। राघव ने कहा, “ये मेरी जिंदगी की बेस्ट चुदाई थी।” मैं शीशे में खुद को देख रही थी। मेरी गांड, बूब्स और गाल लाल हो चुके थे। थोड़ी देर बाद हम फिर गर्म हो गए। उस रात हमने तीन बार और चुदाई की। मैं थककर चूर हो गई और सो गई।

यह मेरी सच्ची चुदाई की कहानी थी। आपको कैसी लगी, प्लीज बताएं।

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