विधवा माँ अपने ही बेटे से चुदने लगी

Vidhwa Maa ki chudai: नमस्ते, मेरा नाम मालती है, और मैं पुणे की रहने वाली हूं। यह कहानी मेरे और मेरे बेटे पुष्पक (घर का नाम मुन्ना) के बीच की है, जो मेरे जीवन की एक अनकही हकीकत है। मेरे पति के गुजर जाने के बाद, मेरे जीवन में जो हुआ, वह मैं आपसे साझा कर रही हूं।

मेरे पति के निधन के बाद, मैं अपने बेटे के साथ अकेली रह गई। मैं 42 साल की विधवा हूं और मेरे पास धन-दौलत की कमी नहीं है। मेरे शरीर का रंग सांवला है, और मेरा फिगर मादक है—38-34-42। मैं हमेशा स्लीवलेस ब्लाउज पहनती हूं, और उसमें लोग मुझे देखकर लट्टू हो जाते हैं। मेरे बेटे पुष्पक की उम्र 21 साल है। वह लंबा, सुंदर और शारीरिक रूप से बहुत ताकतवर है।

मेरे पति के जाने के बाद, मैंने खुद को संभालने की पूरी कोशिश की, लेकिन जिस्मानी भूख एक ऐसी चीज है जो उम्र के साथ खत्म नहीं होती। मैंने एक आदमी को अपने जीवन में शामिल किया था, जो मेरी जरूरतें पूरी करता था। वह अक्सर हफ्ते में दो बार मेरे घर आता था। हम दोनों समय बिताते, और उसके बाद वह चला जाता। मैंने कभी नहीं सोचा था कि पुष्पक को इस बारे में पता चल जाएगा।

एक दिन जब वह घर से कॉलेज के लिए जा रहा था, उसने उस आदमी को घर में घुसते हुए देख लिया। मैंने उस पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन बाद में मुझे पता चला कि उसने सब कुछ देख लिया था। उसने छिपकर हमें देखा था—हमारी बातों से लेकर हमारे जिस्मानी रिश्ते तक। जब मुझे इसका पता चला, तो मुझे चिंता हुई, लेकिन मैं भी जानती थी कि मेरी इच्छाएं स्वाभाविक थीं। मैं इसे लेकर ज्यादा परेशान नहीं हुई।

पुष्पक ने कभी इस बारे में मुझसे कुछ नहीं कहा। हमारी जिंदगी वैसे ही चलती रही। उस आदमी का आना-जाना जारी रहा। लेकिन मुझे यह महसूस होने लगा था कि मेरे बेटे के दिल में भी कुछ चल रहा था। शायद उसने मुझे अलग नजरों से देखना शुरू कर दिया था। हालांकि, वह हमेशा मेरी हर बात समझता था। हमारा रिश्ता हमेशा खुला और दोस्ताना था। हम दोनों एक-दूसरे से अपनी जिंदगी की हर बात शेयर करते थे।

इसे भी पढ़ें   मामा की बेटी की चुदाई कर खुश किया | Hot Sex Bhai Bahan Ki Kahani

हमारे बीच यह खुलापन तब और ज्यादा बढ़ गया जब मैंने उसे 18 साल की उम्र में शराब और सिगरेट पीने की अनुमति दी। मैंने खुद उसे सिखाया कि सिगरेट कैसे पी जाती है। यह हमारी एक तरह की अनोखी बॉन्डिंग थी। हम अक्सर साथ बैठकर व्हिस्की पीते और सिगरेट का मजा लेते। धीरे-धीरे, यह हमारी आदत बन गई।

मेरे बेटे का जन्मदिन आया, और मैंने उसे व्हिस्की का एक सेट गिफ्ट किया। उसने मुझे गले लगाकर थैंक्स कहा, और उस वक्त मुझे उसका आलिंगन कुछ अलग सा लगा। जब भी वह मुझे गले लगाता था, तो मुझे महसूस होता था कि उसका स्पर्श सामान्य नहीं है। लेकिन मैंने इसे नजरअंदाज कर दिया।

उस रात, हमने जमकर शराब पी। चार घंटे तक पीने के बाद हम दोनों नशे में थे। उसी दौरान हमारी बातचीत सेक्स लाइफ की तरफ मुड़ गई। मैंने उसे अपने बारे में बताया कि मैं किस तरह अपनी जरूरतें पूरी करती हूं। मुझे नहीं पता था कि वह पहले से ही सब कुछ जानता था। जब उसने कहा, “मॉम, मुझे पहले से पता है,” तो मैं चौंक गई।

जब पुष्पक ने कहा कि उसे मेरे बारे में सब पता है, तो मैंने उससे पूछा, “तुझे कैसे पता?”
उसने बेझिझक जवाब दिया, “मॉम, मैंने आपको उस आदमी के साथ चुदते हुए देखा है।”
उसकी बात सुनकर मैं हक्की-बक्की रह गई। लेकिन उसके चेहरे पर कोई नाराजगी नहीं थी। उसने उस आदमी को “मरियल” कहते हुए मजाक उड़ाया। उसकी बात सुनकर मैं हंस पड़ी।

फिर उसने अचानक कहा, “मॉम, जबसे मैंने आपको उसके साथ नग्न देखा है, तबसे मैं भी आपको चोदना चाहता हूं।”
उसकी इस बात ने मुझे दो मिनट के लिए चुप कर दिया। मेरा मन आश्चर्य और उत्तेजना के बीच झूलने लगा। शराब के नशे में मेरी इच्छाओं ने मुझे काबू कर लिया। मैं अपने बेटे को रोक नहीं पाई और उसे चूमने लगी।

उसने भी मुझे अपनी गोद में खींच लिया। हम दोनों करीब पंद्रह मिनट तक एक-दूसरे को किस करते रहे। इस दौरान उसने मेरे मम्मों को जोर से दबाया। मुझे अच्छा लग रहा था, और मैं उसकी तरफ और खिंचने लगी। वह धीरे-धीरे मेरी साड़ी को खोलने लगा। जब मेरी ब्रा भी हट गई, तो उसने मेरे मम्मों को अपने मुँह में भर लिया और उन्हें चूसने लगा।

इसे भी पढ़ें   गांड चुदवाने में मुझे बहुत मज़ा आया | Hindi Xxx Gand Chudai Ki Kahani

मैं उसके स्पर्श से बेकाबू हो रही थी। मैंने उसके लंड को पकड़ा और उसे महसूस किया। उसका लंड बड़ा और मोटा था। मैं उसे सहलाने लगी। उसने मेरी नाभि को चाटना शुरू किया। मैं बिस्तर पर लेट गई, और उसने मेरी पेंटी भी उतार दी। मेरी चूत अब पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।

उसने मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटना शुरू किया। मैं तड़प उठी और अपनी टांगें और फैलाकर उसे और करीब खींच लिया। उसकी जीभ ने मुझे पागल कर दिया था। मैं “आह आह” की सिसकारियां भरने लगी। उसकी जीभ मेरी चूत पर बार-बार घूम रही थी। मैं चाहती थी कि वह इस पल को कभी खत्म न करे।

कुछ देर बाद, मैंने उसे अपने ऊपर खींचा और कहा, “बेटा, अब और मत जलाओ। मेरी चूत में आग लगी है। इसे बुझाओ।”
उसने मेरी बात मानी और अपना लंड मेरी चूत के मुहाने पर रखा। उसने धीरे से धक्का दिया, और उसका आधा लंड अंदर चला गया। मैं हल्का दर्द महसूस कर रही थी, लेकिन यह दर्द भी मीठा लग रहा था। जब उसने बाकी का लंड अंदर डाला, तो मैं चिल्ला पड़ी।

उसने मुझे चूमकर शांत करने की कोशिश की। मेरे मम्मों को सहलाते हुए उसने मुझे आराम दिया। कुछ देर बाद दर्द कम हुआ, और मैंने कहा, “अब धक्का मारो, बेटा। मुझे अच्छा लग रहा है।”

जब मैंने उसे कहा कि अब धक्का मारो, तो उसने पूरे जोश से मेरी चूत में धक्के मारना शुरू कर दिया। मैं उसकी हर हरकत पर सिसकारियां भर रही थी। उसकी लंबाई और मोटाई ने मुझे पूरी तरह से भर दिया था। मैं महसूस कर सकती थी कि उसने मेरे अंदर हर जगह तक पहुंच बनाई है। Vidhwa Maa ki chudai sex story

उसने लगभग पंद्रह मिनट तक मेरी चूत को जोर-जोर से चोदा। हर बार जब वह अपना लंड बाहर खींचता और फिर अंदर डालता, तो मेरी सांसें तेज हो जातीं। मेरा शरीर पसीने से लथपथ था। मैं उसे और करीब खींच रही थी, जैसे कि मैं उसे कभी दूर न होने दूं।

इसे भी पढ़ें   मेरी विधवा मौसी को माँ और पिताजी ने संभाला

कुछ देर बाद उसने मुझे घोड़ी बना दिया। मैं पलटकर बिस्तर पर झुकी, और उसने पीछे से मेरी चूत चोदना शुरू कर दिया। यह पोजीशन और भी गहरी थी। मैंने जोर से “आह आह” की आवाजें निकालनी शुरू कर दीं। वह मेरे नितंबों को जोर-जोर से पकड़ता और अपने लंड को मेरी चूत में और गहराई तक डालता।

जब वह झड़ने वाला था, तो उसने मुझसे पूछा, “मॉम, मैं कहां झड़ूं?”
मैंने उससे कहा, “बेटा, मेरी चूत में ही झड़ जाओ। मुझे तुम्हारे रस को महसूस करना है।”
उसने कुछ और धक्के मारे, और फिर वह मेरी चूत में ही झड़ गया। उसकी गर्म मलाई मेरी चूत में भर गई। मैं पूरी तरह संतुष्ट थी।

उसके बाद हम दोनों बिस्तर पर लेट गए। मैंने उसे अपने सीने से लगाया और उसके गालों को चूमा। हम दोनों ने कुछ देर तक एक-दूसरे को चूमते हुए आराम किया। फिर मैंने एक सिगरेट जलाई, और उसने भी। हम दोनों सिगरेट फूंकते हुए चुपचाप उस पल का आनंद ले रहे थे।

अगले दिन सुबह, जब हम जागे, तो हमने फिर से चुदाई की। अब यह हमारे जीवन का हिस्सा बन चुका था। हम दोनों ने एक-दूसरे की जरूरतें पूरी करने का फैसला किया। मैंने उसे बताया कि अब मुझे उस मरियल आदमी की कोई जरूरत नहीं है। वह मेरा सब कुछ है। mom son sex story

हमने यह भी तय किया कि जब भी कोई नई फैंटेसी पूरी करनी हो, हम दोनों एक-दूसरे के साथ मिलकर उसे पूरा करेंगे। मैंने कई बार उसे लड़कियों के साथ थ्रीसम का मजा दिलाया, और उसने भी मेरी जरूरतों को हर तरीके से पूरा किया।

Related Posts

Report this post

Leave a Comment