घर खाली होते ही देवर ने भाभी की चूत फाड़ी

Devar Bhabhi Sex Story – Bhabhi ki lambi chudai sex story: हैलो दोस्तों, मैं नेहा हूं, मेरी शादी को अभी 5 साल हो चुके हैं, मेरी एक डेढ़ साल की प्यारी बच्ची भी है, हमारा पूरा परिवार एक साथ रहता है, जिसमें सास-ससुर, मेरे देवर, उनकी पत्नी यानी मेरी देवरानी, मैं और मेरे पति शामिल हैं, मेरे देवर एक बड़ी कंपनी में मैनेजर हैं, उनकी पत्नी मुंबई की है, दोनों ही स्वभाव से बेहद प्यारे और मिलनसार हैं, देवरानी दिखने में तो बहुत ही सुंदर है, गोरी चिट्टी, स्लिम बॉडी, लेकिन देवर का तो क्या कहना, वो हर रोज सुबह ठीक 5 बजे उठकर मैदान पर एक्सरसाइज करने जाता है, चाहे बारिश हो, ठंड हो या गर्मी, उसका शरीर हट्टा-कट्टा है, मसल्स बिल्कुल परफेक्ट, लेकिन उसका स्वभाव थोड़ा गर्म है, इसी वजह से घर में सब उससे थोड़ा डरते भी हैं, मेरे पति एक बिजनेसमैन हैं, उनकी शॉप पर दिनभर कम से कम 12 घंटे खड़े रहकर काम करना पड़ता है, पहले साल हमारी सेक्स लाइफ बहुत शानदार थी, रात में हो या दिन में, जब मन किया तब हम सेक्स का पूरा मजा लेते थे, क्योंकि हमारे रूम अलग-अलग हैं, लेकिन जैसे ही बच्ची हुई, पति का व्यवहार बदल गया, मुझे लगा वो मुझसे नाराज हो गए हैं, और हमारी सेक्स लाइफ बिल्कुल बोरिंग होकर रह गई थी।

हमारे घर में एक अजीब सी आदत है, जो भी सेक्स का मजा लेता है, उसे अगले दिन सिर के ऊपर से नहाना पड़ता है, मैं तो हफ्ते में मुश्किल से 2 बार ही सेक्स कर पाती थी, क्योंकि पति थककर आते थे और जल्दी सो जाते थे, लेकिन मैं रोज देखती थी कि मेरी देवरानी हर रोज सिर के ऊपर से नहाती है, मतलब देवर और वो रोजाना सेक्स करते थे, ये बात मेरे दिमाग में घर कर गई थी, फिर एक दिन घर में कोई नहीं था, सिर्फ मैं और देवरानी थीं, बाकी सब बाहर गए हुए थे, देवर ऑफिस और पति शॉप पर थे, दोपहर में खाना खाकर हम दोनों टीवी पर हिंदी मूवी देख रहे थे, अचानक स्क्रीन पर एक गर्म सेक्सी सीन आ गया, हीरो हीरोइन को प्यार से चूम रहा था, होंठों पर होंठ रखे हुए थे, मैंने देवरानी की तरफ देखा तो वो शर्मा कर लाल हो गई, मैंने हंसते हुए कहा अरे इसमें शरमाने की क्या बात है, क्या देवर तुम्हें चुंबन नहीं लेता, वो बोली अरे दीदी ये तो कुछ भी नहीं, वो तो मुझे ऐसे किस करता है कि पूछो मत, अब मेरी उत्सुकता और बढ़ गई थी, दिल में कुछ कुछ होने लगा था।

मैं उठी और बाथरूम के बहाने बाहर जाकर चुपके से देख आई कि घर में सच में कोई नहीं है, फिर वापस आकर देवरानी के बगल में बैठ गई, अब मेरा एक हाथ उसके पेट पर था, मैंने धीरे से पूछा बताओ ना तुम दोनों सेक्स कैसे करते हो, पहले तो वो बहुत शर्मा रही थी, लेकिन मूवी का वो सीन देखकर वो भी गर्म हो चुकी थी, खुलकर बताने लगी कि जैसे ही रूम में जाते हैं, देवर बड़े प्यार से मुझे अपनी मजबूत बाहों में भर लेता है, फिर हम सोफे पर बैठते हैं, वो मेरे बालों से क्लिप निकालता है, बालों को खोल देता है और उनमें उंगलियां डालकर धीरे-धीरे किस करना शुरू कर देता है, पहले होंठों पर हल्के-हल्के चुंबन, फिर धीरे से जीभ मेरे मुंह में डालता है, मैं भी अपनी जीभ उसकी जीभ से लड़ाती हूं, गी गी गों, चुंबन इतना गहरा होता है कि सांसें फूल जाती हैं, आह्ह ह्ह्ह इह्ह, अब देवरानी की सांसें तेज हो रही थीं, उसकी पेंटी गीली हो चुकी थी, मैंने उसके पेट पर हाथ फेरना शुरू कर दिया, उंगलियां नाभि के आसपास घुमा रही थी।

वो और खुल गई, बोली कि चुंबन के बाद वो मेरे बूब्स को सहलाता है, एक-एक करके मुंह में लेता है, निप्पल्स को जीभ से चाटता है, दोनों बूब्स को मुंह में भर लेता है, गों गोग ग्ग्ग्ग, फिर मैंने उसके बूब्स पर हाथ रख दिया, वो चौंक गई, बोली दीदी ये क्या कर रही हो, मैं बोली बस साइज चेक कर रही हूं, उसकी साइज 32 थी, बहुत स्लिम बॉडी, फिर वो बोली कि उसके बाद देवर धीरे-धीरे मेरे पूरे बदन पर किस करता है, गर्दन से शुरू करके पेट, जांघें और आखिर में पेंटी के ऊपर से किस करते हुए जीभ मेरी चूत के अंदर डालकर चूसना शुरू कर देता है, ग्ग्ग्ग गी गी गों गोग, उसकी जीभ इतनी फुर्तीली है कि मैं पागल हो जाती हूं, अब ये सुनकर मेरा पूरा बदन जल उठा था, चूत में खुजली सी होने लगी थी, मैंने उसका हाथ अपने बूब्स पर रख दिया, बोली मेरी साइज चेक करो, उसने हाथ फेरना शुरू किया, मेरे बूब्स काफी बड़े थे, 36 साइज।

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वो बोली कि देवर को बड़े-बड़े बूब्स बहुत पसंद हैं, अब मैं मन ही मन देवर का लंड सोचने लगी थी, फिर उसने बताया कि उसका सेक्स कम से कम 40 मिनट तक चलता है, हर पोजिशन में चुदाई करता है, डॉगी, मिशनरी, वुमन ऑन टॉप सब ट्राई करता है, लेकिन मैं ठीक से रेस्पॉंस नहीं दे पाती क्योंकि मैं बहुत पतली हूं और देवर हट्टा-कट्टा है, उसका लंड बहुत मोटा और 7 इंच लंबा है, अब मैं हैरान थी कि 40 मिनट तक चुदाई, मेरे पति तो 8-10 मिनट में ही झड़ जाते हैं, फिर मैंने उसके बूब्स सहलाने शुरू कर दिए, धीरे-धीरे हाथ नीचे उसकी चूत की तरफ ले गई, उसकी चूत एकदम गोरी, गुलाबी और बिल्कुल साफ थी, कोई बाल नहीं, वो बोली देवर को साफ चूत बहुत पसंद है, चाटने में मजा आता है, उसकी जीभ हर कोने को चाटती है, अब मैंने मन में ठान लिया था कि जिंदगी में एक बार मौका मिले तो देवर से जरूर चुदवाऊंगी।

फिर देवरानी ने बताया कि उसका लंड सच में 7 इंच का है, मोटा और सख्त, मेरे पति का तो सिर्फ 5 इंच का है, ये सुनकर मैंने पक्का इरादा कर लिया कि अब तो देवर से चुदवाना ही है, देवरानी बोली दीदी क्या सोच रही हो, उससे चुदवाना चाहती हो क्या, मैं शर्मा गई और ना कह दिया, फिर हम दोनों उठ गए, वो नहाने चली गई क्योंकि हम दोनों का पानी निकल चुका था, लेकिन मैं बेड पर लेटकर देवर के बारे में सोचते हुए अपनी चूत सहलाने लगी, उंगलियां अंदर-बाहर कर रही थी, आह इह्ह ओह्ह, मन ही मन अपना बदन देवर को सौंप चुकी थी, क्योंकि पति का लंड छोटा था, सेक्स में रुचि कम हो गई थी, टाइमिंग भी कम थी, अब मैं बस मौके की तलाश में थी और वो मौका जल्द ही आने वाला था।

अब रविवार को मेरी सास के भाई के लड़के की शादी थी, गांव में, शनिवार को हम सब प्लानिंग कर रहे थे कि गाड़ियां कम हैं, कैसे जाएंगे, देवर बोला मैं तो नहीं आ सकता, मुझे छुट्टी नहीं मिली, लेकिन मैं एक गाड़ी एडजस्ट कर देता हूं, और उसने प्रॉब्लम सॉल्व कर दिया, खाना खाने के बाद सब सोने चले गए, लेकिन मुझे नींद कहां आ रही थी, देवर शादी पर नहीं जा रहा था, मतलब वो घर पर अकेला रहने वाला था, ये सोचते ही मेरी चूत में फिर से गर्मी दौड़ गई, पति पास में थे, बोले नेहा क्या सोच रही हो, मैं बोली कुछ नहीं, वो मुझे चूमने लगे, मैं भी गर्म थी तो उस रात चुदवाने में मजा आने लगा, लेकिन वो 5-10 मिनट में ही झड़ गए, मेरी चूत की प्यास और बढ़ गई, सेक्स के बाद पति बोले सो जाओ कल जल्दी उठना है और सो गए, लेकिन मैं प्यासी लेटी थी, नींद नहीं आ रही थी।

मैं सोच ही रही थी कि तभी दीवार के उस पार से कुछ आवाजें आने लगीं, मन में शंका हुई कि कहीं देवरानी की तो नहीं, पति गहरी नींद में थे, मैं नंगी ही उठी, दीवार से कान लगाकर ध्यान से सुनने लगी, देवरानी सेक्स का पूरा मजा ले रही थी, उसके मुंह से आआ उूउउ बसस्स जोर से ऐसी चीखें आ रही थीं, आह ह ह ह ह्हीईई आअह्ह्ह्ह, दीवान की चरमराहट साफ सुनाई दे रही थी, देवरानी बोली थोड़ा धीरे करो ना, बहुत जोर से कर रहा है, देवर बोला अरे सेक्स का असली मजा तो जोरदार ठोकाई में ही है, धीरे-धीरे क्या बोल रही हो, वो बोली कितना टाइम हो गया चुदाई को, देवर बोला अभी तो 35 मिनट हुए हैं, और बहुत चुदाई बाकी है, तब देवरानी बोली मेरा आने वाला है और आआमम्म्मा आह करने लगी, शायद वो झड़ गई, लेकिन देवर रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था, टकाटक टकाटक की आवाजें आ रही थीं।

10-15 मिनट बाद देवर ने स्पीड और बढ़ा दी, जोर-जोर से ठोकने लगा, देवरानी की चीखें और तेज हो गईं, आह्ह ह्ह आऊ ऊऊ ऊउइ ऊई उईईई, मैं सब सुनकर हैरान और पूरी तरह गर्म हो चुकी थी, एक तरफ मेरा पति 5-10 मिनट में सो गया, दूसरी तरफ देवर 40 मिनट से ज्यादा चुदाई कर रहा था, तभी देवरानी बोल रही थी बस करो बस करो, देवर गुस्सा हो गया, शरीर से उठा और बाथरूम में चला गया, मैं चुपके से बाथरूम के दरवाजे से झांकने लगी, दरवाजा थोड़ा खुला था, देवर अपना 7 इंच का मोटा लंड हाथ में पकड़कर हिला रहा था, मुंह से बोल रहा था काश मुझे चुदाई के लिए कोई दूसरी मिल जाए, देवरानी ने तो मूड खराब कर दिया, वो अभी भी प्यासा था, फिर जोर-जोर से मुठ्ठ मारते हुए उसका वीर्य जमीन पर गिर गया।

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मैं चुपके से वापस बेड पर आ गई, मन में विचार आया कि क्यों न मैं ही घर पर रुक जाऊं, अब मैंने अपनी प्यास बुझाने का पूरा प्लान बना लिया था, सुबह होते ही पति बोले नेहा जल्दी तैयार हो जाओ, जल्दी निकलना है, लेकिन मेरा बिल्कुल मूड नहीं था, मैं बहाना ढूंढने लगी, बाथरूम में नहाते समय सोच रही थी कि क्या करूं, तभी साबुन हाथ से फिसल गया, मुझे आइडिया आया, मैंने साबुन दरवाजे के बाहर रखा और जानबूझकर उस पर पैर रखकर फिसल गई, जोर से गिर पड़ी और रोने लगी, पति दौड़कर आए, मुझे उठाकर बोले क्या हुआ, मैंने कहा गिर गई हूं, पैर से उठा नहीं जा रहा, उन्होंने मुझे बेड पर लिटाया, बोले ज्यादा लगी क्या, मैं रोते हुए बोली हां, वो बोले ठीक है मैं शादी में नहीं जाता, तुम्हारे बिना मजा नहीं आएगा, लेकिन मैंने कहा नहीं आपको तो जाना पड़ेगा, सब जा रहे हैं, ये गांव की आखिरी शादी है।

पति बोले ठीक है अपना ख्याल रखना और सब घर से निकल पड़े, सिर्फ मैं और देवर घर पर रह गए, जैसे ही सब चले गए, देवर रोज की तरह क्रिकेट खेलने जाने लगा, मैंने पैर पकड़कर चिल्लाया आह्ह मेरा पैर बहुत दर्द कर रहा है, वो रुक गया, मैंने कहा पैर में दर्द है, वो बोला चलो डॉक्टर के पास चलते हैं, मैंने कहा इतनी सुबह डॉक्टर कहां मिलेगा, वो परेशान हो गया, फिर बोला मैं तो स्पोर्ट्स प्लेयर हूं, क्या मैं मालिश कर दूं, मैंने तुरंत हां कह दिया, ये मौका मैं गंवाना नहीं चाहती थी, फिर उसने नारियल का तेल गर्म करने के लिए गैस जलाई, मेरे पास आया और बोला कहां दर्द हो रहा है, मैं शर्मा गई, वो बोला अरे इसमें शरमाने की क्या बात, जगह नहीं बताओगी तो मालिश कहां करूं, मैंने कहा घुटने के ऊपर और कमर में भी मोच आई है।

वो किचन से गर्म तेल लेकर आया, घर में कोई नहीं था इसलिए वो भी टेंशन में था, मैंने कहा क्या बात है, वो बोला भाभी तुम्हें कैसे मालिश करूं, तुम मेरे भाई की बीवी हो, पराई औरत को तो हाथ भी नहीं लगाता, मैंने झट से कहा रहने दो, मेरी जान चली जाए तो तुझे क्या, दर्द मुझे हो रहा है होने दो, डॉक्टर नहीं जाऊंगी, तू खेलने जा सकता है, वो बोला नहीं भाभी ऐसा नहीं है, बस सोच रहा था अगर किसी ने देख लिया तो, मैंने कहा घर में कोई नहीं है, डरने की क्या बात, मेरे कहने से वो तैयार हो गया, मालिश शुरू कर दी, जैसे ही उसके हाथ मेरी टांगों पर लगे, मेरा बदन सिहर उठा, गर्मी दौड़ गई, उसके हाथ मजबूत थे, स्पर्श हार्ड लेकिन मजेदार, मैंने जानबूझकर पेंटी और ब्रा नहीं पहनी थी, वो पैरों तक मालिश कर रहा था, मैंने कहा घुटने के ऊपर मोच है, वो शर्माकर बोला कोई देख लेगा, मैंने कहा दरवाजा बंद कर दो, फिर मालिश करो, उसने दरवाजा लॉक किया, तेल लिया और मेरा गाउन धीरे से घुटने ऊपर उठाया।

गाउन उठाते ही वो हक्का-बक्का रह गया, शायद मेरी नंगी चूत साफ दिख गई होगी, अब वो पूरी तन्मयता से मालिश करने लगा, मेरी नजर उसके टावल पर पड़ी, उसका लंड टावल फाड़कर बाहर आने को बेताब था, फड़फड़ा रहा था, मैंने जानबूझकर दोनों जांघें थोड़ी फैला दीं, अब मेरी चूत पूरी तरह उसके सामने थी, वो और गर्म हो गया, मालिश अब सेक्सी हो गई थी, मैंने सोने का नाटक शुरू कर दिया, उसने धीरे-धीरे जांघों से ऊपर हाथ फेरना शुरू किया, चूत तक पहुंच गया, मेरा पानी बहने लगा था, आह इह्ह ओह्ह, शायद उसे गंध आ गई, फिर उसने चूत को टच किया, उंगलियां फिसलने लगीं, थोड़ी देर में एक उंगली चूत के अंदर, दीवारों से टकराने लगी, मैं ठंडी सांसें लेने लगी, आह ह ह ह ह्हीईई।

देवर ने मुझे जगाने की कोशिश की, भाभी उठो, लेकिन मैं नाटक कर रही थी, उसे पता चल गया कि मैं भी मजा ले रही हूं, अब वो डायरेक्ट फिंगरिंग करने लगा, दो उंगलियां अंदर-बाहर, आह्ह ह्ह्ह इह्ह, मैं फिर से झड़ गई, सारा पानी उसके हाथ पर, उसने पूरा चाट लिया, ग्ग्ग्ग गी गी, तभी अचानक वो गाउन के अंदर घुस गया, मेरी चूत पर मुंह रखकर चाटने लगा, जीभ अंदर तक, ग्ग्ग्ग गी गी गों गोग, मैं खुशी से पागल हो गई, मैंने गाउन उसके सिर से हटा दिया और उठ बैठी, वो घबराकर बाजू में हट गया, सॉरी सॉरी बोलने लगा, मैंने मुस्कुराते हुए पूछा क्या मेरी चूत पसंद आई, देवरानी से बेहतर है ना, वो पास आया, मुझे किस करते हुए बोला भाभी तेरी चूत तो स्वर्ग है, इतनी सुंदर, गुलाबी और रसीली चूत मैंने कभी नहीं देखी, मैं बोली चाटना है तो देर क्यों कर रहा है, अब उसका मूड पूरी तरह बन चुका था।

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उसने मेरा गाउन उतार फेंका, मेरे बड़े-बड़े बूब्स मुंह में लेकर चूसने लगा, निप्पल्स को दांतों से काट रहा था, गों गोग ग्ग्ग्ग, मैं पागल हो गई, मैंने भी उसे जोर-जोर से किस करना शुरू कर दिया, उसके सिर पर सेक्स का भूत सवार था, हम दोनों पूरी तरह प्यासे थे, बूब्स चूसते-चूसते वो फिर चूत की तरफ बढ़ा, जीभ से चाटने लगा, मैंने उसका 7 इंच का मोटा लंड पकड़ लिया, बोली मुझे भी इसका टेस्ट चाहिए, हम 69 की पोजिशन में आ गए, मैंने उसका लंड मुंह में लिया, ग्ग्ग्ग गी गी गों गोग, वो मेरी चूत चाट रहा था, मैं तीसरी बार झड़ गई, पति के साथ मुश्किल से एक बार झड़ती थी, लेकिन देवर के साथ चुदाई से पहले ही तीसरी बार, फिर हम उठकर खड़े हो गए, वो मुझे गहराई से किस कर रहा था, उसका किस करने का स्टाइल कमाल का था, जीभ और होंठों का परफेक्ट इस्तेमाल।

फिर उसने मुझे गोद में उठा लिया, मैं उसके लंड पर बैठी हुई थी, बाथरूम की तरफ ले जाने लगा, मैंने कहा इधर ही चोद ना, वो बोला धीरज रखो भाभी, अभी तो शुरुआत है, बाथरूम में शॉवर ऑन कर दिया, मैंने पूछा क्या करने का प्लान है, वो बोला पहली बार देवरानी को इसी शॉवर के नीचे चोदा था, मैंने पूछा उस दिन देवरानी क्यों चिल्ला रही थी, वो चौंक गया, तुमने सुन लिया, मैंने सारी कहानी बता दी, कैसे मैं प्यासी थी, कैसे प्लान बनाया, कैसे हम यहां तक पहुंचे, वो खुश होकर मुझे और जोर से चूमने लगा, शॉवर के नीचे मुझे झुककर खड़े होने को कहा, मैं डॉगी स्टाइल में झुक गई, उसने अपना मोटा लंड मेरी चूत पर रखा, मैं डर गई कि फट न जाए, लेकिन धीरे-धीरे अंदर किया, आह्ह ह्ह्ह इह्ह, पूरा 7 इंच अंदर चला गया, फिर स्पीड बढ़ने लगी।

मैं सातवें आसमान पर थी, उसका साथ दे रही थी, लेकिन अचानक उसने बहुत जोर से ठोकना शुरू कर दिया, मैं हैरान थी, जिंदगी में ऐसा चोदने वाला कभी नहीं देखा, मैंने कहा धीरे-धीरे, लेकिन वो सुनने के मूड में नहीं था, मैंने उकसाया और जोर से, और जोर से, मेरी आवाजें निकलने लगीं आह धीरे हाईईई, उसका लंड मेरी चूत को जोर-जोर से मार रहा था, फिर मुझे शॉवर के नीचे लेटा दिया, खुद ऊपर चढ़ गया, मेरी दोनों टांगें अपने कंधों पर रखीं, फिर से लंड अंदर, डालते ही पानी निकलने लगा, लेकिन पूरा घुसा दिया, टांगें पकड़कर जोरदार ठोकाई शुरू, आह ह ह ह ह्हीईई आअह्ह्ह्ह, मेरी पूरी प्यास बुझ चुकी थी, लेकिन मेरा देवर अभी भी प्यासा था, मैंने नीचे से कमर उछालकर रेस्पॉंस देना शुरू कर दिया, वो बोला भाभी क्या तुम मुझे चोदना चाहती हो, मैंने हां कहा।

हम बेडरूम की तरफ आए, लेकिन उसने मुझे चलने नहीं दिया, मुझे अपने लंड पर बैठाकर गोद में उठाए बेडरूम तक लाया, वो लेट गया, मैं उसके ऊपर, धीरे-धीरे लंड चूत में लेने लगी, पहले बहुत दर्द हुआ क्योंकि 40 मिनट तक कभी सेक्स नहीं किया था, लेकिन धीरे-धीरे मजा आने लगा, मैं सेक्स के स्वर्ग में थी, मैंने स्पीड बढ़ाई, देवर बोला क्या बात है भाभी, जोश चढ़ गया क्या, मैं बोली तेरा लंड इतना गर्म और मोटा है कि मैं पागल हो गई हूं, पता नहीं ताकत कहां से आ गई, वो नीचे से जोर-जोर से झटके देने लगा, आह्ह ह्ह आऊ ऊऊ ऊउइ, मुझे इतना मजा मजा आ रहा था कि बयां नहीं कर सकती, मैं फिर झड़ गई, उसी टाइम वो बोला भाभी मेरा भी आने वाला है, मैंने कहा अंदर ही डाल दे, बाहर मत छोड़ना, वो बोला ठीक है और स्पीड और बढ़ा दी।

स्पीड इतनी तेज थी कि मेरे बूब्स, कमर, पूरा बदन हिल रहा था, चूत में दर्द होने लगा, लेकिन देवर रुका नहीं, थोड़ी देर बाद मेरी चूत में गर्म-गर्म वीर्य की फुहार महसूस हुई, चूत पूरी तरह वीर्य से भर गई, बहुत सारा जांघों पर बह रहा था, देवर ने मेरी चूत की सारी प्यास बुझा दी थी, इस तरह उसने मुझे जिंदगी का सबसे शानदार सेक्सुअल आनंद दिया, अब जब भी मौका मिलता है हम सेक्स करते हैं, और उससे मुझे एक बेटा भी हो गया है, अब मैं पूरी तरह से देवर की हो चुकी हूं, मौका मिलते ही चुदाई कर लेते हैं और भरपूर इंजॉय करते हैं।

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