नानाजी का प्यार-2

Nitin ki chudai – Nana Natin Sex Story मैं, पायल सिंह, 20 साल की हूँ, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक बड़े शहर में रहती हूँ। मेरा गोरा रंग, 5 फीट 8 इंच की लंबाई, और भरा हुआ बदन हर किसी का ध्यान खींचता है। मेरे बड़े-बड़े वक्ष और पतली कमर की वजह से कॉलेज में लड़के और यहाँ तक कि कुछ प्रोफेसर भी मुझे ताड़ते रहते हैं। मैं बी.ए. सेकंड ईयर की स्टूडेंट हूँ, और मेरी छोटी बहन नेहा, जो 18 साल की है, स्कूल में पढ़ती है। मम्मी-पापा दोनों जॉब करते हैं, और हमारा घर शहर के पॉश इलाके में है। नानाजी, रामलाल, 65 साल के हैं, गाँव से आए थे और कुछ दिन हमारे घर रुके थे। उनकी ताकत और चेहरे की चमक देखकर कोई नहीं कहेगा कि वो इतने बुजुर्ग हैं।

पिछली बार मैंने बताया था कि कैसे नानाजी ने मेरे सोने का नाटक करते वक्त मेरे साथ छेड़खानी शुरू की थी। उनकी नजरें मेरी योनि पर थीं, और उन्होंने अपना मोटा लिंग मेरे मुँह में डालकर मुख मैथुन शुरू कर दिया था। मैंने भी नींद का नाटक करते हुए उनके लिंग को चूसना शुरू किया। उनकी सिसकारियाँ और “फच-फच” की आवाज से कमरा गूँज रहा था। तभी नानाजी ने अपना लिंग मेरे मुँह से निकाला और…

कहानी का पिछला भाग: नानाजी का प्यार-1

नानाजी ने मुझे अपनी गोद में उठाया। उनका स्पर्श गर्म था, और मेरे बदन में सिहरन दौड़ रही थी। वो मुझे मेरे शयनकक्ष में ले गए और बिस्तर पर लिटा दिया। मैं अभी भी सोने का नाटक कर रही थी, लेकिन मेरी साँसें तेज थीं। नानाजी ने मेरी कमीज और सलवार को धीरे-धीरे उतारना शुरू किया। पहले मेरी कमीज ऊपर सरकाई, फिर मेरी ब्रा का हुक खोला। मेरे बड़े-बड़े वक्ष बाहर आ गए, और मेरे गुलाबी निप्पल सख्त हो चुके थे। फिर उन्होंने मेरी सलवार को पूरी तरह उतार दिया। मैं अब पूरी तरह नग्न थी, और मेरी योनि के घने बाल और गुलाबी फाँकें उनके सामने थीं।

नानाजी ने भी अपनी धोती उतार दी। उनका नग्न शरीर देखकर मैं हैरान थी। 65 साल की उम्र में उनका बदन अभी भी मजबूत था, और उनका 7 इंच लंबा, खीरे जितना मोटा लिंग पूरी तरह खड़ा था। वो मेरे पास आए और मेरे नग्न शरीर को निहारने लगे। उनकी उंगलियाँ मेरे गोरे बदन पर फिरने लगीं। मेरे वक्षों को सहलाते हुए वो मेरे निप्पल्स को हल्के-हल्के दबाने लगे। “आह्ह…” मेरे मन में सिसकारी उठी, लेकिन मैंने खुद को रोका। फिर वो मेरे पेट, जाँघों, और योनि के आसपास सहलाने लगे। उनकी उंगलियाँ मेरे घने बालों में उलझ रही थीं।

इसे भी पढ़ें   अपनी बहन कि चुत दोस्त को दी गिफ्ट में | Hot Sister Group Sex Kahani

नानाजी मेरे बगल में लेट गए और मुझे अपनी बाहों में ले लिया। मेरे सख्त वक्ष उनकी छाती से दब गए। वो मेरे होंठों को चूमने लगे, उनकी जीभ मेरे मुँह में थी, और मैंने भी हल्के से जवाब देना शुरू किया। उनकी साँसें गर्म थीं, और मेरी योनि से रस टपक रहा था। “पायल, तू कितनी गोरी और नरम है,” नानाजी धीरे से बुदबुदाए। उनकी आवाज में एक अजीब सी भूख थी।

फिर उन्होंने मुझे पीठ के बल लिटाया और मेरी टाँगें फैला दीं। मेरी योनि उनके सामने पूरी तरह खुली थी। उन्होंने मेरे लबों को उंगलियों से फैलाया और मेरे भगनासा को सहलाने लगे। “उह्ह…” मेरे मन में सिसकारी उठ रही थी। फिर उन्होंने अपना मुँह मेरी योनि पर रखा और चाटना शुरू किया। उनकी जीभ मेरे 4 इंच लंबे लबों को ऊपर से नीचे तक चाट रही थी। “आह्ह… ओह्ह…” मैंने मन ही मन सिसकारा। मेरी योनि से चिकना रस बह रहा था, और नानाजी उसे चाट रहे थे। “कितनी मस्त खुशबू है तेरी चूत की,” वो बुदबुदाए।

उन्होंने मेरी योनि का रस अपनी उंगलियों पर लिया और अपने शिश्न-मुंड पर लगाया। फिर मेरी टाँगें और फैलाईं और अपने लिंग को मेरी योनि के मुँह पर रगड़ने लगे। “उह्ह… नानाजी…” मैंने मन में सोचा, लेकिन अभी भी सोने का नाटक कर रही थी। उनका मोटा शिश्न-मुंड मेरी योनि के लबों पर रगड़ रहा था, और मुझे ऐसा आनंद आ रहा था कि मैं अपने आपको रोक नहीं पा रही थी। मैंने सोचा, जैसे ही वो अपना लिंग मेरी योनि में डालेंगे, मैं जाग जाऊँगी और उन्हें डाँटूँगी।

नानाजी मेरी योनि पर अपना लिंग रगड़ रहे थे। अचानक उनका शिश्न-मुंड मेरी योनि के मुँह में थोड़ा सा घुस गया। मैंने सोचा, देखती हूँ वो और अंदर डालते हैं या नहीं। अगर और डाला तो मैं जाग जाऊँगी। तभी नानाजी ने मेरी कमर पकड़ी और अपने लिंग से दबाव डाला। “घप्प…” उनकी आधा लिंग मेरी चिकनी योनि में घुस गया। मैंने तुरंत आँखें खोलीं और चिल्लाई, “नानाजी! ये क्या कर रहे हैं आप? आपको शर्म नहीं आती? मम्मी-पापा को बताऊँगी मैं!”

इसे भी पढ़ें   दूध वाली की बेटी का दूध

लेकिन नानाजी पर मेरी बात का कोई असर नहीं हुआ। वो किसी और दुनिया में थे। उन्होंने एक जोरदार धक्का मारा, और उनका 7 इंच लंबा, मोटा लिंग मेरी योनि में पूरा समा गया। “आह्ह… उफ्फ…” मैं दर्द से चिल्ला पड़ी। मेरी योनि कसी हुई थी, और उनका मोटा लिंग मेरी मांसपेशियों को रगड़ रहा था। “घप-घप…” की आवाज कमरे में गूँज रही थी। नानाजी जोर-जोर से धक्के मार रहे थे, और मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं। “आह्ह… उह्ह… नानाजी, धीरे…” मैंने कराहते हुए कहा।

उनका लिंग मेरी योनि की दीवारों को रगड़ रहा था, और मेरी योनि ने उसे पूरी तरह जकड़ लिया था। दर्द के साथ-साथ मुझे आनंद भी आने लगा। “पायल, तेरी चूत कितनी टाइट है,” नानाजी सिसकारते हुए बोले। मैंने कुछ नहीं कहा, बस उनकी रफ्तार के साथ ताल मिलाने लगी। थोड़ी देर बाद मेरा दर्द गायब हो गया, और मेरी सिसकारियाँ आनंद में बदल गईं। “आह्ह… ओह्ह… नानाजी, और जोर से…” मैंने बुदबुदाया।

मैंने अपने नितंब उठाकर उनके धक्कों का जवाब देना शुरू किया। “घप-घप…” की आवाज और तेज हो गई। नानाजी मुस्कुराए और बोले, “पायल बेटी, मजा आ रहा है ना?” मैंने शरमाते हुए कहा, “हाँ नानाजी… बहुत मजा आ रहा है… आह्ह… आई लव यू नानाजी…”

नानाजी ने कहा, “आई लव यू टू, बेटी। अब मम्मी-पापा से कुछ नहीं बोलेगी ना?” मैंने हँसते हुए कहा, “नहीं नानाजी, अब कुछ नहीं बोलूँगी।” ये सुनकर नानाजी ने अपना लिंग मेरी योनि से निकाला। उनका लिंग अभी भी खड़ा था, और उस पर मेरा रस चमक रहा था। मैं उठी और नानाजी से लिपट गई। मैंने उनके होंठों पर एक गहरा चुम्बन लिया। उनकी जीभ मेरे मुँह में थी, और मैंने भी उनके साथ चुम्बन का मजा लिया।

नानाजी ने अपना लिंग मेरे सामने किया और बोले, “पायल, मेरा लंड कैसा है?” मैंने शरमाते हुए कहा, “नानाजी, आपका लंड बहुत मोटा और सुंदर है।” वो हँसे और बोले, “तो इसे अपने होंठों से प्यार दे।” मैंने उनके शिश्न-मुंड पर एक चुम्बन दिया। फिर नानाजी ने कहा, “बेटी, मेरी सुपारी को चाटो, बड़ा मजा आएगा।” मैंने उनकी बात मानी और उनके शिश्न-मुंड को अपनी जीभ से चाटना शुरू किया। उसका स्वाद नमकीन और उत्तेजक था। “आह्ह… पायल, और चूस,” नानाजी सिसकारे।

इसे भी पढ़ें   ट्रेन में सफर के दौरान चुद गयी | Xxx Desi Girl Hindi Sex Story

मैंने उनका लिंग अपने मुँह में लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। “फच-फच…” की आवाज फिर से कमरे में गूँजने लगी। नानाजी के मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं। “आह्ह… पायल, तू तो जादू कर रही है…” वो बोले। थोड़ी देर बाद नानाजी बिस्तर पर लेट गए और मुझे अपने ऊपर बैठने को कहा। मैंने अपनी योनि को उनके शिश्न-मुंड पर रखा और धीरे-धीरे बैठने लगी। मेरी योनि कसी हुई थी, और उनका मोटा लिंग अंदर जाने में मुश्किल हो रही थी। “उह्ह… नानाजी, कितना मोटा है आपका…” मैंने सिसकारते हुए कहा।

धीरे-धीरे मैंने उनका पूरा लिंग अपनी योनि में समा लिया। फिर मैं अपने नितंब ऊपर-नीचे करने लगी। “घप-घप…” की आवाज कमरे में गूँज रही थी। मेरी योनि की मांसपेशियाँ उनके लिंग को जकड़ रही थीं। “आह्ह… ओह्ह… नानाजी, कितना मजा आ रहा है…” मैं सिसकार रही थी। नानाजी भी मेरे नितंब पकड़कर धक्के मार रहे थे। “पायल, तेरी चूत में जन्नत है,” वो बोले।

करीब 15 मिनट तक हम दोनों एक-दूसरे में खोए रहे। मेरी सिसकारियाँ और उनकी कराहें कमरे में गूँज रही थीं। “आह्ह… उह्ह… नानाजी, और जोर से…” मैं चिल्ला रही थी। तभी नानाजी ने एक जोरदार धक्का मारा, और उनकी गर्म-गर्म पिचकारी मेरी योनि में छूट गई। “आह्ह…” मैंने एक लंबी सिसकारी ली। मैंने भी उसी वक्त चरमसुख पा लिया, और मेरा शरीर काँपने लगा।

हम दोनों हाँफते हुए बिस्तर पर लेट गए। नानाजी ने मुझे अपनी बाहों में लिया और मेरे माथे पर चुम्बन दिया। “पायल, तूने मुझे जवान कर दिया,” वो हँसते हुए बोले। मैंने शरमाते हुए कहा, “नानाजी, ये तो बस शुरुआत है।” उस एक हफ्ते तक हमने कई बार सेक्स किया। हर बार नया और उत्तेजक अनुभव था।

लेकिन एक दिन मेरी छोटी बहन नेहा ने हमें सेक्स करते देख लिया। उसकी आँखों में हैरानी थी, और मेरे मन में डर। ये एक लंबी कहानी है, जिसे मैं बाद में सुनाऊँगी। मैं अपनी गुदा-मैथुन की कहानी भी बताऊँगी।

कहानी जारी रहेगी।

Related Posts

Report this post

Leave a Comment