मैं अजीत, 26 साल का एक सरकारी कर्मचारी, जबलपुर का रहने वाला, गठीला शरीर, गेहुंआ रंग, और चेहरा ऐसा कि लोग मुझे सभ्य और अनुशासित समझते हैं। लेकिन मेरे अंदर की आग कोई नहीं देख पाता। मुझे चूत चाटने का गजब का शौक है, और जब बात चुदाई की आती है, तो मेरा लंड किसी को निराश नहीं करता। मेरी अंग्रेजी इतनी शानदार है कि लोग सुनकर दोबारा पलटकर देखते हैं। दूसरी तरफ थी दीक्षा, 24 साल की, दिल्ली में आईटी कंपनी में जॉब करने वाली, सांवला रंग, लंबे काले बाल, और एकदम कातिलाना फिगर—34-28-36। उसकी आंखों में शरारत और होंठों पर हल्की सी मुस्कान थी, जो बता रही थी कि वो बाहर से जितनी सभ्य दिखती है, अंदर से उतनी ही चालू है।
ये कहानी तब की है, जब मैं एक सरकारी काम से जबलपुर से दिल्ली जा रहा था। ट्रेन शाम 7 बजे जबलपुर से चली, और मैं सेकंड एसी कोच में अपनी बर्थ पर था। कोच में ज्यादा कुछ खास नहीं था, बस कुछ परिवार और बूढ़े लोग थे। मैं अपनी बर्थ पर लेट गया, किताब पढ़ते-पढ़ते कब आंख लग गई, पता ही नहीं चला। रात के करीब दो बजे मेरी नींद खुली, जब सामने वाली बर्थ पर कोई लेटा। मैंने हल्के से आंखें खोलीं तो देखा—एक लड़की, दीक्षा, अपनी रिजर्व सीट पर लेटी थी। उसका चेहरा फोन की नीली रोशनी में चमक रहा था। मैंने गौर किया तो देखा कि वो ब्लू फिल्म देख रही थी! उसकी उंगलियां धीरे-धीरे उसकी सलवार के अंदर सरक रही थीं, और उसका चेहरा लाल हो रहा था। मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया, लेकिन मैंने खुद को काबू में रखा। मन तो कर रहा था कि अभी पकड़कर चोद दूं, मगर मैंने सोचा—सुबह का इंतजार करता हूं, तब देखता हूं ये माल कितना चालू है।
सुबह हुई, ट्रेन की खिड़की से धूप अंदर आ रही थी, और दीक्षा की सलवार में से उसका गोरा, मुलायम बदन झांक रहा था। उसकी टी-शर्ट इतनी टाइट थी कि उसके 34 के मम्मे एकदम उभरे हुए थे, और निप्पल साफ दिख रहे थे—बिना ब्रा के! मेरा लंड फिर से अकड़ गया, और मैंने ठान लिया कि इसे दिल्ली पहुंचने से पहले पटाना ही है। मैंने अपनी अंग्रेजी का जादू चलाने की सोची। धीरे से मुस्कुराते हुए मैंने उससे पूछा, “आपका नाम क्या है?” उसने जवाब दिया, “दीक्षा।” उसकी आवाज में हल्की सी शरारत थी। मैंने बात आगे बढ़ाई, “कहां जा रही हैं?” उसने बताया कि वो दिल्ली में आईटी कंपनी में जॉब करती है, लक्ष्मी नगर में रहती है, और अपने बॉयफ्रेंड के साथ वक्त बिताने जा रही है। उसका बॉयफ्रेंड उसी की कंपनी में है, और वो दोनों अक्सर मस्ती करते हैं। बात करते-करते मेरी नजरें बार-बार उसके मम्मों पर जा रही थीं। वो समझ रही थी, लेकिन उसे मजा आ रहा था कि मैं उसे घूर रहा हूं।
मैंने सोचा, अब सीधे चुदाई की बात छेड़ता हूं। मैंने पूछा, “हिंदी फिल्में पसंद हैं?” वो बोली, “हां, अच्छी लगती हैं।” मैंने हंसते हुए कहा, “मेरा मतलब उन फिल्मों से है, जो आप रात में देख रही थीं।” उसका चेहरा लाल हो गया, और वो बुदबुदाई, “वो… वो बस…” मैंने मौका देखकर उसकी जांघ पर हाथ रखा और कहा, “अरे यार, कोई बात नहीं, मैं भी खूब देखता हूं। बस ये जानना था कि आपको रियल वाली पसंद है या वीडियो वाली?” वो शरमाते हुए बोली, “मुझे रियल वाली ज्यादा पसंद है।” मेरा लंड अब और बेकाबू हो रहा था। मेरा हाथ उसकी जांघों पर सरकने लगा, और उसने कोई विरोध नहीं किया। सुबह का वक्त था, कोच में लोग थे, तो मैं ज्यादा कुछ नहीं कर सका, लेकिन उसकी चुप्पी ने मुझे हिम्मत दी। मैंने कहा, “अपना नंबर दे दो, मैं एक मस्त वीडियो भेजता हूं।” उसने नंबर दिया, और मैंने व्हाट्सएप पर एक चुदाई वाली क्लिप भेज दी। उसने देखकर जवाब दिया, “वाह, ये तो कमाल है!”
अब मैंने चैट पर ही पूछ लिया, “चुदना चाहती हो?” वो बोली, “ट्रेन में तो मुश्किल है, और अब दिल्ली भी पहुंचने वाले हैं।” मैंने तुरंत कहा, “तो दिल्ली पहुंचकर चुदवा लो!” वो हंसते हुए बोली, “कहां चोदोगे?” मैंने कहा, “जहां तुम बोलो।” बातों-बातों में हमने पहाड़गंज के एक होटल में रूम बुक कर लिया। चैट पर हम सेक्स की बातें करने लगे। मैंने पूछा, “कितनी देर चुदवाना चाहती हो?” वो बिंदास बोली, “जितनी देर तू चोद सके, उतनी देर! और अगर मस्त चोदा, तो रात भी तेरे साथ रुक जाऊंगी।” उसकी ये बातें सुनकर मुझसे रहा नहीं गया। मैं ट्रेन के बाथरूम में गया और जोर-जोर से मुठ मार दी। जब वापस आया, तो वो मुझे देखकर मुस्कुराई और बोली, “क्या, फ्री हो गया?” मैंने कहा, “क्या करूं, तेरी बातों ने गर्म कर दिया।” वो खिलखिलाकर हंस पड़ी।
मौका देखकर मैंने उसका एक मम्मा दबा दिया। वो हंसते हुए “आह” करके दूर हटी, लेकिन उसकी आंखों में शरारत थी। ट्रेन अब दिल्ली पहुंच चुकी थी। मैंने उबर बुक की, और हम होटल की तरफ चल पड़े। रास्ते में मैंने उसके मम्मों को खूब मसला, और वो मेरे लंड को पैंट के ऊपर से सहलाने लगी। उसकी सांसें तेज हो रही थीं। मैंने मजाक में कहा, “कैब में ही चूस लेगी?” वो कुछ बोली नहीं, बस होंठ चाटकर मुझे खा जाने वाली नजरों से देखा। मैं समझ गया कि आज चूत का नाश्ता पक्का है।
होटल के रूम में पहुंचते ही दरवाजा बंद हुआ, और मैं उस पर टूट पड़ा। वो भी पूरी गर्मी के साथ मेरे साथ लग गई। मैंने उसकी टी-शर्ट और सलवार उतार दी, और वो मेरे कपड़े फाड़ने लगी। उसका नंगा बदन देखकर मेरा लंड और तन गया। उसकी चूत गुलाबी थी, हल्की सी झांटों के साथ, और मम्मे इतने कड़क कि मानो अभी फट पड़ेंगे। उसने मेरा 7 इंच का लंड देखा और नीचे बैठकर उसे चूसने लगी। वो बोली, “हाय भेनचोद, कितना मोटा लंड है रे तेरा! आज तो इसे पूरा खा जाऊंगी।” मैंने कहा, “हां रानी, ये तेरी चूत को आज फाड़ देगा।” वो और जोश में आ गई, और मेरे लंड को ऐसे चूसने लगी जैसे कोई पॉर्नस्टार। उसकी जीभ मेरे सुपारे पर घूम रही थी, और वो मेरे टट्टों को भी हल्के से दबा रही थी। मैंने उसके बाल पकड़े और उसका मुंह अपने लंड पर दबाया। वो गले तक लंड ले रही थी, और उसकी आंखों में पानी आ गया था।
करीब 10 मिनट चूसने के बाद वो बोली, “साले, बाथरूम में मुठ मारकर आया था, इसीलिए नहीं झड़ रहा?” मैंने हंसकर कहा, “अरे, ये तो तेरे फायदे की बात है। अब देर तक चलेगा।” वो बोली, “हां, मस्त चलेगा।” मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी चूत चाटने लगा। उसकी चूत इतनी गीली थी कि मेरी जीभ अंदर सरक रही थी। मैंने उसकी चूत के दाने को चूसा, और वो सिसकारियां भरने लगी, “आह… और चाट… हाय… मेरी चूत को खा जा।” मैंने अपनी जीभ और तेज की, और एक उंगली उसकी चूत में डाल दी। वो चिल्लाई, “हाय… मर गई… और डाल… मेरी चूत फाड़ दे।” मैंने दो उंगलियां डालीं और उसकी चूत को रगड़ने लगा, साथ ही उसके एक मम्मे को जोर-जोर से मसल रहा था। उसका बदन कांप रहा था, और वो मेरे सिर को अपनी चूत में घुसाने की कोशिश कर रही थी।
कुछ देर बाद हम 69 की पोजीशन में आ गए। वो मेरा लंड चूस रही थी, और मैं उसकी चूत और गांड के छेद को चाट रहा था। उसकी चूत का स्वाद नमकीन और थोड़ा खट्टा था, जो मुझे और गर्म कर रहा था। अचानक मेरा पानी निकल गया, और वो मेरे लंड की हर बूंद चट गई। वो बोली, “कैसा लगा?” मैंने उसके गाल पर लंड रगड़ते हुए कहा, “अब तो ये और देर तक चलेगा।” वो हंसकर बोली, “मेरी चूत में इतना कसाव है कि तेरा लंड निचोड़ लेगी।” मैंने कहा, “तो चल रंडी, टांगें खोल, आज तेरी चूत को भोसड़ी बना दूंगा।” वो खिलखिलाई और बोली, “कमीना, फ्री की चूत मिली तो रंडी बोल रहा है?” मैंने उसके मम्मे को मसलते हुए कहा, “क्या हुआ, रंडी बोलने से झांटें सुलग गईं?” वो बोली, “साले, मेरी चूत साफ है, झांटें कहां दिखीं?” मैंने हंसकर कहा, “हां, तेरी चूत तो चमक रही है।”
हमारी ये चुहलबाजी चलती रही, और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। अब असली चुदाई का वक्त था। मैंने उसे चित लिटाया और उसकी चूत पर लंड सेट किया। वो बोली, “जल्दी डाल… मेरी चूत की आग बुझा दे… मुझे रगड़ डाल।” मैंने एक जोरदार धक्का मारा, और मेरा लंड उसकी चूत में पूरा घुस गया। वो दर्द से चिल्लाई, “साले मादरचोद, धीरे चोद… मेरी चूत नई है, ज्यादा बार नहीं चुदी।” मैंने कहा, “तो आज खूब चुदवा ले, साली कुतिया। चिल्लाएगी तो सारा होटल बुला लेगी क्या?” वो अपने मुंह पर हाथ रखकर कराहने लगी, “धीरे चोद… दर्द हो रहा है।” मैंने धीरे-धीरे धक्के मारे, और कुछ ही देर में उसकी चूत गीली होकर ढीली पड़ गई। अब वो मस्ती में चूत उठा-उठाकर मेरे लंड से लोहा ले रही थी। मैंने उसकी एक चूची को मुंह में लिया और चूसने लगा। वो मेरे मुंह में अपना मम्मा ठूंस रही थी, और उसकी सिसकारियां कमरे में गूंज रही थीं, “आह… और चोद… मेरी चूत फाड़ दे… हाय… मर गई।”
करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद मैंने पूछा, “माल कहां लोगी?” वो बोली, “चूत में नहीं, मेरे मुंह में दे दे।” मैंने लंड निकाला और उसके मुंह में डाल दिया। उसने मेरा सारा माल पी लिया और लंड को चाटकर साफ कर दिया। हम दोनों हांफते हुए अलग हुए। वो मेरी छाती चूमते हुए बोली, “मजा आ गया, भेनचोद। तूने मेरी चूत की मां चोद दी।” मैंने कहा, “अभी तो बस गर्मी निकाली है, रानी। अब दूसरा राउंड होगा।” वो हंसने लगी।
दूसरे राउंड में मैंने उसे डॉगी स्टाइल में चोदा। उसकी गांड इतनी गोल और मुलायम थी कि मैंने उसे खूब थपथपाया। उसकी चूत अब और रसीली हो गई थी। मैंने उसकी गांड पर लंड रगड़ा और माल छोड़ दिया। वो बोली, “हाय, तू तो मस्त चोदता है।” मैंने कहा, “तो रात यहीं रुक जा, और चुदाई करेंगे।” उसने अपने बॉयफ्रेंड को फोन करके कुछ बहाना बनाया और रात रुकने का फैसला किया।
शाम को हम थोड़ा बाहर घूमे, खाना खाया, और वापस होटल आकर पूरी रात चुदाई की। कभी मैंने उसे टांगें उठाकर चोदा, तो कभी उसने मेरे लंड पर सवार होकर उछल-उछलकर चूत मरवाई। सुबह तक उसकी चूत सूज गई थी, लेकिन वो हंसते हुए बोली, “साले, तूने तो मेरी चूत की बैंड बजा दी।” मैंने कहा, “रानी, ये तो बस ट्रेलर था। फिर मिलेंगे तो पूरा सीन बनाएंगे।”
दीक्षा आज भी दिल्ली में है, और हम कभी-कभी चैट पर गंदी बातें करते हैं। उसकी चूत की गर्मी और मेरे लंड की ताकत की ये कहानी आपको कैसी लगी, जरूर बताना।