लंड पर तेल मालिश करके ताऊ के लड़के ने मुझे चोदा

Tau Ke Ladke Se Chudai सभी मोटे लंड वाले मर्दों को मेरी चूत का सलाम और सभी रसीली चूत वाली हसीनाओं को मेरे प्यार भरे चुम्मे! मैं अपनी ये हॉट कहानी आप सभी के सामने पेश कर रही हूँ। मेरा नाम शैली है, और ये मेरी पहली कहानी है, जो मैं आप तक पहुँचाने जा रही हूँ। यकीन मानिए, इसे पढ़कर आपकी चूत और लंड दोनों बेकाबू हो जाएँगे।

मैं, शैली, 22 साल की हूँ, और मेरी हसीन जवानी हर लड़के को पागल कर देती है। मेरा रंग गोरा, बदन संगमरमर सा चमकता है, और मेरा फिगर 34-30-36 का है। मेरे रसीले दूध इतने बड़े और मस्त हैं कि सलवार-कमीज हो या जींस-टीशर्ट, हर कपड़े में उभरकर दिखते हैं। मेरी गोल-मटोल गांड जींस में ऐसी लगती है जैसे कोई जन्नत का फल हो, जिसे हर लड़का चखना चाहता है। मेरी हवस इतनी है कि एक बार में तीन-तीन लंड ले लूँ, फिर भी मेरी चूत की प्यास नहीं बुझती। अब तक मैं सात बॉयफ्रेंड्स के मोटे-मोटे लंड अपनी चूत में ले चुकी हूँ, और हर बार मजा दोगुना हुआ है। मेरी लंबाई 5 फीट 2 इंच है, और मेरे होंठ इतने रसीले हैं कि लड़के उन्हें चूमते-चूमते पागल हो जाते हैं।

अब बात करते हैं मेरे ताऊ के लड़के, दुर्गेश, की। वो 23 साल का हैंडसम मर्द है, बिल्कुल शाहिद कपूर जैसा दिखता है। जिम में कसरत करके उसने ऐसा बदन बनाया है कि देखते ही मेरी चूत गीली हो गई। दुर्गेश बीएससी कर रहा है, और उसका सीधा-सादा स्वभाव उसे और भी क्यूट बनाता है। जब वो छुट्टियों में हमारे घर आया, तो मैंने ठान लिया कि इसे तो मैं चोदूँगी ही। उसकी चौड़ी छाती, मजबूत बाहें, और वो मासूम-सी मुस्कान देखकर मेरे दिल में घंटियाँ बजने लगीं।

एक दिन दोपहर को, जब सब लोग अपने कमरों में आराम कर रहे थे, मैंने मौका देखा। दुर्गेश छत पर हवा खाने गया था। मैंने हल्का-सा सलवार-कमीज पहना, बिना चुन्नी के, ताकि मेरे 34 इंच के मम्मे साफ दिखें। छत पर कोई नहीं था, बस मैं और दुर्गेश। वो मुझे देखते ही थोड़ा घबरा गया, क्योंकि मेरे बड़े-बड़े दूध उसकी आँखों के सामने झूल रहे थे।

“क्या देख रहा है ऐसे?” मैंने मुस्कुराते हुए पूछा। “शैली, तू तो बिल्कुल जवान हो गई है, बड़ी हॉट लग रही है,” उसने शरमाते हुए कहा। “हाँ, जवान तो हो गई, बस अब कोई बॉयफ्रेंड बन जाए,” मैंने आँख मारते हुए जवाब दिया।

वो मेरे मम्मों को घूर रहा था, और मैंने देखा कि उसका लंड उसके लोअर में तन रहा था। मैंने मौके का फायदा उठाया। “तुझे कोई गर्लफ्रेंड है?” मैंने पूछा। “हाँ, थी एक, पर अब वो किसी और के साथ चली गई। मैं तो अकेला हूँ,” उसने उदास होकर कहा। “क्या? तेरा मन कभी चूत चोदने को नहीं करता?” मैंने हँसते हुए पूछा।

वो हँस पड़ा, लेकिन उसकी आँखों में हवस की चमक थी। मैं समझ गई कि ये अब मेरे जाल में फँस चुका है। मैंने उससे बातें शुरू कीं, और हर मौके पर उसके करीब जाने लगी। लेकिन दुर्गेश इतना शर्मीला था कि वो मुझे प्रपोज करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। तो मैंने सोचा, अब मुझे ही आगे बढ़ना होगा।

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एक दोपहर, जब घर में सब सो रहे थे, मैंने मौका देखा। दुर्गेश अपने कमरे में बिस्तर पर लेटा था। मैं चुपके से उसके कमरे में गई और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। वो गहरी नींद में था, और उसके लोअर में उसका लंड तंबू की तरह तना हुआ था। मैंने धीरे-से उसका लोअर नीचे खींचा, फिर उसका अंडरवियर भी उतार दिया। माँ कसम, उसका लंड 10 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था, बिल्कुल किसी हथियार की तरह। मैंने उसे हाथ में लिया और धीरे-धीरे मुठ मारने लगी। फिर मैंने उसे मुँह में ले लिया और चूसने लगी। उसका लंड इतना गर्म और सख्त था कि मेरी चूत में आग लग गई। मैं 10 मिनट तक चूसती रही, और उसे कुछ पता ही नहीं चला।

अचानक उसकी आँख खुली। वो मुझे देखकर चौंक गया। मैं उसके लंड को मुँह में लिए हुए थी, और तेजी से चूस रही थी। “शैली! ये क्या कर रही है? कोई आ जाएगा!” उसने डरते हुए कहा। “कोई नहीं आएगा, सब सो रहे हैं,” मैंने आँख मारते हुए कहा। “तू तो बड़ा मस्त लंड चूसती है,” उसने हँसते हुए कहा। “हाँ, अपने पुराने बॉयफ्रेंड्स का भी ऐसे ही चूसती थी, फिर चुदवाती थी,” मैंने कामुक अंदाज में जवाब दिया।

बस, फिर क्या था! हम दोनों में आग लग गई। मैं उसके ऊपर लेट गई, और हम बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड की तरह चूमने लगे। उसने मेरे होंठों को चूसना शुरू किया, जैसे कोई भूखा शेर अपनी शिकार को चबा रहा हो। मेरी गर्म साँसें उसकी गर्दन पर पड़ रही थीं। उसने मेरी सलवार-कमीज उतार दी, फिर मेरी ब्रा और पैंटी भी खोलकर मुझे पूरा नंगा कर दिया। मेरा गोरा बदन उसके सामने चमक रहा था।

“शैली, तेरी जवानी तो जन्नत है,” उसने मेरे नंगे बदन को देखकर कहा। “तो पी ले इसे, मेरे राजा,” मैंने कामुक अंदाज में जवाब दिया।

वो मेरे ऊपर लेट गया और मेरे गालों को चूमने लगा। फिर मेरे होंठों को 15 मिनट तक चबाया, जैसे कोई रसीला आम चूस रहा हो। मेरे होंठ लाल हो गए, और मेरी चूत गीली होने लगी। उसने मेरे 34 इंच के मम्मों को हाथों में लिया और जोर-जोर से मसलने लगा। मैं सिसकारियाँ लेने लगी, “आह्ह… माँ… आह्ह… ऊऊऊ… सी सी सी…” मेरे मम्मे इतने दिनों बाद किसी के हाथों में थे कि मैं तड़प रही थी।

“दुर्गेश, बस दबाएगा या मुँह में भी लेगा?” मैंने हवस भरे लहजे में पूछा।

वो मेरे मम्मों पर टूट पड़ा। मेरी चूचियों को मुँह में लेकर चूसने लगा, जैसे कोई बच्चा दूध पी रहा हो। मैं तड़प रही थी, “आह्ह… ओह्ह… मेरे कबूतरों को चूस ले… ये तेरे ही हैं… आह्ह… ऊऊऊ…” मेरी चूत अब रस छोड़ रही थी। उसने मेरे दोनों मम्मों को बारी-बारी चूसा, मेरे निप्पल्स को दाँतों से हल्के-से काटा, और मैं सिसकारियाँ लेती रही।

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फिर वो मेरे पेट पर आया। मेरे नाभि को चूमा, मेरी कमर को सहलाया, और मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगा। मेरा गोरा बदन उसके सामने चमक रहा था, और वो मेरे हर अंग को चूम रहा था। उसने मेरे कंधों पर दाँत गड़ाए, और मैं “आह्ह… सी सी सी…” करती रही।

“दुर्गेश, मेरी चूत नहीं चाटेगा?” मैंने हवस भरे लहजे में पूछा। “चाटूँगा, मेरी रानी, तेरी चूत का रस पी जाऊँगा,” उसने जवाब दिया।

उसने मेरे पैर खोल दिए और मेरी चिकनी चूत को देखने लगा। मैंने पहले ही अपनी चूत को साफ किया था, क्योंकि मुझे पता था कि लड़कों को चिकनी चूत चाटना पसंद होता है। मेरी चूत बिल्कुल गुलाबी थी, और वो उसे देखकर पागल हो गया। उसने अपनी जीभ मेरी चूत पर रखी और चाटने लगा। मैं सिसकारियाँ लेने लगी, “आह्ह… ऊऊऊ… सी सी सी… और चाट… मेरी बुर को खा जा…” उसने मेरी चूत के दाने को जीभ से छेड़ा, और मैं पागल हो गई। मेरे बदन में करंट-सा दौड़ रहा था।

वो मेरी चूत को ऐसे चाट रहा था जैसे कोई भूखा शख्स मिठाई खा रहा हो। मेरी चूत का रस उसके मुँह में जा रहा था, और वो उसे बड़े मजे से पी रहा था। मैं अपनी कमर उठा-उठाकर चटवा रही थी। उसने मेरी चूत में अपनी उंगली डाली और तेजी से अंदर-बाहर करने लगा। मैं “आह्ह… मम्मी… सी सी सी… ऊऊऊ…” करती रही। मेरी चूत में आग लग रही थी, और मैं झड़ने वाली थी।

“तेरी माँ की चूत, और खोल पैर!” उसने गुस्से में कहा। मैंने और पैर खोल दिए। उसने अपनी उंगली तेजी से मेरी चूत में चलाई, और मैं “आह्ह… ऊऊऊ… सी सी सी… मम्मी…” करके झड़ गई। मेरी चूत का रस उसकी उंगली पर था।

“ले, अपनी चूत का रस चूस, रंडी!” उसने मेरे मुँह में उंगली डाल दी। मैंने उसकी उंगली चूसी। मेरी चूत का रस नमकीन था, और मुझे और जोश चढ़ गया।

“दुर्गेश, अब चोद दे मुझे… fuck me hard!” मैंने चिल्लाते हुए कहा।

उसने मेरे पैर और खोले और अपने 10 इंच के लंड को हाथ में लिया। वो उसे तेजी से मुठ मारने लगा। फिर उसने मेरी चूत में डालने की कोशिश की, लेकिन मेरी चूत इतने दिनों बाद चुदी थी कि लंड अंदर नहीं गया। “शैली, तेरा भोसड़ा तो टाइट है,” उसने कहा। “तो तेल लगा ले, मेरे राजा,” मैंने जवाब दिया।

उसने अलमारी से तेल की शीशी निकाली और अपने लंड पर खूब तेल लगाया। 10 मिनट तक मालिश करने के बाद उसका लंड और भी खतरनाक दिखने लगा। अब वो 10 इंच लंबा और 3 इंच मोटा, चिकना और सख्त था। उसने मेरी चूत में लंड डाला, और इस बार वो आसानी से अंदर चला गया। वो जोर-जोर से धक्के मारने लगा। मैं “हूँ… हूँ… हूँ… सी सी सी… आह्ह… ऊऊऊ…” करती रही। मेरी चूत और गांड उसके धक्कों से हिल रही थी। उसकी आँखों में हवस की आग थी, और वो मुझे किसी भूखे शेर की तरह चोद रहा था।

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“मजा आ रहा है, रंडी? और चोदूँ?” वो चिल्लाया। “हाँ… और जोर से… मेरी चूत फाड़ दे… ऊऊऊ… सी सी सी…” मैं कामवासना में चिल्ला रही थी।

उसने अपना लंड निकाला और फिर से उंगली डालकर मुझे चोदने लगा। मेरी चूत फिर से गीली हो गई। उसने अपनी उंगली मेरे मुँह में डाली, और मैंने उसे चूसा। फिर उसने अपना लंड मेरी चूत में डाला और तेजी से चोदने लगा। कुछ देर बाद वो झड़ गया। उसका गाढ़ा माल मेरी चूत में भर गया। मैंने अपनी पैंटी से चूत पोंछी।

“बहनचोद, मेरा लंड चूस!” उसने कहा।

मैंने उसका लंड मुँह में लिया और चूसने लगी। मैंने उसके लंड को गले तक उतारा और तेजी से चूसा। वो मजे से सिसकारियाँ ले रहा था। मैंने उसकी गोलियों को भी मुँह में लिया और टॉफी की तरह चूसा। “शैली, तू तो लंड चूसने की रानी है,” उसने कहा।

फिर उसने मुझे कुतिया बनने को कहा। मैं बिस्तर पर कुतिया बन गई। उसने मेरी गांड चाटना शुरू किया। उसकी जीभ मेरे गांड के छेद पर थी, और मैं “आह्ह… ऊऊऊ… सी सी सी…” करती रही। फिर उसने अपना अंगूठा मेरी गांड में डाल दिया। मैं दर्द से चिल्ला उठी, “आह्ह… दुर्गेश… निकाल ले… दर्द हो रहा है!”

लेकिन उसे मेरी तड़प देखकर मजा आ रहा था। उसने मेरी गांड में अंगूठा और तेजी से चलाया। फिर उसने जीभ से मेरी गांड चाटी और मेरे चूतड़ों पर थप्पड़ मारे। मेरे चूतड़ लाल हो गए। “भाई, अगर गांड मारनी है, तो लंड पर तेल लगा ले,” मैंने रोते हुए कहा।

उसने फिर से अपने लंड पर तेल लगाया और मुठ मारकर उसे खड़ा किया। फिर उसने मेरी गांड में लंड डालना शुरू किया। उसका सुपाड़ा मेरी गांड में गया, और मैं “आह्ह… ऊऊऊ… हूँ… हूँ…” करती रही। धीरे-धीरे उसने पूरा लंड मेरी गांड में डाल दिया और चोदने लगा। मैं अपने होंठ चबा रही थी। मेरे बदन में बिजली दौड़ रही थी। उसने मेरी गांड में थूक दिया और तेजी से चोदने लगा। 15 मिनट तक उसने मेरी गांड मारी और फिर मेरे मुँह पर झड़ गया।

उसके बाद हमने कई बार सेक्स किया। दोस्तों, आपको मेरी कहानी कैसी लगी? जरूर बताएँ।

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