मेरी पहली पत्नी का देहांत कोरोना के दौरान हो गया था। उस दुखद घटना के बाद मैंने दूसरी शादी की। मेरी उम्र 45 साल है, और मेरी नई बीवी 43 साल की है। उसकी एक बेटी है, सोनम, जो 21 साल की है। वो मेरे साथ मेरे घर में रहने आई। सोनम का हुस्न देखकर कोई भी मर्द पागल हो जाए। उसकी फिगर, उसकी चाल, और उसकी वो मासूमियत भरी हंसी, सब कुछ ऐसा कि दिल में आग सी लग जाए। उसका गोरा बदन, भरी-भरी चूचियां, और उभरी हुई गांड, हर चीज परफेक्ट थी। सच कहूं तो मैंने ये शादी सिर्फ बीवी के लिए नहीं, बल्कि सोनम की जवानी के लिए भी की थी। मन में पहले से ही ठान रखा था कि उसकी चुदाई का मजा लूंगा, और इसीलिए मुझे अपनी सौतेली बेटी के साथ सेक्स करने में कोई हिचक नहीं हुई।
मैं कानपुर का रहने वाला हूं। मेरा यहां बड़ा बिजनेस है, पैसों की कोई कमी नहीं। घर में हर सुख-सुविधा है। अब बीवी भी मिल गई, और साथ में उसकी हॉट बेटी, जो चुदाई के लिए हमेशा तैयार सी लगती थी। इससे बढ़िया जिंदगी और क्या हो सकती है? जैसे कहते हैं ना, दसों उंगलियां घी में और सिर कढ़ाई में। सोनम डांस टीचर है, जिम जाती है, और यूट्यूब पर उसके लाखों फॉलोअर्स हैं। वो इतनी सीधी-सादी है कि उसका कोई बॉयफ्रेंड नहीं, ना ही किसी लड़के के साथ कोई चक्कर। ऐसी लड़की, जो कभी चुदी ना हो, उसकी चूत का स्वाद लेने का मजा ही अलग है।
मेरी बीवी कॉलेज में प्रोफेसर है। उसका वर्कलोड इतना ज्यादा है कि वो दिनभर घर से बाहर रहती है। मैं भी अपने बिजनेस के सिलसिले में अक्सर बाहर रहता हूं। सोनम सुबह और शाम को डांस क्लासेस लेती है, तो वो भी घर पर कम ही रहती है। लेकिन बुधवार उसका छुट्टी का दिन होता है। मैंने सोच लिया था कि इस बुधवार को सोनम की चुदाई का मौका नहीं छोड़ूंगा। मैंने अपने ऑफिस की छुट्टी पहले से ही फिक्स कर ली थी। कई दिनों से मैं उसकी जवानी को ताड़ रहा था, धीरे-धीरे उसे अपने जाल में फंसा लिया था। उसकी मासूमियत को अपनी हवस की चाशनी में डुबोकर मैंने उसे अपने वश में कर लिया था। अब बस आखिरी कदम बाकी था।
सुबह आठ बजे मेरी बीवी ऑफिस चली गई। उसने जाते-जाते सोनम को जन्मदिन की बधाई दी। मैंने भी सुबह-सुबह उसे बर्थडे विश किया और रात को बाहर डिनर और केक काटने का प्लान बताया। लेकिन मेरा असली प्लान तो दिन में ही उसकी चुदाई का था। मैंने सोच लिया था कि आज सोनम की बुर का भोसड़ा बनाकर ही रहूंगा। सुबह दस बजे मैं उसे मॉल ले गया। वहां मैंने उसके लिए ढेर सारे कपड़े खरीदे। जो-जो उसे पसंद आया, मैंने बिना सोचे दिलवा दिया। करीब 30 हजार की शॉपिंग की, जिसमें एक सेक्सी नाइट ड्रेस भी थी। वो नाइट ड्रेस इतनी टाइट और ट्रांसपेरेंट थी कि उसमें उसका पूरा बदन साफ दिखता था। जब उसने मॉल में मुझे गले लगाकर थैंक्यू कहा, तो उसकी चूचियां मेरे सीने से टकराईं। उसी पल मेरा लंड खड़ा हो गया, और मैंने मन में ठान लिया कि आज तो ये चूत मेरी है।
घर पहुंचते ही मैं अपने बेडरूम में गया और पलंग पर लेट गया। मैंने सोनम को बुलाकर कहा, “जो कपड़े खरीदे हैं, वो एक-एक करके पहनकर दिखाओ।” वो खुशी-खुशी दूसरे कमरे में गई और एक-एक सेट पहनकर मेरे सामने आई। हर ड्रेस में वो और भी हॉट लग रही थी। मैं उसकी चूचियों और गांड को घूर रहा था, कपड़ों से ज्यादा उसका बदन मुझे ललचा रहा था। आखिरी में मैंने उसे वो सेक्सी नाइट ड्रेस पहनने को कहा। वो थोड़ा शरमाई और बोली, “पापा, नाइट ड्रेस में आप मुझे देखकर क्या करेंगे?” मैंने हंसते हुए कहा, “अरे, दिखाओ तो सही, तुम इसमें कितनी खूबसूरत लगती हो। ये ड्रेस जितनी हॉट है, उससे कहीं ज्यादा हॉट तुम हो।” मैंने आगे कहा, “इसके अंदर कुछ मत पहनना, सिर्फ यही ड्रेस पहनकर आना।”
पहले तो उसने मना किया, लेकिन मैंने उसे याद दिलाया कि मैंने आज उसके लिए इतनी महंगी शॉपिंग की है। आखिरकार वो मान गई और लाल रंग का वो छोटा सा नाइट सूट पहनकर मेरे सामने आई। जैसे ही वो कमरे में दाखिल हुई, मेरा मुंह खुला रह गया। उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां बिना ब्रा के साफ दिख रही थीं। उसकी निप्पल्स का उभार, उसकी गोल-मटोल गांड, और उसकी चिकनी जांघें, सब कुछ मेरे सामने था। उसकी नाभि और चूत का हल्का सा उभार भी साफ दिख रहा था। मैं तो बस पागल हो गया। मेरी सांसें तेज हो गईं, और मेरा लंड पजामे में तंबू बन गया।
मैं खड़ा हुआ और अपने हाथ फैलाए। वो मेरी बाहों में आ गई। मैंने पहले उसके माथे को चूमा, फिर उसके गालों को। धीरे-धीरे मेरा हाथ उसके पेट पर गया, और मैं उसकी नाभि के आसपास सहलाने लगा। वो चुप रही, लेकिन उसकी सांसें भी तेज हो रही थीं। फिर वो बोली, “पापा, ये गलत है।” मैंने कहा, “गलत क्या है? तुम इतनी खूबसूरत और सेक्सी हो कि कोई भी मर्द तुम्हारे लिए पागल हो जाए। मैं तुम्हें वो सब दूंगा जो तुम चाहती हो, बस मेरे साथ थोड़ा प्यार करो।” इतना कहकर मेरा हाथ उसकी गांड पर चला गया। मैंने उसकी गांड को दबाया और सहलाने लगा।
वो बोली, “अगर मम्मी को पता चल गया तो?” मैंने हंसते हुए कहा, “मम्मी को कैसे पता चलेगा? वो तो दिनभर ऑफिस में रहती हैं। हम दोनों घर में अकेले हैं, रोज मजे कर सकते हैं।” वो थोड़ा हिचकिचाई और बोली, “रोजाना नहीं, पापा, ये ठीक नहीं।” मैंने कहा, “ठीक है, जितना तुम कहो, उतना ही करेंगे।” फिर मैंने उसे अपनी बाहों में कस लिया। मैंने उसका नाइट सूट उतार दिया। उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां मेरे सामने थीं, गुलाबी निप्पल्स सख्त हो चुके थे। मैंने उसकी चूचियों को दोनों हाथों से मसला। वो “आआह्ह्ह” करके सिसकने लगी। मैंने उसके होंठों को चूसना शुरू किया, उसकी जीभ मेरी जीभ से टकरा रही थी।
मैंने उसे पलंग पर लिटाया और उसके ऊपर चढ़ गया। उसकी दोनों टांगें फैलाईं और उसकी चिकनी चूत को देखा। उसकी चूत गुलाबी और गीली थी। मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटना शुरू किया। “आआह्ह्ह… पापा… उउउह्ह्ह…” वो सिसक रही थी। मैं कभी उसकी चूत चाटता, कभी उसकी चूचियों को पीता। वो अब पूरी तरह से कामुक हो चुकी थी। उसने मेरा लंड पकड़ लिया और अपने मुंह में ले लिया। “उम्म्म… पापा, आपका लंड कितना बड़ा है…” वो मेरे 7 इंच के लंड को चूसने लगी। मैंने उसका सिर पकड़ा और अपना लंड उसके गले तक घुसा दिया। वो “गुुुु…” करके चूस रही थी। फिर मैंने उसकी गांड को चाटना शुरू किया। उसकी गांड का छेद इतना टाइट था कि मेरी जीभ अंदर जाने को तरस रही थी।
वो पागल हो गई और बोली, “पापा, मुझे चोद दो… मैं कब से आपके मोटे लंड के लिए तड़प रही हूं। मैं रोज रात को मम्मी की चुदाई देखती हूं, आप उनकी चूत और गांड में लंड घुसाते हो, वैसा ही मेरे साथ करो।” उसकी बात सुनकर मेरी हवस और बढ़ गई। मैंने अपना लंड उसकी चूत के छेद पर रखा और एक जोरदार धक्का मारा। “आआआह्ह्ह… पापा… दर्द हो रहा है…” वो चीख पड़ी। मैंने उसकी चूत को सहलाते हुए कहा, “पहली बार दर्द होता है, थोड़ा बर्दाश्त करो, फिर मजा आएगा।” धीरे-धीरे मैंने लंड अंदर-बाहर करना शुरू किया। “उउउह्ह्ह… आआह्ह्ह…” वो सिसक रही थी, लेकिन अब उसे मजा आने लगा था।
दस मिनट बाद वो पूरी तरह वाइल्ड हो गई। वो अपनी कमर उछाल-उछाल कर चुदवाने लगी। “पापा, और जोर से… मेरी चूत फाड़ दो… आआह्ह्ह… उउउह्ह्ह…” मैं भी पोर्न स्टार की तरह उसे चोद रहा था। “चप… चप… चप…” मेरे लंड और उसकी चूत के टकराने की आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी। मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसकी गांड में उंगली डाल दी। “आआआह्ह्ह… पापा, ये क्या कर रहे हो…” वो चीखी, लेकिन मैंने उसकी गांड को चाटते हुए लंड उसकी चूत में और तेजी से पेलना शुरू किया।
एक घंटे तक मैंने उसे अलग-अलग पोज में चोदा। कभी मिशनरी, कभी डॉगी, कभी उसे मेरे ऊपर बिठाकर। वो बार-बार झड़ रही थी, और उसकी चूत से रस टपक रहा था। “पापा… आआह्ह्ह… मैं गई… उउउह्ह्ह…” वो चिल्ला रही थी। आखिरकार मैं भी झड़ने वाला था। मैंने अपना लंड निकाला और उसकी चूचियों पर अपना माल गिरा दिया। वो हांफ रही थी, और मैं भी। हम दोनों एक-दूसरे को पकड़कर पलंग पर लेट गए।
चार बजे मैं फिर से उठा। मेरी बीवी पांच बजे आने वाली थी, तो मैंने सोनम को फिर से गर्म किया। मैंने उसकी चूत को चाटा, और वो फिर से सिसकने लगी। “पापा… और चोदो… मेरी चूत को भोसड़ा बना दो…” इस बार मैंने उसे और जोर से चोदा। “चप… चप… चप…” की आवाज फिर से गूंजने लगी। वो बार-बार चिल्ला रही थी, “आआह्ह्ह… पापा… आपका लंड मेरी चूत को फाड़ रहा है…” आधे घंटे बाद हम फिर से थककर लेट गए।
उस दिन के बाद से मैं सोनम को रोज चोदता हूं। वो भी अब मुझसे पूरी तरह खुश है। कभी-कभी वो मुझे चिढ़ाती है, “पापा, रात को मम्मी को चोदते हो, दिन में मुझे। आपके जैसा नसीबवाला कोई नहीं।” मैं हंस देता हूं, और फिर उसे बाहों में लेकर उसकी चूत का भोसड़ा बनाता हूं।
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