डॉक्टर मुझे क्लिनिक में पेलने लगा 1

Clinic me chudai ये बात आज से कुछ महीने पहले की है। लॉकडाउन से पहले, मैं अपनी कुछ फ्रेंड्स के साथ डिनर करने मार्केट गई थी। वहाँ हमने चाइनीज फूड खाया और थोड़ा घूमने-फिरने के बाद, हम घर आ गए। Musalmani lund chusa

अगले दिन सुबह-सुबह मेरा पेट दर्द करने लगा। मैंने अपनी माँ को बताया, तो माँ ने कहा कि डॉक्टर को दिखा दो। हमारे पड़ोस में एक आंटी रहती हैं। उनका नाम सजिया है और वो पास ही एक डिस्पेंसरी में नर्स का काम करती हैं। वो उम्र में करीब 40 साल की होंगी, गोरी-चिट्टी, थोड़ी मोटी और हमेशा साड़ी पहनती हैं। Bondage sex clinic

मैं उनके पास गई और उन्हें अपने पेट दर्द की बात बताई, तो आंटी ने कहा-

सजिया आंटी: 5 मिनट रुको, मैं डिस्पेंसरी ही जा रही हूँ। मेरे साथ ही चलो और वहाँ डॉक्टर को दिखा देना। Rough chudai story

फिर 5 मिनट बाद हम दोनों क्लिनिक के लिए निकल गए। क्लिनिक पहुँचे, तो वहाँ पहले से 2 औरतें बुर्के में बैठी हुई थीं। सजिया आंटी सीधे मुझे डॉक्टर के पास ले कर गईं। डॉक्टर का नाम डॉक्टर सोहेल सिद्दीकी था।

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उनकी उम्र लगभग 55-56 के आस-पास है। लंबी दाढ़ी थी उनकी और व्हाइट कुर्ता-पजामा पहने हुए थे वो। उनकी हाइट लगभग 6.1 फीट थी और तगड़ा शरीर था, जैसे जिम में घंटों वर्कआउट करते हों। मैं जा कर स्टूल पर बैठ गई और सजिया आंटी मेरे पीछे खड़ी हुई थीं। Multiple orgasms girl

डॉ.: क्या परेशानी है बेटी?

मैं: अंकल आज सुबह से बहुत पेट दर्द कर रहा है।

डॉ.: पीछे वाले कमरे में लेट जाओ, मैं देखता हूँ।

सजिया आंटी ने रूम दिखाया मुझे जहाँ जाके लेटना था। उस रूम में 1 बेड था और 1 कुर्सी रखी हुई थी। मुझे लिटा कर आंटी वापस चली गईं और थोड़ी देर में डॉक्टर आए।

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डॉ.: दिखाओ मुझे कहाँ दर्द है।

मैं: डॉ. नाभि के नीचे।

उस टाइम मैंने रेड कुर्ती, व्हाइट लेगी और व्हाइट ब्रा-पैंटी का सेट पहना हुआ था। मैं खुद 22 साल की हूँ, गोरी स्किन, लंबे बाल, स्लिम फिगर और 34-28-36 का साइज। डॉक्टर ने कुर्ती के ऊपर से ही, मेरे पेट पर हाथ लगाया। मैं डॉक्टर का हाथ लगते ही सिसक गई। अंकल ने थोड़ा पेट दबाया और पूछा-

डॉक्टर: लेट्रिंग कब से नहीं गई?

मैंने कहा: आज सुबह ही गई थी।

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डॉक्टर ने कुर्ती ऊपर करने को कहा और मैंने अपनी कुर्ती ऊपर कर दी। मेरी कुर्ती के नीचे से थोड़ी सी ब्रा और पैंटी दिखने लग गई। डॉक्टर मेरे पूरे पेट पर हाथ मसलने लगे और मुझे दर्द के साथ-साथ गुदगुदी भी होने लगी। उनका हाथ धीरे-धीरे नीचे सरक रहा था, जैसे वो जानबूझकर छू रहे हों।

डॉक्टर ने हाथ थोड़ा पैंटी के अंदर तक डाल दिया और चूत के ऊपर मेरे छोटे-छोटे बालों से खेलने लगे। ये सब मेरे साथ पहली बार हो रहा था। मैंने अपनी आँखें बंद की हुई थीं और मेरा विरोध ना पाकर, डॉक्टर की हिम्मत और बढ़ गई। मैं साँसें रोक कर लेटी थी, दिल तेज़ धड़क रहा था, लेकिन कुछ कह नहीं पा रही थी।

डॉक्टर ने एक हाथ पैंटी में और दूसरा हाथ ब्रा के ऊपर रख दिया। जैसे ही उसने मेरे बूब्स पर हाथ रखा, मैं घबरा कर बैठ गई। फिर डॉक्टर ने पूछा-

डॉक्टर: क्या हुआ बेटी?

मैंने कहा: डॉक्टर साहब, आप ये क्या कर रहे हैं? आप तो सजिया आंटी को बुला दो। वो चेक कर लेंगी।

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डॉक्टर अंकल बोले: बेटा सजिया भी इंटर्नशिप कर रही है। उसको कुछ मालूम नहीं है। तुम एक काम करो, ये एक टैबलेट खा लो, इससे दर्द कम हो जाएगा। मैं तब तक बाकी पेशेंट्स को देख लेता हूँ।

मैंने टैबलेट खाई और बाहर आ गई। अंकल ने 2 टैबलेट और दी, 1 रात को और 1 सुबह खाने के लिए और अगले दिन शाम को फिरसे चेक-अप करवाने के लिए बोला। मैं वापस घर आ गई और सो गई। माँ ने शाम को खाना दिया और मैं 1 टैबलेट खा कर लेट गई।

लेटे-लेटे मुझे सुबह का मंजर सामने दिखने लगा। मैं बहुत गर्म होने लगी और मेरी चूत में अजीब सी खुजली चलने लगी। मैंने चूत पर हाथ रखा और मसलने लगी। खुजली और बढ़ने लगी और मैंने अपनी एक उंगली अंदर डाल दी और अंदर-बाहर करने लगी।

मुझे बहुत मज़ा आने लग गया। थोड़ी देर में मेरी चूत पानी छोड़ने लगी और मैं निढाल हो कर सो गई। कब मेरी नींद लग गई, मुझे पता ही नहीं चला। सुबह जब मैं उठी, तो पेट में दर्द कुछ कम था। सुबह मैंने टैबलेट खाई और दिन भर डॉक्टर सोहेल के बारे में ही सोचती रही।

दिन भर मेरी चूत पानी छोड़ती रही। शाम को मैंने डॉक्टर का पर्चा निकाला और कॉल करके मिलने का टाइम पूछा। उन्होंने मुझे शाम 7 बजे का टाइम दिया। अब मैं बेसब्री से 7 बजने का वेट करने लगी।

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मैं माँ को बोल कर 15 मिनट पहले ही निकल गई घर से। जब मैं क्लिनिक पहुँची, तो एक 1 बुजुर्ग पेशेंट बैठा हुआ था। सजिया आंटी उनको इंजेक्शन लगा रही थीं। डॉक्टर ने जैसे ही मुझे देखा, तो उनकी आँखों में एक अजीब सी चमक आ गई, जैसे वो इंतज़ार ही कर रहे हों।

आज मैं बहुत अच्छे से तैयार होकर आई थी। मैंने ब्लू जींस, रेड टी-शर्ट, अंदर टाइट ब्रा और ट्रांसपेरेंट पैंटी पहनी हुई थी। मैं थोड़ी देर खड़ी रही और जब वो बुजुर्ग पेशेंट बाहर जाने लगी, तो मैं उनकी जगह बैठ गई। डॉक्टर सोहेल आज व्हाइट कुर्ता पजामा और ब्लैक कोट पहने हुए थे। सिर पर जाली-दार टोपी लगी हुई थी। डॉक्टर सोहेल ने मुझे पूछा-

डॉ.: बेटा अब कैसा है दर्द?

मैंने कहा: दर्द तो ठीक है।

इतने में डॉक्टर सोहेल ने मेरी बात बीच में काटते हुए सजिया आंटी से कहा-

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डॉ.: सजिया अब तुम घर जाओ, नहीं तो तुम्हें लेट हो जाएगा।

आंटी ने ओके कहा और जाने लगीं। फिर मैंने अपनी बात शुरू की। डॉक्टर साहब पेट दर्द तो ठीक हो गया है, पर कल से मेरी योनि में बहुत पानी और खुजली हो रही है। डॉक्टर ने कहा-

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डॉ.: अंदर लेटो, मैं अभी आता हूँ।

मैं अंदर जा कर लेट गई और मेरे दिल में बहुत घबराहट होने लगी। थोड़ी देर में डॉक्टर आए। उनके हाथ में 1 टॉर्च लाइट थी और उन्होंने दोनों हाथों में ग्लव्स पहने हुए थे। डॉक्टर ने मुझे पैंट उतारने को कहा। मैंने मना किया, तो वो बोले-

डॉ.: मैं चेक कैसे करूँगा तुम्हारी प्रॉब्लम।

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फिर मैंने झिझकते हुए अपनी आधी पैंट उतार दी। पैंटी में से मेरे छोटे-छोटे बाल अलग ही दिख रहे थे। उन्होंने मेरी पैंटी भी खिसका दी और मैंने अपने दोनों पैर टाइट कर लिए, ताकि उनका हाथ ना जाए। डॉ. मेरी अनछुई चूत पर हाथ फेरने लगे। मैं सिहर उठी, लेकिन विरोध नहीं कर पाई।

डॉक्टर ने मेरे दोनों पैरों को अलग किया, जिससे मेरी चूत साफ दिखने लगी। उन्होंने एक हाथ से चूत की दोनों फाँकों को अलग किया और एक हाथ से टॉर्च से अंदर देखने लगे। डॉक्टर ने पूछा-

डॉ.: लास्ट पीरियड कब आया था?

मैंने कहा: अभी जस्ट 15 दिन पहले।

इसके बाद उन्होंने मेरी चूत में एक उंगली डाली, तो मैं सिसक उठी और वो उंगली अंदर-बाहर करने लगे। मैं दर्द से तड़प रही थी, लेकिन साथ में एक अजीब सा सुकून भी महसूस हो रहा था। 5 मिनट तक अंदर-बाहर करने के बाद, डॉक्टर ने एक अलमारी खोली। फिर डॉक्टर ने उसमें से एक वाइब्रेटर निकाला, जिसका साइज लगभग 3 इंच लंबा और 1.5 इंच मोटा था।

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उसमें एक लंबी केबल लगी हुई थी, जिसमें स्पीड रिमोट लगा था। डॉक्टर ने बिना पूछे, वो वाइब्रेटर मेरी चूत में डाल दिया और मेरी एक-दम से चीख निकल गई। मुझे बहुत दर्द होने लगा, लेकिन जैसे ही वाइब्रेटर चालू हुआ, मुझे मज़ा आने लगा। डॉक्टर 10 मिनट का बोल कर बाहर चले गए।

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। ऐसा लग रहा था, जैसे ये वाइब्रेटर ज़िंदगी भर मेरी चूत में डाला रहे। मैं अपनी कमर हिला रही थी, साँसें तेज़ हो गई थीं, और छोटी-छोटी सिसकारियाँ निकल रही थीं – आह… उह…। कब 10 मिनट निकल गए, मुझे पता ही नहीं चला। आज मैंने अपनी चूत को चुदवाने का पूरा मन बना लिया था।

10 मिनट बाद, डॉक्टर आए और मैं उनको देख कर डर ही गई। वो लुंगी पहने हुए थे और लुंगी के अंदर उनका खड़ा हुआ लंड अलग ही दिख रहा था। उन्होंने ऊपर सिर्फ बनियान पहनी थी और उनके हाथ में ड्रेसिंग टेप था।

डॉक्टर ने पूछा: कैसा लग रहा है?

मैंने कहा: डॉक्टर लग तो बहुत अच्छा रहा है, पर मुझे घर भी जाना है। बहुत देर हो रही है।

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डॉक्टर ने अलमारी से एक बॉक्स निकाला और कहा: अभी तुम्हारा इलाज नहीं हुआ है और इसमें थोड़ा टाइम लगने वाला है।

मैं: डॉक्टर मुझे घर फोन करना है।

फिर डॉक्टर ने मेरी पैंट से मोबाइल निकालने की कोशिश की, पर निकला नहीं। डॉक्टर ने मेरी पूरी पैंट उतार कर, जेब से मोबाइल निकाल कर दे दिया। मैं ये मज़ा रात भर लूटना चाहती थी, इसलिए मैंने माँ को कॉल कनेक्ट किया।

माँ ने कॉल रिसीव किया और बोली: हेलो

मैं: माँ मैं अपनी माया (माया मेरी कजिन सिस्टर का नाम है) के साथ उसके घर जा रही हूँ और सुबह ही वापस आऊँगी।

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मॉम ने ओके कहा और कॉल कट कर दी। मैं ऐसा कई बार कर चुकी थी, लेकिन मैंने 1st टाइम झूठ बोला था, अपनी चूत की खुजली मिटाने के लिए। डॉक्टर ने जब मॉम के साथ मेरी कन्वर्सेशन सुनी। तो उनके चेहरे पर शरारती स्माइल दिखने लगी।

फिर डॉक्टर ने कहा: बेटी चलो ऊपर बेडरूम में चलते हैं।

डॉक्टर ने मेरी पैंट उठाई और उसमें मेरी पैंटी भी थी। डॉक्टर ने बॉक्स उठाया, जो अलमारी से निकाला था। अब आगे-आगे डॉक्टर अंकल और उनके पीछे-पीछे। मैं नीचे से पूरी नंगी, चूत में वाइब्रेटर लिए हुए चली जा रही थी। ऊपर एक बड़ा हॉल था और उसके जस्ट सामने एक बड़ा बेडरूम था।

डॉक्टर ने सामान बेड पर पटका और सीधे बाथरूम में घुस गए। मैं भी सीधी बाथरूम में घुस गई। अब मैं बिल्कुल खुल कर अपनी चूत चुदवाना चाहती थी। मैंने अपनी चूत से वाइब्रेटर निकाला और छोटे स्टूल पर बैठ गई। डॉक्टर ने वीट उठाई और मेरी चूत के आस-पास, जहाँ भी बाल थे वहाँ लगा दी।

डॉक्टर ने मुझसे पूछा: तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है?

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तो मैंने मना कर दिया।

फिर डॉक्टर ने पूछा: तुम आज तक कितनी बार चुदी हो?

मैंने कहा: मैंने आज तक कभी चुदाई नहीं की। कल पहली बार आपने मेरी चूत पर हाथ फेरा था।

डॉक्टर: वो तो मैं तुम्हारे दूध देख कर समझ गया था, कि अभी तक तुम कुँवारी हो। आज तेरी चूत की सील तोड़ कर पूरा भोसड़ा बना दूँगा।

फिर डॉक्टर ने अपनी बनियान और लुंगी भी निकाल दी। उनका फनफनाता हुआ लंड, जिसका टोपा बाहर निकला हुआ था स्नेक जैसा और 10 इंच लंबा और तकरीबन 3 इंच मोटा लंड देख कर मुझे हिचकी आ गई। मैं डर से काँप रही थी, लेकिन साथ में उत्सुकता भी थी।

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डॉक्टर मेरी हिचकी सुनके बोले: डर गई क्या रंडी?

डॉक्टर के मुँह से रंडी शब्द सुन कर, मैं और गर्म हो गई। मैंने सुना था, कि बड़े ज़ालिम तरीके से चोदते हैं। फिर डॉक्टर ने मेरी चूत पानी से साफ की, जिससे मेरे पूरे बाल साफ हो गए और डॉक्टर मुझे उठा कर बेड पर ले गए।

उन्होंने टॉवल से मेरी चूत साफ की और मेरी चूत पर सीधा अपना मुँह लगा दिया। उनकी जीभ मेरी चूत की फाँकों को चाट रही थी, धीरे-धीरे अंदर तक जा रही थी। मैं सिसकारियाँ भर रही थी – आआह्ह्ह… उउह्ह्ह… सोहेल जी…। 5 मिनट तक मेरी चूत चाटी उन्होंने, फिर मेरी टी-शर्ट और ब्रा भी निकाल दी। अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे। डॉक्टर ने मेरे बूब्स को दबाना शुरू किया। वो मेरे छोटे-छोटे दूध बहुत ज़ोर से दबा रहे थे और मुझे आँसू आने लगे।

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मैंने कहा: डॉक्टर मुझे बहुत दर्द हो रहा है।

डॉक्टर ने कहा: मुझे डॉक्टर नहीं सोहेल कहो।

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मैंने कहा: सोहेल जी, आराम से करो, बहुत दर्द हो रहा है।

सोहेल ने मेरे गाल पर एक ज़ोरदार थप्पड़ लगा दिया, जिससे मैं रोने लगी और बोला-

सोहेल: चुप कर रंडी। रंडियों की सील, मैं अपने तरीके से तोड़ता हूँ।

अब मैं बेबस थी। सोहेल ने अपना लंड ज़बरदस्ती मेरे मुँह में पेल दिया और मेरी आँखों में से आँसू आने लगे। 5 इंच तक लंड मेरे मुँह में गया और वो अंदर-बाहर करने लगा। मैं घुट रही थी, लेकिन वो नहीं रुके। घप-घप की आवाज़ें आ रही थीं, मेरी थूक लंड पर लग रहा था। उसने 15 मिनट मेरा मुँह चोदा और अपना पानी मेरे मुँह में निकाल दिया।

मैं पूरा पानी पी गई। उसका पानी बहुत गाढ़ा और नमकीन था। सोहेल ने जब लंड बाहर निकाला, तब मुझे शांति मिली। लेकिन ये शांति ज़्यादा देर की नहीं थी। सोहेल ने मेरी कमर के नीचे एक तकिया लगाया, जिससे मेरी चूत और ऊपर हो गई।

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सोहेल ने बॉक्स खोला, जो बॉक्स नीचे से लाया था। उसमें से एक पतली रस्सी निकाली और मेरे दोनों हाथ बेड से बाँध दिए। मैंने बहुत मना किया और बहुत रिक्वेस्ट की, कि प्लीज ऐसा मत करो, लेकिन सोहेल ने मेरी एक ना सुनी। उसने फिर बेड के नीचे से एक रॉड निकाली, जो लगभग 4 फीट लंबी थी।

फिर उसने मेरे दोनों पैर चौड़े किए और रॉड से बाँध दिए। अब मैं बिल्कुल हिल भी नहीं पा रही थी। अब मेरी चूत और गांड का छेद साफ दिख रहा था। सोहेल ने बॉक्स में से एक डिल्डो निकाला और मेरी चूत से रगड़ने लगा।

5 मिनट तक डिल्डो रगड़ने के बाद, मुझे मज़ा आने लगा। मैं चुदना चाहती थी, पर सोहेल मुझे तड़पा रहा था। मैं सिसक रही थी – आआह्ह्ह… प्लीज सोहेल… डालो ना…। सोहेल ने बॉक्स से 2 वुडन क्लिप्स निकाले और मेरे निप्पल्स पर लगा दिए। मैं तड़पती रही, रोती रही। दर्द से मेरी चीखें निकल रही थीं – आआआआह्ह्ह्ह… निकालो… प्लीज…।

सोहेल ने फिर ड्रेसिंग टेप निकाला और मेरे मुँह पे लगा दिया। उसने बॉक्स में से फिर 2 वाइब्रेटर निकाले और एक मेरी चूत में और एक मेरी गांड में डाल कर चालू कर दिया और सामने कुर्सी पर बैठ कर सिगार पीने लगा।

वो मेरा हर एंगल से वीडियो बना रहा थे। वाइब्रेटर की कंपन से मैं तड़प रही थी, मेरी चूत गीली हो रही थी, गांड में अजीब सा दबाव महसूस हो रहा था। 15 मिनट बाद सोहेल ने मेरा मुँह खोला और पीने को पानी दिया। मेरे निप्पल्स से दोनों क्लिप्स भी हटा दिए और वाइब्रेटर भी निकाल दिया। मैं 15 मिनट में 2 बार झड़ चुकी थी और अभी तक सोहेल का लंड मेरी चूत में नहीं गया था।

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सोहेल ने मेरे बूब्स पर बैठ कर मेरे मुँह में लंड दे दिया।

सोहेल: चूस रंडी, मेरा मुसलमान लंड।

और घप-घप वो मेरा मुँह चोदने लगे। मैं चूस रही थी, जीभ से चाट रही थी, लेकिन दम घुट रहा था। 10 मिनट बाद लंड मुँह से निकाला उन्होंने। मैं साँस भी नहीं ले पा रही थी। उसके तुरंत बाद बहुत सारा थूक मेरी चूत में भर दिया, रॉड से मेरे पैर खोल कर और दोनों टाँगे ऊपर कर दी।

फिर उन्होंने अपना मोटा-तगड़ा मुसलमानी लंड, मेरी चूत के मुँह पर लगा दिया और बोले: माधरचोद तेरी चूत, दुनिया की किसी भी पेशेवर रंडी से ज़्यादा फटेगी। आज दुनिया का सबसे बड़ा भोसड़ा तेरा ही बनेगा।

मैं बोली: हाँ राजा हाँ। मेरे मालिक फाड़ दो मेरी चूत को और बना दो दुनिया का सबसे बड़ा भोसड़ा आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह…

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सोहेल का लंड मेरी चूत में थोड़ा सा घुसा। लंड और अंदर घुस नहीं रहा था। 2-3 मिनट के बाद उन्होंने धीरे-धीरे अंदर-बाहर करना स्टार्ट किया। मैं अभी भी दर्द से मरी जा रही थी। दर्द इतना तेज़ था कि मैं चीख रही थी – आआआह्ह्ह… उउउउह्ह्ह… धीरे… प्लीज…।

फिर रुक कर उन्होंने कहा: साली रंडी, बड़ी टाइट चूत है तेरी।

और जब थोड़ा रुक कर एक ज़ोरदार झटका दिया, तो सन-सनाता हुआ उनका पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया और मेरी चूत से खून का एक फव्वारा निकल गया। अब वो नहीं रुके और मुझे चोदने लगे। फच-फच की आवाज़ें गूँज रही थीं, लंड चूत में घुसता-निकलता, मैं दर्द से तड़प रही थी – आआआआह्ह्ह्ह… मर गई… निकालो…।

बिजली की तरह उनका लंड, मेरी चूत के अंदर-बाहर आ रहा था और मैं दर्द से तड़प रही थी। 8-10 मिनट के बाद, मुझे भी खूब मज़ा आने लगा और मैंने अपनी लेग्स उनकी कमर पर कैंची की तरह कस दी और मैं भी गांड उठा-उठा के मज़े ले रही थी। अब मैं मोन कर रही थी – आआह्ह्ह… हाँ सोहेल… और ज़ोर से… फाड़ दो… उउउह्ह्ह…।

सोहेल बोले: सच मेरी रंडी (बेटी या बिटिया वर्ड अब उनकी ज़ुबान से मिट गया था, जो शायद ही कभी मेरे लिए उनके ज़ुबान पर आता) वाह…. रंडी वाह… तू ऐसी है, तो तेरी माँ भी ज़रूर गर्म होगी। अब तो उसको मैं अपनी रखैल बना कर चोदूँगा, बिल्कुल तेरी सजिया आंटी की तरह।

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मैं बोली: हाँ।

मुझे इतना मज़ा तो वाइब्रेटर से भी नहीं आया था। सोहेल एक माहिर खिलाड़ी की तरह, मेरी चूत को चोदे जा रहे थे। क्योंकि उन्हें पता था, अब जल्दी ही ये लड़की अपनी मम्मी की चूत को भी उनके लंड का प्रसाद खिलाने वाली है। उन्होंने पोजीशन चेंज की, मुझे घोड़ी बनाया, पीछे से लंड डाला और चोदने लगे। फचक-फचक की आवाज़ें तेज़ हो गईं, मैं गांड हिला रही थी – आआह्ह्ह… हाँ… और गहरा… उउउह्ह्ह…। फिर उन्होंने मुझे अपनी गोद में उठाया, दीवार से सटा कर चोदा, मेरी टाँगें उनकी कमर पर लिपटी थीं।

मैंने कहा: मेरे राजा, मेरी माँ की और मेरी चूत, तो पैदा ही तुम लोगों के लंड के लिए हुई है। वो तो हम दूसरे घर में इसलिए हैं, ताकि आपको एक्स्ट्रा चूत के मज़े मिलते रहें और मेरे राजा आप किस सजिया आंटी की बात कर रहे हैं? आआआह्ह्ह्ह….. आआआह्ह्ह.. आआआआआआ… आआआह्ह्ह्ह्ह… चुदाई पूरी रफ्तार पे थी।

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सोहेल: मैं मेरी नर्स सजिया की बात कर रहा हूँ। बेचारी यहाँ अपने बूढ़े सास-ससुर के साथ रहती है। उसका पति तो दिल्ली रहता है और कभी-कभार आता है। और सजिया को ठीक से चोदता भी नहीं। मैंने संभाल के रखा है, उस रंडी को। मस्त चुदती है वो रंडी भी।

सोहेल: उसके बारे में बाद में रानी, अभी तो तू चुद मुझसे। अब लगता है, तेरे घर की हर औरत मेरे लंड का स्वाद चख लेगी। हा.. हाहा.. हा.. हा.. हा..

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मैं गांड उठा-उठा कर चुद रही थी और फिर मैं बोली: चोद दो आप मेरी चूत और दुनिया का सबसे बड़ा भोसड़ा बना दो।

बस और सोहेल भी कस के पेल रहे थे मुझे। उन्हें काफी मज़ा भी आ रहा था और गुस्सा भी, कि इस साली रंडी बच्ची की चूत कितना पानी छोड़ रही है और इतने कस-कस के पेलने के बाद भी, इसे मज़ा आ रहा है। उन्होंने फिर पोजीशन चेंज की, मुझे साइड में लिटाया, एक टांग ऊपर की और साइड से चोदने लगे, धक्के इतने ज़ोर के कि बेड हिल रहा था।

सोहेल ने मेरे बूब्स ज़ोर-ज़ोर से दबाए और कहा: तेरे कच्चे आम को पपीता बना कर ही दम लूँगा।

और वो बड़ी बेदर्दी से मेरे बूब्स दबाने लगे। मेरे बूब्स लाल हो गए थे और आँखों में आँसू थे। अब उन्हें मज़ा आ रहा था। वो इसी तरह की चुदाई पसंद करते थे, कि सामने रंडी भी सोयी हो, तो रहम की भीख माँग कर गिड़गिड़ाने लगे। मैं चीख रही थी – आआआह्ह्ह… छोड़ो… दर्द हो रहा… उउउह्ह्ह… लेकिन वो नहीं रुके।

फिर सोहेल बोले: बोल रंडी, कैसा लगा? बहुत घमंड है ना तेरी इस भोसड़े पर तुझे? चीर दूँगा इसे और आज तेरी चूचियों को इतना दबाऊँगा, कि सुहाग-रात को तेरा पति जब इन चूचियों को देखे, तो बोले- “ऐसा तो 8 बच्चों की माँ का भी नहीं होता” और तेरी चूत में उसका लंड ही नहीं, उसका हाथ भी घुस जाए।

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सोहेल घचा-घच पेल रहे थे और आधे घंटे से ज़्यादा हो गया था। लेकिन वो लगातार पेल ही रहे थे और मेरी चूत एक-दम लाल हो चुकी थी। शायद सच में मेरी चूत का भोसड़ा, दुनिया का सबसे बड़ा भोसड़ा बनने वाला था और मैं भी रोकर गिड़गिड़ा कर रहम की भीख माँगने वाली थी। उन्होंने फिर मुझे ऊपर बिठाया, मैं उनके लंड पर उछल रही थी, हाथ उनके कंधों पर, बूब्स हिल रहे थे – आआह्ह्ह… हाँ… और… फाड़ दो… उउउह्ह्ह…।

मैं बोली: मेरे मालिक, अब जल्दी करो। मज़ा तो बहुत आ रहा है, पर इतनी रगड़ से जलन भी हो रही है और मैं चार बार झड़ चुकी हूँ।

सोहेल ने अपने दाँतों से मेरे लेफ्ट बूब पे ज़ोर से काटा और दाँत का खूनी निशान आ गया और गले पर हल्के से काटा, क्योंकि गाल के निशान सब को दिखाई देते हैं इसलिए और बोले-

सोहेल: रंडी, माधरचोद, तेरी मर्ज़ी नहीं, अब मेरी मर्ज़ी है, मेरी रखैल।

चुदाई तेज़ हो रही थी और मेरी आँखों से आँसू गिर रहे थे।

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फिर वो बोले: बोल रंडी, मज़ा आया?

मैंने हाँ में सिर हिलाया। सोहेल लगातार चोदे जा रहे थे मुझे। पता नहीं उनके बूढ़े मुसलमानी लंड में इतनी ताकत कहाँ थी और मेरी चूत का बुरा हाल था। अब मुझसे चूत चुदवाई नहीं जा रही थी।

मैं सच में गिड़गिड़ाने लगी: मेरे चाचा, मेरे मालिक, बस करो आआआआह्ह्ह.. जल्दी करो, प्लीज रहम करो। ये चूत मैं फिर ले आऊँगी, पर आज छोड़ दो। इसलिए नहीं कि मुझे दर्द हो रहा है, बल्कि इसलिए क्योंकि बहुत-बहुत भूख लग रही है।

मैं: बहुत देर हो गई है। 10 से ज़्यादा बज गए हैं और सुबह से आपसे चुदने के चक्कर में कुछ खाया भी नहीं है।

सोहेल ने कहा: पहले तू प्रॉमिस कर, कि तू मेरी रंडी, मेरी रखैल बनेगी।

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मैं बोली: हाँ चाचा, मेरे मियाँ, मेरे शौहर।

और सोहेल तो तूफान की तरह मुझे चोदने लगे। मैंने भी सोहेल के लंड की चुदाई का लोहा माना और सोचने लगी, कि अभी तो सिर्फ चूत चुदी है। अभी पूरी रात पड़ी है। मेरी गांड का क्या हाल होगा। उन्होंने आखिरी पोजीशन में मुझे फिर मिशनरी में लिटाया, टाँगें कंधों पर रखीं और ज़ोर-ज़ोर से पेला – फचक-फचक… घप-घप…।

सोहेल का शरीर, अचानक तेज़ी से अकड़ गया और मेरी चूत से सफेद दूधिया धार निकल रही थी, जो मेरी चूत के अंदर से निकली, तो मेरी आँखें सुकून से बंद हो गईं थी। उसके बाद सोहेल ने वो लंड निकाल कर, जो इस समय सिकुड़ गया था, मेरे मुँह में साफ किया और मेरे दोनों हाथ खोल दिए।

मेरे हाथों में बहुत दर्द हो रहा था। जैसे ही सोहेल ऊपर से हटा, मैं दौड़ कर बाथरूम में भागी। मेरी चूत से खून और सफेद पानी निकल रहा था। मैंने गर्म पानी से अपनी चूत साफ की और बाहर आ गई। मैंने देखा सोहेल किसी से फोन पर बात कर रहा। मैंने पूछा, तो वो बोले-

सोहेल: खाना मंगाया है।

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आगे की कहानी अगले भाग में………

कहानी का अगला भाग: डॉक्टर ने मुझे क्लिनिक में पेल दिया 2

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