नाईट क्लब में चुदाई का मौसम बना

दोस्तों, मेरा नाम आदर्श है। मैं 25 साल का हूँ, 6 फुट लंबा, गोरा, और रोज़ जिम जाता हूँ, जिससे मेरी बॉडी टोन्ड है, सिक्स-पैक एब्स और चौड़े कंधे। मेरा लंड 7 इंच लंबा, मोटा और गोरा है। मेरे दोस्त अभ्युदय, 26 साल का, मुझसे थोड़ा छोटा, 5 फुट 10 इंच, मज़बूत कद-काठी, और निखिल, 24 साल का, पतला लेकिन चुस्त, 5 फुट 9 इंच, दोनों ही मस्तीखोर और चुदाई के शौकीन। कई दिनों से वो मुझे बता रहे थे कि मुंबई के कुछ नाईट क्लब्स में रात 12 बजे के बाद धमाकेदार रेव पार्टियाँ होती हैं। वहाँ हॉट, जवान लड़कियाँ आती हैं, नशा करती हैं, डांस फ्लोर पर मस्ती करती हैं, और खुद ही कहती हैं, “मुझे चोदो!” बस, यही बात दिमाग में थी जब मैं, अभ्युदय और निखिल उस नाईट क्लब की तलाश में निकले।

काफी खोजबीन के बाद हम उस क्लब में पहुँचे, जो अपने हैप्पी आवर ड्रिंक्स और कॉकटेल के लिए मशहूर था। ये जगह शाम 8 बजे के बाद हैप्पी आवर के लिए जानी जाती थी, जहाँ सस्ती ड्रिंक्स मिलती थीं। जैसे ही हम अंदर दाखिल हुए, माहौल ने हमें चौंका दिया। क्लब बिल्कुल जन्नत जैसा था। डिम लाइटिंग, कोज़ी वाइब्स, और छत पर आर्टिफिशियल बादल जो माहौल को सपनीला बना रहे थे। सोफे नरम, नए और मॉडर्न डिज़ाइन के थे। दीवारों पर पानी के झरने बने थे, जो माहौल को और रसीला बना रहे थे। खाने का मेन्यू भी कमाल था—जापानी, थाई, मुगलई, चाइनीज़, सब कुछ उपलब्ध। ड्रिंक्स का तो कहना ही क्या, एक से एक लाजवाब कॉकटेल।

हम तीनों का मकसद साफ था—किसी चिक की चूत मारना। फिर भी, पहले आधा घंटा तो हम बस क्लब की खूबसूरती निहारते रहे। वेट्रेस लड़कियाँ, सभी 20-22 साल की, जवान, गोरी, और हँसमुख। उनकी टाइट यूनिफॉर्म में उनके मम्मे और हिप्स उभरे हुए थे, जो 34D और 36 इंच के आसपास लग रहे थे। वो हँसते हुए ऑर्डर ले रही थीं, इतनी फ्रेंडली कि मन कर रहा था उनकी कलाई पकड़कर खींच लूँ, गोद में बिठाकर उनके मम्मे दबा दूँ। पर मैंने खुद को रोका, सोचा, “थोड़ा इंतज़ार कर ले, आदर्श, माल तो मिलेगा ही।” हमने थाई खाना और कॉकटेल ऑर्डर किए। स्पाइसी थाई फूड के साथ वो व्हिस्की-बेस्ड कॉकटेल पीकर मज़ा आ गया।

कुछ देर बाद एक ग्रुप में तीन कॉलेज लड़कियाँ आईं। मनीषा, 21 साल की, गोरी, 5 फुट 5 इंच, 34C के मम्मे, पतली कमर, और 36 इंच के हिप्स, टाइट ब्लैक मिनी ड्रेस में, जो उसकी जाँघों तक थी। दूसरी थी शालिनी, 22 साल की, थोड़ी साँवली, 5 फुट 4 इंच, 34D मम्मे और 38 इंच के भारी हिप्स, रेड टॉप और स्कर्ट में। तीसरी थी प्रिया, 20 साल की, गोरी, 5 फुट 6 इंच, 32B मम्मे, पतली लेकिन कसी हुई बॉडी, जीन्स और क्रॉप टॉप में। तीनों मस्ती के मूड में थीं, हँस रही थीं, और ड्रिंक्स ऑर्डर कर रही थीं। धीरे-धीरे हमारी उनसे बात शुरू हुई। अभ्युदय ने शालिनी को छेड़ना शुरू किया, निखिल ने प्रिया को, और मैंने मनीषा को लाइन मारना शुरू किया। उनकी हरकतों से लग रहा था कि वो भी चुदने के मूड में थीं।

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मुझे आइडिया आया कि डांस फ्लोर पर ले जाकर इनका मूड और गर्म करना चाहिए। मैंने अभ्युदय से कहा, “यार, यहाँ बैठकर क्या मज़ा? चल, लड़कियों को डिस्को में ले चलते हैं। कमर और गले में हाथ डालकर नाचेंगे, तो जल्दी पट जाएँगी।” हमने लड़कियों को मनाया, और वो तैयार हो गईं। डिस्को में घुसते ही हमारे होश उड़ गए। अंदर रैप म्यूज़िक तेज़ी से बज रहा था, विदेशी गाने की धुनें गूँज रही थीं। आधी से ज़्यादा लड़कियाँ बिकिनी में थीं, कुछ तो सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में। उनके 34D-36D के मम्मे और 36-38 इंच के हिप्स मादक अंदाज़ में हिल रहे थे। लड़के उनके चूतड़ों पर चपट मार रहे थे। हिप्स हिलाने की प्रतियोगिता चल रही थी। छोटी-छोटी बिकिनी में मम्मे साफ़ दिख रहे थे। मेरा 7 इंच का लंड तो पैंट में तन गया। अभ्युदय और निखिल भी उत्तेजित हो गए। “यार, ये तो चुदाई का अड्डा है!” निखिल बोला।

डिस्को में अँधेरा था, सिर्फ़ म्यूज़िक लाइट्स और डिस्को लाइट्स जल-बुझ रही थीं। चुदाई का माहौल बन रहा था। हम और आगे बढ़े तो एक मेज़ पर लोग सफ़ेद पाउडर (शायद कोकेन) सूँघ रहे थे। कुछ लोग नशीला हुक्का पी रहे थे। मैंने सोचा, “आज तो एक चूत तो मारकर ही जाऊँगा।” कोने में अँधेरे में खुल्लम-खुल्ला चुदाई चल रही थी। लड़के-लड़कियाँ दीवारों के सहारे, सोफों पर चुदाई में मस्त थे। मैंने मनीषा की कमर पकड़ी और डांस शुरू किया। उसकी मिनी ड्रेस ऊपर चढ़ रही थी, जिससे उसकी गोरी जाँघें और पैंटी की झलक दिख रही थी। “आदर्श, तू तो बड़ा मस्त डांसर है,” मनीषा ने हँसते हुए कहा। मैंने उसकी कमर और कूल्हों पर हाथ फेरा, वो और करीब आई।

अभ्युदय और निखिल भी अपनी-अपनी लड़कियों के साथ डांस करने लगे। मनीषा कुछ ज़्यादा मॉडर्न थी। वो नशे में धीरे-धीरे अपनी ड्रेस ऊपर खींचने लगी। उसकी देखादेखी शालिनी और प्रिया ने भी अपने टॉप और स्कर्ट उतारने शुरू किए। भीड़ सीटियाँ बजाने लगी। “हटा सावन की घटा!” किसी ने चिल्लाया। मैंने अपनी शर्ट उतारी, मेरे सिक्स-पैक चमक रहे थे। अभ्युदय ने अपनी टी-शर्ट और निखिल ने अपनी जैकेट उतार दी। तभी एक अनजान लड़का आया, शायद मनीषा को चोदना चाहता था। उसने अपनी शर्ट उतारी और मनीषा के पास डांस करने की कोशिश की। “ये क्या, भाई?” मैंने उसे धक्का देकर हटाया और मनीषा को अपनी बाँहों में खींच लिया। “ये मेरा माल है,” मैंने मन में सोचा।

हनी सिंह का गाना बजा—“ब्लू आइज़, हिप्नोटाइज़!” भीड़ ने लड़कियों से पूरी तरह नंगी होने को कहा। नशा चढ़ा हुआ था, मनीषा, शालिनी और प्रिया ने अपनी स्कर्ट और पैंटी उतार दी। मनीषा की गुलाबी पैंटी फर्श पर गिरी, और उसके 34C मम्मे ब्रा में उभरे हुए थे। भीड़ चिल्लाई, “फक बेबी फक! फक योर पुसी!” मैंने मनीषा को कमर से पकड़ा, कहीं कोई और उसे न ले जाए। वो नशे में थी, आधे होश में। अगर कोई और उसे चोद देता, तो उसे पता भी न चलता। मैंने सोचा, “सुबह ये यही सोचेगी कि आदर्श ने चोदा।” मैंने अपनी जीन्स उतारी, सिर्फ़ अंडरवियर में था, मेरा 7 इंच का लंड साफ़ दिख रहा था।

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अभ्युदय और निखिल ने अपनी लड़कियों को दीवार के पास ले जाकर उनकी चूत में उँगली शुरू की। “आआह्ह… उह्ह…” शालिनी और प्रिया की सिसकारियाँ सुनाई दीं। मैंने मनीषा को दीवार के पास ले जाकर उसकी ब्रा खोली। उसके 34C मम्मे आज़ाद हो गए, गुलाबी निप्पल सख्त थे। मैंने उसकी चूत में उँगली डाली, जो पहले से गीली थी। “आआह्ह… आदर्श… और कर…” मनीषा सिसकारी। डिस्को का अँधेरा और लाइट्स चुदाई का माहौल बना रहे थे। मनीषा की चूत साफ़ थी, बिल्कुल चिकनी। मैंने दो उँगलियाँ डालीं, वो और सिसकारी, “उह्ह… हाँ… और ज़ोर से…” भीड़ में कुछ लड़कियाँ हमारा वीडियो बनाने लगीं।

मैंने सोचा, “मशहूर होने का मौका है!” मैंने उन लड़कियों को अपना मोबाइल नंबर भी चिल्लाकर बता दिया। मनीषा को दीवार पर झुकाया, उसके 36 इंच के चूतड़ मेरे सामने थे। मैंने उसके चूतड़ों पर मुँह लगाया, उनकी चिकनाई चाटी। “आआह्ह… आदर्श… ये क्या कर रहा है…” मनीषा सिसकारी। मैंने उसकी गाँड के बीच में जीभ डाली, वो तेज़-तेज़ हिलने लगी। उसके चूतड़ों में लहरें उठ रही थीं। मैंने उसकी चूत में उँगली तेज़ की, “पिच्छ… पिच्छ…” उसका पानी निकला, सफ़ेद, खीर जैसा। मैंने मुँह लगाकर चाटा। “मनीषा, तेरी चूत का रस तो मस्त है!” मैंने कहा। वो नशे में थी, बस सिसकार रही थी।

भीड़ चिल्लाई, “लंड चुसवा!” मैं पीछे खड़ा हुआ, मनीषा घुटनों पर बैठी। उसने मेरा अंडरवियर उतारा, मेरा 7 इंच का लंड बाहर आया। “आआह्ह… कितना मोटा है…” मनीषा बोली। उसने मेरे लंड को फेंटना शुरू किया, फिर मुँह में लिया। “चूस, मनीषा, और ज़ोर से चूस!” मैंने कहा। “उम्म… उम्म…” वो चूस रही थी, उसका मुँह गीला हो गया। मैंने उसके बाल पकड़े, “हाँ, ऐसे ही, मेरा लंड ले!” अभ्युदय और निखिल भी अपनी लड़कियों से लंड चुसवा रहे थे। “आआह्ह… शालिनी, तू तो कमाल चूसती है!” अभ्युदय बोला। “प्रिया, और गहरा ले!” निखिल चिल्लाया। लोग सीटियाँ बजा रहे थे।

अब चुदाई की बारी थी। मैंने मनीषा को गोद में उठाया, वो पूरी नंगी थी। मैं उसे अँधेरे कोने में ले गया, जहाँ सब चुदाई में मस्त थे। लोग मोबाइल टॉर्च से रास्ता दिखा रहे थे। अभ्युदय और निखिल भी अपनी लड़कियों को लेकर आए। मैंने मनीषा को सोफे पर लिटाया। लोग टॉर्च से उसकी चूत दिखा रहे थे, गुलाबी और गीली। “आदर्श, चोद दे इसे!” किसी ने चिल्लाया। मैंने मनीषा की टाँगें फैलाईं, उसकी चूत पर लंड रगड़ा। “आआह्ह… धीरे… आदर्श…” मनीषा बोली। मैंने धीरे से लंड डाला, “खच… खच…” चुदाई शुरू हुई। मनीषा सिसकारी, “उह्ह… हाँ… और अंदर…” मैंने स्पीड बढ़ाई, “पच… पच…” उसकी चूत गीली थी, मेरा लंड आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था।

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मैंने उसकी एक टाँग कंधे पर रखी, उसकी क्लाइटोरिस को उँगली से रगड़ा। “आआह्ह… आदर्श… और ज़ोर से… चोद मुझे!” मनीषा चिल्लाई। मैं धकाधक पेल रहा था, “ले मनीषा, मेरा लंड ले!” भीड़ तालियाँ और सीटियाँ बजा रही थी। “खचाखच… पचपच…” चुदाई की आवाज़ें गूँज रही थीं। मनीषा के 34C मम्मे उछल रहे थे, मैंने एक मम्मा पकड़कर दबाया, “तेरे दूध तो मस्त हैं!” वो सिसकारी, “उह्ह… दबा… और ज़ोर से…” मैंने और तेज़ पेला, उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। “पिच्छ… पिच्छ…” उसका माल मेरे लंड पर गिरा।

मैंने उसे घुमाया, कुतिया बनाया। “फक द बिच!” भीड़ चिल्लाई। मनीषा के 36 इंच के चूतड़ मेरे सामने थे। मैंने उसकी गाँड चाटी, “आआह्ह… आदर्श… ये क्या…” वो सिसकारी। मैंने उसकी गाँड पर लंड रखा, “मनीषा, तेरी गाँड मारूँ?” मैंने पूछा। “हाँ… मार… पर धीरे…” वो बोली। मैंने धीरे से लंड डाला, “हच…” मनीषा चिल्लाई, “आआह्ह… मम्मी… दर्द हो रहा है!” पर नशे में उसे ज़्यादा फर्क नहीं पड़ा। मैंने धीरे-धीरे उसकी गाँड मारी, “पच… पच…” उसकी गाँड टाइट थी, मेरा 7 इंच का लंड पूरा अंदर गया। “आआह्ह… आदर्श… और गहरा…” मनीषा बोली। मैंने स्पीड बढ़ाई, “ले, तेरी गाँड का मज़ा!”

करीब 45 मिनट तक मैंने उसकी गाँड मारी। फिर उसे घुमाया, वो मेरे सामने घुटनों पर बैठी। “मुँह खोल, मनीषा!” मैंने कहा। उसने मुँह खोला, मैंने अपनी धार छोड़ दी। “उम्म… ग्लप…” उसने मेरा माल निगला। लोग तालियाँ बजाने लगे। फिर मैंने उसे फिर से सोफे पर लिटाया, उसकी चूत में लंड डाला। “खचाखच… पचपच…” मैंने आधा घंटा और चोदा। “आआह्ह… आदर्श… मैं गई…!” मनीषा झड़ गई। मैंने भी उसकी चूत में धार छोड़ दी।

अगले दिन उन लड़कियों ने मेरा वीडियो व्हाट्सएप पर वायरल कर दिया। मेरा फोन नंबर भी फैल गया। अगले कुछ दिनों में मैंने उसी क्लब में 6 और लड़कियाँ चोदीं।

दोस्तों, आपको ये नाईट क्लब की चुदाई की कहानी कैसी लगी? नीचे कमेंट में ज़रूर बताएँ!

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