4 स्टूडेंट मुझे नहाते देखना चाहते

मेरा नाम अल्पना है। मैं 28 साल की हूँ, और मेरी शादी को छह साल हो चुके हैं। लेकिन अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ। मैं अपने पति के साथ कोटा में रहती हूँ। मेरे पति सरकारी नौकरी में हैं, सुबह जल्दी निकल जाते हैं और रात को आठ बजे तक लौटते हैं। मैं पढ़ी-लिखी हूँ, और अपने घर पर चार लड़कों को ट्यूशन पढ़ाती हूँ। ये चारों लड़के बालिग हैं, 18 साल से ऊपर, और मेरे घर पर पढ़ने आते हैं। ये कहानी है कि कैसे मेरी ट्यूशन क्लास धीरे-धीरे एक चुदाई की क्लास में बदल गई। अब तो पढ़ाई बाद में होती है, पहले एक घंटे की चुदाई, फिर एक घंटे की पढ़ाई। मैं खुश, और मेरे चारों स्टूडेंट—मोंटी, अरुण, विक्की, और राहुल—भी खुश।

मैं दिखने में बहुत हॉट और सेक्सी हूँ। मेरी चूचियाँ 34 साइज की हैं, गोल-मटोल, उभरी हुई, और हमेशा ब्लाउज में तनी रहती हैं। मेरी गांड रसीली और गोल है, कमर पतली, और लंबे-लंबे बाल मेरी खूबसूरती में चार चाँद लगाते हैं। मेरे होंठ नैचुरली पिंक हैं, और मेरी गोरी रंगत लोगों को दीवाना बना देती है। जब मैं साड़ी पहनती हूँ, तो कयामत ढा देती हूँ। मेरे स्तनों का उभार बाहर की तरफ नुकीला है, जो साड़ी में साफ दिखता है। मेरी गहरी नाभि और कजरारी आँखें देखकर अच्छे-अच्छों का लंड खड़ा हो जाता है।

मैं हमेशा स्टाइलिश साड़ियाँ और डीप-नेक ब्लाउज पहनती हूँ, जिसमें मेरे बदन का हर अंग उभरकर सामने आता है। मेरे स्टूडेंट्स मुझे साड़ी में देखकर पागल हो जाते थे। वो कहते, “मैडम, आप साड़ी में बहुत मस्त लगती हैं।” उनकी तारीफें सुनकर मैं मन ही मन मुस्कुराती थी। धीरे-धीरे मैंने उनके साथ फ्लर्ट करना शुरू कर दिया। मैं जानबूझकर ऐसे ब्लाउज पहनती, जिनमें डीप कट हो, बिना बाजू वाला, ताकि जब मैं झुकूँ, तो मेरी चूचियाँ साफ दिखें। वो चारों मेरी चूचियों को एकटक देखते, और उनकी पैंट में तंबू बन जाता। कई बार मैं आँचल सरका देती थी, और उनकी साँसें तेज हो जाती थीं। “मैडम, आप तो आग लगा देती हैं,” अरुण एक बार हँसते हुए बोला।

मैंने देखा कि वो चारों मेरे दीवाने हो चुके थे। एक दिन मैंने टोक दिया, “तुम लोग मुझे घूरने की बजाय पढ़ाई पर ध्यान दो, तो अच्छे नंबर आएँगे।” मोंटी तुरंत बोला, “मैडम, यही तो मुश्किल है। आप इतनी हॉट हैं कि पढ़ाई में ध्यान ही नहीं लगता।” अरुण ने हँसते हुए कहा, “रात भर आपके बारे में सोचते रहते हैं।” मैंने पूछा, “क्या सोचते हो?” मोंटी ने बेशर्मी से कहा, “मैडम, अरुण तो आपकी याद में रात को मुठ मारता है।”

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अरुण ने शर्माते हुए सफाई दी, “नहीं मैडम, मोंटी झूठ बोल रहा है। वो खुद कहता है कि मैडम का ब्रैस्ट बहुत मस्त है।” विक्की ने हँसते हुए कहा, “सिर्फ मोंटी ही नहीं, हम सब आपके दीवाने हैं।” राहुल ने खुलासा किया, “मैडम, मोंटी के पास तो आपका फोटो भी है। उस दिन जब आपका आँचल गिर गया था, उसने चुपके से फोटो खींच लिया।” मैं चौंक गई, लेकिन मन में एक अजीब सी उत्तेजना भी जागी।

मैंने पूछा, “तुम लोग चाहते क्या हो?” मोंटी ने हिम्मत करके कहा, “मैडम, हम चारों आपसे प्यार करते हैं।” मैंने हँसते हुए कहा, “प्यार? मैं शादीशुदा हूँ, और तुम चारों अपनी ट्यूशन टीचर से प्यार करते हो?” वो बोले, “मैडम, हम आपको बहुत खुश रखेंगे।” मैंने पूछा, “कैसे खुश रखोगे?” अरुण ने बिना हिचके कहा, “मैडम, हम आपके साथ सेक्स करना चाहते हैं।”

उनकी बेबाकी ने मुझे हिला दिया। मैं भीतर से डोल गई। मेरे पति मुझे शारीरिक सुख कम ही दे पाते थे, और इन जवान लड़कों की बात सुनकर मेरी चूत में गुदगुदी होने लगी। मैंने सोचा, अगर हाँ कर दूँ, तो जवान लंडों का मज़ा मिलेगा, और किसी को कुछ पता भी नहीं चलेगा। ये चुदाई का रिश्ता लंबा चल सकता है। लेकिन मैंने थोड़ा नखरा दिखाया, “ये क्या बकवास है? मैं तुम्हारी टीचर हूँ।”

वो चारों गिड़गिड़ाने लगे, “मैडम, प्लीज़। हम आपको बहुत प्यार करेंगे।” मैंने कहा, “ठीक है, लेकिन कल सुबह 10 बजे आना।” वो खुशी से उछल पड़े। उस रात मैं सो नहीं पाई। मेरे पति को सुबह दूसरे शहर जाना था। मैं सोचती रही कि चार-चार जवान लड़के मुझे चोदेंगे, तो मेरी चूत का क्या हाल होगा? डर लग रहा था, लेकिन मन में उत्तेजना भी थी। मैंने अपनी चूत को सहलाया और सोचा, “कल तो मज़ा आएगा।”

अगली सुबह पति चले गए, बोलकर गए कि शायद रात में ना लौटें। मैंने जानबूझकर बाथरूम का दरवाजा खुला छोड़ दिया और नहाने चली गई। ठीक 10 बजे चारों आ गए। मैंने बाथरूम से आवाज़ दी, “नहा रही हूँ, तुम लोग ड्रॉइंग रूम में बैठो।” लेकिन वो कहाँ मानने वाले थे? चारों बाथरूम के दरवाजे के पास आ गए और बोले, “मैडम, प्लीज़ दरवाजा खोलो। हम आपको नहाते देखना चाहते हैं।”

मैंने पहले मना किया, “नहीं-नहीं, ये ठीक नहीं।” लेकिन वो बार-बार रिक्वेस्ट करने लगे। मेरे बदन में पहले से ही आग लगी थी। मैंने हल्के से दरवाजा खोल दिया। मैं नंगी थी, लेकिन तौलिया लपेट रखा था। वो चारों अंदर घुस आए और तुरंत मेरा तौलिया खींच लिया। मैं पूरी नंगी हो गई। “हाय… तुम लोग क्या कर रहे हो?” मैंने शर्माते हुए कहा, लेकिन मेरी चूत गीली हो चुकी थी।

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मोंटी ने शॉवर चला दिया, और पानी मेरे बदन पर बहने लगा। चारों मुझ पर टूट पड़े। अरुण मेरी चूचियों को दबाने लगा, “आह्ह… मैडम, ये कितनी मुलायम हैं…” मैं सिसकारी लेते हुए बोली, “आह्ह… धीरे दबाओ… दर्द हो रहा है…” विक्की मेरे होंठ चूमने लगा, उसकी जीभ मेरे मुँह में थी। “उम्म… कितना स्वाद है तेरे होंठों में…” वो बोला। राहुल मेरी गांड सहलाने लगा, “मैडम, तेरी गांड तो मक्खन जैसी है।” चौथा मेरे बदन को चाट रहा था, मेरी निप्पल्स को काट रहा था। “आह्ह… हाय… धीरे करो…” मैं सिसकारियाँ ले रही थी।

चारों ने अपने कपड़े उतार दिए। उनके लंड तनकर सलामी दे रहे थे। एक से एक मोटा, गोरा, काला लौड़ा मेरे सामने था। मैं नीचे बैठ गई और बारी-बारी से उनके लंड चूसने लगी। “उम्म… कितना मोटा है ये… आह्ह…” मैंने मोंटी के लंड को चूसते हुए कहा। वो बोला, “मैडम, ये तेरे लिए ही तना है।” मैंने अरुण का लंड मुँह में लिया, “हाय… कितना लंबा है…” वो हँसते हुए बोला, “मैडम, इसे पूरा चूसो।”

जैसे ही मैं खड़ी हुई, चारों ने मुझे घेर लिया। मोंटी ने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा, “मैडम, तेरी चूत तो गीली हो चुकी है।” मैंने शर्माते हुए कहा, “हाय… तुम लोग मुझे पागल कर दोगे…” विक्की ने अपना लंड मेरी गांड पर रगड़ा, “ये लो, अब ये भी चखो।” मेरे बदन में बिजली दौड़ रही थी। “आह्ह… तुम लोग कितने बेकरार हो…” मैंने सिसकारी ली।

मैंने कहा, “चलो बेडरूम में।” चारों ने मुझे गोद में उठाया और बेडरूम में ले गए। मैं बेड पर लेट गई, टाँगें फैला दीं। “आओ… अब दिखाओ कितना दम है तुममें,” मैंने उकसाया। मोंटी मेरी चूचियों को चूसने लगा, “आह्ह… कितना जोर से चूस रहा है… ओह्ह…” उसकी जीभ मेरी निप्पल्स पर घूम रही थी। अरुण मेरी चूत चाटने लगा, “उम्म… मैडम, तेरी चूत का स्वाद तो जन्नत है…” मैं सिसकारियाँ ले रही थी, “आह्ह… और चाटो… हाय…”

विक्की ने मेरे मुँह में अपना लंड घुसा दिया, “लो मैडम, इसे चूसो… पूरा अंदर लो।” मैं उसका लंड चूसते हुए सिसकारी ले रही थी, “उम्म… कितना मज़ा है…” राहुल मेरे बदन को जीभ से चाट रहा था, मेरे पेट, जाँघों, हर जगह उसकी जीभ घूम रही थी। “आह्ह… तुम लोग मुझे मार डालोगे…” मैंने हाँफते हुए कहा।

फिर मेरी ठुकाई शुरू हुई। मोंटी ने मेरी चूत में अपना लंड डाला और चोदने लगा। धप-धप-धप की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। “आह्ह… हाय… कितना मोटा है… मेरी चूत फट जाएगी…” मैं चीख रही थी। वो बोला, “मैडम, ले और ले… तेरी चूत तो बहुत टाइट है।” मैं सिसकारियाँ ले रही थी, “आह्ह… और जोर से… फाड़ दो मेरी चूत…”

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पाँच मिनट बाद अरुण ने उसकी जगह ली। उसका लंड और लंबा था। “हाय… ये तो और गहरा जा रहा है… आह्ह…” मैं चीख रही थी। बाकी तीनों के लंड मैं बारी-बारी चूस रही थी। “उम्म… कितना स्वाद है… और दो ना…” मैंने विक्की के लंड को चूसते हुए कहा। वो बोला, “मैडम, तू तो रंडी से भी ज्यादा मस्त है।”

करीब दो घंटे तक चारों ने मुझे चोदा। मैं चार बार झड़ चुकी थी। मेरी चूत सूज गई थी, लेकिन मज़ा इतना था कि मैं रुकना नहीं चाहती थी। “आह्ह… बस करो अब… मेरी चूत दुखने लगी…” मैंने हाँफते हुए कहा। वो चारों भी दो-दो बार झड़ चुके थे। मेरे बदन पर लाल-लाल निशान पड़ गए थे। मोंटी ने मेरी चूचियों को इतना जोर से दबाया कि निशान बन गए। अरुण ने मेरे होंठ काट लिए। “हाय… तुम लोग कितने जंगली हो…” मैंने हँसते हुए कहा।

लेकिन दोस्तों, मज़ा इतना आया कि क्या बताऊँ! अब रोज़ाना चारों मिलकर मुझे चोदते हैं। मैं हर बार सिसकारियाँ लेती हूँ, “आह्ह… और जोर से… मेरी चूत फाड़ दो…” और वो लोग मुझे और उकसाते हैं, “मैडम, तेरी गांड तो मक्खन है… इसे भी चोदें?” मैं हँसते हुए कहती, “हाँ, चोदो… लेकिन धीरे… मेरी गांड फट जाएगी।”

लेकिन अब शायद चुदाई रोकनी पड़ेगी। डॉक्टर ने मना कर दिया है, क्योंकि मेरे पेट में जुड़वाँ बच्चे पल रहे हैं। शायद इन चारों की मेहरबानी है।

आपको मेरी कहानी(Teacher Sexy Story, Hinglish Sex Story, Chudai Kahani, Hot Tuition Teacher, Group Sex Story, Stylish Blouse Kahani) कैसी लगी? क्या आपने कभी ऐसी चुदाई का मज़ा लिया है? नीचे कमेंट में बताइए।

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