बुआ, मैं झड़ने वाला हूँ…

मेरा नाम प्रतीक है, उम्र 27 साल, कद 6 फीट, और दिखने में काफ़ी आकर्षक हूँ। मुझे सेक्स करना, गर्म कहानियाँ पढ़ना, और फिर मुठ मारकर अपने लंड को शांत करना बहुत पसंद है। आज मैं आपका ज़्यादा वक़्त बर्बाद ना करते हुए अपनी एक सच्ची और मसालेदार कहानी सुनाने जा रहा हूँ। ये कहानी है मेरी और मेरी बुआ की, जिसने मेरी ज़िंदगी को एक नया मोड़ दे दिया।

मैं नागपुर का रहने वाला हूँ। ये बात कुछ साल पुरानी है, जब मैं अपनी बुआ के बेटे की शादी में कानपुर गया था। मेरा कज़िन मुझे शादी से पहले ही बुला, बोला कि उसकी शॉपिंग में मेरी मदद चाहिए। मैं 20-22 दिन पहले ही वहाँ पहुँच गया। वहाँ हमने खूब मज़े किए, शादी की शॉपिंग की, बाज़ार घूमे, और ढेर सारी मौज-मस्ती की। कुछ दिन बाद बुआमा ने मुझे और मेरे कज़िन को शादी का कार्ड देने के लिए दूसरी बुआ के घर भेजा, जहाँ मैं उनसे पहली बार मिला।

वो क्या थी, यार! एकदम माल! उम्र करीब 32 साल, फिगर 34-28-34, कद 5 फीट 7 इंच, और गोरी-चिट्टी त्वचा, मानो कोई अप्सरा हो। उनके भरे हुए स्तन, पतली कमर, और गोल-मटोल नितंब देखकर मैं तो पागल ही हो गया। लेकिन मैंने खुद को कंट्रोल किया, आखिर रिश्तेदार थे।

उन्होंने हमें ड्रॉइंग रूम में बिठाया, कार्ड दिया, और बातें शुरू हुईं। चूँकि हम पहली बार मिले थे, वो मुझसे कुछ ज़्यादा ही प्यार से पेश आ रही थीं। उनकी नज़रें बार-बार मुझ पर टिक रही थीं, और वो हल्की-हल्की मुस्कान दे रही थीं। मेरे कज़िन ने भी ये नोटिस किया। फिर हम वहाँ से निकले। रास्ते में कज़िन ने पूछा, “क्या चल रहा है, भाई? वो तुझ पर लाइन मार रही थी!” मैंने हँसकर टाल दिया, लेकिन मन में हलचल मच गई थी। मैं उसी के बारे में सोचता रहा, और पता ही नहीं चला कब हम घर पहुँच गए।

कुछ दिन बाद वो बुआ खुद हमारे घर आईं। मैंने फिर गौर किया कि उनकी नज़रें मुझ पर टिकी थीं। मैंने कज़िन को ये बात बताई, तो उसने खुलासा किया कि उनकी शादी नहीं हुई है। वो अपने जीजा के साथ रहती हैं, क्योंकि उनकी बड़ी बहन की मृत्यु हो चुकी थी। ये सुनकर मुझे कुछ-कुछ समझ आया। मैंने भी उनसे खुलकर बात शुरू की, उनका नंबर लिया, और अपना नंबर दे दिया।

शादी की तैयारियों में हम सब व्यस्त हो गए। इस दौरान उनकी कोई बात नहीं हुई। शादी में भी हम सिर्फ़ थोड़े वक़्त के लिए मिले। शादी के दो दिन बाद वो अपने घर चली गईं, और मैं अपने ऑफ़िस के कामों में लग गया। कुछ दिन बाद अचानक उनका कॉल आया। वो नाराज़गी भरे लहजे में बोलीं, “प्रतीक, तुमने मुझे बिल्कुल भूल गया? एक बार भी फोन नहीं किया!” मैंने माफ़ी माँगी, बताया कि ऑफ़िस में व्यस्त था। मैंने वादा किया कि अब रोज़ बात करूँगा। फिर हमारी रोज़ बातें होने लगीं।

इसे भी पढ़ें   सगी मौसी को गर्लफ्रेंड बनाकर चोदा। Porn Mousi Xxx Sex Kahani

एक दिन उन्होंने खुलकर बताया कि उनकी छाती में दर्द रहता है। ये सुनकर मैं चौंक गया। वो ऐसे बोल रही थीं, जैसे मैं उनका कोई करीबी हूँ। मैंने भी मौके का फायदा उठाया और हल्की-फुल्की सेक्सी बातें शुरू कीं। धीरे-धीरे हमारी बातें और गर्म होने लगीं।

एक दिन वो हमारे शहर में किसी रिश्तेदार के यहाँ आईं। उन्होंने मुझे कॉल किया। मैं उनसे मिलने गया। वो अकेली थीं, और इतनी सेक्सी लग रही थीं कि मेरी नज़रें उनसे हट ही नहीं रही थीं। टाइट साड़ी में उनके कर्व्स साफ़ दिख रहे थे। वो दूर खड़ी मुस्कुरा रही थीं। मैं उन्हें अपने घर ले आया।

रात को हम देर तक बातें करते रहे। मैं मज़ाक में उनके शरीर को छूने लगा। वो विरोध नहीं कर रही थीं, बस मुस्कुरा देती थीं। मेरी हिम्मत बढ़ी। अकेले में मैंने उन्हें बाहों में भर लिया और एक लंबा, गहरा चुम्बन किया। वो भी मेरा साथ दे रही थीं। मैंने उनके स्तनों को दबाना शुरू किया। वो सिसकियाँ लेने लगीं, “आह्ह… प्रतीक…” तभी किसी के आने की आहट हुई, और हम अलग हो गए।

रात के खाने के दौरान उन्होंने बताया कि अगली शाम उनकी फ्लाइट है। ये सुनकर मैं उदास हो गया। शायद उन्होंने मेरी उदासी भाँप ली। खाना खाने के बाद वो अकेले में मुझसे मिलीं। बोलीं, “मेरा भी मन नहीं है जाने का, लेकिन क्या करूँ?” मैंने नाटक करते हुए कहा, “आज के बाद मैं आपसे कभी बात नहीं करूँगा।” वो घबरा गईं और मुझसे लिपट गईं।

आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

थोड़ा सोचकर वो बोलीं, “क्या मैं अपनी टिकट कैंसिल कर दूँ? एक दिन और रुक जाऊँ?” मैं खुश हो गया। रात को जब सब सो गए, वो चुपके से मेरे कमरे में आईं। उन्होंने प्लान बताया कि वो सुबह घर से निकलेंगी, और मैं उनसे मार्केट में मिलूँ।

अगले दिन हमने वैसा ही किया। ट्रैवल एजेंट के पास जाकर उनकी टिकट कैंसिल करवाई। फिर हमने एक अच्छे होटल में रूम बुक किया। रूम में घुसते ही मैंने उन्हें ज़ोर से बाहों में भरा और एक लंबा, गहरा चुम्बन किया। 5 मिनट तक हम एक-दूसरे को चूमते रहे। वो बोलीं, “रुक, पहले लंच ऑर्डर कर लेते हैं।” मैंने घर पर कॉल कर बताया कि मैं रात को नहीं आऊँगा।

इसे भी पढ़ें   बहन की फटी चुत की चुदाई- 1

लंच का ऑर्डर आने में 15-20 मिनट थे। मैंने फिर से चूमना शुरू किया। मेरे हाथ उनकी बॉडी पर फिरने लगे। वो भी मेरे शरीर को छू रही थीं।। मेरा लंड जींस के ऊपर से खड़ा हुआ साफ दिख रहा था। मैंने उनकी साड़ी का पल्लू हटाया, उनके ब्लाउज़ के बटन खोले। वो सिर्फ़ ब्रा और पेटीकोट में थीं।। उनके गोरे स्तन ब्रा में क़ैद थे। मैंने उनकी ब्रा का हुक खोल दिया। उनके 34 साइज़ के स्तन आज़ाद हो गए। मैं उनके निप्पल्स को चूसने लगा। वो सिसक रही थीं, “आआह्ह… प्रतीक, धीरे… उम्म्म…”

तभी दरवाज़े पर दस्तक हुई। वेटर लंच लेकर आया था। हमने जल्दी से कपड़े ठीक किए और लंच किया। लंच के बाद मैंने टीवी ऑन की। दे दाना दन फिल्म चल रही थी। “गले लग जा” गाना शुरू हुआ। मैं जोश में आ गया। मैंने उन्हें फिर से बाहों में भरा। और उनके कपड़े उतारने लगा। पहले साड़ी, फिर ब्लाउज़, ब्रा, और पेटीकोट। वो सिर्फ़ पैंटी में थीं।। उनके गोरे, नंगे शरीर को देखकर मेरा लंड और सख़्त हो गया।

मैंने उनकी पैंटी भी उतार दी। वो पूरी तरह नंगी थीं।।। उनकी चूत पर हल्के-हल्के बाल थे, जो गीले हो चुके थे। मैं उनके स्तनों को चूसने लगा। 15 मिनट तक मैं उनके निप्पल्स को चाटता और दबाता रहा। वो मोन कर रही थीं, “आआह्ह… ज़ोर से दबा, प्रतीक… उम्म्म… हाँ…” फिर उन्होंने मेरे कपड़े उतार दिए। मेरी जींस और अंडरवेयर हटते ही मेरा 6 इंच का लंड बाहर आ गया। उनकी आँखें वासना से चमक उठीं।। वो मेरे लंड को सहलाने लगीं और उसे मूँह में ले लिया।

“उम्म्म… कितना मोटा है तेरा लंड…” वो कहते हुए मेरे लंड को चूस रही थीं। जैसे कोई पॉर्नस्टार हो। 30 मिनट तक वो मेरे लंड को चूसी। मैं झड़ने वाला था। मैंने कहा, “बुआ, मैं झड़ने वाला हूँ…” वो और ज़ोर से चूसने लगीं। मैं उनके मूँह में झड़ गया। उन्होंने मेरा सारा वीर्य पी लिया और मेरे लंड को जीभ से चाटकर साफ कर दिया।

मैंने उन्हें बेड पर लिटाया। उनके स्तनों को दबाते हुए मैं उनकी बॉडी पर चूमने लगा। उनकी जाँघों को हल्के से काटा। वो और गर्म हो रही थीं।, “आआह्ह… प्रतीक, चाट ना… मेरी चूत…” वो जोश में मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाने लगीं।। मैंने उनकी चूत पर जीभ रखी। वो तड़प उठीं, “आआह्ह… ओह्ह… हाँ, ऐसे ही…” मैं 45 मिनट तक उनकी चूत चाटता रहा। वो दो बार झड़ चुकी थीं।। उनकी चूत का पानी मेरे मूँह में था।

इसे भी पढ़ें   मेरे पति ने मुझे हिंदू लंड की रंडी बना दिया

मैंने उनकी कमर के नीचे एक तकिया रखा। मेरा लंड फिर से सख़्त था। मैंने लंड को उनकी चूत पर रगड़ा। वो सिसक रही थीं, “डाल दे, प्रतीक… अब और मत तड़पाओ…” मैंने एक धक्का मारा, और मेरा लंड उनकी चूत में समा गया। वो दर्द से चीखीं, “आँय्यी… हाय… धीरे… मेरी चूत फट जाएगी…” मैं रुक गया। उनके स्तनों को चूसने लगा।

जब वो थोड़ा शांत हुईं, मैंने फिर धक्के देने शुरू किए। “पट-पट-पट…” उनकी चूत गीली थी, और अब मज़ा लंड आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था। वो चिल्ला रही थीं, “आआह्ह… चोद मुझे, प्रतीक… ज़ोर से चोद… उम्म्म…” 35 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद वो अपनी गांँड उठाकर मेरा साथ देने लगी।। वो चीखीं, “आआह्ह… मैं झड़ने वाली हूँ… और ज़ोर से…” वो झड़ गईं।।

मैंने पूछा, “जान, मेरा पानी कहाँ निकालूँ?” वो बोलीं, “अंदर ही छोड़ दे, मेरी जान… आज तेरा पानी मेरी चूत में चाहिए…” मैं और ज़ोर से धक्के देने लगा। 7-8 धक्कों में मैं उनकी चूत में झड़ गया। मैं उनके ऊपर ही लेट गया। 10 मिनट बाद हम नॉर्मल हुए। हमने फिर एक गहरा चुम्बन लिया और एक-दूसरे को बाहों में भर लिया।

आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

दोस्तों, ये कहानी कैसी लगी? आपकी राय कमेंट्स में ज़रूर बताएँ। क्या आपने कभी ऐसी चुदाई का मज़ा लिया है?

Terms related to this sex story: aunt sex story, family taboo, hot aunt, steamy sex, explicit story, बुआ की चुदाई, रिश्तों में सेक्स, हॉट बुआ

Related Posts

Report this post

2 thoughts on “बुआ, मैं झड़ने वाला हूँ…”

Leave a Comment